Wednesday, April 30, 2025
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वर्चुअल माध्यम से बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में चल रहे पुनर्निमाण कार्यों की पीएम मोदी ने की समीक्षा, सीएम धामी ने किया वर्चुअल प्रतिभाग

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देहरादून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को वर्चुअल माध्यम से बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में चल रहे पुनर्निमाण कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से इस बैठक में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग भाष्कर खुल्बे, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे वर्चुअल माध्यम से सचिव संस्कृति भारत सरकार गोविन्द मोहन, संयुक्त सचिव भारत सरकार रोहित यादव, उप सचिव भारत सरकार मंगेश घिल्डियाल भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बद्रीनाथ एवं केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में केदारनाथ एवं बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ेगी। केदारनाथ निकटवर्ती स्थानों को भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए आस-पास के एरिया के डेवलपमेंट की दिशा में प्रयास करने होंगे। रामबाड़ा और केदारनाथ के बीच श्रद्धालुओं को ठहरने एवं कौन सी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं, इस ओर भी ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वासुकिताल, गरूड़ चट्टी, लिंचोली और उनके आस-पास श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से क्या किया जा सकता है, इसका पूरा प्लान तैयार किया जाए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बद्रीनाथ के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना बनाई जाए। माणा गांव एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों को रूरल टूररिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए। इनमें स्थानीय कल्चर एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ईकोनॉमी का अच्छा मॉडल बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केदारनाथ एवं बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सेवकों एवं डॉक्टरों से भी अधिक से अधिक सहयोग लिया जाए। सरकारी व्यवस्थाओं के साथ जन सहयोग भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में पुनर्निमाण के कार्य तेजी से चल रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रात-दिन कार्य प्रगति पर है। दिसम्बर 2023 तक सभी कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल अभी तक 35 लाख से अधिक पंजीकृत श्रद्धालु चारधाम यात्रा में आ चुके हैं।

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु ने केदारनाथ एवं बद्रीनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में प्रथम चरण के पुननिर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। द्वितीय चरण में 188 करोड़ रूपये के 21 कार्य किये जा रहे हैं। जिनमें से 03 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, 06 कार्य दिसम्बर 2022 तक पूर्ण हो जायेंगे। अवशेष 12 कार्यों को जुलाई 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। गौरीकुण्ड में गेट का निर्माण किया जा चुका है। संगम घाट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण किया जायेगा। ईशानेश्वर टेम्पल का कार्य भी एक माह में पूर्ण हो जायेगा। मास्टर प्लान के अनुसार सभी कार्य दिसम्बर 2023 तक पूर्ण किये जायेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि बद्रीनाथ में भी मास्टर प्लान के अनुसार तेजी से कार्य हो रहे हैं। शीश नेत्र लेक एवं बद्रीश लेक का कार्य 03 माह में पूर्ण हो जायेगा। रिवर डेवलपमेंट प्रोजक्ट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण हो जायेगा।

सचिव संस्कृति, भारत सरकार गोविन्द मोहन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी कि केदारनाथ के लिए संस्कृति मंत्रालय के तहत चार प्रकार के कार्य होने हैं। जो जल्द शुरू किये जायेंगे। सोनप्रयाग में ओरिएंटेशन सेंटर की स्थापना, रामबाड़ा, छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली एवं चन्नी कैंप में चिन्तन स्थल (ध्यान स्थल), केदारनाथ में शिव उद्यान एवं केदारनाथ में केदार गाथा म्यूजियम का निर्माण किया जायेगा। इन सभी कार्यों की पूरी योजना बनाकर तैयारी कर ली गई है।

भाजपा हाईकमान की हामी : बड़ा एक्शन ले सकते हैं सीएम धामी, पितृ पक्ष के बाद कैबिनेट विस्तार होने की बढ़ी संभावना

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देहरादून, प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पेपर लीक मामले में बेरोजगारों के निशाने पर है, जिससे सरकार की किरकिरी हो रही है, सूत्रों की बात मानें, पार्टी हाईकमान की हामी के बाद सीएम धामी कुछ बड़ा एक्शन ले सकते हैं और कुछ कैबिनेट मंत्रियों की जगह नए चेहरे को मौका दे सकते हैं। उत्तराखंड में सत्ता के गलियारों में सियासी हलचल फिर बढ़ गई है। माना जा रहा है भाजपा हाईकमान, उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा कर सकता है। सीएम को सोमवार को कुमाऊं दौरे के बाद दून लौटना था पर वे दिल्ली रवाना हो गए। मंगलवार को वे दिल्ली में भाजपा मुख्यालय गए। यहां उन्होंने राज्यसभा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी से भेंट की। सीएम के पार्टी मुख्यालय में पहुंचने के साथ ही दून में कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। हालांकि पार्टी मुख्यालय में जब मुख्यमंत्री से कैबिनेट विस्तार के बारे में पूछा गया तो वह इस प्रश्न को टाल गए। जबसे ये विवाद खड़े हुए हैं, तब से मंत्रियों के साथ ही भाजपा विधायकों व वरिष्ठ नेताओं के दिल्ली दौरे भी बढ़े हैं। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, धन सिंह रावत के साथ ही विधायक विनोद चमोली, खजान दास, दिलीप रावत आदि भी दिल्ली होकर आ चुके हैं। हालांकि, मंत्रियों के दिल्ली में पूर्व के प्रस्तावित कार्यक्रम थे। इस बीच, विधानसभा की विवादित भर्तियों को लेकर गठित एक्सपर्ट कमेटी विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को अंतरिम जांच रिपोर्ट सौंप चुकी है।
संभावना जताई जा रही है कि पितृ पक्ष के बाद नवरात्र पर्व के आसपास मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल का विस्तार या उसमें फेरबदल कर सकते हैं। उनके मंत्रिमंडल में तीन मंत्री पद खाली हैं। इसके अलावा बैक डोर भर्ती मामले की जांच रिपोर्ट आनी है। जानकारों का मानना है कि यदि जांच समिति बैकडोर नियुक्तियों को रद्द करने की सिफारिश करती है तो तत्कालीन स्पीकर जो वर्तमान में कैबिनेट मंत्री हैं, पर नैतिक दबाव बना सकते हैं |

मुख्य सचिव ने की पर्यटन और यूटीडीबी के साथ चारधाम यात्रा के सम्बन्ध में बैठक

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देहरादून, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधु ने बुधवार को सचिवालय में कमिश्नर गढ़वाल, सचिव पर्यटन और यूटीडीबी के साथ चारधाम यात्रा के सम्बन्ध में बैठक की ।

मुख्य सचिव ने कहा कि 2 साल बाद फिर से शुरू हुई चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए आने वाले समय के लिए हमें अपने यात्रा सिस्टम को और मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रोप वे प्रोजेक्ट और रेलवे प्रोजेक्ट पूर्ण हो जाने के बाद यात्रियों की संख्या अत्यधिक बढ़ेगी जिसके कारण आने वाले समय में हमें अपने यात्रा मार्गों में सभी प्रकार की सुविधाओं में काफी सुधार लाने की आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए एक डेडीकेटेड बारामासी सिस्टम तैयार करने की आवश्यकता बताई। इसके लिए एक ऐसा सिस्टम विकसित करना होगा जो ऑफ सीजन में भी यात्रा मार्गों और धामों में लगातार सुधारीकरण का काम करता रहे।

मुख्य सचिव ने ऋषिकेश रजिस्ट्रेशन सेंटर को बड़े स्तर पर बनाए जाने के साथ ही ट्रैकिंग रूट्स और भूमि उपलब्ध होने पर यात्रा मार्गों में भी परमानेंट टॉयलेट स्ट्रक्चर स्थापित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगती है उनके रहने खाने आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु चारों धामों में ट्रांसिट हॉस्टल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने पर भी फोकस किया जाए। मुख्य सचिव ने सभी कमिश्नर गढ़वाल और सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों से इस सम्बन्ध में सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि 4 हफ्ते बाद इसकी पुनः बैठक की जायेगी।

इस अवसर पर कमिश्नर गढ़वाल सुशील कुमार एवं सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य अधिकारी और सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।

युवक को हनीट्रैप में फंसाकर हड़प ली इनोवा कार, अब ढाई लाख के लिए दे रहे धमकी

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सितारगंज । दो व्यक्तियों ने एक महिला के जरिये युवक को हनीट्रैप में फंसाकर इनोवा कार और 40 हजार हड़प लिए। इसके बाद अभी ढाई लाख और देने का दबाव बना रहे हूं। युवक ने मामले की शिकायत एसएसपी से की है।
पीलीभीत जिले के थाना अमरिया, ग्राम करगैना निवासी मो मुनाजिर पुत्र मो अख्तर ने एसएसपी को शिकायती पत्र देकर बताया है कि करीब तीन महीने पहले उसके मोबाइल पर नाजुक जहां नाम की महिला का फोन आया। महिला ने उससे फोन पर दोस्ती करने की बात कही। लेकिन उसने इनकार कर दिया। इसके बावजूद महिला उससे लगातार फोन पर बात करने के लिए कहती रही। इसके बाद वह भी महिला से बात करने लगा। बीती छह अगस्त को महिला ने बताया कि उसकी मां की तबीयत खराब है। उसने झांसे में लेकर सितारगंज बुला लिया। इसके बाद अपने कमरे पर लेकर चली गई। इस दौरान महिला उसके लिए कोल्ड ड्रिंक लाई, जिसे वह पीने लगा। इस बीच दो अन्य लोग यहां पहुंच गए। इस बीच वह बेहोश होने लगा। तभी दोनों उसके कपड़े उतारने लगे। उसने इस बात का विरोध भी किया। इस बीच वह पूरी तरह बेहोश हो गया। जब उसे होश आया तो वह किसी अन्य जगह पड़ा था। साथ ही दोनों व्यक्ति उसे पीटने लगे और कहने लगे कि तूने महिला के साथ गलत काम किया है। तेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज होने वाला है। दोनों 10 लाख की मांग करने लगे। मुनाजिर ने इतने पैसे देने से इनकार कर दिया तो आरोपियों ने कहा कि पांच लाख में मामला निपटा देते हैं। इसके बाद आरोपियों ने उसकी इनोवा कार संख्या यूपी 15 ए क्यू 0757 रख ली। उसकी कीमत 2.10 लाख लगाई। साथ ही उसने 40 हजार नकद घर से मंगाकर दिए। अब आरोपी 2.50 लाख और मांग रहे है। आरोपी धमकी दे रहे हैं कि अगर पैसे दो दिन में नहीं दिए तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। मुनाजिर के मुताबिक आरोपी सितारगंज कोतवाल के नाम पर उसे धमका रहे हैं।

बहू के साथ हैवानियत, गर्म तवे से जलाते थे ससुराली, चिल्लाती तो मुंह में ठूंस देते थे कपड़ा

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टिहरी, जनपद टिहरी के जाखणीधार निवासी एक विवाहिता के साथ जीवनगढ़ देहरादून में उसकी ससुरालियों ने वीभत्सता की सारी हदें पार कर दी है। पीड़िता महिला प्रीति 32 साल उसकी सास सुभद्रा और ननद जया ने गर्म लोहे के तवे से बुरी तरह से पूरे शरीर को जला दिया गया। उसके बाद पीड़िता के मायके पक्ष ने ससुरालियों के खिलाफ नई टिहरी कोतवाली में मुकदमा दर्जकरा दिया गया है, दरअसल मामला तब सामने आया जब पीड़िता प्रीति की मां सरस्वती शनिवार को जब अपनी बेटी के ससुराल जीवनगढ़ पहुंची उनको उनकी बेटी से मिलने नहीं दिया गया। उसके बाद वह जबरन घर में घुसी तो उनकी बेटी बुरी तरह घायल हालत में उन्हें मिली तो वह सन्न रह गई। जिसके बाद पीड़िता के सास और ननद ने पीड़िता की मां के साथ अभद्रता व्यवहार करते हुए धमकी दी जिसके बाद पीड़िता की मां चुपचाप से अपनी पीड़ित बेटी को लेकर अपने घर रिंडोलगांव जाखणीधार टिहरी गढ़वाल पहुंची,तो बीते सोमवार को जब ग्राम प्रधान और अन्य ग्रामीणों को घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी, मंगलवार सुबह पीड़िता प्रीति और ग्रामीण एसएसपी कार्यालय नई टिहरी पहुंचे और ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ तहरीर दी। प्रीति की मां सरस्वती ने बताया कि उनकी बेटी को बुरी तरह लोहे तवे से जलाया गया है। उनकी बेटी के तीन बच्चे उसका विरोध करते थे। तो बच्चों को भी मारा जाता था। उनकी बेटी के पति अनूप की मानसिक हालत ठीक नही है जिस कारण सास और ननद उनकी बेटी को मारते थे, पीड़िता महिला प्रीति 32 साल उसकी सास सुभद्रा और ननद जया ने गर्म लोहे के तवे से बुरी तरह से पूरे शरीर को जला दिया गया।
वहीं एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि नई टिहरी कोतवाली में आरोपित सास और ननद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। जल्द ही दोनों की गिरफ्तारी की जाएगी। महिला का मेडिकल कराने के बाद उसे देहरादून बर्न यूनिट कोरोनेशन अस्पताल रेफर किया गया है।

हैवानियत की हद :

पुलिस द्वारा घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टिहरी गढ़वाल द्वारा उक्त अभियोग में त्वरित कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था तथा त्वरित विवेचना कर अभियुक्तों की तत्काल गिरफ़्तारी हेतु जनपद की SOG टीम को निर्देशित किया गया | बता दें कि सोमवार को श्रीमती सरस्वती देवी निवासी रिंडोल जाखनीधार टिहरी गढ़वाल द्वारा तहरीर दी गयी कि उसकी बेटी प्रीति की शादी जीवनगढ़ विकासनगर में हुई थी. उसके ससुराल वाले शुरू से ही लड़की को दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे, लेकिन अब तो उसकी सास व ननद द्वारा हैवानियत की हद पार करते हुए लड़की को 15 दिन से बाथरूम में बिना खाना पानी दिए बंद कर रखा था व उसे जान से मारने के लिए उसे प्रतिदिन गरम खौलते पानी से जलाया जाता था और उसके मुंह में कपड़ा ठूंस कर सास व ननद द्वारा उसकी पिटाई भी की जाती थी और कुछ दिन पहले ही गरम तव्वे से उसके सर पर भी वार किया था |

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय से जब परिजनों द्वारा व अन्य सम्मानित व्यक्तियों द्वारा भेंट कर अपनी बात सुनाई गयी तो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा हर प्रकार के कानूनी व मानवीय सहायता हेतु उन्हें आश्वासन दिया गया तथा पीड़िता प्रीति को उचित मेडिकल सुविधा प्रदान किए जाने हेतु CMS से वार्ता कर लड़की तत्काल मेडिकल हेतु भेजा गया. बता दें कि इस घटना का संज्ञान उत्तराखंड महिला आयोग ने भी लिया था और कड़ा एक्शन करने के निर्देश दिए गए थे |

छात्र सिर्फ डिग्री के लिए शिक्षा प्राप्त ना करें बल्कि सीखने के उद्देश्य से शिक्षा ग्रहण करें : डा. सुनील अग्रवाल

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नई दिल्ली, इंटरनेशनल एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस का दिल्ली के होटल ताज विवांता में आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया | कॉन्फ्रेंस में एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टिट्यूट उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे, कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए डा. अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा के सामने बहुत सी चुनौतियां हैं कोरोना के समय पूरे विश्व में बंदी के चलते शिक्षा क्षेत्र को गंभीर आघात पहुंचे हैं | हमारे देश में भी आपातकालीन परिस्थितियों में ऑनलाइन शिक्षा लागू हुई लेकिन उसके लिए देश तैयार नहीं था | वर्तमान में भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही पद्धतियों से शिक्षण कार्य आवश्यक है, विशेष परिस्थितियों में ही ऑनलाइन शिक्षा का उपयोग किया जा सकता है सामान्य परिस्थितियों में छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु क्लासरूम शिक्षा ही बेहतर है |

उन्होंने कॉन्फ्रेंस में उपस्थित शिक्षकों का आह्वान किया कि भविष्य के चुनौतियों को देखते हुए अपने आप को अपडेट रखें, क्योंकि शिक्षक का छात्रों के व्यक्तित्व विकास और किसी भी देश के उत्थान के लिए विशेष योगदान होता है | शिक्षकों को हमेशा नया सीखने की कोशिश करनी चाहिए और नए-नए आईडियाज इंप्लीमेंट करना चाहिए, इससे छात्रों में शिक्षा के प्रति रुचि भी हो और गंभीरता भी रहे | छात्र सिर्फ डिग्री के लिए शिक्षा प्राप्त ना करें बल्कि सीखने के उद्देश्य से शिक्षा ग्रहण करें | इसमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी शिक्षक समाज की है विश्व में परिस्थितियां बहुत तेजी से बदल रही है बदलती हुई परिस्थितियों के अनुरूप शिक्षकों को अपने आप को अपडेट करते रहना चाहिए नई नई टेक्नोलॉजी को सीख कर नए नए प्रयोग करने आवश्यक हैं | कॉन्फ्रेंस में डॉ. सुनील अग्रवाल को उनके शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए इनोवेटिव एजुकेशनल लीडर के अवार्ड से सम्मानित किया गया | डॉ. सुनील अग्रवाल का इससे पूर्व भी कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है, कार्यक्रम में उपस्थित आयोजकों ने डॉ. सुनील अग्रवाल के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों की प्रशंसा की |
कॉन्फ्रेंस में रिपब्लिक ऑफ़ चाड कि राजदूत कैथरीन, हाउ आर रोबोटिक्स के फाउंडर डॉक्टर मनीष जिंदल, पूर्व आईएएस अधिकारी तीरथ राम काइट्स क्राफ्ट प्रोडक्शन के डायरेक्टर जिओ बॉबी, नैंसी जुनेजा, वर्षा अग्रवाल ,सुनिधि शर्मा सहित अतिथियों ने संबोधित किया |

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की 34वीं वार्षिक आम बैठक 20 सितंबर, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित हुई

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ऋषिकेश- टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की 34वीं वार्षिक आम बैठक मंगलवार, 20 सितंबर, 2022 को अपराह्न 3:40 बजे नई दिल्ली में आयोजित की गई। । कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आर. के. विश्नोई ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्‍य, शेयरधारक, सांविधिक लेखा परीक्षक, सचिवालयी लेखा परीक्षक उपस्थित थे।
श्री आर. के. विश्नोई, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने इस अवसर पर शेयरधारकों को संबोधित किया और वर्ष के दौरान कंपनी की उपलब्धियों और विकास योजनाओं की जानकारी को साझा किया।
अध्यक्ष श्री आर. के. विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसीआईएल नए व्यापार मॉडल का निर्माण करते हुए अपने मौजूदा व्यवसायों के आधार को मजबूत करने पर ध्‍यान केंद्रित किए हुए है। टीएचडीसीआईएल ने 2025 तक 4351 मेगावाट की संस्थापित क्षमता हासिल करने की परिकल्पना की है। वित्त वर्ष 2022 में, कंपनी ने CAPEX का 118% हासिल किया जो कि 2730 करोड़ रु. के लक्ष्‍य की तुलना में 3231.51 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2022 के दौरान सभी संयंत्रों से प्राप्त कुल उत्पादन 4670.81 मिलियन यूनिट था जो पिछले वर्ष की तुलना में 105.43 मिलियन यूनिट अधिक है।
वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का कुल राजस्व 1921.49 करोड़ रुपये है तथा कंपनी द्वारा अर्जित कुल लाभ 896.92 करोड़ रुपये है।
उन्होंने बताया कि टिहरी एचपीपी और कोटेश्वर एचईपी ने अक्टूबर, 2021 के महीने में “कोयला संकट” के दौरान अतिरिक्त विद्युत का उत्पादन कर सहयोग प्रदान किया । 830 मीटर तक जल भरने की अनुमति के कारण टिहरी की जलाशय क्षमता में वृद्धि ने टीएचडीसीआईएल को हाल के विद्युत संकट के दौरान अधिक विद्युत उत्‍पादन करने में मदद की। निगम ने अक्टूबर के महीने में रिकॉर्ड 650 मिलियन यूनिट (MU) विद्युत का उत्पादन किया, जब देश विद्युत संकट का सामना कर रहा था।
चल रही परियोजनाओं के बारे में, अध्यक्ष ने शेयरधारकों को सूचित किया कि टिहरी पीएसपी में, सभी मोर्चों पर काम कमीशनिंग के एडवांस स्‍टेज में हैं। परियोजना (वीपीएचईपी) के हित में विभिन्न उपायों के कार्यान्वयन के बाद, परियोजना पटरी पर है तथा प्रथम यूनिट के अक्टूबर 2024 तक कमीशन होने की संभावना है।

उन्होंने शेयरधारकों को बताया कि खुर्जा में टीएचडीसीआईएल का ताप आधारित विद्युत संयंत्र देश में अब तक का सबसे तीव्र ताप आधारित संयंत्र होने जा रहा है। खुर्जा एसटीपीपी के सभी पैकेज अवार्ड किए जा चुके हैं और सभी मोर्चों पर काम तेजी से चल रहा है। अमेलिया कोयला खदान के लिए कोयला खनन समझौते (सीएमए) पर एमडीओ के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं, और सितंबर, 2022 में कोयला खदान की ओपनिंग करने और दिसंबर, 2022 से कोयले की निकासी शुरू करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
शेयरधारकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, “टीएचडीसीआईएल एक नई उभरती लागत प्रभावी कार्बन कैप्चर तकनीक के साथ खुर्जा एसटीपीपी (2×660 मेगावाट) में कार्बन कैप्चर के लिए पायलट प्रोजेक्ट को लागू करने की प्रक्रिया में है। यह निकास गैसों से अधिकांश कार्बन-आधारित उत्सर्जन (CO2, मीथेन आदि) को हटाने में मदद करेगा। वेट लाइम स्टोनफोर्स्ड ऑक्सीडेशन प्रोसेस टेक्नोलॉजी के आधार पर खुर्जा में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन सिस्टम भी स्थापित किया जा रहा है ताकि बॉयलर में कोयले से निकलने वाली गैस में सल्फर डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को पर्यावरण मंजूरी में निर्दिष्ट सीमा से भी नीचे की सीमा तक कम किया जा सके।
श्री विश्नोई ने शेयरधारकों से कहा, “टीएचडीसीआईएल 2030 तक 500 गीगावाट हरित ऊर्जा की लक्ष्य क्षमता हासिल करने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए टीएचडीसीआईएल ने 2000 मेगावाट के सौर संयंत्रों का विकास शुरू कर दिया है। कंपनी ने राजस्थान में 10000 मेगावाट सौर ऊर्जा पार्क के विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं। अगले 3 वर्षों में, टीएचडीसीआईएल ने 25000 मेगावाट हरित ऊर्जा का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।” टीएचडीसीआईएल द्वारा अगले 2 वर्षों में 6000 मेगावाट क्षमता की जल विद्युत परियोजनाएं शुरू करने की उम्मीद है। विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने टीएचडीसीआईएल को अरुणाचल प्रदेश के लोहित बेसिन में 02 जल विद्युत परियोजनाएं (कलाई- II 1200 मे.वा. एवं डेमवे लोअर 1750 मे.वा.) राज्य सरकार के साथ उपयुक्त विश्लेषण और मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने के लिए आवंटित की हैं।
अक्षय स्रोतों से विद्युत उत्पादन की भविष्य की संभावनाओं का पता लगाने के लिए, टीएचडीसीआईएल ने टीएचडीसीआईएल ऑफिस कॉम्प्लेक्स, ऋषिकेश, उत्तराखंड में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित माइक्रो-ग्रिड के लिए एक पायलट परियोजना स्थापित करने की योजना बनाई है।
उन्होंने बताया कि टीएचडीसीआईएल, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के दृष्टिकोण के अनुरूप सभी प्रयास कर रही है।
इसके अलावा, वार्षिक आम बैठक में, कंपनी के शेयरधारकों ने 31 मार्च, 2022 को समाप्त वर्ष के लिए कंपनी के लेखा परीक्षित वित्तीय विवरणों और बोर्ड और लेखा परीक्षकों की रिपोर्ट को अपनाया। कंपनी ने शेयरधारकों के लिए 197.94 करोड़ रुपये का लाभांश घोषित किया। कंपनी द्वारा वित्त वर्ष 2022 के लिए 317.36 करोड़ रु. के अंतरिम लाभांश सहित कुल 515.30 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान किया गया। इसके अलावा, कंपनी के शेयरधारकों ने प्राइवेट

 

प्लेसमेंट आधार पर 3000 करोड़ रु. तक के कॉरपोरेट बॉन्ड जारी करके फंड जुटाने के प्रस्‍ताव को भी अनुमोदित किया ।
अध्यक्ष ने सभी हितधारकों को उनकी उपस्थिति और निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

 

अब 30 सितंबर तक हो सकेगा टूटे चावल का निर्यात, सरकार ने बढ़ाया समय, बंदरगाहों पर अटका 10 लाख टन चावल

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नई दिल्ली । सरकार ने निर्यातकों को राहत देते हुए अब टूटे चावल का निर्यात 30 सितंबर तक करने की इजाजत दे दी है। 8 सितंबर को सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया था और चावल की कुछ किस्मों के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगा दिया था। निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया था कि प्रतिबंध आदेश से पहले जहाज पर टूटे चावल की लोडिंग शुरू हो गई है, शिपिंग बिल दायर किया जा चुका है या जहाजों ने पहले ही भारतीय बंदरगाहों पर लंगर डाल दिया है, ऐसे मामलों में 15 सितंबर तक निर्यात किया जा सकेगा।
अब इस समय सीमा को 15 सितंबर से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है। एक रिपोर्ट अनुसार, टूटे चावल के निर्यात की समय सीमा बढ़ाने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया। सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए आरबीबी शिप चार्टरिंग लिमिटेड के एमडी और सीईओ राजेश भोजवानी ने कहा कि सरकार के इस कदम से बंदरगाहों पर अटके टूटे चावल के कार्गो को क्लियर करने में मदद मिलेगी।

‘पहले खाने के पैसे ट्रांसफर करना, फिर शादी में आना’, कपल ने छपवाया शादी का अजीब कार्ड!

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शादी-ब्याह किसी भी कपल के लिए एक लाइफटाइम ईवेंट होता है. ऐसे में हर कोई चाहता है कि इसे यादगार बना दिया जाए. यही वजह है कि लोग शादी में पैसे को पानी की तरह बहाने से भी परहेज़ नहीं करते और खाना-पीना तो जितने लोग खा लें उतना कम है.

आखिर खाने के मेन्यू और स्वाद से ही तो मेहमानों के बीच धाक जमती है. हालांकि विदेशों में अब एक अलग ही चलन शुरू हो चुका है, अगर शादी में जाना है तो अपना बिल खुद ही चुकाना है.

शादी की तैयारियों में और मेहमानों की आवभगत में पैसे तो खर्च ही हो जाते हैं. कई बार तो सालों की सेविंग शादी के वक्त ही खत्म हो जाती है. यही देखते हुए एक कपल ने अलग ही किस्म की शर्त रख दी. दूल्हा-दुल्हन ने अपने शादी के इनविटेशन में साफ-साफ लिखा है कि मेहमान अगर शादी में आएं तो पहले ही अपने खाने के बिल के तौर पर कुछ पैसे बैंक में ट्रांसफर कर दें. इतना ही नहीं उन्हें इसका जल्द से जल्द जवाब देने के लिए भी कहा गया है.

मेहमानों को देने होंगे खाने के पैसे

मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक एक शादी में दूल्हा और दुल्हन खुद मेहमानों से अपने खाने का बिल बैंक में एडवांस डिपोज़िट करने के लिए कह रहे हैं. रेडिट पर इस शादी में बुलाए गए एक मेहमान ने ये किस्सा शेयर किया. उसने बताया कि वेडिंग कार्ड के आखिर में लिखा है- ‘हम विनम्रतापूर्वक कह रहे हैं कि आप खाने के लिए $50 यानि करीब 4000 रुपये का सहयोग दें और हमें बताएं. खाने में मीठा भी शामिल है.’ कार्ड के साथ एक छोटा सा नोट कार्ड भी था, जिसमें वेडिंग गिफ्ट के लिए रजिस्टर 3 जगहों की लिस्ट दी गई है. जिन लोगों के पास ये कार्ड गया, वे इस बात को समझ रहे थे कि अब महंगाई और ज़माना अलग है, लेकिन ये फिर भी उन्हें अजीब लगा.

लोगों ने दिए मज़ेदार कमेंट

इस पोस्ट के साथ शख्स ने लिखा कि वो रेस्टोरेंट में $30 यानि 2300 रुपये में पूरा खाना और ड्रिंक ले सकते हैं. लोगों ने इस पर कमेंट करते हुए कहा कि उन्हें ये जल्दी बताने वाला आइडिया पंद नहीं आया. एक अन्य यूज़र ने लिखा कि वो किसी फंडिंग वेबसाइट पर ही रजिस्टर कर देते. वहीं एक अन्य यूज़र ने कहा कि इस शर्त के साथ इस शादी में आने वाले मेहमानों की संख्या भी अपने आपमें कमाल होगी. आखिर कौन इस शर्त को स्वीकार करेगा?

डेंगू रोकथाम को सीएमओ को दिये प्रभावी कदम उठाने के निर्देश

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देहरादून,चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने प्रदेश में डेंगू की रोकथाम के लिये विभागीय अधिकारियों को प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि माह अक्टूबर तक का समय डेंगू संक्रमण के लिये काफी संवेदनशील है। जिसको देखते हुये प्रत्येक स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग की नितांत आवश्यकता है। प्रधानमंत्री टीबी उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेश में नि-क्षय मित्र बनाने के अभियान में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर टीबी उन्मूलन अभियान की हर सप्ताह समीक्षा की जायेगी।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने आज सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान एवं डेंगू की रोकथाम को लेकर विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज विभाग एवं सहकारिता विभाग के उच्चाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। डॉ0 रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश में अब तक करीब 650 डेंगू के मामले सामने आये हैं, जिनमें से अधिकतर देहरादून व हरिद्वार जनपदों में हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को डेंगू के संक्रमण की रोकथाम के लिये प्रभावी कदम उठाने व संभावित क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिये कि चिन्हित डेंगू मरीजों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाये। टीबी मुक्त अभियान की समीक्षा करते हुये विभागीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में करीब 15200 चिन्हित टीबी मरीजों को आगामी 02 अक्टूबर तक नि-क्षय मित्रों द्वारा गोद लिया जाना है। भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पंचायतीराज विभाग व सहकारिता विभाग को टीबी मरीजों को 01 से 03 वर्ष तक गोद लेकर अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भागीदारी निभानी है। इसके अलावा औद्योगिक संस्थान, एनजीओ, शिक्षण संस्थान, राजनीतिक दल व व्यक्ति विशेष भी नि-क्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के उपचार में भागीदार बन सकते हैं। बैठक में सचिव सहकारिता डॉ0 बी0वी0आर0सी0 पुरूषोत्तम ने कहा कि सहकारिता विभाग के अंतर्गत सभी 670 पैक्स समितियां एवं 350 सहकारी बैंक व वह स्वयं तथा विभागीय अधिकारी नि-क्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के उपचार में भगीदारी सुनिश्चित करेंगे। इसके लिये उन्होंने शीघ्र ही विभागीय बैठक का आयोजन कर सभी समितियों व सहकारी बैंकों को निर्देश जारी करने की बात कही। बैठक में निदेशक पंचायतीराज विभाग बंशीधर तिवारी ने कहा कि टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान में विभाग के अंतर्गत सभी जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, जेष्ठ उप प्रमुख तथा ग्राम प्रधान स्वैच्छिक रूप से एक-एक टीबी मरीजों को गोद लेंगे।

बैठक में सचिव सहकारिता डॉ0 बी0वी0आर0सी0 पुरूषोत्तम, सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर0 राजेश, महानिदेशक सूचना एवं निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, निबंधक सहकारिता आलोक पाण्डेय, प्रभारी महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, सीएमओ देहरादून डॉ0 मनोज उप्रेती, अपर निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती, संयुक्त निबंधक एम0पी0 त्रिपाठी, डॉ0 एस0के0 झा, डॉ0 पंकज सिंह आदि अधिकारी उपस्थित रहे जबकि सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी एवं डीटीओ ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया।