Monday, December 23, 2024
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गुमशुदा बालिकाओं को जल्द से जल्द ढूंढे पुलिस, महिला आयोग ने दिए निर्देश

‘हल्द्वानी के बनभुलपुर की दो नाबालिग छात्राएं की गुमशुदगी के मामले में महिला आयोग अध्यक्ष ने लिया संज्ञान’

नैनीताल, जनपद के हल्द्वानी में बनभूलपुरा की दो नाबालिगों के गुमशुदगी की ख़बर के मामले में उत्तराखण्ड़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने संज्ञान लेते हुए एसएसपी नैनीताल पी.एन. मीणा से फोन पर वार्ता करते हुए घटना की जानकारी ली साथ ही उन्होंने निर्देशित किया कि जल्द से जल्द दोनों नाबालिग बालिकाओं को ढूंढ कर सकुशल उनके परिजनों को सौंपा जाए।
एसएसपी नैनीताल पीएन मीणा ने जानकारी में बताया कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा निवासी कक्षा 11 की 15 वर्षीय छात्रा व उसी छात्रा के घर में किराये पर रहने वाली कक्षा 9 की छात्रा दिनाँक 20 जून बृहस्पतिवार शाम से लापता हैं। दोनों लड़कियाँ नाबालिग है और हिन्दू परिवार से है, एक विशेष समुदाय के युवक द्वारा उन्हें बहलाफुसला कर भगा लेजाने का आरोप है, जिनकी लोकेशन ट्रेसिंग पर लगी है जल्द ही पुलिस द्वारा उनको पकड़ कर लिया जाएगा।
परिजनों का आरोप है कि उक्त युवक उसी मोहल्ले का है जिसने दोनों छात्राओं को बहला फुसलाकर अपनी बातों में फंसाया और मंगलपड़ाव से मैजिक में बैठाकर उन्हें लालकुआं ले गया। उसके बाद उन्हें अन्य जगह ले गया है।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए है साथ ही उन्होंने कहा की जल्द से जल्द उक्त मामले के आरोपी को गिरफ्तार कर वैधानिक करवाई की जाए।
जिसपर एसएसपी मीणा ने बताया की नाबालिगों को जल्द सकुशल बरामद कर लिया जाएगा। इसके लिए दो टीम लगी है और जल्द ही आरोपी भी पकड़ा जाएगा।

 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के पर यूसर्क द्वारा “स्वयं और समाज के लिए योग“ विषय पर आयोजित किया विशेषज्ञ व्याख्यान

देहरादून, उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बोलते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत ने कहा कि योग न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि हम सभी को भी आपस में जोड़ता है। उन्होंने कहा कि योग हमारी आंतरिक चेतना को जाग्रत करता है। योग हम सभी को वसुधैव कुटुंबकम् की भावना के साथ मिलकर कार्य करने की प्रेरणा देता है तथा मनुष्य एवं मानवता दोनों के लिये योग बहुत आवश्यक है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के योग विज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉक्टर असीम कुलश्रेष्ठ ने “स्वयं और समाज के लिए योग“ विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान दिया । डॉक्टर असीम ने योग एवं अभ्यास के दैनिक जीवन में लाभ, विभिन्न प्रकार के आसन, प्राणायाम एवं उसके विभिन्न प्रकार, सठकर्म, नेति क्रिया, त्राटक क्रिया, नौली क्रिया, कपाल भाति, मुद्रा, बंधन, ध्यान आदि की बारीकियों को समझाया तथा प्राप्त लाभ बताएं, उन्होंने कहा कि योग से मनुष्य अपनी छुपी हुयी योग्यता, क्षमता एवं आन्तरिक शक्तियों का विकास कर सकता है।

कार्यक्रम का संचालन समन्वयक डॉ. भवतोष शर्मा ने करते हुये कहा कि प्राचीन काल से ही भारत द्वारा योग को अपनाया जाता रहा है और आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है।
धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल ने किया और कहा कि भारत सरकार के प्रयासों से योग को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्रदान की गई है।
कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ. मंजू सुंदरियाल, शिवानी पोखरियाल, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश ममगाई सहित यूसर्क के विज्ञान चेतना केंद्रों के प्रभारी शिक्षकों ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में 50 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

 

 

पंचायतों के अपमान पर 25 को देंगे धरना

-जिला पंचायत की सामान्य बैठक में होगा हंगामा
-नौकरशाहों पर कमजोर करने का आरोप
-सीएम, गवर्नर, मुख्य सचिव को भेजा नोटिस

पिथौरागढ़, जिले के नौकरशाहों के द्वारा बार-बार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के किया जा रहे अपमान के खिलाफ 25 जून को जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में धरना दिया जाएगा। इसकी सूचना जिले की जिलाधिकारी के साथ-साथ मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल को भी दे दी गई है। आरोप लगाया गया कि पंचायतों को सशक्त की जाने की जगह कमजोर किया जा रहा है। उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन की संयोजक तथा जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि जिले के नौकरशाओं को यह भी मालूम नहीं है कि ग्राम सभा की बैठक में रेखीय विभागों की उपस्थिति अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि जिले में नौकरशाह इतने घमंडी हो गए है कि मुख्यमंत्री बीएडीपी की योजना जिला मुख्यालय में ही तैयार हो जा रही है। जनता द्वारा चूने के प्रतिनिधियों को योजना तैयार करने में शामिल तक नहीं किया जा रहा है।निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सूचना मांगने पर सूचना अधिकार अधिनियम का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
उन्होंने कहा कि जिला योजना भी अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में अधिक तैयार हो रही है। उन्होंने वर्तमान पंचायत के साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्राम, क्षेत्र तथा जिला पंचायत को सरकार होने का संवैधानिक दिए जाने के बाद स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं किया करने दिया जा रहा है। अधिकारियों की जो भूमिका है कि वह पंचायतों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का है। इस तरह का प्रयोग कहीं भी नजर नहीं आ रहा है।
उन्होंने कहा कि नौकरशाह अपने को पंचायतों से बड़ा समझने की गलती करते हुए पंचायतों को हांकने का प्रयास कर रहे है, जो लोकतंत्र में ना संभव है ना ही स्वीकार होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ ही प्रमुख सचिव पंचायतीराज, निदेशक पंचायतीराज जिले के अफसर की मनमानी की शिकायत की गई है। उन्होंने सदन में सदस्यों द्वारा उठाए जाने वाले सवालों पर जनता के चुने प्रतिनिधियों के द्वारा दिशा-निर्देश दिया जाना चाहिए। इस जनपद में ठीक उसका उल्टा होता है। इन बैठकों का नेतृत्व नौकरशाहों के द्वारा किया जाता है।
जहां पर सदन में सदस्यों के द्वारा उठाए गए सवालों का कोई समाधान नहीं होता है।
नौकरशाहों द्वारा इन सदनों में भी अधिकारियों को केवल बचाने का कार्य किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जिला पंचायत की बैठक में धरना दिया जाएगा तथा सम्मानित अध्यक्ष द्वारा अवसर दिए जाने पर इस अपमान की संपूर्ण कहानी को सदन की भीतर सांझा की जाएगी।
उन्होंने दोहराया कि विधानसभा तथा लोकसभा के द्वारा हमेशा इन सदनों को कमजोर किया गया है। आज उनकी स्थिति भी
नौकरशाहों के सामने घुटने टैक जैसी हो गई है। इसलिए जनता द्वारा निर्वाचित सभी सदनों की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

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