Monday, May 19, 2025
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जिले के तीन विकास खंडों के न्याय पंचायतों में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू

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पिथौरागढ़, पंचायतीराज निदेशालय उत्तराखंड द्वारा जिले के तीन विकास खंडों के न्याय पंचायतों में आज से दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हो गया है। प्रशिक्षण में ग्राम पंचायत विकास योजना बनाने के गुर सिखाए जा रहे है। इसके लिए विभिन्न विभागों की योजनाओं को समझने तथा फिर धरातल में उतारने की विधा पर जानकारियों दी जा रही है।
तीन विकास खंडों के न्याय पंचायतों में आयोजित प्रशिक्षण में सामाजिक संस्था सोसायटी फॉर एक्सन इन हिमालया पिथौरागढ़ के मास्टर ट्रेनर्सो ने बताया कि ग्राम पंचायतों को एक साल की एक साथ ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करनी है। उन्होंने कहा कि अब ग्राम पंचायतों में बार बार योजनाओं का चयन नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि एक वित्तीय वर्ष में एक बार योजना बनाने की अब हमें आदतें बनानी होगी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के सदस्यों को चाहिए कि वे अपने वार्डो की योजना एक साथ बनाने की आदतों को अपनी कार्य प्रणाली में लाएं।
मास्टर ट्रेनर्सो ने जिला योजना समिति 2007 की जानकारी भी दी। कहा कि ग्राम पंचायतों की योजनाओं को स्वरुप देने के लिए इस तरह की नीति अपनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि ग्राम विकास विभाग सहित 26 विभागों की योजनाओं का अध्ययन करने के बाद ही हम एक सार्थक जीपीडीपी बना सकते है।
उन्होंने कहा कि बिना ग्राम पंचायतों के ढांचों का अध्ययन किए बगैर हम एक सशक्त पंचायत की उम्मीद नहीं कर सकती है। मास्टर ट्रेनर्सो ने महिला कल्याण विभाग, कृषि, उद्यान, पर्यटन विभागों की योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
विकास खंड पिथौरागढ़ के न्याय पंचायत सटगल में आयोजित प्रशिक्षण का उद्घाटन मलान की ग्राम प्रधान बिमला देवी, पाली के ग्राम प्रधान ललित सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चन्द्र कांत जोशी,एएनएम गुंजा मेहता, दुग्ध प्रवेक्षक भास्कर भट्ट आदि मौजूद रहे।
विकास खंड मूनाकोट के न्याय पंचायत गौरीहाट में आयोजित प्रशिक्षण का उद्घाटन ग्राम प्रधान रेखा देवी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी नताशा पंत, पशुधन प्रसार अधिकारी रितु जोशी, कृषि विभाग के संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।
विकास खंड कनालीछीना के न्याय पंचायत चमू में प्रशिक्षण का उद्घाटन अगन्या के ग्राम प्रधान बसंत बल्लभ ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी शेर सिंह ऐरी, पशुधन प्रसार अधिकारी विक्रम सिंह, दुग्ध संघ के क्षेत्रीय प्रभारी मनीष बोहरा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

कड़ाके की ठंड से कांप रहा पूरा उत्तर भारत, शीतलहर और कोहरे के चलते आम जन- जीवन हुआ अस्त- व्यस्त

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दिल्ली (एनसीआर), पूरे उत्तर भारत कड़ाके की ठंड से कांप रहा है। शीतलहर और कोहरे के चलते आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों को ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में शीतलहर के साथ-साथ रविवार सुबह कोहरा छाया रहा। कोहरे की मोटी परत ने राष्ट्रीय राजधानी को ढक लिया जिससे दृश्यता कम हो गई। बढ़ती ठंड को देखते हुए लोग घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। घने कोहरे के चलते सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित है। राष्ट्रीय राजधानी में भीषण कोहरे और ठंड के कारण हवाई यात्री भी परेशान हैं। कोहरे के चलते दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ने वाली कई फ्लाइट्स लेट हो गई। खराब मौसम के कारण दिल्ली एयरपोर्ट पर करीब 20 फ्लाइट्स देरी से चल रही हैं। एक अधिकारी ने कहा कि सुबह छह बजे तक किसी विमान के मार्ग में परिवर्तन की सूचना नहीं थी। यात्रियों का कहना है कि कड़ाके की ठंड के बीच एयरपोर्ट पर दृश्यता बहुत कम है। वहीं, कोहरे के कारण उत्तर रेलवे क्षेत्र में 42 ट्रेनें देरी से चल रही हैं।

वहीं, शनिवार को सर्दी ने इस सीजन का रिकॉर्ड तोड़ दिया। न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस रहा। रिज इलाका एक बार फिर ठिठुरा, यहां तापमान सामान्य से 5.6 डिग्री कम 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। लोदी रोड में 2.0, आयानगर में 3.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। इससे पहले वर्ष 2021 में एक जनवरी को तापमान 1.1 डिग्री दर्ज हुआ था। जबकि बीते साल 2022 में सीजन के सबसे ठंडे दिन का रिकॉर्ड एक जनवरी को था जब तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस रहा था। वहीं 2020 में एक जनवरी को तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस था।

दिल्ली-एनसीआर में हिल स्टेशन से भी ज्यादा ठंड पड़ रही है। शनिवार को इन इलाकों में तापमान चार डिग्री से ऊपर रहा। जबकि एनसीआर के इलाकों में न्यूनतम तापमान दो से चार डिग्री के बीच दर्ज हुआ। शिमला में न्यूनतम तापमान 7.8, नैनीताल में 5.8, मनाली में पारा 4.0 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि गुरूग्राम में न्यूनतम तापमान 2.5, फरीदाबाद में 3.4, नोएडा में 3.7 और गाजियाबाद में न्यूनतम तापमान 4.1 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पश्चिम भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे रहा है। इसका असर तीन से चार दिन बाद मैदानी इलाकों में पड़ेगा। इस कारण से एक बार फिर से गला देने वाली ठंड की वापसी होगी। अभी विभाग ने सोमवार से शीत लहर से राहत मिलने की संभावना जताई है। इस कारण से 13 जनवरी तक न केवल अधिकतम तापमान बढ़ेगा, बल्कि न्यूनतम तापमान भी 8 डिग्री तक पहुंच जाएगा। यह केवल फौरी राहत होगी। कोहरे से अगले सप्ताह तक राहत मिलने की संभावना नहीं है।

ऋषिकेश एम्स में 13 साल की किशोरी को मिला जीवनदान, दिल का हुआ सफल ऑपरेशन

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ऋषिकेश, एम्स ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग ने 13 वर्षीय एक किशोरी के दिल का सफल टीएपीवीआर ऑपरेशन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह किशोरी जन्म से ही हृदय रोग से ग्रसित थी। किशोरी को सांस फूलने और जल्दी थकने के साथ धड़कने तेज होने की शिकायत थी।

पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. यश श्रीवास्तव एवं कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. भानु दुग्गल ने ईकोकॉर्डियोग्राफी कर इस बीमारी का पता लगाया। इस बीमारी का इलाज आमतौर पर बच्चे के जन्म होने के एक वर्ष की समयावधि में हो जाना चाहिए था, मगर नहीं हो पाया। ऐसे में इस बात की शंका थी कि अब यह पेशेंट ऑपरेशन के लायक है या नहीं।

एम्स सीटीवीएस विभाग के पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जन डॉ. अनीश गुप्ता से परामर्श के बाद मरीज की एंजियोग्राफी की गई, तब फेफड़ों के प्रेशर को नापकर ऑपरेशन का निर्णय लिया गया। डॉ. गुप्ता एवं उनकी टीम ने किशोरी का सफल आपरेशन कर उसे नया जीवन दिया। टीम में एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. अजय मिश्रा, डॉ. ईशान, केशव, प्रियंका एवं अमित कुमार, डॉ. आयेशा, डॉ. विकास, डॉ. पूजा आदि शामिल रहे। डॉ. अनीश ने बताया कि इस बीमारी में मरीज को नाइट्रिक ऑक्साइड वेंटीलेटर की जरूरत पड़ सकती है, जो कि उत्तराखंड राज्य में केवल एम्स ऋषिकेश में उपलब्ध है। इस उपलब्धि पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी टीम को बधाई दी है।

क्या है कार्डियक टीएपीवीआर: यह हृदय का एक जन्मजात रोग है। इसमें फेफड़ों से शुद्ध खून लाने वाली सारी नसें दिल के गलत हिस्से में खुलती हैं। यह तीन प्रकार की होती है। यह बीमारी पैदा होते ही जानलेवा हो सकती है, यदि बच्चा बड़ा भी हो जाता है, तब भी बिना ऑपरेशन के उसकी मृत्यु निश्चित है। इस बीमारी के ऑपरेशन में जान जाने का खतरा भी होता है और मगर सफल ऑपरेशन होने पर मरीज को लम्बी आयु मिलती है।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण: इस बीमारी के सबसे गंभीर प्रकार में बच्चा पैदा होते ही पहले महीने में प्नूमोनिय या ऑक्सीजन की कमी से वेंटीलेटर पर जा सकता है। बच्चे के बड़े होने पर सांस फूलना, जल्दी थकान होना, धड़कन तेज चलना आदि मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। धीरे-धीरे हार्ट फेल होने से जान चली जाती है।

जोशीमठ रिपोर्ट के बाद उपचार में ढिलाई पर कांग्रेस जबावदेह : भट्ट

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देहरादून, भाजपा ने कहा कि जोशीमठ भू धँसाव पर प्रवचन कर रही कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि 1976 की जिस रिपोर्ट को लेकर वह सरकार पर सवाल उठा रही है, उसने पूर्व के अधिकांश कार्यकाल मे इस पर क्या कार्य किया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जिस काल खंड मे यह रिपोर्ट आयी उसके बाद तो अधिकांश समय कॉंग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष शासन में रही है। इसलिए उसे बताना चाहिए कि उन्होने रिपोर्ट के अनुसार कौन कौन से प्रशासनिक, वैज्ञानिक या तकनीकी उपाय जोशीमठ मे क्रियान्वित किये।

प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने कहा, इस आपदा के समाधान व प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर काम करने में जुटी है वहीं विपक्ष आपदा में अवसर तलाशते हुए सरकार को बदनाम करने के प्रयासों में जुटा है । उन्होंने कहा कि जोशीमठ मे पीड़ितों के साथ खड़ा होना सभी के लिए जरूरी है, लेकिन इस मौके पर भी कांग्रेस मे प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक दूसरे को मात देने के लिए रेस चल रही है। कौन कितना सक्रिय है और कौन पिछड़ गया है हाईकमान के सामने यह प्रदर्शन की भावना पीड़ितों की भावनाओं के साथ भी छलावा है।
सरकार भू धँसाव की समस्या व प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सभी तात्कालिक व दीर्घकालीन उपायों को अंजाम दे रही है। भाजपा का संगठन भी जोशीमठ निवासियों की इस दुख तकलीफो के समय सरकार के साथ वहाँ कार्य कर रहा है | कॉंग्रेस के नेता इस आपदा व संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनैतिक बयानबाजियों में लगे हैं। एक गैर जिम्मेदाराना राजनैतिक पार्टी की भांति, उनका कभी झूठे आरोप लगाकर मौन हो जाना, कभी सरकार पर समस्या के प्रति मौन होने के अनर्गल आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है |

श्री भट्ट ने कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस विपदा की घड़ी में सरकार, भाजपा संगठन व समूचा प्रदेश जोशीमठ के लोगों के साथ खड़ा है। उन्होंने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि ऐसे कठिन समय पर बयानों से मौन हो या न हों लेकिन अपनी संवेदनाओं को मौन कतई न होने दे और सकारात्मक रुख अपनाए।

 

जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पीआईएल

चमोली, जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की है। उन्होंने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ज्योतिर्मठ भी इसकी चपेट में आ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने की मांग की है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि पिछले एक वर्ष से जमीन धंसने के संकेत मिल रहे थे। लेकिन समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना बेहद चिंताजनक है। ऐतिहासिक एवं पौराणिक सांस्कृतिक नगर जोशीमठ खतरे में हैं। एक सप्ताह से जमीन धंसने से 500 से अधिक मकान प्रभावित हुए हैं। मकानों में दरारें आ गई हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हिमालय में जो कुछ हो रहा है, उसको लेकर लंबे समय से चिंता व्यक्त की जा रही थी। इसकी अनदेखी होते रही, जिसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। जमीन धंसने को लेकर अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को सही कारण का पता लगाना चाहिए।

शंकराचार्य ने कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जोशीमठ के हालातों की जानकारी देंगे, ताकि सकारात्मक पहल हो सके। प्राथमिकता से पीड़ितों का पुनर्वास कराया जा सके। उन्होंने कहा कि उनके सभी कार्यक्रम स्थगित हो गए हैं और वह स्वयं प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने जोशीमठ जाएंगे।

 

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तरांचल प्रेस क्लब की नवनिर्वाचित कार्यकारणी के शपथ ग्रहण समारोह में किया प्रतिभाग

देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब, परेड ग्राउण्ड देहरादून में उत्तरांचल प्रेस क्लब की नवनिर्वाचित कार्यकारणी के शपथ ग्रहण समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तरांचल प्रेस क्लब कार्यकारणी को शपथ दिलवाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरांचल प्रेस क्लब के भवन निर्माण, अतिथि गृह व पुस्तकालय निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सके इसके लिए उच्च स्तर पर सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी द्वारा कार्यवाही जायेगी। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान सक्रिय रहे राज्य के पत्रकारों को आजीवन स्थाई मान्यता दिये जाने के संबंध में कमेटी का गठन किया जायेगा। पत्रकारों के लिए भी यू हेल्थ कार्ड बनाने की दिशा में कार्य किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारिता को लोकतंत्र को चौथा स्तंभ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि समाज के दर्पण के रूप में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक एवं अन्य पहलुओं के साथ ही आम जन की समस्याओं को आगे लाने का कार्य अपनी लेखनी के माध्यम से आगे लाने का सराहनीय कार्य पत्रकारों द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों को हर संभव सहयोग दिये जाने के प्रयास किये गये हैं। पिछले वर्ष पत्रकारों की पेंशन में 60 फीसदी की वृद्धि करने की घोषणा की गई, वहीं दूसरी ओर विभिन्न जिलों से देहरादून आने वाले पत्रकारों को पूर्व की भांति सूचना विभाग के जरिये प्रदेश की राजधानी में रहने की उचित व्यवस्था में सहयोग करने की भी घोषणा की गई। मुख्यमंत्री पत्रकार पेंशन योजना के तहत भी पत्रकार कल्याण कोष में 2 करोड़ की बढ़ोतरी की गई, जिसके चलते आश्रित पत्रकारों और गंभीर रूप से बीमार पत्रकारों के लिए 36 लाख रुपए की सहायता राशि मंजूर की गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि बड़े संकट के समय पत्रकार वीर जवानों की भांति सरकार एवं जनता के साथ कंधे से कंधे मिलाकर कार्य करते हैं। कुछ अनछुए पहलुओं से रूबरू कराने में भी मीडिया की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। सभी उत्तराखण्ड वासियों के सहयोग से उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जायेगा। राज्य के समग्र विकास के लिए मीडिया की भी अहम भूमिका रहेगी। सभी पत्रकारगणों को अपनी कलम की ताकत से राज्य के विकास में योगदान देना होगा।

 

इस अवसर पर सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, उत्तरांचल प्रेस क्लब के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र भसीन, उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय राणा, कोषाध्यक्ष मनीष चन्द्र भट्ट, महामंत्री विकास गुसाई, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रश्मि खत्री, कनिष्ठ उपाध्यक्ष दरबान सिंह, सम्प्रेक्षक मनोज जायड़ा, कार्यकारणी सदस्य दयाशंकर पांडे, प्रवीन बहुगुणा, भगवती प्रसाद कुकरेती, बी.एस. तोपवाल, मो. फहीम तन्हा, मंगेश कुमार, राम अनुज, लक्ष्मी बिष्ट, विनोद पुण्डीर, पदेन सदस्य निवर्तमान अध्यक्ष जितेन्द्र अंथवाल एवं निवर्तमान महामंत्री ओपी बेंजवाल एवं अन्य वरिष्ठ पत्रकारगण उपस्थित थे।

श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े ने निकाली गंगा नगर कीर्तन यात्रा

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हरिद्वार, (कुलभूषण)। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के संयोजन में कनखल में गंगा नगर कीर्तन यात्रा निकाली। यात्रा पंचपुरी हलवाई कल्याण समिति ने स्वागत किया। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्षप पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि आम लोगों को गंगा की स्वच्छता, निर्मलता व अविरलता के प्रति जागरूक करने तथा युवा वर्ग को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराने के लिए गंगा नगर कीर्तन यात्रा का आयोजन प्रति सप्ताह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा करोड़ों भक्तों की आस्था की प्रतीक है। गंगा की अविरलता, निर्मलता व स्वच्छता बनाए रखना सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को पाश्चात्य संस्कृति का परित्याग कर सनातन धर्म संस्कृति को अपनाना चाहिए और नशे से दूर रहना चाहिए। उन्होंने व्यापारियों से चाईनीज मांझा बिक्री नहीं करने और सभी से चाईनीज मांझे का प्रयोग नहीं करने की अपील भी की। इस अवसर पर स्वामी रुद्रानंद सरस्वती, स्वामी कल्याण देव महाराज, महामंडलेश्वर सत्यव्रतानन्द, आचार्य विष्णु, दीपक शर्मा, राजीव शर्मा, सोमपाल कश्यप, डा.अशोक शर्मा, राकेश उपाध्याय, बिट्टू, राजेन्द्र लोधी, अर्णव शर्मा, धीरज चैधरी, राजीव बिष्ट, सार्थक पाल, अस्मित कौशिक, अध्ययन शर्मा, निखिल कश्यप, मिनी पूरी, वैशाली शर्मा, सोनी चैहान, गीता शर्मा, खुश्बू, पंचपुरी हलवाई कल्याण समिति के अध्यक्ष सोमपाल कश्यप आदि मौजूद रहे

क्या है टैक्स सेविंग एफडी ? कैसे मिलेगा आपको इनकम टैक्स में फायदा, जानिए इससे जुड़ी मुख्य बातें

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अगर आप निवेश करने की योजना बना रहे है, तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. आमतौर पर ज्यादातर लोग बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट (Fixed Deposit) में अपनी मेहनत का पैसा इन्वेस्ट करते है.

इससे उनको इनकम टैक्स (Income Tax) में अच्छा खासा लाभ मिल जाता है. आपको हम इस खबर में बताने जा रहे है कि, आप कैसे टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपाजिट (Tax Saving Fixed Deposit) का फायदा उठा सकते है. और इनकम टैक्स में भी लगभग 1.5 लाख रुपया तक टैक्स छूट का लाभ ले सकते है. जानिए कैसे मिलेगा फायदा..

टैक्स में मिलेगी छूट

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपाजिट (Tax Saving Fixed Deposit) एक प्रकार की जमा योजना है. मालूम हो कि, टैक्स बचाने वाली स्कीम में निवेश के लिए कई बैंक अपनी – अपनी कई तरह की स्कीमें चला रही है. जिन पर आमतौर से 3, 5 या 10 साल तक का लॉक इन पीरियड होता है. अगर आप ऐसा करते है, तो इनकम टैक्स नियम-1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपाजिट में आपको 1.50 लाख रुपये सलाना निवेश पर टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. आप चाहें तो निवेश इससे भी ज्यादा कर सकते हैं. लेकिन आपको 1.50 लाख रुपये के निवेश पर ही टैक्स छूट मिलेगी.

जानिए क्या है खास

आपको यह सुनने में थोड़ा अलग लग सकता है कि टैक्स सेविंग एफडी किसी भी रेगुलर फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह ही है, क्योंकि इसमें मैच्योरिटी राशि (मूल राशि + एफडी ब्याज) सीधे आपके बैंक खाते में जमा हो जाती है. इनकी लॉक-इन अवधि 5 से 10 साल होती है और कर-बचत एफडी ब्याज दरें आमतौर पर 5.5 – 7.75 फीसदी तक बैंक से ब्याज का लाभ देती है.

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट की जरूरी बातें

इससे इनकम टैक्स नियम के धारा 80 सी के तहत टैक्स बचाया जा सकता है.
आपको इसमें कर बचत और हाई रिटर्न दोनों ही लाभ मिलते है.
न्यूनतम जमा राशि रुपये के रूप में 1000 रुपए से शुरू कर सकते है.
एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा कर सकते हैं.
इसका लॉक इन समय 5 से 10 साल के लिए होता है.
आपको नॉमिनी की सुविधा मिलती है. जिससे आपका पैसा आपके बाद आपके नॉमिनी को दिया जाएगा.

सीएम धामी के जोशीमठ पहुंचने पर फूट- फूटकर रोए भूधंसाव से प्रभावित लोग, अपना घर बचाने की लगाई गुहार

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चमोली, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे तो प्रभावित उनके सामने फूट-फूटकर रो पड़े। इस दौरान कई महिलाओं ने सीएम को घेर लिया, जिन्हें संभालना भी मुश्किल हो गया। एक महिला चीख-चीख कर सीएम के सामने अपना घर बचाने के लिए गुहार लगाती रही। कहा कि हमारी आंखों के सामने हमारी दुनिया उजड़ रही है। इसे बचा लो सरकार। जोशीमठ ग्राउंड जीरो हालाात का जायजा लेने पहुंचे सीएम ने प्रभावितों को आश्वासन दिया कि सरकार हर मुश्किल में उनके साथ खड़ी है। वहीं प्रभावितों ने सीएम को अपना दुखड़ा सुनाया। कहा हम रात को सो भी नहीं पा रहे हैं, अपने घरों में रहने से भी डर लगता है।

सीएम ने कहा कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना उनकी पहली प्रथामिकता है। मुख्यमंत्री ने इससे पहले जोशीमठ के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ली। शुक्रवार को उन्होंने जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव मामले में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव के कारण अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा।

मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय में जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन से पैदा हुए हालात की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में धामी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ गए विशेषज्ञ दल के सदस्यों से भी जुड़े।उन्होंने कहा कि तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य जल्द से जल्द पूरे किए जाएं। कहा, इसमें सरलीकरण तथा त्वरित कार्रवाई ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए।

 

जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पीआईएल

चमोली, जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की है। उन्होंने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ज्योतिर्मठ भी इसकी चपेट में आ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने की मांग की है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि पिछले एक वर्ष से जमीन धंसने के संकेत मिल रहे थे। लेकिन समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना बेहद चिंताजनक है। ऐतिहासिक एवं पौराणिक सांस्कृतिक नगर जोशीमठ खतरे में हैं। एक सप्ताह से जमीन धंसने से 500 से अधिक मकान प्रभावित हुए हैं। मकानों में दरारें आ गई हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हिमालय में जो कुछ हो रहा है, उसको लेकर लंबे समय से चिंता व्यक्त की जा रही थी। इसकी अनदेखी होते रही, जिसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। जमीन धंसने को लेकर अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को सही कारण का पता लगाना चाहिए।

शंकराचार्य ने कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जोशीमठ के हालातों की जानकारी देंगे, ताकि सकारात्मक पहल हो सके। प्राथमिकता से पीड़ितों का पुनर्वास कराया जा सके। उन्होंने कहा कि उनके सभी कार्यक्रम स्थगित हो गए हैं और वह स्वयं प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने जोशीमठ जाएंगे।

राज्य चिकित्सा सेवा में निकली 1564 पदों पर भर्ती, 12 जनवरी से 1 फरवरी 2023 तक कर सकते हैं आवेदन

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देहरादून, उत्तराखंड सरकार ने नए साल की शुरुआत बेरोजगार युवक युवतियों के लिए चिकित्सा विभाग में भर्ती के श्रीगणेश से की है, यह उत्तराखंड में सरकारी नौकरी के लिए इंतजार कर रहे बेरोजगार युवक युवतियों के लिए खुशखबरी है | जो
बेरोजगार युवा स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोजगार की तलाश कर रहे हैं और आपने नर्सिंग में कोई डिप्लामा या डिग्री ली है तो यह नया साल का पहला महीना आपके लिए नौकरी का अवसर लेकर आ गया है | उत्तराखंड सरकार के उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने उत्तराखंड में 1564 रिक्त पदों को भरने के लिए 3 जनवरी 2023 को विज्ञापन जारी किया है. चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड के अंतर्गत नर्सिंग अधिकारी महिला/पुरुष के रिक्त 1564 पद के लिए इन पदों के लिए आवश्यक योग्यता रखने वाले लोगों से आनलाइन आवेदन 12 जनवरी 2023 से आमंत्रित किए गए हैं |

यह आवेदन 1 फरवरी 2023 तक शाम 5.00 बजे तक आॕनलाइन ही जमा किए जा सकते हैं, इसी अंतिम तिथि तक आवेदन का निर्धारित शुल्क भी जमा करना आवश्यक होगा | बताया गया है कि उत्तराखंड समूह ग के अंतर्गत आने वाले इन पदों पर रिक्तियों की संख्या 1564 है और यह घटबढ़ भी सकती है, रिक्तियों की संख्या विभिन्न वर्गों के लिए आवेदन फार्म में निर्धारित है | भर्ती संबंधी योग्यता और अन्य विवरण व आवेदन www.ukmssb.org पर किया जा सकता है |

मैं जोशीमठ हूँ…! भू धसांव की वजह से अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हूं, हो सके तो जमींदोज होने से बचा लीजिए..

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(संजय चौहान)

मैं जोशीमठ हूँ…! शंकराचार्य की तपोस्थली ज्योतिर्मठ। सीमांत जनपद चमोली का सरहदी ब्लाॅक। विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीडा स्थल औली, आस्था का सर्वोच्च धाम बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और रंग बदलने वाली फूलों की घाटी का प्रवेश द्वार में ही हूं। देश की द्वितीय रक्षा पंक्ति नीती माणा घाटी मेरे ही नगर से होकर जाया जाता है। हर साल देश विदेश से लाखों-लाख तीर्थयात्री और पर्यटक यहां पहुंचते है। मैं चिपको आंदोलन की नेत्री गौरा देवी की थाती हूं। पंच प्रयाग में से प्रथम प्रयाग मेरे ही मुहाने पर धौली गंगा और अलकनंदा का संगम विष्णुप्रयाग अव्यवस्थित है। एशिया का सबसे लम्बा रज्जू मार्ग मेरे ही नगर के ऊपर से गुजरता है। मैं भगवान बद्रीविशाल का शीतकालीन गद्दी स्थल हूं। मेरे पौराणिक नृसिंह मंदिर में 6 महीने भगवान बद्रीविशाल की पूजा होती है। मंदिर के प्रांगण में प्रतिवर्ष बद्रीविशाल के कपाट खुलने से पहले पौराणिक तिमुंडिया कौथिग का आयोजन होता है। मैं महज एक नगर ही नहीं हूं अपितु धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र भी हूं। मैं गढ़वाल के कत्यूरी राजवंश की राजधानी भी रही हूं। मैं बरसों से सैलानियों की पहली पसंदीदा शहर रहा हूं।मैं जोशीमठ हूं : भू धसांव की वजह से अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हूं, हो  सके तो जमींदोज होने से बचा लीजिए.. - Lokjan Today

लेकिन इन सबसे इतर आज मैं अपनी ही पहचान के लिए छटपटाहट सी महसूस कर रहा हूं। भू-धंसाव की वजह से मेरे भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। मेरे शहर के विभिन्न वार्डो में हो रहे भू-धसाव नें मेरे शहर की खुशियाँ छीन ली है। मकानों में पडी दरारों नें मेरे नगरवासियों का सुख चैन छीन लिया है। लोगों के आंसुओ से बह रही अविरल आंसुओ की धारा सबकुछ बंया करने के लिए काफी है। चारों ओर एक अजीब सा सन्नाटा कचोट रहा है। अपने जीवनभर की मेहनत की कमाई को अपने घर बार और मकान में लगाने के बाद आज इनके घर सुरक्षित नहीं रह गये हैं। खेत खलियान से लेकर मकान सबकुछ भू-धसाव की चपेट में आ चुके हैं। भू-धसांव के कारण मेरे नगर के वाशिंदे अब पौष माह की इन सर्द/ठंड रातों में अपने भविष्य को लेकर आशांकित है। मेरे शहर के लोगों के माथे पर पडी चिंता की लकीरें, बेबस व लाचार आंखे बेहद पीड़ादायक है। शंकराचार्य के पौराणिक ज्योतिर्मठ में भी भू धसांव की दरारें उभर आई है। बस भगवान बद्रीविशाल से प्रार्थना है कि किसी तरह मेरे इस शहर को बचा लीजिए।

मेरे शहर के लोगो लंबे समय से जोशीमठ को भू-धसाव से बचाने की मांग करते आ रहे हैं। वर्ष 1976 में तत्कालीन गढ़वाल कमिश्नर एमसी मिश्रा की अध्यक्षता वाली समिति ने भी भूस्खलन को लेकर एक रिपोर्ट दी थी, जिसमें जोशीमठ पर खतरे का जिक्र किया गया था। लेकिन कभी भी इस दिशा में ठोस व गंभीर प्रयास नहीं किये गये। मैं ग्लेशियर द्वारा लाई गई मिट्टी पर बसा हुआ शहर हूं। मैं भूगर्भीय रूप से अतिसंवेदनशील जोन-5 के अंतर्गत आता हूं। जो कि पूर्व-पश्चिम में चलने वाली रिज पर मौजूद है। फिर भी मेरे शहर में जलविद्युत परियोजना निर्माण को मंजूरी दी गयी। 1970 की धौली गंगा में आई बाढ नें पाताल गंगा, हेलंग से लेकर ढाक नाला तक के बडे भू-भाग क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था, जिसके बाद 2013 की केदारनाथ आपदा और फरवरी 2021 की रैणी आपदा नें तपोवन से लेकर विष्णुप्रयाग के संगम को बहुत नुकसान पहुंचाया है, नदी किनारे कटाव बढने से भी भूस्खलन को बढावा मिला है जबकि मेरे शहर के नीचे से होकर एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड परियोजना की सुरंग निर्माणाधीन है। जो भू-धसाव के लिए सबसे बडा कारण माना जा रहा है। पूर्व के बरसों में हेलंग से लेकर पैनी गांव, सेलंग गांव में भू-धसाव की घटना सामने आ चुकी है। भू-धसाव से मेरे शहर के गांधी नगर, मारवाड़ी, लोअर बाजार नृसिंह मंदिर, सिंहधार में, मनोहर बाग, अपर बाजार डाडों, सुनील, परसारी, रविग्राम, जेपी कॉलोनी, विष्णुप्रयाग, क्षेत्र अधिक प्रभावित हैं।

बस जैसे भी हो सके मेरे इस शहर को बचा लीजिए। नहीं तो भू धसांव से मेरा भूगोल ही नहीं इतिहास भी सदा के लिए इतिहास के पन्नो में सिमट कर रह जायेगा। मेरे शहर को भू-धसाव से बचाने के लिए सरकार से लेकर शासन प्रशासन अपनी अपनी ओर से हरसंभव प्रयास में जुट चुके हैं। प्रभावित लोगो को राहत शिविरो में भेजा जा रहा है, प्रभावित मकानो के सर्वे के लिए टीमें गठित कर दी गयी है, विशेषज्ञों की टीमें भी पहुंच चुकी है, जो भू धसांव का आंकलन कर रही है और कारणों का पता लगा रही है। सबसे अच्छी बात प्रकृति का भी मुझे साथ मिला है वरना आजकल मेरा पूरा शहर बर्फ से अटा पडा रहता। इसलिए कोशिश की जानी चाहिए की जितनी जल्दी हो सके फौरी तौर पर लोगों को सुरक्षित ठौर पर पहुंचाया जाय और लोगों के पुनर्वास/विस्थापन को लेकर ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाय। मेरे इस शहर को बचाने के लिए हर वो मुमकिन कोशिश की जानी चाहिए जो की जा जा सकती है। संकट की इस घडी में आप सब नगर वासियों ने जो एकजुटता दिखाई है वो सुकून देने वाली है, खासतौर पर युवाओं का अपने इस शहर को बचाने की कोशिश इतिहास हमेशा याद रखेगा और मिसालें भी देता रहेगा।

मैं जोशीमठ हूँ, मेरे शहरवासियों हौंसला रखिए। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जोशीमठ को बचाने के लिए हर वो प्रयास कीजिए जो हो सकता है। भगवान बद्रीविशाल की कृपा से इस शहर पर जो संकट के बादल मंडरा रहें हैं जल्द ही सबकुछ सही होगा। घना अंधेरा के बाद जरूर उजाले का सूरज उगेगा…!

रिवर्स माइग्रेशन को मशरूम उत्पादन बेहतर विकल्प : मुख्यमंत्री धामी

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देहरादून, उत्तराखंड सरकार द्वारा मशरूम और कीड़ाजड़ी से उत्तराखंड के लोगों को प्रोत्साहन देकर सरकार मशरूम को एक कुटीर उद्योग का दर्जा देगी।
दिव्या रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुझे मशरूम एवं कीड़ाजड़ी को उत्तराखंड में लघु उद्योग के रूप में विकसित करने का सहयोग करने का वचन दिया है। आज
उत्तराखंड के हिमालयी गाँवों से ऑर्गनिक मशरूम रोज़गार का साधन बन गया है । मशरूम के क्षेत्र में मेरे द्वारा शुरू किए गए स्वरोजगार मिशन द्वारा हो रहे काम के लिये उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिव्या रावत को सम्मानित किया गया, दिव्या ने कहा कि मशरूम के क्षेत्र में मेरे जैसे कई उत्तराखण्ड के युवा न केवल खुद के लिए रोजगार कर रहे हैं बल्कि पहाड़ों के अन्य बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को भी साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं, उत्तराखण्ड के पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने में और स्वरोजगार को बढ़ाने में मशरूम मिशन बहुत बड़ा योगदान कर सकता है l

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और रिवर्स माइग्रेशन को मशरूम उत्पादन बेहतर विकल्प है और स्वरोजगार को बढ़ावा देने को आत्मनिर्भर बनने को मशरूम उत्पादन से ही आर्थिक मजबूती आयेगी । दिव्या रावत ने कहा कि वो कीड़ा जड़ी ( कोर्डिसेप मिलिट्री ) मैडिसनी मशरूम जो कि ऊर्जादायक कैंसर के खात्मे को एवं अन्य बीमारी में लाभदायक है का अपनी मौथरोवाला लेब में उत्पादन कर रही है जो तीन लाख किलो के रूप में बिकती है, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है | इसके पावडर फार्म से टेबलेट और अन्य उत्पाद बनाने का कार्य चल रहा है।

उन्होंने बताया कि मैने मशरूम उत्पादकों को बाजार उपलब्ध करवाने को फार्म टू टेबल का कांसेप्ट के आधार पर मशमश के नाम से मशरूम रेस्टोरेंट राजपुर रोड पर खोला है जिसमें तीस से अधिक प्रकार की मशरूम के खाद्य पदार्थ है जिसके खुलने से निश्चित रूप से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा । इसी सोच के साथ मैं प्रदेश की महिलाओं युवाओं को साथ में लेकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराकर मशरूम मिशन से स्वरोजगार की ओर कार्य कर रही हूँ जो कोरोना काल में मील का पत्थर साबित हुआ | जिसमें काफी संख्या में कोरोना के दौरान घर वापस आए युवाओं ने मशरूम उत्पादन किया, जिससे उनकी आर्थिकी मजबूत हूई है। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपने इस मिशन में आमंत्रित किया जिससे प्रदेश के युवाओं महिलाओं का उत्साहवर्धन हो सके । दिव्या रावत ने बताया मशरूम के क्षेत्र में मेरे द्वारा शुरू किए गए स्वरोजगार मिशन द्वारा हो रहे काम के लिए आज उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा मुझे सम्मानित करने पर मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करती हूं | मशरूम के क्षेत्र में मेरे जैसे कई उत्तराखण्ड़ के युवा न केवल खुद के लिए रोजगार कर रहे हैं बल्कि पहाड़ों के अन्य बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को भी साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं, उत्तराखण्ड़ के पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने में और स्वरोजगार को बढ़ाने में मशरूम मिशन बहुत बड़ा योगदान कर रहा है l