Friday, May 9, 2025
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स्थानीय स्तर पर स्किल डेवलपमेंट प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता- जिलाधिकारी

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रुद्रप्रयाग- जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में उत्कृष्टता केंद्र ज्ञान गंगा के विधिवत व निरंतर संचालन हेतु एकीकृत प्रबंधन समिति की औपचारिक बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई। इस दौरान जिलाधिकारी ने स्थानीय स्तर पर उपयोगी साबित होने वाले प्रशिक्षण व स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही। बैठक में केंद्र के बैंक खातों का सामयिक लेखा परीक्षण, ओएनजीसी के साथ छात्रावास निर्माण प्रकरण का पुनः प्रचलन, सूचना केंद्र, डिटिजल पुस्तकालय का क्रियान्वयन, कौशल विकास प्रशिक्षण संबंधी पाठ्यक्रमों का संचालन आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
जिला कार्यालय एनआईसी कक्ष में आयोजित बैठक के अवसर पर सदस्य सचिव द्वारा उत्कृष्टता केंद्र में संचालित गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही बैठक के दौरान उन्होंने अभिक्षमता परीक्षा के आधार पर आकांक्षी अभ्यर्थियों की उपलब्धता पर भी जिलाधिकारी सहित समिति के सदस्यों को अवगत कराया। सदस्य सचिव उत्कृष्टता केंद्र ज्ञान गंगा कपिल पांडे ने केंद्र समन्वयक व केंद्र में तैनात व्याख्याताओं की सेवा अवधि विस्तारित करने, दीर्घावधि के लिए वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन, केंद्र की परिसंपत्तियों तथा जनरेटर आदि का अनुरक्षण व रखरखाव सहित केंद्र के बैंक खातों का सामयिक लेखा परीक्षण आदि विषयों की जानकारी से अवगत कराया।
इस दौरान जिलाधिकारी ने फैकल्टी नियुक्ति निर्धारित मानक, प्रतिमाह खर्च होने वाली धनराशि ओएनजीसी के साथ छात्रावास निर्माण प्रकरण का पुनः प्रचलन आदि विषयों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने लोकल लेवल व आर्थिकी (स्वरोजगार) हेतु उपयोगी होने वाली प्रतियोगी परीक्षा व स्किल डेवलपमेंट प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान दिए जाने हेतु बैठक में उपस्थित सहयोगी कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्था ऐसेट इन्फोटेक को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, अधि.अभि. सिंचाई पीएस बिष्ट, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी संदीप भट्ट, स्वत्वधारक एसेट इंफोटेक से पीयूष मित्तल, समिति के सदस्य कर्नल देवी प्रसाद डिमरी, विनोदमणि, कर्नल दुर्लभ सिंह बर्त्वाल, भूपेंद्र सिंह, भुवनेश कांडपाल, किशन सिंह रावत, राघवेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

अदभुत क्षण : दुनिया के सबसे लम्बे क्रूज ‘गंगा विलास’ को पीएम ने दिखाई हरी झंड़ी

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‘क्रूज 51 दिनों में लगभग 3,200 किमी की यात्रा करके बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक पहुंचेगा’

वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां दुनिया के नदी में चलने वाले सबसे लंबे यात्री जहाज एमवी गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाई जिसमें स्वीडन के 31 पर्यटक सवार हैं। प्रधानमंत्री ने यहां रविदास घाट से क्रूज को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। क्रूज 51 दिनों में लगभग 3,200 किमी की यात्रा करके बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक पहुंचेगा। वाराणसी जिले के एक अधिकारी ने बताया कि क्रूज पर स्वीडन के 31 पर्यटक सवार हैं।

क्रूज के निदेशक राज सिंह ने बताया कि इस चलते फिरते पांच सितारा होटल में 18 सुइट कमरे हैं, जिसमें 36 पर्यटक ठहर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इसमें चालक दल के 40 सदस्यों के रहने की भी व्यवस्था है और क्रूज में स्पा, सैलून और जिम जैसी अन्य भी सुविधाएं भी हैं। सिंह ने बताया कि पर्यटकों को प्रतिदिन 25 से 50 हजार रुपये किराया देना होगा। डिब्रूगढ़ तक की यात्रा की कुल लागत लगभग 20 लाख रुपये आएगी।

उन्होंने बताया, ‘‘गंगा विलास क्रूज प्रदूषण मुक्त प्रणाली और शोर नियंत्रण तकनीक से लैस है। इस क्रूज में एसटीपी प्लांट (मल जल शोधन संयंत्र) है, जिससे किसी भी तरह का मल जल गंगा में नहीं जाएगा। क्रूज में फिल्ट्रेशन प्लांट लगा है जिससे गंगा जल को शुद्ध कर के उसे नहाने और दूसरे काम में लिया जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि इस क्रूज में 40 हजार लीटर का ईंधन टैंक और 60 हजार लीटर का ताजा पानी का टैंक है। सिंह ने बताया कि एमवी गंगा विलास वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू कर 51 दिनों में लगभग 3,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा और बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।

इस दौरान यह क्रूज भारत एवं बांग्लादेश से गुजरने वाली 27 नदी प्रणालियों के रास्ते अपनी मंजिल तक पहुंचेगा। सिंह ने बताया कि गंगा विलास क्रूज वाराणसी में प्रसिद्ध गंगा आरती और बौद्ध धर्म की महान श्रद्धा के स्थान सारनाथ में रुकेगा। उन्होंने बताया कि यह मायोंग में भी रुकेगा, जो अपनी तांत्रिक विद्या के लिए जाना जाता है और सबसे बड़ा नदी द्वीप और असम में वैष्णव संस्कृति के केंद्र माजुली भी जाएगा।

उन्होंने बताया कि क्रूज पर सवार यात्री बिहार स्कूल ऑफ योग और विक्रमशिला विश्वविद्यालय भी जाएंगे, जिससे उन्हें आध्यात्मिकता व ज्ञान में समृद्ध भारतीय विरासत से रूबरू होने का मौका मिलेगा। सिंह के मुताबिक यह क्रूज रॉयल बंगाल टाइगर्स के लिए प्रसिद्ध सुंदरबन के साथ-साथ एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से भी गुजरेगा।

बड़ी खबर : डोबरा से हुई शुरुआत, सात राजस्व ग्राम के विस्थापितों को भूमि धरी अधिकार मिलना शुरू

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‘विस्थापितों ने सर्वे टीम का किया स्वागत, विधायक और सरकार के जिंदाबाद के नारे लगाए’

ॠषिकेश (डोबरा), टिहरी बांध प्रभावित विस्थापितों को भूमि धरी अधिकार मिलना शुरू हो गया है। शनिवार को 7 राजस्व ग्राम में से डोबरा गांव के विस्थापितों को भूमि धरी अधिकार प्रमाण पत्र बांटे गए। डोबरा के विस्थापितों ने सर्वे टीम का किया स्वागत किया। विधायक और सरकार के जिंदाबाद के नारे लगाए।
इस मौके पर टिहरी बांध विस्थापितों के नेता विजय बिष्ट, दिनेश डोभाल, प्रताप राणा, जगदंबा सेमवाल, स्त्ये सिंह राणा, हरी सिंह भंडारी , बलबीर सिंह रावत , ओम रतूड़ी सहित कई विस्थापित उपस्थित रहे।
विस्थापितों के हक की लड़ाई लड़ रहे व्यापारी नेता दिनेश डोभाल ने कहा कि 22 साल बाद पुनर्वास अभिलेखों के आधार पर भूमिधारी अधिकार मिलने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बीते दिन ही राजस्व सचिव के साथ विजय बिष्ट और उनकी मुलाकात हुई। आज शुभ दिन डोबरा के ग्रामीणों को यह सुविधा मिली। अब वे किसान सम्मान निधि के भी हकदार हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि पुनर्वास विभाग यहीं गांव में कैंप कार्यालय बनाएं।
विस्थापित नेता बलबीर सिंह नेगी , नरेन्द्र सिंह राणा, सते सिंह राणा ,सर्वे टीम के किशन सिंह नेगी, सुशील बिजलवान, हसीन अहमद सहित कई ग्रामीण उपस्थित रहे।

आखिर क्यों..? संतुलन की शांति या असंतुलन की आपदा के बीच झूलता जोशीमठ

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(एल. मोहन लखेड़ा)

उत्तराखण्ड़ राज्य बने दो दशक बीत गये, इस बीच दोनों बड़े राष्ट्रीय दल कांग्रेस और भाजपा सत्तारूढ़ रहे, फिर भी पहाड़ की प्रकृति के अनुसरण को अनदेखा कर विकास का दंभ भरते रहे, पहाड़ के लोगों ने सोचा था अपना राज्य बनेगा और हमारे  दिन बहुरेंगे, फिर शुरू हुआ विकास का खेल और पहाड़ों पर चढ़ने लगे विकास माफिया, शांत पहाड़ इनकी धमक से अशान्त होने लगा | प्रश्न मुंहबायें खड़ा और पहाड़ी के मन को कचोट रहा ? माना कि कुछ गलतियों तो यहां के भोले भाले पहाड़ियों ने भी की, लेकिन इन सबके बीच हमारे नीति नियंता जो कि राज्य के विकास के लिये तरह तरह के मापदंड़ रखते थे सिर्फ अखबारों की सुर्खियां बने रहे, जिन्हें पर्वतीय भूभाग के समुचित विकास का आयना दिखाना था वह क्यों नहीं जागे, अब हर कोई जोशीमठ को लेकर अपने अपने तर्क दे रहे हैं | इधर दोनों बड़े दलों के नेताओं में जोशीमठ के बहाने पहाड़ियों को लुभाने की होड़ मची है, बस जोशीमठ तो मुद्दा बन गया |
राज्य के विकास का मापदंड़ वनों का अंधाधुन्ध कटान और सड़कों के जाल के साथ बहुमंजिले भवनों से नहीं बल्कि प्रकृति के अनुसरण के अनुसार किया जाना चाहिए, यह प्रश्न आज हमारे सामने चमोली जनपद के जोशीमठ की घटना से सामने आ गया, जहां संतुलन की शांति या असंतुलन की आपदा के बीच आज जोशीमठवासी झूला झूल रहे हैं | सबसे पहले तो हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हमारे इस हिमालयी राज्य में प्रकृति के साथ देवी देवता भी बसते हैं जो मानव जनित इस आपदा से हमें बचाने आयेंगे, हम जितनी जल्दी इस भ्रम से बाहर निकल जायेंगे उतनी जल्दी प्रकृति पर्यावरण व जीवन के महत्व को समझ पायेंगे | सच बात यह है कि ये प्राकृतिक सौगातों से संपन्न चरवाहों की भूमि है जिस पर लालच, मुनाफाखोरी, बदसूरती व बदनीयती का रंग राज्य बनने के बाद से इतना चढ़ा कि इसका स्वरुप बिगाड़ दिया गया है | अगर आप सहमत हैं तो सोचिए…! एक चारपाई पर अधिकतम कितने लोगों की बैठने की क्षमता होती है, उसी नजरिए से पहाड़-मैदान, पानी, पर्यावरण, खाद्यान्न की क्षमता देख, समझ, सोच कर बसना व व्यवहार करना होगा तभी केदारनाथ जोशीमठ जैसी आपदाओं से बचा जा सकता है |

आज हमारे उत्तराखंड का हर व्यक्ति जोशीमठ और वहां के बेघर हो रहे लोगो के प्रति अपने दर्द को बयां कर रहे है। नि:संदेह जिस घर को बनाने और संवारने में इंसान की खून पसीने की कमाई के साथ साथ उन्होंने कई सुख दु:ख के साथ गुजारे हों और इस हाड़ कपा देने वाली ठंड में लोगों को अपने घर खेत खलियान की यादों को अपनी आंसू भरी आंखों में ले जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।
फिर प्रश्न यह है कि आखिर ये लोग किसकी गलतियों का खामियाजा भुगत रहे है ? आखिर कौन है वो जिसकी वजह से जोशीमठ शहर आज भू धंसाव और पानी के जलजले से समाप्ति की ओर मिनट पर मिनट आगे बड़ रहा है ? हमें इस प्रश्न का जवाब तो ढूंढ़ना होगा, जोशीमठ की इस घटना के लिये जिम्मेदार कोई ओर नहीं बल्कि विकास के नाम पर विनाश करने वाले सत्ता पर समय समय में अलग अलग चेहरा लेकर बैठने वाले दानव हैं, जिन्हें मात्र पहाड़ों को छेदन कर अपनी तिजोरियां भरने से मतलब है और ज्यादा से ज्यादा बड़े बड़े विकास के होर्डिंग पर अपनी फोटो चिपकाने तक ही सीमित है।
विकास की अंधी लहर जहां पर्वतीय भूभाग में बिना पर्यावरण संरक्षण के चल रही वह भी घातक है, अब प्रधानमंत्री द्वारा चमोली के माना गांव को उत्तराखंड का प्रथम गांव कहा गया है तो उस हिसाब से जोशीमठ प्रथम शहर हुआ, बताओ जब प्रथम शहर की रक्षा ही सरकार नहीं कर पा रही तो अन्य पहाड़ी शहरों का क्या होगा।
जोशीमठ के विषय और होने वाली तबाही के संकेत 47 वर्ष पूर्व 18 सदस्य वैज्ञानिकों की टीम ने दे दिये थे कि अगर इस क्षेत्र में कोई ब्लास्टिंग, पहाड़ों का छेदन आदि कार्य किया जाएगा तो भविष्य में जोशीमठ के पहाड़ों में जबरदस्त भू धंसाव और पहाड़ों से बड़ी मात्रा में पानी का रिसाव होगा | परंतु क्या कहे उन बेचारे वैज्ञानिकों की भी सरकारों ने एक न सुनी, आखिर ठहरे तो प्रदेश व देश के सरगना फिर क्या यूएन वैज्ञानिकों की रिपोर्ट गई कूड़े की ढेर में और शुरू हुआ पहाड़ों को तबाह करने का सिलसिला।
ऐसी ही रिपोर्ट केदारनाथ के चौड़ा बाड़ी ग्लेशियर, टिहरी बांध, गंगोत्री ग्लेशियर आदि के बारे में भी वैज्ञानिकों और पर्यावरण विदो द्वारा समय समय पर दी जाती आ रही है पर सुनने और समझने वाला कोई नहीं।विशेषज्ञ जोशीमठ का दौरा कर रहे हैं क्योंकि यह भूस्खलन के बढ़ते जोखिम का सामना कर रहा | Experts visiting Joshimath as it faces increasing risk of landslides विशेषज्ञ ...

वहीं इसरो ने जोशीमठ को लेकर
खतरे कि घंटी से बजा दी, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने जोशीमठ शहर की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जारी तस्वीरों से पता चलता है कि जोशीमठ में कैसे धीरे-धीरे जमीन धंसने का सिलसिला जारी है, सैटेलाइट तस्वीरों पता चल रहा कि जोशीमठ सिर्फ 12 दिनों में ही 5.4 सेंटीमीटर तक धंस गया | इसरो ने तस्वीरों को जारी कर बताया, 27 दिसंबर 2022 और 8 जनवरी 2023 के बीच 5.4 सेंटीमीटर के भूधंसाव को रिकॉर्ड किया गया है, अप्रैल 2022 और नवंबर 2022 के बीच जोशीमठ में 9 सेंटीमीटर की धीमी गिरावट देखी गई | एनएसआरसी ने कहा कि पिछले सप्ताह दिसंबर और जनवरी के पहले सप्ताह के बीच तेजी से धंसने की घटना शुरू हुई थी, जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि आर्मी हेलीपैड और नरसिंह मंदिर सहित सेंट्रल जोशीमठ में सबसिडेंस जोन स्थित है, सबसे अधिक धंसाव जोशीमठ-औली रोड के पास 2,180 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. बता दें कि 2022 में अप्रैल और नवंबर के बीच जोशीमठ में 8.9 सेमी का धीमा धंसाव दर्ज किया गया |
आज न जाने कितने ही जोशीमठ है उत्तराखंड में, जो धीरे धीरे समाप्ति की ओर अग्रसर हो रहे हैं | जिनमें टिहरी के प्रताप नगर के कई गांव है और अभी तो जिस ट्रेन की पहाड़ों में आने की खुशी से स्थानीय लोग झूम रहे हैं एक दिन उन ट्रेनों के लिए बनी सुरंगे, ब्लास्टिंग, पर्यावरण क्षति सबको झूला झुलाएगी और सरकारें आएंगी सबको 4000 रुपए पकड़ा कर सबको उन्हीं के घरों से बाहर निकलेगी। इसलिये पहाड़ी को जागना होगा और पर्यावरण के साथ साथ विकास के नाम पर बन रहे कंकरीट के जंगलों रोकना होगा, नहीं तो अभी जोशीमठ, फिर कोई और..! बारी सबकी आनी है बस पहले किसी की और बाद में किसी और की..?Joshimath Sinking: ISRO की सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा, 12 दिनों में 5.4 सेंटीमीटर धंसा जोशीमठ - Joshimath Sinking ISRO releases satellite images of city and mountains

नशा तस्करी में 19 साल की लड़की गिरफ्तार

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देहरादून, नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने स्मैक तस्करी करते एक 19 साल की लड़की को गिरफ्तार किया है जिसके पास से 101 ग्राम स्मैक बरामद हुई है जिसकी अनुमानित कीमत ₹10 लाख रुपए बताई जा रही है।
मामले में एसपी सिटी सरिता डोभाल ने जानकारी देते हुए बताया कि लड़की जसपुर की रहने वाली है। वह बरेली से स्मैक लाकर देहरादून में सप्लाई करती थी। वह महीने में 5 वीं बार स्मैक लेकर देहरादून में सप्लाई करने आ रही थी लेकिन जिसको स्मैक देनी थी वह उसे लेने नहीं आया जिसके बाद दोस्त मैं को आईएसबीटी क्षेत्र के आसपास बेचना चाहती थी लेकिन isbt में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। लड़की ने शाहरुख नाम के युवक को स्मैक बेचने की बात कही है।

पटवारी भर्ती परीक्षा लीक व जोशीमठ मामले में कांग्रेस की नेता गरिमा ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात

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देहरादून, उत्तराखंड़ कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जोशीमठ आपदा और पटवारी भर्ती लीक मामले में मुलाकात कर सुझाव देते हुए ज्ञापन सौंपा।
दसोनी ने मुख्यमंत्री धामी से आग्रह किया कि दोनों ही मामलों को बहुत ही गंभीरता और संजीदगी से निर्णय लेने की जरूरत है। लगातार युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है उनके सपनों पर कुछ मुट्ठी भर लोग पानी फेरने का काम कर रहे हैं जिसकी वजह से धीरे-धीरे उनका धैर्य खत्म होता जा रहा है। दसौनी ने मुख्यमंत्री से कहा कि जोशीमठ के लोग आज आपकी तरफ बहुत आशा भरी नजरों से देख रहे। पूरा राज्य आप के अगले कदम को टकटकी भरी निगाहों से देख रहा है। ऐसे में भर्ती परीक्षा में लगातार हो रही धांधली और भ्रष्टाचार से अब प्रदेश का युवा आजिज आ चुका है ,उसका विश्वास सरकार की व्यवस्था से उठता जा रहा है उसे बनाए रखने के लिए पेपर लीक मामले में संलिप्त लोगों पर कठोर से कठोरतम कार्यवाही करनी होगी और जोशीमठ मामले में स्थानीय जनता को अधिक से अधिक राहत देनी होगी तभी आप उत्तराखंड राज्य की जनता का विश्वास जीत पाएंगे।

 

पेपर लीक का मामला : विभाग के अधिकारी ने ही लगाई सेंध, 25 लाख रुपये लिये थे एडवांस

 

देहरादून, उत्तराखंड़ में फिर पेपर लीक मामले ने एक बार सरकार को फिर कटघरे में खड़ा कर दिया, प्रदेश में लोक सेवा आयोग ने जिस अधिकारी को पेपर की पूरी जिम्मेदारी दी थी उसी अधिकारी ने साख पर बट्टा लगा कर सेंधमारी कर दी | विभाग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने मोबाइल से पेपर के फोटो खींचकर इसे लीक कर दिया। इसके लिए उसने 25 लाख रुपये एडवांस लिए थे। पूरा सौदा कितने में हुआ था, एसटीएफ इसकी जांच कर रही है।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पटवारी-लेखपाल की भर्ती परीक्षा के लिए पेपर के जितने सेट तैयार किए थे, उनका प्रभारी अतिगोपन विभाग में तैनात अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को बनाया गया था। एसटीएफ के मुताबिक, प्रश्नपत्रों के सभी सेट उसी की अभिरक्षा में रख गए थे। आठ जनवरी को परीक्षा थी। इससे पहले पांच जनवरी को ही उसने पेपर की फोटो खींचकर अपनी पत्नी रितु को उपलब्ध करा दिया था। रितु ने राजपाल और राजकुमार से एडवांस में 25 लाख रुपये लेकर उन्हें पेपर दे दिया।
एसटीएफ के मुताबिक अभी तक की जांच में सामने आया है कि संजीव और रितु ने 35 लाख में पेपर का सौदा किया था। इसके बाद अन्य आरोपियों राजपाल, संजीव कुमार और रामकुमार ने चार लाख से 12 लाख कर में अभ्यर्थियों को पेपर बांटे, एसटीएफ के एसएसपी ने बताया कि आरोपियों ने अभ्यर्थियों से कुल कितनी धनराशि प्राप्त की है, इसकी अभी जांच की जा रही है।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अतिगोपन अनुभाग-3 में अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की भतीजी हरिद्वार के एक कॉलेज से पॉलीटेक्निक कर रही थी। इसी कॉलेज का लेक्चरर राजपाल उसे ट्यूशन पढ़ाता था। इसी दौरान संजीव और राजपाल में बातचीत शुरू हुई और बाद में दोस्ती हो गई। दोनों करीब पांच साल से दोस्त थे और एक-दूसरे के घर अक्सर आते-जाते थे।

प्रदेश के एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने आम जनता से अपील की है कि यदि इस परीक्षा की अनियमितता के संबंध में कोई जानकारी है तो खुद आकर या 9412029536 कॉल कर सूचना दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी |

 

पटवारी लिखित परीक्षा का पेपर लीक : युवाओं में फूटा गुस्सा, आयोग के बाहर जमकर किया हंगामा

Patwari Paper Leak : उत्‍तराखंड भर में गुस्‍सा, UKPSC कार्यालय के बाहर  प्रदर्शन » Page Three

हरिद्वार, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गई पटवारी लिखित परीक्षा में पर्चा लीक होने का मामला सामने आने के बाद अब युवाओं में गुस्‍सा है। पटवारी परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला शुक्रवार को तूल पकड़ गया। पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही हरिद्वार और ऋषिकेश के बड़ी संख्या में अभ्यर्थी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के बाहर जमा हो गए। राजधानी देहरादून में पटवारी पेपर लीक प्रकरण के विरोध में लैंसडाउन चौक के समक्ष आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्‍य सरकार का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया।

गांधी पार्क के मुख्य द्वार पर महानगर युवा कांग्रेस कमेटी कार्यकर्ताओं द्वारा सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया गया। हल्द्वानी बुद्धा पार्क में भी कांग्रेसियों ने राज्य सरकार का पुतला फूंका।कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने विधायक ज्वालापुर रवि बहादुर के नेतृत्व में बैरियर तोड़ते हुए लोक सेवा आयोग के अंदर घुसकर हंगामा किया। पुलिस की ओर से लगाई बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए यूथ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।आक्रोशित यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की गेट पर चढ़ गए। धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भंग करने की मांग के साथ ही पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग की। उन्‍होंने आगामी परीक्षाएं भी रद्द करने की मांग की।

कार्यकर्ताओं का कहना था कि जब तक जांच पूरी नहीं होती तब तक किसी भी तरह की परीक्षा आयोजित नहीं कराई जाए। हंगामे पर मौके पर पहुंची पुलिस ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा लगा दिया गया।

लोक सेवा आयोग भवन के बाहर प्रदर्शन करने वालों में विधानसभा में उपनेता भुवन कापड़ी, यूथ कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सुमित भुल्लर, ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर, हरिद्वार ग्रामीण कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजीव चौधरी, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी महापौर के पति और पूर्व सभासद अशोक शर्मा पूर्व दर्जा धारी संजय पालीवाल समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद अब युवाओं, छात्रों में सरकार के खिलाफ नाराजगी देखने को मिल रही है। शुक्रवार को डीएसबी कॉलेज के छात्रों ने परीक्षा निरस्त होने और पेपर लीक होने को लेकर राज्य सरकार का पुतला दहन कर आक्रोश व्यक्त किया। छात्रों ने डीएसबी कॉलेज गेट पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के नाम पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

खतरे कि घंटी : तस्वीरें बयां कर रही, जोशीमठ में कैसे धीरे-धीरे जमीन धंसने का सिलसिला जारी, इसरो ने सैटेलाइट तस्वीरें की जारी

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देहरादून, चमोली के जोशीमठ शहर को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने शहर की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जारी तस्वीरों से पता चलता है कि जोशीमठ में कैसे धीरे-धीरे जमीन धंसने का सिलसिला जारी है, सैटेलाइट तस्वीरों पता चल रहा कि जोशीमठ सिर्फ 12 दिनों में ही 5.4 सेंटीमीटर तक धंस गया | इसरो ने तस्वीरों को जारी कर बताया, 27 दिसंबर 2022 और 8 जनवरी 2023 के बीच 5.4 सेंटीमीटर के भूधंसाव को रिकॉर्ड किया गया है, अप्रैल 2022 और नवंबर 2022 के बीच जोशीमठ में 9 सेंटीमीटर की धीमी गिरावट देखी गई | एनएसआरसी ने कहा कि पिछले सप्ताह दिसंबर और जनवरी के पहले सप्ताह के बीच तेजी से धंसने की घटना शुरू हुई थी, जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि आर्मी हेलीपैड और नरसिंह मंदिर सहित सेंट्रल जोशीमठ में सबसिडेंस जोन स्थित है, सबसे अधिक धंसाव जोशीमठ-औली रोड के पास 2,180 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. बता दें कि 2022 में अप्रैल और नवंबर के बीच जोशीमठ में 8.9 सेमी का धीमा धंसाव दर्ज किया गया |

जोशीमठ में हालात नाजुक!

जोशीमठ को चमोली जिला प्रशासन ने भू-धंसाव क्षेत्र घोषित कर रखा है. बीते कुछ दिनों में सैकड़ों घरों और इमारतों ममें दरारें देखी गईं हैं. हालात ये हो गए सैकड़ों परिवारों को जोशीमठ से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. इसी बीच, राज्य सरकार ने 1.5 लाख रुपये के अंतरिम राहत पैकेज की घोषणा की है और पुनर्वास पैकेज पर काम कर रही है | उधर प्रशासन जोशीमठ में को दो होटलों को गिराने का काम शुरू किया गया, लेकिन खराब मौसम के कारण विध्वंस को बीच में ही रोकना पड़ा, इससे पहले, स्थानीय लोगों और निवासियों के विरोध के कारण कुछ दिनों के लिए तोड़फोड़ को रोक दिया गया था, प्रशासन ने बताया है कि जोशीमठ में अभी सिर्फ होटल ‘मलारी इन’ और ‘माउंट व्यू’ को ही ध्वस्त किया जाएगा |

भूधंसाव के लिए कौन जिम्मेदार?

बता दें कि जोशीमठ में भूधंसाव का विश्लेषण करने के लिए कई विशेषज्ञ टीमों को लगाया गया है. हालांकि, स्थानीय लोगों ने एनटीपीसी जलविद्युत परियोजना के लिए सुरंग खोदने के काम को दोषी ठहराया है, दूसरी ओर, एनटीपीसी ने एक बयान जारी कर दावा किया कि उनकी सुरंग जोशीमठ के नीचे से नहीं गुजर रही है |

 

जोशीमठ : नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 760 प्रभावित भवनों को किया चिन्हित, 128 भवनों को असुरक्षित जोन में रखा गया

चमोली, जनपद के जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव के दृष्टिगत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 760 प्रभावित भवनों को अभी तक चिन्हित किया गया है। जिसमें से 128 भवनों को असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है। सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 169 परिवारों के 589 व्यक्तियों को विभिन्न ठिकानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है।
जिला प्रशासन द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र के अंतर्गत निवास करने योग्य अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 51 भवनों के 344 कक्षो का चिह्नीकरण कर लिया गया है। जिसमे 1425 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है। वहीं नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है, जिसमे कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा।
राहत कार्यो के तहत जिला प्रशासन द्वारा अबत क 73 परिवारों को 5 हजार रुपये की दर से कुल 3 लाख 65 हजार रुपये की धनराशि आवश्यक दैनिक घरेलू सामग्री क्रय करने हेतु वितरित की जा चुकी है। जबकि तीक्ष्ण/पूर्ण रुप से क्षतिग्रस्त 10 भवन स्वामियों को 1 लाख 30 हजार रुपये की दर से कुल 13 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। इसके अलावा मकान किराया, विशेष पुनर्वास पैकेज व समान ढुलाई हेतु कुल 87 व्यक्तियों को विभिन्न रूप से आर्थिक सहायता दी गई है।

प्रभावितों को अबतक 101 खाद्यान किट, 212 कंबल व 650 लीटर दूध का वितरण राहत सामग्री के रूप में किया जा चुका है इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है जिसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 183 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है।

जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 का प्रयोग करते हुए नगर क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 1, 4, 5 व 7 के अंतर्गत आने वाले अधिकांश क्षेत्रो को असुरक्षित घोषित करते हुए इन वार्डों को खाली करवाया जा रहा है।

कोटद्वार विधानसभा में विभिन्न विकास कार्यों की विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने की समीक्षा बैठक

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देहरादून, कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा को लेकर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने आज अपने विधानसभा कार्यालय देहरादून में विभिन्न विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई।

कोटद्वार के चौमुखी विकास के लिए नगर में एक इनडोर स्टेडियम के निर्माण की व्यवस्था के लिए खेल विभाग को निर्देशित किया। इसी प्रकार चार धाम यात्रा के लिए कोटद्वार से हेली सेवा प्रारंभ करने के दिशा में एक हेलीपैड के निर्माण का आदेश उप जिलाधिकारी को दिया। पानी के जर्जर पाइप लाइन की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने जल संस्थान को त्वरित कार्यवाही का निर्देश दिया। साथ ही कोटद्वार चेक पोस्ट से बी एल रोड मोटर मार्ग का मरम्मत भी विधानसभा अध्यक्ष का एक प्रमुख विषय रहा जिसके लिए की उन्होंने लोक निर्माण विभाग को जल्द से जल्द मरम्मत कार्य कराने का आदेश दिया। शहर के सौंदर्यीकरण की दिशा में कोडिया, सिद्धबली मंदिर आदि रमणिक स्थानों का जल्द से जल्द सौंदर्यीकरण प्रारंभ करने का आदेश किया। नगर की लंबे समय से चल रही एक प्रमुख मांग बस अड्डे के विषय में भी विधानसभा अध्यक्ष ने परिवहन विभाग को स्थान को चिन्हित कर कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया।

इस अवसर पर उप जिला अधिकारी कोटद्वार प्रमोद कुमार, नगर आयुक्त कोटद्वार वैभव गुप्ता, उप प्रभागीय वन अधिकारी लैंसडाउन सुधीर कुमार, अधिशासी अभियंता जल संस्थान कोटद्वार संतोष कुमार उपाध्याय, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग डीपी सिंह, अधिशासी अभियंता जल निगम कोटद्वार आशीष कुमार मिश्रा, जिला क्रीड़ा अधिकारी गिरीश कुमार, सहायक महाप्रबंधक परिवहन निगम राकेश कुमार, सहायक अभियंता परिवहन मुख्यालय देहरादून प्रमोद कुमार दीक्षित तथा सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग दुगड्डा आकृति गुप्ता उपस्थित थे।

एआरटीओ रश्मि भट्ट की उपस्थित में निशुल्क नेत्र एवं स्वास्थ्य चेकअप कैंप का आयोजन

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(अतुल अग्रवाल)

हल्द्वानी, 33वाँ सड़क सुरक्षा सप्ताह (स्वच्छता पखवाड़ा) के तीसरे दिन आज काठगोदाम पुलिस एवं संभागीय परिवहन विभाग हल्द्वानी द्वारा संयुक्त रूप से सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत काठगोदाम टैक्सी यूनियन के माध्यम से रेलवे परिसर काठगोदाम मे नि:शुल्क नेत्र चेकअप एवं स्वास्थ्य चेकअप कैंप का आयोजन एआरटीओ रश्मि भट्ट की उपस्थित में संपन्न हुआ | एआरटीओ रश्मि भट्ट द्वारा स्थानीय चौपहिया टैक्सी संचालकों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक करते हुए बताया गया कि वर्तमान में दो पहिया वाहन का प्रयोग करते समय वाहन चालक एवं पीछे बैठी सवारी को हेलमेट धारण करना अनिवार्य है। इसके साथ ही चौपहिया वाहन चालक एवं उसमें सभी सवार यात्रियों को भी सीट बेल्ट अवश्य लगाएं। क्योंकि यातायात नियमों का पालन ना किए जाने पर सड़क दुर्घटनाएं हो जाती है जिसका खामियाजा स्वयं वाहन चालक एवं मार्ग में चलने वाले अन्य यात्रियों को भी भुगतना पड़ता है।
जन-जागरूकता अभियान के दौरान आरटीओ हल्द्वानी द्वारा स्थानीय लोगों एवं टैक्सी संचालकों को साइन बोर्ड के माध्यम से यातायात प्रतीक चिन्हो की बेसिक जानकारी से अवगत कराते हुए बताया गया कि मार्ग में चलते समय हमें यातायात प्रतीक चिन्हो का बेसिक ज्ञान अवश्य होना चाहिए क्योंकि अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं यातायात प्रतीक चिन्हों की जानकारी ना होने एवं यातायात नियमों का पालन न करने के दौरान ही घटित होती हैं।

यातायात जन जागरूकता अभियान के दौरान काठगोदाम थाना अध्यक्ष प्रमोद पाठक, टीटीओ निखिल शर्मा, टैक्सी यूनियन अध्यक्ष किशन पाण्डेय, कोषाध्यक्ष सुशील गुप्ता, सचिव संतोष कोहली, प्रविन्दर सेठी, मोहज्जम हुसैन, अजमत अली, प्रकाश पाण्डेय, पप्पी भाई आदि उपस्थित रहे |

राज्य के होमगार्ड्स जवानों का आधुनिकीकरण, प्रशिक्षण एवं फायरिंग अभ्यास 15 जनवरी तक केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान में

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देहरादून, उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के बाद प्रथम बार उत्तराखण्ड राज्य के होमगार्ड्स जवानो का आधुनिकीकरण किये जाने व सशक्त बनाये जाने एवं सशस्त्र सुसज्जित बल तैयार करने के उद्देश्य से श्री केवल खुराना, पुलिस महानिरीक्षक/कमाण्डेन्ट जनरल, होमगार्ड्स के निर्देशन में राज्य में प्रथम बार उत्तराखण्ड होमगार्ड्स के जनपद देहरादून एवं टिहरी गढ़वाल के जवानों को 13 दिवसीय एसएलआर से पुनरावृत्ति प्रशिक्षण एवं फायरिंग अभ्यास 3 जनवरी से 15 जनवरी 2023 तक केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान, थानों में कराया जा रहा है।

जिसके क्रम में उत्तराखण्ड होमगार्ड्स के जनपद देहरादून एवं टिहरी गढ़वाल के जवानो का एस.एल.आर. से फायरिंग अभ्यास 13 जनवरी को भारतीय सेना की मोथरोवाला फायरिंग रेंज में विधिवत शस्त्र पूजन के उपरांत सकुशल सम्पन्न कराया गया। जिसमें प्रत्येक होमगार्ड्स से 20 से 25 राउण्ड फायरिंग करायी गयी। इस फायरिंग अभ्यास में मोथरोवाला फायरिंग रेंज पर श्री अमिताभ श्रीवास्तव, डिप्टी कमाण्डेन्ट जनरल, होमगार्ड्स मुख्यालय, डॅा0 राहुल सचान, स्टॅाफ अधिकारी (मुख्यालय)/जिला कमाण्डेन्ट देहरादून, श्री निर्मल जोशी, प्रशिक्षण अधिकारी/ जिला कमाण्डेन्ट रूद्रप्रयाग, श्री श्यामेन्द्र कुमार साहू, पर्यवेक्षक अधिकारी, होमगार्ड्स विभाग के अन्य अधिकारी/कर्मचारी एवं पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारी आदि मौजूद रहे। इसी क्रम में आगामी दिवसो एवं माहो में 04 चरणो में होमगार्ड्स जवानो का फायरिंग अभ्यास कराया जाना निर्धारित है। उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश के द्वारा Refresher Training हेतु होमगार्ड्स को पूर्ण ड्यूटी भत्ता दिया जा रहा है।
इस फायरिंग अभ्यास का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में पुलिस विभाग, शासन/ प्रशासन, जिलाधिकारी कार्यालयों, तहसीलो, राज्य स्तरीय कार्यालयों, प्रतिष्ठानो, निगमों, विभिन्न राजकीय मेलो, राजकीय घरोहर स्थलो, निर्वाचन ड्यूटी में सुरक्षा के दृष्टिगत सशस्त्र होमगार्ड्स तैनात किये जाने की मांग के क्रम में श्री केवल खुराना, पुलिस महानिरीक्षक/ कमाण्डेन्ट जनरल, होमगार्ड्स के कुशल नेतृत्व में होमगार्ड्स विभाग के द्वारा होमगार्ड्स जवानो को प्रथम बार शस्त्र प्रशिक्षण एवं फायरिंग अभ्यास कराया जा रहा। जिससे सम्बन्धित विभाग की आवश्यकता/मांग के अनुसार सुरक्षा कार्यो हेतु सशस्त्र होमगार्ड्स को तैनात किया जा सकें। वर्तमान में उत्तराखण्ड राज्य में राजस्व क्षेत्रों को थाना क्षेत्र में सम्मिलित कर, नये थाना/चैकियां खोलने की कार्यवाही गतिमान है। उक्त नये थाना/चैकियो में पुलिस के सहयोग हेतु शांति एवं कानून व्यवस्था ड्यूटी के लिए सशस्त्र होमगार्ड्स को तैनात किया जाना है। इस कार्य से आम जनमानस में होमगार्ड्स विभाग की छवि ओर अधिक बेहतर प्रदर्शित होगी एवं राज्य सरकार को सशस्त्र होमगार्ड्स द्वारा शांति एवं कानून व्यवस्था ड्यूटी में और अधिक सहयोग प्रदान किया जायेगा तथा राज्य व देशवासियों को सुरक्षा प्रदान की जा सकें। उक्त सशस्त्र प्रशिक्षण एवं फायरिंग अभ्यास में होमगार्ड्स द्वारा उच्च मनोबल के साथ प्रतिभाग कर फायरिंग अभ्यास किया जा रहा है।

 

जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की ली सांसद तीरथ सिंह रावत ने बैठक

पौड़ी, गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक आयोजित हुई। जिसमें गत बैठक में लिये गये निर्णय एवं निर्देशों के परिपालन में विभागों द्वारा की गई कार्यवाही पर चर्चा की गई। सांसद ने जिन विभागों के कार्य शेष रह गये हैं, उन्हें निर्देशित किया कि गुणवत्ता के साथ जल्द कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें।

आयोजित बैठक में सांसद ने निर्माण इकाईयों को सड़क निर्माण करते समय अनिवार्य रूप सेे पानी निकासी की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने एकेश्वर विकासखंड के अंतर्गत नौैंगांवखाल-चूनाखाल मोटर मार्ग की जद में आ रहे भवनों की क्षति का आंकलन करने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिये। जनासू मोटर मार्ग में रेलवे के कार्यों से गड्डो की शिकायत पर सांसद ने रेलवे विभाग को तत्काल मार्ग सुधारीकरण करने के निर्देश दिये। बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा पाईप लाइनों की गुणवत्ता, चिनवाड़ी-डांडा, भैरवगढ़ी पंपिंग योजना के पाइप लाइन जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त होने, जयहरीखाल के अंतर्गत होटल व्यवसायियों द्वारा मोटी पाईप लाईन बिछाने व ज्वाल्पा नौगांवखाल पंपिंग योजना में टैंकों के निर्माण की शिकायत उठाई गई। जिस पर सांसद ने संबंधित अधिकारियों को जल्द त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये। इस दौरान कल्जीखाल के नलई गांव में जल जीवन मिशन के अंतर्गत पाईप लाइन के अनियमितता से संबंधित शिकायत पर जिलाधिकारी ने सांसद को अवगत कराया कि संबंधित प्रकरण में आरोप पत्र दाखिल कर दिये गये हैं। प्रतिनिधियों द्वारा डॉक्टरों का अटैचमेंट की शिकायत पर सांसद ने मुख्य चिकित्साधिकारी को तत्काल अटैचमेंट रद करने के निर्देश भी दिये। सांसद ने विभिन्न क्षेत्रों में तेंदुए की सक्रियता की शिकायत पर वन विभाग को पिंजरा लगाने को कहा।
सांसद ने बैठक से पूर्व स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये गये पहाड़ी उत्पादों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा मा0 सांसद का मांगल गीत गाकर स्वागत किया गया। उन्होंने संबंधित अधिकारी को पहाड़ी उत्पादों को ओर बढ़ावा देने को कहा।
जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सांसद के निर्देशों तथा सदस्यों के सुझावों का अनुपालन करें। उन्होंने उरेडा अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद के समस्त विकासखंडों में खंड विकास अधिकारियों से समन्वय स्थातिप करते हुए उरेडा से संबंधित योजनाओं का बैनर, पोस्टर, पीपीटी आदि के माध्यमों से प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें। इस दौरान उन्होंने पीपीपी मोड में संचालित जिला अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही के लिए जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी, मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे, परियोजना निदेशक डीआरडीए संजीव कुमार रॉय, ब्लाक प्रमुख द्वारीखाल महेंद्र राणा, एकेश्वर नीरज पांथरी, कल्जीखाल बीना राणा, कोट पूर्णिमा देवी, जिलाध्यक्ष भाजपा सुषमा रावत, अधीक्षण अभियंता पीएस बृजवाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 प्रवीण कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थि थे।

 

गतिरोध दूर हुआ, मलारी और माउंट व्यू के बहुमंजिला भवन गिराने का काम शुरू

चमोली, जोशीमठ में भूधंसाव के कारण खतरा बने दो होटलों मलारी और माउंट व्यू के बहुमंजिला भवन गिराने का काम आज शुक्रवार से शुरू हो गया है।

गुरुवार को प्रशासन, होटल स्वामियों व स्थानीय निवासियों के बीच चली कई दौर की वार्ता के बाद होटल गिराने पर सहमति बन गई। होटल मलारी इन और माउंट व्यू को डिस्‍मेंटल (विघटित) किया जा रहा है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के दृष्टिगत जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत स्थित सभी भवनों का टेक्निकल टीमों के माध्यम से सर्वेक्षण कार्य जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ के भू धंसाव क्षेत्र में प्रभावित परिवारों को अंतरिम पैकेज दिया जा रहा है। अंतरिम पैकेज एवं पुनर्वास की दर निर्धारण करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। प्रभावित हितधारकों के हितों का पूरा ध्यान रखते हुए मुआवजा दिया जाएगा।
इससे पहले गुरुवार को प्रशासन, होटल स्वामियों व स्थानीय निवासियों के बीच चली कई दौर की वार्ता के बाद होटल गिराने पर सहमति बन गई। इसके बाद होटल मलारी इन और माउंट व्यू को डिस्‍मेंटल (विघटित) करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। देर शाम इस होटल की टंकी को हटाया गया।

उधर, बुधवार शाम जोशीमठ पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार सुबह से ही एक के बाद एक बैठकों का दौर शुरू कर दिया था। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों, विज्ञानियों, सेना व आइटीबीपी के अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों से बात की। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को बाजार भाव से मुआवजा दिया जाएगा।

जोशीमठ में पिछले पांच दिनों से दो होटलों के भवनों को हटाने को लेकर गतिरोध चल रहा था। इनमें एक होटल का भवन पांच मंजिला और दूसरे का छह मंजिला है। ये दोनों होटल लगातार झुक रहे हैं, जिन्हें आसपास के भवनों के लिए खतरा मानते हुए प्रशासन ने असुरक्षित श्रेणी में रखा है।

विज्ञानियों ने भी इन्हें ध्वस्त करने का सुझाव दिया था। इसमें गतिरोध इसलिए था, क्योंकि होटल स्वामी व अन्य होटल ध्वस्त करने से पहले मुआवजा की दरों को तय करने की मांग कर रहे थे। गुरुवार को इनमें दरारों के साथ ही झुकाव भी बढऩे लगा था। सुबह इस संबंध में वार्ता शुरू हुई और इसके बाद होटल स्वामियों ने इन्हें ध्वस्त करने को सहमति प्रदान कर दी, जोशीमठ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की गुरुवार की सुबह भूधंसाव से प्रभावित परिवारों को अंतरिम राहत के वितरण व दर निर्धारित करने को गठित समिति के साथ बैठक से हुई।
इस दौरान प्रभावितों ने बदरीनाथ महायोजना के तहत तय पुनर्वास के फार्मूले के अनुसार ही मुआवजा देने की मांग की। इस फार्मूले में कुल संपत्ति के मूल्य का छह गुना मुआवजा दिया जाता है। समिति के सदस्य इसी मांग पर अड़े हुए हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों को अधिक से अधिक मुआवजा दिया जाएगा।