भारतीय सेना का हिस्सा बनें 319 युवा अफसर
देहरादून, राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड के अवसर पर अपने संबोधन में कहा सीडीएस बिपिन रावत में असाधारण नेतृत्व क्षमता थी। उनकी मृत्यु ने एक शून्यता पैदा करती है, जिसे भरा नहीं जा सकता। उन्होंने आइएमए का गौरव बढ़ाया है, जो एक प्रेरक संस्था है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम ऐसे वक्त यहां एकत्र हुए हैं जब देश जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन से सदमे में है। उत्तराखंड उनका घर था और उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्हें उनके असाधारण कौशल के लिए स्वार्ड आफ आनर से भी सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि जनरल रावत ने आइएमए का गौरव बढ़ाया है, जो एक प्रेरक संस्था है। उनसे पहले फील्ड मार्शल केएम करियप्पा, फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और कई अन्य असाधारण योद्धाओं और रणनीतिकारों ने यहां से एक युवा कैडेट के तौर पर अपनी यात्रा शुरू की। इनमें कुछ ने देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वीरता और ज्ञान को समाहित कर जेंटलमैन कैडेट अकादमी की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएंगे |
आइएमए में प्रशिक्षण पूरा करने पर कैडेटों को बधाई देते राष्ट्रपति ने कहा कि सैनिक के रूप में उनकी सेवा और समर्पण, शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत की ताकत में इजाफा करेगा। उन्होंने कहा कि हमें इस अवसर पर अकादमी से पासआउट कई शानदार अधिकारियों में एक, जनरल बिपिन रावत द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा को याद करना चाहिए। जो अपनी कड़ी मेहनत से भविष्य की पीढ़ी के लिए सैन्य आचरण के रोल माडल के रूप में उभरे। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि हमारा झंडा हमेशा ऊंचा लहराएगा, क्योंकि आइएमए से पास आउट हो रहे बहादुर कैडेट इसके सम्मान की रक्षा और रक्षा करेंगे |
राष्ट्रपति ने कहा कि आज देश क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इसलिए कैडेटों को यह ध्यान रखना चाहिए कि आधुनिक दौर के खतरों से निपटने के लिए केवल शारीरिक और मानसिक मजबूती ही काफी नहीं है। उन्हें एक रणनीतिक मानसिकता, एक अनुकूली स्वभाव भी विकसित करना होगा। सैन्य कौशल में सुधारने के लिए आवश्यक मानसिक लचीलापन भी हासिल करना होगा। राष्ट्रपति ने उन्हें अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा |
परेड में अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, तंजानिया, तुर्कमेनिस्तान और वियतनाम समेत अन्य मित्र देशों के जेंटलमैन कैडेटों को देख उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की। राष्ट्रपति ने कहा कि हम अपने देशों के बीच विशेष बंधन को संजोते हैं, और यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि मित्र देशों के कैडेट पासआउट हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे आइएमए में अपने प्रशिक्षण के दौरान अपने सहयोगियों और प्रशिक्षकों के साथ बने मित्रता के अनूठे बंधन को बनाए रखेंगे।
भारतीय सेना को मिले 319 जांबाज सैन्य अफसर, 68 विदेशी कैडेट भी हुये पास आउट
देहरादून, आईएमए की पासिंग आउट परेड़ में भारत माता तेरी कसम तेरे रक्षक बनेंगे हम, आइएमए गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे तो लगा कि विशाल सागर उमड़ आया है। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। आज भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 319 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 68 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने परेड की सलामी ली |
आइएमए की पासिंग आउट परेड में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को याद किया। उन्होंने कहा कि हमारा झंडा हमेशा ऊंचा रहेगा, क्योंकि दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत जैसे बहादुर, यहीं से प्रशिक्षित हुए थे। हम हमेशा इसके सम्मान की करेंगे। राष्ट्रपति बोले, मुझे 387 जेंटलमैन कैडेटों को देखकर खुशी हो रही है, जो जल्द ही अपनी वीरता और ज्ञान की यात्रा पर निकलेंगे। अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, तंजानिया, तुरमेकिनिस्तान और वियतनाम के मित्रवत विदेशी देशों के जेंटलमैन कैडेट होने पर भारत को गर्व है।
सुबह आठ बजकर 50 मिनट पर मार्कर्स काल के साथ परेड का आगाज हुआ। कंपनी सार्जेंट मेजर प्रफुल्ल शर्मा, धनंजय शर्मा, अमित यादव, जय मेरवाड़, आश्य ठाकुर, प्रद्युमन शर्मा, आदित्य जानेकर और कर्मवीर सिंह ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। आठ बजकर 55 मिनट पर एडवांस काल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढाते परेड के लिए पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर अनमोल गुरुंग ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। कैडेट्स के शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठा हर एक शख्स मंत्रमुग्ध हो गया |
राष्ट्रपति ने कैडेटों को ओवरआल बेस्ट परफार्मेंस और अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। अनमोल गुरुंग को स्वार्ड आफ आनर और स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।जबकि तुषार सपरा को रजत व आयुष रंजन को कांस्य पदक मिला। कुणाल चौबीसा ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट भूटान के सांगे फेनदेन दोरजी चुने गए। चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर केरेन कंपनी को मिला। इस दौरान राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह (सेनि),मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,आरट्रैक कमांडर ले जनरल राज शुक्ला,आइएमए कमान्डेंट ले जनरल हरिंदर सिंह,डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल आलोक जोशी समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद थे।
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