Saturday, November 15, 2025
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पंचायती राज निदेशालय में किया गया पेपर लीक

-एक सप्ताह में जांच की घोषणा नहीं हुई तो सीएम आवास पर सामुहिक आत्मदाह

-यूपी को संस्था, कम्पनियों को प्रशिक्षण कार्य दिए जाने को परीक्षा का षड्यंत्र

-महासंघ ने सीएम, सीएस, सचिव को भेजा पत्र

देहरादून, उत्तराखंड गैर सरकारी संगठन (एनजीओ ) महासंघ ने पंचायती राज निदेशालय पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा परीक्षा का पेपर अपने चाहतों को पास करने के लिए लीक किया गया था। महासंघ ने कहा कि 18 अक्टूबर के पत्र में इस आशंका को व्यक्त कर दिया गया था, जो सच साबित हुआ है। महासंघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव तथा पंचायती राज सचिव को आज ईमेल के माध्यम से शिकायती पत्र भेज कर परीक्षा फल सहित समस्त गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की गई है। इसकी उच्च स्तरीय जांच किए जाने एक सप्ताह के भीतर नहीं होने पर मुख्यमंत्री आवास पर सामुहिक आत्मदाह की चेतावनी दी गई है। महासंघ ने आरोप है कि उत्तर प्रदेश की संस्थाओं तथा कंपनियों को प्रशिक्षण का कार्य देने के लिए इस प्रकार का षड्यंत्र रचा गया है।
महासंघ के प्रदेश संयोजक जगत मर्तोलिया ने आज ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर उक्त आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर को महासंघ के पत्र उक्त सभी को भेजे पत्र में आशंका व्यक्त की थी। आखिर में सच साबित हुआ। उन्होंने कहा कि परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र बनाने तथा उसका मूल्यांकन और उसे सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए पंचायती चुनाव निदेशालय ने कोई पारदर्शी नीति को नहीं अपनाया। इस कारण से पेपर लीक हो गया।
उन्होंने कहा कि महासंघ एक-एक बिंदु पर राज्य सरकार से जांच की मांग करती है। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे के फुटेज निदेशालय से 24 घंटे के भीतर राज्य शासन अपने कब्जे में ले।
इन फुटेजों तथा महासंघ के पत्र के आधार पर निष्पक्ष जांच हुई तो पंचायती राज निदेशालय द्वारा आयोजित परीक्षा का घोटाला सबके सामने आ जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की कुछ कंपनी और संस्थाओं के साथ राज्य के अपने हितैषी संस्थाओं को प्रशिक्षण का कार्य दिए जाने के लिए पेपर लीक किया गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य की मूल संस्थाओं के कार्य को छीन कर बाहरी राज्य की संस्थाओं को दिए जाने के लिए परीक्षा का षड्यंत्र रचा गया। उन्होंने कहा कि परीक्षा किसी दूसरी एजेंसी से किए जाने की मांग की गई, लेकिन इस सुझाव को दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार द्वारा इसकी जांच की घोषणा नहीं की गई, तो देहरादून में मुख्यमंत्री आवास के आगे सामुहिक आत्मदाह किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार और शासन की होगी।

सर्वाधिक अंक वाली संस्था का नाम रिजल्ट से गायब :

राज्य संयोजक जगत मर्तोलिया ने दावा किया कि इस परीक्षा में काशीपुर की एक संस्था के सबसे अधिक नंबर आए। जिसके परीक्षा परिणाम को रोक दिया गया है। अब निदेशालय अधिक नंबर आने को पेपर लीक या नकल मान रहा है। उन्होंने कहा कि निदेशालय ने स्वयं ही स्वीकार कर लिया है कि कुछ गड़बड़ परीक्षा में हुई है।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पेपर लीक हुआ है इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।

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