Friday, April 19, 2024
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पेपर लीक प्रकरण : आरोपी हाकम सिंह के तीन भवनों पर चला प्रशासन का बुलडोजर

उत्तरकाशी, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में आरोपी भाजपा नेता हाकम सिंह के तीन आलीशान भवनों पर एक बार फिर धामी सरकार का बुलडोजर चलाया गया है।

अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल ने बताया कि हाकम सिंह के जो भी भवन बनाएं थे, वे सारे गैर कानूनी तरीके से सरकारी भूमि पर बने थे। और उसे भवन खाली करने के आदेश भी पहले ही जारी कर दिए गए थे।
बताते चलें कि जब 4 अक्टूबर को प्रशासन की ओर से जेसीबी हाकम सिंह के रिजाॅर्ट को तोड़ने पहुंची तो उन्हें ग्रामीणों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में प्रशासन के काफी समझाने के बाद हाकम सिंह के मोरी सांकरी वाले रिजाॅर्ट पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्तीकरण कर दिया गया था।
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि हाकम सिंह के तीन भवन राजस्व भूमि पर चिहिन्त किए गए हैं, जिसके बाद प्रशासन ने आज फिर हाकम सिंह के आलीशान भवन को तोड़ने की कार्रवाई की गई है। और आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।

उत्तरकाशी जिला प्रशासन और वन विभाग की टीम ने हाकम सिंह रावत की अवैध कब्जे वाली जमीन का नाप जोख और चिन्हीकरण किया था। नाप जोख करने पर पता चला कि आलीशान रिजॉर्ट सहित हाकम के तीन भवन राजस्व भूमि पर चिन्हित किए गए हैं, जबकि दो भवन और 130 पेड़ों का सेब का बागीचा गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय उद्यान की भूमि पर चिन्हित किया गया है।

राजस्व विभाग की 1.128 हेक्टेयर भूमि पर हाकम सिंह रावत ने भव्य रिजॉर्ट बनाया था, जो सबसे अधिक चर्चाओं में भी रहा है। इसके अलावा राजस्व भूमि पर हाकम सिंह रावत के दो अन्य भवन भी मिले हैं, वन्यजीव गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय पार्क की 0.907 हेक्टेयर भूमि पर 130 सेब के पेड़ों का बड़ा बागीचा और दो भवन भी मिले।

 

दो कार हुई दुर्घटना का शिकार : हादसे में एक युवक की मौत, नौ अन्य घायल

मसूरी, लंबिधार के पास दो कार दुर्घटना की शिकार हो गईं। दोनों हादसों में एक युवक की मौत हो गई और नौ अन्‍य लोग घायल हो गए। पहला हादसा शुक्रवार की रात को हुआ। जानकारी के मुताबिक बीती रात लगभग बारह बजे मसूरी के कार्ट मैकंजी हाथीपांव मार्ग के लंबिधार के समीप देहरादून के युवकों की कार संख्या यूके O7 डीएल 1140 अनियंत्रित होकर लगभग 150 मीटर गहरे खड्ड में गिर गई।
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने घने कोहरे और बारिश के बीच घायलों को खाई से निकाल कर उपजिला चिकित्सालय पहुंचाया। हॉस्पिटल पहुंचने तक एक कार सवार कुलदीप सिंह पंवार पुत्र भरत सिंह पंवार निवासी शिमला बाईपास की मौत हो चुकी थी। कार सवार राहुल चौहान पुत्र देवेंद्र सिंह निवासी रतनपुर शिमला बाईपास रोड, नितिन नेगी पुत्र रत्न सिंह नेगी, दिव्यांशु नेगी पुत्र केशर सिंह नेगी निवासी शिमला बाईपास, आशीष मेहर पुत्र सुरेंद्र मेहर निवासी किशननगर देहरादून घायल हो गए। कार में पांच लोग सवार थे।

लंबिधार के समीप ही खड्ड में गिरी एक और कार :
कोतवाली से मिली जानकारी के अनुसार लंबिधार के समीप ही दिल्ली नंबर की दूसरी कार होंडा सिटी भी खड्ड में गिर गई। जिसमें एक युवती समेत कुल पांच लोग सवार थे। जिसमें दिव्यानी पुत्री नवीन निवासी सुभाष नगर, आदित्य कुमार पुत्र महेश कुमार, विवेक पुत्र मनोज दुबे निवासी सुभाष नगर, राशिद पुत्र करीम शाह तथा शान पुत्र शेख कलीमुद्दीन अंसारी निवासी आईएसबीटी देहरादून सवार थे। पुलिस ने सभी घायलों को उपजिला चिकित्सालय पहुंचाया।

 

उत्तराखंड में महसूस किए गए भूकंप के झटके, दहशत में आकर घरों से बाहर निकले लोग

हल्द्वानी, कुमाऊं में भूकंप के झटके महसूस किए गए है। भूकंप के ये झटके पिथौरागगढ़ और बागेश्वर जिले में महसूस किए गए। भूकंप आते ही लोग दहशत में आ गए और बारिश के बीच ही घरों से बाहर निकल आए। हालांकि इससे किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है।

पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में आया भूकंप :
पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी क्षेत्र में भूकंप आया है। 3 बजकर 47 मिनट के आसपास भूकंप का झटका महसूस किया गया। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार भूकंप की तीव्रता 3.9 मेग्नीट्यूड रही। गहराई 10 किमी थी। भूकंप अभी तक नुकसान की सूचना नही है। भूकंप के केंद्र का भी पता नहीं चल सका है।

बागेश्वर में भी भूकंप :
बागेश्वर जनपद भी भूकंप के झटके महसूस किए गए है। तहसीलों से मिली सूचना के अनुसार अभी किसी प्रकार के नुकसान की सूचना प्राप्त नही है। जब भूकंप आया तो बारिश हाे रही थी। इससे लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल आए।
कुमाऊं में अभी बारिश हो रही है, जो तीन दिनों से जारी है। ऐसे में भूकंप के आने से लोग भयभीत है। लोगों के मन में डर बैठ गया कि कहीं काेई भारी आपदा न आ जाए। हालांकि अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।

भूकंप आने पर लोग डर गए और फोन कर एक- दूसरे की कुलशक्षेम पूछने लगे। हालांकि इसकी तीव्रता कम थी, जिस कारण कुछ लोगों का इसका आभास तक नहीं हो पाया।

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