देहरादून(आरएनएस)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन में विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित प्रवेशोत्सव-2025 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उन्होंने इस दौरान स्कूलों में प्रवेश लेने वाले बच्चों का स्वागत कर उन्हें शिक्षण सामग्री वितरित की। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा राज्य के सभी विद्यालयों के लिए निर्मित ‘स्कूल डैश-बोर्ड’ का लोकार्पण किया एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों के 13 केंद्रों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की।
राज्यपाल के निर्देश पर यूटीयू द्वारा राज्य में स्थित समस्त राजकीय विद्यालयों की सम्पूर्ण जानकारी एक स्थान पर उपलब्ध कराये जाने के दृष्टिगत स्कूल डैश-बोर्ड तैयार किया गया है। इसमें विश्वविद्यालय द्वारा राज्य के 13 जिलों में स्थित 16055 राजकीय विद्यालयों के सम्पूर्ण विवरण के साथ विद्यालयों के प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक के साथ-साथ डैशबोर्ड के एडमिन को अपने लॉग-इन के माध्यम से जानकारी उपलब्ध होने एवं उन्हे देखने की सुविधा प्रदान की गयी है। वर्तमान में डैशबोर्ड पर 13 जिलों के 95 ब्लॉक में 16055 विद्यालयो में अध्ययनरत सम्पूर्ण छात्रों/शिक्षकों के साथ-साथ अवस्थापना सुविधाओं का विवरण अपलोड किया जा चुका है, जिसे सम्बन्धित स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा यथा आवश्यकतानुसार अपने लॉग-इन द्वारा संशोधित किया जा सकता है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि नई तकनीकों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे उत्तराखण्ड के लिए आज का यह अवसर विशेष है। उन्होंने कहा कि ‘स्कूल डैश-बोर्ड’ का लोकार्पण न केवल उत्तराखण्ड की शिक्षा व्यवस्था में तकनीकी नवाचार का प्रतीक है, बल्कि यह राज्य के हर बच्चे को गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। राज्यपाल ने ‘स्कूल डैशबोर्ड’ को साकार करने के लिए वीर माधो सिंह भण्डारी टेक्निकल यूनिवर्सिटी, तकनीकी विशेषज्ञों, और सभी शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि यह केवल एक तकनीकी उपकरण नहीं है, बल्कि यह उत्तराखण्ड की शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी क्रांति की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक भी है।
राज्यपाल ने बच्चों और उनके अभिभावकों को शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक किए जाने हेतु शिक्षा विभाग के प्रवेश उत्सव पहल की सराहना करते हुए कहा कि प्रवेशोत्सव का यह उल्लासपूर्ण अवसर केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि शिक्षा के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हर वर्ष शैक्षिक सत्र की शुरुआत में, हम नव-प्रवेशी बच्चों को केवल स्कूल में नहीं लाते, बल्कि उन्हें एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल बच्चों के मन में स्कूल के प्रति आत्मीयता और जुड़ाव की भावना विकसित करती है। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
राज्यपाल ने राज्य के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय को जिनमें छात्रावासों में रहकर वंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं, को एक अनुपम पहल बताया। उन्होंने कहा कि ये विद्यालय विभिन्न कारणों से विद्यालयी शिक्षा से वंचित, समाज के उन अनाथ, बेघर, और कमजोर वर्ग के बच्चों के जीवन को नया स्वरूप दे रही है, हमारा यह केवल एक सामाजिक उत्तरदायित्व नहीं, बल्कि एक भावनात्मक कर्तव्य भी है। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का नाम साहस, सेवा और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है और उनके नाम से स्थापित ये छात्रावास उसी भावना को आत्मसात करते हुए हर बच्चे को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान देने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा इन छात्रावासों का उच्चीकरण कर इन्हें कक्षा 12वीं तक विस्तारित करना एक दूरदर्शी निर्णय सिद्ध होगा।
इस कार्यक्रम में सचिव श्री राज्यपाल एवं सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन, वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, अपर सचिव श्री राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव सहित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालयों के वॉर्डन, शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने प्रवेशोत्सव-2025 कार्यक्रम में प्रतिभाग कर ‘स्कूल डैश-बोर्ड’ का लोकार्पण किया
मुख्यमंत्री धामी ने किया छात्रसंघ समारोह का शुभारंभ, विश्वविद्यालय विकास के लिए प्रतिबद्धता दोहराई
पौड़ी गढ़वाल(विजय बहुगुणा)। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर, श्रीनगर में आयोजित छात्रसंघ उद्घाटन समारोह 2024-25 में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालय के विकास के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखंड को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने के लिए विभिन्न नवीन कार्य योजनाओं पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा शक्ति देश का भविष्य है और सरकार युवाओं को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है। जिससे राज्य के युवाओं को बेहतर अवसर और सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार युवाओं की भागीदारी को और अधिक बढ़ाने के लिए नई योजनाओं को भी लागू करेगी।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिकता कानून को लागू किया है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार ने 22 हजार से अधिक नौकरियां सृजित कर बेरोजगारी की दर को चार प्रतिशत की दर से कम करने में सफलता प्राप्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने नकल विरोधी कानून को लागू करने के सरकार के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे मेहनती और प्रतिभाशाली छात्रों को उनका हक मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वर्तमान में 20 मॉडल कॉलेज, महिला छात्रावास, आईटी लैब, परीक्षा भवन, एस्ट्रो पार्क और साइंस सिटी जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त, राज्य में स्टार्टअप के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य के विश्व विद्यालय व महाविद्यालय में कार्यरत प्राध्यापकों को 18 लाख का शोध अनुदान प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एनडीए व सीडीएस की लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को प्रदेश सरकार की ओर से साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50 हजार की आर्थिक सहायता राशि मुहैया कराई जा रही है।
कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक डॉ० धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों को मिलकर शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया। कहा कि सरकार छात्रों की हर संभव सहायता के लिए तत्पर है और उच्च शिक्षा के संस्थानों को विश्व स्तरीय बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
देवप्रयाग के विधायक विनोद कण्डारी ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय में आयोजित इस छात्रसंघ उद्घाटन समारोह की सराहना की और छात्रों को उनके नए दायित्वों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक और राष्ट्रीय विकास में भी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
छात्रसंघ के अध्यक्ष जसवंत सिंह ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने छात्रों की समस्याओं और अपेक्षाओं को मंच पर रखते हुए उनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि छात्रसंघ विश्वविद्यालय के छात्रों के हितों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेगा और शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने में सक्रिय योगदान देगा।
इस अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण, जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, कुलसचिव राजेश कुमार ढोड़ी, अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, प्रो. ओपी गुसाईं, छात्रसंघ उपाध्यक्ष अमन काला, सहसचिव समरजीत तेवतिया, मित्रविंदा कर्णवाल सचिव छात्रसंघ दिल्ली विश्वविद्यालय, सुधांशु थपलियाल, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल किशोर रावत सहित विश्वविद्यालय के अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारी तेज
हाई एल्टीट्यूट में सेवा के लिए डाक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को दी जा रही विशेष ट्रेनिंग
श्रीनगर औऱ देहरादून में स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों का प्रशिक्षण शिविर किया गया आयोजित
देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों में स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटा है। विभाग श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए डाक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दे रहा है। अब तक श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और दून मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा चुके हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण के अंतर्गत डाक्टरों और मेडिकल टीम को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में संभावित स्वास्थ्य समस्याओं, आपदाओं और सीमित संसाधनों में आपात चिकित्सा सेवाएं देने की तकनीकी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित मेडिकल टीम को जल्द ही यात्रा मार्गों और पड़ावों पर तैनात किया जाएगा।
डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि तीर्थयात्रियों को हाई एल्टीट्यूड पर सांस लेने में तकलीफ, ऑक्सीजन की कमी, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव, पैरों में छाले और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि डॉक्टरों को इन परिस्थितियों में तुरंत उपचार शुरू करने का व्यावहारिक अनुभव हो।
स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी दी कि श्रीनगर और दून मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए हैं, जहां मेडिकल ऑफिसर्स को चारधाम यात्रा रूट पर सेवा देने के लिए विशेष तैयारी कराई जा रही है।
प्रशिक्षण में शामिल प्रमुख बिंदु:
एक्यूट माउंटेन सिकनेस
हाई एल्टीट्यूड पल्मोनरी एडिमा एवं सेरेब्रल एडिमा
सांस फूलने की स्थिति
दौरे, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, उच्च रक्तचाप
हृदय संबंधी आपात स्थिति और स्ट्रोक
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि इन बीमारियों के सही समय पर निदान व इलाज से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। प्रशिक्षण में एयर एम्बुलेंस तक मरीज की सुरक्षित पहुँच, दवा प्रबंधन, समय पर रेफरल की प्रक्रिया आदि बिंदुओं पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।
चारधाम स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण की रफ्तार तेज
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के स्किल सेंटर में चिकित्सा अधिकारियों के लिए पहला क्लिनिकल स्किल आधारित प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुआ। इसमें पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पतालों में सेवाएं देने वाले मेडिकल ऑफिसर्स को उच्च हिमालयी क्षेत्रों की चुनौतियों और रोगों के निदान में दक्ष बनाया गया।
“इंडियन रेडक्रॉस चेयरमैन उत्तराखंड डॉ० नरेश चौधरी ने मुख्य सचिव आनंद बर्धन का स्वागत एवं अभिनंदन किया
हरिद्वार। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्धन का प्रदेश के सर्वोच्च पद पर नियुक्त किए जाने पर इंडियन रेडक्रॉस उत्तराखंड की तरफ से इंडियन रेडक्रॉस चेयरमैन डॉ० नरेश चौधरी ने हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया। साथ ही साथ इंडियन रेडक्रॉस उत्तराखंड द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी विस्तृत रूप से जानकारियां मुख्य सचिव को दी। चेयमैन रेडक्रॉस उत्तराखंड डॉ० नरेश चौधरी ने मुख्य सचिव आनंद बर्धन को अवगत कराया कि उत्तराखंड मेंराज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह पी०वी०एस०एम०, यू०वाई०एस०एम०, ए०वी०एस०एम०, वी०एस०एम० की विशेष पहल एवं निर्देशन में सभी कॉलेजों में यूथ रेडक्रॉस का गठन किया जा रहा है। जिससे संपूर्ण प्रदेश में लगभग 5 लाख यूथ रेडक्रॉस स्वयंसेवक तैयार हो जाएंगे, जो कि जूनियर रेडक्रॉस स्वयंसेवकों के साथ मिलकर जन जागरण अभियानों में सक्रिय सहभागिता करेंगे। साथ ही साथ आपदाओं में भी फर्स्ट मेडिकल रेस्पोन्डरस के रूप में समर्पित रूप से सहयोग करेंगे। डॉ० नरेश चौधरी ने चार धाम यात्रा एवं आगामी कुंभ में भी रेडक्रॉस स्वयंसेवकों का सहयोग करने के लिए मुख्य सचिव को आश्वासित किया। तथा प्रदेश में स्वयंसेवकों की सक्रिय सहभागिता के लिए इंडियन रेडक्रॉस को मदर एन०जी०ओ० के रूप में नेतृत्व करने का प्रस्ताव भी मुख्य सचिव को दिया। मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने इंडियन रेडक्रॉस की सराहना करते हुए कहा कि इंडियन रेडक्रॉस स्वयंसेवकों ने डॉ० नरेश चौधरी के नेतृत्व में पूर्व में भी आपदाओं एवं कुंभ मेलों में उत्कृष्ट कार्य किए हैं भविष्य में भी और अधिक समर्पित होकर चुनौतीपूर्ण कार्यों को स्वयं पहल कर नेतृत्व करने के लिए उत्तराखंड सरकार रेडक्रॉस की सराहना करते हुए विशेष रूप से इंडियन रेडक्रॉस अध्यक्ष माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह एवं चेयरमैन डॉ० नरेश चौधरी का धन्यवाद ज्ञापित करती है।
प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी महासम्मेलन में उत्तराखंड के देवव्रत पुरी गोस्वामी को सम्मानित किया गया
देहरादून – आज देहरादून स्थित “द ओनिनेस होटल” में सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री (सीएपीएसआई) द्वारा आयोजित प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी महासम्मेलन के अवसर पर उत्तराखंड के श्री देवव्रत पुरी गोस्वामी, निदेशक तियानझू इन्वेस्टिगेशन सर्विसेज को विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान उन्हें उत्तराखंड के सभी जिलों एवं शहरों सहित, पैन इंडिया स्तर पर निजी सुरक्षा एवं सुरक्षा गार्ड सेवाएं प्रभावी रूप से प्रदान करने हेतु प्रदान किया गया। श्री देवव्रत पुरी गोस्वामी के नेतृत्व में तियानझू इन्वेस्टिगेशन सर्विसेज ने निजी सुरक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर भरोसेमंद और सशक्त सुरक्षा समाधान प्रदान किए हैं।
यह सम्मान श्री चंद्र बहादुर सिंह (उप सचिव – गृह विभाग, उत्तराखंड), सीएपीएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुंवर विक्रम सिंह तथा राष्ट्रीय महासचिव श्री महेश शर्मा एवं एसपी सिटी प्रमोद कुमार द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया।
देशभर से आए प्रमुख सिक्योरिटी एजेंसी संचालकों, विशेषज्ञों और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम अत्यंत गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ।
सीएपीएसआई द्वारा आयोजित यह महासम्मेलन निजी सुरक्षा, सुरक्षा गार्ड सेवाओं तथा प्रबंधन में उत्कृष्टता, समर्पण एवं प्रोफेशनलिज़्म को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक अनुकरणीय प्रयास है।
सनफॉक्स ने मैक्स हॉस्पिटल देहरादून में पहला मरीज अनुभव केंद्र (Patient Experience Center) शुरू किया, ताकि लोग समय पर दिल की बीमारी पहचान सकें
देहरादून, – उत्तराखंड के मशहूर स्टार्टअप सनफॉक्स टेक्नोलॉजीज, जो शार्क टैंक इंडिया में भी दिखा था, ने आज मैक्स हॉस्पिटल देहरादून में अपना पहला पेशेंट एक्सपीरियंस सेंटर खोला है। इस सेंटर में लोग स्पंदन नाम की दुनिया की सबसे छोटी ईसीजी मशीन और दूसरी दिल की देखभाल से जुड़ी तकनीक को देख और आज़मा सकते हैं।
स्पंदन एक छोटा सा डिवाइस है जो लोगों को दिल का दौरा (हार्ट अटैक) और दूसरी दिल की बीमारियों का जल्दी पता लगाने में मदद करता है। इससे रिपोर्ट बनाकर डॉक्टर को घर बैठे भी भेज सकते हैं। कई बार लोगों को गैस और दिल के दौरे में फर्क नहीं समझ आता और इलाज देर से शुरू होता है। यह डिवाइस सही समय पर सही पहचान करके जान बचाने में मदद करता है।
यह मशीन नियमित दिल की जांच के लिए भी बहुत फायदेमंद है, खासकर अगर किसी को दिल की धड़कन अनियमित रहती है या पुरानी दिल की बीमारी हो। इससे बार-बार अस्पताल जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती – लोग घर से ही दिल की सेहत पर नज़र रख सकते हैं।
उत्तराखंड के लोगों के लिए यह तकनीक बहुत काम की है क्योंकि यहाँ कई लोग दूर-दराज के गांवों में रहते हैं और अस्पताल तक जल्दी नहीं पहुँच पाते। अब वे जहाँ भी हों, इस तकनीक से समय पर सही इलाज पा सकते हैं।
इस कार्यक्रम में मैक्स हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट और डॉक्टर भी मौजूद थे। सनफॉक्स के फाउंडर और सीईओ रजत जैन ने कहा, “यह देहरादून से उठाया गया एक छोटा कदम है, जो लोगों की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है।”
सनफॉक्स को पूरे देश में पहचान शार्क टैंक इंडिया से मिली। हाल ही में, ICMR (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) ने उनके काम को बिल गेट्स को दिखाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार उनकी तारीफ की है। कुछ दिन पहले स्टार्टअप महाकुंभ में केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने उन्हें हेल्थ कैटेगरी में ‘स्टार्टअप महारथी’ का अवॉर्ड भी दिया।
बड़ा हादसा टला , दिल्ली से मसूरी आ रही बस पलटी 27 लोग सवार एक यात्री चोटें आई ओर सुरक्षित
मसूरी/,(दीपक सक्सेना) दिल्ली से मसूरी आ रही बस पानी वाला बेड के पास कमानी टूटने के कारण रोड पर पलटी ।
सिटी कंट्रोल द्वारा सूचना मिली कि पानी वाला बैंड के पास एक बस रोड पर पलट गई है। इस सूचना पर थाना कोतवाली मसूरी से श्रीमान प्रभारी निरीक्षक महोदय ,चौकी प्रभारी बालूगंज थाने से पर्याप्त पुलिस बल आपदा उपकरण सहित तत्काल घटनास्थल हेतु रवाना किया गया। मौके पर जाकर देखा तो एक 27 सीटर बास संख्या DD 01 S 9078 रोड पर पलटी हुई थी । जिसमें कुल 27 लोग सवार थे। जानकारी करने पर पाया कि उक्त बस रात्रि 11:00 बजे कश्मीरी गेट दिल्ली से मसूरी के लिए चली थी। जैसे ही उक्त बस 6:50 के लगभग पानी वाला बैंड के पास पहुंची तभी अचानक कामनी टूटने के कारण अनियंत्रित होकर रोड पर ही पलट गई। बस काफी धीमी रफ्तार से चल रही थी। बस में कुल 27 लोग सवार जो दिल्ली से मसूरी आ रहे थे। बस पलटने के कारण बस में बैठे एक यात्री अर्चित शुक्ला पुत्र श्री गिरीश चंद शुक्ला निवासी दिल्ली को मामूली चोटें आई हैं जिसको 108 के माध्यम से अस्पताल भेजा गया है शेष सभी लोग सुरक्षित हैं जिनको प्राइवेट वाहनों से मसूरी भेजा गया है। बस रोड से किनारे की तरफ है सुरक्षा की दृष्टि से बस की दोनों तरफ पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है यातायात दोनों तरफ सुचारू रूप से चल रहा है। बस को चालक जसवंत पुत्र शमशाद निवासी विजय पार्क गली नंबर 15 A मौजपुर दिल्ली चला रहा था। जिसकी उम्र 25 वर्ष है।
आठवें वेतन आयोग का शीघ्र गठन ने सरकार से की मांग , प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन दिए जाने का निर्णय
हरिद्वार। (कुलभूषण) उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के राजकीय पेंशनर ने बैठक कर अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन का फैसला लिया है। गत दिवस प्रसार प्रशिक्षण केंद्र के सभागार में सम्पन्न बैठक में आठवें वेतन आयोग का शीघ्र गठन करने की मांग उठाई है।
वरिष्ठतम पेंशनर राम कुमार अग्रवाल और रामेश्वर दयाल अग्रवाल की संयुक्त अध्यक्षता और जे पी चाहर के संचालन में 22 अप्रेल को जोरदार प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन दिए जाने का निर्णय लिया है।
बैठक का संचालन करते हुए उत्तर प्रदेश उत्तराखंड राजकीय पेंशनर्स समन्वित मंच के मुख्य संयोजक ने बताया कि आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की घोषणा के चार माह बाद भी आयोग का गठन नही करने से आयोग की संस्तुतितों में देरहोसकती । चाहर ने पेंशन संशोधन को वेतन आयोग से अलग रखने संबंधी लोक सभा मे वित्त विधेयक पारित करने के विवाद को भी चर्चा में शामिल किया।
व्यवस्था देते हुए रामकुमार अग्रवाल और रामेश्वर दयाल अग्रवाल ने मंगलवार को नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने की घोषणा की है। अध्यक्षद्वय ने बताया कि उत्तर प्रदेश उत्तराखंड राजकीय पेंशनर्स समन्वित मंच के तत्वावधान में प्रधान मंत्री और दोनों मुख्य मंत्रियों को ज्ञापन भेजे जाएंगे।
बैठक को संबोधित करते हुए आर के अस्थाना और भूपेंद्र सिंह ने कैशलेस गोल्डन कार्ड चिकित्सा की कठिनाइयों और विसंगतियों पर चिंता व्यक्त कर इन्हें दूर करने की मांग दुहराई।
मंच के संयोजक बी पी चौहन ने कहा कि आठवें वेतन आयोग के विचारणीय संदर्भ में पेंशनर संगठनों की भी राय ली जानी चाहिए। बी पी सिंह सैनी ने पेंशनर संगठनों को सक्रिय करने की बात कही।
ओ पी यादव ने पेंशनर हित मे तन मन धन से सहयोग करने का संकल्प लेते हुए आंदोलन सफल बनाने का आह्वान किया।
सुशील कुमार सैनी और पंकज गुप्ता ने राजस्व और कोषागार संबंधी समस्याओं के निराकरण की जिम्मेदारी निभाने की घोषणा की।
मधु सिंह और कमलेश शर्मा ने 22 अप्रेल को होने वाले प्रदर्शन और ज्ञापन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संपर्क अभियान चलाने का सुझाव दिया। सतीश चंद गुप्ता ने ईपीएफओ के पेंशनर की समस्याओं के निराकरण और पेंशन पुनरीक्षण की अपील की।
रेशम सिंह और अनिल गुप्ता ने संगठन की आर्थिक मजबूती के लिए आगे आने का आह्वान सभी पेंशनर्स से किया है।
रामसरीख और स्वदेश चौहान ने मांगे नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की सलाह दी है। महावीर प्रसाद ध्यानी ने आंदोलन को समय की आवश्यकता बताते हुए जोरदार प्रदर्शन की बात कही।
बैठक के अंत मे रामकुमार अग्रवाल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में 22 अप्रेल को होने वाले कार्यक्रम में जोरदार भागीदारी की अपील की गई। बैठक को संबोधित करने वालो में बी पी चौहान, जे पी चाहर, राम कुमार अग्रवाल, आर डी अग्रवाल, एल सी पांडे, अनिल गुप्ता, बी पी सिंह सैनी, सुशील सैनी , पंकज गुप्ता, आर के अस्थाना, शिवकुमार शर्मा , रामसरीख के अलावा जी पी डब्लू ओ के शाखाध्यक्ष वी के गुप्ता, कोषाध्यक्ष एम के अग्रवाल, शीशपाल, सुरेश कुमार, एस एस चौहान, मोहन लाल शर्मा, मनोज कुमार शर्मा, के आर जोशी, नवरत्न लाल, गीता शर्मा आदि ने भी संबोधित किया।
“विद्या वाचस्पति” की मानद उपाधि से सम्मानित हुए आचार्यमहामंडलेश्वर जूनपीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज
हरिद्वार (कुलभूषण) जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर अनन्तश्री विभूषित स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज को जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर द्वारा अपने “सप्तम दीक्षान्त समारोह” में “विद्यावाचस्पति” (डी. लिट.) की उपाधि से विभूषित किया गया।यह जानकारी स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज के जनसंपर्क अधिकारी अरविंद पाण्डेय ने प्रेस को जारी सूचना मे दी।
जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में संपन्न हुए समारोह में स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज को राजस्थान के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हरिभाऊ किशनराव बागडे एवं भारत की लोकसभा के अध्यक्ष माननीय श्री ओम बिडला जी ने विशिष्ट अभिनन्दन पत्र के साथ “विद्यावाचस्पति” की मानद उपाधि प्रदान की गई।
यह सम्मान उन्हें संस्कृत भाषा, भारतीय दर्शन, सनातन धर्म और गुरु-शिष्य परम्परा के संरक्षण एवं प्रसार में उनके अद्वितीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में स्वामी अवधेशानन्द ने कहा कि “भारत की कालजयी-मृत्युञ्जयी सनातन वैदिक संस्कृति का आधार ही संस्कृत भाषा है। आज सम्पूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति के प्रति विशेष आकर्षण बढ़ा है। भारत के वैश्विक प्रभाव के मूल में हमारे संस्कृत विश्वविद्यालय ही हैं। भारतीय संस्कृति के उन्नयन और उत्थान के लिए मैं इस विश्वविद्यालय का हार्दिक आभार ज्ञापित करता हूँ और यह सम्मान मै भगवान भाष्यकार आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य और गुरु परम्परा को समर्पित करता हूँ।”
इस अवसर पर राजस्थान सरकार के संस्कृत शिक्षामंत्री मदन दिलावर, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रामसेवक दुबे , पत्रिका समूह के संपादक डॉ. गुलाब कोठारी समेत अनेक जनप्रतिनिधियों, शासन-प्रशासन के अधिकारियों, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, छात्रों एवं शोधार्थियों समेत अनेक गणमान्य विभूतियों की उपस्थिति रही।
स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज संपूर्ण भारत सहित विश्वभर में धर्म, अध्यात्म, योग एवं संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए विख्यात हैं। यह मानद उपाधि भारतीय ज्ञान-परंपरा को समर्पित उनके निरंतर प्रयासों की सार्थक मान्यता है।
स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज को वर्ष 2008 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा भी साहित्य एवं मानवीय दृष्टिकोण के क्षेत्र में उनके असाधारण कार्यों के लिए मानद डि.लिट्. (डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) की उपाधि से भी सम्मानित किया जा चुका है।
“टोंस नदी की वर्तमान स्थिति एवं कार्ययोजना” पर यूकॉस्ट में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई
देहरादून, उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) द्वारा “टोंस नदी के पुनर्जीवन” अभियान हेतु कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से यूकॉस्ट में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों एवं कार्ययोजना के द्वारा वृक्षारोपण अभियान और जनसहभागिता के माध्यम से टोंस नदी को पुनर्जीवित करना है, ताकि सतही जल की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके और नदी की पारिस्थितिकीय तंत्र को बहाल किया जा सके। बैठक का शुभारंभ यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डॉ. डी.पी. उनियाल के स्वागत उद्बोधन से हुआ, जिन्होंने विभिन्न संस्थानों, नागरिक समाज संगठनों और सरकारी विभागों से आये अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन किया। डॉ. उनियाल ने अभियान की अवधारणा एवं उद्देश्यों को साझा करते हुए इसे एक सामाजिक ज़िम्मेदारी बताया और यह स्पष्ट किया कि सभी की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को परिभाषित करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वैज्ञानिक कार्ययोजना और सुनियोजित प्रयास सुनिश्चित किए जा सकें। यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने टोंस और सोंग जैसी नदियों के भावनात्मक और पर्यावरणीय महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस पहल को “माँ धारा नमन” की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि ये नदियाँ जीवनदायिनी हैं और प्रकृति की उदारता की प्रतीक हैं। पुनर्जीवन तभी संभव है जब वैज्ञानिक दृष्टिकोण और जन-जागरूकता का संतुलित समावेश हो। उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों और संगठनों से इस अभियान में सक्रिय सहभागिता का आह्वान किया। बैठक में यूकॉस्ट के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. अशुतोष मिश्रा द्वारा “टोंस नदी की वर्तमान स्थिति एवं कार्ययोजना” पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। इस प्रस्तुति में नदी के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, उसके क्षरण के कारणों, और पुनर्जीवन हेतु प्रस्तावित योजनाओं पर प्रकाश डाला गया। प्रथम चरण के लिए पाँच संभावित स्थलों की पहचान की गई: उत्तरांचल विश्वविद्यालय की सीमा दीवार के पास, नंदा की चौकी के सामने, उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के पीछे, सुद्धोवाला की जिला जेल के पीछे, और शुभारती मेडिकल कॉलेज के पीछे। उत्तरांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. धर्म बुद्धि ने सुझाव दिया कि समीपवर्ती संस्थानों को वृक्षारोपण की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए और लगाए गए पौधों की उचित देखभाल एवं रखरखाव सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने पौधों और अन्य संसाधनों की उपलब्धता के लिए भी सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव दिया। पद्मश्री, श्री कल्याण सिंह रावत ने अभियान की निगरानी हेतु एक समर्पित समिति के गठन की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण के साथ-साथ उसकी देखभाल और संरक्षण में प्रतिबद्धता होनी चाहिए, ताकि यह एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत हो सके।बैठक के दौरान चर्चा विचार विमर्श सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमे सभी संस्थानों के प्रतिनिधि और विशेषज्ञों ने अपने अपने सुझाव दिए। इनमें श्री विनोद खाती (HESCO), डॉ. प्रवीण ठाकुर (IIRS देहरादून), डॉ. रश्मि सैनी (VMSB UTU), सुश्री दीक्षा भट्ट (फॉरेस्ट रेंजर कार्यालय, झाजरा ), श्री अभिषेक मौठानी (उप प्रभागीय वन अधिकारी, देहरादून), और डॉल्फिन इंस्टिट्यूट, माया देवी यूनिवर्सिटी, तुलाज इंस्टिट्यूट, सी आई आई समेत कई अन्य संस्थानों के अधिकारी और प्रतिनिधि शामिल थे। सभी ने अभियान में सक्रिय सहयोग की इच्छा जाहिर की और सुझाव दिया कि ऐसे पौधों का चयन किया जाए जिनके लिए सिंचाई की न्यूनतम आवश्यकता हो और जो पशुओं की चराई से प्रभावित न हों, जिससे पौधों का दीर्घकालिक संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।पद्म भूषण से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद् डॉ. अनिल प्रकाश जोशी का एक विशेष वीडियो संदेश भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने सही प्रजातियों के पौधों का चयन और वैज्ञानिक प्रबंधन तकनीकों को शामिल करने का सुझाव दिया। बैठक के समापन पर प्रो. दुर्गेश पंत ने सभी बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए आगे की कार्यदिशा पर प्रकाश डाला। उन्होंने सुझाव दिया कि अभियान से संबंधित जानकारी सभी शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचाई जाए और एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाए, जहाँ प्रगति को दर्ज किया जा सके, सफलता की कहानियाँ साझा की जा सकें, और भागीदारी करने वाले संस्थानों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए जा सकें। साथ ही उन्होंने विभिन्न संस्थानों के छात्र समूहों को जागरूकता फैलाने और ज़मीनी गतिविधियों के लिए संगठित करने की सलाह दी।बैठक का समापन सहयोग, स्थायित्व और वैज्ञानिक प्रतिबद्धता के संदेश के साथ हुआ। इसने टोंस नदी के पुनर्जीवन हेतु ज्ञान साझा करने, संस्थानों के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित करने और समुदाय की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से एक सामूहिक मिशन की नींव रखी।