Wednesday, May 14, 2025
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असफल आर्थिक-नीतिगत फैसलों के कारण संकट से गुजरता श्रीलंका, भारत के लिए सबक

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(जय प्रकाश पाण्डेय)

असफल आर्थिक-नीतिगत फैसलों , बढ़ते सामाजिक धार्मिक वैमनस्य और भ्रष्टाचार के साथ परिवारवाद ने प्रति व्यक्ति आय के लिए एशिया में चर्चित , चाय और पर्यटन के लिए विश्व में विख्यात, श्रीलंका को एशिया-प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक संकट से गुजर रहे ,विदेशी ऋण चुकाने में असमर्थ, दिवालियेपन के करीब पहुंच चुके देश के रूप में स्थापित कर दिया है ।
हालंकि आनन फानन में राष्ट्रपति राजपक्षे ने जनमंशा और विरोध प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को नया पदभार दे दिया गया है लेकिन यक्ष प्रश्न उठकर सामने आ रहे हैं वो ये हैं कि आखिर श्रीलंका की इस स्थिति का दोषी कौन है ? क्या भारत भी ऐसे किसी संकट का सामना भविष्य में कर सकता है ?

सामन्यतया श्रीलंका को आयात आधारित अर्थव्यवस्था माना जाता है । अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को आयात करने वाला यह देश अपने देश की ऊर्जा आवश्यकताओं,खाद्य सामग्रियों और यहां तक की देश के अवसंरचनात्मक विकास हेतु भी विदेशी ऋण पर आश्रित है । यूक्रेन रूस विवाद के चलते तेल की उपलब्धता में कमी और कीमतों में आए उछाल ने श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को और भी खराब किया है । केवल पर्यटन, चाय और रबड़ के निर्यात के आधार पर आगे बढ़ते श्रीलंका में कृषि एवं उद्योगों को विविधता प्रदान करने की आवश्यकता के विषय में सोचा ही नहीं गया और चीन के साथ यह निर्भरता पिछले एक दशक में बढ़ती गई है ।

वर्ष 2019 में ही पॉपुलर राजनीति के तहत श्रीलंका में करों में भारी कमी की गई । वैट को 15 प्रतिशत से कम कर 8 प्रतिशत किया गया । इसी प्रकार लगभग 7 अन्य करों को खत्म किया गया । इससे सरकार के राजस्व में कमी आई | अप्रैल 2021 में विदेशी रासायनिक उर्वरकों पर प्रतिबंध लगाया गया। जैविक खेती (ऑर्गेनिक) की नीति को ध्यान में रखने के साथ साथ उर्वरकों के कारण आयात में खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा को बहिर्गमन से रोकने का यह प्रयास था। पूरे देश में जैविक (ऑर्गेनिक) खेती की अवसंरचना को विकसित करने का त्वरित फैसला बाहरी रासायनिक उर्वरकों के आयात में सम्पूर्ण प्रतिबंध के साथ सामने आया । उर्वरकों की अनुपलब्धता से परंपरागत खेती कर रहे किसानों को अत्यंत हानि हुई और श्रीलंका के उत्पादन में काफी कमी आई और कम उत्पादन के कारण अनाज का आयात करना श्रीलंका की मजबूरी बन गया । इस आयात का शुल्क चुकाने में पहले से ज्यादा विदेशी मुद्रा का बहिर्गमन हुआ । और इन नीतियों से प्रभावित किसान परिवारों को मुआवजों देने के लिए सरकारी कोष से प्रचुर राशि का व्यय किया गया और इस तरह पहले से खाली खजाने और खाली होते गए ।

वर्ष 2018 में ईस्टर चर्च में हमले, सिंहली बनाम बाहरी विवाद और बौद्ध धर्म अतिवादिता से भी श्रीलंका के पर्यटन में कमी आनी शुरू हुई । कोविड के बाद पर्यटन सबसे ज्यादा प्रभावित रहा जिस कारण एक आर्थिक वैक्यूम पैदा हुआ जिसने श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को दबावग्रस्त कर दिया ।

आज सिंहल बौद्धों की बहुसंख्यक आबादी के तथाकथित आदर्श नेता पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपनी जिंदगी को बचाने हेतु देश छोड़ने पर विवश हुए हैं और आम जनमानस परिवारवाद की इस राजनीति में ईधन,भोजन के साधनों की जुगत में संघर्षरत है |

इतिहास को देखें तो हम पाते हैं वर्ष 1956 में आए सिंहला अधिनियम से सामाजिक विषमताओं का उद्भव श्रीलंका में होना शुरू हुआ था । सिंहली भाषा को राजभाषा बनाए जाने के आलोक में तमिल और सिंहली के बीच के विवाद की स्थिति को इस अधिनियम ने जन्म दिया । यह वह समय था जब भारत में भी भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन हो रहा था । इसी समय पाकिस्तान में भी पूर्वी पाकिस्तान के ऊपर भाषाई अतिवादिता को थोपा जा रहा था । वर्ष1950 तक प्राथमिक उत्पादों के प्रचुर उत्पादन और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग के चलते श्रीलंका की आर्थिक स्थिति मजबूत थी । सन 1950 के बाद यह आर्थिक स्थिति कमजोर होते गई और श्रीलंका ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ )का दरवाजा खटखटाया । अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ )के शर्त आधारित अनुदान को प्राप्त कर श्रीलंका में विरोधस्वरूप व्यापक प्रतिक्रियाएं हुई और इसी क्रम में श्रीलंका में समाजवादी सरकार के रूप में सीरिमावो भंडारनायके की सरकार आई । भारत इस समय गरीबी हटाओ के अभियान को देश में लागू कर रहा था और श्रीलंका भी समाजवाद को केंद्र में रखकर सामाजिक,आर्थिक विकास की नीतियों में चलने लगा । भविष्य में 1970 में आए तेल संकट के दौर में समाजवादी योजनाएं असफल साबित हुई और राजकोषीय घाटे , राजस्व घाटे और बढ़ते आर्थिक संकट ने भंडारनायके के स्थान पर राष्ट्रपति जयवर्धने को श्रीलंका की राजनीति के केंद्र में स्थापित किया और श्रीलंका आर्थिक उदारीकरण,समाजवाद और फिर से आर्थिक उदारीकरण के राह में श्रीलंका आगे बढ़ा।

यही वह समय था जब सिंहल -बौद्ध राष्टवाद का जन्म श्रीलंका में होता है। इन्हीं सब परिस्थितियों के आलोक में गृह युद्ध का आरंभ हुआ जो वर्ष 1976 में लिट्टे के गठन के साथ वर्ष 1983 तक अपने चरम पर पहुंचा और वर्ष 2005 में महिद्रा राजपक्षे का श्रीलंका की राजनीति में प्रदार्पण हुआ ।

वर्ष 2009 तक श्रीलंका लिट्टे के खिलाफ युद्ध, भ्रष्टाचार , सिंहली -तमिल दंगे आदि आंतरिक विवादों से जूझता रहा । लिट्टे की मृत्यु के बाद राजपक्षे ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ केऔर भारत की जगह व्यवसायिक ऋण का सहारा चीन से लेना शुरू किया । वर्ष 2019 में ईस्टर ब्लास्ट के बाद तो राजपक्षे परिवार को सिंहली पहचान के रूप में पेश किया जाने लगा। और चीन के साथ नए संबंधों पर कार्य शुरू हुआ |

बिजली की कमी से जूझते विद्यालय,गिरते स्वास्थ्य स्तर, भोजन,दवाइयों और ईंधन की किल्लत से जूझते श्रीलंका में वर्तमान में 70 प्रतिशत तक महंगाई बढ़ चुकी है । हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए घर पर कब्जा कर लिया है । शिक्षा, स्वास्थ्य और आमदनी के आधार पर देखें तो वर्ष 2020 में श्रीलंका मानव विकास सूचकांक में 72 वें स्थान पर था जबकि भारत का स्थान 131 था । विश्व बैंक के अनुसार 2020 श्रीलंका की साक्षरता दर लगभग 92 प्रतिशत थी जबकि भारत की 78 प्रतिशत थी । विश्व के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं मूलतः भारत से संबन्धित एक अर्थशास्त्री ने तो एक समय में भारत को इन्हीं आकड़ों के कारण श्रीलंका से पीछे बताया था | ऐसे बुद्धिजीवियों के ही तर्कों और तोड़े मोड़े बयानों के आधार पर श्रीलंका के सामने भारत को रखकर कुछेक बुद्धिजीवी लोग भारत में भी ऐसी स्थिति होने के आंशिक अनुमान कर रहे हैं । ये वहीं लोग हैं जिन्होने आकड़ों के खेल में विशारद की उपाधि हासिल की है लेकिन इन सबके बीच यह ध्यातव्य है कि भारत इस वर्ष अभी तक 3.5 अरब डॉलर की मदद श्रीलंका को कर चुका है । यह मदद भोजन , रसद सामग्री के अतिरिक्त की गयी मदद है | ऊर्जा संकट के बीच भारत की तेल कंपनियाँ श्रीलंका तो तेल भी उपलब्ध करवा रही हैं |
अगर बात करें श्रीलंका और भारत के तुलनात्मक आर्थिक परिदृश्य की तो हम पाते हैं कि श्रीलंका में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सापेक्ष ऋण का अनुपात 100 प्रतिशत से ऊपर है जबकि भारत में यह लगभग 50 प्रतिशत के आसपास है | किसी भी देश के लिए जीडीपी के सापेक्ष ऋण का 59 प्रतिशत से ज्यादा का अनुपात अनूकूल नहीं माना जाता | अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार श्रीलंका का सकल ऋण जीडीपी के प्रतिशत के आधार पर वर्ष 2016 में 79.02 प्रतिशत था जो की वर्ष 2021 में बढ़ाकर 111.42 प्रतिशत हो गया । श्रीलंका का आधे से अधिक ऋण विदेश आधारित है जबकि भारत का मात्र 3 प्रतिशत के आसपास का ऋण विदेश आधारित है । इन आंकड़ों के आलोक में उन बुद्धिजीवियों से प्रश्न किया जा सकता है जिनको भारत में भविष्य का श्रीलंका नजर आ रहा है । हां यह जरूर है कि भारत के कुछ राज्यों जैसे पंजाब और पश्चिम बंगाल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सापेक्ष ऋण का अनुपात 50 प्रतिशत से ऊपर है | कुछ राज्यों जैसे जम्मू कश्मीर, छतीसगढ़, मध्यप्रदेश में वित्तीय घाटा 4 प्रतिशत की सीमा को लांघता हुआ नजर आ रहा है लेकिन मजबूत मौद्रिक नीतियों और दूरगामी नीतियों के संरक्षण में हमारा देश आगे बढ़ रहा है और इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए ।

नब्बे के दशक में भारत के राजकोषीय एवम खाद्यान्न संकट को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने जिन शर्तों के तहत संभाला था उसकी ऊष्मा आज भी महसूस की जा सकती है । यही कारण है कि भारत ने खाद्यान्न सुरक्षा में आज आत्मनिर्भरता ही हासिल नहीं की है बल्कि विश्व के जरूरतमंद देशों को भी हम आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं । खाद्यान्न भंडार में हमने नवीन ऊंचाइयों को छुआ है । भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने की तरफ लगातार प्रयास किए हैं ।

करेंसी स्वैप समझौते के द्वारा भारत ने पूर्व में ही अपने विदेशी कूटनीति के द्वारा विश्व के 23 देशों के साथ भविष्य में हो सकने वाली चुनौतियों को संबोधित किया है तो वहीं तेल के सामरिक रिजर्व (स्टेटेजिक रिजर्व ) बनाकर अकस्मात उत्पन्न होने वाली संवेदनशील स्थितियों में देश की ऊर्जा आवश्यकताओं का भी ख्याल रखा है । हालंकि अभी ऐसे सामरिक भंडारों को बढ़ाए जाने की आज आवश्यकता है । भारत में वर्तमान में विदेशी मुद्रा भंडार वर्ष 2014 के 322 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर लगभग 580 बिलयन अमेरिकी डॉलर पहुँच चुका है जो कि निर्यात के क्षेत्र में किए जा रहे नवोन्मेषों का ही प्रतिफल है | दुखद यह है कि वैश्विक मंच में भारत की मजबूत होती साख के इन प्रतीकों के उलट अखबारों के संपादकीय लेखों और समाचार चैनलों में भारत की श्रीलंका जैसी स्थिति होने की संभावनाओं पर विचार मंथन किया जा रहा है |

यह विचार मंथन होना आवश्यक है लेकिन इसके विषय होने चाहिए कि भाई भतीजावाद, वंशवाद , परिवारवाद के क्या प्रभाव किसी देश की प्रगति में पड़ते हैं और भारत इन सबके बीच कहां खड़ा है । विचारमंथन होना चाहिए की भारत के साथ तमाम समझौतों को तोड़ने वाले देशों को जरूरत के समय क्यों भारत मदद करता आया है | विचारमंथन होना चाहिए कि अपने नीतिगत निर्णयों को कैसे आम जनमानस तक प्रचारित प्रसारित कर जनमानस से सामंजस्य बनाकर कार्य भारत में हों | विचारमंथन होना चाहिए वंशवाद और भ्रस्टाचार को रोकने में आम भारतीय नागरिक की भूमिका पर और ऐसा चिंतन मनन आज वक़्त की मांग है |
(लेखक जय प्रकाश पाण्डेय स्वतंत्र स्तंभाकार,पूर्व बैंक अधिकारी, एवं किरोड़ीमल महाविद्यालय,दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व महासचिव रहे हैं)

किराएदारों और मजदूरों को दस्तावेजों के सम्बन्ध में प्रस्तुत करना होगा शपथपत्र और अपने मूल थाने की सत्यापन रिपोर्ट/चरित्र प्रमाण पत्र

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देहरादून, बाहरी राज्यों से उत्तराखण्ड में आकर कार्यरत एवं निवास कर रहे लोगों को अब सत्यापन प्रारूप में महज सामान्य विवरण देने के साथ ही उनके दस्तावेज सही हैं या नहीं इसके संबंध में एक शपथपत्र भी प्रस्तुत करना होगा। इसके साथ ही सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा अपने साथ लायी गयी उनके मूल स्थान की सत्यापन रिपोर्ट/चरित्र प्रमाण पत्र की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी। यह सभी दस्तावेज उन्हें मकान मालिक/प्रबन्धक/स्वामी के माध्यम से स्थानीय पुलिस थाने को प्रस्तुत करना होंगे।

उल्लेखनीय है कि बाहरी राज्यों से उत्तराखण्ड में आकर कार्यरत एवं निवासरत व्यक्तियों के भौतिक सत्यापन के सम्बन्ध में पूर्व में निर्गत एसओपी में संशोधन किया गया है। जिसके अनुसार उपरोक्त निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध उत्तराखण्ड पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 83 के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही सत्यापन के सम्बन्ध में कूटरचित दस्तावेज या गलत शपथपत्र प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जाएगी।

अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने बताया कि बाहरी राज्यों को भेजे गये कतिपय सत्यापन प्रपत्रों पर सम्बन्धित बाहरी जनपद/थाने से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है, जिससे व्यक्ति द्वारा पुलिस को प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों की पुष्टि नहीं हो पाती है। इस संशोधन से सत्यापन प्रक्रिया सख्त बनेगी और संदिग्ध लोगों पर नजर रखकर कार्यवाही की जा सकेगी।

सीबीएसई का 12वीं का रिजल्ट जारी, देहरादून रीजन का 85.39 प्रतिशत रहा रिजल्‍ट

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देहरादून, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 12वीं का परिणाम जारी कर दिया। देहरादून रीजन का 12वीं परीक्षा का परिणाम 85.39 प्रतिशत रहा। देहरादून रीजन में उत्तराखंड के 13 और उत्तर प्रदेश के आठ जिले शामिल हैं। डीबीएस इंटरनेशनल पब्लिक स्‍कूल ऋषिकेश देहरादून के अभिवन उनियाल, आरएएन पब्लिक स्‍कूल ऊधमसिंह नगर के हरमन कौर बब्‍बर और राधाकृष्‍ण पब्लिक स्‍कूल अमरोहा उत्‍तर प्रदेश की पूनम यादव 498 अंक लेकर संयुक्‍त रूप से रीजन में पहले स्‍थान पर रहे।

देहरादून रीजन की मेरिट लिस्‍ट में उत्‍तराखंड के पांच और उत्‍तर प्रदेश के आठ छात्र और छात्राएं शामिल हैं।
उत्‍तराखंड के 12वीं के जिलेवार टापर की लिस्ट :

अल्मोड़ा
रैंक-नाम-अंक-स्कूल
1-तारा रेखरी-493-आर्मी स्कूल रानीखेत
2-आयशा रावत-490-आर्मी स्कूल रानीखेत
3-पारस घुगत्याल-488-आर्मी स्कूल रानीखेत
बागेश्वर
1-सुनैनी पिखवाल-470-कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल पिंडारी
2-वर्षा टम्टा-461-कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल पिंडारी
3-भूपेंद्र सिंह नागरकोटी-460-आनंदी एकेडमी घिरोली
3-आस्तिक उपाध्याय-460-कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल पिंडारी
3-सार्थक श्रीवास्तव-460-कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल पिंडारी
चमोली
1-विनय जोशी-485-एसजीआरआर कर्णप्रयाग
2-प्रियांशी नैथानी-485-एसजीआरआर गोपेश्वर
3-श्रेया रावत-480-एसजीआरआर गोपेश्वर
चंपावत
1-रिया जुकारिया-482-होली विजडम स्कूल
2-आयुष गोस्वामी-481-उदयन इंटरनेशनल स्कूल
3-उत्कर्ष अग्रवाल-479-सेंट फ्रांसिस स्कूल टनकपुर
देहरादून
1-अभिनव उनियाल-498-डीबीएस इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ऋषिकेश
2-भव्या गुजराल-495-दिल्ली पब्लिक स्कूल कालागांव देहरादून
3- हिमानी शर्मा-494-गौतम इंटरनेशनल स्कूल इंदिरानगर देहरादून |
हरिद्वार
1-मानसी सेठी-497-सेंट एन्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल रुड़की
2-शिवेंदु चौधरी-494-बीएमएल एमजी मिडोज बहादराबाद
2-निहारिका तालुजा-494-दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर
2-हर्षवर्धन गुप्ता-494-ग्रीनवे मार्डन स्कूल रुड़की
3-ताशी बंसल-493-दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर
3-आयुष गैरोला-493-दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर
3-दरबारा सिंह-493-आचार्यकुलम पतंजलि
नैनीताल
1-चहक सक्सेना-493-बिरला विद्या मंदिर
2-कृषिका गोयल-492-सिन्थिया स्कूल हल्द्वानी
3-प्रजापति जोशी-491-इंस्पिरेशन पब्लिक स्कूल काठगोदाम
3-श्रेया बोरा-491-एवी बिरला इंस्टीट्यूट आफ लर्निंग हल्द्वानी
3-भूमिका आर्य-491-बीएलएम एकेडमी हल्द्वानी
3-कार्तिक पांडे-491-सरस्वती एकेडमी कालाढूंगी
3-नेहा बुधानी-491-एसेंट पब्लिक स्कूल लामचौड़
पौड़ी गढ़वाल
1-रिशिता असवाल-489-टीसीजी पब्लिक स्कूल कोटद्वार
2-अनुष्का नेगी-485-रेनबो पब्लिक स्कूल श्रीनगर
3-तान्या धस्माना-484-डीएवी पब्लिक स्कूल कोटद्वार
3-अवंतिका सेमवाल-484-एसडीआरआर कोटद्वार
पिथौरागढ़
1-सौरभ सिंह-497- न्यू बीरशीबा पब्लिक स्कूल
2-मनोज कुमार भट्टï-490-जेबी मेमेरियल मानस एकेडमी
3-दीपक चंद्र कापड़ी-487-डान बास्को स्कूल
रुद्रप्रयाग
1-हिमानी-482-जवाहर नवोदय विद्यालय जखदार
2-प्रियंका नेगी-480-अनूप नेगी मेमोरियल पब्लिक स्कूल
3-प्रफुल्ल नेगी-478-जवाहर नवोदय विद्यालय जखदार
टिहरी गढ़वाल
1-आदर्श बधानी-489-केंद्रीय विद्यालय टिहरी
2-सौरभ चमोली-483-सेंट एंथनी पब्लिक स्कूल नई टिहरी
3-अनन्य सिंह-482-केंद्रीय विद्यालय टिहरी
ऊधमसिंह नगर
1-हरमन कौर बब्बर-498-आरएएन पब्लिक स्कूल रुद्रपुप
2-महिमा अग्रवाल-494-एसके पब्लिक स्कूल खटीमा
2-कृतिका सिंह-494-भारतीयम इंटरनेशनल स्कूल रामेश्वरपुर
3-शिवांग सक्सेना-493-भारतीयम इंटरनेशनल स्कूल रामेश्वरपुर
3-अभिषेक गुप्ता-493-रेनबो पब्लिक स्कूल रुद्रपुर
उत्तरकाशी
1- मेघा रावत-476-ऋषिराम शिक्षण संस्थान जोशियारा
2- प्राची भंडारी-475-ऋषिराम शिक्षण संस्थान जोशियारा
3- रामसागर भट्ट-474-ऋषिराम शिक्षण संस्थान जोशियारा

बम बम भोले के जयकारों के बीच कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा, कांवड़ यात्रा में शिवभक्तों का उमड़ रहा सैलाब

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हरिद्वार, कांवड़ यात्रा पर हरिद्वार पहुंचने वाले कांवड़ियों पर शुक्रवार को हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। नारसन बॉर्डर से लेकर हरकी पैड़ी तक जिलाधिकारी और एसएसपी ने कांवड़ियों पर फूल बरसाए। फूलों की बारिश होते ही हर हर महादेव और बम बम भोले के जयकारों से धर्मनगरी गूंज उठी। कांवड़ यात्रा में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कांवड़ियों के चरण धोकर उनका स्वागत कर चुके हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुक्रवार को कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की गई। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने हेलीकॉप्टर से नारसन बॉर्डर से पुष्पवर्षा की शुरुआत की।

नारसन बॉर्डर से कांवड़ पटरी पर कांवड़ियों के ऊपर पुष्प वर्षा करते हुए हेलीकॉप्टर बैरागी कैंप, शंकराचार्य चौक से अपर रोड होकर हरकी पैड़ी के ऊपर पहुंचा। आसमान से पुष्प वर्षा का दृश्य बेहद ही रोमांचकारी रहा। कांवड़िए पुष्प वर्षा होते देख भाव विभोर हो गए।

जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर कांवड़ियों का देवभूमि में भव्य स्वागत हो रहा है। कांवड़ियों के सत्कार और सेवा में किसी तरह की कमी नहीं हो रही है। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, एसडीएम पूरन सिंह राणा, रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी आदि मौजूद रहे।

किशननगर एवं ओएनजीसी के मध्य बरसातों में ओवरफ्लो हो रहे बड़े नाले (छोटी बिन्दाल) का शीघ्र समाधान : मेयर सुनील उनियाल गामा

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देहरादून, ओएनजीसी मुख्यालय परिसर में मेयर  सुनील उनियाल गामा  की अध्यक्षता में नगर निगम अधिकारीयों एवं ओएनजीसी बैठक आहूत हुई। बैठक में मुख्य वार्ता किशननगर नाले (छोटी बिन्दाल) के कारण उत्पन्न जल भराव समस्या को लेकर हुई, जिसमें भारी बारिश के दौरान स्थानीय निवासियों के यहां जल भराव की समस्या को लेकर समुचित समाधान किये जाने को लेकर एवम् सरलीकरण को लेकर गहन विचार विमर्श किया गया।

जिसके उपरांत मेयर सुनील उनियाल गामा  ने नगर निगम अधिकारीयों एवं ओएनजीसी के अधिकारियों के साथ किशन नगर नाले का स्थलीय निरीक्षण भी किया।May be an image of 12 people, people standing, tree and outdoors

नगर निगम द्वारा उक्त नाले की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित पहले ही कर ली गई थी, परंतु भारी बरसातों में उपरोक्त नाले में जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है। इस दौरान मेयर  सुनील उनियाल गामा  ने निगम अधिकारियों को ओएनजीसी के अधिकारियों के साथ एक संयुक्त टीम सर्वे बना कर नए सिरे से सर्वे करने के निर्देश दिए। जिसके पश्चात इस समस्या के निदान किस तरह किया जाय इस पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर जल्द से जल्द इस समस्या का हल किया जाय, ताकि स्थानीय लोगों को इस समस्या से निजात मिल सके | इससे पूर्व हरेला के अवसर पर निगम को ओएनजीसी द्वारा फलदार जिसमें अमरूद, आम, कुलम, जामुन एवं नाशपाती के वृक्षों के एक हजार पौधे भी प्रदान किये गये थे।

इस अवसर पर नगर आयुक्त  मनुज गोयल,ओएनजीसी की तरफ से श्रीमती आर एस नारायणी समूह महाप्रबधक/ प्रधान निगमित प्रशासन,  राम राज द्विवेदी, महाप्रबंधक/ इंचार्ज सीएसआर, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अविनाश खन्ना जी अधिशासी अभियंता नगर निगम  अनुपम भटनागर , पार्षद श्रीमती नंदिनी शर्मा, अनिल डबराल ,  एम के सिंधल हैड इंफ्राटक्चर,  ए के चौहान महाप्रबंधक सिविल,  पवन सैनी महा प्रबंधक (प्रशासन), एल एम लखेड़ा वरिष्ठ अधीक्षण प्रारूपकार, सीएसआर आदि उपस्थित रहे।

सड़क हादसा : ट्रक खाई में गिरा, एक की मौत, वाहन में फंसे व्यक्ति को एसडीआरएफ को बचाया अस्पताल में किया भर्ती

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देवप्रयाग (टिहरी), उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं यहां देवप्रयाग एक तोता घाटी में हुए एक सड़क हादसे में एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर गहरी खाई में जा गिरा जिससे एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई मौके पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ ने राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ करते हुए वाहन मैं फंसे दूसरे व्यक्ति को किसी तरीके से घाटी से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया ।
शुक्रवार को सुबह थाना देवप्रयाग द्वारा सूचना मिली कि व्यासी के करीब तोताघाटी में एक ट्रक अनियन्त्रित होने से लगभग 300 मीटर खाई में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इसकी सूचना मिलते ही पोस्ट व्यासी स्थापित SDRF रेस्क्यू टीम हेड कांस्टेबल सुरेश प्रसाद तत्काल रेस्क्यू टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे टीम द्वारा घटनास्थल पर पहुँचकर रेस्क्यू कार्य आरम्भ किया गया। उक्त ट्रक में चालक सहित दो लोग सवार थे। एक व्यक्ति को अत्यधिक घायल अवस्था में घटनास्थल से निकालकर ऋषिकेश एम्स अस्पताल भिजवाया गया जबकि दूसरे व्यक्ति की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी। मृतक का शव वाहन में फंसा हुआ था। SDRF रेस्क्यू टीम द्वारा अत्यधिक विषम परिस्थितियों में कटर की सहायता से वाहन को काटकर शव को बाहर निकाला व मुख्य मार्ग तक पहुँचाकर जिला पुलिस को सुपर्द कर पुलिस ने शव पंचनामा भरकर उसे शव विच्छेदन गृह भेज दिया मृतक की पहचान चंद्रमोहन सेठी उम्र 50 वर्ष ग्राम साकरी चौरास श्रीनगर के रूप में हुई।

कोरोना ब्रैकिंग : आज प्रदेश में 201 कोरोना के नए मरीज मिले, दून में मिले 117 संक्रमित, एक्टिव केस बढ़कर 894 पहुंचे

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देहरादून। प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब लगातार अपनी पकड़ बढ़ता जा रहा है। आज शुक्रवार को 201 कोरोना के नए मरीज मिले हैं। कोरोना के बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के लिए चिंता बढ़ाने वाले है। जबकि 103 कोरोना मरीज स्वास्थ्य हुए हैं और एक्टिव केस बढ़कर 894 हो गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा राजधानी देहरादून में 117 ,हरिद्वार से 12, नैनीताल जिले में 37, उधमसिंह नगर से 13, पौडी से 02, टिहरी से 01 , चंपावत से 04, पिथौरागढ़ से 03 , अल्मोड़ा 04, बागेश्वर से 0, चमोली से 01, रुद्रप्रयाग से 0 ,उत्तरकाशी से 07 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं।

10वीं व 12वीं का परीक्षा परिणाम : 93.2% अंकों के साथ कोमल बिष्ट बनी 12वीं की एवं 94% अंकों के साथ अनन्या नेगी बनी 10वीं की टॉपर

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देहरादून, शत – प्रतिशत रहा राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, देहरादून का 10वीं व 12वीं का परीक्षा परिणाम 93.2% अंकों के साथ कोमल बिष्ट बनी 12वीं की एवं 94% अंको के साथ अनन्या नेगी बनी 10वीं की टॉपर

कक्षा 12 केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा शुक्रवार घोषित 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणाम में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय देहरादून के छात्र एवं छात्राओं ने शत प्रतिशतः परीक्षा परिणाम देकर शानदार प्रदर्शन किया। विद्यालय की प्राचार्य डॉ० सुनीता भट्ट ने बताया कि 10वी में कुल 88% व 12वीं में कुल 98% छात्र एवं छात्राओं ने प्रथम श्रेणी में बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की। 94% अंको के साथ 10वीं की अनन्या नेगी तथा 93.2% अंको के साथ 12वीं की कोमल बिष्ट टॉपर रही। इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य डॉ० सुनीता भट्ट तथा उप प्राचार्य गिरीश चन्द्र थपलियाल ने समस्त छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को शत-प्रतिशत परिणाम हेतु बधाई दी एवं समस्त छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं के कठोर परिश्रम से शिक्षण कार्य करने एवं छात्र-छात्राओं के द्वारा मेहनत से अध्ययन करने के कारण ही विद्यालय का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहा।

नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के बेहतर अवसर – डा बत्रा

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हरिद्वार 22 जुलाई (कुलभूषण) एस एम जे एन पी जी कालेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के तहत् मीटिंग का आयोजन किया गया इसकी अध्यक्षता कालेज के प्राचार्य डा सुनील कुमार बत्रा ने की उन्होंने कहा कि पूर्व र्केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाण् रमेश पोखरियाल निशंक का राष्ट्रीय शिक्षा नीति.2020 ;एनईपीद्ध तैयार करवाने में अहम योगदान रहा है हरिद्वार से सांसद होने के कारण नयी शिक्षा नीति में हरिद्वार की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उत्तराखंड में सर्व प्रथम नयी शिक्षा नीति को लागू करने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत बधाई के पात्र है ण्
डा बत्रा ने बताया कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थीयो के सर्वांगीण विकास पर आधारित है। इसमें रोजगारपरक वोकेशनल पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। छात्र छात्राऐं नयी शिक्षा नीति के तहत् मल्टीपल एंट्री और एग्जिट करने का विकल्प भी रखा गया है विधार्थी प्रत्येक वर्ष के पश्चात् ब्रेक ले सकता हैण् इससे विद्यार्थी एक साथ दो संकायों के विषयों की पढ़ाई कर सकता है और तीन साल की डिग्री की बाध्यता का बन्धन भी अब नहीं होगा ण्
डा बत्रा ने कहा कि इस वर्ष महाविद्यालय में सभी प्रथम वर्ष के प्रवेश नयी शिक्षा नीति के तहत् चवाइ्श बेस्ड क्रेडिट सिस्टम पर आधारित होंगेण् प्रथम वर्ष के दोनों सैमेस्टर उत्तीर्ण करने एवं 46 क्रेडिट मिलने पर विधार्थी सर्टिफिकेट का अधिकारी हो जायेगा।
दिव्तीय वर्ष के दोनों सैमेस्टर एवं 46 क्रेडिट से उत्तीर्ण करने की अवस्था में उसे डिप्लोमा दिया जायेगा तथा तृतीय वर्ष के दोनों सैमेस्टर तथा कुल 140 क्रेडिट से उत्तीर्ण करने पर उसे स्नातक की डिग्री मिलेगी ण् इसके उपरांत विधार्थी परास्नातक के लिए अपने नामांकन को जारी रख सकता हैंण् मल्टी.मोडल एजुकेशनए एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्सए मल्टीपल एंट्री.एग्जिटए स्किल डेवलपमेंट स्टूडेंट फर्स्ट की दिशा में मील का पत्थर नयी शिक्षा नीति साबित होगीण्
नयी शिक्षा नीति के द्वारा एकेडमिक एवं उद्योग के मध्य अन्तराल को समाप्त करने में मदद मिलेगीण् इन्डस्ट्री ट्रेनिंग के द्वारा सिक्ल डवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर आई क्यू एसी सैल के संयोजक डा संजय माहेश्वरी डा तेजवीर सिंह तोमरए डा जे सी आर्यए डा नलिनी जैनए वैभव बत्रा आलोक षर्मा एवं कालेज स्टाफ मुख्य रूप से उपस्थित रहें।

95.5 प्रतिशत अंकों के साथ डीपीएस की निष्ठा ने उत्तीर्ण की परीक्षा

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हरिद्वार 22 जुलाई (कुलभूषण)  नगर के प्रमुख समाजसेवी डा विषाल गर्ग की बेटीनिश्ठा गर्ग ने डीपीएस स्कूल रानीपुर से 12 वी की परीक्षा 95.4 प्रतिषत अंक प्राप्त कर परीक्षा में सफलता प्राप्त की बेटी इस सफलता को लेकर परिवार में खुशी का महौल है। अपनी इस सफलता का श्रेय निष्ठा अपने गुरूजनो व अपने परिजनों को देती है। उन्होने कहा की वह आई आई टी परीक्षा की तैयारी कर रही है। बेटी की इस सफलता पर पिता विशाल गर्ग का कहना है कि उनकी बेटी हमेषा से ही पढाई में होषियार रही है तथा वह जब भी समय मिलता है पढाई के अलावा प्रतियोगात्मक परीक्षाओ से सम्बन्धित पुस्तको को पढने में रूची रखती है