उच्च शिक्षा में तीन नई योजनाओं की होगी शुरूआतः डॉ. धन सिंह रावत
वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार ने किया बजट का प्रावधान
नवाचार के तहत की होगी शोध एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना
महाविद्यालयों में दिया जायेगा उद्यमिता एवं कौशल विकास प्रशिक्षण
देहरादून, राज्य सरकार ने नये शैक्षिक सत्र से उच्च शिक्षा विभाग में तीन नई योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसके लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट का प्रावधान कर दिया गया है। नई योजनाओं के तहत राजकीय महाविद्यालयों में शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अनुसंधान एव ंविकास प्रकोष्ठ की स्थापना, छात्र-छात्राओं को उद्यमिता एवं कौशल विकास का प्रशिक्षण तथा स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जायेगी।
सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुये उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। जिनकी झलक वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में देखने को मिल रही है। राज्य सरकार ने नवीन वित्तीय वर्ष हेतु बजट में उच्च शिक्षा विभाग के लिये कुल रू0 817 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि शोध, उद्यमिता, कौशल विकास तथा नवाचार उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण घटक हैं जिन्हें इस बजट में सम्मिलित करते हुये राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसी क्रम में नये शैक्षणिक सत्र से उच्च शिक्षा विभाग तीन नई योजनाएं शुरू करने जा रहा है। जिसके अंतर्गत राज्य के शासकीय महाविद्यालयों में शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिये राज्य अनुसंधान एव ंविकास प्रकोष्ठ की स्थापना हेतु बजट में रू0 2 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। जबकि महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में उद्यमिता, कौशल विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिये 7 करोड़ 11 लाख 95 हजार का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में प्रतिस्पर्धा तथा गुणवत्ता संवर्धन हेतु प्रत्येक संकाय के तीन श्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर छात्रवृत्ति देने का भी निर्णय लिया गया है, जिस हेतु वर्तमान बजट में रू 10 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। विभागीय मंत्री ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से पूर्व में ही देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौता पत्र हस्ताक्षरित किये हैं, जिनमें भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद भी शामिल है जो कि राज्य में अपना एक केन्द्र स्थापित कर उद्यमिता, कौशल विकास व स्टार्टअप संस्कृति को विकसित करने की दिशा में कार्य करेगा।
नजूल भूमि प्रकरण को लेकर डीएम ने की बैठक, लंबित विभिन्न प्रकरणों के संबंध में दिये निर्देश
पौड़ी, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में मोबाइल टॉवर हेतु भूमि हस्तांतरण, जेड0ए0एल0आर0 अधिनियम की धारा 154 के भूमि क्रय से संबंधित विवरण, नजूल भूमि प्रकरणों और सौर संयत्र के लंबित विभिन्न प्रकरणों के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी ने विभिन्न मामलों में तहसिलों, नगर निगम कोटद्वार और नगर पालिकालिकाओं के स्तर पर लंबित प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित करने के सख्त निर्देश दिये। उन्होंने नजूल भूमि से संबंधित लंबित मामलों में 15 दिन, मोबाइल टॉवर लगाने से संबंधित भूमि प्रकरणों में 7 दिन तथा धारा 154 के अंतर्गत प्राप्त निवेश के आवेदनों के संबंध में स्पष्ट और विस्तृत स्टेट्स रिपोर्ट प्रस्तुत करने के अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने धारा 154 से संबंधित प्रकरणों में तहसील सतपुली, लैंसडाउन व यमकेश्वर को सक्त चेतावनी जारी करते हुए यथोचित प्रगति करने के निर्देश दिये। साथ ही नजूल भूमि से संबंधित प्रकरणों के अधिक संख्या और लंबे समय तक लंबित रखने के चलते नगर आयुक्त और सहायक नगर आयुक्त कोटद्वार का उचित प्रगति ना होने तक वेतन आहरित न करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने टॉवर लगवाने के प्राप्त आवेदनों के लिए भूमि उपलब्धता के संबंध में लंबित आवेदनों के शीघ्र निस्तारण हेतु उपजिलाधिकारियों को संबंधित पटवारियों की जवाबदेही तय करने तथा भूमि उपलब्धता के संबंध में स्पष्ट प्रस्ताव प्राप्त करने के निर्देश दिये ताकि इसमें किसी भी तरह की देरी ना होने पाय। उन्होंने निर्देश दिये कि निर्धारित चैकलिस्ट में ही सभी रिपोर्ट देना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने सौर ऊर्जा प्लांट के संबंध में समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिस अवधि तक प्लांट इन्स्टॉल किये जाने थे लगाना सुनिश्चित करें तथा यदि निर्धारित अवधि में किसी प्लांट लगाने की अवधि में सीमा विस्तार की आवश्यकता हो उन प्रकरणों को अवधि विस्तार हेतु शासन को समय से प्रेषित करें तथा व्यक्तिगत रूप से मामलों को परसु करने को परियोजना निदेशक उरेड़ा को निर्देशित किया ताकि त्वरित प्रगति हासिल हो सके।
इस दौरान बैठक में उपजिलाधिकारी सदर आकाश जोशी, उपजिलाधिकारी कोटद्वार प्रमोद कुमार, लिड बैंक अधिकारी अनिल कटारिया, परियोजना निदेशक उरेड़ा राजेश्वरी सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका पौड़ी गौरव भसीन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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