Tuesday, May 20, 2025
Home Blog Page 598

श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो एन के जोशी ने साझा किया विश्वविद्यालय का दृष्टि पत्र

0

देहरादून(कुलभूषण), आज राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून में प्रो0 एन0के0जोशी, मा0 कुलपति द्वारा एक बैठक ऑनलाईन/ऑफलाईन मोड में आहूत की गयी। जिसमें राजकीय/अशासकीय सहायता प्राप्त/निजी शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों/अध्यक्षों/निदेशकों द्वारा प्रतिभाग किया जिसमें लगभग 120 ऑफलाईन एवं 100 से अधिक ने ऑनलाईन माध्यम से मीटिंग में प्रतिभाग किया । विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति द्वारा सभी संस्थानों/राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों/अध्यक्षों को बताया कि टीचिंग एवं रिसर्च पर सबसे अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि अब समस्त संस्थानों में छात्रों के प्रवेश केवल समर्थ पोर्टल से ही कराये जायेगे।

यदि राजकीय महाविद्यालयों/संस्थानों में रिसर्च होगी तो तभी नैक, एनआईआरएफ रैंकिंग आदि से अच्छी ग्रेडिंग मिलेगी। प्रो0 एन0के0 जोशी ने कहा कि टीचिंग लर्निंग के माध्यम से एकेडमिक कलैण्डर 10 जुलाई,2023 से शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यूजीसी के अनुसार सैमेस्टर सिस्टम में प्रत्येक सैमेस्टर में 90 दिन पढा़ई अनिवार्य रहेगी जिसमें से 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी। 2018 के बाद से जो रिजल्ट बैकलॉक के थे उन्हें पूर्ण करा लिया गया है और जो छूट गये हैं उन्हें अतिशीघ्र पूर्ण करवा दिया जायेगा। इस सम्बन्ध में संस्थानों को निर्देशित किया कि वे बैकलॉग परिणाम से सम्बन्धित छात्र-छात्राओं की सूची अतिशीघ्र विश्वविद्यालय को उपलब्ध करा दे। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत द्वितीय सैमेस्टर की कक्षायें 12 अप्रैल, 2023 से प्रारम्भ कर दी गयी हैं तथा द्वितीय सैमेस्टर की परीक्षायें जुलाई, 2023 के आखिरी सप्ताह या अगस्त प्रथम सप्ताह में सम्पन्न करायी जायेंगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये मंत्र जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान के मंत्र को सफल बनाने हेतु महाविद्यालय स्तरों पर रिसर्च में पेपर प्रकाशित करना, सेमिनार आयोजित करना, और एफडीपी पर विशेष ध्यान देने की आवश्यता है। उन्होनें कहा कि समस्त महाविद्यालय अपने स्तर पर शोध एवं विकास सेल, आई0क्यू0ऐ0सी, एम0एस0एम0ई0, इनोवेशन एवं इन्क्यूवेशन केन्द्र इत्यादि को स्थापित करें जिससे छात्रों एवं प्राध्यापकों को शोध में आसानी हो एवं विश्वविद्यालय के प्रति लोगों का नजरिया बदले एवं विश्वविद्यालय राष्ट्र स्तर पर ही नहीं अपितु विश्व स्तर पर भी ख्याति प्राप्त करे। इस सम्बन्ध में विदेशी विश्वविद्यालयों, एक्सलेंस केन्द्रों एवं ख्यातिलब्ध संस्थानों के साथ एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित करे। इससे न केवल छात्रों का लाभ होगा अपितु फैकल्टी मेम्बरर्स भी ख्याति अर्जित करेंगे। नये जर्नल और इनोवेशन यूनिट की स्थापना करे। इसके अतिरिक्त अपने कॉलेजों में सेन्टर फॉर एक्सीलेंस का गठन अवश्यमेव करें जिससे कि नये लेक्चर तैयार कर इसका फायदा छात्र-छात्राओं को मिल सके।
कुलपति द्वारा अपने सम्बोधन में वैबसाईट का निर्माण, फेसबुक पेज का निर्माण , डिजिटल सेन्टर का निर्माण, वार्षिक मापांकन कलैण्डर, जी20 से सम्बन्धित कार्यकलाप, विभिन्न इन्टरनेशनल एवं नेशनल मापकंन कल्चरल , 5 गांवों को गोद लेना, नशा मुक्त भारत के तहत नशा मुक्त महाविद्यालय बनाये जाने हेतु संकल्प लेने के लिये प्रेरित किया । टी0बी0 मुक्त भारत के लिये कार्य करना, संस्थानों के मान्यता प्रस्ताव समयबद्ध रूप से विश्वविद्यालय में पहुंचाने पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि एन0ई0पी0 के तहत स्किल डेपलपमेंट, माइनर कोर्सेंज, मेजर कोर्सेंस, हेतु एक टीचर को एन0ई0पी0 का संयोजक बनाये जाने हेतु बल दिया गया।
प्रो0 एन0 के0 जोशी द्वारा सभी राजकीय/निजी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिये गये कि सामुदायिक एक्टिविटी सुनिश्चित करें और इस सम्बन्ध में रिपोर्ट तीन माह के अन्तर्गत विश्वविद्यालय को प्रेषित करें। उन्होंने कहा कि समस्त महाविद्यालय अपनी मासिक आख्या प्रत्येक माह की 02 तारीख तक विश्वविद्यालय को भेंजे ताकि विश्वविद्यालय उपरोक्त एम0पी0आर0 की समीक्षा कर राजभवन को प्रेषित करेगा यह प्रक्रिया राजकीय/अशासकीय/निजी शिक्षण संस्थानों हेतु मील का पत्थर साबित होगी।
बैठक में स्थानीय स्तर पर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य, अध्यक्ष एवं निदेशकों ने नव नियुक्त कुलपति प्रोफेसर एन के जोशी को पुष्प गुच्छ भेट कर अभिनन्दन किया।
प्रो0 पंकज पंत ने मा0 कुलपति का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करने हेतु संस्थानों को आमन्त्रित किया। बैठक में सी0आईएमएस के अध्यक्ष द्वारा निजी शिक्षण संस्थानों की तरफ से कुलपति महोदय का स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। इस अवसर पर एस एम जे एन कालेज प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी की ओर से कालेज के प्राचार्य डॉ सुनील बत्रा द्वारा माँ मनसा देवी का चित्र एवं चुनरी भेट की गयी।हरिद्वार एवं देहरादून जनपद के निजी शिक्षण संस्थानों के अध्यक्षों द्वारा भी मा0 कुलपति महोदय को शॉल ओढाकर स्वागत किया गया। डॉ0 लोकेश पाण्डेय द्वारा मा0 कुलपति महोदय से आग्रह किया गया कि इस तरह के सम्बाद कम से कम तीन माह में एक बार अवश्य कराये जांय। परीक्षा नियन्त्रक डॉ0 वी0पी0श्रीवास्तव द्वारा परीक्षा से सम्बन्धित कार्यों का त्वरित निस्तारण किया गया एवं भविष्य में भी त्वरित निस्तारण करने हेतु प्रतिबद्धता दोहरायी गयी। बैठक के अन्त में विश्वविद्यालय के कुलसचिव, श्री के0आर0भट्ट द्वारा समस्त प्रतिभागियों का बैठक में प्रतिभाग करने और निदेशक राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान, राजपुर रोड देहरादून एन0आई0वी0एच0 एवं उनकी टीम का हदृय की गहराईयों से आभार व्यक्त किया गया। बैठक में समस्त राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य, निजी शिक्षण संस्थानों के अध्यक्ष/निदेशक, कुलसचिव के0आर0भट्ट, डॉ सुनील बत्रा, डॉ राजेश पालीवाल, डॉ वी के अग्रवाल, आदेश कुमार सैनी, डॉ0 पवन अग्रवाल, डॉ0 संदीप चौधरी, आदि उपस्थित रहें।

 

सात पदाधिकारियों व छह कार्यकारिणी पदों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू

देहरादून(कुलभूषण), जिला बार संघ का वार्षिक चुनाव के लिए मतदान 27 अप्रैल 2023 को कराया जाएगी ।
सोमवार को बार की एक आवश्यक बैठक अधिवक्ता कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में बार संघ अध्यक्ष सुशील कुमार ने सभी सदस्यों के सामने अपने वर्ष भर कार्यकाल की उपलब्धि व कार्य बताए । इसके बाद अध्यक्ष सुशील कुमार ने वार्षिक चुनाव कार्यक्रम को संपन्न कराने के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी बलबीर सिंह , सहायक चुनाव अधिकारी विनोद चंद्रा, सतीश चौधरी,पवन चौहान व राव फरमान अली को मनोनीत किया। मुख्य चुनाव अधिकारी समेत सभी चुनाव अधिकारियों ने वर्तमान कार्यकारिणी का आभार जताते हुए निष्पक्ष चुनाव का आश्वासन दिया। चुनाव अधिकारीयों ने बताया कि मंगलवार को सात पदाधिकारियों व छह कार्यकारिणी पदों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। अगले दिन नामांकन पत्रों की जांच व दोपहर बाद नाम वापसी की होगी। 27 अप्रैल 2023 को बार कक्ष में बने मतदान केंद्र पर करीब 800 अधिवक्ता अपने अपने मत का प्रयोग करेंगे।चुनाव कार्यक्रम 25 अप्रैल 2023 को नामांकन पत्रों की खरीद व जमा करना,26 अप्रैल 2023 को नामांकन पत्रों की जांच व दोपहर दो बजे के बाद नामांकन वापसी व 27 अप्रैल 2023 को सुबह दस बजे से शाम साढ़े चार बजे तक मतदान होगा ।

हरिद्वार में आयोजित क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में के वी बीरपुर को तीन पदक

0

देहरादून , केंद्रीय विद्यालय बीएचईएल हरिद्वार में आयोजित संभागीय जवाहरलाल नेहरू विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी 2022-23 (राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी 2022-23) में केंद्रीय विद्यालय बीरपुर देहरादून के 5 विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी में तथा एक विद्यार्थी ने प्रदर्शनी के दौरान आयोजित होने वाली संगोष्ठी में भाग लिया. जिस में “वर्तमान नवाचार के साथ ऐतिहासिक विकास” सब थीम के अंतर्गत नीरज सिंह द्वारा ले जाई गई प्रदर्शनी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ तथा केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी के लिए चयन हुआ.| श्रेया सिंह द्वारा ले जाई गई प्रदर्शनी जोकि पर्यावरण अनुकूल सामग्री सब थीम के अंतर्गत थी उसको तृतीय स्थान प्राप्त हुआ. “हमारे लिए गणित” सब थीम के अंतर्गत अभिनव कुमार द्वारा ले जाई गई प्रदर्शनी को भी तृतीय स्थान प्राप्त हुआ. केंद्रीय विद्यालय बीरपुर की ओर से अभिनव कुमार ने “एक सतत भविष्य के लिए वैज्ञानिक नवाचार” विषय पर प्रदर्शनी के दौरान आयोजित संगोष्ठी में प्रतिभाग किया तथा तृतीय स्थान प्राप्त किया.
आज केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती बसंती खंपा द्वारा विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र दिए गए तथा टीम के बाकी सदस्यों और उनके गाइड शिक्षकों को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर प्राचार्य महोदया बसंती खंपा मैम ने सभी विद्यार्थियों को बधाई दी और और जो विद्यार्थी प्रदर्शनी में कोई स्थान नहीं ला पाए या प्रदर्शनी में भाग नहीं ले पाए उन्हें निराश होने के बजाय अपनी कमियों को दूर कर उत्साह के साथ अन्य प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया.विज्ञान प्रदर्शनी के लिये शिक्षक गुंजन श्रीवास्तव,पी के थपलियाल , विदुषी नैथानी , सूरज कुमार एवं उमेश उपध्याय एवं राजेश बिष्ट ने बच्चों का मार्गदर्शन किया !

प्रदेश का माणा गांव अब देश का पहला गांव

0

चमोली, सड़क संगठन द्वारा सीमांत गांव माणा के प्रवेश द्वार पर देश के अंतिम गांव के स्थान पर पहले गांव का साइन बोर्ड लगा दिया गया है। ज्ञतव्य है कि 21 अक्टूबर 2022 को माणा में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा माणा को भारत के अन्तिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाते हुए कहा कि ‘‘अब तो उनके लिये भी सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है। पहले जिन इलाकों को देश के सीमाओं का अंत मानकर नजर अंदाज किया जाता था, हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया। लोग माणा आएं, यहां डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है।’’ इससे पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बता चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के सीमावर्ती क्षेत्र आज वास्तव में और अधिक जीवंत हो रहे हैं। इसके लिये वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों का विकास करना, ग्रामवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना, स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना और समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से एक गांव एक उत्पाद की अवधारणा पर पर्यावरण स्थायी पर्यावरण-कृषि व्यवसायों को विकसित करना है।

उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्य योजनाएं जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों के सहयोग से तैयार की गई हैं। इससे इन क्षेत्रों के उत्पादों जड़ी-बूटियों, सेब, राजमा सहित फसलों के साथ-साथ यहां विकास की संभावनाओं को पंख लगेंगे। इन क्षेत्रों में एक गांव एक उत्पाद योजना के तहत ऊनी वस्त्रों का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना सीमांत क्षेत्रों से पलायन को रोकने में मददगार होगी तथा हमारे सीमांत क्षेत्रवासी देश की सुरक्षा में भी भागीदारी निभा सकेंगे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी, का यह कथन कि ‘‘21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा’’ हमें एक नए उत्साह और ऊर्जा से भर देता है। एक तरफ जहां यह हमें गर्व की अनुभूति कराता है वहीं दूसरी तरफ यह हमें हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराता है। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप हम राज्य के विकास और कल्याण के लिए पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने हेतु संकल्पबद्ध हैं। हमने राज्य को वर्ष 2025 तक हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए ’’विकल्प रहित संकल्प’’ का मूलमंत्र अपनाया है।

सीएम धामी ने किया चारधाम यात्रा मार्गो पर 50 हेल्थ एटीएम का लोकापर्ण

0

मानसरोवर यात्रा के लिए कुमाऊं में 25 हेल्थ एटीएम हेतु स्वास्थ्य विभाग तथा एचपीई में एमओयू

चारधाम यात्रियों को सुलभ और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं उपलब्ध करवाने हेतु राज्य सरकार गंभीर-मुख्यमंत्री

देहरादून- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को सुलभ और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। यात्रा मार्गो व दूरदराज क्षेत्रों में लगाए जा रहे हेल्थ एटीएम यात्रियों तथा स्थानीय जनता के लिए अत्यन्त लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं। हेल्थ एटीएम तकनीक लोगों को सुलभ और सस्ती प्राथमिक और निवारक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए चिकित्सा पेशे में सबसे महत्वपूर्ण विकासों में से एक है। यह शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के बीच की खाई को पाटने जा रहा है और दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में चारधाम यात्रा मार्गो पर एचपीई कम्पनी के सीएसआर के तहत प्रदान किये जाने वाले 50 हेल्थ एटीएम का लोकापर्ण किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग तथा (हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज) एचपीई के मध्य मानसरोवर यात्रा हेतु कुमांऊ क्षेत्र में 25 हेल्थ एटीएम स्थापित करने के लिए एमओयू किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हाल ही में राज्य के विभिन्न स्थानों में स्थापित किए गए हेल्थ एटीएम के माध्यम से अभी तक 1700 से अधिक लोग अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा चुके हैं। लोगों को हेल्थ एटीएम का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि स्थापित किए गए हेल्थ एटीएम का सुचारू संचालन व देखभाल भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों पर सुलभ चिकित्सा सुविधाएं होना भी आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चारधाम यात्रियों हेतु हेल्थ गाइडलाइन्स जारी की गई है, जिनका पालन आवश्यक है। इसके साथ ही तीर्थयात्री मौसम की जानकारी भी रखे तथा उसके अनुसार ही अपनी यात्रा को आगे बढ़ाये।

हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज ने चार धाम तीर्थ स्थलों पर आसान और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 50 क्लाउड सक्षम हेल्थ कियोस्क (हैल्थ एटीएम) स्थापित किए हैं। यह हैल्थ एटीएम उत्तराखंड राज्य में तीर्थयात्रियों को उनकी चार धाम यात्रा के दौरान टेलीमेडिसिन सेवाएं प्रदान करने के लिए वन-स्टॉप डिजिटल टच प्वाइंट एकीकृत मशीनें होंगी। यह क्लाउड सक्षम हेल्थ कियोस्क विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए गए हैं जहां तीर्थयात्री केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के चार हिमालयी तीर्थस्थलों की तीर्थ यात्रा के दौरान आमतौर पर विश्राम लेते हैं। इन स्वास्थ्य कियोस्क का मुख्य उद्देश्य दूर-दराज के क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों तथा जनता की यात्रा के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा तक उनकी पहुंच को आसान बनाना है। हेल्थ क्योस्क एक टच स्क्रीन हार्डवेयर है जिसे स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के प्रबंधन के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह लोगो को किसी भी इंटरनेट से जुड़े वेब ब्राउज़र के माध्यम से 24×7 अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य जानकारी तक पहुँचने की अनुमति देता है।

यह मशीन पंद्रह मिनट के भीतर रोगी की ऊंचाई, वजन, शरीर का तापमान, रक्त ग्लूकोज, रक्तचाप, इनवेसिव और गैर-आक्रामक रक्त परीक्षण, हृदय जांच और ऑक्सीजन संतृप्ति स्तर सहित 70 से अधिक मेडिकल टेस्ट की तुरंत रिपोर्ट दे सकता है। यह अपनी टेलीमेडिसिन परामर्श सुविधा के माध्यम से रोगियों को स्पेशलिस्ट और प्रमाणिक डॉक्टरों और अस्पतालों से सर्वोत्तम उपचार के लिए परामर्श देने में भी मदद कर सकता है। इन मशीनों का तीन घंटे तक का पावर बैकअप है। 50 स्वास्थ्य कियोस्क को आधार के रूप में हरिद्वार से “चार धाम मार्ग“ पर तैनात किया गया है और फिर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ मार्ग पर शाखाओं में बांटा गया है।

इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य डा0 आर राजेश कुमार, अपर सचिव सुश्री अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग डा0 विनीता शाह, एमडी एचपीई श्री सोम सत्संगी, एचपीई सीएसआर श्री सुशील भाटला तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

आपात स्थिति में एयर लिफ्ट किये जायेंगे यात्रीः डॉ. धन सिंह रावत

0

चार धाम यात्रा में 29 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं 182 चिकित्सक तैनात

यात्रा मार्गों पर 48 स्थाई व 23 अस्थाई चिकित्सा इकाई क्रियाशील

देहरादून, चार धाम यात्रा के दौरान आपात स्थिति में तीर्थ यात्रियों को एयर एम्बुलेंस की सहायता से एम्स ऋषिकेश के साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून व श्रीनगर में एयर लिफ्ट किया जायेगा, ताकि किसी भी गंभीर परिस्थिति में उनको बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसके लिये सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि विगत दिनों यमुनोत्री में हृदय गति रूकने से दो तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो गई थी, जिसको देखते हुये उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग व चमोली के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तीर्थयात्रियों को तत्काल एयर लिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश तथा राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून व श्रीनगर पहुंचाया जाय, ताकि समय रहते यात्रियों को गंभीर हालत में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बेहतर उपचार दिया जा सके। उन्होंने बताया कि चार धाम यात्रा मार्गों पर 48 स्थाई चिकित्सा इकाई तथा 23 अस्थाई चिकित्सा इकाई स्थापित की गई है, जहां पर 29 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं 182 चिकित्साधिकारी तैनात किये गये हैं। 95 पीओसीटी डिवासेज उपलब्ध कराई गई हैं जोकि ईसीजी के साथ ही आक्सीजन लेवल की भी जांच कर सकेंगे। इसके अलावा 272 पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है जिनमें 182 स्टाफ नर्स व 90 फार्मासिस्ट शामिल है। चार धाम यात्रा में 96 विभागीय एम्बुलेंस व 77 आपातकालीन सेवा 108 एम्बुलेंस सहित 200 एम्बुलेंस की तैनाती की गई है। यात्रा मार्गों पर आपात स्थिति से निकालने के लिये 11 ब्ल्ड बैंक व 2 ब्ल्ड संग्रहण केन्द्र क्रियाशील हैं। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कार्डिक सेंटर की स्थापना की गई है जहां पर कार्डियोलॉजिस्ट सहित अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ तैनात रहेगा। इसी प्रकार एम्स ़ऋषिकेश से हेली एम्बुलेंस की सेवा शुरू की गई है। आपात स्थिति में उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग सहित अन्य यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले जिलों के डीएम एवं सीएमओ को हेली एम्बुलेंस सेवा के लिये अधिकृत किया गया।

उत्तरकाशी में कार्डिक यूनिट शुरू, हृदय रोगियों को मिलेगी राहत
जिला अस्पताल उत्तरकाशी में कार्डिक यूनिट शुरू कर दी गई है जहां पर एक कार्डियोलॉजिस्ट सहित अन्य स्टॉफ हर समय तैनात रहेगा। इसकी प्रकार जानकीचट्टी मेडिकल रिलीव प्वाइंट पर एक प्रशिक्षत फिजीशियन व अन्य स्टॉफ तैनात किया गया है, जबकि गंगोत्री, यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर कुल 20 हेल्थ फैसिलिटी सेंटर बनाये गये हैं जहां पर डॉक्टर, फार्मासिस्ट सहित पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है। डा. रावत ने बताया कि आपात स्थित के लिये जानकीचट्टी में एक कार्डिक एम्बुलेंस भी तैनात की गई है, जबकि पूरे जनपद में 5 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस तथा 9 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सहित 14 आपातकालीन एम्बुलेंस 108 तथा 6 विभागीय एम्बुलेंस विभिन्न स्थानों पर तैनात की गई है।

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवा
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 14 मेडिकल रिलीव प्वाइंट बनाये गये हैं, जहां पर प्रशिक्षित चिकित्सक के साथ ही फार्मासिस्ट व अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है। बदरीनाथ धाम सहित पूरे मार्ग पर भी स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है। यहां आने वाले यात्रियों के लिये आपात स्थिति में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को बेस कैम्प मानते हुये चिकित्सकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में मेडिट्रीना ग्रुप ऑफ हास्पिटल के द्वारा सीएसआर के तहत कार्डिक यूनिट संचालित की जा रही है जहां पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ भी तैनात रहेगा।

चारधाम यात्रा : डीजीपी ने गढ़वाल परिक्षेत्र प्रभारी एवं जनपद प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम की समीक्षा बैठक

0

देहरादून, चारधाम यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराये जाने के सम्बन्ध में पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड अशोक कुमार की अध्यक्षता में गढ़वाल परिक्षेत्र प्रभारी एवं गढ़वाल परिक्षेत्र के समस्त जनपद प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में पुलिस महानिदेशक द्वारा निम्न बिन्दुओं पर विचार-विमर्श कर निर्देश निर्गत किये गए।

मौसम विभाग से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार श्री केदारनाथ धाम में अगले 06- 07 दिनों तक बर्फवारी होने की सम्भावना है, जिसके दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक, रूद्रप्रयाग को जिला प्रशासन एवं सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए अग्रेत्तर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।

श्री केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बर्फवारी के सम्बन्ध में सोशल मीडिया प्लेटफार्म, न्यूज चौनल, समाचार पत्रों आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये। साथ ही बारिश-बर्फबारी के मद्देनजर श्रद्धालुओं से आग्रह करें कि वे मौसम के मद्देनजर संभल कर और मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार मौसम के साफ होने पर यात्रा प्रारंभ करें।
DGRE Chandigarh द्वारा जनपद उत्तरकाशी, चमोली एवं रूद्रप्रयाग हेतु पूर्व में जारी की गई ।Avalanche warning के सम्बन्ध में जिला प्रशासन एवं सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए समय से अग्रेत्तर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये ।

आपदा प्रबन्धन के दृष्टिगत यह आवश्यक होगा कि आप अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत पुलिस बल, एसडीआरएफ, फॉयर सर्विस, आपदा प्रशिक्षित कर्मियों एवं सम्बन्धित संशाधनों यथा-वाहनों, फायर सम्बन्धी उपकरणों एवं अन्य उपकरणों को सर्तक कर तैयारी की स्थिति में रखें, जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में उन्हें आपदा प्रभावित क्षेत्र में बचाव राहत कार्य में तत्काल प्रयोग में लाया जा सके। यह भी आवश्यक है कि बचाव दलों को पूर्व से ही जनपदों के ऐसे स्थानों पर नियुक्त कर दिया जाये, जहां आपदा आने की सम्भावना अधिक रहती है, जिससे तत्काल बचाव राहत की कार्यवाही की जा सके।

चारधाम यात्रा/पर्यटन सीजन के दृष्टिगत गढ़वाल परिक्षेत्र के समस्त जनपद प्रभारी यात्रा रूटों पर आवश्यकतानुसार पुलिस एंव यातायात पुलिस के कार्मिकों को नियुक्त करते हुए यातायात व्यवस्था का सुचारू रूप से संचालन कराना सुनिश्चित करें ।

किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति तथा श्रद्धालुओं की अत्याधिक संख्या में वृद्धि होने की सम्भावनाओं के दृष्टिगत अपने-अपने जिला मजिस्ट्रेटों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए श्रद्धालुओं के ठहरने आदि के सम्बन्ध में स्थानों को चिन्हित कराते हुए वैकल्पिक व्यवस्थायें समय से पूर्ण करा ली जाये।

चारधाम यात्रा के दृष्टिगत गढ़वाल परिक्षेत्र के समस्त जनपद प्रभारी आपस में समन्वय स्थापित करते हुए अपने-अपने जनपदों से धामों हेतु प्रस्थान/आगमन करने वाले श्रद्धालुओं/यात्रियों की संख्या के सम्बन्ध में सम्बन्धित वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक को दूरभाष/व्हाट्सएप आदि के माध्यम से समय से अवगत करायें।

चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों/श्रद्धालुओं को पंजीकरण के दौरान अनावश्यक परेशानी न होने के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों के साथ भी समन्वय स्थापित किया जाये।

इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- श्री वी मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना एवं सुरक्षा- श्री ए पी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र- श्री करन सिंह नगन्याल, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

गरुड़ चट्टी में खुले अंग्रेजी शराब के ठेके के विरूद्ध में संत समाज ने खोला मोर्चा बोले, अगर सरकार नहीं उठाएगी कोई कदम तो त्याग देंगे अन्न जल

0

ऋषिकेश, जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत नीलकंठ मार्ग पर स्थित गरुड़ चट्टी में गंगा से कुछ दूरी पर खुले अंग्रेजी शराब ठेके के विरूद्ध संत समाज ने मोर्चा खोल दिया है। अखिल भारतीय संत समिति और व्यक्त वैष्णव मंडल के संयुक्त तत्वाधान में संतो ने ठेके के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया। इस दौरान सांकेतिक जाम भी लगाया। संतो ने घोषणा करी कि यदि सरकार इस मामले में कोई कदम नहीं उठाती है तो आंदोलन के साथ संत अन्न जल भी त्याग देंगे। नीलकंठ मार्ग गरुड़ चट्टी में खोले गए अंग्रेजी शराब के ठेके के खिलाफ स्थानीय नागरिक और संगठन प्रदर्शन कर चुके हैं इस मामले में अखिल भारतीय संत समिति और विरक्त वैष्णो मंडल की ओर से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजकर इस ठेके को तत्काल बंद करने की मांग की गई थी। दो दिन पूर्व संतों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से भी मिला था। उनके समक्ष भी इस मांग को दोहराया गया था।

रविवार को संतो ने ठेके के समीप धरना देकर सांकेतिक जाम लगाया। विरक्त वैष्णव मंडल के अध्यक्ष श्री राम तपस्थली आश्रम ब्रम्हपुरी के महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज, तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य, जगन्नाथ आश्रम के महंत लोकेश दास के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे संतो ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक और भाजपा की सरकार अपने आपको राम भक्त कहलाने का दावा करती है, वहीं दूसरी और पूरे उत्तराखंड में जगह जगह शराब के ठेके खोलकर देवभूमि उत्तराखंड के युवाओं को नशे में झोंकने का काम रही है।

जिससे देव भूमि की गरिमा को ठेस पहुंच रही है। जिलाधिकारी पौड़ी ने गरुड़ चट्टी में खोले गए ठेके को अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने के निर्देश भी दिए थे। उसके बावजूद इसी स्थान पर ठेके में खुलेआम शराब बेची जा रही है, जिसके कारण नीलकंठ महादेव पर जल चढ़ाने जाने वाले तीर्थ यात्रियों की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है।

इतना ही नहीं इस ठेके के गरुड़ चट्टी में खुलने के बाद राफ्टिंग करने वाले पर्यटक भी शराब पीकर शांत क्षेत्र में हुड़दंग मचा रहे हैं। महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने कहा कि कुंभ क्षेत्र में इस तरह की गतिविधियां संत समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। गंगा किनारे आश्रमों कुटियाओं,मठ मंदिरों में भजन कीर्तन और तप करने वाले संतो की साधना बाधित हो रही है। जब तक गरुड़ चट्टी में खुला ठेका बंद नहीं होगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

सरकार नहीं चेती तो संत अन्न जल के साथ अपने प्राण ‌भी त्याग देंगे। धरना देने वाले संतों में स्वामी अखंडानंद ,महंत छोटन दास, स्वामी श्यामसुंदर दास, स्वामी प्रमोद दास, स्वामी महावीर दास, स्वामी शिव स्वरूप दास, स्वामी रामकृष्ण दास, स्वामी योगाचार्य,स्वामी चिन्मयानंद, स्वामी रामदास, स्वामी रघुनाथ दास, के अलावा कमल सिंह, सुरेंद्र नेगी, पुरुषोत्तम तिवारी, प्रधान नैन सिंह, प्रधान चंदर, प्रधान आशीष थलवाल, विनोद भंडारी, स्वयंवर सिंह आदि शामिल रहे।

पारंपरिक ऊर्जा स्रोत भविष्य में समाप्त हो जाएंगे इसलिए यह आवश्यक है कि हमें पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण के लिए प्रयास करना चाहिए : डॉ. धन सिंह रावत

0

इंडियन ऑयल की ओर से सक्षम 2023 कार्यक्रम का आयोजन किया गया

देहरादून, सक्षम एक महीने की अवधि का पीसीआरए का वार्षिक प्रमुख कार्यक्रम है। यह नागरिकों को स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए ईंधन संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ भारत को कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करने के लिए आयोजित किया जाता है।

सक्षम-2023 का उद्घाटन आज 24 अप्रैल 2023 को आईआईपी देहरादून में किया गया। उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप् में मौजूद रहें। उन्होंने अपने भाषण में ऊर्जा संरक्षण के लिए नए उपायों और पहलों को अपनाने पर जोर दिया एवं उन्होंने कहा कि ’चूंकि पारंपरिक ऊर्जा स्रोत भविष्य में समाप्त हो जाएंगे इसलिए यह आवश्यक है कि हमें पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण के लिए प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम में डॉ. धन सिंह रावत ने देश की प्रगति के लिए दुर्लभ संसाधनों को लंबे समय तक चलाने के लिए हमारी गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण का संकल्प भी दिलाया ।

इस अवसर पर आईआईपी के निदेशक श्री अंजन राय ने भी वैकल्पिक ऊर्जा का उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि इससे कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर डॉ. सुनील पाठक ने अपने भाषण में देश में की जा रही कई नई पहलों की जानकारी दी। इस अवसर पर छात्रों द्वारा वॉकथॉन भी किया गया।

प्रभात कुमार वर्मा, डीआरएसएच देहरादून इंडियन ऑयल और एसएलसी उत्तराखंड ने सक्षम-2023 के एजेंडे और उत्तराखंड में की जाने वाली गतिविधियों को साझा किया। श्री निशांत कुमार टीएम बीपीसीएल ने हमारे दैनिक जीवन में ऊर्जा बचत युक्तियों को भी साझा किया। कार्यक्रम में श्री दीपक कौशिक डीजीएम देहरादून रिटेल एचपीसीएल द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया।

राहुल गांधी ने खाली किया सरकारी आवास, अधिकारियों को सौंपी चाबी, मां सोनिया के बंगले में हुए शिफ्ट

0

नई दिल्ली, राहुल गांधी ने आज अपना सरकारी घर खाली कर दिया है। इस दौरान राहुल गांधी के साथ बहन प्रियंका गांधी, मां सोनिया गांधी और राज्यसभा सांसद केसी वेनुगोपाल उनके आवास पर स्थान पर पहुंचे थे। राहुल घर खाली करते हुए भावुक दिखाई दे रहे थे। राहुल ने कहा कि यह घर उन्हें देश की जनता ने दिया था, जिसमें वह पिछले 19 साल से यहां रह रहे थे। इस दौरान उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए फिर स्पष्ट किया कि सरकार के खिलाफ सच बोलते रहेंगे।

राहुल गांधी ने 12 तुगलक लेन वाला सरकारी बंगला खाली किया है जिसके बाद उन्होंने घर की चाबियां सरकारी अधिकारी को सौंप दी हैं। राहुल गांधी इस दौरान अपनी मां सोनिया गांधी के साथ उनके आवास में रहेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका घर चीना जा रहा है। प्रियंका गांधी ने राहुल के समर्थन में बोलते हुए कहा कि सरकार के बारे में सच बोला है, इसलिए उनके साथ ये सब हो रहा है। राहुल गांधी बहुत हिम्मत वाले हैं और किसी से नहीं डरते हैं, वह डरेंगे नहीं और अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

सुनील की किताब विभिन्न वर्गों की आजादी के आंदोलन में योगदान को रेखांकित करती है : अनिल नौरिया

0

गांधी की राह पर देहरादून (1919-1947) के लोकार्पण व पुस्तक पर चर्चा पर हुआ कार्यक्रम आयोजित, सुरजीत किशोर दास पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड ने बतौर मुख्य अतिथि रहे मौजूद

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र तथा समय साक्ष्य प्रकाशन की ओर से आज दून पुस्तकालय के सभागार में लेखक सुनील भट्ट की देहरादून के इतिहास पर सद्य प्रकाशित कृति गांधी की राह पर देहरादून : 1919-1947 के लोकार्पण व पुस्तक पर चर्चा का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि सुरजीत किशोर दास, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड थे। मुख्य वक्ता के रूप में अनिल नौरिया , लेखक और अधिवक्ता, उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली मौजूद थे। बिजू नेगी, गांधीवादी विचारक और लोकेश ओहरी, समाज विज्ञानी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस पुस्तक की समीक्षा संजय कोठियाल, सम्पादक युगवाणी ने की। कार्यक्रम का संचालन इतिहासकार डॉ.योगेश धस्माना ने किया। उपस्थित लोगों के प्रति धन्यवाद दून पुस्तकालय के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने दिया। कार्यक्रम में तन्मय ममगाईं, प्रकाशक प्रवीन भट्ट, रानू बिष्ट, सुंदर सिंह बिष्ट सहित शहर के प्रबुद्धजन, इतिहासकार, साहित्यकार, लेखक व युवा पाठक व अन्य लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव श्री एस. के. दास मौजूद थे। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में उत्तराखंड का खूब योगदान रहा। उन्होंने याद करते हुए कहा कि देश भले ही 15 अगस्त को आजाद हुआ लेकिन अल्मोड़ा में 8 अगस्त को ही स्वतंत्रता का झंडा फहरा दिया गया था। उन्होंने कहा कि उस दौर में कॉंग्रेस एक पार्टी नहीं बल्कि एक आंदोलन थी।May be an image of 4 people
कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता आये सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता व लेखक अनिल नौरिया ने कहा सुनील की किताब विभिन्न वर्गों की आजादी के आंदोलन में योगदान को रेखांकित करती है। यह किताब बताती है कि आजादी के आंदोलन में कौन सक्रिय था कौन जेल जा रहा था। उन्होंने कहा कि देहरादून देश की आजादी के केंद्र में रही और इसे देश की राजधानी के लिए भी कंसीडर किया गया था। उन्होंने कहा कि सिर्फ गांधी ही नहीं बल्कि मोती लाल नेहरू, पटेल, नेहरू आदि भी देहरादून आते रहे।
गांधीवादी विजु नेगी ने कहा कि पेशावर दिवस और विश्व पुस्तक दिवस के दिन यह बहुत ही प्रासंगिक आयोजन है। उन्होंने कहा कि नेहरू 4 साल से अधिक समय तक देहरादून की जेल में रहे। नेहरू ने अपनी विश्व इतिहास पर किताब भी देहरादून जेल में ही लिखी। उन्होंने कहा कि देहरादून के खाराखेत में आजादी के आंदोलन के दौर में नमक सत्याग्रह हुआ था।
इतिहासकार व समाज सेवी लोकेश ओहरी ने कहा कि देहरादून का इतिहास गौरवशाली रहा है। इस गौरव को बचाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देहरादून की जेल और तहसील जैसे भवन आजादी के दौर से जुड़ी रही हैं लेकिन इन्हें मिटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इतिहास को स्थानीय। संदर्भों से जोड़े जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्थानीय इतिहास पढ़ाये जाने की जरूरत है।

युगवाणी के संपादक संजय कोठियाल ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए आजादी के आंदोलन के दौर में उत्तराखंड की सक्रियता पर बात की। उन्होंने कहा कि देहरादून के स्वतंत्रता सेनानियों की पहचान अन्तरराष्ट्रीय फलक पर रही है। उन्होंने अपने संबोधन में उत्तराखंड में गांधी की यात्राओं का विवरण भी रखा।
पुस्तक के लेखक सुनील भट्ट ने कहा कि इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा देहरादून के क्रिश्चियन रिट्रीट सेंटर में गांधी जी द्वारा रोपे गये पेड़ से मिली। भक्त दर्शन की गढ़वाल की दिवंगत विभूतियाँ, से लेकर गुरुकुल महाविद्यालय, ज्वालापुर , दिल्ली में तीन मूर्ति भवन स्थित नेहरू लाइब्रेरी के अस्सी-सौ साल पुराने अखबारों की माइक्रो-फिल्म्स तथा दून पुस्तकालय की पुस्तकों, राज्य अभिलेखागार, देहरादून में मौजूद पुराने मुकदमों की फाइलों और विश्वम्भर दत्त चंदोला अध्ययन एवं शोध संस्थान में रखे गढ़वाली पत्र के अंकों के स्रोत से एकत्रित जानकारियों व सूचनाओं को सूचीबद्ध कर पुस्तक के रूप में सामने रखने का प्रयास किया है।

पुस्तक परिचय :
आजादी की लड़ाई में देहरादून का शानदार योगदान रहा। जब-जब गांधीजी ने आंदोलन छेड़ा, देहरादून कंधे से कंधा मिलाकर चला। राजपुर, मसूरी, ऋषिकेश, भोगपुर, डोईवाला, सहसपुर, चोहड़पुर, कालसी कोई इलाका पीछे नहीं रहा। 1919 में रौलेट बिलों के खिलाफ हड़ताल हो या 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 में खाराखेत का नमक-सत्याग्रह हो या 1932 में साधुओं का सत्याग्रह, 1941 में गाँव-गाँव की भागीदारी हो या 1942 में जेल की क्षमता से कहीं ज्यादा कैदियों का भर जाना हो, देहरादून की सक्रियता देखते ही बनी। ये तमाम घटनाएं सिर्फ देहरादून ही नहीं समूचे उत्तराखंड की गौरव – गाथा हैं।
लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बोस, मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय, सरोजिनी नायडू, जवाहरलाल नेहरू जैसे अनेक कद्दावर नेता यहाँ आते रहे। गांधीजी खुद यहाँ तीन बार आए। रास बिहारी बोस व एम.एन. रॉय सरीखे अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रांतिकारियों ने इसे अपनी कर्मभूमि बनाया। सौ साल पुराने अखबारों के अध्ययन और स्वतंत्रता सेनानियों पर चले मुकदमों के दस्तावेजों को आधार बनाकर रची गई यह पुस्तक देहरादून के इतिहास पर एक प्रामाणिक दस्तावेज है। यह पुस्तक समय साक्ष्य द्वारा प्रकाशित की गई है।

लेखक परिचय :
देहरादून में पले-बढ़े और दिल्ली- गाजियाबाद में जीवन-यापन कर रहे सुनील भट्ट देहरादून और साहिर लुधियानवी के दीवाने हैं। साहिर पर अनेक रचनाओं, ब्लॉग लेखन के अलावा उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
पिछले चार वर्षों से वे देहरादून की स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सेदारी पर युगवाणी में मासिक शृंखला लेखन कर रहे हैं। इस शृंखला ने देहरादून के इतिहास पर एक नई रोशनी डाली है ।
इसके अलावा व्यंग्य, कहानियां, कविताएं व गजल आउटलुक, नया ज्ञानोदय, शुक्रवार, जनसत्ता, दैनिक जागरण, परिकथा, लफ्ज़, अमर उजाला, पाखी आदि में प्रकाशित। राष्ट्रीय सहारा, विज्ञान प्रगति, द पायनियर, द स्टेट्समैन आदि में हिन्दी व अंग्रेजी में विज्ञानपरक व पर्यावरण संबंधी रचनाएं भी प्रकाशित। सन् 2020 में साहित्य अकादेमी द्वारा प्रकाशित प्रतिनिधि बाल कविता संचयन में कविताएं भी सम्मिलित हैं |