Tuesday, April 29, 2025
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बड़ा हादसा टला , दिल्ली से मसूरी आ रही बस पलटी 27 लोग सवार एक यात्री चोटें आई ओर सुरक्षित

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मसूरी/,(दीपक सक्सेना) दिल्ली से मसूरी आ रही बस  पानी वाला बेड के पास कमानी टूटने के कारण रोड पर पलटी ।

सिटी कंट्रोल द्वारा सूचना मिली कि पानी वाला बैंड के पास एक बस रोड पर पलट गई है। इस सूचना पर थाना कोतवाली मसूरी से श्रीमान प्रभारी निरीक्षक महोदय ,चौकी प्रभारी बालूगंज थाने से पर्याप्त पुलिस बल आपदा उपकरण सहित तत्काल घटनास्थल हेतु रवाना किया गया। मौके पर जाकर देखा तो एक 27 सीटर बास संख्या DD 01 S 9078 रोड पर पलटी हुई थी । जिसमें कुल 27 लोग सवार थे। जानकारी करने पर पाया कि उक्त बस रात्रि 11:00 बजे कश्मीरी गेट दिल्ली से मसूरी के लिए चली थी। जैसे ही उक्त बस 6:50 के लगभग पानी वाला बैंड के पास पहुंची तभी अचानक कामनी टूटने के कारण अनियंत्रित होकर रोड पर ही पलट गई। बस काफी धीमी रफ्तार से चल रही थी। बस में कुल 27 लोग सवार जो दिल्ली से मसूरी आ रहे थे। बस पलटने के कारण बस में बैठे एक यात्री अर्चित शुक्ला पुत्र श्री गिरीश चंद शुक्ला निवासी दिल्ली को मामूली चोटें आई हैं जिसको 108 के माध्यम से अस्पताल भेजा गया है शेष सभी लोग सुरक्षित हैं जिनको प्राइवेट वाहनों से मसूरी भेजा गया है। बस रोड से किनारे की तरफ है सुरक्षा की दृष्टि से बस की दोनों तरफ पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है यातायात दोनों तरफ सुचारू रूप से चल रहा है। बस को चालक जसवंत पुत्र शमशाद निवासी विजय पार्क गली नंबर 15 A मौजपुर दिल्ली चला रहा था। जिसकी उम्र 25 वर्ष है।

आठवें वेतन आयोग का शीघ्र गठन ने सरकार से की मांग , प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन दिए जाने का निर्णय

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हरिद्वार। (कुलभूषण) उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के राजकीय पेंशनर ने बैठक कर अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन का फैसला लिया है। गत दिवस प्रसार प्रशिक्षण केंद्र के सभागार में सम्पन्न बैठक में आठवें वेतन आयोग का शीघ्र गठन करने की मांग उठाई है।

वरिष्ठतम पेंशनर राम कुमार अग्रवाल और रामेश्वर दयाल अग्रवाल की संयुक्त अध्यक्षता और जे पी चाहर के संचालन में 22 अप्रेल को जोरदार प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन दिए जाने का निर्णय लिया है।

बैठक का संचालन करते हुए उत्तर प्रदेश उत्तराखंड राजकीय पेंशनर्स समन्वित मंच के मुख्य संयोजक ने बताया कि आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की घोषणा के चार माह बाद भी आयोग का गठन नही करने से आयोग की संस्तुतितों में देरहोसकती । चाहर ने पेंशन संशोधन को वेतन आयोग से अलग रखने संबंधी लोक सभा मे वित्त विधेयक पारित करने के विवाद को भी चर्चा में शामिल किया।

व्यवस्था देते हुए रामकुमार अग्रवाल और रामेश्वर दयाल अग्रवाल ने मंगलवार को नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने की घोषणा की है। अध्यक्षद्वय ने बताया कि उत्तर प्रदेश उत्तराखंड राजकीय पेंशनर्स समन्वित मंच के तत्वावधान में प्रधान मंत्री और दोनों मुख्य मंत्रियों को ज्ञापन भेजे जाएंगे।

बैठक को संबोधित करते हुए आर के अस्थाना और भूपेंद्र सिंह ने कैशलेस गोल्डन कार्ड चिकित्सा की कठिनाइयों और विसंगतियों पर चिंता व्यक्त कर इन्हें दूर करने की मांग दुहराई।

मंच के संयोजक बी पी चौहन ने कहा कि आठवें वेतन आयोग के विचारणीय संदर्भ में पेंशनर संगठनों की भी राय ली जानी चाहिए। बी पी सिंह सैनी ने पेंशनर संगठनों को सक्रिय करने की बात कही।

ओ पी यादव ने पेंशनर हित मे तन मन धन से सहयोग करने का संकल्प लेते हुए आंदोलन सफल बनाने का आह्वान किया।
सुशील कुमार सैनी और पंकज गुप्ता ने राजस्व और कोषागार संबंधी समस्याओं के निराकरण की जिम्मेदारी निभाने की घोषणा की।

मधु सिंह और कमलेश शर्मा ने 22 अप्रेल को होने वाले प्रदर्शन और ज्ञापन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संपर्क अभियान चलाने का सुझाव दिया। सतीश चंद गुप्ता ने ईपीएफओ के पेंशनर की समस्याओं के निराकरण और पेंशन पुनरीक्षण की अपील की।

रेशम सिंह और अनिल गुप्ता ने संगठन की आर्थिक मजबूती के लिए आगे आने का आह्वान सभी पेंशनर्स से किया है।

रामसरीख और स्वदेश चौहान ने मांगे नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की सलाह दी है। महावीर प्रसाद ध्यानी ने आंदोलन को समय की आवश्यकता बताते हुए जोरदार प्रदर्शन की बात कही।

बैठक के अंत मे रामकुमार अग्रवाल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में 22 अप्रेल को होने वाले कार्यक्रम में जोरदार भागीदारी की अपील की गई। बैठक को संबोधित करने वालो में बी पी चौहान, जे पी चाहर, राम कुमार अग्रवाल, आर डी अग्रवाल, एल सी पांडे, अनिल गुप्ता, बी पी सिंह सैनी, सुशील सैनी , पंकज गुप्ता, आर के अस्थाना, शिवकुमार शर्मा , रामसरीख के अलावा जी पी डब्लू ओ के शाखाध्यक्ष वी के गुप्ता, कोषाध्यक्ष एम के अग्रवाल, शीशपाल, सुरेश कुमार, एस एस चौहान, मोहन लाल शर्मा, मनोज कुमार शर्मा, के आर जोशी, नवरत्न लाल, गीता शर्मा आदि ने भी संबोधित किया।

“विद्या वाचस्पति” की मानद उपाधि से सम्मानित हुए आचार्यमहामंडलेश्वर जूनपीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज

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हरिद्वार  (कुलभूषण) जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर अनन्तश्री विभूषित स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज को जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर द्वारा अपने “सप्तम दीक्षान्त समारोह” में “विद्यावाचस्पति” (डी. लिट.) की उपाधि से विभूषित किया गया।यह जानकारी स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज के जनसंपर्क अधिकारी अरविंद पाण्डेय ने प्रेस को जारी सूचना मे दी।

जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में संपन्न हुए समारोह में स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज को राजस्थान के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हरिभाऊ किशनराव बागडे एवं भारत की लोकसभा के अध्यक्ष माननीय श्री ओम बिडला जी ने विशिष्ट अभिनन्दन पत्र के साथ “विद्यावाचस्पति” की मानद उपाधि प्रदान की गई।

यह सम्मान उन्हें संस्कृत भाषा, भारतीय दर्शन, सनातन धर्म और गुरु-शिष्य परम्परा के संरक्षण एवं प्रसार में उनके अद्वितीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।

इस अवसर पर अपने उद्बोधन में स्वामी अवधेशानन्द ने कहा कि “भारत की कालजयी-मृत्युञ्जयी सनातन वैदिक संस्कृति का आधार ही संस्कृत भाषा है। आज सम्पूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति के प्रति विशेष आकर्षण बढ़ा है। भारत के वैश्विक प्रभाव के मूल में हमारे संस्कृत विश्वविद्यालय ही हैं। भारतीय संस्कृति के उन्नयन और उत्थान के लिए मैं इस विश्वविद्यालय का हार्दिक आभार ज्ञापित करता हूँ और यह सम्मान मै भगवान भाष्यकार आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य और गुरु परम्परा को समर्पित करता हूँ।”

इस अवसर पर राजस्थान सरकार के संस्कृत शिक्षामंत्री मदन दिलावर, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रामसेवक दुबे , पत्रिका समूह के संपादक डॉ. गुलाब कोठारी समेत अनेक जनप्रतिनिधियों, शासन-प्रशासन के अधिकारियों, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, छात्रों एवं शोधार्थियों समेत अनेक गणमान्य विभूतियों की उपस्थिति रही।

स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज संपूर्ण भारत सहित विश्वभर में धर्म, अध्यात्म, योग एवं संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए विख्यात हैं। यह मानद उपाधि भारतीय ज्ञान-परंपरा को समर्पित उनके निरंतर प्रयासों की सार्थक मान्यता है।
स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज को वर्ष 2008 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा भी साहित्य एवं मानवीय दृष्टिकोण के क्षेत्र में उनके असाधारण कार्यों के लिए मानद डि.लिट्. (डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) की उपाधि से भी सम्मानित किया जा चुका है।

“टोंस नदी की वर्तमान स्थिति एवं कार्ययोजना” पर यूकॉस्ट में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई

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देहरादून, उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) द्वारा “टोंस नदी के पुनर्जीवन” अभियान हेतु कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से यूकॉस्ट में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों एवं कार्ययोजना के द्वारा वृक्षारोपण अभियान और जनसहभागिता के माध्यम से टोंस नदी को पुनर्जीवित करना है, ताकि सतही जल की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके और नदी की पारिस्थितिकीय तंत्र को बहाल किया जा सके। बैठक का शुभारंभ यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डॉ. डी.पी. उनियाल के स्वागत उद्बोधन से हुआ, जिन्होंने विभिन्न संस्थानों, नागरिक समाज संगठनों और सरकारी विभागों से आये अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन किया। डॉ. उनियाल ने अभियान की अवधारणा एवं उद्देश्यों को साझा करते हुए इसे एक सामाजिक ज़िम्मेदारी बताया और यह स्पष्ट किया कि सभी की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को परिभाषित करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वैज्ञानिक कार्ययोजना और सुनियोजित प्रयास सुनिश्चित किए जा सकें। यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने टोंस और सोंग जैसी नदियों के भावनात्मक और पर्यावरणीय महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस पहल को “माँ धारा नमन” की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि ये नदियाँ जीवनदायिनी हैं और प्रकृति की उदारता की प्रतीक हैं। पुनर्जीवन तभी संभव है जब वैज्ञानिक दृष्टिकोण और जन-जागरूकता का संतुलित समावेश हो। उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों और संगठनों से इस अभियान में सक्रिय सहभागिता का आह्वान किया। बैठक में यूकॉस्ट के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. अशुतोष मिश्रा द्वारा “टोंस नदी की वर्तमान स्थिति एवं कार्ययोजना” पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। इस प्रस्तुति में नदी के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, उसके क्षरण के कारणों, और पुनर्जीवन हेतु प्रस्तावित योजनाओं पर प्रकाश डाला गया। प्रथम चरण के लिए पाँच संभावित स्थलों की पहचान की गई: उत्तरांचल विश्वविद्यालय की सीमा दीवार के पास, नंदा की चौकी के सामने, उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के पीछे, सुद्धोवाला की जिला जेल के पीछे, और शुभारती मेडिकल कॉलेज के पीछे। उत्तरांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. धर्म बुद्धि ने सुझाव दिया कि समीपवर्ती संस्थानों को वृक्षारोपण की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए और लगाए गए पौधों की उचित देखभाल एवं रखरखाव सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने पौधों और अन्य संसाधनों की उपलब्धता के लिए भी सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव दिया। पद्मश्री, श्री कल्याण सिंह रावत ने अभियान की निगरानी हेतु एक समर्पित समिति के गठन की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण के साथ-साथ उसकी देखभाल और संरक्षण में प्रतिबद्धता होनी चाहिए, ताकि यह एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत हो सके।बैठक के दौरान चर्चा विचार विमर्श सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमे सभी संस्थानों के प्रतिनिधि और विशेषज्ञों ने अपने अपने सुझाव दिए। इनमें श्री विनोद खाती (HESCO), डॉ. प्रवीण ठाकुर (IIRS देहरादून), डॉ. रश्मि सैनी (VMSB UTU), सुश्री दीक्षा भट्ट (फॉरेस्ट रेंजर कार्यालय, झाजरा ), श्री अभिषेक मौठानी (उप प्रभागीय वन अधिकारी, देहरादून), और डॉल्फिन इंस्टिट्यूट, माया देवी यूनिवर्सिटी, तुलाज इंस्टिट्यूट, सी आई आई समेत कई अन्य संस्थानों के अधिकारी और प्रतिनिधि शामिल थे। सभी ने अभियान में सक्रिय सहयोग की इच्छा जाहिर की और सुझाव दिया कि ऐसे पौधों का चयन किया जाए जिनके लिए सिंचाई की न्यूनतम आवश्यकता हो और जो पशुओं की चराई से प्रभावित न हों, जिससे पौधों का दीर्घकालिक संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।पद्म भूषण से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद् डॉ. अनिल प्रकाश जोशी का एक विशेष वीडियो संदेश भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने सही प्रजातियों के पौधों का चयन और वैज्ञानिक प्रबंधन तकनीकों को शामिल करने का सुझाव दिया। बैठक के समापन पर प्रो. दुर्गेश पंत ने सभी बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए आगे की कार्यदिशा पर प्रकाश डाला। उन्होंने सुझाव दिया कि अभियान से संबंधित जानकारी सभी शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचाई जाए और एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाए, जहाँ प्रगति को दर्ज किया जा सके, सफलता की कहानियाँ साझा की जा सकें, और भागीदारी करने वाले संस्थानों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए जा सकें। साथ ही उन्होंने विभिन्न संस्थानों के छात्र समूहों को जागरूकता फैलाने और ज़मीनी गतिविधियों के लिए संगठित करने की सलाह दी।बैठक का समापन सहयोग, स्थायित्व और वैज्ञानिक प्रतिबद्धता के संदेश के साथ हुआ। इसने टोंस नदी के पुनर्जीवन हेतु ज्ञान साझा करने, संस्थानों के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित करने और समुदाय की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से एक सामूहिक मिशन की नींव रखी।

एमडीडीए ने दो जगहों से की 44 बीघा अवैध प्लाटिंग ध्वस्त

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विकासनगर।  अवैध प्लाटिंग के खिलाफ एमडीडीए की कार्रवाई जारी है। गुरुवार को एमडीडीए की टीम ने दो जगह सोरना डोभरी और बाबूगढ़ ढकरानी विकासनगर से 44 बीघा अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया। एमडीडीए के एई अभिषेक भारद्वाज ने बताया कि सोरना डोभरी में किसी सैनी और पीसी कपूर की ओर से चालीस बीघा भूमि पर प्लाटिंग की जा रही थी, लेकिन इसके लिए एमडीडीए की अनुमति नहीं ली गई थी। विभाग की ओर से उन्हें नोटिस भी दिया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई जबाब नहीं दिया गया। जिसके बाद संयुक्त सचिव एमडीडीए के निर्देश पर गुरुवार को जेसीबी लेकर अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया गया। वहीं दूसरी सत्या देवी व सुरेश कुमार की ओर से बाबूगढ़ ढकरानी में प्लाटिंग की गई थी। इसकी भी अनुमति एमडीडीए से नहीं ली गई थी। जिसके बाद इसे भी ध्वस्त कर लिया गया। बताया कि टीम में जेई अमनपाल, मनीष, प्रीतम, सिद्वार्थ सेमवाल, अनुराग नौटियाल, सुपरवाइजर प्यारे लाल आदि मौजूद रहे।

दि वॉयस ऑफ़ वॉरियर्स फाउंडेशन ने गांधी पार्क में चलाया सफाई अभियान

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देहरादून, दि वॉयस ऑफ़ वॉरियर्स फाउंडेशन व उत्तराखंड महिला मंच द्वारा गांधी पार्क में साफ सफाई अभियान व पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मौजूद रहे ट्रांसजेंडर हिजड़ा/एलजीबीटी समुदाय को अपनाने व ट्रांसजेंडर समुदाय के सामाजिक मुद्दों के साथ जुड़े रहने का संदेश दिया। कार्यक्रम में द वॉयस ऑफ़ वॉरियर फाउंडेशन की सचिव ओशिन सरकार, उपाध्यक्ष अनुभव सिंह, कोषाध्यक्ष मनोज, बोर्ड सदस्य
नैना, संगीता, सोनिया, आयुष , अंशुल, तानिया, यशु ,मैत्री के साथ अन्य सदस्य इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। पार्क के सुपरवाइजर सुनील वर्मा और सभी मालियों ने भी कार्यक्रम को संपन्न करवाने के लिए सहयोग दिया और वृक्षारोपण करनू में मदद की। कार्यक्रम समापन के बाद सभी लोगों ने साथ मिलकर भोजन किया।
इसके साथ ही देहरादून का ट्रांसजेंडर समुदाय इस प्राइड हफ्ते के दौरान साफ सफाई अभियान, पौधारोपण, कल्चरल इवेंट और प्राइड वॉक का भी आयोजन करते रहे हैं। प्राइड का मुख्य उद्देश्य समाज को यही संदेश देना है कि ट्रांसजेंडर और एलजीबीटी समुदाय को बिना भेदभाव के अपनाया जाए और उनको वह सभी अधिकार दिए जाएं जो देश के हर नागरिक को है।

18वें रोहिताश सिंह मैमोरियल अन्तर्सदनीय जूनियर ब्वॉयज सुपर एट्स क्रिकेट टूर्नामेंट, टीम ए ने किया चैम्पियनशिप पर कब्जा

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देहरादून, 18वें रोहिताश सिंह मैमोरियल अन्तर्सदनीय जूनियर ब्वॉयज सुपर एट्स क्रिकेट टूर्नामेंट 2025 के अंतर्गत टीम ए ने बी टीम को पराजित करते हुए प्रतियोगिता जीतकर चैम्पियनशिप अपने नाम की।
यहां न्यू रोड स्थित द हैरिटेज स्कूल के ग्राउंड में खेली जा रही 18वें रोहिताश सिंह मैमोरियल अन्तर्सदनीय जूनियर ब्वॉयज सुपर एट्स क्रिकेट टूर्नामेंट 2025 के अंतर्गत फाइनल मैच टीम ए मोनाल सदन व मंदाकिनी सदन तथा टीम बी सागवान सदन एवं शिवालिक सदन के मध्य खेला गया। इस अवसर पर दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और अपनी अपनी टीमों के शानदार रन बनाये।
मैच के अंतिम समय टीम ए के खिलाड़ियों ने शानदार खेलते हुए 40 रन से मैच जीतकर खिताब अपने नाम कर लिया। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार, निदेशक विक्रांत चौधरी, काउंसलर चारू चौधरी, प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी,, सारिका जैन आदि ने विजेताओं एवं उप विजेता टीमों को प्रमाण पत्र एवं ट्राफी प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर अधिराज चौधरी को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार प्रदान किया गया और वहीं यश बुटोला को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार, निदेशक विक्रांत चौधरी, काउंसलर चारू चौधरी, प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी,, सारिका जैन, शिक्षक शिक्षिकायें एवं अन्य खेल प्रेमी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद ने वरिष्ठ आंदोलनकारी ने आशुतोष नेगी का किया अभिनंदन

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देहरादून, उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद ने कचहरी स्थित शहीद स्थल के सभागार में एक आम बैठक आयोजित कर वरिष्ठ आंदोलनकारी आशुतोश नेगी नागरिक अभिनंदन किया। इससे पहले परिषद ने उत्तराखंड के शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए यूकेडी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रमिला रावत ने बताया कि जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने पर किस तरह भाजपा की उत्तराखंड सरकार द्वारा उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजा गया। जनता के संघर्षों के परिणाम स्वरूप न्यायालय को उन्हें जमानत देनी पड़ी।
इस अवसर पर आशुतोष नेगी ने संघर्षशील जनता का धन्यवाद करते हुए कहा कि संयुक्त परिषद द्वारा उनका सम्मान किए जाने से उनका मनोबल बढ़ा और भविष्य में उत्तराखंड में भाजपा के कुशासन के खिलाफ व्यापक राजनीति बनाई जाएगी। परिषद के संरक्षक नवनीत गुसाईं ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आपसी एकता के बल पर हम भाजपा के खिलाफ लड़ सकते है ।
सीपीएम सचिव अनन्त आकाश ने कहा कि भाजपा विरोधी सभी विचार धाराओं को साझा कार्यक्रम को लेकर एकजुट होकर संघर्ष करते हुए भाजपा की कॉरपोरेट एवं सांप्रदायिक के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा तभी भाजपा को आगामी विधान सभा चुनाव में सत्ता से बाहर किया जा सकता है। यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री लताफ़त हुसैन एवं प्रवक्ता जब्बर सिंह पॉवेल ने जनता की एकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में अनंत आकाश, नवनीत गुसाईं, बलबीर नेगी, चिंतन सकलानी, सुरेश कुमार, त्रिलोक सिंह, वीर सिंह पंवार, कुशाल गाड़िया, सुभाग फर्स्वाण, रमेश बुराई, पंकज चौहान, अमित पंवार कालेश्वर नेगी, जबर सिंह पावेल, साधना देवी, अधिवक्ता सत्या डोगरा, सीमा देवी, मधु ठाकुर, अरुण डोंडियाल, राजकली, पुष्पा देवी, प्रियंका रानी, मधु नेगी सरोज, शंभु अंसारी, उपेन्द्र, डीडी पंत, देवचन्द उत्तराखंडी, रामपाल प्रभात डंडरियाल आदि मौजूद रहे l

बीएससी के छात्र ने खुद के सिर पर मारी गोली, अस्पताल में भर्ती, हालत नाजुक

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देहरादून, शिक्षा का हब कहा जाने वाला दून में बुधवार को एक छात्र अपने की गोली मार दी, मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड के 20 वर्षीय छात्र शशि शेखर ने अपने कमरे में पिस्तौल से खुद के सिर पर गोली मार ली। गंभीर रूप से घायल शशि को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार, शशि शेखर झारखंड का रहने वाला था और प्रेमनगर के एक निजी कॉलेज में बीएससी कृषि के द्वितीय वर्ष का छात्र था। वह प्रेमनगर में अपने दो अन्य सहपाठियों के साथ किराए के मकान में रहता था। बुधवार देर शाम, जब वह कमरे में अकेला था, उसने अपनी पिस्तौल से सिर पर गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग और उसके रूममेट्स मौके पर पहुंचे। खून से लथपथ शशि को देखकर सभी के होश उड़ गए। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर उसकी जान बचाने की कोशिश में जुटे हैं।
घटना की सूचना मिलते ही प्रेमनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि शशि के पास पिस्तौल कहां से आई और उसने आत्महत्या के प्रयास जैसा कठोर कदम क्यों उठाया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि घटना के समय शशि कमरे में अकेला था, और उसके रूममेट्स बाहर थे। पुलिस ने घटनास्थल से पिस्तौल बरामद कर ली है और इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। साथ ही, शशि के रूममेट्स और कॉलेज के सहपाठियों से पूछताछ की जा रही है ताकि आत्महत्या के प्रयास के कारणों का पता लगाया जा सके।
स्थानीय लोगों और कॉलेज प्रशासन में इस घटना को लेकर गहरा शोक और आश्चर्य है। शशि के परिजनों को सूचित कर दिया गया है, जो झारखंड से देहरादून के लिए रवाना हो चुके हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या शशि किसी मानसिक तनाव, पढ़ाई के दबाव या निजी समस्या से जूझ रहा था। प्रेमनगर क्षेत्र में इस तरह की घटना ने छात्रों और अभिभावकों के बीच सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी पहलुओं की जांच शुरू कर दी है। शशि के मोबाइल फोन और निजी सामान की भी जांच की जा रही है ताकि कोई सुराग मिल सके। पुलिस जांच में जुटी है कि आखिर छात्र ने यह कदम क्यों उठाया l

ऐतिहासिक “सूर्या देव भूमि चैलेंज” यात्रा भब्य उद्घाटन के साथ हुई शुरु।

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” भारतीय सेना के सूर्या कमान ओर पर्यटन विभाग उत्तराखंड व रेडियो मिर्ची के सहयोग से आयोजित इस असाधारण कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में रोमांच, विरासत और सतत विकास को मिलाना है”।

रुद्रप्रयाग(देवेंन्द्र चमोली)- भारतीय सेना व पर्यटन विभाग उत्तराखंड के सहयोग से गढ़वाल क्षेत्र में रोमांचक गतिविधि, स्थानीय धरोहर, और सतत विकास को एक नवीन उर्जा प्रदान करने हेतु “सूर्या देव भूमि चैलेंज 2025 ” की शुरुआत गढ़वाल हिमालय में भव्य एक्सपो और उद्घाटन समारोह के साथ हुई।
17 अप्रैल को हरसिल में आयोजित एक रोमांचक एक्सपो से शुरु इह आयोजन का 18 अप्रैल को नेलांग घाटी में एक भव्य उद्घाटन समारोह होगा। 18 अप्रैल, 2025 को बहुप्रतीक्षित सूर्य देव भूमि चैलेंज 2025 का आधिकारिक तौर पर उत्तराखंड पर्यटन और रेडियो मिर्ची के सहयोग से भारतीय सेना की सूर्या कमान द्वारा आयोजित इस असाधारण कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड के लुभावने गढ़वाल क्षेत्र में रोमांच, विरासत और सतत विकास को मिलाना है।
आयोजकों से मिली जानकारी के अनुशार सूर्य देव भूमि चैलेंज भारत का अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। 18 अप्रैल से 20 अप्रैल तक चलने वाले इस तीन दिवसीय चुनौतीपूर्ण अभियान में साइकिलिंग और ट्रेल रनिंग को अनोखे ढंग से एकीकृत करने का प्रयास किया जायेगा। प्रतिभागी जीवंत सांस्कृतिक परिदृश्यों का भ्रमण करेंगे और अपनी शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक लचीलेपन का परीक्षण करते हुए उत्तराखंड की समृद्ध विरासत का अनुभव करेंगे।

कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा
-साइकिलिंग अभियानः 18 अप्रैल को 110 किमी मार्ग (नेलांग गंगोत्री – हरसिल – भटवाडी)

– ट्रेल रनिंगः 19 अप्रैल को 37 किमी मार्ग (भटवारी – बूडा केदार)

– ट्रेल + वैली रनः 20 अप्रैल को कुल मार्ग (धुद्ध त्रियुगीनारायण सोनप्रयाग) 40 किमी

चैलेंज के दौरान यात्रा किए गए मार्ग उत्तराखंड के कुछ सबसे शानदार और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण परिदृश्यों से होकर गुजरते हैं, जो एक अविस्मरणीय यात्रा के लिए मंच तैयार करते हैं।
उद्घाटन समारोह में, मुख्यालय उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डी जी मिश्रा ने सेना, नागरिक प्रशासन और स्थानीय समुदायों के सहयोगात्मक प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “यह पहल न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी भारतीय सेना की अटूट प्रतिवद्धता का उदाहरण है। हमें हिमालय को स्थायी अवसरों के केंद्र में बदलने में उत्तराखंड के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने पर गर्व है।”
सूर्य देव भूमि चैलेंज के मुख्य उद्देश्यों में ऐतिहासिक पुराने चार धाम मार्ग को पुनर्जीवित करना, साहसिक और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना, वाइब्रेंट विलेज स्कीम और रिवर्स माइग्रेशन का समर्थन करना और सतत विकास के लिए नागरिक-सैन्य भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है। इस असाधारण आयोजन ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें जमीनी स्तर पर विकास और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर जोर देते हुए साहसिक भावना का जश्न मनाया गया। इस चैलेंज को उत्तराखंड पर्यटन, रेडियो मिर्ची (मीडिया एसोसिएट), उत्तरकाशी, नई टिहरी, रुद्रप्रयाग के जिला प्रशासन, स्थानीय पंचायतों और सामुदायिक स्वयंसेवकों सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा समर्थन दिया गया है।
जैसे ही प्रतिभागी इस कठिन यात्रा पर निकलते हैं, पूरे गढ़वाल क्षेत्र में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ जाती है। सूर्य देवभूमि चैलेंज 2025 सिर्फ़ एक इवेंट नहीं है; यह भारत को उसके प्राचीन मागों, लचीले समुदायों और रोमांच की असीम भावना से फिर से जोड़ने के लिए समर्पित एक आंदोलन है।