Sunday, May 25, 2025
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रंगारंग कार्यक्रम के साथ 10 दिवसीय कौथिग का आगाज, पारंपरिक परिधान के साथ निकाली विराट सांस्कृतिक सद्भावना रैली

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देहरादून, अखिल गढ़वाल सभा का 10 दिवसीय कौथिग का रंगारंग कार्यक्रम के साथ आगाज हो गया। ढोल-दमाऊं व रणसिंघा की धुन पर दिन में प्रदेशभर से पहुंची अलग-अलग टोलियों ने पारंपरिक परिधान के साथ विराट सांस्कृतिक सद्भावना रैली निकाली। देर शाम गढ़वाल, कुमाऊं व जौनसार के कलाकारों ने लोकनृत्य से मंच पर उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलक को प्रदर्शित किया।
रेसकोर्स स्थित गुरु नानक बालिका इंटर कालेज के मैदान में महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, काबीना मंत्री डा. धन सिंह रावत ने दीप जलाकर किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कौथिग का नाम सुनते ही कभी मन में तमाम प्रकार की हिलोरे मारने लगते थे। सालभर से इंतजार करते थे, जो कभी दुर्लभ होता था।

आज संस्कृति के संवर्धन के लिए कार्य कर रहे अनेक संगठन इसे शहर के बीच में लाने का प्रयास कर रहे हैं जो सराहनीय है। इससे नई पीढ़ी सांस्कृतिक विरासत को पहचानेगी। उत्तराखंड नंबर एक पर सांस्कृतिक हब और दुनिया में पर्यटन, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप में जाना जाए, इसके लिए सरकार भी प्राथमिकता के आधार पर कार्य कर रही है। उन्होंने अखिल गढ़वाल सभा के भवन निर्माण पर कहा कि सभा जब भी भवन बनाएगी तो बजट की कमी नहीं पड़ेगी। इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। अच्छा प्लान बनाकर कार्य शुरू करें जिसमें राज्य की सांस्कृतिक झलक दिखे। विकास की दौड़ चलनी चाहिए, लेकिन हमें संस्कृतिक को भी आगे बढ़ाना है।

अध्यक्ष रोशन धस्माना ने कहा कि वर्ष 1998 से लगातार इस महोत्सव को किया जा रहा है। इसके बाद मंच पर नंदलाल भारती के जौनसार दल के कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। पिथौरागढ़ से प्रकाश रावत की टीम ने माता ओ दुर्गा माता.., जय हो कुमाऊं, जय हो गढ़वाल, भल लागू मेरो पहाड़, तेरी माया बड़ी.., क्रीम पौडरा.. पर छोलिया नृत्य की प्रस्तुति दी। अल्मोड़ा से विहान सांस्कृतिक ग्रुप ने रंगारंग प्रस्तुति दी। चमोली के कलाकारों ने लास्पा नृत्य किया। इस मौके पर शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, राजपुर रोड विधायक खजान दास, कपकोट के विधायक सुरेश गड़िया, रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल, अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, महासचिव गजेंद्र भंडारी, पंडित उदयशंकर भट्ट, अजय जोशी, जसबीर सिंह बिंद्रा आदि मौजूद रहे।

देश में कंट्रोल में नहीं महंगाई, केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने किया महंगाई बढ़ने के कारणों का जिक्र

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नई दिल्ली, केंद्रीय रिजर्व बैंक की तमाम कोशिशों के बावजूद देश में महंगाई कंट्रोल में नहीं है। हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2022 में केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई बढ़ने के कारणों का जिक्र किया है। इसके साथ ही उन्होंने रुपया, डिजिटल करेंसी, विदेशी मुद्रा भंडार समेत इकोनॉमी से जुड़े अहम मुद्दों पर बात की। शक्तिकांत दास ने बताया कि दुनियाभर की इकोनॉमी तनाव के दौर से गुजर रही है। उन्होंने इस हालात के लिए मुख्यतौर पर 3 वजह को जिम्मेदार ठहराया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड महामारी, यूक्रेन-रूस के बीच जंग और वित्तीय बाजार की वजह से उभरे संकट की वजह से भारत समेत दुनियाभर की इकोनॉमी स्ट्रेस में है। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक वर्तमान में देश की जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े ठीक हैं। वैश्विक स्तर के मुकाबले भारत की इकोनॉमी का ग्रोथ तेजी से हो रहा है। महंगाई के आंकड़े भी अब धीरे-धीरे कंट्रोल हो रहे हैं।

उन्होंने उम्मीद जताई कि सितंबर के मुकाबले अक्टूबर के महंगाई आंकड़े राहत देने वाले होंगे। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 7% से कम होने की संभावना है। शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि अगर लगातार तीन तिमाहियों के लिए मुद्रास्फीति 6% से ऊपर है, तो इसे मौद्रिक नीति की विफलता है। रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर मुद्रास्फीति के लिये तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया गया है, तो आरबीआई को केंद्र सरकार को रिपोर्ट देकर उसका कारण और महंगाई को रोकने के लिये उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी। मौद्रिक नीति रूपरेखा के 2016 में प्रभाव में आने के बाद से यह पहली बार इस तरह की नौबत आई है कि केंद्र सरकार को रिपोर्ट देनी पड़ेगी।

शक्तिकांत दास ने कहा कि इस समय भी हमारा विदेशी मुद्रा भंडार बहुत अच्छी स्थिति में है। वैश्विक स्तर पर बदलती परिस्थितियों की वजह से रुपया कमजोर हुआ और केंद्रीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की जरूरत थी।आरबीआई गवर्नर ने कहा कि दुनिया बदल रही है, जिस तरह से व्यापार किया जाता है वह बदल रहा है। आपको समय के साथ तालमेल बिठाना होगा। कागज के नोटों की छपाई, छपाई की लागत, कागज खरीदना, रसद, भंडारण आदि में खर्चें ज्यादा हैं। आगे चलकर डिजिटल करेंसी कम खर्चीली होगी। सीमा पार लेनदेन और सीमा पार भुगतान के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण होगा।

काशी से दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा 10 जनवरी 2023 से होगी शुरू

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वाराणसी, काशी से दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा 10 जनवरी 2023 से वाराणसी से शुरू होगी। वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक का सफर करीब 52 दिनों में तय होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गंगा विलास क्रूज के टाइम टेबल का विमोचन शुक्रवार को वाराणसी के रविदास घाट से किया है। 52 दिनों की यह यात्रा भारत व बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से होकर गुजरेगी तथा 50 से अधिक अहम जगहों पर रुकेगी, जिनमें विश्व विरासत स्थल भी शामिल हैं।

यह जलायन राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभ्यारण्य से भी गुजरेगा, जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क भी शामिल हैं। लंबी यात्रा उबाऊ न हो, इसलिए क्रूज पर गीत संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिम आदि सुविधाएं होंगी। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के मुख्य अभियंता रविकांत ने बताया कि गंगा विलास भारत में निर्मित पहला जलयान है। यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त और पूरी तरह सुरक्षित है। क्रूज 80 पर्यटकों को लेकर 32 सौ किलोमीटर की यात्रा 52 दिनों में पूरा करेगा। मुख्य अभियंता रविकांत ने बताया कि यह यात्रा एक ही जलयान द्वारा की जाने वाली दुनिया की सबसे लंबी यात्रा होगी। गंगा विलास जलयान में 18 सुइट्स होंगे।

गंगा विलास क्रूज वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करेगा और बक्सर, रामनगर, गाजीपुर से गुजरते हुए 8वें दिन पटना पहुंचेगा। पटना से यह 20वें दिन कोलकाता पहुंचेगा। अगले दिन यह बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश करेगा। 15 दिन यह बांग्लादेश की जलसीमा में रहेगा। वहां से यह कोलकाता आएगा और बोगीबील (डिब्रूगढ़) पहुंचेगा। वाराणसी-डिब्रूगढ़ क्रूज को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर चलाया जाएगा। क्रूज की टिकट की कीमत इसे चलाने वाली कंपनी ही निर्धारित करेगी। सभी तरह के पर्यटकों को देखते हुए क्रूज पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। वाराणसी-डिब्रूगढ़ क्रूज को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर चलाया जाएगा।
क्रूज की टिकट की कीमत इसे चलाने वाली कंपनी ही निर्धारित करेगी। सभी तरह के पर्यटकों को देखते हुए क्रूज पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जलमार्ग विकास प्रोजेक्ट-2 (जिसे अर्थ गंगा) भी कहा जाता है। जलयान प्राधिकरण गंगा नदी पर 62 लघु सामुदायिक घाटों का विकास व अपग्रेड कर रहा है। इनमें से 15 यूपी में, 21 बिहार में, 3 झारखंड में और 23 पश्चिम बंगाल में हैं। यूपी के वाराणसी और बलिया के बीच 250 किलोमीटर में घाट विकसित किए जा रहे हैं।

पौड़ी की बेटी के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए उत्तराखंड के राज्य निर्माण आंदोलनकारी संगठनों ने निकाला कैंडल मार्च

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देहरादून, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड के प्रवासी व राज्य निर्माण आंदोलनकारी संगठनों ने दिल्ली में कैंडल मार्च निकालकर पौड़ी की बेटी के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग की। मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी जनपद निवासी बेटी की वर्ष 2012 में दिल्ली में तीन युवकों ने दुष्कर्म के बाद क्रूरता के साथ हत्या कर दी थी।शुक्रवार को गढ़वाल भवन से वीरचंद्र सिंह गढ़वाली चौक तक निकाले गए मार्च को संबोधित करते हुए हरीश रावत ने कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन यह तो पता लगाना ही होगा कि आखिर बेटी की हत्या किसने और किस वजह से की। उन्होंने इस मामले में न्यायाधीशों से प्रार्थना करते हुए कहा कि वह जनता के दिल में बैठे दुख को देखें। जो अन्याय पूर्ण घटना हुई है उस कांड में लिप्त व्यक्तियों को सजा कैसे मिले इसको सुनिश्चित करें।

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता और उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि इस मार्च में कांग्रेस के संयुक्त सचिव हरिपाल रावत, उत्तराखंड गंगोत्री संस्था के अध्यक्ष गंभीर सिंह नेगी, पर्वतीय सेल के अध्यक्ष गोपाल रावत, गढ़वाल हितैषी सभा के अध्यक्ष अजय बिष्ट राज्य आंदोलनकारी अनिल पंत, प्रेमा धोनी, लक्ष्मी ध्यानी, अनुषा देवरानी, शशि नेगी, किरण लखेड़ा, राधेश्याम ध्यानी, किशोर रावत, उत्तराखंड जर्नलिस्ट फोरम के अध्यक्ष सुनील नेगी समेत अनेक लोग शामिल हुए सभी लोगों ने इस घटना पर भारी आक्रोश व्यक्त किया और इस कारण में लिप्त तमाम अपराधियों को फांसी पर चढ़ाए जाने की मांग की।

राज्य सरकार का फूंका पुतला

उत्तराखंड क्रांति दल महिला मोर्चा ने महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ द्रोण चौक पर राज्य सरकार का पुतला फूंका। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ कमजोर पैरवी और जांच एजेंसियों व पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला।युवा मोर्चा प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से छावला दुष्‍कर्म व हत्या के आरोपित बरी हो गए, जबकि उत्तराखंड में वनंतरा प्रकरण में एसआइटी से सभी राज्यवासियों और मृतका के स्वजन का भरोसा खत्म हो चुका है। साक्ष्यों को एक-एक कर नष्ट किया जा रहा है।

इस मामले को छावला दुष्‍कर्म व हत्या से भी काफी कमजोर बनाया जा रहा है। इस दौरान महिला मोर्चा की अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, दल के संरक्षक त्रिवेंद्र पंवार, केंद्रीय संगठन सचिव मीनाक्षी घिल्डियाल, मधु सेमवाल, शकुंतला रावत, रेखा मियां, मीना थपलियाल, मीना नेगी, मंजू रावत, सविता श्रीवास्तव, अनिल डोभाल, देवेंद्र रावत आदि मौजूद रहे।

पिथौरागढ़ के प्राचीन मंदिरों को भी मानसखण्ड कोरिडोर योजना के तहत जोड़ा जायेगा

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पिथौरागढ़/देहरादून,

  • मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देव सिंह मैदान, पिथौरागढ़ में नगर पालिका परिषद् बोर्ड द्वारा आयोजित शरदोत्सव एवं विकास प्रदर्शनी-2022 का शुभारम्भ किया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि पिथौरागढ़ बॉस-गंगोलीहाट मोटर मार्ग के अवशेष कार्य के साथ रामगंगा नदी में मोटर पुल का निर्माण किया जाएगा। पिथौरागढ़ महाविद्यालय में विधि विभाग को प्रारम्भ किये जाने की स्वीकृति प्रदान की जायेगी। जनपद पिथौरागढ़ के अन्तर्गत देव सिंह मैदान के सौन्दर्यीकरण का कार्य प्रारम्भ करने के लिये वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाती है और इसके प्रथम चरण के लिये 02 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जाती है। पिथौरागढ़ शरदोत्सव के सफल आयोजन हेतु पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी समान सहयोग राशि प्रदान की जायेगी साथ ही पिथौरागढ़ के प्राचीन मंदिरों को मानसखण्ड कोरिडोर में सम्मिलित किया जायेगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह बहुत ही हर्ष का विषय है कि शरदोत्सव के माध्यम से स्थानीय प्रतिभाशाली बच्चों और युवाओं को अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आम लोगो को सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं की अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास भी शरदोत्सव के माध्यम से किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर को माणा में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उनके इस कथन को कि हमारे सीमांत गांव देश के अंतिम नही बल्कि पहले गांव है अपनी सहमति प्रदान कर हमारे सीमान्त गांवों को पहचान दिलाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों के समग्र विकास के लिये हमारी सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। वर्तमान में सीमाओं के अन्तिम गांवों को प्रथम गांवों की श्रेणी में मानकर विकास योजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन किया जा रहा है। हमारे सीमान्त गांव सामरिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व रखते हैं।

उन्होंने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों के स्थानीय लोग केवल नागरिक नही है बल्कि हमारे सीमा प्रहरी भी है। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण है। सीमाओं पर बसे गांवों पर पलायन देश की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है। इसे लेकर हमारी सरकार सजग है। हमारी सरकार सीमान्त गांवों में रिवर्स पलायन हेतु गंभीर प्रयास कर रही हैं। रोजगार, स्वरोजगार एवं होम स्टे जैसी कई विकास योजनाओं को लेकर हम पलायन रोकने में प्रसासरत है। जिसके परिणामस्वरूप आज कई युवा अपने गांव में वापिस आकर उसे बसाने का कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अन्य सीमान्त जिलों की तरह पिथौरागढ़ का विकास हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके साथ ही दूरस्थ एवं सीमान्त क्षेत्रों में जैविक कृषि तथा स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत धौलादेवी, मुन्स्यारी, बेतालघाट, बेरीनाग के चाय बागानों को जैविक चाय बागान में परिवर्तित करने का कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने हेतु प्रतिबद्ध है। हम उत्तराखण्ड के विकास में नये संकल्पों के साथ प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। राज्य हित में सभी विभागों द्वारा रोडमेप तैयार किया गया है। नई कार्य संस्कृति के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपेक्षा की कि राज्य हित में 10 से 5 तक कार्य करने की मानसिकता का परित्याग करना होगा, तभी हम राज्य के विकास में सहयोगी बन पायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 7 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अधीनस्थ सेचा चयन आयोग से लोक सेवा आयोग को स्थानांतरित की गई है। आयोग द्वारा भी इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है। हमारे युवाओं को रोजगार तथा स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हों इस दिशा में हमारे प्रयास निरंतर जारी है।

इस अवसर पर सांसद श्री अजय भट्ट, विधायक श्री बिशन सिंह चुफाल, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा, श्री राजेन्द्र रावत सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

तीसरी बार उत्तराखण्ड़ में भूकंप के झटके, तीव्रता 3.4 मापी गई

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देेहरादूून, उत्तराखंड में आज शनिवार को फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। शाम चार बजकर 25 मिनट पर भूकंप आया। जानकारी के अनुसार ऋषिकेश भूकंप का केंद्र रहा। रिक्टर पैमाने में 3.4 तीव्रता दर्ज की गई है। भूकंप के झटके महसूस होते लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि अभी तक इस भूकंप से किसी तरह के जान माल की हानि की कोई खबर नहीं है।

5 दिनों के अंदर तीसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इससे पहले मंगलवार देर रात को 1 बजकर 57 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 6.3 तक मापी गई। भारत में दिल्ली, यूपी, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि तब भूकंप का केंद्र नेपाल था।

इसके बाद सुबह बुधवार को भी उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ रहा। बुधवार को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में 5 किमी की गहराई में सुबह 6.27 बजे भूकंप आया था। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की खबर नहीं थी।

उपलब्धि- 14 नवम्बर को कोठगी पंहुचेंगे मुख्यमंत्री नर्सिंग कॉलेज का करेंगे शिलान्यास

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(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर स़िह धामी 14 नवम्बर को जनपद के कोठगी मे नर्सिंग कॉलेज का शिलान्यास करेंगे। रूद्रप्रयाग विधायक भरत सिहं चौधरी ने प्रेस बार्ता कर जानकारी देते हुये कहा कि जनपद के विकास में ये नर्सिंग कालेज मील के पत्थर साबित होगा।
आज रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी ने मुख्यमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम व विधानसभा क्षेत्र में उनके द्वारा किये गये कार्यों को लेकर पत्रकार वार्ता कर जानकारी दी कि 20 करोड़ 44 लाख की लागत से कोठगी में नर्सिंग कॉलेज का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि सात माह के कार्यकाल में उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार के माध्यम से 200 करोड़ की योजनाओं को स्वीकृत कर रुद्रप्रयाग
विधानसभा के चहुंमुखी विकास के हरसंभव प्रयास किये हैं। आने वाले समय में और भी विकास कार्य क्षेत्र के लिए किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि 14 नवंबर जनपद के लिये ऐतिहासिक छम होगा । 14 नवम्बर को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डाॅ धन सिंह रावत कोठगी में नर्सिंग काॅलेज का शिलान्यास करेंगे।
रुद्रप्रयाग में पत्रकारों से वार्ता करते हुये रुद्रप्रयाग विधानसभा से विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि रुद्रप्रयाग विधानसभा में लम्बे समय से नर्सिंग काॅलेज को लेकर संघर्ष किया जा रहा था। जनता की यह मांग भी पूरी कर दी गई है। विधायक ने बताया कि 20 करोड़ 44 लाख की लागत से नर्सिंग कॉलेज का निर्माण होगा, जिसमें 18 करोड़ केंद्र सरकार की एसटीए योजना के तहत प्राप्त हुए हैं और 2 करोड़ 44 लाख राज्य सरकार के माध्यम से कॉलेज निर्माण को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि नर्सिंग कॉलेज में नर्सिंग से जुड़े सभी कोर्स संचालित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह पूरे क्षेत्र सहित जनपद के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि जो समस्याएं वर्षो से हल नहीं हो पा रही थी, उन पर प्रभावी ढंग से कार्यवाही कर जनता की समस्या का समाधान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि नगरासू-छिनका के मध्य जल्द ही मोटर पुल निर्माण के लिए प्रथम चरण की स्वीकृति प्रदान की जायेगी, जिससे तल्लानागपुर क्षेत्र बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ जाएगा। उन्होंने अपने सात माह के कार्यकाल में किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से विधानसभा क्षेत्र में 200 करोड़ की लागत की कई योजनाएं संचालित हो रही हैं, जिसमें महत्वपूर्ण रूप से तल्लानागपुर लिफ्ट पेयजल योजना फेज-2 की लागत 40 करोड़, भरदार पेयजल योजना फेज-2 लागत 25 करोड़ एवं खेड़ाखाल-नवासू लिफ्ट पेयजल योजना 20 करोड़ की लागत से कार्य गतिमान है।

पूर्वांचल उत्थान संस्था ने की नॉर्थ ईस्ट के लिए सीधी रेल सेवा बहाल करने की मांग

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हरिद्वार 12 नवम्बर( कुलभूषण ) देवभूमि उत्तराखंड से नार्थ ईस्ट के लिए सीधी रेल सेवा बहाल नहीं होने के चलते रेलयात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
देहरादून ऋषिकेश हरिद्वार रेलवे स्टेशन से नार्थ ईस्ट के लिए सीधी रेल सेवा बहाल नहीं होने के चलते आम रेलयात्रियों के साथ फौजी भाई भी परेशान हैं। ऐसे में पूर्वोत्तर को जाने वाले यात्रियों को दिल्ली मुरादाबाद या मुगलसराय से ट्रेन बदलनी पड़ती है।
पूर्वांचल उत्थान संस्था के बैनर पर नार्थ ईस्ट के लिए सीधी रेल सेवा बहाल करने की मांग की है। इसके साथ देहरादूनध्हरिद्वार से गोरखपुरध् मुज्जफ्फपुर के बीच चलने वाली राप्ती गंगा एक्सप्रेस का दैनिक संचालन करते हुए वाया दरभंगा से सहरसा तक फेरा बढ़ाने की मांग की है। इसके साथ पूर्वांचल उत्थान संस्था की ओर से देहरादून ऋषिकेश हरिद्वार से मुरादाबाद के बीच सुबह के समय ट्रेन चलाने की भी मांग की गई है। ट्रेन की मांग करने वालों में सीए आशुतोष पांडे बीएन राय रंजीता झा प्रशांत राय काली प्रसाद साहए डॉ निरंजन मिश्राए डॉ नारायण पंडितए संतोष पांडेयए एमके सिंहए रूप लाल यादवए शंकर झाए पं भोगेंद्र झा अनिल सिंहए धर्मेंद्र शाह राजकुमार मुखर्जी संतोष कुमार सहित अन्य सदस्य शामिल रहें। इस संबंध में पूर्वांचल उठान संस्था के सदस्य जल्द ही रेल मंत्री एवं मंडल रेल प्रबंधक अन्य सक्षम अधिकारियों को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया है।

शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों की लगाई क्लास

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देहरादून,भारत सरकार द्वारा जारी विद्यालयों की परफाॅर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रिपोर्ट में पिछड़ने पर शिक्षा मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने पीजीआई स्कोर से संबंधी भारत सरकार के यूडाइस पोर्टल की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने व जिलों से समन्वय स्थापित करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश उच्चाधिकारियों को दिये। विभागीय मंत्री ने विभाग को आंवटित बजट को खर्च करने की धीमी गति पर भी नाराजगी जताई।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय ननूरखेड़ा में विभागीय समीक्षा बैठक में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 से वर्ष 2021 तक की परफाॅर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रिपोर्ट में राज्य की कमजोर स्थिति पर विभागीय अधिकारियों की जमकर क्लास ली। डाॅ0 रावत ने तमाम संसाधनों के बावजूद परफाॅर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में पिछड़ने पर यूडाइस पोर्टल की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने व जिलों से समन्वय बनाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश उच्चाधिकारियों को दिये। विभगीय मंत्री ने सख्त चेतावनी देते हुये कहा कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि पीजीआई इंडिगेटर सम्बन्धी सभी ऑनलाइन व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जाय ताकि शिक्षकों एवं छात्र-छात्रों की उपस्थिति सहित विद्यालयों का अन्य जरूरी डाटा भी ऑनलाइन उपलब्ध हो सके। डॉ0 रावत ने सभी विभागीय अधिकारियों को अपने कार्यों का निर्वहन पूरी लगन व ईमानदारी से करने की नसीहत भी दी। विभगीय मंत्री ने समीक्षा बैठक में प्रदेश भर के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में प्रवक्ता एवं वरिष्ठ प्रवक्ताओं के लम्बे समय से रिक्त चल रहे सैकड़ों पदों को शीघ्र भरने एवं डायट की नियमावली तैयार कर कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि डायट शिक्षा विभाग के महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक है जिनको एनईपी-2020 की गाइडलाइन के अनुसार कार्य करने के लिये खुद को तैयार करना होगा। इसके लिये डायट की पृथक नियमावली एवं कैडर का बनाया जाना जरूरी है। विभागीय मंत्री ने विभाग को आंवटित बजट खर्च करने की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुये निर्माण एवं अन्य मदों में स्वीकृत धनराशि को समय पर खर्च करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, निदेशक सीमैट सीमा जौनसारी, निदेशक बेसिक वंदना गब्र्याल, एपीडी समग्र शिक्षा डाॅ0 मुकुल सती सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

दर्जनों सेवानिवृत कर्मियों ने ली बीजेपी की सदस्यता, दो पूर्व सीएम के रिश्तेदार भी शामिल

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देहरादून , भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट की मौजूदगी में बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने पार्टी की सदस्यता ली । इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी में शामिल होने पर सबका स्वागत करते हुए उम्मीद जाहिर कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड व राष्ट्र निर्माण में सभी सहभागी बनेंगे । पार्टी में शामिल होने वालों में यूपी के दो-दो पूर्व सीएम स्वर्गीय श्री मुलायम सिंह यादव व स्वर्गीय श्री नरेश यादव के पारिवारिक सदस्यों के नाम भी शामिल हैं ।

प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित इस कार्यक्रम में श्री महेंद्र भट्ट ने पार्टी की सदस्यता लेने वाले सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्रोत्साहित करते
हुए कहा कि सभी समाज हित में हमेशा सक्रिय रहने वाले लोग है, सबका साथ, सबका विश्वास व सबका विकास के सिद्धांत पर कार्य करने वाली भाजपा को उत्तराखंड व राष्ट्र निर्माण में सबके सहयोग की आवश्यकता है । उन्होंने कहा आज बिजली, पानी, सड़क व अन्य सभी क्षेत्रों में विकास की नई नई ऊंचाइयों को छू रहा है । उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि पार्टी आप सभी लोगों की विशेषज्ञता के अनुसार प्रदेश की योजनाओं को बनाने में सभी के सकारात्मक सुझावों को भी सम्मिलित किया जाएगा ।

श्री भट्ट ने राज्य निर्माण में सरकारी कर्मचारियों के योगदान को याद करते हुए कहा कि सबके सहयोग से हमारा प्रयास प्रदेश को हड़ताली प्रदेश की छवि से बाहर निकालकर 2025 तक अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में बढ़ना । इस मौके पर शामिल हुए सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष श्री रमेश चंद रमोला ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष श्री भट्ट जी की प्रेरणा व पार्टी की राष्ट्रवादी विचारों से प्रभावित होकर हम सब ने पार्टी में शामिल होने का निर्णय किया है । उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी द्वारा जो भी कार्य या जिम्मेदारी हमें सौंपी जाएगी उसे वह प्राणप्रण से पूरा करने का प्रयास करेंगे।
पार्टी की सदस्यता लेने वालों में यूपी के पूर्व सीएम स्वर्गीय राम नरेश यादव के दामाद एवं सिचाई विभाग के मुख्य अभियंता रहे ई0 एन के यादव, पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर संघ, पूर्व सीएम स्वर्गीय मुलायम सिंह की बहू श्रीमती अर्पणा यादव के चाचा ज़िला संख्या अधिकारी पद से सेवा निवृत हुए एमएस बिष्ट , श्री रमेश चंद रमोला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ, इंजीनियर हरीश चंद्र नौटियाल, श्री एम एस बिष्ट, डॉ आर सी डिमरी, इंजीनियर कमल सिंह रावत, इंजीनियर राजे सिंह चौधरी, ई0 आर सी उनियाल, श्री भगवती प्रसाद रतूड़ी, ई0 के एल भट्ट, ई0 एस सी शर्मा, ई0 कृष्ण अवतार, ई0 बी एस बिष्ट, श्री सोहन पाल सिंह परमार, श्री वी एस नेगी, श्री राकेश थपलियाल, श्री मंगलेश व्यास, समेत अनेक वरिष्ठ कर्मचारी शामिल थे। इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री मनवीर चौहान, प्रदेश प्रवक्ता श्री वीरेंद्र बिष्ट, श्रीमती मधु भट्ट, सह मीडिया प्रभारी श्री राजेन्द्र सिंह नेगी, श्री संजीव वर्मा, दिनेश सती, एन एस गुसाँई आदि वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे ।