Thursday, May 15, 2025
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भारत में पेट्रोल-डीजल महंगा क्यों है? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बतायी वजह

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Petrol-diesel-prices

देश में पेट्रोल 100 रुपये के आसपास (Petrol Price Today) बिक रहा है, वहीं डीजल की कीमत 95 रुपये के करीब (Diesel Price Today) है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने इसकी वजह बतायी है.

उन्होंने कहा है कि पेट्रोलियम उत्पादों और कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर लिया जा रहा है, जाे अचानक नहीं बल्कि उद्योग के साथ नियमित परामर्श के साथ वसूला जा रहा है. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) को अचानक लगाया गया कर कहना ठीक नहीं है, क्योंकि इसका निर्धारण उद्योग के साथ परामर्श के साथ किया जाता है. वित्त मंत्री ने एलारा कैपिटल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कहा, उद्योग को पूरी तरह भरोसे में लेने के बाद ही इस विचार को लागू किया गया.सीतारमण ने कहा, जब हमने इस बारे में सुझाव दिया, तो हमने उद्योग जगत से कहा था कि हर 15 दिनों में कर की दर की समीक्षा की जाएगी और हम ऐसा कर रहे हैं. वैश्विक सूचकांक में बांड को शामिल करने पर उन्होंने कहा कि महामारी के बाद से कई चीजें बदल गई हैं. कोषों की आवक के मामले में खासतौर से ऐसा है.

सीतारमण ने कहा कि फंड की आवक उम्मीद के मुताबिक नहीं रही है. निश्चित रूप से इसकी बड़ी वजह महामारी है. उन्होंने कहा, हालांकि, मैं जल्द ही इस पर एक तार्किक निष्कर्ष की उम्मीद करती हूं. यह पूछने पर कि क्या सरकार कर-जीडीपी अनुपात बढ़ाने की योजना बना रही है, उन्होंने कहा कि कर आधार को बड़ा करना एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए बहुत अधिक परामर्श और विश्लेषण की जरूरत है.

वित्त मंत्री ने कहा, लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसा अधिक उचित ढंग से तथा तकनीक की मदद से किया जाए. उन्होंने कहा, भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के लिए बहुत सी चीजों को फिर से आकार देना होगा. इस लक्ष्य को पाने के लिए डिजिटलीकरण, शिक्षा और बुनियादी ढांचा सबसे महत्वपूर्ण साधन हैं. (इनपुट : भाषा)

ब्रैकिंग : वन दरोगा भर्ती प्रकरण में भी धांधली, एसटीएफ ने हरिद्वार के दो अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

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देहरादून, भर्तियों पर चौतरफा धिरी भाजपा सरकार धीरे धीरे जनता के निशाने पर आ रही है, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कसम खाने वाली सरकार अब अपने हाकिमों खेलों से पेशोपेश में फंसी है, इधर मुख्यमंत्री के आदेश पर वन दरोगा भर्ती मामले में 6 लोगों पर एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज किया था। एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आज 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें हरिद्वार के रहने वाले प्रशांत और रविन्द्र को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। एसटीएफ ने साफ कहा जो भी इस भर्ती मामले में शामिल होंगे उनतक पहुंचकर कार्यवाई करेंगे उनके अनुसार अनुचित साधनों का उपयोग करने वालों को बक्शा नहीं जाएगा।

प्रदेश के मुखिया धामी ने ऑनलाइन माध्यम से करवाई गई वन दरोगा भर्ती जांच के लिए डीजीपी अशोक कुमार को निर्देश दिए थे। जिसके बाद डीजीपी ने यह मामला एसटीएफ को सौंप दिया है। एसटीएफ की शुरुवाती जांच में इस भर्ती में धांधली की पुष्टि हो चुकी है और एसटीएफ द्वारा दून साइबर थाने में मुकदमा पंजीकृत करवाया जा चुका है।

बता दें कि वन दरोगा के 316 पदों के लिए वर्ष 2021 में 16 सितंबर से 25 सितंबर तक ऑनलाइन भर्ती परीक्षाएं करवाई गई थी जो कि 18 शिफ्टों में हुई थी। एसटीएफ की जांच में भर्ती में अनियमितताएं पाई गई है और भर्ती में हुए घोटाले की पूरी तरह से पुष्टि हो चुकी है। इस मामले में वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल ने भी इस परीक्षा में हुए घोटाले की पुष्टि की बात को कबूल किया है। उनका कहना है कि यह सभी भर्तियां अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से हुई है अब जिस प्रकार से शासन आदेश जारी करेगा उस प्रकार की कार्यवाही विभाग द्वारा की जाएगी।

वन दरोगा भर्ती फर्जीवाड़ा में इन आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा :

अनुज कुमार निवासी टोडा कल्याणपुर, रुड़की, हरिद्वार।
दीक्षित कुमार निवासी जमालपुर खुर्द, ज्वालापुर, हरिद्वार
मो. जिशान निवासी नगला खुर्द, लक्सर, हरिद्वार।
मो. मजीद निवासी जौरासी मस्त, लंढौरा, मंगलौर, हरिद्वार।
सचिन कुमार निवासी कलियर शरीफ, हरिद्वार।
शेखर कुमार निवासी रायसी, पोडोवाली, लक्सर, हरिद्वार।

उत्तराखंड के दो शिक्षकों को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार : राज्य के 39 शिक्षकों को मिला शैलेश मटियानी सम्‍मान

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देहरादून, देश में शिक्षक दिवस बड़ी सादगी से मनाया गया, इस अवसर दिल्‍ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशभर के 46 शिक्षकों को स्कूली शिक्षा में उनके अद्वितीय योगदान के लिए ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित किया |उत्‍तराखंड से सम्‍म‍ानित होने वाले शिक्षकों में प्रदीप नेगी और कौस्तुभ चंद्र जोशी का नाम शामिल है। बता दें कि शिक्षा मंत्रालय देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार प्रदान करने के लिए हर साल पांच सितंबर को विज्ञान भवन में एक समारोह आयोजित करता रहा है।

39 शिक्षकों को मिला शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार :

देहरादून में प्रदेश के चुनिंदा शिक्षकों को शैलेश मटियानी पुरस्कार प्रदान किया गया कार्यक्रम राजभवन में आयोजित किया गया। जहां राज्‍यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने इस शिक्षकों को सम्‍मानित किया। बता दें कि हर साल शिक्षक दिवस के मौके पर आयोजित किया जाता है।

शिक्षक दिवस पर इस बार शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए 39 शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार दिया गया। चयनित शिक्षकों में प्रारंभिक के 13, माध्यमिक के चार और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान का एक शिक्षक भी शामिल हैं |

वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद् भारत रत्न डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान से समाज हमेशा प्रेरित होगा। उन्होंने शिक्षक दिवस की सभी प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामना भी दी।

राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने दी शिक्षक दिवस पर शुभकामना
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों, विशेष रूप से शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बधाई व शुभकामना दी है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने भी प्रदेशवासियों को शिक्षक दिवस की बधाई दी है।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने पूर्व राष्ट्रपति व भारत रत्न डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए कहा कि डा. राधाकृष्णन एक महान शिक्षाविद्, दार्शनिक, गहन चिंतक, कुशल वक्ता व विचारक थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस सभी को शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर देता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संदेश में कहा कि हमें अपने गुरुजनों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान की महान भारतीय परंपरा को और अधिक मजबूत बनाना है।

उन्होंने कहा कि वही देश और समाज आगे बढ़ता है, जहां गुरुजनों का सम्मान होता है। शिक्षक विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद् डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि शिक्षक देश एवं समाज के भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

बड़ी खबर : भू कानून के लिये गठित अध्ययन और परीक्षण समिति ने सौंपी अपनी रिपोर्ट, संतुलन स्थापित करते हुए सरकार को दी अपनी 23 संस्तुतियां

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देहरादून, राज्य में भू कानून के अध्ययन व परीक्षण के लिए गठित समिति ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समिति ने प्रदेश हित में निवेश की संभावनाओं और भूमि के अनियंत्रित क्रय – विक्रय के बीच संतुलन स्थापित करते हुए अपनी 23 संस्तुतियां सरकार को दी हैं।

मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में समिति के अध्यक्ष व प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार, समिति के सदस्य व श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य अजेंद्र अजय, पूर्व आईएएस अधिकारी अरुण ढौंडियाल व डी.एस.गर्व्याल और समिति के पदेन सदस्य सचिव के रूप में हाल तक सचिव राजस्व का कार्यभार संभाल रहे दीपेंद्र कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री धामी से भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार शीघ्र ही समिति की रिपोर्ट का गहन अध्ययन कर व्यापक जनहित व प्रदेश हित में समिति की संस्तुतियों पर विचार करेगी और भू – कानून में संशोधन करेगी।

आइये विस्तार से जानते हैं इस उच्च स्तरीय समिति से जुड़े महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर एक नजर :

जुलाई 2021 में सीएम धामी ने उच्च स्तरीय समिति गठित की थी

उल्लेखनीय है कि धामी ने जुलाई 2021 में प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त होने के बाद उसी वर्ष अगस्त माह में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। समिति को राज्य में औद्योगिक विकास कार्यों हेतु भूमि की आवश्यकता तथा राज्य में उपलब्ध भूमि के संरक्षण के मध्य संतुलन को ध्यान में रख कर विकास कार्य प्रभावित न हों, इसको दृष्टिगत रखते हुए विचार – विमर्श कर अपनी संस्तुति सरकार को सौंपनी थी।

सभी हितधारकों से सुझाव लेकर गहन विचार विमर्श कर 80 पृष्ठ में तैयार की रिपोर्ट

समिति ने राज्य के हितबद्ध पक्षकारों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं से सुझाव आमंत्रित कर गहन विचार – विमर्श कर लगभग 80 पृष्ठों में अपनी रिपोर्ट तैयार की है। इसके अलावा समिति ने सभी जिलाधिकारियों से प्रदेश में अब तक दी गई भूमि क्रय की स्वीकृतियों का विवरण मांग कर उनका परीक्षण भी किया।

राज्य में निवेश और रोजगार बढ़ाने के साथ भूमि के दुरुपयोग को रोकने पर फोकस

समिति ने अपनी संस्तुतियों में ऐसे बिंदुओं को सम्मिलित किया है जिससे राज्य में विकास के लिए निवेश बढ़े और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो। साथ ही भूमि का अनावश्यक दुरूपयोग रोकने की भी अनुशंसा की है।

समिति ने वर्तमान में प्रदेश में प्रचलित उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) यथा संशोधित और यथा प्रवृत्त में जन भावनाओं के अनुरूप हिमाचल प्रदेश की तरह कतिपय प्रावधानों की संस्तुति की है।

समिति की प्रमुख संस्तुतियां

वर्तमान में जिलाधिकारी द्वारा कृषि अथवा औद्यानिक प्रयोजन हेतु कृषि भूमि क्रय करने की अनुमति दी जाती है। कतिपय प्रकरणों में ऐसी अनुमति का उपयोग कृषि/औद्यानिक प्रयोजन न करके रिसोर्ट/ निजी बंगले बनाकर दुरुपयोग हो रहा है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में लोग भूमिहीन हो रहें और रोजगार सृजन भी नहीं हो रहा है।

समिति ने संस्तुति की है कि ऐसी अनुमतियां जिलाधिकारी स्तर से ना दी जाऐं। शासन से ही अनुमति का प्रावधान हो।

वर्तमान में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों हेतु भूमि क्रय करने की अनुमति जिलाधिकारी द्वारा प्रदान की जा रही है। हिमांचल प्रदेश की भांति ही ये अनुमतियाँ, शासन स्तर से न्यूनतम भूमि की आवश्यकता के आधार पर, प्राप्त की जाएं।

वर्तमान में राज्य सरकार पर्वतीय एवं मैदानी में औद्योगिक प्रयोजनों, आयुष, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, उद्यान एवं विभिन्न प्रसंस्करण, पर्यटन, कृषि के लिए 12.05 एकड़ से ज्यादा भूमि आवेदक संस्था/फर्म/ कम्पनी/ व्यक्ति को उसके आवेदन पर दे सकती है।

उपरोक्त प्रचलित व्यवस्था को समाप्त करते हुए हिमाचल प्रदेश की भांति न्यूनतम भूमि आवश्यकता ( Essentiality Certificate ) के आधार पर दिया जाना उचित होगा।

केवल बड़े उद्योगों के अतिरिक्त 4-5 सितारा होटल / रिसॉर्ट, मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वोकेशनल/प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट आदि को ही Essentiality Certificate के आधार भूमि क्रय करने की अनुमति शासन स्तर से दी जाए। अन्य प्रयोजनों हेतु लीज पर ही भूमि उपलब्ध कराने की व्यवस्था लाने की समिति संस्तुति करती है।
वर्तमान में, गैर कृषि प्रयोजन हेतु खरीदी गई भूमि को 10 दिन में S-D-M धारा- 143 के अंतर्गत गैर कृषि घोषित करते हुए खतौनी में दर्ज करेगा।
परन्तु क्रय अनुमति आदेश में 2 वर्ष में भूमि का उपयोग निर्धारित प्रयोजन में करने की शर्त रहती है। यदि निर्धारित अवधि में उपयोग न करने पर या किसी अन्य उपयोग में लाने/विक्रय करने पर राज्य सरकार में भूमि निहित की जाएगी, यह भी शर्त में उल्लखित रहता है।

यदि 10 दिन में गैर कृषि प्रयोजन हेतु क्रय की गई कृषि भूमि को “गैर कृषि“ घोषित कर दिया जाता है, तो फिर यह धारा-167 के अंतर्गत राज्य सरकार में (उल्लंघन की स्थिति में) निहित नहीं की जा सकती है।

अतः नई उपधारा जोङते हुए उक्त भूमि को पुनः कृषि भूमि घोषित करना होगा तत्पश्चात उसे राज्य सरकार में निहित किया जा सकता है।

कोई व्यक्ति स्वयं या अपने परिवार के किसी भी सदस्य के नाम बिना अनुमति के अपने जीवनकाल में अधिकतम 250 वर्ग मीटर भूमि आवासीय प्रयोजन हेतु खरीद सकता है ।

समिति की संस्तुति है कि परिवार के सभी सदस्यों के नाम से अलग अलग भूमि खरीद पर रोक लगाने के लिए परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड राजस्व अभिलेख से लिंक कर दिया जाए।

राज्य सरकार ’भूमिहीन’ को अधिनियम में परिभाषित करे। समिति का सुझाव है कि पर्वतीय क्षेत्र में न्यूनतम 5 नाली एवं मैदानी क्षेत्र में 0.5 एकड़ न्यूनतम भूमि मानक भूमिहीन’ की परिभाषा हेतु औचित्यपूर्ण होगा।

भूमि जिस प्रयोजन के लिए क्रय की गई, उसका उललंघन रोकने के लिए एक जिला / मण्डल / शासन स्तर पर एक टास्क फ़ोर्स बनायीं जाए। ताकि ऐसी भूमि को राज्य सरकार में निहित किया जा सके।

सरकारी विभाग अपनी खाली पड़ी भूमि पर साइनबोर्ड लगाएं।

कतिपय प्रकरणों में कुछ व्यक्तियों द्वारा एक साथ भूमि क्रय कर ली जाती है तथा भूमि के बीच में किसी अन्य व्यक्ति की भूमि पड़ती है तो उसका रास्ता रोक दिया जाता है। इसके लिए Right of Way की व्यवस्था।

विभिन्न प्रयोजनों हेतु जो भूमि खरीदी जायेगी उसमें समूह ग व समूह ’घ’ श्रेणीयो में स्थानीय लोगों को 70 प्रतिशत रोजगार आरक्षण सुनिश्चित हो। उच्चतर पदों पर योग्यतानुसार वरीयता दी जाए।

विभिन्न अधिसूचित प्रयोजनों हेतु प्रदान की गयी अनुमतियों के सापेक्ष आवेदक इकाइयों/ संस्थाओं द्वारा कितने स्थानीय लोगों को रोजगार दिए गए, इसकी सूचना अनिवार्य रूप से शासन को उपलब्ध कराने की व्यवस्था हो

वर्तमान में भूमि क्रय करने के पश्चात भूमि का सदुपयोग करने के लिए दो वर्ष की अवधि निर्धारित है और राज्य सरकार को अपने विवेक के अनुसार इसे बढ़ाने का अधिकार दिया गया है। इसमें संशोधन कर विशेष परिस्थितयों में यह अवधि तीन वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

पारदर्शिता हेतु क्रय- विक्रय, भूमि हस्तांतरण एवं स्वामित्व संबंधी समस्त प्रक्रिया Online हो। समस्त प्रक्रिया एक वेबसाइट के माध्यम से पब्लिक डोमेन में हो।

प्राथमिकता के आधार पर सिडकुल/ औद्योगिक आस्थानों में खाली पड़े औौद्योगिक प्लाट्स/ बंद पड़ी फैक्ट्रियों की भूमि का आबंटन औद्योगिक प्रयोजन हेतु किया जाए।

प्रदेश में वर्ष बन्दोबस्त हुआ है। जनहित/ राज्य हित में भूमि बंदोबस्त की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।

भूमि क्रय की अनुमतियों का जनपद एवं शासन स्तर पर नियमित अंकन एवं इन अभिलेखों का रख-रखाव ।

धार्मिक प्रयोजन हेतु कोई भूमि क्रय/ निर्माण किया जाता है तो अनिवार्य रूप से जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर शासन स्तर से निर्णय लिया जाए।

राज्य में भूमि व्यवस्था को लेकर जब भी कोई नया अधिनियम/ नीति / भूमि सुधार कार्यक्रम चलायें जायें तो राज्य हितबद्ध पक्षकारों / राज्य की जनता से सुझाव अवश्य प्राप्त कर लिए जाएँ।

नदी – नालों, वन क्षेत्रों, चारागाहों, सार्वजनिक भूमि आदि पर अतिक्रमण कर अवैध कब्जे /निर्माण / धार्मिक स्थल बनाने वालों के विरुद्ध कठोर दंड का प्रावधान हो। संबंधित विभागों के अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई का प्रावधान हो। ऐसे अवैध कब्जों के विरुद्ध प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाए।

शैक्षिक संवाद कार्यक्रम में शिक्षकों ने रखे अपने-अपने सुझाव

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देहरादून, सूबे में शैक्षिक नियोजन एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत आज राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2022 की परिषदीय परीक्षा में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के 8 छात्र-छात्राओं को प0 दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा परिषदीय परीक्षा में बेहत्तर प्रदर्शन करने वाले राज्यभर के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के तीन-तीन विद्यालयों को मुख्यमंत्री ट्रॉफी एवं पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अपने-अपने विद्यालयों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 105 शिक्षकों के साथ मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों ने शैक्षिक संवाद स्थापित किया, जिसमें शिक्षकों ने अपने-अपने कार्यां से अवगत कराते हुये सुझाव रखे।
विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा आज राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर देहरादून में मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार एवं शिक्षक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि एवं विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री धामी ने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले शिक्षक एवं शिक्षिकाओं की सराहना करते हुये उन्हें हर संभव सहायोग का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू-कॉस्ट) के सहयोग से राज्य स्तरीय विज्ञान महोत्सव आयोजित किया जायेगा। जिसमें प्रदेशभर के विज्ञान के छात्र-छात्राओं के अपने प्रोजेक्ट को प्रदर्शित करने का मौका तो मिलेगा ही साथ ही वैज्ञानिकों से सीखने का अवसर भी मिलेगा।

22 हजार प्राथमिक शिक्षकों को मिलेंगे टैबलेटः डॉ0 धन सिंह रावत

विज्ञान के एक हजार शिक्षकों को दिया जायेगा विशेष प्रशिक्षण

देहरादून, राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित पुरस्कार एवं शैक्षिक संवाद कार्यक्रम में सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने शिक्षकों के लिये कई घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को डिजिटल माध्यम से जोड़ने के लिये शीघ्र ही 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों टैबलेट वितरित किये जायेगे। इसके अलावा सूबे के एक हजार विज्ञान शिक्षकों को राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान बैंगलुरू में शैक्षणिक प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि विज्ञान के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को और बेहत्तर ढंग से शिक्षा दी जा सके।
शिक्षा मंत्री ने अपने-अपने क्षेत्रों में बेहत्तर कार्य करने वाले शिक्षकों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने प्रदेशभर के उत्कृष्ट शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत तैयार किये जा रहे करिकुलम फ्रेमवर्क में अपने विषय से संबंधित सुझाव देने को कहा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में चुनाव कार्यों में लगे शिक्षकों को हटा कर उनके स्थान पर आशा कार्यकत्रियों एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बीएलओ का कार्य दिया जायेगा। शिक्षकों को केवल पठन-पाठन संबंधी कार्यों में ही लगाया जायेगा। शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिये छह माह के भीतर राज्य का विद्या समीक्षा केन्द्र बनकर तैयार हो जायेगा। ऐसा करने वाला उत्तराखंड गुजरात के बाद देश का दूसरा राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि इंटरमीडिएट विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की कमी को देखते हुये 50 प्रतिशत पद प्रवक्ताओं की विभागीय परीक्षा की माध्यम से भरे जायेंगे। विभागीय मंत्री ने राज्य में शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों के अंतर्गत शिक्षकों को चार अन्य कार्य भी दिये। जिसके तहत अपने विद्यालयों एवं आस-पास के गांवों को नशामुक्त एवं तम्बाकू मूक्त अभियान चलाना, छात्र-छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारवान बनाना, अपने विद्यालयों को ग्रीन कैम्पस में तब्दील करना तथा आस-पास के गांवों में साक्षरता अभियान चलाने का अहवान किया।

कार्यक्रम में विद्यालयी शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, निदेशक सीमैट सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक एस.पी. खाली, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून मुकुल सती, डॉ0 मोहन सिंह बिष्ट, मोना बाली सहित विभगीय अधिकारी एवं विभिन्न जनपदों से आये शिक्षक एवं उत्कृष्ट छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।

 

शिक्षक दिवस : पिछले 30 वर्षो से बच्चों के सर्वागीण विकास में लगे हैं शिक्षा के द्रोणाचार्य नत्थीलाल बंगवाल

(शैलेंद्र गोदियाल)

उत्तरकाशी, मानव जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय पारंपरिक शिक्षा का ज्ञान भी जरूरी है। जिससे हर विद्यार्थी को जीवन में कर्तव्यबोध, नैतिक मूल्यों की समझ और संस्कारवान बना सके।

ऐसी ही शिक्षा देने वाला गुरुकुल है सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कालेज शक्तिपुरम चिन्यालीसौड़। इस गुरुकुल के द्रोणाचार्य नत्थीलाल बंगवाल हैं। जो पिछले 30 वर्ष से विद्यालय में शिक्षा ही नहीं बल्कि सफलता रूपी विद्या का पाठ पढ़ा रहे हैं, इनके यज्ञ का प्रतिफल ये है कि इनके 8 विद्यार्थी पीसीएस परीक्षा में निकले हैं, जो विभिन्न विभागों में अधिकारी हैं। 10 विद्यार्थी चिकित्सक बन चुके हैं। 30 से अधिक विद्यार्थी इंजीनियर बन चुके हैं। शिक्षक, वनाधिकारी, बैंक अधिकारी व अन्य विभागों में अधिकारी बने विद्यार्थियों की संख्या काफी अधिक हैं।Teachers Day : इस द्रोणाचार्य के गुरुकुल में ज्ञान का भंडार, यहां से पढ़े  बच्‍चे आज बड़े पदों पर दे रहे सेवा - Teachers Day 2022 Uttarkashi Nathilal  Bangwal Student Are Giving

वर्ष 1994 से शिक्षा के कार्य में लगे हैं नत्थीलाल बंगवाल :

टिहरी देवप्रयाग सौडू गांव निवासी 53 वर्ष नत्थीलाल बंगवाल बताते हैं कि वह 1994 से शिक्षा के कार्य में लगे हैं।
आज भी वे बच्चों को हिंदी, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, रसायन विज्ञान की अतिरिक्त कक्षाएं पढ़ाते हैं। वे कहते हैं जो कार्य करता हूं वह पूरी ईमानदारी से करता हूं।
जब शिक्षा के क्षेत्र में आया तब से कुछ और भी नहीं सोचा, बच्चों की शिक्षा कहीं प्रभावित न हो इसलिए अवकाश तक नहीं लिये, बल्कि स्कूल की छुट्टी के बाद भी निशुल्क रूप से बच्चों के अतिरिक्त कक्षाएं लगाई।
आज भी वे और उनके अन्य आचार्य हर रोज शाम चार बजे से लेकर छह बजे तक बच्चों को निशुल्क रूप से पढ़ाते हैं।
शिक्षा के साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाता है।
खेलकूद से लेकर ज्ञान-विज्ञान की जिला, राज्य व विद्या भारती स्तर पर जितनी भी प्रतियोगिताएं होती हैं उन प्रतियोगिताओं में बच्चों का प्रतिभाग किया जाता है।
विभिन्न विषयों के विद्वानों को भी स्कूल में आमंत्रित किया जाता है। जिससे कहीं पर भी बच्चों के ज्ञान में रुकावट पैदा न हो।
प्रधानाचार्य नत्थीलाल बंगवाल बताते हैं कि वर्ष 2005 से 2022 तक उनके विद्यालय के विद्यार्थी इंटरमीडिएट और हाईस्कूल में प्रदेश के टॉप 25 में अपना स्थान बनाने में कायम रहे हैं।
इस बार भी हाईस्कूल में 9 विद्यार्थियों तथा इंटरमीडिएट में 2 विद्यार्थी ने प्रदेश के टॉप 25 में अपना स्थान बनाया है।

 

प्रात: उठते ही शुरू होती संस्कार शिक्षा :

सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कालेज शक्तिपुरम चिन्यालीसौड़ के प्रधानाचार्य नत्थी लाल बंगवाल कहते हैं कि पाठ्यक्रम के विषय के अलावा योग, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, संगीत शिक्षा, नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा के विषय भी अनिवार्य हैं। उद्देश्य अंक व अक्षर ज्ञान के साथ संस्कारवान शिक्षा देने का है।
संस्कारवान शिक्षा विद्यार्थी के सुबह उठते ही शुरू होती है। प्रात: काल जब विद्यार्थी उठता है तो सबसे पहले धरती माता को प्रणाम करता है। फिर माता पिता, दादा दादी व अन्य वरिष्ठजनों को पांव छूकर प्रणाम करता है। फिर स्नान ध्यान करने के बाद स्कूल में नित्य इस बारे में विद्यार्थी से पूछा जाता है।

विद्यार्थी के अभिभावकों के लिए परिवार परिबोधन कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। जो विद्यार्थी विद्यालय से पास आउट हुए हैं उन्हें वर्ष में एक सम्मेलन में बुलाया जाता है तथा संस्कार शिक्षा को लेकर बात की जाती है(साभार जेएनएन)।

 

अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कालेज गजा में हुआ शिक्षक दिवस का आयोजन, सेवानिवृत्त शिक्षकों को किया गया सम्मानित

टिहरी, नरेन्द्र नगर प्रखंड में अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कालेज गजा में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती पर सेवानिवृत्त शिक्षकों बचनसिंह खडवाल तथा दिनेश प्रसाद उनियाल को सम्मानित किया गया, शिक्षक दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त शिक्षकों को प्रधानाचार्य द्वारिका नाथ ने बैज अलंकरण व माल्यार्पण कर शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ महान शिक्षाविद पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ किया गया , महान शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर विद्यालय के सभी शिक्षक/ शिक्षिकाओं ने पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए शिक्षक अमर देव उनियाल ने कहा कि आज का दिन शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है, विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षकों को प्रधानाचार्य द्वारिका नाथ ने बैज अलंकरण करते हुए सम्मानित किया, विद्यालय के छात्रों व प्रबंध समिति तथा अतिथियों ने प्रधानाचार्य द्वारिका नाथ का माल्यार्पण कर स्वागत किया, अतिथि सेवानिवृत्त शिक्षकों बचनसिंह खडवाल तथा दिनेश प्रसाद उनियाल ने कहा कि अनुशासन, लक्ष्य के प्रति समर्पण भाव, तथा संगति ही अच्छा नागरिक बना सकती है,शिक्षक की भूमिका एक गाइड की तरह है हर शिक्षक प्रसन्नता की अनुभूति तब करता है जब उसका पढ़ाया छात्र प्रगति करता है ,शिक्षक दिवस कार्यक्रम आयोजित करने पर प्रधानाचार्य सहित शिक्षकों को बधाई दी गई। छात्राओं ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया, प्रधानाचार्य द्वारिका नाथ ने सभी अतिथियों व शिक्षकों को इस कार्यक्रम के सफल आयोजन पर धन्यवाद दिया तथा कहा कि गुरु मां भी है तथा पिता भी है ,शिक्षक भी गुरु है , गुरु सम्मान का भाव भी है । छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अच्छे संस्कार ही आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं । विद्यालय के प्रबक्ता सुभाष चंद्र वैलवाल को भी शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया, शिक्षक दिवस कार्यक्रम में विनीत रतूड़ी, अमर देव उनियाल, बलराम आर्य, सुभाष बैलवाल,सहित सभी शिक्षक/शिक्षिकायें तथा शिक्षणोत्तर कर्मचारी,छात्र, छात्राएं उपस्थित रहे ।

 

शिक्षक दिवस पर शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों को लेकर शिक्षकों को किया गया सम्मानित

कोटद्वार, शिक्षक दिवस के अवसर पर नगर निगम के सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षकों को उनके शिक्षा के क्षेत्र में किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया, इस अवसर पर नगर निगम कोटद्वार के सभासद प्रवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गुरु शब्द का अर्थ है जो हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाये , पार्षद प्रवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि एक शिशु जब जन्म लेता है तो उसकी पहली शिक्षक उसकी मां होती है और फिर परिवार से वह सामाजिकता सीखता है लेकिन एक व्यक्ति के भविष्य का निर्माण में शिक्षकों का सबसे बड़ा योगदान होता है जो कि उसे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के योग्य बनाते हैं एक आदर्श नागरिक एक योग नेतृत्वकर्ता एक योग्य डाॅक्टर एक योग्य खिलाड़ी सब एक कुशल शिक्षक के मार्गदर्शन में ही निपुणता हासिल करते हैं और समाज को योग्य नागरिकों का निर्माण का दायित्व शिक्षकों द्वारा निभाया जाता है, आयोजित कार्यक्रम में नगर निगम कोटद्वार के सभाषद तथा शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया। आयोजित कार्यक्रम में यशवन्त सिंह बिष्ट, दीप चन्द्र बलूनी, नारायण सिंह नेगी, शंकर गौड़, बृजमोहन ममगांई, आराधना रावत, चन्द्र मोहन सिंह रावत, देवेन्द्र कुमार नैथानी, सोहन सिंह चौहान, आशा नेगी आदि शिक्षकों को सम्मानित किया गया । इस अवसर पर वक्ताओं ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत की महान विभूति बताया तथा कहा कि शिक्षक दिवस हमारे लिए एक अवसर होता है जब हम समाजहित में और व्यक्ति के चरित्र निर्माण और उसके सर्वांगीण विकास में योगदान देने वाले गुरूजनों/ शिक्षकों को सम्मानित करें । इस अवसर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि भी दी गई।

उत्तराखंड की बेटी गीतिका आनन्द ने किया नाम रोशन

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देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, हरिद्वार रोड देहरादून निवासी श्रीमती गीतिका आनंद और कैम्ब्रियन हॉल स्कूल की पूर्व छात्रा, ने नई दिल्ली में भारत के सबसे प्रमुख पेजेंट “मिसेज इंडिया गैलेक्सी” के ग्रैंड फिनाले में “मिसेज इंडिया गैलेक्सी गॉर्जियस 2022” का खिताब हासिल किया है। पूरे भारत से 30,000 आवेदकों में से 60 विवाहित महिलाओं को फाइनलिस्ट के रूप में चुना गया था। इस विशाल आयोजन में कई चमचमाती हस्तियों, अभिनेताओं और अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता के विजेताओं की उपस्थिति देखी गई।

गीतिका शो के निदेशक श्री गगनदीप कपूर और निदेशक सह मुख्य सलाहकार श्रीमती गिन्नी कपूर “वाइब्रेंट कॉन्सेप्ट्स” की आभारी हैं, जिन्होंने उन्हें यह अवसर दिया। गीतिका ने कहा कि यह उनके पति श्री राहुल आनंद, पुत्र आर्य आनंद के सहयोग और प्रयासों से ही संभव हो पाया है। उनके पिता श्री सुधीर कुमार मित्तल जी (मैसर्स सर्वोदय नमकीन) और ससुर स्वर्गीय श्री केवल कुमार आनंद जी (पूर्व अध्यक्ष- देहरादून खुखरान बिरादरी) ने उन्हें हमेशा जीवन में चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित किया। इस ब्यूटी पेजेंट के माध्यम से, गीतिका का एकमात्र उद्देश्य डौशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी “डीएमडी” के बारे में जागरूकता पैदा करना है जो युवा लड़कों को प्रभावित करने वाली एक आनुवंशिक बीमारी है। ऐसे बच्चों को पालने में माता-पिता को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उनकी इस उपलब्धि के माध्यम से सभी माता-पिता को प्रेरित और आत्मविश्वास महसूस करना चाहिए।

Dettol पाउडर टू लिक्विड हैंडवॉश 10 रुपये का है और 30 दिनों तक चलेगा

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देहरादून, भारत के सबसे भरोसेमंद जर्म प्रोटेक्शन ब्रांड डेटॉल, ने वैल्यू सेगमेंट में पाउडर-टू-लिक्विड हैंडवाश सॉल्यूशन को पेश किया है। हाथों की स्वच्छता किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव का सबसे बेहतर और प्रभावी उपाय है। इस नए तरीके से प्रोडक्ट को लॉन्च कर डेटॉल ने अपना सबसे किफायती सॉल्यूशन पेश किया है। इससे ग्राहकों को कम कीमत पर साफ सफाई से जुड़ी अच्छी आदतों को अपनाने में मदद मिलेगी।

डेटॉल भारत में अपनी शुरुआत के बाद से ही परिवारों को बीमारियों से बचाने के लिए प्रयास कर रहा है। विज्ञान द्वारा समर्थित प्रभावी उपायों के साथ डेटॉल ग्राहकों की विभिन्न जरूरतों को पूरा कर रहा है। डेटॉल के ये उपाय घरों और परिवारों की सुरक्षा के लिए बहुत ही आसान और प्रभावी हैं।

डेटॉल पाउडर-टू-लिक्विड हैंडवाश के लिए ब्रांड ने एक टेलीविजन कैम्पेन शुरू किया है। इस कैम्पेन में किफायती कीमत पर एक इनोवेटिव और कुशल हैंडवाशिंग सॉल्यूशन की खूबियों को प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही, नया टीवीसी यह भी दर्शाता है कि यह प्रोडक्ट आपके परिवार के उन सदस्यों को डेटॉल का विश्वसनीय 99.99% जर्म प्रोटेक्शन प्रदान करता है, जिनकी हम सबसे अधिक परवाह करते हैं।

प्रोडक्ट के लॉन्च के बारे में बात करते हुए, दिलेन गांधी, रीजनल मार्केटिंग डायरेक्टर, साउथ एशिया – हेल्थ एंड न्यूट्रिशन, रेकिट ने कहा, “डेटॉल ने हमेशा अपने ग्राहकों को उनकी साफ सफाई से जुड़ी सभी जरूरतों के लिए प्रभावी और अभिनव समाधान प्रदान करने का प्रयास किया है। हमारा नया डेटॉल पाउडर टू लिक्विड हैंडवाश एक बेहतरीन गुणवत्ता वाले हैंडवॉश को बड़े ग्राहक वर्ग तक ले जाएगा। नए कैम्पेन के साथ डेटॉल अपने ग्राहकों को कम कीमत पर बेहतर सुरक्षा प्रदान कर हाथ की सफाई के महत्व को लेकर जागरुक बनाने का भी प्रयास करेगा।“

यह प्रोडक्ट 10 रुपये के एक किफायती कीमत के साथ पेश किया गया है। यह प्रोडक्ट (185 मिलीलीटर) पंप सॉल्यूशन के बराबर है। जैसे-जैसे हाथ धोने की आदतों में सुधार होगा, वैसे ही यह इनोवेटिव पाउडर-टू-लिक्विड हैंडवाश प्रोडक्ट ग्राहकों को एक स्थाई समाधान के साथ मदद करेगा, जो प्रभावी है और किफायती भी है। यह प्रोडक्ट पैराबेन-फ्री है, इस प्रकार इस हैंडवॉश में वे कैमिकल नहीं हैं जो आपकी त्वचा पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं।

77 वी लाला नेमीदास फुटबॉल लीग के सुपर लीग मुकाबले आज से

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देहरादून , जिला साकर एसोसिएशन देहरादून द्वारा आयोजित की जा रही 77वीं लाला नेमी दास मेमोरियल डिस्ट्रिक्ट फुटबॉल लीग चैंपियनशिप के सुपर लीग के मुकाबले आज से (6सितंबर) ऐतिहासिक पवेलियन मैदान में खेले जाएंगे !
आज डीएसए के साथ आयोजित एक बैठक में सभी आठ क्वालीफाईड टीमों के सदस्यों ने भाग लिया!
बैठक में सर्वप्रथम भारतीय फुटबॉल संघ की नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देते हुए उत्तराखंड के सचिव आरिफ अली को कार्यकारिणी सदस्य मोनीनित होने पर बधाई दी गई !
बैठक में निर्णय लिया गया कि सुपरलीग के मुकाबले दो ग्रुप में आयोजित किये जाएंगे और प्रत्येक ग्रुप से दो दो टीमों को सेमीफाइनल में स्थान मिलेगा , प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला 18 सितंबर को दोपहर 2 बजे से खेला जाएगा !
बैठक में डिस्ट्रिक्ट साकर एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव कमेटी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गुरु चरण सिंह, वाइस प्रेसिडेंट देवेंद्र सिंह गुसाईं, सचिव उस्मान खान, आयोजन सचिव संजय चंदोला, राकेश बलूनी, लक्ष्मण सिंह ठाकुर-कोषाध्यक्ष, मोहसिनुद्दीन खान, कुमार थापा, डी एम लखेड़ा, इसरार अहमद व हेड ऑफ रेफरीज़ कैलाश जोशी उपस्थित थे इनके साथ ही अधोइवाला एफसी, गढ़वाल स्पोर्टिंग क्लब, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज एफसी, शिवालिक क्लब, स्पोर्ट्स हॉस्टल एफसी, उत्तराखंड पुलिस फुटबॉल क्लब, दून ईलीट एफसी व ग्राफिक एरा फुटबॉल क्लब के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया , सचिव उस्मान खान ने डिस्ट्रिक्ट साकर एसोसिएशन, देहरादून की ओर से नवनिर्वाचित ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के प्रेसिडेंट श्री कल्याण चौबे व अन्य कार्यकारिणी सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय फुटबॉल जगत के लिये यह पल गौरव का है जिससे खेल संस्थाओं को स्वतंत्रहोकर कार्य करने का मौका मिलेगाNo photo description available.

उत्तराखंड पुलिस की ड्यूटी के लिए जारी हुए नए निर्देश, वर्दी के विषय में बनाई गयी विशेष नियमावली

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देहरादून, आम तौर पर देखा जाता है कि कई पुलिस कर्मी वर्दी पहनने के साथ ही गले में रंगीन गमछा लटका लेते हैं। और मोबाइल हेड फोन या अन्य ब्लूटुथ डिवाइज गले में टांग कर चलते हैं। फील्ड कर्मियों के साथ ही कार्यालयों में तैनात पुलिस कर्मी भी सर्विस कैप पहनते हैं। अब पुलिस विभाग ने इसे पुलिस वर्दी के नियमों का उल्लघंन मानते हुए इस पर रोक लगा दी है।

पुलिस मुख्यालय से प्रदेश भर के पुलिस बल के लिए इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस विभाग में पुलिस कर्मियों द्वारा पहने जाने वाली वर्दी के विषय में विशेष नियमावली बनाई गई है। मसलन किस तरह से वर्दी धारण करनी चाहिए। कैप या बेल्ट किस तरह से पुलिस कर्मियों को पहननी चाहिए। किस मौसम में कौन सी वर्दी पुलिस कर्मी धारण कर सकते हैं।

इन तरह के सभी नियमों का ध्यान रखने के लिए अक्सर पुलिस थानों और कार्यालयों के बाहर एक शीशा भी लगा होता है। जिसमें लिखा होता कि मेरी वर्दी ठीक है। और पुलिस कर्मी अधिकारियों के सामने जाने से पहले वर्दी को व्यवस्थित भी करते हैं, लेकिन अक्सर देखा गया है कि कुछ पुलिस कर्मी वर्दी के ऊपर कंधे में रंगीन गमछा डाल देते हैं।
कुछ कंधे में ब्लूटुथ डालकर चलते हैं। फील्ड में तैनात पुलिस कर्मियों को धूप से बचने के लिए नीले रंग की पी कैप दी गई है, लेकिन इस कैप को पुलिस कार्यालयों में बैठने वाले पुलिस कर्मी भी इस्तेमाल करते हैं, जो प्रतिबंधित है। महिला पुलिस कर्मियों द्वारा भी निर्धारित वर्दी धारण नहीं की जाती। जिसे पुलिस के उच्च अधिकारियों ने वर्दी के नियमों के विपरीत माना है। पुलिस कर्मी सही ढंग से वर्दी के नियमों का पालन करें।

इसके लिए पुलिस महानिरीक्षक, मुख्यालय, देहरादून ने प्रदेश के सभी जिलों के एसएसपी, पीएसी, एटीएस और आईआरबी के अधिकारियों को पत्र भेजकर वर्दी नियमों का पालन कराने का आदेश पारित किया है। और वर्दी के साथ गमछा डालने, ब्लूटूथ लटकाने या कैप का कार्यालयों में बैठकर इस्तेमाल करने को मना किया गया है।

नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही : वन दरोगा भर्ती में धांधली की पुष्टि होने पर एसटीएफ ने दर्ज किया केस

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देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश के क्रम में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती की जांच कराने के लिए पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया था। डीजीपी द्वारा उक्त प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी गई। उपरोक्त निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड एसटीएफ ने परीक्षा में धांधली की पुष्टि होने पर वन दरोगा ऑनलाइन 2021 परीक्षा में आज केस दर्ज किया है। मुख्यमंत्री धामी ने लगातार ज़ीरो टॉलरन्स ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने की बात कही है। उन्होंने कहा है भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी।

एसटीएफ द्वारा जानकारी दी गयी है कि वन दरोगा के पदों पर भर्ती परीक्षा दिनांक 16- 9-21 से 25-9-21 के बीच 18 शिफ्टों में ऑनलाइन आयोजित हुई थी ।जिसमे कुल 316 पदो के लिए रिक्तियां थी। उपरोक्त प्रकरण में अनियमितता और कुछ छात्रों द्वारा अनुचित साधनों के प्रयोग की एसटीएफ/साइबर द्वारा जांच बाद पुष्टि हुई है। प्रकरण में जांचोपरांत साइबर थाना देहरादून पर आज मुकदमा अपराध संख्या 22/22 धारा 420/120 B भादवी,66 आई.टी. एक्ट और 3/5/6/9/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा नकल निवारण अधिनियम की धाराओं में पंजीकृत किया गया है। प्रकरण में प्राथमिक रूप से कुछ छात्रों को चिन्हित भी कर लिया गया है और इसमें सम्मिलित कुछ नकल माफियाओं को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ भी चल रही है। इस परीक्षा को कराने वाली एजेंसी M/S NSEIT Limited की संलिप्तता होने के साक्ष्य प्राथमिक जांच से प्रकाश में आए है और साथ ही कुछ प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहां पर परीक्षायें आयोजित हुई,उनको भी चिन्हित कर लिया गया है। उपरोक्त ऑनलाइन नकल माफिया गैंग में हरिद्वार देहात,पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोग प्राथमिक जांच में शामिल पाए जाने के संकेत मिले है। ऑनलाइन नकल परीक्षा गैंग में प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहा नकल के सेंटर थे,ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कुछ लोग,कक्ष निरीक्षक व परीक्षा से जुड़े कुछ लोग जांच में संदिग्ध प्रकाश में आए है।

 

वन दरोगा भर्ती फर्जीवाड़ा में इन आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा :

अनुज कुमार निवासी टोडा कल्याणपुर, रुड़की, हरिद्वार।
दीक्षित कुमार निवासी जमालपुर खुर्द, ज्वालापुर, हरिद्वार
मो. जिशान निवासी नगला खुर्द, लक्सर, हरिद्वार।
मो. मजीद निवासी जौरासी मस्त, लंढौरा, मंगलौर, हरिद्वार।
सचिन कुमार निवासी कलियर शरीफ, हरिद्वार।
शेखर कुमार निवासी रायसी, पोडोवाली, लक्सर, हरिद्वार।