Sunday, November 17, 2024
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भारतीय रेलवे विद्युत संयंत्रों को कोयला आपूर्ति की अपनी गति बरकरार रखे हुए

नई दिल्ली । विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय रेलवे द्वारा अपने नेटवर्क के माध्यम से कोयले के आवाजाही बढ़ाने के लिए अतिरिक्त ट्रेनों और रेकों के उपयोग की शुरुआत की गई है। भारतीय रेलवे द्वारा कोयले की ढुलाई में तेजी लाई गई है, जिसके कारण सितंबर 2021 से मार्च 2022 के दौरान 32 प्रतिशत अधिक कोयले की लोडिंग हुई है। 22 अप्रैल के बाद संसाधन को कुशलतापूर्वक जुटाकर माल ढुलाई में भी 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वर्ष 2021-22 के दौरान भारतीय रेलवे ने कोयले ढुलाई में 111 मिलियन टन की रिकॉर्ड वृद्धि की है और 653 मिलियन टन कोयले की रिकॉर्ड लोडिंग की है, पिछले वर्ष 542 मिलियन टन कोयले का लदान किया गया था। इस प्रकार कोयले की लोडिंग में 20.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
इसके अलावा सितंबर-2021 से मार्च-2022 तक की अवधि के दौरान विद्युत संयंत्रों को कोयले की लोडिंग में केवल 2 तिमाहियों में ही 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
अप्रैल 2022 में भारतीय रेलवे ने विद्युत संयंत्रों को कोयले की लोडिंग को प्राथमिकता देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं जिसके कारण एक सप्ताह के दौरान ही कोयले की आपूर्ति में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
कोयले की आपूर्ति में यह सुधार भारतीय रेलवे द्वारा किए गए विभिन्न उपायों के कारण संभव हुआ है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
कोयला ट्रेनों की आवाजाही को प्राथमिकता दी गई है और प्रत्येक ट्रेन की लोडिंग से लेकर आवाजाही और अनलोडिंग तक की पूरी प्रक्रिया के चक्र के दौरान व्यापक रूप से गहन निगरानी की जा रही है।
इस प्राथमिकता और निगरानी के माध्यम से दूरदराज के संयंत्रों तक कोयला ट्रेनों के पारगमन समय में प्रमुख विद्युत संयंत्रों के लिए 12 से 36 प्रतिशत की महत्वपूर्ण कमी आई है।
भारतीय रेलवे ने लंबी दूरी के विद्युत संयंत्रों तक कोयले की ढुलाई को प्राथमिकता दी है जो इस तथ्य से साबित होता है कि कोयला ट्रेनों की औसत लीड में 1 से 10 अप्रैल की औसत लीड की तुलना में पिछले पांच दिनों में 7 प्रतिशत की बढोतरी हुई है।
इस बढोतरी के बावजूद कोयला ट्रेनों की औसत लीड में इन स्टॉक के लिए एक ही रेक की दो लगातार लोडिंग के बीच लगने वाले समय में भी 10 प्रतिशत की कमी आई है।
इन परिचालन नवाचारों के साथ भारतीय रेलवे ने विदयुत संयंत्रों को कोयला ट्रेनों की आपूर्ति में बढ़ोतरी करने के साथ-साथ सतत आधार पर अधिक कोयला रेक लोड किए हैं।

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