हल्द्वानी, सरकारी स्कूल और उनमें शिक्षा की दशा सुधारने के लिए प्रयास जारी हैं। अब विभाग के प्रत्येक अफसर को एक-एक सरकारी स्कूल गोद लेना होगा। इन स्कूलों में शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए संबंधित अफसर मॉनिटरिंग करेगा, साथ ही स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर गैप को भी पाटने में मदद करेगा। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित कर चुके हैं। लिहाजा नैनीताल जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत ने डीईओ, बीईओ और डिप्टी बीईओ को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
बीते दिनों विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कुमाऊं दौरे में हल्द्वानी सर्किट हाउस में नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों और प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों की बैठक ली थी।
इसमें सरकारी स्कूलों में बदलाव लाने को लेकर अफसरों, स्कूल प्रबंधकों ने कई राय-सुझाव मंत्री को दिए। प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में मंत्री डॉ. धन सिंह ने कहा था कि प्रत्येक प्राइवेट स्कूल अपने पास के एक सरकारी स्कूल और एक गांव को गोद लेगा। गांव में प्रौढ़ शिक्षा तो सरकारी स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में काम करने को कहा। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मंत्री ने निर्देशित किया था कि ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक के प्रत्येक अधिकारी एक-एक सरकारी स्कूल को गोद लेकर उसमें सुधारात्मक प्रयास करें। इसी क्रम में अब नैनीताल जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत ने सभी अधिकारियों से एक-एक स्कूल का चुनाव कर सूची उपलब्ध कराने को कहा है।
अपने गोद लिए स्कूल में अफसरों को महीने या हफ्ते में एक दिन कक्षा भी पढ़ानी होगी। इसके जरिए वे बच्चों को मिल रही शिक्षा की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर सकेंगे। यदि कोई बदलाव की जरूरत होगी तो इस संबंध में शिक्षकों को जरूरी दिशा-निर्देश भी देंगे! उत्तराखंड में वर्तमान में 19,042 सरकारी स्कूल संचालित हो रहे हैं, इनमें 12806 प्राथमिक, 3905 जूनियर हाईस्कूल और 2331 माध्यमिक स्कूल हैं। नैनीताल जिले में 197 माध्यमिक, 347 जूनियर हाईस्कूल और 1011 प्राथमिक स्कूल हैं। प्रदेश में शिक्षा विभाग में वर्तमान में करीब 229 अधिकारी हैं। इनमें मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक और माध्यमिक, खंड शिक्षा अधिकारी व उप शिक्षा अधिकारी शामिल हैं।
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