Friday, April 19, 2024
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विकासखण्ड कनालीछीना में आयोजित बहुउद्देशीय शिविर में कुल 31 शिकायतें हुई दर्ज

पिथौरागढ़, जनपद के विकासखण्ड कनालीछीना के अंतर्गत गर्खा स्थित राजकीय इंटर कॉलेज सभागार में आयोजित बहुउद्देशीय शिविर मुख्य विकास अधिकारी वरुण चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस अवसर पर कुल 31 शिकायतें दर्ज हुई! जिनके त्वरित निस्तारण के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों को दिए गये। दर्ज शिकायतों में से अधिकांश शिकायतें पेयजल, विभिन्न निर्मार्णों के अंतर्गत जद में आई संपत्ति के मुआवजे के भुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्के आवास चाहने एवं राशन कार्ड से संबंधित थी।
पेयजल से संबंधित समस्या ग्राम बाराकोट से माधो सिंह, खड़क सिंह व टीकाराम जोशी, समस्त ग्रामवासी सालीधार, सांवलीसेरा से नीलम धामी, समस्त ग्रामवासी नरेत, ग्राम डांगरी से गिरीश चंद्र एवं ग्राम डूंगरा से भावना देवी द्वारा दर्ज करवायी गयी। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने जल निगम एवं जल संस्थान के अधिकारियों को तत्काल ही संबंधित स्थलों का मौका मुआयना कर पेयजल समस्या का समाधान करने के निर्देश दिये।
सड़क मार्ग एवं अन्य निर्माण कार्यों की जद में आयी परिसंपत्तियों के मुआवजे के भुगतान संबंधी शिकायतें ग्राम डूंगरा से राजेंद्र सिंह व महिमन सिंह, ओज्ञातल्ला से विद्याधर पन्त व ग्राम बस्तड़ी से भुवन चंद के द्वारा दर्ज करायी गयी। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने लोक निर्माण विभाग, पेयजल निगम व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को संबंधितों क़े मुआवजे का भुगतान शीघ्र करने के निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्के आवास की मांग ग्राम बाराकोट से गंगा देवी, ग्राम बस्तड़ी से नारायण सिंह व मोहनी देवी द्वारा दर्ज करवाई गयी। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधितों को आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के दूसरे चरण के सर्वेक्षण में उनको प्राथमिकता से पक्के आवास उपलब्ध करवाये जायेगें।
राशन कार्ड से संबंधित समस्या ग्राम बस्तड़ी से गंगोती देवी व नारायण सिंह, ग्राम बाराकोट से देवकी देवी व ग्राम डांगरी से मोतीमा देवी द्वारा दर्ज कराई गयी। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने पूर्ति विभाग के अधिकारियों को राशन कार्ड बनाये जाने से संबंधित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा भी अन्य शिकायतें लोगों द्वारा दर्ज करायी गयी।
इस अवसर पर आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग द्वारा 46 लोगों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच एवं नि:शुल्क दवा वितरण किया गया। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 9 लोगों को बीपीएल क्रमांक वितरित किए गये। उद्यान विभाग द्वारा 61 लोगों को 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज एवं कीटनाशक वितरित किया गया। कृषि विभाग द्वारा 6 लोगों को 50 प्रतिशत अनुदान पर कृषि यंत्र वितरित किए गये। डेयरी विभाग द्वारा 10 लोगों को लैक्टोमीटर एवं जार वितरित किए गये। बाल विकास उद्योग, व अन्य विभागों द्वारा सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर प्रमुख क्षेत्र पंचायत कनालीछीना सुनीता कन्याल, खंड विकास अधिकारी जगदीश प्रसाद, लीड बैंक अधिकारी अमर सिंह ग्वाल, जिला उद्यान अधिकारी त्रिलोकी राय आदि उपस्थित थे।

 

त्रिवेन्द्र का गोडसे पर बयान राष्ट्रविरोधी कृत्य : कांग्रेस ने किया
विरोध प्रदर्शन, फूंका पुतला

देहरादून, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा गाँधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने के विरोध में आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविन्दर सिंह गोगी की अध्यक्षता में विरोध प्रदर्शन किया और त्रिवेन्द्र सिंह रावत का पुतला फूंका। गोगी ने कहा कि राष्ट्रपिता का अपमान गाहे बगाहे भाजपा नेता करते रहें हैं लेकिन एक वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री का ऐसा बयान हतप्रभ करने वाला है। मुख्यमंत्री धामी और भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व इस वक्तव्य पर त्रिवेन्द्र के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए स्पष्टीकरण दे। एक तरफ भाजपा नेता राष्ट्रपिता के हत्यारों का महिमामंडन करते हैं दूसरी तरफ इनके शीर्ष नेता गांधी जी का नाम देश विदेश में लेकर गांधीवादी होने का ढोंग रचते हैं ताकि देश दुनिया को यह लगे कि भाजपा लोकतांत्रिक, उदारवादी तथा अहिंसा में विश्वास रखने वाली पार्टी है |
अंकिता भंडारी प्रकरण में भाजपा नेताओं का शामिल होना और मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा पिटाई के मामले से यह तो स्पष्ट था कि भाजपा हिंसा में विश्वास रखती है, लेकिन अब सारी हदें त्रिवेन्द्र रावत ने पार कर दी हैं। राष्ट्रपिता के हत्यारे का महिमामंडन भारत राष्ट्र के विचार और संविधान पर कुठाराघात है। यह निश्चित रूप से देशद्रोही कृत्य है। मुख्यमंत्री धामी कार्रवाई करें। इस देश मे जिन लोगों ने लोकतंत्र और राष्ट्रीय एकता की नींव रखी, और सबसे बड़ी बात अपने प्राणों का बलिदान देकर उस नींव और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ किया, उन राष्ट्रनिर्माताओं के हत्यारों की प्रशंसा करना इस देश की नींव को खोदने जैसा काम है। गांधी, नेहरू और पटेल जैसी विभूतियों ने तिनका तिनका जोड़कर, जाति, धर्म, क्षेत्र, विचारधारा पर आधारित वैमनस्य का खात्मा कर भारत राष्ट्र को वर्तमान स्वरूप में स्थापित किया है। इन नेताओं मेहनत और दूरदर्शिता के कारण भारत का मान दुनिया भर में है। भाजपा नेता विदेशों में तो गाँधी और लोकतंत्र की बात करते हैं और यहां गांधी जी के हत्यारों की प्रशंसा तथा तमाम तानाशाही के कार्य। ये पाखंड अब नहीं चलेगा। प्रदर्शन करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमारी एक ही मांग है, मुख्यमंत्री धामी अपने वरिष्ठ नेता त्रिवेन्द्र के बयान पर स्पष्टीकरण दें तथा त्रिवेन्द्र पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें |

 

यमकेश्वर विधान सभा के अमोला गांव से लालढांग तक जिलाधिकारी ने की 22 किमी पैदल ट्रैकिंग

पौड़ी, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने विधानसभा क्षेत्र यमकेश्वर के ग्राम अमोला से लालढांग तक रवासन नदी से होते हुए 22 किमी0 की पैदल ट्रैकिंग की। क्षेत्र के पांच दर्जन से अधिक गांवों के लोग लालढांग, कोटद्वार व नजीबाबाद आने-जाने के लिए इस पैदल मार्ग का उपयोग करते आये हैं। हालांकि लालढांग, धारकोट-एडवासिला मोटर मार्ग व धारकोट-यमकेश्वर मोटर मार्ग की सुविधा होने के बाद इस पैदल मार्ग का उपयोग थोड़ा कम हो गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि रवासन नदी से होकर जाने वाले 22 किलोमीटर के इस पैदल रास्ते पर वन्य जीवों से खुद को बचते-बचाते लालढाग पंहुचना चुनौतीपूर्ण है यथा किसी उपब्लिध से कम नहीं है।

जिलाधिकारी सहित 26 सदस्य ट्रैकिंग दल द्वारा अमोला से लालढांग 22 किमी0 का पैदल सफर 05 घण्टे में पूरा किया गया। दल 03 बजे ट्रैकिंग प्रारम्भ करते हुए दल सायं 8 बजे लालढांग पंहुचा। लालढांग पंहुचने पर जिलाधिकारी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि इस पैदल मार्ग को मुख्यताया साल्ट रुट के नाम से जाना जाता है, स्थानीय लोगो का कहा था कि वे इस रास्ते से नमक के लिए लालढांग जाते थे। जिलाधिकारी ने कहा कि बिना वन्य जीव संर्घष के रवासन नदी होते हुए लालढांग पंहुचना वन्य जीवों व मनुष्य के बीच तालमेल व क्षेत्रीय लोगो की जागरुता को दर्शाता है। उन्होने कहा कि वन्य जीव और मानुष एक ही परिवेश में रह सकते है बशर्ते एक-दूसरे से नियमित दूरी हो। उन्होने कहा कि क्षेत्र के पांच दर्जन से अधिक गांवों के उपयोग में आने वाले इस पैदल मार्ग का इतिहास बहुत पुराना है जिसका उपयोग क्षेत्र के लोग दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली चीजों को गांवों तक पंहुचाने के लिए किया करते हैं। उन्होने कहा कि राजाजी नेशनल पार्क के किनारें बहने वाली रवासन नदी का यह मार्ग क्षेत्र के लोगों द्वारा शर्टकट के रुप में उपयोग में लाया जाता है लेकिन मार्ग पर चलते समय स्वयं को जंगली जीवों से बचाने के लिए सतर्कता अति आवश्यक है। उन्होने कहा कि लोगो की मुश्किलों को जानने का सबसे कारगर तरीका स्वयं को उनके स्थान पर रखते हुए मुल्यांकन करने से होता है। इससे पता चलता है कि क्षेत्र के लोगों का कितना मेहनती व संर्घशील व्यक्तित्व है। इस दौरान जिलाधिकारी ने राजाजी नेशनल पार्क में वन गुज्जरों से मुलाकात करते हुए उनकी समस्याओं को सुना तथा उनकी समस्याओं के हर सम्भाव्य समाधान का भरोसा दिया।

ग्राम प्रधान अमोला आशीष अमोली का कहना था कि यह मार्ग मुख्य रुप से साल्ट रुट के नाम से जाना जाता है। कहा कि दैनिक रुप से उपयोग में आने वाली चीजो को क्षेत्र के गांवों तक पंहुचाने के लिए इस मार्ग का व्यापक रुप से उपयोग होता आया है। रवासन नदी राजाजी नेशनल पार्क के एक छोर से होकर बहती है, इस पैदल मार्ग पर जंगली जीवों हाथी, बाघ, तेंदुआ, बार्किंगडियर, स्पॉटेड डियर, बारहसिंघा, जंगली सुअर आदि का दिखना आम बात है। इस दौरान एसडीएम यमकेश्वर आकाश जोशी, एसडीएम श्रीनगर आजयवीर सिंह, बीडीओ यमकेश्वर दृष्ठि आनन्द, एडीआईओ सूचना सुनील तोमर सहित राजाजी नेशनल पार्क के क्षेत्रीय विशेषज्ञ व वन विभाग के कार्मिक मौजूद थे।

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