“मेले में ऐपण की साड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन, रिंगाल के उत्पादों समेत उत्तराखंडी उत्पादों की दिखेगी झलक”
देहरादून, जनपद में पिछले सालों की भाँति इस बार भी संजीवनी दीपावली मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन ओल्ड मसूरी रोड स्थित सिविल सेवा अकादमी में आगामी 8 और 9 अक्टूबर को किया जा रहा है। संजीवनी संस्था द्वारा लगातार पिछले 3 सालों से यह मेला आयोजित किया जा रहा है।
संस्था की अध्यक्ष डॉ. हरलीन कौर संधु ने बताया कि इस मेले में उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉल आदि लगाये जाएँगे, संजीवनी द्वारा आयोजित इस मेले का उद्देश्य प्रदेश के शिल्पकार, काश्तकार, कारीगरों, एवं लघु उद्यमियों मंच प्रदान करना है, ताकि उनकी बनी हुई वस्तुओं एवं कलाकृतियों को एक बाजार उपलब्ध हो सके।
संजीवनी संस्था की सचिव रश्मि बर्द्धन ने बताया इस मेले में उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों में पाए जाने वाले जैविक उत्पाद, स्थानीय लोगों द्वारा निर्मित पारम्परिक वस्तुकला पर आधारित उत्पाद, हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पाद मुख्य आकर्षण रहेंगे।
संजीवनी संस्था की उपाध्यक्ष डॉ. अलकनंदा अशोक ने बताया कि इस दो दिन तक चलने वाले दीपावली मेले में उत्तराखण्ड के पारम्परिक व्यंजनों के स्टॉल भी लगाए जाएँगे। साथ ही प्रदेश के लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ भी देंगे।
संजीवनी संस्था की कोषाध्यक्ष अंजलि सिन्हा ने बताया कि मेले के आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर दी गई हैं इस बार मेले में ऐपण साड़ियाँ, अल्मोड़ा-बागेश्वर में तांबे के बर्तन, जोशीमठ की राजमा, पहाड़ी अंजीर के उत्पाद, रिंगाल के उत्पाद, हाथ से बनी मोमबत्ती, मिट्टी के बर्तन, दिए, गाय के गोबर से बने उत्पाद, खुर्जा आदि के विशेष उत्पादों को जगह दी गई है।
गौरतलब है “संजीवनी” उत्तराखंड के सिविल सेवा अधिकारियों की पत्नियों द्वारा संचालित एक संस्था है। संस्था द्वारा समय समय पर उत्तराखण्ड राज्य के सामाजिक उत्थान की दिशा में विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा जाते रहे हैं।
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