Tuesday, April 29, 2025
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देश की राजधानी में भीषण तूफान ने ली 2 की जान, सैकड़ों पेड़ उखड़े, कई लोग घायल

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नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार शाम को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी-तूफान आने और भारी बारिश के कारण दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि कई लोग घायल हो गए। शहर में कई पेड़ उखड़ गए, सड़क और हवाई यातायात बाधित हुआ और ऐतिहासिक जामा मस्जिद समेत कई इमारतों तथा वाहनों को नुकसान पहुंचा है। पुलिस और दमकल विभाग के पास बचाव के सैकड़ों फोन आए जबकि लोगों को लुटियंस दिल्ली, आईटीओ, कश्मीरी गेट, एमबी रोड और राजघाट समेत कई इलाकों में जलभराव और पेड़ उखड़ने के कारण भारी यातायात संबंधी जाम का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में 2018 के बाद से पहली बार ‘‘भीषण’’ का तूफान आया है।

दिल्ली में शाम साढ़े पांच बजे 17.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी और आंधी-तूफान से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गयी। सफदरजंग वेधशाला ने शाम पांच बजकर 40 मिनट पर 25 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया जबकि दोपहर चार बजकर 20 मिनट पर 40 डिग्री से. तापमान था। मध्य दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में पड़ोसी की बालकनी का एक हिस्सेगिरने से 50 वर्षीय शख्स की मौत हो गयी। यह हादसा तब हुआ जब वह अपने घर के बाहर खड़ा हुआ था। पुलिस उपायुक्त (मध्य) श्वेता चौहान ने बताया कि मृतक की पहचान कैलाश के रूप में की गयी है और दरियागंज के संजीवन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गयी थी। उत्तरी दिल्ली के अंगूरी बाग में 65 वर्षीय बसीर बाबा नाम के बेघर व्यक्ति पर पीपल का एक पेड़ गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गयी। एक अन्य घटना में चांदनी चौक के कबूतर बाजार के समीप कार पर नीम का पेड़ गिरने के बाद उसमें एक साल के बच्चे समेत एक परिवार के तीन सदस्यों को बचाया गया। ऐतिहासिक जामा मस्जिद का गुंबद क्षतिग्रस्त हो गया। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि मस्जिद की एक मीनार और अन्य हिस्सों से पत्थर टूटकर गिरने से दो लोग घायल हो गए।

पुलिस ने बताया कि सोमवार को रात आठ बजे तक पेड़ गिरने के बारे में कम से कम 294 कॉल्स आए। दिल्ली दमकल पुलिस को मकान ढहने की आठ सूचनाएं मिली। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। पालम मौसम स्टेशन में हवा की रफ्तार अधिकतम 70 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गयी। राष्ट्रीय राजधानी में आंधी के कारण दिल्ली हवाई अड्डे पर कम से कम पांच उड़ानों का मार्ग परिवर्तित किया गया और 70 उड़ानों में विलंब हुआ। अधिकारियों ने बताया कि आंधी-तूफान के कारण दिल्ली से रवाना होने वाली कम से कम 40 और यहां आने वाली 30 उड़ानों में विलंब हुआ। यहां आने वाली कम से कम पांच उड़ानों का मार्ग परिवर्तित किया गया। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने प्रभावी स्थानों में से कुछ का दौरा किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘शाम को तूफान के बाद पेड़ उखड़ने और जलभराव को देखकर व्यथित हूं…अधिकारियों को मलबा हटाने और तत्काल सड़कों की सफाई कराने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है ताकि लोगों को हो रही असुविधा को दूर किया जा सके।’’ सोशल मीडिया पर पोस्ट वीडियो में तेज हवाओं के कारण कारों को हिलते हुए देखा जा सकता है।

बारिश के बाद पेड़ उखड़ने के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए। कई स्थानों पर तेज हवाओं के कारण पेड़ गिरने से वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘शाम सवा सात बजे तक पेड़ गिरने और शाखाएं टूटने के बारे में कुल 101 शिकायतें मिली। जिन इलाकों में ऐसी घटनाओं की खबर मिली है वहां रास्ता साफ करने का काम चल रहा है। भगवान दास रोड, कनॉट प्लेस, एसपी मार्ग समेत कई इलाकों को पहले ही साफ कर दिया गया है।’’ पश्चिमी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा की कार भी क्षतिग्रस्त हो गयी। विंडसर प्लेस में उनके आधिकारिक आवास पर खड़ी कार पर पेड़ गिर गया। एक कार पर धातु का एक टुकड़ा गिरने से वह क्षतिग्रस्त हो गयी। कनॉट प्लेस में पेड़ उखड़ने से एक अन्य कार के फंसने का वीडियो भी सोशल मीडिया में आया है। अधिकारियों ने बताया कि जामिया मिलिया इस्लामिया के भीतर भी कई पेड़ उखड़ गए हैं और इमारत की दीवारें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। भारी बारिश और तेज हवाओं से विभिन्न स्थानों पर दिल्ली सरकार द्वारा लगाए राष्ट्रध्वज भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हवा इतनी तेज थी कि संसद मार्ग पर एक इमारत में लगा एअर कंडीशनर गिर गया, जिससे कारों और ऑटो रिक्शा को नुकसान पहुंचा है। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘रेलवे अंडरपास पुल प्रह्लादपुर में जल भराव के कारण एमबी रोड पर यातायात बाधित हुआ है। कृपया इस मार्ग पर यात्रा करने से बचें।’’

जय सिंह मार्ग पर भारी जाम में फंसे ऑटो चालक महेश कुमार ने कहा, ‘‘मैंने उच्च न्यायालय से यात्रा शुरू की थी। अशोक रोड पर पेड़ गिरने से वहां यातायात जाम देखने के बाद मैंने जय सिंह मार्ग पर पहुंचने के लिए कई अन्य रास्ते लिए लेकिन पिछले डेढ़ घंटे से फंसा हुआ हूं। मैं जिस भी रास्ते पर गया, वहां मैंने यातायात जाम देखा।’’ एक अन्य यात्री विनय यादव ने कहा कि वे जय सिंह मार्ग पर करीब दो घंटे तक फंसे रहे। राजधानी के साउथ एक्सटेंशन बाजार में खंभों से वाहनों को नुकसान पहुंचने जबकि विजय चौक पर दिल्ली यातायात पुलिस बूथ के तेज हवाओं के कारण गिरने की तस्वीरें भी सामने आयी हैं। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने उन स्थानों की तस्वीरें दिल्ली यातायात पुलिस के साथ साझा की है, जहां पेड़ उखड़ गए हैं। दिल्ली पुलिस ने भी लोगों को आश्वासन दिया है कि उनकी शिकायतों का निवारण किया जाएगा।

 

नहीं रहे नेशनल पैंथर्स पार्टी के संस्थापक भीम सिंह, 80 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांसनहीं रहे जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के संस्थापक भीम सिंह, 80 वर्ष की  आयु में

जम्मू-कश्मीर, नेशनल पैंथर्स पार्टी के संस्थापक और वरिष्ठ नेता भीम सिंह का जम्मू में निधन हो गया। वही काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनकी उम्र 80 की थी। 1966 के जम्मू के छात्र विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए वह सुर्खियों में आएं थे। 1982 में अपनी पत्नी जय माला के साथ पैंथर्स पार्टी की स्थापना की थी। भीम सिंह का जन्म अगस्त 1941 में जम्मू के रामनगर क्षेत्र में हुआ था। वह 30 साल तक जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष रहे।

भीम सिंह जम्मू-कश्मीर विधानसभा और संसद के सदस्य रह चुके हैं। 2021 में, भीम सिंह ने 79 वर्ष की आयु में सक्रिय नेतृत्व में वापसी की, जब वे पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। भीम सिंह के नीधन पर महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा कि प्रोफेसर भीम सिंह के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। जम्मू-कश्मीर ने एक कानूनी विद्वान और एक महान नेता खो दिया है, जिन्होंने अपने लोगों के लिए लड़ा। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। वहीं उमर अब्दुल्ला ने लिखा कि जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर पार्टी सुप्रीमो भीम सिंह जी का आज निधन हो गया। भीम सिंह जी की मेरी सबसे पुरानी यादें 1984 की हैं, जब उन्होंने मेरे पिता के साथ मिलकर नेकां सरकार की असंवैधानिक बर्खास्तगी का विरोध किया था।

सात नहीं 14 जून से दून में होगा उत्तराखंड़ विधानसभा का ग्रीष्मकालीन सत्र

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देहरादून, उत्तराखंड़ विधानसभा का आगामी सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण(भराड़ीसैंण) के स्थान पर अब 14 जून से देहरादून में होगा। प्रदेश सरकार ने सत्र का स्थान और उसकी तारीख बदल दी है। सरकार ने विधानसभा सत्र गैरसैंण में सात जून से करने का निर्णय किया था। इस परिवर्तन का प्रमुख कारण बीच सत्र में राज्यसभा चुनाव, चारधाम यात्रा पर भारी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं की व्यवस्था का दबाव और सभी जिलों में चल रही पुलिस भर्ती को माना जा रहा है।
विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग की ओर से इस संबंध में सचिव विधानसभा को सूचना दे दी गई है। प्रमुख सचिव हीरा सिंह बोनाल के आदेश पर अपर सचिव महेश चंद्र कौशिवा की ओर से जारी पत्र में पूर्व में जारी कार्यक्रम में संशोधन किए जाने का जिक्र है।

विधानसभा सचिव को भेजे पत्र में कहा गया है कि राज्य की पांचवी विधानसभा का दूसरा सत्र 14 जून मंगलवार से 20 जून सोमवार तक देहरादून विधानसभा भवन में आहूत किया जाए। इससे पूर्व विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग ने सात जून से गैरसैंण (भराड़ीसैंण) विधानसभा में सत्र आहूत करने का कार्यक्रम विधानसभा सचिव को भेजा था।
भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय और बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने विधानसभा सत्र के स्थान और तारीख में परिवर्तन की मांग की थी। दोनों ने ही इस संबंध में पत्र लिखा था। किशोर ने संसदीय कार्यमंत्री से तो मोहम्मद शहजाद ने विधानसभा अध्यक्ष से गैरसैंण के स्थान पर देहरादून में सत्र आहूत करने का अनुरोध किया था। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से भी एक बैठक के दौरान पुलिस अधिकारियों ने गैरसैंण में सत्र न आहूत करने का आग्रह किया था।

शासन और पुलिस के अधिकारियों से चर्चा के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी सत्र की तारीख व स्थान बदलने के संकेत दिए थे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि चारधाम यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। सभी जिलों में पुलिस भर्ती चल रही है।
ऐसी स्थिति में गैरसैंण में विधानसभा सत्र की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण होगा। इसके अलावा उन्होंने राज्यसभा चुनाव का भी जिक्र किया जो 10 जून को देहरादून में होना है, जबकि सत्र गैरसैंण में तय कर दिया गया था। इस दुविधा से बचाव के लिए उन्होंने सत्र का स्थान व तारीख बदलने के संकेत दिए थे।

 

शराबी पति द्वारा अप्राकृतिक सेक्स, भूखी रखना, मारपीट और अब मिल रही जान मारने की धमकी, पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया

हल्द्वानी, शराबी पति द्वारा अप्राकृतिक सेक्स, भूखी रखने, मारपीट और जान से मारने की धमकियों से त्रस्त एक पत्नी दो साल से मायके में है। अब उसके पति ने उसके मायके में आकर ही धमकी दी है कि यदि वह आज यानी 30 मई तक अपनी ससुराल नहीं लौटी तो उसे जान से मरवा देगा। डरी सहमी पीड़िता पुलिस की शरण में पहुंची है। पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू कर दी है। मामला वनभूलपुरा पुलिस थाना क्षेत्र का है।

मिल रही जानकारी के अनुसार वनभूलपुरा थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले की रहने वाली पीड़िता की शादी आज से नौ साल पहले वर्ष 2013 में बरेली के बहेड़ी निवासी एक युवक से हुआ था। मुस्लिम रीति रिवाज के साथ संपन्न हुए इस विवाह के बाद पीड़िता को दो बच्चे भ्ज्ञी हुए। बड़े बेटे की उम्र इस समय छह वर्ष और छोटभ् बेटी की उम्र चार वर्ष है।

पीड़िता का कहना है कि निकाह के बाद से ही उसके पति का व्यवहार उसके प्रति क्रूरतापूर्ण ही रहा। वह आए दिन शराब पीकर आता और बीवी के साथ मारपीट करता। पीड़िता परिवार को बनाए रखने और लोकलाज के डर से इस बात को दबाए रही। जब पति की हरकते बढ़ीं तो पीड़िता ने अपने परिजनों को इस बारे में बताया इऔर उन्होंने दामाद को काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया।

लेकिन पति पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। वह शराब पीकर घर आता और पत्नी व बच्चों को मारने की धमकी देता। लेकिन अचानक पति का स्वभाव बदला और वह शरबा पीकर पत्नी के साथ unnatural sex करने लगा। बीवी असहज होती तो उसे मारने व घर से निकालने की धमकियां देने लगा।

पीड़िता का आरोप है कि वह कहता कि यदि उसने तलाक लिया तो वह अने गुंडों से उसे मरवा देगा। पति की हैवानियत बढ़ी तो बीवी बच्चों को लेकर दो साल पहले मायके चली गई। तब से वहीं है। पीड़िता के अनुसार 27 मई को पति उसके मायके आया और चेतावनी देते हुए कहा कि 30 मई तक यदि वह उसके साथ घर नहीं लौटी तो उसे जान से मरवा देगा।

डरी सहमी पत्नी कल रात वनभूलपुरा पुलिस थाने पहुंची और अपनी पूरी व्यथा पुलिस को सुनाई। पुलिस ने हवसी पति के खिलाफ domestic violence व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।

बुनकरों, शिल्पकारों और कारीगरों  द्वारा निर्मित उत्पादों की नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में प्रदर्शनी

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देहरादून, रेसकोर्स प्ले ग्राउंड में नेशनल हैण्डलूम एक्सपो मेला लगा हुआ है जहां पर आए दिन लोगों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है | मृगनयनी एक प्रमुख हैंडलूम  साड़ी की आउटलेट  हैं जो हाथ से बुने हुए सुंदर, नवीन डिजाइन और शैलियों साड़ियों के एक विशेष संग्रह पेश करती है। यह प्रसिद्ध हथकरघा साड़ी खुदरा विक्रेता हैं और भारत की महिमा और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चाहे आप एक पारंपरिक  या एक समकालीन साड़ी  चाह रहे हों I हथकरघा साड़ी  आपके सुंदरता को बढ़ा सकती है । मृगनयनी , एम्पोरियम  उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए एक अद्वितीय विपणन आउटलेट है जिसमें चंदेरी साड़ी, चंदेरी प्रिंटेड साड़ी, माहेश्वरी साड़ी, माहेश्वरी प्रिंटेड साड़ी, कॉटन साड़ी बाग और दाबू प्रिंट, तसर सिल्क साड़ी, मालूरी सिल्क साड़ी, चंदेरी सूट, माहेश्वरी सूट, कॉटन सूट बाग बाटिक और डब्बू प्रिंट, डबल और सिंगल बेडशीट। ये सभी प्राकृतिक वेजिटेबल डाई रंगों से रंगे जाते हैं।बुनकरों, शिल्पकारों और कारीगरों  द्वारा निर्मित उत्पादों के माध्यम से मध्य प्रदेश की महिमा को दर्शाते हैं I

उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल अधिकारियों कैसी चमोली शैली डबराल एमएस नेगी गिरीश चंद कुंवर बिष्ट एस पी खंडूरी प्रदीप नेगी आदि उपस्थित है I

Upsc Topper Shurti Sharma: कितने घंटे पढ़ाई की यह मायने नहीं रखता: श्रुति शर्मा

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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल करने वाली श्रुति शर्मा का मानना है कि तैयारी के लिए पढ़ाई कितने घंटे की, यह मायने नहीं रखता है। महत्व इस बात का होता है कि पढ़ाई के दौरान कितनी कुछ सीखा। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के लिए रणनीति बनाकर तैयारी करनी चाहिए। मानसिक एकाग्रता और धैर्य बनाए रखना भी जरूरी है। श्रुति शर्मा ने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि वह अपनी सफलता का श्रेय हर उस व्यक्ति को देना चाहती हैं, जिन्होंने उनका सहयोग किया। उन्होंने अपने माता-पिता, दोस्त, जामिया की कोचिंग सहित उन शैक्षणिक संस्थानों को भी श्रेय दिया, जहां उन्होंने पढ़ाई की। श्रुति का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बिजनौर के बास्टा कस्बे का है। वे दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में रहते हैं। श्रुति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास ऑनर्स में स्नातक और जेएनयू में इतिहास से परास्नातक किया है। वह पिछले दो साल से जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग से पढ़ाई कर रही थी। उन्होंने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसे स्वीकार करेगीं, लेकिन उनकी व्यक्तिगत रुचि शिक्षा और महिला सशक्तिकरण क्षेत्र है। उन्होंने अपनी पहली प्राथमिकता में यूपी कैडर को रखा है। उन्होंने अपनी सफलता का कोई एक मंत्र नहीं बताया, बल्कि कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए एक रणनीति बनाना जरूरी है। जो पढ़ा उसके नोट बनाना, उसे दोहराना और फिर संबंधित विषय पूरी तरह याद कर लेना।

घर पर मां और नानी को पहले बताया परिणाम

श्रुति बताती हैं कि जब परीक्षा परिणाम आया तो घर पर नानी और मां थी। उन्हें सबसे पहले इसकी जानकारी दी। पिता को फोन पर अपनी सफलता के बारे में बताया। उनके पिता सुनील दत्त शर्मा इंजीनियर हैं। परिणाम सुनकर परिवार के सभी सदस्य भावुक हो गए। वह पिछले चार वर्षों से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थीं।

दूसरे प्रयास में मिली सफलता

श्रुति ने बताया कि यह उनका दूसरा प्रयास था। पहले प्रयास में भाषा संबंधी कुछ परेशानी के चलते उन्हें मुख्य परीक्षा हिंदी में देनी पड़ी पड़ी थी। पिछली बार वह एक नंबर से चूक गई थीं। मगर, वह इसे भुलाकर लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाती रहीं। ट्विटर हैंडल पर अब श्रुति शर्मा आईएएस

सोमवार दोपहर को जैसे ही परिणाम घोषित हुए श्रुति के ट्विटर हैंडल पर उनका नाम भी बदल गया। श्रुति ने अपने नाम के आगे आईएएस जोड़ दिया। साथ ही अपनी प्रोफाइल पिक्चर को भी अपडेट कर दिया। श्रुति को हर कोई सोशल मीडिया पर तलाशने लगा। उनके साक्षात्कार से लेकर उनके वीडियो तेजी से वायरल होने लगे। इंस्टाग्राम, ट्वीटर, फेसबुक पर श्रुति टॉप ट्रेंडिंग में थीं। हर प्लेटफॉर्म पर उन्हें बधाई दी जा रही थी।

कुछ देर तक तो विश्वास ही नहीं हुआ

अपनी सफलता से उत्साहित श्रुति शर्मा ने कहा कि वह यूपीएससी परीक्षा में पास होने को लेकर तो आश्वस्त थीं, मगर पहली रैंक की उम्मीद नहीं थी। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वह पहले स्थान पर हैं।

LIC के IPO में पैसा लगाने वालों के लिए घोषित हुआ डिविडेंड, जानिए खातों में आएंगे कितने पैसे

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देश की प्रमुख बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानि LIC ने लिस्टिंग के बाद अपने पहले तिमाही नतीजों की घोषणा की है। जनवरी से मार्च की तिमाही में कंपनी का कुल लाभ 18 प्रतिशत घटकर 2371 करोड़ रुपये पर आ गया है।

पिछले साल जनवरी से मार्च तिमाही में कंपनी का कुल लाभ 2917.33 करोड़ रुपए था।

इसी के साथ LIC ने अपने शेयरधारकों को डिविडेंड की घोषणा की है। निवेशकों को 1.50 रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड मिलेगा। इसी महीने आए LIC के आईपीओ में शेयर खरीदने वाले निवेशकों को प्रति शेयर के हिसाब से यह डिविडेंड प्रदान किया जाएगा।

घटा लाभ लेकिन बढ़ी आमदनी

LIC ने अपने तिमाही नतीजे जारी करते हुए बताया कि भले ही तिमाही में कंपनी के मुनाफे में सेंध लगी हो लेकिन इस तिमाही में कंपनी की प्रीमियम से होने वाली आमदनी 18% बढ़कर 1.44 लाख करोड़ रुपए रही। वहीं एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी की आमदनी 1.22 लाख करोड़ रुपए थी।

LIC का IPO में हुआ था घाटा

LIC ने 17 मई को अपना 21,000 करोड़ रुपए का IPO लॉन्च किया था। मार्केट में LIC के शेयर्स की लिस्टिंग डिस्काउंट के साथ हुई थी। NSE पर LIC का शेयर 77 रुपए, यानी 8.11% नीचे 872 रुपए पर लिस्ट हुआ था। वहीं, BSE पर ये 867 पर पर लिस्ट हुआ था। IPO के इश्यू प्राइस से अब तक LIC के शेयरों का भाव 15% तक गिर चुका है। सरकार ने LIC में अपनी 3.5% हिस्सेदारी बेचकर करीब 21,000 करोड़ रुपए हासिल किए हैं।

क्या होता है डिविडेंड?

जब कोई कंपनी अपने मुनाफे का एक हिस्सा शेयरधारकों में बांटती है तो उसे लाभांश या डिविडेंड कहा जाता है। कुछ कंपनियां अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा देती रहती हैं। मुनाफे का यह हिस्सा वे शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में देती हैं

50 लाख का होम लोन 20 साल की बजाय 10 साल में ऐसे चुकाएं, बचेंगे 31 लाख रुपये

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नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए 2 साल बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू कर दिया है. मई की शुरुआत में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की है.

इस वजह से होम लोन सहित सभी तरह के कर्ज महंगे हो गए हैं. आने वाले दिनों में आरबीआई ब्याज दरों में और बढ़ोतरी करेगा, इस बात के पूरे संकेत मिल चुके हैं.

नए जमाने के होम लोन ग्राहक बेहतर सुविधा चाहते हैं. होम लोन के लिए बैंक या वित्तीय कंपनी चुनते समय वे ब्याज दरों से ज्यादा दूसरी सुविधाओं को देखते हैं. उनकी कोशिश होती है कि प्री-पेमेंट के जरिये जल्द से जल्द लोन खत्म कर दिया जाए. इसलिए वे इस बारे में बैंकों से ज्यादा जानकारी हासिल करते हैं. हम आपको यहां बता रहे हैं कि कैसे ज्यादा से ज्यादा लोन की राशि को कम समय में चुका दिया जाए. इसके लिए आप इन विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

प्री-पेमेंट करें

प्री-पेमेंट के जरिये आप कम समय में अपना होम लोन चुका सकते हैं. इसके तहत बैंक एवं फाइनेंस कंपनी ग्राहकों को ये सुविधा देती हैं कि वे लोन अवधि के दौरान जब चाहें ईएमआई (मासिक किस्त) के अलावा जितनी चाहें उतनी राशि का प्री-पेमेंट कर सकते हैं. यह राशि होम लोन के प्रिसिंपल अमाउंट से कट जाता है यानी आपका प्रिसिंपल अमाउंट कम होता जाता है. इसका फायदा यह होता है कि न सिर्फ लोन की अवधि कम हो जाती है बल्कि ब्याज के रूप में भी एक बड़ी राशि आप बचा सकते हैं.

कैसे करें प्री-पेमेंट

इसके तहत आप दो तरीके से प्री-पेमेंट कर सकते हैं. होम लोन ग्राहक अपनी आर्थिक क्षमता के हिसाब से इसका चुनाव कर सकते हैं. या तो बीच-बीच में एकमुश्त प्री-पेमेंट करते रहें या फिर थोड़े-थोड़े अंतराल पर या हर महीने कुछ-कुछ राशि का प्री-पेमेंट करते रहें. जब भी आपके पैसा बड़ा अमाउंट आए या खर्च से अतिरिक्त राशि बचे तो प्री-पेमेंट कर दें. अगर हर साल बोनस मिलता है तो उसका भी इस्तेमाल प्री-पेमेंट में कर सकते हैं.

प्री-पेमेंट करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है या फिक्स्ड रेट पर. फिक्स्ड रेट पर लोन लेने वाले ग्राहकों द्वारा प्री-पेमेंट करने पर बैंक प्री-पेमेंट चार्ज वसूलते हैं. अगर आप सिस्टमेटिक पार्ट पेमेंट यानी हर महीने थोड़ा-थोड़ा प्री-पेमेंट का विकल्प चुनते हैं तो इसके आपको काफी आसानी होगी. इससे आप पर ज्यादा आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा और आप भविष्य में बड़ी राशि भी बचा सकेंगे.

उदाहरण के तौर पर अगर आपने 50 लाख रुपये का होम लोन 7 फीसदी ब्याज पर 20 साल के लिए लिया है तो आपकी ईएमएआई 38,765 रुपये बनेगी. पहले महीने की ईएमआई में से 9,598 रुपये मूलधन और बाकी 29,167 रुपये ब्याज की राशि होगी. धीरे-धीरे मूलधन की राशि बढ़ती जाएगी और ब्याज की राशि घटती जाएगी. शुरुआती कुछ सालों में ईएमआई में ज्यादातर हिस्सा ब्याज का ही होता है. ऐसे में अगर आप प्री-पेमेंट का विकल्प चुनते हैं और हर महीने 19,600 रुपये प्री-पेमेंट करते हैं तो 10 साल में आपका पूरा लोन चुकता हो जाएगा. साथ ही आप 30,87,266 रुपये का ब्याज बचा सकेंगे.

खाद्य तेलों के थोक भाव में गिरावट तो 190-210 रुपये लीटर क्यों बिक रहा सरसों तेल? जमकर मुनाफा काट रहे दुकानदार

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नई दिल्ली  । देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में बीते हफ्ते सभी तेल-तिलहनों की थोक कीमतों में गिरावट दर्ज हुई। बाजार सूत्रों ने दावा किया कि खाद्य तेल-तिलहनों के थोक भाव में गिरावट आई है। यह पूछे जाने पर अगर गिरावट आई है, तो आम उपभोक्ताओं को 190-210 रुपये लीटर या उससे अधिक कीमत पर सरसों तेल क्यों मिल रहा है, सूत्रों ने कहा कि यह वास्तविकता है कि थोक भाव कम हुए हैं।
थोक विक्रेता आगे सप्लाई करने के लिए खुदरा कंपनियों को 152 रुपये लीटर (अधिभार सहित) के हिसाब से आपूर्ति कर रहे हैं। खाद्य तेल के एक प्रमुख ब्रांड ने शनिवार को 152 रुपये लीटर के भाव बिक्री की है, लेकिन खुदरा कंपनियां यदि इस कीमत में मनमानी वृद्धि कर रही हैं, तो सरकार को उसपर अंकुश लगाने के बारे में सोचना चाहिये। छापेमारी से कुछ हासिल नहीं होगा उल्टा इससे तेल कारोबार की सप्लाई चेन प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि छापेमारी के बजाय केवल बाजार में घूम-घूम कर खुदरा विक्रेता कंपनियों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की जांच की जाये, तो समस्या की जड़ में पहुंचा जा सकेगा।
खुदरा में सरसों तेल अधिकतम 158-165 रुपये लीटर
सूत्रों ने कहा कि थोक बिक्री मूल्य के हिसाब से खुदरा में सरसों तेल अधिकतम 158-165 रुपये लीटर तथा सोयाबीन तेल अधिकतम 170-172 रुपये लीटर मिलना चाहिये। इस कीमत पर उपभोक्ताओं को खाद्य तेल आपूर्ति के लिए सरकार को यथासंभव प्रयास करना होगा।
सरसों दादरी तेल 200 रुपये टूटा
सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 100 रुपये टूटकर 7,415-7,465 रुपये प्रति च्ंिटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल 200 रुपये टूटकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 14,850 रुपये च्ंिटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 30-30 रुपये की नुकसान के साथ क्रमश: 2,335-2,415 रुपये और 2,375-2,485 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।
सोयाबीन इंदौर में 250 रुपये की गिरावट
सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के थोक भाव क्रमश: 225-225 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 6,800-6,900 रुपये और 6,500-6,600 रुपये प्रति च्ंिटल पर बंद हुए। गिरावट के आम रुख के अनुरूप समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतें नुकसान के साथ बंद हुईं। सोयाबीन दिल्ली का थोक भाव 250 रुपये की नुकसान के साथ 16,400 रुपये, सोयाबीन इंदौर 250 रुपये की गिरावट 15,750 रुपये और सोयाबीन डीगम का भाव 450 रुपये की गिरावट के साथ 14,800 रुपये प्रति च्ंिटल पर बंद हुआ।
गिरावट के आम रुख के विपरीत मूंगफली तेल की निर्यात मांग के कारण पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव लाभ दर्शाते बंद हुए। मूंगफली दाना तो अपने पूर्वस्तर पर बना रहा, जबकि मूंगफली तेल गुजरात 350 रुपये के सुधार 16,000 रुपये प्रति च्ंिटल पर बंद हुआ। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव भी 45 रुपये सुधरकर 2,670-2,860 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
सीपीओ का भाव भी 350 रुपये टूटा
समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी बाजारों में अधिक कीमत होने और उसी के अनुरूप मांग कमजोर होने की वजह से कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव भी 350 रुपये टूटकर 14,500 रुपये क्विंटल, पामोलीन दिल्ली का भाव 350 रुपये टूटकर 16,000 रुपये और पामोलीन कांडला का भाव 350 रुपये टूटकर 14,850 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल का भाव 300 रुपये टूटकर 14,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

तिलाड़ी काण्ड की शहादत पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच अर्पित किये श्रद्धा सुमन

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देहरादून, उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा तिलाड़ी काण्ड की शहादत पर याद कर उनको भावभीनी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
केशव उनियाल व जगमोहन नेगी ने बयान जारी करते हुए आज ही दिन 30 मई उत्तराखंड के इतिहास में एक रक्तरंजित तारीख है. इसी दिन 1930 में तत्कालीन टिहरी रियासत के राजा नरेंद्र शाह ने रंवाई के तिलाड़ी स्थित मैदान में अपना स्थानीय जलियांवाला बाग काण्ड रच डाला था जिसमे लगभग 200 लोग शहीद हुए।
ओमी उनियाल व प्रदीप कुकरेती के साथ रामलाल खंडूड़ी ने बताया कि जंगलों पर अपने अधिकारों के लिए तिलाड़ी मैदान में जमा हुए सैकड़ों लोगों को राजा की फ़ौज ने तीन तरफ से घेर लिया. चौथी तरफ यमुना नदी अपने प्रचंड वेग से बहती है. बिना किसी चेतावनी के राजा की फ़ौज ने निहत्थे लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई. कुछ गोलियों का शिकार हुए, कुछ ने बचने के लिए यमुना में छलांग लगा दी, वे नदी की तेज धारा में बह गए।
जयदीप सकलानी एवम पुरण सिंह लिंगवाल ने कहा कि इतिहास गवाह है कि प्राचीन समय से आज तक उत्तराखंड वासियों को अपने हक़ अपने अधिकारों और सुविधाओं को लेने के लिए हमेशा संघर्ष करना पड़ा है। उत्तराखंड का इतिहास अनेकों आंदोलनों से भरा पड़ा है। अपने हक़ हकूक की लड़ाई में अनेक उत्तराखंडी भाई बहिनो ने अपना जीवन न्योछावर किया है। अपने हको के लिए हुए अनेक आंदोलनों में से एक चर्चित आंदोलन , तिलाड़ी आंदोलन या तिलाड़ी कांड अपने हक़ की मांग करते लोगो पर अत्यचार का एक काला अध्याय है।
श्रद्धा सुमन करने में ओमी उनियाल , जयदीप सकलानी , जगमोहन सिंह नेगी , प्रदीप कुकरेती , रामलाल खंडूड़ी , केशव उनियाल , सुरेश नेगी , वेदा कोठारी , सतेन्द्र भण्डारी , प्रभात डंडरियाल , पूरण सिंह लिंगवाल , राकेश नोटियाल , सुदेश सिंह , वीरेन्द्र सकलानी एव गौरव खंडूड़ी थे।

महिला सशक्तिकरण का पर्याय-प्रज्ञान कलादीर्घा : उत्तराखण्ड में भी एक और शान्तिनिकेतन की स्थापना की जा सकती है : बाबला

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देहरादून, विश्वभारती शान्तिनिकेतन, बंगाल से कला की शिक्षा प्राप्त ख्याति प्राप्त चित्रकार, मूर्तिकार साहित्यकार, श्रेष्ठ गायक, बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जो
युवावस्था से ही महान विभूतियों के निकट व उनके चहेते एवं उनकी प्रशंसा के पात्र रहे।भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद नई दिल्ली (ICCR) द्वारा निर्भया काण्ड के
उपरान्त ज्ञानेन्द्र जी की कला प्रदर्शनी दर्शकों पर अपनी अलग ही छाप, अलग संदेश
छोड़ने में सफल रही थी। ICCR द्वारा आयोजित आपकी भजनों/गजलों की संगीत
संध्याऐं, दिल्ली दूरदर्शन द्वारा भजनों का प्रसारण आपको उच्च कोटि का संगीतज्ञ भी
साबित करती है। विशेषकर आपका ख्यातिप्राप्त प्रिय भजन “दुखः चन्दन होता है जिसके
माथे पर लगा जाता पावन होता है जो अक्सर अटल जी. इन्दिरा जी. डा० कर्ण सिंह,
कमलेश्वर, हरिवंशराय बच्चन जैसे अनेक विभूतियों को प्रिय था। श्री ज्ञानेन्द्र ने शान्तिनिकेतन के साथ-साथ इंग्लैण्ड व आस्ट्रिया से भी कला की
उच्च शिक्षा प्राप्त की। आप गुरूकुल कांगड़ी महाविद्यालय के छात्र भी रहे हैं। समय-समय
पर ज्ञानेन्द्र जी के साक्षात्कार दूरदर्शन, आकाशवाणी एवं अन्य चैनलों पर प्रसारित होते रहे
हैं आपके प्रभात-गीत नामी-गरामी स्कूलों में आज भी Prayer में गाये जाते हैं।
कला-प्रेमियों, छात्रों, कलाकारों एवं कला मर्मज्ञों के अनुरोध पर क्रियान्वित “प्रज्ञान”
कलादीर्घा का, नारी के प्रति उनकी अपार श्रद्धा एवं सम्मान की प्रतीक मेहनतकश
महिलाओं के द्वारा आज 29-5-2022 को प्रातः 11:15 पर शुभारम्भ किया गया। जो समाज के लिये अलग उदाहरण और प्रेरणादायक रहा।
मंत्र मुग्ध करने वाली चित्रों एवं मूर्तियों की इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्रों में प्रारम्भ
में ही “वातावरण का दबाव”, “पूर्व की ओर”, “कयास”, “चेष्टा”, “आलिंगन मुख्य रूप से
आकर्षित करते हैं। रंगो के साथ घुमती रेखाएं भी अपना अलग प्रभाव छोड़ती हैं और
दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले चित्रों में
भटकती आत्मा, दुआ, आत्म विश्वास, उलझन, आस्था आदि में रंगो का संयोजन आपनी
अलग ही छटा बिखेरते हैं। कलाकार के चित्रों का प्रस्तुतिकरण अपने आप में प्रभावशाली
बन पड़ा है। कलाकार द्वारा शान्तिनिकेतन की परम्परा को बनाये रखने का प्रयास किया
गया है जो प्रशंसनीय है।
शान्तिनिकेतन में बनाये चित्रों में परम्परागत चित्रों से लेकर आधुनिक अमूर्त
चित्रकला की सफल यात्रा इस कलादीर्घा “प्रज्ञान” में स्पष्ट नजर आती है।
कलादीर्घा भविष्य में उत्तराखण्ड की एक अलग पहचान बनने में भी सफल होगी,
जैसा कि केदारनाथ आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापना, 2013 की त्रासदी एवं पुर्ननिर्माण को
परिलक्षित करती 15 फीट लम्बी स्क्रोल पेन्टिंग में भी उजागर होता है जो कलाकार द्वारा
पुर्ननिर्माण से पूर्व ही चित्रित कर ली थी।
हैं। जिनमें विशेषकर अटल बिहारी बाजपेयी, महामहिम राष्ट्रपति डा० शंकर दयाल शर्मा,
जार्ज बुश, क्वीन एलिजाबेथ डा० हरिवंशराय बच्चन, बी०डी० जत्ती, डा० भगतशरण
उपाध्याय, राजीव गांधी, इन्दिरा गांधी के नाम लिए जा सकते हैं। ऐसा कलादीर्घा में
प्रदर्शित उनके पत्रों से भी परिलक्षित होता है। देश विदेशों में भी ज्ञानेन्द्र जी की कला
प्रदर्शनीयों ने ख्याति प्राप्त की एवं सराही जाती रहीं। पर्यावरणविद्, साहित्यकार, रंगकर्मी, समाज सेवी एवं समीक्षक जगदीश बाबला ने अपने उदबोधन में इस बात पर जोर दिया कि यदि सरकार अल्मोड़ा स्थित
गुरूदेव नाथ टैगोर की पारिवारिक भूमि जिस पर गुरुदेव शान्ति निकेतन की स्थापना
करना चाहते थे को ज्ञानेन्द्र जी के अनुभव का उनकी बहुमुखी प्रतिभा का लाभ उठाकर
उनके मार्गदर्शन में गुरूदेव की प्रथम इच्छा (परिकल्पना) को मूर्तरूप देकर उत्तराखण्ड में
भी एक और शान्तिनिकेतन की स्थापना की जा सकती है जो पर्यटन एवं शिक्षा की दृष्टि
में एक श्रेष्ठ स्थल का रूप ले सकता है। जो विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाने
में सफल हो सकता है।कलादीर्घा के शुभारम्भ पर सिमित संख्या में चुनिन्दा बुद्धिजीवियों, कलाकारों, कला
प्रेमियों को ही आमंत्रित किया गया था। जिनमें डॉ. प्रकाश थपलियाल (लेखक पूर्व
अधिकारी क्षेत्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय), अजीज हसन (ख्याति प्राप्त समाचार वाचक)
वरिष्ठ अधिवक्ता ओ0पी0 सकलानी, कवि महेन्द्र प्रकाशी, उर्मिला प्रकाशी, पर्यावरणविद्
जगदीश बाबला, वरिष्ठ पत्रकार, जय सिंह रावत, डा० पाटिल, डा० महेश अग्रवाल, डा०
ए०वी० वर्मा (H.O.D.) संगीतज्ञ उत्पल सामंत, डा० वृज किशोर गर्ग, दीपक कनौजिया,
मौ० मोईन, जाकिर हुसैन, रवि कपूर, राजेश डोभाल, डा० (मिसेज) चाला, अधिवक्ता
राणा, डा० मनोज अग्रवाल, श्यामल कान्त बासू, विन्की सिंह, संजय सिंह, डा० अमरदीप,
माया सक्सेना, कवि राजेश डोभाल, आदि उपस्थित रहे। कलादीर्घा को सफल बनाने मे
छवि जैन, कृति कुमार एवं क्षिति, शीलजा एवं दक्ष जैन का विशेष योगदान प्रशंसनीय रहा।

उत्तराखंड में कोरोना के 6 नए केस

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देहरादून। उत्तराखंड में 24 घंटे के भीतर कोरोना के 6 नए मरीज मिले हैं। जबकि, 21 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं। वहीं, एक्टिव केस की संख्या 54 पहुंच गई है। राहत की बात ये है कि पिछले 24 घंटे में एक भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है। प्रदेश में सैंपल पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 0.35% है। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, एक जनवरी 2022 से लेकर अभीतक प्रदेश में 92,793 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से 89,201 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 96.13% है। वहीं, इस साल अब तक 275 मरीजों की मौत हुई है।
पिछले 24 घंटे में देहरादून में 2 कोरोना मरीज मिले हैं। वहीं, हरिद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी से एक-एक केस सामने आए हैं। इसके अलावा बाकी जिलों में कोई नया कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। वहीं, अल्मोड़ा, टिहरी और उधमसिंह नगर जिला कोरोना मुक्त हैं।
वैक्सीनेशन: प्रदेश में सोमवार को 11,499 लोगों का कोविड वैक्सीनेशन हुआ है। अभी तक कुल 83,69,902 लोग फुल वैक्सीनेट हो चुके हैं। वहीं, 3 जनवरी से शुरू हुए 15 से 17 साल के बच्चों के टीकाकरण में अभी तक 4,00,246 बच्चों को फुल वैक्सीनेट किया गया है। जबकि 5,18,984 बच्चों को पहली डोज लग चुकी है। वहीं, 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों को 3,57,269 पहली डोज और 1,60,620 बच्चों को दोनों डोज लग चुकी है।