Thursday, May 15, 2025
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श्रद्धा वालकर हत्याकांड में डॉक्टरों ने किया एक और चौंकाने वाला खुलासा

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दिल्ली, मुंबई की श्रद्धा वालकर हत्याकांड में एक और खुलासा हुआ है। आफताब अमीन पूनावाला (28) श्रद्धा के साथ इतनी मारपीट करता था कि उसके मन में बहुत ज्यादा खौफ पैदा हो गया था। मारपीट के दौरान जब श्रद्धा को चोट लगती थी तो वह गिरने के कारण चोट लगने की बात कहती थी। श्रद्धा ने मुंबई के तीन अस्पतालों में इलाज कराया था, लेकिन कभी भी डॉक्टर को मारपीट की बात नहीं बताई। यही कारण था कि इलाज के दौरान किसी भी अस्पताल ने श्रद्धा की एमएलसी नहीं बनवाई। दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि एक टीम मुंबई भेजी गई थी। यहां जांच में पता लगा कि आफताब ने श्रद्धा के साथ वर्ष 2020 व 2021 में मारपीट की थी। इस दौरान उसके मुंह व शरीर पर कई जगह चोट लगी थीं। श्रद्धा ने उस समय मुंबई के तीन अस्पताल में इलाज कराया था। श्रद्धा ने अस्पताल में यही बताया था कि उसे गिरने से चोट लगी है। दिल्ली पुलिस ने इन तीन अस्पतालों के दो डॉक्टरों के बयान दर्ज किए हैं।

डॉक्टरों ने जानकारी दी है कि श्रद्धा ने कभी मारपीट की बात नहीं कही, इस कारण उसकी एमएलसी नहीं बनवाई गई। दिल्ली पुलिस ने मुंबई में श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण नाडर व श्रद्धा के बॉस रहे करण बहरी के बयान भी दर्ज किए हैं।इन लोगों ने बताया है कि श्रद्धा ने कभी मारपीट की बात उन्हें नहीं बताई। एक बार श्रद्धा ने जब पुलिस में शिकायत की तो उन्हें पता लगा कि आफताब ने श्रद्धा को पीटा है। दिल्ली पुलिस ने मुंबई में कुल 16 लोगों के बयान दर्ज किए हैं।आफताब के छतरपुर स्थित किराये के घर से पांच चाकू मिले थे। पुलिस ने जब आरोपी से इनके बारे में पूछा था तो उसने बताया था कि वह मुंबई के ताज होटल में शेफ था।इस कारण उसे चाकू रखने का शौक था। पुलिस को संदेह है कि उसने श्रद्धा के शव को काटने के लिए इन चाकू का इस्तेमाल किया होगा। ऐसे में पुलिस ने पांचों चाकू फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं। वहीं, पुलिस को अब सिर व धड़ मिलने की उम्मीद कम है। ऐसे में पुलिस ने इन्हें ढूंढना बंद कर दिया है। पुलिस को अभी तक वारदात में इस्तेमाल आरी व ब्लेड भी नहीं मिले हैं।

पर्यटन कारोबार की बढ़ने लगी रफ्तार : इस बार क्रिसमस और नववर्ष के जश्न का रंग, कारोबार के बंपर रहने की उम्मीद

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नैनीताल, कोरोना की मार झेल रहा पर्यटन व्यवसाय अब धीरे धीरे अपनी रफ्तार पकड़ने लगा है, उत्तराखण्ड़ के कई शहरों के पर्यटन कारोबार पर क्रिसमस और नववर्ष के जश्न का रंग चढ़ने लगा है। इधर रविवार को वीकेंड पर नैनीताल पर्यटकों से गुलजार रहा। क्रिसमस और नववर्ष पर वीकेंड होने के कारण इस वर्ष कारोबार बंपर रहने की उम्मीद है। कारोबारी पर्यटकों के स्वागत के लिए विशेष इंतजाम किये बैठे है।

नये साल को लेकर शहर के अधिकांश होटलों में 50 प्रतिशत तक एडवांस बुकिंग हो चुकी है। चार वर्ष बाद इस बार पर्यटक मालरोड में सजावट और म्यूजिक का भी आनंद उठा पाएंगे। शहर में शुक्रवार शाम से ही पर्यटकों की आमद शुरू हो गई थी। रविवार को काफी संख्या में पर्यटक शहर पहुंचे। शहर के चिड़ियाघर, बाटनिकल गार्डन, वाटरफाल, केव गार्डन समेत तमाम पर्यटन स्थल पर्यटकों से पटे रहे।

मौसम साफ होने के कारण हिमालय दर्शन पहुंचे पर्यटकों ने चमकते हिमालय का दीदार किया। वहीं बारापत्थर में पर्यटकों ने घुड़सवारी का आनंद उठाया। नैनी झील भी नौकायन करने वाले पर्यटकों से पटी रही। पर्यटकों ने बड़ा बाजार, पंत पार्क, तिब्बती बाजार में खरीदारी की। कारोबारियों का मानना है कि अब नये साल तक वीकेंड पर पर्यटन कारोबार इसी तरह उछाल में रहेगा।

वीकेंड पर सुबह से ही फ्लैट और मेट्रोपोल समेत अन्य छोटे पार्किंग स्थल फुल हो गए। जिस कारण वाहन पार्किंग की तलाश में कई पर्यटक चक्कर काटते रहे। क्रिसमस और नये साल में पर्यटकों को आसानी से शहर में प्रवेश मिल सके इसके लिए पर्यटन कारोबारी जिला और पुलिस प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं। होटल एसोसिएशन अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने बताया कि बीते वर्षों की तरह पर्यटकों को अनावश्यक एंट्री प्वाइंट पर रोककर वापस न भेजा जाए। साथ ही पर्यटकों के लिए सुविधा विस्तार को लेकर जल्द वह प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

द पॉली किड्स बंजारावाला और जोगीवाला शाखाओं ने वार्षिक अपना समारोह 2022 “भक्ति रस“ मनाया

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देहरादून-  द पॉली किड्स बंजारावाला और जोगीवाला शाखाओं ने 12 दिसंबर 2022 को अपना वार्षिक समारोह “भक्ति रस“ मनाया। लगभग 300 छात्रों ने हाथीबड़कला में सर्वे ऑफ इंडिया ऑडिटोरियम में समारोह में भाग लिया। प्रतिभावान छात्रों ने सरस्वती और गणेश वंदना, रामायण और महाभारत पर नाटक, महिषासुर मर्दिनी के नाटक और दुर्गा और मोहिनी और भस्मासुर के साथ महाकाली और रक्तबीज जैसे भक्ति रस के मंत्रमुग्ध कर देने वाले नाटक प्रस्तुत किए। शिव तांडव, कृष्ण, राम, हनुमान, मीराबाई, पार्वती आदि के नृत्यों की सभी मौजूद लोगों ने सराहना की और आनंद लिया।

मुख्य अतिथि द पॉली किड्स के चेयरमैन कैप्टन मुकुल महेंद्रू और निदेशक श्रीमती रंजना महेंद्रू ने शहर में शैक्षिक स्तर को बढ़ाने के लिए शाखाओं की प्रशंसा की। समारोह में शामिल होने वाले गणमान्य लोगों में श्री पीडी रतूड़ी, सेवानिवृत्त आईपीएस, पूर्व डीजीपी उत्तराखंड, श्री गोविंद राम स्वामी एजुकेशनल सोसाइटी के संस्थापक सदस्य, बंजारावाला और जोगीवाला शाखा के निदेशक श्री सिद्धार्थ चंदोला और श्रीमती रेणु ठाकुर। निर्देशक उदय गुजराल, समन्वयक श्रीमती दिव्या जैन एवं श्रीमती दीप्ति सेठी, प्रधानाध्यापिका सुश्री गीतांजलि आहूजा और श्रीमती हरजीत सकलानी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

 

 

विश्व पहाड़ दिवस : सरकारी स्कूलों की उपेक्षा, समाज और शैक्षिक संस्थानों के बीच बढ़ती दूरी चिंताजनक : धाद

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देहरादून, धाद संस्था की ओर से विश्व पहाड़ दिवस पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने सरकारी स्कूलों की उपेक्षा, समाज और शैक्षिक संस्थानों के बीच बढ़ती दूरी पर चिंता जताई। रेसकोर्स स्थित ऑफिसर्स ट्रांजिस्ट हॉस्टल में पहाड़ के स्कूल और शिक्षा की चुनौतियां विषय पर हुई गोष्ठी में विचार रखते हुए उपनिदेशक विद्यालयी शिक्षा शिव प्रसाद सेमवाल ने गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने का दावा करने वाले निजी शिक्षण संस्थान की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहाड़ों में शिक्षा को वैचारिक आंदोलन बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में लंबे समय तक सामाजिक शैक्षणिक मुहिम चलाने वाले ट्रस्ट व संस्थाओं की स्थिति इस समय बहुत अच्छी नहीं है। उन्हें आज अधर में छोड़ दिया गया है। स्कूलों के अनुभव को समाज के अनुभव से जोड़ने से ही समाधान निकल सकता है। धाद के अभियान की सराहना करते हुए उन्होंने निजी स्तर से 10 स्कूलों में कक्षा कौना का स्थापित करने में सहयोग की घोषणा की। प्रभारी उप निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद शैलेन्द्र अमोली ने व्यवहारिक ज्ञान को महत्व देने पर जोर दिया।
धाद के सचिव तन्मय ममगाईं ने पहाड़ के स्कूलों में संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए समाज से आगे आने का आह्वान किया। धाद अध्यक्ष लोकेश नवानी ने धनाड्य वर्ग से पहाड़ में शिक्षा के क्षेत्र में अधिक से अधिक सहयोग की अपील की। धाद कक्षा कौना के संयोजक गणेश उनियाल ने बताया कि धाद पहाड़ के स्कूलों के साथ काम कर आम समाज को शिक्षा व स्कूलों के साथ जोड़ने की मुहिम 2018 से चला रहा है। लोग बढ़ चढ़कर इसमें सहयोग कर रहे हैं। 18 स्कूलों से शुरू हुआ कक्षा कौना का अभियान साढ़े पांच सौ स्कूलों तक पहुंच चुका है। मौके पर रामिंद्री मंद्रवाल, संगीता बहुगुणा, अर्चना डोभाल, प्रदीप कुकरेती, देवेंद्र कांडपाल, हरीश डोबरियाल, सुनील भट्ट, डा. मधु डी सिंह, पंकज क्षेत्री, महावीर रावत, वीरेन्द्र खंडूड़ी, मीना रावत, उषा डोभाल, रंगकर्मी सतीश धौलाखंडी, ईश मोहन भट्ट, कमलेश खंतवाल, अजीत सिंह आदि मौजूद थे।

दीर्घकाल से लंबित समस्याओं को लेकर महानिदेशक एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा से मिला उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद का प्रतिनिधिमंडल

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देहरादून, उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल आज दीर्घकाल से लंबित समस्याओं के संबंध में महानिदेशक एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा से समस्याओं के शीघ्र निस्तारण हेतु प्रांतीय अध्यक्ष श्री प्रकाश चंद्र सुयाल एवं प्रांतीय महामंत्री श्री अवधेश कुमार कौशिक के नेतृत्व में मिला जिसमें सर्वप्रथम विगत 7 -8 वर्षों से प्रभारी प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत वरिष्ठ प्रवक्ताओं को डाउनग्रेड पदोन्नति दिए जाने के लिए अधिनियम एवं विनियम में शासनादेश के अनुसार एवं कतिपय प्रकरणों में न्यायालय के निर्णय के उपरांत भी डाउनग्रेड पदोन्नति का अनुमोदन न दिए जाने से रोष व्यक्त करते हुए कार्यत प्रभारी प्रधानाचार्य को 5 जनवरी 2022 के शासनादेश एवं न्यायालय के निर्णय अनुसार तत्काल अनुमोदन किए जाने की मांग रखी गई जिस पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा एवं महानिदेशक विद्यालय शिक्षा द्वारा आश्वस्त किया गया , अपर निदेशक गढ़वाल एवं कुमायूं से संबंधित प्रकरणों पर आख्या मांगी जाएगी और प्रकरणों का निस्तारण कर दिया जाएगा दूसरा महत्वपूर्ण मांग में जूनियर हाई स्कूल से ऊंची कृत शिक्षकों के जूनियर की सेवाओं को जोड़ते हुए चयन प्रोन्नत वेतनमान प्राप्त एवं समायोजित वरिष्ठ शिक्षकों को डाउनग्रेड का लाभ दे दिया जाएगा l परिषद द्वारा समय-समय पर की गई मांग में आज विद्यालयों में शासनादेश के उपरांत भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति ना हो पाने से विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों द्वारा घंटियां लगाई जा रही हैं जिस पर परिषद ने घोर रोष व्याप्त किया जिस पर निदेशक विद्यालय शिक्षा द्वारा आश्वस्त किया गया कि राजकीय विद्यालयों की भांति अशासकीय विद्यालयों के लिए भी प्रस्ताव शासन से स्वीकृत कराते हुए नियुक्ति की कार्यवाही शीघ्र प्रारंभ की जाएगी l अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों मैं अध्ययनरत कक्षा 1 से 12 तक के छात्र छात्राओं हेतु पाठ्यपुस्तक में की व्यवस्था आगामी सत्र से सुनिश्चित किए जाने का भी आश्वासन निदेशक महोदय द्वारा दिया गया l गणवेश एवं छात्र छात्राओं के लिए जूता बैग आदि की व्यवस्था गत वर्षो की भांति अशासकीय विद्यालयों के लिए भी अनुमन्य कराई जाएगी l परिषदीय द्वारा पूर्व में निदेशक महोदय के समक्ष समीक्षा बैठक में परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को पूरक परीक्षा मैं बैठने की अनुमति एवं विषय विशेष में पुनः परीक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए मांग की गई थी जिस पर निदेशक महोदय ने आगामी सत्र से अनुमन्य किए जाने की स्वीकृति प्रदान की l
अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड निशुल्क चिकित्सा योजना से आच्छादित किए जाने के लिए परिषद लंबे समय से संघर्ष पूर्ण मांग करता रहा है जिस पर शासन द्वारा शासनादेश निर्गत किया गया किंतु अद्यतन पूर्णतया निशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान नहीं की गई है परिषद द्वारा मांग की गई कि तत्काल कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों की वेतन से अंशदान कटौती के साथ ही सॉफ्टवेयर डेवलप करने की व्यवस्था के लिए शासन द्वारा निर्देश जारी कराया जाए l
वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश चंद्र सुयाल, प्रदेश महामंत्री श्री अवधेश कुमार कौशिक , श्री राजेश चंद्र शर्मा, श्री दिनेश डोबरियाल ,श्री राकेश डबराल, श्री अनिल नौटियाल , श्री श्रवण कुमार शर्मा एवं जनता इंटर कॉलेज अदाली खाल पौड़ी गढ़वाल के प्रधानाचार्य श्री पांडे आदि उपस्थित रहे |

रिजोर्ट, फार्मिंग, एनजीओ के बहाने बाहरी लोगों की लगातार बढ़ रही घुसपैठ को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने जताई गहरी चिंता

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पिथौरागढ़, मुनस्यारी तथा धारचूला में रिजोर्ट, फार्मिंग, एनजीओ के बहाने बाहरी लोगों की लगातार बढ़ रही घुसपैठ को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने आज जिला अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर इस तरह के लोगों की गहन एवं उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की। कहा कि पूर्व में काबिज लोगों को भी इसी दायरे में रखकर जांच हो।
सीमा से लगे मुनस्यारी तथा धारचूला तहसील क्षेत्र में लगातार बाहरी लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे सीमांत के लोगों के मन में तरह तरह की आंशकाएं पैदा हो रही है।
सीमा क्षेत्र से लगे मुनस्यारी तथा धारचूला तहसील में एक साल के भीतर बाहरी लोगों की घुसपैठ बढ़ गई है। इससे सीमा क्षेत्र के सामाजिक एवं सांस्कृतिक वातावरण को भी ख़तरा पैदा हो गया है। इसको लेकर क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों में आंक्रोश गहराने लग गया है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने इस मुहिम की अगुवाई करते हुए कहा कि सीमा की सुरक्षा के लिए बाहरी लोगों से सीमांत को बचाना आवश्यक है। इसके लिए ग्राम पंचायतों से लेकर क्षेत्र तथा जिला पंचायतों की बैठकों में बकायदा प्रस्ताव पास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्र में जागरूकता पैदा करने के लिए पंचायत प्रतिनिधि पदयात्रा भी निकालेंगे।
उन्होंने राज्य सरकार के भू- कानून के मसौदे को भू- रक्षक की जगह भू- भक्षक बताया। कहा कि 22 सालों में कोई भी राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश की तरह यहां की जमीनों को बचाने के लिए सोच तक नहीं रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हिमाचल प्रदेश से भी कड़े कानून की आवश्यकता है। इसके लिए राज्य स्तरीय मंच बनाए जाने की भी आवश्यकता है।
इस पर भी मंथन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुनस्यारी तथा धारचूला से बाहरी लोगों को खदेड़ने के लिए भी विवश होकर रणनीति बनाई जाएगी।

रियल टाइम वेदर इन्फॉर्मर सिस्टम : पूर्व में किए गए एमओयू की अवधि आगामी पांच वर्षो के लिए बढ़ी

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देहरादून, राज्य में वर्षा तथा मौसम संबंधी आपदाओं के जोखिमों से बचाव तथा आपदाओं के न्यूनीकरण के लिए वेदर नेटवर्क स्टेशनों की स्थापना तथा  वास्तविक समय मौसम सूचना प्रणाली (रियल टाइम वेदर इन्फॉर्मर सिस्टम) के विकास हेतु पूर्व में किए गए एमओयू (समझौता ज्ञापन) को उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (यूएसडीएमए)  तथा मौसम विज्ञान केन्द्र (आईएमडी) के मध्य सोमवार को सचिवालय में आगामी पांच वर्षो के लिए बढ़ा दिया गया है। सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा तथा मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक श्री बिक्रम सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। केन्द्रीय एजेंसी आईएमडी तथा उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के मध्य यह एमओयू राज्य में आपदा पूर्व, आपदा के दौरान तथा आपदा के बाद किए जाने वाले सहयोग, समन्वय और सहायता की दिशा में पहल है।
एमओयू के तहत आईएमडी द्वारा चयनित ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, ऑटोमेटिक रेन गेज, ऑटोमेटेड स्नो गेज तथा कॉम्पेक्ट डॉप्लर राडार के स्थल चयन, इंस्टॉलेशन, परीक्षण तथा संचालन हेतु मार्गदर्शन तथा दिशा-निर्देश उपलब्ध करवाए जाएगे। यूएसडीएमए की सहायता से स्थापित इस पूरे तंत्र के अंतिम निरीक्षण में आईएमडी सहायता करेगी। उक्त उपकरणों की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी यूएसडीएमए की होगी। इन उपकरणों से प्राप्त डाटा को प्रोसेसिंग के लिए सीधे आईएमडी के सर्वर में भेज दिया जाएगा। इसके साथ ही यूएसडीएमए को उत्तराखण्ड में आईएमडी द्वारा स्थापित अन्य मौसम सम्बन्धित उपकरणों तक रियल टाइम ऑनलाइन एक्सेस मिल जाएगा।
एमओयू के तहत आईएमडी तथा यूएसडीएमए शोध तथा प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग एवं सहायता को प्रोस्ताहित करेंगे। इसके तहत सूचनाओं तथा अनुभवों को भी आदान-प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा उत्तराखण्ड एक आपदा संवेदशील राज्य है। यहां पर मुख्यतः वर्षा सम्बन्धित आपदाओं भूस्खलन, बाढ़, बिजली गिरने जैसे जोखिमों की अधिकता है। आईएमडी (मौसम विज्ञान केन्द्र) केन्द्र सरकार की एक महत्वपूर्ण संस्था है जिसका नेटवर्क पूरे देश में फैला है। पिछले कुछ वर्षों में आईएमडी का नेटवर्क उत्तराखण्ड में सघन किया गया है। केन्द्र सरकार के मौसम विज्ञान केन्द्र तथा उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के मध्य यह एमओयू एक नई पहल है। यह माननीय प्रधानमंत्री जी के विचारो के अनुरूप कॉपरेटिव फेडरलिज्म का उदाहरण है। इसमें एक केन्द्रीय एंजेसी राज्य के साथ राज्य की जरूरतों के अनुसार आपदा प्रबन्धन हेतु प्रभावी व्यवस्था बनाने हेतु भागीदारी कर रही है। हाल ही में मौसम विज्ञान के क्षेत्र में अनेक प्रगतिशील कार्य हुए है। सेटेलाइट सिस्टम एवं राडार सिस्टम में और भी अधिक प्रगति हुई है। अब आईएमडी का पूर्वानुमान लगभग सटीक होता है। लेकिन इसमे और अधिक सटीकता की आवश्यकता है। हम इसे एक चरण आगे लेकर जाना चाहते हैं। हमें अब लोकेशन स्पेसफिक सूचना की आवश्यकता है। ताकि जहाँ पर कोई आपदा होने की आंशका है वहाँ पर आपदा प्रबन्धन का तंत्र पहले ही सर्तक एवं तैयार हो जाए। राज्य में दो राडार सिस्टम सुरकंडा देवी तथा मुक्तेश्वर में स्थापित हो चुके हैं तथा एक अन्य राडार सिस्टम लैंसडाउन में स्थापित किया जा रहा है। राज्य में राडार सिस्टम को सघन करने से लोकेशन स्पेसफिक सूचनाएं प्राप्त हो सकेंगी। लाइटनिंग राडार तथा ऑटोमेटेड डॉप्लिंग राडार को मिलाकर भी लोकेशन स्पेस्फिक सूचनाएं प्राप्त हो सकेंगी।
इस अवसर पर अपर सचिव श्री सविन बंसल भी उपस्थित थे।

‘बिल लाओ ईनाम पाओ’ के मासिक लकी ड्रॉ की घोषणा : प्रथम 500 लोगों को इनाम के रूप में मिला मोबाइल फोन

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देहरादून, वित्त मंत्री श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने सोमवार को राज्य कर मुख्यालय, रिंग रोड, देहरादून में राज्य कर द्वारा उपभोक्ताओं को बिल लेने के संबंध में जागरूक करने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजना ‘बिल लाओ ईनाम पाओ’ के अंतर्गत प्रथम मासिक लकी ड्रॉ की घोषणा की गई। इस दौरान 1500 ग्राहकों को मासिक लकी ड्रॉ के लिए रैंडमली इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से चुना गया। जिसमे प्रथम 500 लोगों को इनाम के रूप में मोबाइल फोन, द्वितीय स्थान पर 500 लोगों को स्मार्ट वॉच एवं तृतीय स्थान पर 500 लोगों को ईयरफोन दिए जाने घोषणा की गई।

वित्त मंत्री श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने “बिल लाओ ईनाम पाओ“ योजना लागू की है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को बिल लेने के संबंध में जागरूक करना है। उन्होने कहा इस तरह हर प्रकार की खरीद पर बिल प्राप्त करने की जागरूकता के माध्यम से राजकोष को सुरक्षित करने में समस्त हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित होगी। इस योजना के अंतर्गत पुरस्कार विजेताओं तथा पुरस्कार वितरण में पूर्ण पारदर्शिता रहे, इसीलिए इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं रखा गया है। सम्पूर्ण कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पूर्ण की जाती है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2023 तक प्रत्येक माह उपभोक्ताओं के पास बिल अपलोड करने पर मासिक पुरस्कार जीतने का अवसर होगा। लकी ड्रा की घोषणा के उपरान्त लकी ड्रा विजेताओं को सूचित किया जाएगा तथा विभाग की चयनित टीम द्वारा उनके सत्यापन के उपरान्त ही पुरस्कार दिये जायेंगे। लकी ड्रा की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री द्वारा समस्त जनता से खरीद पर बिल प्राप्त करते हुए राज्य के विकास तथा खुशहाली में योगदान देने की अपील की गयी।

आयुक्त राज्यकर डॉ. अहमद इकबाल ने कहा सभी ग्राहक अपने बिल blipuk app पर अपलोड कर सकते हैं। उन्होंने कहा इस माह कुल 6058 जीएसटी बिल एप के माध्यम से प्राप्त हुए हैं। आज के पहले लकी ड्रा में 01 सितम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2022 तक की अवधि में की गयी खरीद पर अपलोड किये गए बिलों को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त योजना की अवधि की समाप्ति पर माह अप्रैल या मई, 2023 में मेगा लकी ड्रा का भी आयोजन किया जाना है, जिसमें ग्राहकों को कारें, इलेक्ट्रिक स्कूटर, बाइक, लैपटॉप, माइक्रोवेव जैसे 10 करोड़ के विभिन्न पुरस्कार जीतने का अवसर प्राप्त होगा।

इस अवसर पर अपर आयुक्त श्री अमित गुप्ता, श्री अनिल सिंह, श्री ईश्वर सिंह बृजवाल, श्री अनुराग मिश्रा, प्रीति मनराल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

इंद्रलोक होटल की आर्ट गैलरी में देखें स्वतंत्रता और उत्तराखंड का इतिहास, 20 दिसम्बर तक चलेगी प्रदर्शनी

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(प्रदीप बहुगुणा वरिष्ठ पत्रकार)

देहरादून, देश विदेश के शोधार्थियों, उत्तराखंड के कला और इतिहास प्रेमियों के लिए इन दिनों भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और उत्तराखंड आंदोलन की घटनाएं सजीव हो उठी हैं. दून पुस्तकालय शोध केन्द्र की ओर से देहरादून के राजपुर रोड स्थित इंद्रलोक होटल की आर्ट गैलरी में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस से लेकर 20 दिसंबर तक प्रदर्शनी लगाई गई है |

इस निशुल्क प्रदर्शनी में जहां भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के विभिन्न पहुलुओं को तत्कालीन अखबारों में प्रकाशित खबरों की कतरनों और पेंटिंग के जरिए उकेरा गया है, वहीं उत्तराखंड राज्य निर्माण के आंदोलन की अनेक घटनाओं को भी खूबसूरत चित्रकला के जरिए प्रदर्शनी में दर्शाता गया है. इंद्रलोक होटल की आर्ट गैलरी की दीवारों पर टंगी तस्वीर रूपी कर्मभूमि, युगवाणी, हिमाचल, अल्मोड़ा अखबार, शक्ति, गढ़वाली, गढ़वाल समाचार, क्षत्रिय वीर तरुण कुमाऊं और विशाल कीर्ति की कतरनों के चित्र आजादी के मतवालों और उत्तराखंड राज्य के लोगों की जीवित जन भावनाओं को बखूबी बयां कर रही हैं |

यहां लगाई गई प्रदर्शनी में स्वतंतत्रता आंदोलन के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले मतवालों की वीरता का उल्लेख करती कतरने आगंतुकों को इतिहास को करीब से रूबरू करा रही हैं. प्रदर्शनी में स्वतंतत्रता आंदोलन और टिहरी रियासत में राजाओं के प्रजा पर जुल्म और प्रजा के लिए लड़ने वाले मतवालों नागेन्द्र सकलानी और मोलू सिंह भरदारी के साथ हुए घटनाक्रम और उनके योगदान से टिहरी राजशाही के तख्तापटल को खूबसूरती से सहेजकर रखी गई कतरनों से प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है. इतना ही नहीं दून पुस्तकालय और शोध केन्द्र की प्रदर्शनी में टिहरी राजशाही के तख्ता पलट के अलावा वन अधिकारों के लिए 30 मई को तिलाड़ी और जेल में हुए शहीदों की सूची, स्वतंत्रता आंदोलन में जेल गए सेनानियों का ब्योरा और उस दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस की गतिविधियों का भी जिक्र है |
प्रदर्शनी के जरिए बताया गया था कि राजशाही ने आजादी के आंदोलन को फेल करने के लिए कैसे जातिवाद का जहर फैलाने की कोशिशों के तहत प्रजा हितैषणी सभा बनाई, बावजूद इसके आजादी के मतवालों ने 10 जनवरी 1948 को देवप्रयाग और कीर्तिनगर में समानांतर सरकार गठित कर दी. 11 जनवरी को राजा की फौज हवालात से डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी को छुड़ाकर ले गयी. लेकिन जाते हुए उन्होंने मोलू भरदारी और नागेन्द्र सकलानी को गोली मार दी. फौज के साए में भागते हुए जनता ने उन्हें पकड़ लिया और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे दादा दौलतराम ने उन्हें जनता से बचाने के लिए फिर से हवालात में बंद कर दिया,
12 जनवरी को वहां से दोनों शहीदों के शवों के साथ देवप्रयाग और खासपट्टी होकर टिहरी पहुंची जनता ने 14 जनवरी 48 को सत्ता अपने हाथ में ले ली. वहां भी प्रजामंडल के प्रमुख वीरेंद्र दत्त सकलानी ने राजा के कारिंदो को जनता के कोप से बचाने के लिए जेल में बंद कर दिया. 15 जनवरी को भारत सरकार की ओर से अधिकारी और पुलिस टिहरी पहुंची और प्रजामंडल के सहयोग से जुलाई 1949 तक वहां शासन चला. बाद में टिहरी का उत्तर प्रदेश संयुक्त प्रांत में विलय हो गया. इसके अलावा पृथक राज्य के लिए उत्तराखंड आंदोलन में जनता की भावनाओं के ज्वार और असी ‘एकजुट एकमुठ’ भावनाओं के फलस्वरूप नए राज्य उत्तराखंड के उदय तक की लाजवाब चित्रयात्रा प्रदर्शनी के माध्यम से संजोई गई है |

प्रदर्शनी को देखने बड़ी संख्या में उमड़ रहे लोग :
देहरादून के राजपुर रोड स्थित इंद्रलोक होटल की आर्ट गैलरी में दून पुस्तकालय और शोध केन्द्र की इस प्रदर्शनी को देखने बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं. यहां साहित्यकार लीलाधर जगूड़ी, पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखण्ड सुरजीत किशोर, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सलाहकार प्रो. बी के जोशी व निदेशक एन.रवि शंकर प्रो. ए. एन. पुरोहित, कला केंद्र के कर्नल दुग्गल, कुसुम नौटियाल, मुनिराम सकलानी, मुकेश नौटियाल, जय सिंह रावत जैसी राज्य की कला साहित्यिक हस्तियों, जनहित की पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों ने शामिल होकर इस प्रदर्शनी की सराहना की है, वहीं इतिहास और राज्य आंदोलन पर शोध करने वाले शोधार्थियों का यहां लगातार तांता लगा हुआ है. प्रदर्शनी 20 दिसंबर तक चलेगी |

“प्रदर्शनी को मूर्त रूप देने में इतिहासकार डॉ. योगेश धस्माना, शंकर सिंह भाटिया और संगीत सिनेमा व कला के जानकार निकोलस हॉफलैण्ड ने अहम् भूमिका निभाई, इस प्रदर्शनी का उद्देश्य लोगों को गढ़वाल और कुमाऊ के समाचार पत्रों के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और उत्तराखंड राज्य आंदोलन की घटनाओं की जानकारी उपलब्ध कराना है | प्रदर्शनी के माध्यम से तत्कालीन समय के समाचार पत्रों की खबरों और उनके सम्पादकीय आलेखों के दुर्लभ और निर्भीक पूर्ण विचारों को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया |
–चन्द्रशेखर तिवारी, प्रोग्राम एसोसिएट, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र”

डॉ. योगेश धस्माना ने बताया कि उत्तराखण्ड में उन्नीसवीं सदी के अन्तिम दशकों से लेकर बीसवीं सदी प्रारंभिक पांच दशकों तक जनजागरण सामाजिक संस्थाओं के विकास से सामाजिक चेतना और 1930 से 1949 तक टिहरी रियासत के भारतीय गणराज्य में विलय तक राजनीतिक चेतना और घटनाओं पर प्रलेखित सामग्री का परिदृश्य इस प्रदर्शनी में उपलब्ध है |

उल्लेखनीय है कि पहाड़ के स्थानीय जननायकों ने जिस तरह कुली बेगार के उन्मूलन और वन अधिकारों की प्राप्ति के लिए असहयोग आन्दोलन किया उसकी सफलता ने उस दौर में उत्तराखण्ड को राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया. बाद में समाज के वंचित व निम्न वर्ग ने भी अपनी सामाजिक, आर्थिक समस्याओं को मुखर करने तथा उनके समाधान पाने के लिए स्वाधीनता आंदोलन को मंच के तौर पर चुना | इस तरह के कुछ विशेष प्रसंगों की झलक भी दर्शकों को इस प्रदर्शनी में देखने को मिल रही है, यह प्रदर्शनी उन अनेक भूली बिसरी महिलाओं और महापुरुषों को भी जानने का अवसर दे रही है, जिन्होंने देश प्रेम के खातिर औपनिवेशिक प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाकर अपनी जान की बाजी तक लगानी पड़ी |

 

प्रदेश की दशा और दिशा देखते हुए उत्तराखंड छात्र संगठन का हुआ पुनर्गठन, राज्य के ज्वलन्त मुद्दों पर हुआ लड़ने का एलानउत्तराखंड में छात्र हितों के लिए यूएसएफ का पुनर्गठन, राज्य के ज्वलंत मुद्दों  को लेकर संघर्ष का ऐलान | Loksaakshya

देहरादून, उत्तराखंड प्रेस क्लब में USF(उत्तराखंड स्टूडेंट फेडरेशन) का पुनर्गठन किया गया। जिसमें उत्तराखंड के छात्रों के हितों के लिए लड़ने का संकल्प लिया गया। यूएसएफ ने राज्य आंदोलन के समय भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। एक लंबे समय के बाद राज्य के हालात और छात्रों की दशा को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष अनिरुध काला के नेतृत्व में USF को पुनर्गठित किया गया, जिसमें प्रदेश संयोजक की ज़िम्मेदारी सोमेश बुडाकोटी, गढ़वाल मंडल संयोजक लुसुन टोडरिया को, कुमाऊँ मण्डल संयोजक धीरज नेगी को बनाया गया। संरक्षक मंडल में उत्तरा पंत बहुगुणा, मीनाक्षी घिल्डियाल, सुचेता शर्मा, डाo पंकज पैनुली, विजय तोमर, डाo मुकुल शर्मा को शामिल किया गया है। इन पहाडवाद वी ट्रस्ट नारे के साथ यू एस एफ के झंडे, लोगो, और वेब साइट को लॉंच किया गया। यू एस एफ का लक्ष्य फ़्री शिक्षा, ज़्यादा यूनवर्सटीज़, पहाड़ी छात्रों को आरक्षण के साथ क्षेत्रीयता को बढ़ावा देना होगा।

यू एस एफ प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद काला ने कहा कि राज्य के युवा छात्रों की बदहाल होती दशा को देखते हुए एक ऐसे संगठन की आवश्यकता थी जो युवा राज्य को सही दिशा दे सके और उनके हितों की रक्षा कर सकें। इसके लिए आज यू एस एफ का पुनः गठन किया गया है। मौजूदा स्तिथि को देखते हुए यू एस एफ एक नए रंग एवं उद्घोश के साथ छात्रों के बीच होगा।

प्रदेश संयोजक सोमेश बुडाकोटि ने कहा छात्रों को अपने स्वर्णिम भविष्य के लिए छात्र राजनीति से स्थितियां ठीक करने की आवश्यकता है जिसके चलते युवाओं से आवाहन किया है कि वह सक्रिय राजनीति से जुड़कर अपने भविष्य एवं चरित्र निर्माण के लिए आगे आए।

गढ़वाल मंडल संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड स्टूडेंट फ़ेडरेशन का गठन हुआ था, यू एस एफ द्वारा उत्तरकाशी से लेकर सीमांत पिथौरागढ़ के युवाओं को संगठन से जोड़ा जाएगा और अपने हितों की रक्षा के लिए कॉलेज से लेकर सड़कों तक युवा संघर्ष करेंगे।

संरक्षक मीनाक्षी घिल्डियाल ने कहा आज की भ्रष्ट होती राजनीति में युवाओं और छात्रों का इस्तेमाल स्वयं के हितों के लिए हो रहा है। यू एस एफ लक्ष्य छात्रों में राजनीति की समझ को विकसित कर सही दिशा में ले जाने का है। उन्होंने यह भी कहा की राज्य की दिशा और दशा को सुधारने के लिए कोई मसीहा नहीं आने वाला छात्रों को स्वयं ही मसीहा बनना पड़ेगा।

संरक्षक डॉ पंकज पैन्यूली ने कहा छात्र प्रदेश का भविष्य है और आज प्रदेश में छात्रों की दशा दिशा प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है जो बहुत बड़ी चिंता का विषय है जिसके लिए यूएसएफ का पुनः गठन किया जा रहा है जो आने वाले भविष्य में छात्र हितों की उसी प्रकार रक्षा करेगा जैसे उत्तराखंड आंदोलन के समय युवाओं ने राज्य हित के लिए लड़ाई लड़ी।
उत्तराखंड स्टूडेंट फेडरेशन ने धर्मानंद उनियाल महाविद्यालय नरेंद्रनगर में कोषाध्यक्ष पद अंजली रावत और उपाध्यक्ष पद पर मनोरमा रावत को उम्मीदवार घोषित किया है । कार्यक्रम में वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी अंबुज शर्मा व प्रदीप कुकरेती ने अपने अमूल्य सुझाव देकर भविष्य में फेडरेशन को समर्थन देने का वादा किया एवं जयदीप सकलानी को फेडरेशन का सर्वसम्मति से संरक्षक घोषित किया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार करते हुए भविष्य में होने वाली गतिविधियों में सहभागिता करने का आश्वासन दिया ।
वरिष्ठ पत्रकार डीपी उनियाल ने फेडरेशन को शुभकामनाएं दी तथा उसे मजबूत करने का संकल्प लिया ।
कार्यक्रम में पौड़ी से गौरव रावत,पिथौरागढ़ से ह्रदयेश शाही,प्रतापनगर से अम्बिका प्रसाद पैन्यूली,नरेंद्रनगर से अनिल खत्री,प्रमोद कैंतुरा, भट्ट,उत्तरकाशी से आशीष नौटियाल,देहरादून से विजय प्रताप,अभिषेक भट्ट,कुलदीप सेमवाल,प्रमोद काला,विजय सिंह तोमर, अशोक सिंह आदि मौजूद रहे ।

LIC Policy: LIC की यह योजना आपको देगी तीन गुना रिटर्न, सिर्फ 110 रुपये हर दिन करना होगा निवेश

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आधुनिक समय में लोगों के पास निवेश करने से लेकर बीमा खरीदने तक कई विकल्प हैं, लेकिन भारतीय ​जीवन बीमा निगम में आज भी ज्यादातर लोग निवेश करते हैं.

एलआईसी की ओर से पेश की जाने वाली बीमा में सुरक्षा के साथ ही बीमा का भी लाभ दिया जाता है. साथ ही कुछ पॉलिसी प्लान में टैक्स सेविंग का भी विकल्प होता है.

कोई भी व्यक्ति एलआईसी में निवेश कर सकता है. अगर आप भी इस योजना में पैसा लगाना चाहते हैं, तो LIC रेगुलर प्रीमियम यूनिट लिंक्ड प्लान, SIIP में निवेश कर सकते हैं. इस बीमा योजना में 40 हजार रुपये सालाना 21 सालों तक जमा करना होगा. मैच्योरिटी पूरा होने के बाद आपको तीन गुना रकम दी जाएगी.

क्या हैं यह योजना

यह सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट इंश्योरेंस प्लान यानी SIIP है. LIC की SIIP प्‍लान में निवेशकों को 21 साल तक प्रीमियम भरना पड़ता है. इसमें मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना के आधार पर प्रीमियम की राशि जमा की जा सकती है. अगर कोई निवेशक इसमें सालाना विकल्प चुनकर प्रीमियम जमा करता है, तो उसे 40 हजार रुपये निवेश करना होगा.

छमाही का विकल्‍प चुनने पर 22000 रुपये प्रीमियम जमा करना होगा, तिमाही का विकल्‍प 12 हजार रुपये और मासिक का विकल्‍प चुनने पर आपको 4000 हर महीने प्रीमियम भरना होगा. इसमें ग्रेस प्रीरियड का भी विकल्प दिया जाता है.

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कैसे मिलेगा तीन गुना फायदा

4000 रुपये मासिक रूप से 21 सालों तक जमा करने पर आपका कुल निवेश 10,08,000 रुपये हो जाएगा. 21 साल बाद मैच्‍योरिटी पर आपको निवेशित रकम के अलावा करीब 35 लाख रुपये मिलेंगे, जो आपकी निवेश की गई रकम से तीन गुना से भी ज्‍यादा होगा. SIIP स्‍कीम के तहत निवेशकों को 4,80,000 का इंश्‍योरेंस कवर दिया जाता है.

कैसे ले सकते हैं योजना का लाभ

आप इस पॉलिसी को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से खरीद सकते हैं. ऑफलाइन योजना का लाभ लेने के लिए आप किसी भी एलआईसी के कार्यालय पर जा सकते हैं. इसके साथ ही ऑनलाइन लाभ लेने के लिए आप एलआईसी की अधिकारिक वेबसाइट विजिट कर सकते हैं.