Friday, April 19, 2024
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रोडवेज कर्मचारियों ने लंबित वेतन के भुगतान को लेकर किया आंदोलन

देहरादून, पिछले साल दिसंबर और इस वर्ष जनवरी माह से लंबित वेतन का भुगतान और अन्य मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने शनिवार को भी आंदोलन किया। इसके तहत देहरादून समेत प्रदेश के सभी बस डिपो एवं कार्यशाला में एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया गया। कार्मिकों ने प्रबंधन के विरुद्ध नारेबाजी कर चेतावनी दी कि जब तक वेतन जारी नहीं होता उनका आंदोलन जारी रहेगा।

रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गत गुरुवार को दून में हरिद्वार रोड पर रोडवेज कार्यशाला में एक घंटे का कार्य बहिष्कार शुरू किया था जो पूरे प्रदेश में आंदोलन के रूप में बदल गया। गौरतलब हो कि रोडवेज के कर्मचारियों को दिसंबर से वेतन नहीं मिला है। प्रबंधन ने नवंबर का वेतन भी जनवरी में दिया था, लेकिन उसके बाद प्रबंधन ने आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिए।

रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत ने कहा कि एक तरफ रोडवेज के साढ़े छह हजार कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है। ऊपर से प्रबंधन एसीपी के मामले में रिकवरी के आदेश दे रहा है। एसीपी में कटौती को लेकर कर्मचारियों की ओर से प्रत्यावेदन भी दिए गए थे, मगर प्रबंधन ने उनका निस्तारण नहीं किया। इसके साथ ही राज्य सरकार की वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इस समय कर्मचारी आर्थिक कष्ट झेल रहे और प्रबंधन अनुबंधित बस मालिकों को करोड़ों रुपये भुगतान कर रहा।

चेतावनी दी गई कि वेतन न मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन में संयुक्त परिषद के मेजपाल सिंह, राकेश पेटवाल, मंजीत सिंह, अनिल धीमान आदि मौजूद रहे। वहीं, रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि प्रबंधन प्रयास कर रहा है और मंगलवार से दिसंबर का वेतन वितरण शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को प्रबंधन की वित्तीय स्थिति समझनी चाहिए।

 

बाग में अवैध कटान को लेकर उद्यान विभाग की कार्यशैली पर उठाये सवाल

विकासनगर। आदूवाला में आम के बागान में पेड़ों के अवैध कटान को लेकर ऑरगनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स एंड एनवायरमेंट ने उद्यान विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये हैं। कहा कि बड़े पैमाने पर पेड़ों के अवैध कटान के बावजूद उद्यान विभाग मुकदमा दर्ज कर मामले की इतिश्री करता है। ऑरगानाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स एंड एनवायरमेंट के अध्यक्ष भास्कर चुगने ने रविवार को मीडिया को जारी बयान में कहा कि आदूवाला क्षेत्र में उद्यान विभाग ने 15 पेड़ काटने की परमिशन दी। जिसकी आड़ में बड़े पैमाने पर पेड़ों का कटान किया। लेकिन उद्यान विभाग ने पचास पेड़ों पर जुर्माना काटा। जबकि 73 पेड़ काटे गये हैं। भास्कर चुग ने कहा कि उद्यान विभाग की भूमिका पूरे मामले में संदिग्ध नजर आ रही है क्योंकि यदि मात्र 15 पेड़ की परमिशन है तो 50 पेड़ का जुर्माना आखिर उद्यान विभाग ने किस आधार पर वसूल किया। कहा कि बाग में कुल 417 पेड़ हैं, जिनका सफाया कर बाग को उजाड़ने की साजिश है। वहीं उद्यान निरीक्षक इंदुभूषण कुमोला का कहना है कि आरोप निराधार है। कहा कि जुर्माना वसूलने के बाद भूस्वामी के खिलाफ हरबर्टपुर पुलिस चौकी में एफआईआर दर्ज करा दी है।

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