Thursday, April 25, 2024
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राजनाथ सिंह का आज से 5 दिवसीय अमेरिका दौरा, इन मुद्दों पर हो सकती है बात

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 10 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच वाशिंगटन डीसी में चौथे टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय डाइलाग में भाग लेने के लिए अमेरिका की पांच दिवसीय यात्रा पर होंगे। यूक्रेन और रूस के बीच जारी लड़ाई के बीच आयोजित हो रही इस वार्ता पर दुनियाभर की नजरें हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन को भी उम्मीद है कि सोमवार को होने वाली टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता से अमेरिका को भारत के साथ प्रशासनिक कायरें और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह चौथी भारत-अमेरिका टू प्‍लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए 10 से 15 अप्रैल तक अमेरिकी दौरे के लिए शनिवार रात को नई दिल्ली से रवाना होंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि अमेरिका के इस दौरे के दौरान उनको भारत-अमेरिका के बीच की रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने के तरीकों पर अमेरिकी नेतृत्व के साथ बातचीत करने का मौका मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि मैं इस वार्ता में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं। अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड जे ऑस्टिन 11 अप्रैल को पेंटागन में एक सम्मानित सम्मान समारोह में भारतीय रक्षा मंत्री का स्वागत करेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष संबंधों को और मजबूत करने के चर्चा करेंगे। यह वार्ता महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक विकास के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करने का मौका मुहैया कराएगी।

मालूम हो कि टू प्लस टू वार्ता में भारत और अमेरिका के विदेश मंत्री भी शामिल होंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन एवं विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मेजबानी करेंगे। यह बाइडन प्रशासन के अंतर्गत होने वाली पहली टू प्लस टू वार्ता है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक माना जा रहा है कि इस बातचीत में दोनों देश यूक्रेन संकट पर भी गहन चर्चा करेंगे।समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक दोनों पक्ष यूक्रेन के खिलाफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से छेड़े गए युद्ध के नतीजों और गहराते ऊर्जा संकट के मसले पर भी विचार साझा करेंगे। इस वार्ता में खाद्य सामग्री और ईंधन की बढ़ती कीमतों जैसे मुद्दों से निपटने को लेकर मंथन होगा। वार्ता में कई अन्‍य विषयों को शामिल किया जा सकता है। यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन मसले को भारत ने तटस्‍थ रुख अख्तियार कर रखा है। यही नहीं भारत ने रूस से कम दाम पर तेल खरीदने का फैसला किया है। जेन साकी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में शुमार है। सनद रहे बाइडन पूर्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं क्वाड के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। बाइडन को उम्‍मीद है कि टू प्लस टू वार्ता में हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत दुनियाभर साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने पर भारत के साथ सहमति बनेगी।

अमेरिका के उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने बताया कि अमेरिका चाहता है कि भारत ऐतिहासिक गुट निरपेक्ष समूह जी-77 और रूस से किनारा कर ले। उन्‍होंने यह भी कहा कि टू प्‍लस टू वार्ता का प्लेटफार्म दोनों देशों के बीच रक्षा कारोबार बढ़ाने का एक बढि़या अवसर है। वैसे यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका की ओर से भारत को अपने पाले में करने का दबाव बनाया गया है…

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