रूद्रप्रयाग, जनपद में हो रही बारिश के चलते चोपता-पोखरी मोटर मार्ग पर पांचवें दिन भी यातायात बाधित रहा। लोक निर्माण विभाग द्वारा यातायात बहाल करने के प्रयास तो किये जा रहे हैं मगर मलबे के साथ भारी बोल्डरों के जेसीबी मशीन में गिरने का भय होने से मलबा व बडे़ बोल्डरों को हटाने में बाधा पहुंच रही है साथ ही कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से पत्थरों की अवैध सप्लाई करने से भी यातायात सुचारू करने में बाधा पहुंच रही है। बता दें कि विगत पांच दिन पूर्व रविवार को तल्ला नागपुर क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने से लोक निर्माण विभाग के रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मोटर मार्ग पर बजूण बैण्ड के निकट भारी मलबा तथा बोल्डरों के आने से यातायात बाधित हो गया था। मोटर मार्ग पर यातायात बाधित होने से खडपतियाखाल, घिमतोली व दशज्यूला क्षेत्र के दर्जनों गांवों के कई सैकड़ों ग्रामीणों को पैदल चलकर चोपता सम्पर्क करना पड़ रहा है। मोटर मार्ग पर यातायात बाधित होने से कार्तिक स्वामी तीर्थ सहित तल्ला नागपुर क्षेत्र का तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है तथा पोखरी व हापला घाटी के दर्जनों मालवाहक वाहन बजूण बैण्ड में फसे हुए हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा मोटर मार्ग से मलबा हटाने के प्रयास तो किये जा रहे मगर मलबे के साथ भारी बोल्डरों के गिरने से यातायात बहाल करने में बाधा पहुंच रही है साथ ही कुछ लोगों द्वारा मलबे में आये भारी बोल्डरों की अवैध रूप से सप्लाई करने के कारण भी मलबा व बोल्डरों को हटाने में बाधा पहुंच रही है।
पूर्व प्रधान महेन्द्र नेगी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा लगातार यातायात बहाल के प्रयास तो किये जा रहे हैं मगर कुछ लोगों द्वारा मलबे के साथ आये भारी बोल्डरों से निकलने वाले पत्थरों की अवैध सप्लाई करने से यातायात बहाल करने में बाधा पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि यदि समय रहते मोटर मार्ग पर यातायात बहाल नहीं किया गया तो क्षेत्र का तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होने के साथ कई क्षेत्रों में खाद्यान्न व रसोई गैस का संकट गहरा सकता है। वहीं दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग रूद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि मलबे के साथ भारी बोल्डरों के आने से मलबा हटाने में भारी परेशानी हो रही है तथा विभाग द्वारा शीध्र यातायात बहाल करने के प्रयास लगातार किये जा रहे है।
अब यातायात में योजित होमगार्ड्स भी पहनेंगे खाकी एफएस कैप
देहरादून, उत्तराखंड़ शासन द्वारा होमगार्ड स्वयंसेवकों के लिए खाकी बैरेट कैप के स्थान पर एफएस( फील्ड सर्विस) कैप धारण किए जाने हेतु पूर्व में शासनादेश जारी किया गया था। होमगार्ड विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के जनपदीय भ्रमण, निरीक्षण एवं सैनिक सम्मेलनों के दौरान यह संज्ञान में आया कि खाकी एफ एस कैप लागू होने के उपरांत भी कतिपय होमगार्ड्स खाकी बैरेट कैप धारण कर रहे हैं एवं मुख्यालय द्वारा दिए गए एफ एस कैप के स्थान पर स्थानीय बाजार से क्रय की गई एफ एस कैप धारण कर रहे हैं। जिससे सभी होमगार्ड स्वयंसेवकों में वर्दी के टर्न आउट में एकरूपता प्रदर्शित नहीं हो रही है। यातायात में योजित होमगार्ड स्वयंसेवकों को मेरून एफ एस कैप धारण करते हैं।
इस संबंध में सम्यक विचारोपरांत कमांडेंट जनरल होमगार्ड केवल खुराना द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी होमगार्ड स्वयंसेवकों को खाकी एफएस कैप ही उपलब्ध कराई जाएगी एवं यातायात में आयोजित होमगार्ड भी खाकी एफ एस कैप ही धारण करेंगे।
इसके अतिरिक्त यह भी निर्देशित किया गया कि वर्तमान में एक एफ एस कैप देने की निर्धारित सीमा 1 वर्ष रखी गई है, जिसे अब परिवर्तित कर सालभर में खाकी दो एफ एस कैप होमगार्ड स्वयंसेवकों को दी जाएगी।
निश्चित संख्या में कुछ एफ एस कैप जनपद कार्यालय में भी आवंटित की जाएगी यदि होमगार्ड 2 एफ एस कैप से अधिक की आवश्यकता हो तो वे जनपद कार्यालय से भुगतान के आधार पर खरीद सकेंगे।
डीजी होमगार्ड केवल खुराना द्वारा बताया गया कि होमगार्ड स्वयंसेवकों के विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रशिक्षण केंद्रों पर आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही होमगार्ड स्वयंसेवकों की मानसिक समस्याओं के दृष्टिगत पहल ऐप के माध्यम से काउंसलिंग कराई जा रही है।
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