Tuesday, November 26, 2024
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राज्य में चुनाव लड़ रहे हैं राजनीतिक दल अपने चुनाव घोषणापत्र में स्थाई पेंशन पुनः लागू करने को शामिल करें : जगत

पिथौरागढ़, जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज स्थाई पेंशन की मांग कर रहे कर्मचारियों के पक्ष में एक बड़ा बयान दिया ।उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव लड़ रहे हैं राजनीतिक दल अपने चुनाव घोषणापत्र में स्थाई पेंशन पुनः लागू करने को शामिल करें । सवाल उठाया कि विधायक व सांसदो को पेंशन दी जा रही है, तो फिर मेहनतकश कर्मचारियो को क्यों नहीं। कहा कि पेंशन नहीं तो “नोटा” पर फोकस कर अभियान चलाया जाय।

इसी के आधार पर राज्य तथा केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अपना मत का प्रयोग करना चाहिए ।मुनस्यारी क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया ने जोर देकर कहा कि स्थाई पेंशन योजना कर्मचारी के सुरक्षित भविष्य की नींव थी। जिसे किसी भी सूरत में हासिल किया जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि देश भर में कर्मचारी संगठन और स्थाई पेंशन योजना की मांग को लेकर आंदोलित है ।नौजवान कर्मचारियों के भविष्य के साथ तत्कालीन सरकारों ने अन्याय किया है। आज भी उसी दल की सरकार है देशभर में सरकार चला रही हैं।
कहा कि आने वाले समय में कर्मचारियों का भविष्य और सुरक्षित होने की ओर बढ़ रहा है। इसलिए उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में इस मांग को जो राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में शामिल करता है उस के पक्ष में कर्मचारियों को खुले मन से आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज तक सरकार अस्थाई पेंशन योजना को पूर्व की तरह लागू स्थाई पेंशन योजना में बदल ही पाई ।
उन्होंने कहा कि आज भी राज्य तथा केंद्र सरकार में आत्मबल है तो वह स्थाई पेंशन व्यवस्था को तत्काल लागू करने के लिए अध्यादेश का प्रयोग करें।
मर्तोलिया ने कहा कि भारतीय सेना तथा विधायक एवं सांसदों को ही स्थाई पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। अन्य सभी कर्मचारी वर्गों को इस पेंशन सुविधा से वंचित कर दिया गया है ।
इसे कर्मचारियों के लिए अन्याय बताते हुए मर्तोलिया ने कहा कि पेंशन से कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति के बाद का भविष्य आर्थिक एवं सामाजिक रुप से सुरक्षित होता था। इस अधिकार को छीन लेना न्याय संबंधी नहीं है ।
मर्तोलिया ने कहा कि जीवन भर सरकारी सेवा करने के बाद कर्मचारियों को आशा होती थी कि वह अपना अंतिम जीवन अपने पेंशन से जी लेगा , लेकिन सरकारों ने छल के द्वारा तथा निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए पेंशन का अधिकार कर्मचारियों से छीन लिया ।
मर्तोलिया लंबे समय से इस मांग के लिए कर्मचारियों का साथ दे रहे हैं। जिला पंचायत पिथौरागढ़ की बैठक में प्रस्ताव पारित कर राज्य तथा केंद्र सरकार को भेज चुके हैं ।
मर्तोलिया का कहना है कि निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी भी अगर शपथ पत्र देकर इस मांग का समर्थन करते हैं तो इससे कर्मचारियों के इस आंदोलन को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी राजनीतिक दल इस मांग को अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं करता है। तो कर्मचारियों को नोटा का प्रयोग कर अपनी ताकत का एहसास लोकतंत्र की व्यवस्था में करना चाहिए ।
इसके लिए हुए कर्मचारी संगठनों से भी संवाद स्थापित करेंगे |

 

जिला पूर्ति विभाग की हठधर्मिता : डीएसओ कार्यालय पर जिप सदस्य मर्तोलिया 27 दिसंबर को देंगे धरना

पिथौरागढ़, जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया जिला पूर्ति विभाग से नाराज हैं। उनकी नाराजगी का कारण यह है कि विभाग उनके पत्रों का जवाब नहीं दे रहा है।
मर्तोलिया ने कहा कि जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद भी विभाग का जवाब नहीं देना बेहद चिंताजनक है इसलिए अब 27 दिसंबर को डीएसओ कार्यालय के भीतर धरने में बैठ जाएंगे।
आज इस आशय का पत्र प्रदेश के मुख्य सचिव को भेज दिया गया है। जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया ने बताया कि इस साल के बरसात के महीनों में मुनस्यारी के मल्ला जोहार क्षेत्र में ठेकेदार की लापरवाही के कारण खाद्यान्न की भारी किल्लत रही थी। क्षेत्र के 13 गांव के लोगों को समय से सरकारी राशन उपलब्ध नहीं हो पाया । लगातार शिकायत के बाद प्रशासन तथा विभाग के द्वारा राशन उक्त गांव में भेजा गया ।
पूर्व जिलाधिकारी आनंद स्वरूप ने राशन वितरण में ठेकेदार की कोताही को गंभीरता से लेते हुए ठेकेदार द्वारा लीलम तथा बोगड्यार में बनाए गए अवैध गोदामों को सीज कर दिया था। तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा ठेकेदार के खिलाफ मुनस्यारी पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किए जाने के आदेश दिए गए थे ।
साथ ही ठेकेदार को काली सूची में दर्ज किए जाने का भी आदेश जारी किया गया था ।
तत्कालीन जिलाधिकारी के रहते हुए डीएसओ विभाग ने मुनस्यारी पुलिस थाने में उक्त ठेकेदार के खिलाफ तहरीर दी थी लेकिन दबाव के बाद सुबह तहरीर को वापस ले लिया गया। उसके बाद से अभी तक विभाग इस कार्यवाही की फाइल को दबा कर बैठी हुई है।
आरोप लगाया कि जिला पूर्ति विभाग द्वारा नियमों के विरुद्ध एक ही ठेकेदार को कोविड 19 को कारण बताते हुए 2 सालों से कार्य करने का अवसर दिया गया है। जबकि समस्त विभागों में नई निविदाएं आमंत्रित की जा रही हैं । इस विभाग ने निविदा आंमत्रित करने के लिए ठेकेदारो का पंजीकरण भी कर लिया था। उसके बाद भी जिला पूर्ति विभाग निविदा आंमत्रित नहीं कर रही है ।
केवल पूर्व के ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए जिला पूर्ति विभाग मनमानी पर उतर आया है। इसलिए इस विभाग के घोटालों को जनता के सामने लाना जरूरी है।
जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया ने साफ शब्दों में कहा कि अब विभाग उनके पत्रों का जवाब तक नहीं दे रहा है ।जिला पंचायत सदन की बैठक में जिला पूर्ति अधिकारी कुछ और बोलती है तथा बैठक के बाद उनके बयान बदल जाते है।
मर्तोलिया ने कहा कि जिला पूर्ति अधिकारी को तीन बिंदुओं पर सूचना मांगी गई थी दो बिंदुओं पर सूचना दी गई, लेकिन एक महत्वपूर्ण बिंदु पर सूचना नहीं दी जा रही है ।
इसकी शिकायत जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान से भी की गई। जिलाधिकारी के कहने के बाद भी उक्त अधिकारी द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि को उसके पत्र पर सूचना नहीं दिया जाना गंभीर मामला है। जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि 27 दिसंबर को वे जिला पूर्ति अधिकारी कक्ष के भीतर एकल बैठकर धरना प्रदर्शन करेंगे। उसके बाद भी विभाग नहीं जागा तो जिलाधिकारी कक्ष में आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।

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