Tuesday, April 29, 2025
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सबूत मिटाने को तोड़ा गया रिजॉर्ट : अंकिता भंडारी के परिजनों से मिलकर बोले किसान नेता राकेश टिकैत

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पौड़ी, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अंकिता भंडारी मर्डर केस पर उत्तराखंड सरकार को आड़े हाथों लिया है। कहा कि अंकिता केस में ठीक ढंग से जांच नहीं हो रही है। रिजॉर्ट में अंकिता के कमरे को अचानक ही तोड़े जाने पर टिकैत ने कई सवाल खड़े किए हैं, सबूतों को छुपाने के लिए सिर्फ एक कमरे को ही तोड़ा गया है। अंकिता के पोस्टमार्टम पर भी सवाल उठाते हुए टिकैत ने कहा कि पोस्टमार्टम के दौरान एक भी महिला चिकित्सक मौजद नहीं थी। बताया कि अंकिता के हत्यारों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए आगामी 10 अक्तूबर को भारतीय किसान यूनियन जिलाधिकारी, पौड़ी को ज्ञापन सौंपेगी।

बुधवार को अंकिता भंडारी के घर उनके परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे। कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है कि अंकिता जिस ‘वनंतरा रिजॉर्ट’ में बतौर रिस्पेशनिस्ट का काम कर रही थी, उसे अवैध तरीके से बनाया गया। टिकैत ने रिजॉर्ट तोड़े जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि हत्याकांड के एकमात्र स्थल से सबूतों को गायब करने के लिए यह कारनामा किया गया है, कहा कि इससे साफ है कि आरोपियों को बचाने की पूरी योजना चल रही है। उन्होंने सरकार से आरोपियों को सख्त सजा दिलाए जाने की मांग की। टिकैत ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में इस तरह की घटना से पूरा देश आहत है। इस घटना से सभी भारतवासी दुखी हैं। कहा कि पूरा देश बेटी को न्याय दिलाने में उनके साथ खड़ा है।

कहा कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। जिससे उत्तराखंड न्याय के मामले में भी पूरे देश के लिए नजीर बन सके। उन्होंने अंकिता भंडारी के परिजनों से कहा कि आप इस मामले में मजबूती से खड़े रहोगे तो पूरा देश आपके साथ है। कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में नहीं बक्शा जाना चाहिए। वहीं अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने एक बार फिर बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने की मांग उठाई।

ब्रैकिंग : पौड़ी बस हादसे में 32 लोगों की मौत, 18 को जिंदा बचाया गया, 24 घंटे बाद पूरा हुआ SDRF का ऑपरेश

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पौड़ी, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल बस हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई। एसडीआरएफ की ओर से जारी सर्च ऑपरेशन को पूरा करा लिया गया। एसडीआरएफ की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, बस में 50 लोग सवार थे। हादसे में 32 लोगों की जान चली गई। वहीं, 18 घायलों को भी निकाला गया है। पौड़ी में हुए इस भीषण हादसा का मामला सामने आते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ऐक्शन में आए। देर रात सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूप में पहुंच कर राहत कार्य शुरू कराए जाने की स्थिति पर नजर रखी। सीएम पुष्कर सिंह धामी बुधवार को दुर्घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। इससे रेस्क्यू ऑपरेशन को काफी तेज गति से चलाया गया। दिन में हादसे में 25 लोगों के मरने की जानकारी सामने आई थी। वहीं, 21 लोगों को जिंदा बचाए जाने का मामला सामने आया। डीजीपी अशोक कुमार की ओर से इस मामले में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा था कि बस में 50 लोग सवार थे। घायलों को अस्पतालों में पहुंचाया गया है। वहां उनका इलाज चल रहा है। एसडीआरएफ ने ऑपरेशन पूरा होने की कही बात
एसडीआरएफ ने बस हादसे में चल रहे सर्च ऑपरेशन के पूरा होने की बात कही है। एसडीआरएफ की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि दुर्घटना में 18 लोगों को जिंदा निकाला गया है। वहीं, इस भीषण हादसे 32 लोगों की जान चली गई। कोटद्वार, रिखणीखाल से बीरोंखाल जाने वाल सड़क पर सिमड़ी के पास बरातियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर पूर्वी नयार नदी की घाटी में जा गिरी थी। हादसा मंगलवार देर शाम 7 बजे का है। हरिद्वार जिले के लालढांग बारातियों को लेकर बस काड़ा तल्ला जा रही है थी। बस जैसे ही बीरोंखाल के सिमड़ी बैंड के पास पहुंची, वैसे ही अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। सीएम धामी ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि मौके पर उच्चाधिकारी पहुंचे। राहत और बचाव कार्य रात भर और बुधवार को पूरे दिन चला।

मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान
राज्य सरकार की ओर से पौड़ी गढ़वाल बस हादसे के मृतक के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया गया है। दुर्घटना में मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए एक-एक लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा की।

बस दुर्घटना में घायलों को देखने पहुँचे सीएम धामी, जाना हालचाल

कोटद्वार, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कोटद्वार बेस अस्पताल में सिमड़ी, पौड़ी में हुई बस दुर्घटनाग्रस्त में घायल हुए लोगों का हालचाल जाना। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कोटद्वार बेस अस्पताल में घायलों के परिवारजनों से मुलाकात कर कहा कि घायलों के ईलाज के लिये सरकार द्वारा पूरी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने अस्पताल में भर्ती घायलों के बारे में डाक्टरों से पूरी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने सिमड़ी, पौड़ी बस दुर्घटना में फर्स्ट रेस्पांडर के रूप में घटना स्थल पर पहुंचे ग्रामीणों का भी आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले आस-पास के ग्रामीण पहुँचे और उन्होंने घायलों को बाहर निकालने में मदद की। मुख्यमंत्री ने डीएम पौड़ी को निर्देशित किया है कि जिन ग्रामीणों ने आपदा की घड़ी में घायलों को और मृतकों को बाहर निकालने में मदद किया है उनकी सूची बनाकर उनको भी प्रोत्साहित करने हेतु प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाए।

 

उत्तरकाशी और पौड़ी की घटनाओं में प्रभावितों को सीएम धामी ने की आर्थिक सहायता की घोषणा, राष्ट्रपति ने घटना पर जताया दुःख

देहरादून, पौड़ी जनपद में हुई दर्दनाक बस हादसे से पूरे प्रदेश में मातम पसर हुआ है। मंगलवार की देर शाम पौड़ी गढ़वाल जिले के बीरोंखाल इलाके में करीब 45 से 50 लोगों को ले जा रही बारात की एक बस गहरी खाई में गिर गई। बस दुर्घटना में 25 लोगों की मृत्यु हो गई है। पुलिस और SDRF ने बचाव अभियान चलाकर 21 लोगों को बचाया है। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है। सीएम धामी और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक दुर्घटना स्थल बीरोखाल ब्लॉक के सिमड़ी पहुंचे है और बस दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया हैं। इस दौरान घायलों को अस्पताल में पहुंचकर उनका हालचाल जाना।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी और पौड़ी की घटनाओं में प्रभावितों को आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की है। दोनों घटनाओं में मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख, गम्भीर घायल को एक-एक लाख और सामान्य घायल को पचास हजार की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने घटना पर दु:ख जताया :

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड में बस के घाटी में गिरने पर कई लोगों के हताहत होने की दुर्घटना से दुखी हूं। इस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।

मंत्री गणेश जोशी ने गोरखाली समाज के साथ मनाया दशहरा का पर्व, उनके घर पहुंचकर लगवाया तिलक

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‘विजयदशमी के अवसर पर कांग्रेस नेत्री गोदावरी थापली की माता शोभा थापा ने तिलक लगाकर दिया मंत्री गणेश जोशी को आशीर्वाद’

देहरादून, दशहरा पर्व पर आज कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी देहरादून के नयागांव पहुंचे और लक्ष्मी प्रधान के यहां पहुंचकर शुभकामनाएं दी तथा तिलक लगवाया।
इसके पश्चात मंत्री जोशी ने जोहड़ी गांव में उदय सिंह थापा और कई अन्य गोरखाली समाज के लोगों घर पहुंचकर तिलक लगाकर दशहरे की बधाई और शुभकामनाएं दी। इसके बाद मंत्री जोहड़ी गांव स्थित मसूरी विधानसभा से कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री गोदावरी थापली की माता शोभा थापा के घर पहुंचकर उनसे तिलक लगवाया उनका आशीर्वाद लिया और दशहरा पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और यह हमें याद कराता है कि सच की हमेशा जीत होती है। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम का सम्पूर्ण जीवन चरित्र अनुकरणीय है। उनके जीवन की विशिष्टता समाज का मार्ग प्रशस्त करती रही है। उन्होंने धर्म एवं सत्यता के मार्ग पर चलकर रावण पर विजय प्राप्त की थी। दशहरा उल्लास एवं विजय का भी पर्व है। मंत्री जोशी ने कहा कि शक्ति की उपासना का यह पर्व हमें जीवन की कठिनाइयों से पार पाने की प्रेरणा देता है। केबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेशवासियों से आपसी भाई-चारे और सौहार्द के साथ सभी पर्वों को मिलजुल कर मानने की अपील की । इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश की सुख समृद्धि की कमाना भी की।
इस अवसर पर बीजेपी नेता संध्या थापा, शोभा थापा, रवि किरन थापा, सूर्य किरण थापा, दीप राज थापा, कल्पना गुरुंग, डॉ महेंद्र गुरुंग, मनीषा गुरुंग सहित कई लोग उपस्थित रहे।

अंकिता की हत्या कांड़ : सामने आयी असली वजह, थी सोची-समझी साजिश, एसआईटी ने 76 मेहमानों से की पूछताछ

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देहरादून, अंकिता हत्याकांड में एसआईटी ने वनंत्रा रिजॉर्ट में पहले ठहर चुके और आगे के लिए बुकिंग कराने वाले 76 मेहमानों से पूछताछ की है। सभी के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से कुछ लोगों के मजिस्ट्रेटी बयान भी दर्ज किए गए हैं। एसआईटी ने दूरदराज के लोगों को पूछताछ और बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। वहीं, पुलकित और उसके दोस्तों ने अंकिता की हत्या क्यों की इसकी वजह भी एसआईटी ने बताई।
एडीजी कानून व्यवस्था के मुताबिक, हत्याकांड को सिद्ध करने के लिए एसआईटी को पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य अहम भूमिका अदा करेंगे। तीन से चार सप्ताह के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।
एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन को पुलिस मुख्यालय का मुख्य प्रवक्ता बनाया गया है। उन्होंने को पत्रकारों को एसआईअी की अब तक की कार्रवाई की जानकारी दी। बताया कि हत्या का मकसद सिद्ध करने के लिए एसआईटी ने बहुत साक्ष्य जुटाए हैं।

पूछताछ और साक्ष्यों के मिलान के बाद यह बात सामने आ चुकी है कि अंकिता की हत्या एक सोची-समझी साजिश थी। अंकिता रिजॉर्ट का राजफाश करना चाहती थी। इसीलिए उसे पुलकित और उसके दोस्त समझाने के बहाने नहर के पास लेकर गए। जब वह नहीं मानी तो उसे धक्का दे दिया।
यह भी पता चल चुका है कि पुलकित ने हत्या के अगले दिन अपना मोबाइल नहर में फेंका था। मोबाइल की तलाश की जा रही है। इसके अलावा रिजॉर्ट में क्या-क्या होता था, इस संबंध में मेहमानों से पूछताछ की गई है।हत्या की रात और उससे पहले रिजॉर्ट में ठहरे लोगों के बयान अहम हैं। एडीजी ने बताया कि इनमें बहुत से वे लोग हैं, जो पहले ठहर चुके हैं। जबकि, कई लोगों ने बुकिंग कराई थी। दिल्ली के कुछ लोग भी यहां अक्तूबर के पहले सप्ताह में जन्मदिन की पार्टी करने आने वाले थे। उनसे भी पूछताछ की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में करीब 76 मेहमानों से पूछताछ की गई है। इनमें बहुत से लोगों ने रिजॉर्ट बुक कराया था। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं। इसके अलावा विधिक राय भी ली जा रही है ताकि जांच का कोई बिंदु रह न जाए।

अंकिता हत्याकांड और भर्ती घोटालों में रसूखदारों को बचा रही सरकार: उक्रांद

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देहरादून, उक्रांद ने प्रदेश सरकार पर अंकिता हत्याकांड और भर्ती घोटालों में रसूखदारों को बचाने का आरोप लगाया, पार्टी ने कहा यही कारण है कि दोनों मामलों में सरकार सीबीआई जांच से बच रही है।

उक्रांद के केंद्रीय कार्यालय में पत्रकार वार्ता में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि वर्तमान में राज्य की हालत अत्यंत चिंताजनक है। सरकार के संरक्षण में रसूखदर अपने सगे संबंधियों को नौकरियां बांट रहे हैं, बहू-बेटियां के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने अंकिता हत्याकांड में सीबीआई जांच की मांग को लेकर पार्टी के उत्तराखंड बंद में सहयोग करने पर व्यापारियों और जनता का आभार जताया। उन्होंने बताया कि इन मामलों में भविष्य में उक्रांद सभी वर्गों से संवाद कर व्यापक कार्यक्रम करेगी। इससे पहले पार्टी की बैठक बुलाकर रणनीति तैयार की जाएगी। आरोप लगाया कि राष्ट्रीय पार्टियों ने उत्तराखंड को लूट का उपनिवेश बना दिया है। निवर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र कुकरेती ने कहा कि हम हर हाल में अंकिता को न्याय दिलाएंगे। उत्तराखंड में इस प्रकार घटनाएं दोबारा न हो इसके लिए उक्रांद ऐसे लोगों को चिन्हित करेगा जो यहां पर अनैतिक कार्य कर रहे हैं | मौके पर पार्टी के केंद्रीय महामंत्री विनय कुमार बौड़ाई, जयप्रकाश उपाध्याय, प्रमिला रावत, लताफत हुसैन, रेखा मिंया, केन्द्रपाल तोपवाल, विजय बौड़ाई, किरण रावत आदि उपस्थित रहे।

प्रथम ‘गढ़भोज दिवस’ का 7 अक्टूबर को होगा आयोजन, राज्य के स्कूलों के मिड डे मील का हिस्सा बनेगा गढ़भोज

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देहरादून, उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन को पूरे देश में “गढ़भोज” के नाम से पहचान दिलाकर थाली का हिस्सा व आर्थिकी का जरिया बनाने के लिये हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान जाड़ी वर्ष 2000 से राज्य में गढ़भोज अभियान चला रहा है। इस वर्ष 7 अक्टूबर 2022 को ‘गढ़भोज दिवस’ मनाया जायेगा, असल में उत्तराखण्ड का पारम्परिक भोजन दुनिया के चुनिंदा भोजन में से एक है जो भूख मिटाने के साथ साथ औषधी का काम भी करता है। पहाड़ की फसलें पारिस्थितकी तंत्र में संतुलन बनाये रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दुर्भाग्यवश ये फसलें व उनसे बनने वाले भोजन कुछ वर्ष पूर्व हासिये पर चले गये थे। जो फिर आज धीरे धीरे हमारी थाली का हिस्सा बन रही है।

दून के प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में गढ़भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि ‘गढ़ भोज अभियान’ के लम्बे संघर्ष व सरकारों के प्रयासों से आज फ़सलों के उत्पादन बढाने की कोशिश व बेहतर बाज़ार व्यवस्था के प्रयास किये जा रहे हैं जिसे हम सबको मिलकर और बेहतर करने की जरुरत है। श्री सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड के पारम्परिक फसलें व उससे बनने वाले गढ़भोज की खूबियां व संरक्षण को लेकर राज्यवासी सम्पूर्ण राज्य व राज्य से बाहर एक दिन उत्सव के रूप में मनाये, इसके लिये जाड़ी संस्थान के द्वारा 7 अक्टूबर 2022 को ‘गढ़भोज दिवस’ मनाया जा रहा है। प्रथम गढ़ भोज दिवस का शुभारंभ प्रदेश के शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के करकमलों से होगा।

राज्य भर में मनाया जायेगा गढ़ भोज दिवस :

गढ़भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की गढ़ भोज दिवस के अवसर पर विशेषज्ञों द्वारा स्कूली पाठ्यक्रम के लिये तैयार की गई पुस्तक का विमोचन किया जायेगा। गढ़ भोज दिवस पर राज्य के स्कूल में मिड दे मिल (प्रधानमंत्री पोषण) योजना में गढ़ भोज शामिल होगा। जिसकी पहली थाली मंत्री जी बच्चों को पारोसेगें।

डा. अरविन्द दरमोडा ने कहा की गढ़ भोज अभियान दुनिया का एक मात्र एेसा अभियान है जो फ़सलों व भोजन को पहचान दिलाने के लिये चलाया गया है और जो सफल भी हुआ। अब हम सबका दायित्व बनता है कि उत्तराखण्ड की भोजन संस्कृति विरासत को लोग जाने, इसलिये गढ़ भोज दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। प्रो.यतीश वशिष्ठ ने कहा कि पारम्परिक भोजन गढ़ भोज की विषेशताओं को ज्यादा से ज्यादा लोग जाने व इसको राज्य व राष्टीय स्तर पर गढ़भोज उत्सव मनाने के लिये गढ भोज दिवस की कल्पना की गई। यह अक्तूबर का महीना इस लिये भी विशेष है की आजकल उत्तराखण्ड की फसलें तैयार होकर खेत से घर पहुंच रही है। पत्रकार वार्ता में गंगा बहुगुणा एवं नरेश नौटियाल भी मौजूद थे |

दु:खद : लोंथरु गांव की पर्वतारोही सविता कंसवाल की हादसे में मौत

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उत्तरकाशी, जनपद के लोंथरु गांव की निवासी पर्वतारोही सविता कंसवाल की हादसे में मौत हो गई है। मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा चोटी में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में गए प्रशिक्षकों में शामिल पर्वतारोही सविता की एवलांस में दबने से मौत हो गई। निम के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट ने हादसे में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की मौत की पुष्टि की।
उत्तरकाशी जनपद की इस उभरती पर्वतारोही ने बहुत कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपना नाम बनाया था, सविता ने इसी साल मई माह में 15 दिन के अंदर एवरेस्ट और माउंट मकालू पर्वत सफल आरोहण कर नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
सविता ने नेहरु पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स किया था।
द्रौपदी का डांडा चोटी(5771 मी.) का आरोहण कर लौट रहा 41 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह हिमस्खलन की चपेट में आया गया।

सविता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की एक कुशल प्रशिक्षक थी। इसी साल 12 मई को सविता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर तिरंगा फहराया था। इसके 15 दिन बाद सविता ने माउंट मकालू (8463 मीटर) पर भी सफल आरोहण किया था। उसकी सफलता से उसके क्षेत्र और जनपदभर में खुशी की लहर थी। वहीं मंगलवार देर शाम सविता की मौत की खबर आने के बाद उसके गांव सहित जनपदभर में शोक की लहर फैल गई है।

हिमाचल : प्रधानमंत्री मोदी ने फूंका चुनावी बिगुल, एम्स का किया उद्घाटन, करोड़ों की परियोजनाओं की राज्य को दी सौगात

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बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश में बुधवार को चुनावी बिगुल फूंकते हुए कहा कि पिछली सरकारें परियोजनाओं की नींव रखती थीं और चुनाव के बाद उन्हें पूरा करना भूल जाती थीं। राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यहां आयोजित एक रैली में प्रधानमंत्री को एक पारंपरिक वाद्य यंत्र ‘रणसिंघा’ भेंट किया। मोदी ने इसे फूंककर ‘रणभेरी’ बजाई और बाद में कहा, ‘‘यह भविष्य की प्रत्येक जीत की शुरुआत का प्रतीक है।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार न केवल शिलान्यास करती है, बल्कि विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी करती है। मोदी यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज का उद्घाटन करने के बाद लुहनू मैदान में एक रैली को संबोधित कर रहे थे |
इन संस्थानों की आधारशिला मोदी ने ही 2017 में रखी थी। प्रदेश में अगले दो महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार को इस साल के अंत से पहले विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद है। मोदी कार्यक्रम के बाद दशहरा समारोह देखने कुल्लू रवाना हो गए। प्रधानमंत्री 24 सितंबर को राज्य के मंडी का दौरा करने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण वह रैली स्थल पर नहीं जा सके। तब उन्होंने इसे डिजिटल माध्यम से संबोधित किया था। मोदी ने आज कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के उद्घाटन के साथ बिलासपुर को विकास का दोहरा उपहार मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सौभाग्यशाली हूं कि हिमाचल प्रदेश की विकास यात्रा का हिस्सा रहा हूं।’’ उन्होंने कहा कि राज्य में विकास इसलिए संभव हुआ है, क्योंकि यहां के लोगों ने केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा को सत्तारूढ़ करने के लिए मतदान किया था।
मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत ‘‘जय माता नैना देवीजी’’ के नारे से की। यह मंदिर बिलासपुर जिले में ही स्थित है। उन्होंने दशहरे की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राष्ट्र रक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अब बिलासपुर में नये एम्स के साथ, यह जीवन रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मोदी ने कहा कि 2014 में हिमाचल प्रदेश में केवल तीन मेडिकल कॉलेज थे। पिछले आठ वर्षों में आठ और मेडिकल कॉलेज और एम्स स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य को चिकित्सा पर्यटन से काफी लाभ हो सकता है।

मोदी ने ड्रोन नीति बनाने वाला पहला राज्य बनने पर हिमाचल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दवाओं और अन्य सामानों के परिवहन के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए ईज ऑफ लिविंग सुनिश्चित कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल अवसरों का प्रदेश है, यहां बिजली पैदा होती है, फल-सब्जी के लिए उपजाऊ जमीन है और रोजगार के अनंत अवसर देने वाला पर्यटन यहां पर है। उसी रैली में बोलते हुए, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पूछा कि क्या कांग्रेस के किसी प्रधानमंत्री ने आधारशिला रखी थी और फिर उसी परियोजना का उद्घाटन किया था? मोदी ने अक्टूबर 2017 में बिलासपुर एम्स और उससे पहले अप्रैल में कॉलेज की आधारशिला रखी थी।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को प्रधानमंत्री से 10,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मिली हैं। उन्होंने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद राज्यों में हर चुनाव में अलग-अलग पार्टियों को चुनने का चलन बदल गया है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि हिमाचल प्रदेश में आगे भी ऐसा ही परिणाम देखने को मिलेगा। बिलासपुर में एम्स केंद्र की प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बनाया गया है और इसकी लागत 1,470 करोड़ रुपये है। इसे 18 स्पेशल्टी और 17 सुपर स्पेशल्टी विभागों, 18 ऑपरेशन थिएटर और 750 बिस्तरों के साथ एक अत्याधुनिक अस्पताल के रूप में वर्णित किया गया है। इस अस्पताल में आईसीयू में 64 बिस्तर हैं।

दो सौ सैंतीस एकड़ में फैले इस अस्पताल मे पहुंच की समस्या वाले जनजातीय इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य केंद्र भी है। यह काजा, सलूनी और केलांग जैसे दूरस्थ स्थानों में स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित करेगा। अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल हर साल अपने एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में 100 और नर्सिंग पाठ्यक्रमों में 60 छात्रों को प्रवेश देगा। नड्डा ने पिछले दिसंबर में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) का उद्घाटन किया था, लेकिन उस वक्त सभी सुविधाएं तैयार नहीं हुई थीं। मोदी ने अस्पताल और कॉलेज का शुभारंभ करने के अलावा आज के कार्यक्रम में अन्य विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी या उनका उद्घाटन किया। आज की, परियोजनाएं कुल 3,650 करोड़ रुपये की हैं।

केदारनाथ के कपाट बंद होने की तिथि घोषित ,भैयादूज के अवसर पर शीतकाल के लियेे बंद होगें बाबा के कपाट

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पंचकेदारों में विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट 7 अक्टूबर, मद्महेश्वर के कपाट 18 अक्टूबर, व बाबा केदारनाथ के कपाट 27, अक्टूबर को विधिविधान के साथ शीतकाल के लिये बंद होगें।

(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- भगवान आशुतोष के 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 27 अक्टूबर को प्रातः शीतकाल के लिये बन्द कर दिये जायेगें। इसी के साथ बाबा की डोली को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान किया जायेगा।
आज विजयादशमी पर्व के अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पंचाग गणना के पश्चात बाबा केदार सहित मद्महेश्वर व के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा की गई।
इस बार भगवान केदारनाथ के कपाट आगामी 27 अक्टूबर को भैयादूज पर्व पर तुला लगन में प्रातः आठ बजे शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जायेगें।
कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से शीत कालीन गद्दी स्थल लाया जायेगा तथा 29 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान किया जायेगा। इसी तरह द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट 18 अक्टूबर को प्रातः बृश्चिक लग्न में शीतकाल के लिये बन्द किये जायेंगे। इस बार मदमहेश्वर धाम के कपाट आगामी 18 नवम्बर को प्राप्त आठ बजे वृश्चिक लगन में शीतकाल के लिए बन्द किये जायेंगे तथा भगवान मद्महेश्वर की डोली 21 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी। वहीँ तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट 7 अक्टूबर को शीतकाल के लिये बंद होगें । भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में आज कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा की गई।

दु:खद : बरातियों से भरी बस खाई में गिरी, हादसे में 25 बरातियों की मौत, बस हरिद्वार से चली थी

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देहरादून/पौड़ी, बीते दिन शाम पौड़ी जनपद में लैंसडोन के पास ग्राम सिमड़ी के पास बरातियों से भरी एक बस खाई में जा गिरी। इस हादसे में 25 बरातियों की मौत हो गई है। बताया कि इस बस में 40 बराती सवार थे। यह बस हरिद्वार जनपद के लालढांग से बरात लेकर बीरोंखाल ब्‍लॉक के अंतर्गत कांडा तल्ला गांव जा रही थी |

सायं सात बजे हुआ हादसा, 350 मीटर खाई गिरी बस :

ब्लाक प्रमुख राजेश कंडारी ने बताया कि बस करीब 350 मीटर नीचे खाई में गिरी है। बताया कि बस पत्‍थर पर अटकी हुई है। यदि बस ने चढ़ने की कोशिश कि तो बस नदी में गिर जाएगी। बीरोखाल स्वास्थ्य केंद्र से पांच डाक्टरों की टीम मौके पर भेजी गई हैं। सीएम पुष्‍कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताया है |

बस में सवार लालडांग के रहने वाले पंकज ने बताया की मंगलवार दोपहर 12 बजे बस लालढांग से कंडा मल्ला की ओर रवाना हुई। आज शाम करीब सात बजे बस अनियंत्रित होकर खड्ड में जा गिरी।
बस में सवार 8-10 अन्य लोग किसी तरह खड्डे से बाहर निकल कर आए। सवार पंकज ने ही मोबाइल फोन से अपने परिचितों को घटना की सूचना दी। बस का पट्टा टूटने से हुआ हादसा
बस में सवार पंकज ने बताया कि बस का पट्टा टूटने के कारण बस अनियंत्रित हो गई और खड्ड में जा गिरी। बताया कि आसपास के ग्रामीण छह घायलों को बस से बाहर निकाल सड़क पर ले आए हैं।