करौली (राजस्थान), कोरोना कहर के बाद हुए लॉकडाउन की वजह से तमाम लोगों का रोजगार छिन चुका है और बहुत सारे लोग आर्थिक तंगी से परेशान हैं। जिसके चलते कई तो आत्महत्या जैसा कदम उठाकर खुद की जिंदगी तो खत्म कर ही रहें हैं, साथ ही अपने परिवार को भी मार रहे हैं। ऐसा ही दुखद घटना राजस्थान से सामने आई है। जहां आर्थिक तंगी और गृह क्लेश ने एक परिवार के चार लोगों की जिंदगी छीन ली।
एक साथ खत्म हो गया पूरा परिवार
दरअसल, यह मामला करौली जिले में हिंडौन सिटी के गांव कूंजेला का है। जहां सोमवार देर रात एक घर में चार लोगों की लाश मिली। जैसे पुलिस घर का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची तो कमरे में घर के मुखिया 27 वर्षीय महेंद्र कोली का शव फंदे पर लटका हुआ था। जबकि उसके सामने बेड पर उसकी पत्नी सपना, पांच वर्षीय बेटी और दो साल के बेटे कन्हैया का शव पड़ा हुआ था।
पड़ोसियों को ऐसे पता चला मौत का मामला
बता दें कि मामला करीब तीन-चार दिन पुराना है, लेकिन पड़ोसियों की जब सोमवार रात घर से बदबू आने पर कुछ शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने खिड़की से झांककर देखा तो युवक फांसी के फंदे पर लटका दिखाई दिया। इसके बाद गांववालों ने पुलिस को सूचित कर मौके पर बुलाया और पूरी घटना बताई।
नहीं चल पा रहा था परिवार का खर्चा
पुलिस को पड़ोसियों ने बताया कि पति-पत्नी मजदूरी करते थे, लेकिन कोरोना की वजह से उनको कहीं काम नहीं मिल रहा था। जिसके चलते दोनों में अक्सर विवाद होता था। पुलिस भी यही मान रही है कि आर्थिक तंगी और गृहक्लेश को लेकर ही युवक ने यह कदम उठाया है।
युवक की पत्नी चार-पांच माह की गर्भवती थी। परिवार में मां व एक भाई है, जो बाहर रहते हैं। इस घटना के बाद से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। गांव में एक साथ एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत से किसी के भी घर में चूल्हा नहीं जला। रौंसी पुलिस इंचार्ज निरंजन सिंह ने मामले की जांच के बाद शवों को परिजन को सौंप दिया है |
युवक की पत्नी चार-पांच माह की गर्भवती थी। परिवार में मां व एक भाई है, जो बाहर रहते हैं। इस घटना के बाद से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। गांव में एक साथ एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत से किसी के भी घर में चूल्हा नहीं जला। रौंसी पुलिस इंचार्ज निरंजन सिंह ने मामले की जांच के बाद शवों को परिजन को सौंप दिया है(साभार asianet news)
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