Friday, May 16, 2025
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UG admissions to Augustana University are now open for Fall 2022 with scholarships worth up to USD 100,000

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Applicants must have a minimum SAT score of 500 (English part) or an IELTS score of 6.0 or equivalent, a GPA of 6.0, and submit an essay to be considered for the scholarship worth USD 15,000 per year

Dehradun: Augustana University of Sioux Falls (South Dakota), ranked in Top 10 in the Midwest by U.S. News & World Report 2022 and second in the Nation for Post-Graduate Employment by Zippia.com (recruitment firm), has announced scholarships up to USD 25,000 per year for undergraduates programmes commencing Fall 2022 across a wide range of programmes on offer at the university.

Why launch in India? Ben Iverson, Director of International Programmes & Enrolment at Augustana University, said, “Even amid the pandemic, we’ve seen growth in applicants from South Asia, and know that interest in study in the U.S. will continue to grow as the world emerges from (or learns to deal with) COVID. We continue to be impressed by our Indian students’ academic preparation, academic achievement on campus, as well as their contributions to our campus community. It seemed that now is a wise time to invest, and we look forward to welcoming even more Indian students to our friendly, safe and academically rigorous campus in the near future.”

Augustana offers several undergraduate programmes that are attractive in India including computer science and software engineering, data science, many fields in business, and the hard sciences among other aspects of learning. Blended with a liberal arts approach, the university ensures that students have the excellent critical thinking, communication, and interpersonal skills to go alongside their technical skills.

Elaborating on the number of international students already taking admission for Spring 2022, Iverson said,“For Spring 2022, approximately 150 international students from 50 countries will attend Augustana. Of those, about 5% will be Indians.”

AU was ranked in Forbes’ listing (650 colleges in the US) of “America’s Top Colleges 2017.” Among schools in the Midwest, Augustana was at No. 98. Other highlights include its 97% placement rate for 2020 graduates employed in their major or chosen field; it is ranked as the best Regional University (in Top 10) in the Midwest (U.S. News & World Report), and being quality-driven, the student-to-teacher ratio in Augustana University classrooms is 12:1.

Who can apply?
Scholarships worth up to USD 100,000 over four years of study are on offer for Indian students and young professionals to pursue undergraduate studies in the area including Business, Computer Sciences, Phycology, Maths, Accounting, etc. According to the institution, applicants must have a SAT English score of 500 or an IELTS score of 6.0 or equivalent, a GPA of 6.0 and submit an essay to be considered for the minimum USD 15000 scholarship. The scholarship could go up to USD 25000, with band 7.0 in IELTS and an average score of at least 75% marks in classes 10 and 12.

Important dates to remember
Admissions open: For Fall 2022
Last date to apply: 1st June 2022

‘विश्व अस्थमा दिवस’ पर प्रेस क्लब में लगाया गया स्वास्थ्य शिविर

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देहरादून, लोगों को सांस से जुड़े रोगों के प्रति सचेत करने के लिए ‘विश्व अस्थमा दिवस’ के अवसर पर मंगलवार को ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, धूलकोट व उत्तरांचल प्रेस क्लब की ओर से क्लब सभागार में पत्रकारों के लिए निशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया। इसमें खासतौर से फेफड़ों की जांच की गई। साथ ही पीएफटी, शुगर व बीपी की जांच भी की गई। 57 पत्रकारों ने मेडिकल कैंप में अपनी स्वास्थ्य जांच कराई। ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूरट ऑफ मेडिकल साइंसेज के मेडिकल डायरेक्टर व प्रसिद्ध छाती एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. पुनीत त्यागी व डॉ. अंकित अग्रवाल ने जांच की।

सुबह आरंभ हुआ मेडिकल मेडिकल कैंप दोपहर तक चला।
दोपहर आयोजित स्वास्थ्य गोष्ठी में डॉ. पुनीत त्यागी व डॉ. अंकित अग्रवाल ने विश्व अस्थमा दिवस के संबंध में जानकारी दी और इससे बचाव के प्रति जागरूक किया। डॉ. पुनीत त्यागी ने कहा कि विश्व भर में 20 करोड़ से भी ज्यादा लोग अस्थमा से पीड़ित हैं। अस्थमा बच्चों में होने वाली एक आम बीमारी है। 20 से 25 प्रतिशत अस्थमा से पीड़ित लोगों की उम्र 0 से 17 वर्ष के बीच में होती है। उन्होंने कहा कि अस्थमा वायुमार्ग में सूजन की बीमारी है। इसकी वजह से सांस नली में सूजन व संकुचन होने से फेफड़ों से हवा को बाहर लाना मुश्किल हो जाता है।

इससे रोगी को सांस फूलना, खांसी, घरघराहट जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसका एक प्रमुख कारण धूम्रपान की बढ़ती प्रवृत्ति भी है।
डॉ. त्यागी ने कहा कि एलर्जी पैदा करने वाले कारक अस्थमा के रोगी के लिए दिक्कत पैदा करते हैं। मसलन, घर में बिछी कालीन इसे बढ़ाने का काम करती है, क्योंकि उसमें बड़ी मात्रा में धूल कण होते हैं। इसी तरह, धूपबत्ती, बौर व वायु प्रदूषण भी इस तरह की दिक्कत पैदा करते हैं। इसलिए, यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि अस्थमा प्रभावित व्यक्ति के आसपास यह स्थितियां न हों। डॉ. त्यागी ने कहा कि मौजूदा अनियमित जीवन शैली व बढ़ता प्रदूषण अस्थमा जैसी बीमारी को बढ़ा रहे हैं। अस्थमा पीड़ित को इन्हेलर के इस्तेमाल से परहेज नहीं करना चाहिए।

पत्रकारों के सवालों के जवाब में डॉ. त्यागी ने कहा कि कोविड ने लोगों के फेफड़ों पर असर जरूर डाला, लेकिन अच्छी बात यह रही कि समय के साथ अधिसंख्य लोगों के फेफड़े इससे रिकवर होकर पूरी तरह स्वस्थ हो गए।
इस मौके पर डॉ. अंकित अग्रवाल ने बताया कि विश्व अस्थमा दिवस प्रतिवर्ष मई माह के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। इसे मनाए जाने का मुख्य कारण लोगों को अस्थमा से होने वाली समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। अस्थमा पीड़ित मरीज गुड मैनेजमेंट एंड मेडिकेशन से सामान्य व स्वस्थ जीवन बिता सकते हैं। ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के के हेड (मार्केटिंग) विशाल अरोड़ा ने जानकारी दी कि धूलकोट में अत्याधुनिक मशीनों और अनुभवी विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के साथ ग्राफिक एरा मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शुरू किया गया है।

इसमें बहुत ही कम मूल्य पर मेडिकल सुविधा मुहैया कराई जा रही है। उत्तरांचल प्रेस क्लब अध्यक्ष जितेंद्र अंथवाल ने ग्राफिक एरा अस्पताल के डॉक्टर्स का पुष्प भेंटकर स्वागत व संयुक्त मंत्री दिनेश कुकरेती ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन महामंत्री ओपी बेंजवाल ने किया। क्लब कोषाध्यक्ष नवीन कुमार, कार्यकारिणी सदस्य राजेश बड़थ्वाल, महेश पांडे, सोबन सिंह गुसाईं, राजकिशोर तिवारी आदि ने मेडिकल स्टाफ का पुष्प देकर स्वागत किया। काफी संख्या में पत्रकार इस मौके पर मौजूद रहे

यमकेश्वर के फूलचट्टी रत्तापानी के बीच सड़क पर पलटा घास से भरा ट्रक

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पौड़ी, यमकेश्वर विधान सभा के फूलचट्टी रत्तापानी के बीच एक घास से भरा ट्रक अनियंत्रित होकर सड़क पर अचानक से पलट गया। विधानसभा क्षेत्र में हुई दुर्घटना लापरवाही व जबरन की गई प्रतीत हो रही है। यहां एक बड़ा ट्रक कार को ओवरटेक करने के दौरान उसके ऊपर ही पलट गया।
जानकारी के अनुसार यमकेश्वर के लक्ष्मणझूला-सिलोगी मोटरमार्ग पर यह दुर्घटना हुई। बताया गया कि एक कार संख्या यूके 08एई-8820 व एक मैक्स वाहन जैसे ही फूलचट्टी के पास पहुंचा, उन्हें ओवरटेक करने के दौरान एक बड़ा ट्रक उक्त दोनों वाहनों के ऊपर पलट गया। इससे वाहन में सवार लोगों में चीख-पुकार मच गई।
हादसे में एक व्यक्ति को हल्की चोटें आई हैं। हालांकि यहां बड़ी जनहानि होने से मामला टल गया। ट्रक चालक ने संकरी सड़क पर वाहनों को ओवरटेक करने का प्रयास के दौरान लापरवाही बरती। जिससे अन्य वाहन हादसे का शिकार हो बैठे। कार व उनके पीछे चल रहे वाहन अपनी लाइन में चल रहे थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड दौरे हैं और उनका पैतृक गांव इसी क्षेत्र में पड़ता है। सड़क हादसे के बाद वाहनों का सड़क के दोनों ओर लंबा जाम लग गया है। जिसके चलते योगी के कार्यक्रम में पहुंचने वाले लोगों ने वैकल्पिक मार्ग का रुख कर लिया है।

पैरामेडिकल छात्र की सड़क दुर्घटना में मौत पर मुकदमा

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देहरादून। पैरामेडिकल छात्र की सड़क दुर्घटना में मौत पर पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। क्लेमनटाउन थानाध्यक्ष दीपक कठैत ने बताया कि एक मई को मोहब्बेवाला से आशारोड़ी के बीच सड़क दुर्घटना में अनुज कुमार मूल निवासी ढूगीधार, बौराड़ी की मौत हो गई थी। वह दून मेडिकल कॉलेज से पैरामेडिकल की पढ़ाई का रहा था। मामले में अनुज के भाई मनोज कुमार ने तहरीर दी। तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर वाहन चालक की तलाश शुरू कर दी है।

उत्तराखंड पहुंचकर भावुक हुए योगी आदित्यनाथ, मां का आशीष लेकर हुए भावुक

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ऋषिकेश। जीवन में संन्यास लेने के बाद किसी संन्यासी के लिए समाजिक रिश्ते बदल जाते हैं, मगर मां का रिश्ता सदैव बना रहता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आज उनके भाई, बहन व अन्य लोग महाराज कहकर संबोधित करते हैं, मगर मां सावित्री देवी के लिए वह आज भी वही अजय हैं, जो उनके आंचल में पले और बढ़े थे।

योगी ने अपनी मां के पैर छूकर लिया आशीष

यही वजह रही कि पांच साल बाद जब एक योगी अपनी जन्मदात्री से मिले तो उनके मुख से भी मां का संबोधन निकला। योगी ने अपनी मां के पैर छूकर आशीष लिया। मां का ममतामयी हाथ सिर पर आया तो योगी आदित्यनाथ भावुक हो गए।

11 फरवरी 2017 को आए थे गांव, एक रात भी थे रुके

मंगलवार को अक्षय तृतीय का पुण्य पर्व 83 वर्षीय सावित्री देवी के लिए सबसे अहम था। वह इसलिए कि उनसे मिलने उनके पुत्र अजय बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) आ रहे थे। योगी आदित्यनाथ आखिरी बार 11 फरवरी 2017 को अपने गांव आए थे। तब भी वह एक रात अपने पैतृक आवस में रुके थे। अब वह करीब पांच वर्ष बाद अपने गांव पहुंचे थे।

सबसे पहले अपनी मां सवित्री देवी के पास पहुंचे

सायं छह बजे योगी आदित्यनाथ अपने पैतृक आवास पर पहुंचे तो यहां वह देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री नहीं थे, बल्कि इस घर में जन्में और पले-बढ़े अजय थे। घर पहुंचने पर योगी आदित्यनाथ सबसे पहले अपनी वयोवृद्ध मां सवित्री देवी के पास पहुंचे। उन्‍होंने मां के चरण छूए तो मां का आशीष भरा हाथ योगी के सिर पर आ गया।

योगी ने मां से पूछा कि क्या वह उन्हें पहचान रही हैं

योगी आदित्यनाथ ने मां से पूछा कि क्या वह उन्हें पहचान रही हैं, मां की ओर से जब कोई जवाब नहीं आया तो योगी आदित्यनाथ ने इस वाक्य को तीन बार दोहराया। जिसके बाद मां ने सिर हिलाकर अपनी भावनाएं व्यक्त की। योगी आदित्यनाथ ने इसके बाद मां की कुशलक्षेम पूछी। इस दौरान योगी आदित्यनाथ और उनकी मां सावित्री देवी का कई बार गला भर आया।

करीब आधा घंटा मां के कमरे में बिताया

उन्होंने अपने भाइयों से मां के स्वास्थ्य तथा उपचार आदि की जानकारी ली। इसके बाद करीब आधा घंटा योगी आदित्यनाथ ने मां के कमरे में ही अपने भाई-बहनों और अन्य स्वजन के साथ बिताया।

भतीजे को जन्‍मदिन पर दिया आशीर्वाद

मंगलवार को योगी आदित्यनाथ के भाई महेंद्र सिंह बिष्ट के बेटे अनंत का जन्मदिन भी था। उन्होंने भतीजे से मुलाकात कुर उन्हें आशीर्वाद भी दिया। इसके बाद योगी घर के बाहर लगे पंडाल में पहुंचे, जहां उन्होंने एक-एक कर गांव के नागरिकों, बुजुर्गों तथा महिलाओं से भी मुलाकात की। उनसे मिलने पहुंचे बच्चों को भी उन्होंने मिठाई खिलाई और गर्मजोशी के साथ उनके साथ संवाद कर फोटो भी खिंचवाई।

योगी आज भी अपने गांव में ही रुकेंगे

योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपने पैतृक आवास पर ही रुके हैं। यहां उनके लिए उनका एक कमरा हमेशा सुरक्षित रखा जाता है। बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ बुधवार को भी अपने गांव में ही रुकेंगे। हालांकि अभी उनका कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।

डाक विभाग में बंपर वैकेंसी, 10वीं पास को यहां मिल रहीं 39 हजार नौकरियां, ऐसे करें अप्लाई

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10वीं पास युवाओं के लिए करीब 39 हजार नौकरियां निकली हैं। इन नौकरियों के उन्हें किसी प्रकार की कोई परीक्षा भी नहीं देनी है। यानी कि डायरेक्ट नौकरी मिलेगी। जी हां, इस भर्ती के तहत 10वीं पास उम्मीदवारों को देशभर में सरकारी नौकरी मिलेगी, वह भी बगैर परीक्षा दिए। इसके लिए आपको बस दी गई जानकारी के अनुसार ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
डाक विभाग में मिलेंगी नौकरियां

भारतीय डाक (India Post) ने 10वीं पास उम्मीदवारों के लिए बंपर भर्ती निकाली है। इस भर्ती के तहत भारतीय डाक विभाग की ओर से ग्रामीण डाक सेवक (GDS) पद पर देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में नौकरियां दी जा रही है। डाक विभाग की तरफ से इस भर्ती के लिए आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। भारतीय डाक ने इस पद के लिए 38926 खाली पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।
पांच जून तक कर सकेंगे आवेदन

भारतीय डाक द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सभी योग्य उम्मीदवार ग्रामीण डाक सेवा के लिए आधिकारिक वेबसाइट indiapostgdsonline.gov.in पर पांच जून, 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। हालांकि, आवेदक की उम्र निर्धारित आयु सीमा 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ब्रांच पोस्ट मास्टर बनने का मौका

खास बात ये है कि ग्रामीण डाक सेवा के पद के लिए कोई भी 10वीं पास उम्मीदवार आवेदन कर सकता है। आधिकारिक नोटिफिकेशन के अनुसार, इस प्रक्रिया के द्वारा भारतीय डाक में ब्रांच पोस्ट मास्टर (BPM), असिस्टेंट ब्रांच पोस्ट मास्टर (ABPM) और डाक सेवक के 38,926 रिक्त पदों पर भर्ती की जा रही है। ब्रांच पोस्ट मास्टर पदों पर चयनित होने वाले उम्मीदवारों को 12,000 रुपये महीने का वेतन दिया जाएगा। जबकि, अन्य पदों के लिए उम्मीदवारों को 10,000 रुपये महीने तक का वेतन मिलेगा।
आवेदन के लिए देना होगा इतना शुल्क

भारतीय डाक विभाग की भर्ती के तहत आवेदन के इच्छुक उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट indiapostgdsonline.gov.in पर जाकर संबंधित पद के लिए आवेदन कर होगा। डाक विभाग की भर्ती में आवेदन के लिए आवेदन शुल्क 100 रुपये निर्धारित किया गया है। चूंकि, चयन सीधे यानी बिना परीक्षा के होना है तो उम्मीदवार की योग्यता और पदों की वरीयता के आधार पर सिस्टम जनरेटेड मेरिट सूची तैयार की जाएगी। इसी मेरिट सूची के आधार पर योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति दी जाएगी।

अनियंत्रित ट्रक कार और जीप पर पलटा

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ऋषिकेश। नीलकंठ मार्ग पर घास से भरा एक ट्रक अनियंत्रित होकर वहां से गुजर रही एक कार और एक जीप पर पलट गया। गनीमत यह रही कार और जीप में बैठी सवारियों को किसी प्रकार की चोट नहीं आई। लक्ष्मणझूला थाना पुलिस के मुताबिक यमकेश्वर के फूलचट्टी रत्तापानी के बीच एक घास से भरा ट्रक अनियंत्रित होकर सड़क पर अचानक से पलट गया। इसके नीचे आने से एक कार और जीप दब गईं। हालांकि कार और जीप में बैठे लोगों ने आनन-फानन में अपनी जान बचा ली । इस दौरान मार्ग पर दोनों और वाहनों का लंबा जाम लगा। पुलिस ने किसी तरह से मार्ग से ट्रक को हटाया, तब जाकर मार्ग पर यातायात फिर से चालू किया गया। लक्ष्मणझूला थाना निरीक्षक संतोष कुंवर ने बताया की यातायात को सुचारु कर दिया गया है।

युवक ने फांसी का फंदा लगाकर की जीवन लीला समाप्त

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ऋषिकेश। रानीपोखरी क्षेत्र के इठारना गांव में एक युवक ने संदिग्ध हालत में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में भेज दिया है। रानीपोखरी थाना पुलिस के मुताबिक मंगलवार सुबह 7 बजे पुलिस को सूचना मिली कि इठारना में एक व्यक्ति ने पंखे से लटकर फांसी लगा ली है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पंखे से नीचे उतारा और पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में भेज दिया। रानीपोखरी थानाध्यक्ष शिशुपाल सिंह राणा ने बताया मृतक की पहचान अजय रावत (37) पुत्र स्व. वीर सिंह रावत निवासी ग्राम इठारना के रूप में हुई है। परिजनों ने पूछताछ के दौरान बताया कि युवक सोमवार रात शादी समारोह में शामिल होकर देर रात घर लौटा था। सुबह कमरे का दरवाजा नहीं खोला तो दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे। अंदर वहफांसी के फंदे पर झूलता मिला। थानाध्यक्ष ने बताया कि प्रथमदृष्टया अधिक शराब का सेवन करने का कारण सामने आया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मालीन राष्ट्रसंत महंत अवैद्यनाथ की मूर्ति का किया अनावरण

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यमकेश्‍वर(पौड़ी) । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय, बिध्याणी, यमकेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ ने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय, बिध्याणी, यमकेश्वर में ब्रह्मालीन राष्ट्रसंत महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की मूर्ति का अनावरण भी किया।यमकेश्वर में ब्रह्मालीन राष्ट्रसंत महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की मूर्ति का अनावरण  किया गया
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि महंत अवैद्यनाथ जी की प्रेरणा से ही यहां महाविद्यालय की स्थापना हुई है। उन्होंने कहा कि ग्राम कांडी में ही महंत अवैद्यनाथ जी का जन्म हुआ था किंतु ज्यादा समय तक नहीं रुक सके थे। कहा कि वे यहां की शिक्षा व्यवस्था के बारे में पूछते रहते थे। मैंने उन्हें अवगत कराया था कि यहां कोई डिग्री कॉलेज नहीं है, यहां के निवासियों ने समिति बनाकर कॉलेज के लिए जमीन दी और यहां कुछ कक्षाओं का प्रारंभ हो सका था। उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रुप से गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि पूज्य गुरु जी को उनकी जन्मभूमि पर सम्मान दे पा रहा हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे लिए गौरव की बात है कि मैं अपने स्कूली गुरुजनों का सम्मान कर पा रहा हूं। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखंड में सबसे बड़ी समस्या पलायन है।  यहां अच्छी शिक्षा अच्छा माहौल सौंदर्य और संभावनाएं हैं l उत्तराखंड का युवा जहां भी जाता है अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाता है। कहा कि देश 2014 के बाद नए उत्साह के साथ आगे बढ़ रहा हैl  कोरोना में बहुत से लोगों ने अपनों को खोया है लेकिन भारत का सबसे बढ़िया प्रबंधन पूरे विश्व में सराहा गया,  पहले महामारी में मौतें बीमारी से ज्यादा भुखमरी से होती थी लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश बदल चुका है,सरकार संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है । उन्होंने कहा कि देश को बचाना है तो उत्तराखंड के पलायन को रोकना होगा क्योंकि उत्तराखंड देश की उत्तरी सीमा है। वृक्षारोपण, जल संरक्षण को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखंड मे आध्यात्मिक पर्यटन को इको पर्यटन से जोड़ना होगाlजन्मभूमि को नमन कर गुरुओं का लिया आशीर्वाद - Avikal Uttarakhand योगी जी ने कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा लेकिन इसके लिए पलायन को रोकना पड़ेगा  जहां अन्य राज्यों में अव्यवस्था फैली है वही उत्तर प्रदेश में कहीं कोई उपद्रव नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश में व्यक्तिगत आस्था पर कोई प्रतिबंध नहीं है किंतु उससे किसी अन्य को असुविधा नहीं होनी चाहिए। कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है, जन भावना के साथ आस्था के नाम पर खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। कहा कि हमने उत्तर प्रदेश से लगभग एक लाख अनावश्यक माइक हटवाए हैं और कहीं कोई विवाद नहीं है। योगी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश उत्तराखंड की 21 वर्षों से जकड़ी समस्या का समाधान अंतिम चरण पर है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ करिश्माई व्यक्तित्व है। योगी जी जन्म भूमि में लंबे वक्त बाद आए है। उन्होंने कहा कि महंत अवैद्यनाथ जी का संबंध हिंदू धर्म, भाई चारे को मजबूत करने व जो पीछे छूट गए हैं उन्हें मुख्य धारा में लाने का रहा है। उनका राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कहा कि पहले अयोध्या में भगवान राम टेंट में थे वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार बनने के बाद वहाँ भव्य मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। कहा कि मोदी-योगी के नेतृत्व में अयोध्या भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ मार्ग भव्य हुआ है जिससे लोगों को जल चढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं होती है। मोदी जी ने कहा है कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। उत्तराखंड में आजादी के बाद जितने पर्यटक चार धाम की यात्रा पर आए हैं इन 10 सालों में सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे।  मुख्यमंत्री ने कहा कि  चार धाम यात्रा मार्गों पर होटल, परिवहन व यात्रा से जुड़े लोगों से जानकारी मिली है कि आने वाले 2 माह के लिए सारे होटलों की बुकिंग फुल हो गई है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि योगी जी का जन्म उत्तराखंड में हुआ है किंतु वे अब पूरे देश की धरोहर बन चुके हैं। कहा कि 21 सालों से उत्तराखंड-यूपी का परिसंपत्तियों के बंटवारे से संबंधित मामले का मात्र 20 मिनट की बैठक में ही हल निकल गया। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ विद्यालय में विज्ञान की कक्षाएं चलाई जाएंगी, साथ ही  जो भी अन्य संसाधनों की आवश्यकता होगी उसे पूरा किया जाएगा।  इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने गुरुजनों   राजेंद्र सिंह रावत,   राजेंद्र सिंह भंडारी,   महिमानंंद बड़थ्वाल,   सत्य प्रसाद बड़थ्वाल को सम्मानित किया।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री  सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री  तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधायक रेणु बिष्ट सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए जनपदों में वन विभाग के नोडल अधिकारी तैनात किये जाए- मुख्यमंत्री

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• शीतलाखेत (अल्मोड़ा) मॉडल को अपनाया जाय।

• अनुसंधान से जुड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के सहयोग से वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाए।

• वन सम्पदाओं से लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाए।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में वनाग्नि की रोकथाम के संबंध में समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वनाग्नि को रोकने के लिए वनाग्नि से प्रभावित जनपदों में शीघ्र वन विभाग के उच्चाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जाय। जनपदों में डीएफओ द्वारा लगातार क्षेत्रों का भ्रमण किया जाए। वन विभाग, राजस्व, पुलिस एवं अन्य संबंधित विभागों के साथ ही जन सहयोग लिया जाए। महिला मंगल दल, युवक मंगल दल, स्वयं सहायता समूहों एवं आपदा मित्रों से भी वनाग्नि को रोकने में सहयोग लिया जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग किया जाए। रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए। चारधाम यात्रा के दौरान वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए शीतलाखेत (अल्मोड़ा) मॉडल को अपनाया जाय। शीतलाखेत के लोगों ने जंगलों और वन संपदा को आग से बचाने के शपथ ली। उन्होंने संकल्प लिया कि वे पूरे फायर सीजन में वे अपने खेतों में कूड़ा और कृषि अवशेष नहीं जलायेंगे। इस क्षेत्र में ग्रामीणों महिला मंगल दल और युवक मंगल दल ने ओण दिवस के रूप में जंगल बचाओ, पर्यावरण बचाओ की शपथ ली। वनाग्नि को रोकने के लिए दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक दोनों योजनाएं बनाई जाए। दीर्घकालिक योजनाओं के लिए अनुसंधान से जुड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से समन्वय स्थापित कर योजना बनाई जाए। इकोनॉमी और ईकॉलॉजी का समन्वय स्थापित करते हुए कार्य किये जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए एक नई कार्य संस्कृति एवं कार्य व्यवहार से सभी को कार्य करना होगा। वन सम्पदाओं के संरक्षण के साथ ही वन सम्पदाओं से लोगों की आजीविका को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पिरूल के एकत्रीकरण एवं उससे लोगों की आजीविका कैसे बढ़ाई जा सकती है, इसके लिए ठोस नीति बनाई जाए। राज्य में वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसा मॉडल तैयार किया जाए कि इसका संदेश देश-दुनिया तक जाए। वन्य जीवों की सुरक्षा एवं जल स्रोतों के संरक्षण के लिए प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। वनाग्नि को रोकने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के लिए स्कूलों में करिकुलर एक्टिविटी करवाई जाए।

वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारी जन सहभागिता पर विशेष ध्यान दें। वन सम्पदाओं से लोगों की आर्थिकी को जोड़ने के लिए सुनियोजित रणनीति बनाई जाए। वन पंचायतों में फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक श्री विनोद कुमार सिंघल, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर श्री सुशील कुमार एवं सभी जनपदों से जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं डीएफओ उपस्थित थे।