नई दिल्ली, कोरोना वायरस के कहर से पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रही है। अमेरिका जैसा देश भी कोरोना वायरस पर काबू पाने में नाकाम रहा। दुनियाभर में कोरोना ने सबसे ज्यादा तबाही अमेरिका में ही मचाई है। इसी के चलते इस महामारी को लेकर भारत ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) देशों समेत कई पड़ोसी देशों के साथ एक बैठक बुलाई है। ये बैठक 22 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। मीटिंग में पाकिस्तान को भी आमंत्रित किया गया है। बता दें कि इससे पहले भी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पीएम मोदी की अगुवाई में एक बैठक हो चुकी है।
इस बैठक में सभी देशों के हेल्थ एक्सपर्ट कोरोनावायरस संकट से निपटने के लिए अपने विचार साझा करेंगे। बैठक को उच्च स्तरीय अधिकारी संबोधित करेंगे। आमंत्रित किए गए कई देशों ने बैठक में हिस्सा लेने की पुष्टि कर दी है। भारत ने देश में वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के तुरंत बाद ही पड़ोसी देशों को भी वैक्सीन की खेप पहुंचानी शुरू कर दी थी। अब इस बैठक में कोरोनावायरस के खिलाफ आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
भारत कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में पड़ोसी देशों की लगातार मदद कर रहा है। ‘नेबरहुड फर्स्ट नीति’ के तहत भारत ने श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और कई पड़ोसी देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों डोज पहुंचाया है। भारत ने पिछले महीने श्रीलंका को कोरोना वैक्सीन की 5 लाख डोज, भूटान को 1.5 लाख, मालदीव को एक लाख, नेपाल को 10 लाख, बांग्लादेश को 20 लाख, म्यांमार को 15 लाख और मारिशस को एक लाख डोज भेंट के रूप में उपलब्ध कराया था।
इससे पहले पिछले साल मार्च में कोविड-19 महामारी के शुरुआत में पीएम मोदी ने SAARC देशों की बैठक बुलाई थी। बैठक में सभी देशों ने कोरोनावायरस के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने पर सहमति जताई थी। इस मीटिंग के बाद सभी देशों ने सार्क इमरजेंसी फंड बनाया था जिसमें भारत 10 मिलियन डॉलर का योगदान दिया था। SAARC सदस्यों में भारत के अलावा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, श्रीलंका और नेपाल शामिल हैं।
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