Friday, November 22, 2024
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कैम्पेन वाहन को कृषि मंत्री गणेश जोशी ने किया रवाना

देहरादून, राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत पुर्नगठित मौसम आधारित ‘‘फसल बीमा योजना’’ के प्रचार रथ को रवाना किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों की आय में बृद्धि करने का निरंतर प्रयास कर रही है। इसके तहत किसनों की फसलों को ओलाबृष्टि, अतिबृष्टि तथा अल्पबृष्टि व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के तहत होने वाले नुकसान से उबरने हेतु सहयोग किया जाता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2021 में कुल 61,433 कृषकों को फसल बीमा योजना से आच्छादित किया गया है। जिसमें से 45,215 कृषकों को एसबीआई के माध्यम से बीमा लाभ दिलाया जा चुका है। वर्तमान सत्र, खरीफ 2022 के लिए अब तक एसबीआई में 2013 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
आज प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रचार वैन को रवाना करते हुए मैं राज्य के समस्त किसान भाईयों से अपील भी करना चाहता हूं कि इस सत्र की खरीफ फसल के बीमा हेतु तथा योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए आवेदन करें।
इस प्रकार की प्रचार वैन सभी जनपदों में भी प्रचार कर रहीं हैं। इसके अतिरिक्त सीएससी सेंटर के माध्यम से अथवा किसी भी नजदीकी बैंक में जा कर अथवा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पोर्टल में जा कर बीमा आवेदन कर सकते हैं।
इस अवसर पर श्रीदेव सुमन मंडल अध्यक्ष, पूनम नौटियाल, पार्षद सत्येन्द्र नाथ, संजय नौटियाल, मंजीत रावत, डॉ जगदीश चन्द्र कैम, अपर निदेशन, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, राजीव धीमान, क्षेत्रीय प्रबंधक अधिकारी एसबीआई जनरल इंश्योरेंश कम्पनी लि0, सुरेश लाल देव, कॉडिनेटर एसबीआई जनरल इंश्योरेंश कम्पनी लि0 आदि उपस्थित रहे।

 

माल्टा और कीवी की नई प्रजातियों से बढ़गी किसानों की आय : कृषि मंत्री गणेश जोशी

मंत्री ने कहा, कागजी आंकड़े पेश करने से ज्यादा सक्सेस स्टोरी विकसित करने पर रहे जोर।

देहरादून, कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा गणेश जोशी द्वारा विधानसभा स्थित सभा कक्ष में कृषि विभाग के अंतर्गत सगंध पौधा केन्द्र, जड़ी बूटी शोध संस्थान, भेषज विकास इकाई, उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद, रेशम विकास, औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार, बीज प्रमाणीकरण, जैविक उत्पाद परिषद एवं उत्तराखण्ड तराई एवं बीज विकास निगम से संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
इस अवसर पर मंत्री ने कृषि विभाग के अन्तर्गत सगंध प्रभाग केन्द्र के अधिकारियों को से लैमन ग्रास, तेजपत्ता मिंट कैमोमाईल के उत्पादन बढ़ाने तथा अधिक से अधिक किसानों को एरोमेटिक एग्रीकल्चर से जोड़ने संबंधी कार्ययोजना के सम्बन्ध में चर्चा की।
जड़ीबूटी शोध विकास सस्थान, उत्तराखण्ड जैव प्रोद्योगिकी परिषद, उत्तराखण्ड तराई बीज विकास निगम, रेशम विभाग, बीर चन्द्र सिंह गढवाली कृषि महाविद्यालय भारसार आदि विभागों के साथ उनके द्वारा की जा रही कार्य योजनाओं के सम्बन्ध में विस्तृत से चर्चा की। इस समान कार्य कर रहे विभागों को एक साथ लाने अथवा संविलयित करने की संभावनाओं का अध्ययन कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देष भी दिए।
जड़ीबूटी की मार्केटिग, करने की दिशा में और अधिक तीव्रता से कार्य करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिये। बैठक में पीकन नट (अखरोट की एक उन्नत किस्म) के उत्पादन की राज्य में शुरूआत करने के निर्देष भी दिए।
वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एंव वानिकी विश्वविद्यालय भरसार के अधिकारियों तथा वैज्ञानिकों को वर्तमान में प्रचलित ग्रीन पल्पी कीवी के साथ ही यलो पल्पी तथा रेड पल्पी कीवि की प्रजातियों को विकसित करने तथा वर्तमान में उत्पादित होने वाले माल्टा (जो कि खट्टा भी होता है और रसीला भी कम है) के स्थान पर अधिक मीटे तथा रसीले माल्टा की नई प्रजाति को विकसित करने के भी निर्देश दिये। ताकि कीवी तथा माल्टा उत्पादों को बाजार में ज्यादा बेहतर दाम मिल सकें तथा ज्यादा किसान इस ओर आकर्षित हो सकें।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषकों की आय दोगुनी करने हेतु योजना बनाए। उन्होंने कहा कि हमारे एरोमेटिक उत्पादों और जड़ी बूटी उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है इसलिए अन्तराष्ट्रीय मांग के रूप अनुरूप की रूपरेखा तैयार करें। इसके कारण उत्पादानों की अच्छी कीमत प्राप्त हो सकती है। भांग की खेती को कृषि विभाग के नेतृत्व में तथा पुलिस/राजस्व पुलिस की देखरेख में किए जाने की संभावनाओं पर भी कार्ययोजना बनाने के निदेश दिए गए।
कृषि मत्री ने कहा कि इन विभागों में आपसी समन्वय की कमी दिखाई देती है। उन्हांने कहा कि विभिन्न विभाग में आपसी समन्वय व तालमेल बढाया जाय। कृषि विभाग के 100 दिन के विकास का खाका खीचने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि बैठकों में ही लेखे प्रस्तुत ना किए जाएं बल्कि धरातल पर किसानों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे। साथ ही यह भी हिदायत दी कि हर बैठक में कम से कम पांच नई सक्सेस स्टोरी मुझे बताई जाएं।
इस अवसर पर बैठक में अपर सविचव राम विलास यादव, बीसी डॉ0 कर्नाटक, सीएपी डॉ. नृपेन्द्र चौहान, निदेशक के.सी पाठक, प्रबन्ध निदेशक विनय कुमार तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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