हरिद्वार (कुलभूषण) । एस एम जे एन कालेज पुरातन छात्र परिषद हरिद्वार नागरिक मंच तथा इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी आफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविख्यात भारत की प्रथम महिला तबला वादक पंडिता अनुराधा पाल ने महाविद्यालय के सभागार में अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री महन्त रविन्द्र पुरी महाराज अध्यक्ष कालेज प्रबन्ध समिति विश्वविख्यात तबला वादक पंडिता अनुराधा पाल तथा कालेज के प्राचार्य डा सुनील कुमार बत्रा ने सरस्वती वन्दन करके किया गया।
श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज अध्यक्ष कालेज प्रबन्ध समिति ने पंडिता अनुराधा पाल की प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए कहा कि अनुराधा पाल एक तबला कला प्रवीण व्यक्तित्व एवं संगीतकार हैं जिन्हें एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका और लिम्का बुक आफ रिकार्डस से दुनिया में पहली महिला तबला वादक के रूप में प्रशंसित किया गया है। उनकी कहानी साहस धैर्य प्रतिबद्धता और रचनात्मकता की है। श्री महन्त ने पंडिता अनुराधा पाल को भारत की तुलसी के नाम से सम्बोधन दिया।
पंडिता अनुराधा की ओर से मधुर तबला वादन से सभी विद्यार्थी व प्राध्यापकगण मंत्रमुग्ध हो गये। अनुराधा पाल ने सभी छात्र.छात्राओं को संगीत व कला में रूचि लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि लगभग सात वर्ष की आयु में उन्हें तबले से प्रेम हो गया था और दस साल की उम्र होते होते वो बाकायदा सार्वजनिक तौर पर लोगों के सामने प्रस्तुति देने लगी थी।
कालेज के प्राचार्य डा सुनील कुमार बत्रा ने कहा पंडिता अनुराधा पाल ने जिस प्रकार से तबले पर विशेष थाप फ्यूजन को उतारने की कोशिश की वह सबको आकर्षित करने में सफल हुई।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे आईक्यूएसी प्रभारी डा संजय माहेश्वरी ने बताया कि पंडिता अनुराधा पाल ने अलग.अलग तरीके से तबले को थाप दिया। तुषार रतूडी ने की बोर्ड पर संगत दी।
इस अवसर पर डा विशाल गर्ग विकास तिवारी डा आशा शर्मा डा मोना शर्मा डा पूर्णिमा सुन्दरियाल डा रेणु सिंह रिंकल गोयल रिचा मिनोचाए डा विनीता चौहान विनीत सक्सेना डॉ विजय शर्मा आलोक शर्मा सहित कालेज के अनेक छात्र.छात्रा उपस्थित थे।
जय प्रकाश श्रीवास्तव बीएचईएल के निदेशक नियुक्त
हरिद्वार 22 अगस्त (कुलभूषण) भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ;बीएचईएलद्ध के बोर्ड में निदेशक के रूप में नियुक्ति के उपरांत जय प्रकाश श्रीवास्तवए 57ए ने सार्वजनिक क्षेत्र के इंजीनियरिंग और विनिर्माण उद्यम के निदेशक ;इंजीनियरिंगए अनुसंधान और विकासद्ध के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया है।
इससे पूर्व श्रीवास्तव कार्यपालक निदेशक के रूप में बीएचईएल के उद्योग क्षेत्र के व्यापार खंड के प्रमुख के रूप में कार्य कर रहे थे। वे आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं और उन्होंने व्यवसाय प्रशासन में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है।
श्रीवास्तव ने 1985 में कंपनी के इंसुलेटर प्लांट जगदीशपुर में अभियंता प्रशिक्षु के रूप में बीएचईएल में अपना करियर शुरू किया। उनके पास कंपनी के सभी प्रमुख कार्यों में 36 वर्षों से अधिक का विविध और व्यापक अनुभव है।
अपनी पदोन्नति से पहले वे बीएचईएल के तीन व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक उद्योग क्षेत्र के प्रमुख थे तथा प्रौद्योगिकी सहयोग और व्यावसायिक भागीदारी के माध्यम से क्षमता निर्माणए समयबद्ध पूंजी निवेश और वाणिज्य.उन्मुख आर-डी परियोजनाओं के माध्यम से व्यापार वृद्धि जैसे कार्यों से बीएचईएल के विविधीकरण केन्द्रित प्रयासों को समर्थ बनाने के लिए जिम्मेदार थे। उद्योग क्षेत्र में उनके कार्यकाल के दौरान औद्योगिक उत्पाद ;मैकेनिकलद्ध कैप्टिव पावर प्लांट रक्षा और एयरोस्पेस व्यवसाय वर्टिकल्स में अब तक की सबसे अधिक ऑर्डर बुकिंग दर्ज की गई तथा कंपनी ने पहली बार डाउनस्ट्रीम ऑयल एंड गैस ईपीसी तथा रक्षा एवं एयरोस्पेस व्यवसायों में प्रवेश किया।
रुद्रपुर में कंपनी की विनिर्माण इकाई के प्रमुख के रूप में उन्होंने मौजूदा और नए विकास क्षेत्रों में कई नए उत्पादों को विकसित करने के साथ.साथ लागत में कमी और बेहतर टर्नओवर प्राप्ति और लाभ को अधिकतम करने के लिए कुशल परियोजना निष्पादन पर ध्यान देते हुए प्रचालन को अनुकूलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसके परिणामस्वरूप इकाई को पिछले 5 वर्षों का सर्वोत्तम वित्तीय परिणाम प्राप्त हुआ। श्रीवास्तव को उनकी गतिशीलता और परिणाम.उन्मुख दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है
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