नई दिल्ली, केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ‘सरकार से किसी भी तरह का समझौता दबाव में नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे भी है। जो कदम उन्होंने उठाए उसके लिए हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं, हम इसका आदर भी करेंगे। हम चाहते हैं कि हमारे लोगों को रिहा किया जाए।’ एबीपी न्यूज से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफर पर किसान नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात का सम्मान होगा। पीएम मोदी को झुकने नहीं देंगे, दुनिया में यह संदेश ना जाए कि भारत सरकार झुकी है।
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार से अब नये सिरे से बातचीत होगी। सरकार से अब बराबरी पर बात होगी। हम भारत सरकार, कोर्ट और संसद किसी को भी झुकने नहीं देंगे और किसानों का सम्मान जारी रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि यह किसान की पगडी का सवाल है। यह बिलों का सवाल नहीं है, गरीब की रोटी तिजोरी में बंद हो रही थी यह इसका सवाल है।
इधर किसान नेता नरेश टिकैत ने रविवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन वे अपने आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। नरेश टिकैत का यह बयान ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार से किसानों की बातचीत में महज ‘‘एक फोन कॉल की दूरी’’ है। टिकैत ने कहा कि सरकार को ‘‘हमारे लोगों को रिहा करना चाहिए और वार्ता के अनुकूल माहौल तैयार करना चाहिए।’’ उन्होंने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच गाजीपुर सीमा पर ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘एक सम्मानजनक स्थिति पर पहुंचा जाना चाहिए। हम दबाव में कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।’’ उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के कुछ दिन बाद शनिवार को कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों के लिए उनकी सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है और बातचीत में महज ‘‘एक फोन कॉल की दूरी’’ है।
टिकैत ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे। किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों के आत्म-सम्मान की रक्षा हो। बीच का कोई रास्ता खोजा जाना चाहिए। वार्ता होनी चाहिए।’’ टिकैत ने कहा, ‘‘26 जनवरी को हुई हिंसा षड्यंत्र का हिस्सा थी। तिरंगा हर किसी से ऊपर है। हम किसी को इसका अपमान नहीं करने देंगे। इसे सहन नहीं किया जाएगा।’’ दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में करीब 40 मामले दर्ज किए हैं और 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
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