Monday, May 19, 2025
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होम स्टे में मेड के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास, तीन गिरफ्तार

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भीमताल(नैनीताल), भीमताल क्षेत्रांतर्गत संचालित एक होम स्टे के केयर टेकर्स द्वारा पर्यटकों की मेड के कमरे में जाकर मेड के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया गया।
पर्यटकों द्वारा जिस संबंध में थाना भीमताल में कल दिनांक 26.04.2023 को मुकदमा अपराध संख्या- 27/2023, धारा 376/452/511 भादवि बनाम किशोर आदि पंजीकृत किया गया था। उक्त मुकदमा से संबंधित अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी/तलाश हेतु सीओ भीमताल। नितिन लोहनी के पर्यवेक्षण एवम थानाध्यक्ष भीमताल विमल मिश्र के नेतृत्व में तत्काल स्थानीय पुलिस टीम का गठन किया गया।
उक्त पुलिस टीम द्वारा तात्कालिक रूप से धरपकड़ कर घटना में संलिप्त निम्न अभियुक्त
ग्राम बांस तोली कांडा जनपद बागेश्वर निवासी किशोर राम, ग्राम मंड गोपेश्वर कांडा जनपद बागेश्वर निवासी रोशन लाल, साकेत कॉलोनी भीमताल जनपद नैनीताल को गिरफ्तार कर दिनांक 27.04.2023 को माननीय न्यायालय नैनीताल में पेश किया गया माननीय न्यायालय नैनीताल द्वारा अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।

 

मानवता की मिसाल : बुजुर्ग श्रद्धालु का बेटा बनकर पुलिस के जवानों ने किया दाह संस्कार

उत्तरकाशी, मानवता की मिसाल पेश करते हुये उत्तराखंड़ पुलिसकर्मियों ने ऐसा पुण्य कार्य किया जिसे देखकर उत्तराखंड की मित्र पुलिस पर गर्व होने लगता है, ऐसा ही कार्य किया है इस बार उत्तरकाशी पुलिस ने उत्तरकाशी पुलिस के जवानों ने पश्चिम बंगाल से चार धाम यात्रा हेतु आए 75 वर्षीय बुजुर्ग श्रद्धालु का बेटा बनकर दाह संस्कार किया। विगत दिनों पूर्व चार धाम यात्रा हेतु आए हुए 75 वर्षीय बुजुर्ग श्रद्धालु प्रदीप कुमार की हृदय गति रुकने से गंगोत्री धाम में मौत हो गई थी, जब इसकी सूचना उनकी पत्नी व परिचितों को दी गई तो उनकी धर्मपत्नी द्वारा बताया गया कि उनकी कोई संतान नहीं है और मृत शरीर को वापस पश्चिम बंगाल ले जाना उनके लिए संभव नहीं है। ऐसे में उत्तरकाशी पुलिस के जवानों द्वारा खुद उक्त बुजुर्ग का बेटा बनकर सनातनी रीति-रिवाजों से उनका दाह संस्कार केदारघाट पर किया गया।
पुलिस कर्मियों का ऐसा मानवीय चेहरा बेहद कम देखने को मिलता है परंतु जब भी पुलिसकर्मी इस तरह का मानवीय व्यवहार करते हैं तो अपनी उत्तराखंड की मित्र पुलिस पर बेहद गर्व होता है, बेटा बनकर बुजुर्ग व्यक्ति का दाह संस्कार करने वाले पुलिसकर्मियों की सकारात्मकता के साधुवाद |

मुनस्यारी की तीन ग्राम पंचायतें मुर्गी पालन विलेज के रूप में होगी विकसित

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पिथौरागढ़ (मुनस्यारी), जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया की पहल के बाद विकास खंड मुनस्यारी के तीन ग्राम पंचायतों को मुर्गी पालन विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस क्रम में 59 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। 38 यूनिट मुर्गी के चूज़े तथा आवश्यक सामान का आज वितरण कर इस मुहिम को शुरू कर दिया गया है। इस पहल से मुर्गी पालकों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने थैंक्यू प्रशासन तथा जिपंस कहा।
जिपंस जगत मर्तोलिया ने मुहिम शुरू की है कि एक ग्राम पंचायत एक उत्पाद तथा एक न्याय पंचायत एक उत्पाद पर धरातल पर कार्य कर मुनस्यारी को नया आयाम दिया जाए।
मुख्य विकास अधिकारी वरुण चौधरी के सहयोग से एसबीआई आरईसीटी पिथौरागढ़ द्वारा ग्राम पंचायत मल्ला घोरपट्टा, तल्ला घोरपट्टा तथा तल्ला दुम्मर में महिला स्वयं सहायता समूहों तथा उनके परिजनों सहित कुल 59 लोगों को दस दिवसीय मुर्गी पालन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
पशुपालन विभाग पिथौरागढ़ द्वारा आज तीनों ग्राम पंचायतों के 38 लोगों को मुर्गी के चूज़े, दाना, जाली अन्य सामान दिया गया।
पशुचिकित्साधिकारी डां स्वाति अग्रवाल ने इसकी शुरुआत करते हुए मुर्गी पालकों को तकनीकी जानकारी भी दी।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि पशुपालन विभाग इन तीनों ग्राम पंचायतों को लगातार अपनी निगरानी में रखकर मुर्गी पालन विलेज को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने जिला अधिकारी रीना जोशी, मुख्य विकास अधिकारी वरुण चौधरी सहित पशुपालन विभाग, एसबीआई आरईसीटी पिथौरागढ़ का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान पंकज सिंह बृजवाल, कृष्णा सिंह सयाना, मनोज मर्तोलिया, ग्राम संगठन की अध्यक्ष दीपा, कमला, पुष्पा आदि मौजूद रहे।

मेडिकल कैम्पों में मात्र जनजाति समुदाय के रोगियों की ख़ून की जांच करने पर जिपं सदस्य मर्तोलिया ने जताई कड़ी आपत्ति

 

मुनस्यारी, जिपंस जगत मर्तोलिया ने ग्राम पंचायतों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित मेडिकल कैम्पों में मात्र जनजाति समुदाय के रोगियों की ख़ून की जांच करने पर कड़ी आपत्ति जताई। कहा कि रोगियों का विभाजन जाति के आधार पर करना स्वीकार नहीं है। सीएमओ, सीडीओ तथा डीएम को शिकायती पत्र भेजकर इस तरह के मेडिकल कैम्पों पर रोक लगाने की मांग की।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन दिनों मेडिकल कैम्प लगाकर शरीर में खून की मात्रा की जांच की जा रही है। जांच में मात्र जनजाति समुदाय के रोगियों को लाभान्वित किए जाने पर जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया भड़क गए। उन्होंने कहा कि पहली बार सुना कि रोगियों का इलाज जाति पूछकर होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार की भी इस तरह की मंशा है तो उन्हें स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके जिला पंचायत निर्वाचन क्षेत्र के 25 ग्राम पंचायत चीन सीमा से लगे हुए है। इन ग्राम पंचायतों में इस तरह के मेडिकल कैम्पों की एक बार नहीं हर छः महीने में आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कैंप में रोगियों से जाति पूछकर इलाज हो रहा है तो उन्हें यह किसी भी कीमत में मंजूर नहीं है।
उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी पिथौरागढ़ को तत्काल प्रभाव से इन कैम्पो पर रोक लगाने की मांग की। कहा कि ऐसा नहीं किया गया तो वे सीएमओ कार्यालय पिथौरागढ़ में धरना प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार तथा विभाग की इस संर्कीण सोच पर उन्हें आत्मग्लानि हो रही है। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय अधिकारियों को भी इस तरह की सोच को धरातल पर ले जाने से पहले जनप्रतिनिधियों के साथ बातचीत करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कैंप बंद नहीं हुए तो वे अधिकारियों पर जातिवाद भड़काने का मुकदमा भी दायर करने से पीछे नहीं हटेंगे।

 

केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बर्फबारी, यात्रियों को परेशानियों का करना पड़ रहा सामना

केदारनाथ धाम में 2 दिनों से लगातार हो रही बर्फबारी, तापमान शून्य से 8  डिग्री नीचे – News18 हिंदी

रुद्रप्रयाग, केदारनाथ धाम में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे यात्रियों के सामने दिक्कतें आ रही है। पर्याप्त रेन सेल्टर न होने से यात्रियों को बर्फबारी के बीच परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इधर, पुलिस ने रुद्रप्रयाग सहित अनेक यात्रा पड़ावों पर यात्रियों से आग्रह किया है वे सुरक्षित स्थानों पर ही ठहरें ताकि केदारनाथ में उन्हें बर्फबारी के बीच परेशानियां न उठानी पड़े। इस बार केदारनाथ यात्रा में मौसम सबसे बड़ा बाधा पैदा कर रहा है। लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण केदारनाथ में स्थानीय लोगों के साथ ही प्रशासन को व्यवस्थाएं बनाने में मुश्किलें आ रही है। कपाट खुलने से पहले जारी बर्फबारी अब भी लगातार जारी है ऐसे में यहां जरूरी व्यवस्थाएं जुटाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं।

केदारनाथ धाम में जमकर बर्फबारी हुई। जबकि रुद्रप्रयाग सहित जनपद के सभी प्रमुख नगरों में झमाझम बारिश हुई। केदारनाथ धाम में बर्फबारी अब यात्रियों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है। गौरीकुंड से लिंचौली तक बारिश और फिर केदारनाथ धाम में बर्फबारी दिक्कतें पैदा कर रही है। मार्ग के साथ ही घोड़ा पड़ाव केदारनाथ में पर्याप्त रेन सेल्टर न होने से भी बर्फ के बीच यात्रियों को पेरशानियां हो रही है। हालांकि प्रशासन और पुलिस लगातार यात्रियों को मौसम के प्रति सर्तक कर रहा है।

साथ ही आग्रह कर रहा है कि यात्रा के लिए अभी पर्याप्त समय है इसलिए मौसम का अपडेट लेकर ही केदारनाथ यात्रा पर आएं। पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि केदारनाथ में लगातार बर्फबारी हो रही है इसलिए यात्री मौसम का अपडेट और जानकारी लेकर ही यात्रा का प्लान करें।

हरिद्वार-देहरादून हाईवे पर पति-पत्नी समेत एक बच्ची को रोडवेज बस ने कुचला, मौके पर हुई मौत

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ऋषिकेश, हरिद्वार-देहरादून नेशनल हाईवे पर रोडवेज की एक वोल्वो बस ने बाइक सवार पति-पत्नी और उनकी 12 साल की भतीजी को कुचल दिया। इस दौरान महिला और बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, युवक ने गंभीर चोटें लगने के चलते एम्स ऋषिकेश में दम तोड़ दिया। शवों को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रायवाला पुलिस के मुताबिक बाइक सवार शाहबान (32) पुत्र इश्तियाक निवासी ग्राम सराय, ज्वालापुर, हरिद्वार पत्नी आसमा (28) और भतीजी मिस्भा पुत्री शाहजाद हरिद्वार की ओर जा रहे थे।

इसी बीच मोतीचूर के जंगल में फ्लाईओवर पर चढ़ने से पहले ही उनकी बाइक अनियंत्रित होकर सामने चल रही बाइक से टकरा गई। पति, पत्नी और भतीजी जैसे ही हाईवे पर गिरे, तो पीछे से तेज गति में आ रही रोडवेज बस ने उन्हें कुचल दिया। राहगीरों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही आसमा और मिस्भा ने दम तोड़ दिया। जख्मी हालत में शाहबान को आपातकालीन सेवा से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया।

थानाध्यक्ष कुलदीप पंत ने बताया कि एम्स में इलाज के दौरान शाहबान की भी मौत हो गई। शवों को पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रोडवेज बस को कब्जे में ले लिया गया है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है। शिकायत मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। बताया कि जिस बाइक से शहबान की बाइक टकराई थी, वह शख्स मौके पर नहीं मिला है। उधर, इस घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।

कोटद्वार के सिनेमाघर में 28 अप्रैल से प्रदर्शित होगी ‘यु कनु रिश्ता’ गढ़वाली फिल्म

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कोटद्वार, क्रिएटिव पीपल के बैनर तले बनी सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के उपन्यास पर बनी गढ़वाली फिल्म ‘यु कन्नु रिस्ता’ शुक्रवार 28 अप्रैल, से कोटद्वार के Kay Cinemas में प्रदर्शित की जाएगी। फिल्म रोज एक GB शो सुबह 10:00 बजे से प्रदर्शित होगी।
आज यहां स्थानीय एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए फिल्म की निर्माता अंकित कन्या ने बताया कि डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के उपन्यास पर बनी फिल्म ‘यु कन्नु रिस्ता’ एक शिक्षिका द्वारा अपनी छात्र के असाध्य रोग के ईलाज के लिए किये गए संघर्ष की कहानी है। वहीँ दूसरी ओर उत्तराखंड की महान सैन्य परम्परा के तहत एक शहीद के परिवार की कथा का विन्यास भी इसमें जुड़ा हैऔर नारी सशक्तिकरण पर भी आधारित है।

निर्माता अंकित कंडियाल ‘लक्की’ ने कहा कि फिल्म के निर्देशक गणेश वीरान तथा वी.एस. नेगी है। कला निर्देशक राज नेगी, प्रोडक्शन मैनेजर प्रदीप नेगी व प्रदीप नैथानी, कार्यकारी निर्माता डॉ. बेचैन कंडियाल हैं। फिल्म में गीत डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने खुद लिखे हैं, जबकि पटकथा सम्वाद सुशीला रावत ने लिखी हैं। संगीत वीरेन्द्र नेगी ने दिया है और गीतों को सत्य अधिकारी, अनुराधा निराला, वीरेंद्र राही तथा उषा भट्ट पाण्डेय ने अपना स्वर दिया है।

फिल्म में उत्तराखंड के सभी मशहूर कलाकार है, जिसमें राजेश मालगुड़ी, अंकिता परिहार, परमेंद्र रावत, सुशीला रावत, गोपाल सिंह रावत, राजेश नौगाई, कुसुम चौहान, धर्मेन्द्र चौहान, नवल सेमवाल, इन्दू भट्ट, अजय बिष्ट, बाल कृष्ण चमोली, सतेश्वरी भट्ट, मानसी शर्मा, दिव्यांशी कुमोला तथा बालकलाकारों में अंशुल नेगी, कोमल किमोठी, प्रिया बुटोला आदि शामिल हैं । फिल्म के प्रोडक्शन मैनेजर प्रदीप नेगी व कंट्रोलर आश्ना नेगी है। डी.ओ.पी. मनोहर सती है।

ज्ञात हो कि गत दिनों करनाल में आयोजित ‘हरियाणा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ में ‘यु कन्नु रिस्ता’ को बेस्ट ज्यूरी चॉइस अवार्ड’ से नवाजा गया है। वहीं दिल्ली में आयोजित अरावली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में फिल्म को बेस्ट स्टोरी का अवार्ड मिला है।

फिल्म पिछले महीने देहरादून के सिल्वर सिटी मॉल में रिलीज की गई थी, जहां फिल्म तीन हफ्ते तक हाउस फुल चली और दर्शकों ने इसे खूब सराहा। इसके बाद फिल्म ऋषिकेश के रामा पैलेस में एक हफ्ते चली जहां ऋषिकेश की जनता का बहुत प्यार मिला।

पत्रकार वार्ता में फिल्म की अभिनेत्री अंकिता परिहार, खलनायक राजेश नौगाई, वित्त नियंत्रक आशना नेगी, प्रोडक्शन मैनेजर प्रदीप नैथानी के अलावा सतीश गौड, राम प्रकाश शर्मा, राज गौरव नौटियाल, योगेश अग्रवाल, प्रमोद डोबरियाल अनेकों स्थानीय वरिष्ट नागरिक भी मौजूद थे।

 

निगम में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने इंटरनेट के कारण उत्पन्न हो रही बाधा, समाधान के लिये नगर आयुक्त से मिले भाजपा नेता सचिन गुप्ता

देहरादून, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं पूर्व पार्षद सचिन गुप्ता ने नगर निगम में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनने में आ रही दिक्कत को लेकर नगर आयुक्त से मिले, भाजपा नेता ने नगर आयुक्त को बताया कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कक्ष में लगा इन्टरनेट कनेक्शन आए दिन बाधित रहता है जिससे आम जनता को प्रमाण पत्र बनवाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अप्रैल माह स्कूल, कालेजों के साथ अन्य संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया आरंभ हो गयी और लोगों को जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन पिछले दो दिनों से नगर निगम में इन्टरनेट बंद होने के कारण जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे है I सचिन गुप्ता ने नगर आयुक्त से जनहित में मांग की है कि निगम में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र कार्य बाधित न हो इस हेतु इन्टरनेट की वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे देहरादून की जनता को परेशानी न हो |

उत्तराखंड हाईकोर्ट को मिले तीन नये जज, नियुक्ति को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी

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नैनीताल, उत्तराखंड हाईकोर्ट के तीन नए जजों की नियुक्ति को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। राष्ट्रपति भवन से जारी आदेश की प्रति नैनीताल हाईकोर्ट भी पहुंच चुकी है। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश थपलियाल, पंकज पुरोहित व रजिस्ट्रार जनरल विवेक भारती को हाईकोर्ट के नए जजों के पद पर नियुक्त करने के आदेश जारी हुए हैं। शुक्रवार को तीनों जज शपथ ले सकते हैं।

भारत के राष्ट्रपति की तरफ से जारी पत्र के अनुसार उत्तराखंड उच्च न्यायालय में तीन नए जजों की नियुक्ति की जा रही है। लंबे समय से लंबित जजों की नियुक्ति को 27 अप्रैल के पत्र के बाद तय माना जा रहा है। न्यायालय में कुल 11 जजों की स्ट्रेंथ है, जिसमें से न्यायालय में वर्तमान में केवल पांच जज ही उपलब्ध थे।
आज तीन नए जजों के आने के बाद अब हाईकोर्ट में जजों की संख्या आठ तक पहुंच जाएगी।

 

दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में पाश्चात्य एवं हिन्दुस्तानी संगीत के विशेषज्ञ निकोलस हाॅफलैण्ड ने दिया वाद्य यंत्रों पर एक वीडियो व्याख्यान

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र द्वारा पुस्तक लोकार्पण, चर्चा, संगीत, वृतचित्र, फिल्म, लोक परम्परा, लोक कला, इतिहास, सामाजिक विज्ञान व पर्यावरण पर केन्द्रित विविध कार्यक्रम किये जाते हैं। इन कार्यक्रमों को यह संस्थान अब एक कलैण्डर के रूप में विकसित करने की ओर प्रयासरत है।
गुरूवार को संस्थान के सभागार में पाश्चात्य एवं हिन्दुस्तानी संगीत के विशेषज्ञ निकोलस हाॅफलैण्ड द्वारा सांय 4-6 बजे के मध्य ‘‘हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में प्रयुक्त वाद्य यंत्रों पर एक विडियों व्याख्यान दिया गया। अपने व्याख्यान में निकोलस ने बताया कि प्रस्तुत व्याख्यान के माध्यम से यह वीडियो-व्याख्यान हिन्दुस्तानी शास्त्रीय, पश्चिमी शास्त्रीय और अन्य संगीत रूपों पर चल रही श्रृंखला का एक हिस्सा है। इसे किशोरों और युवाओं, वयस्कों पर केन्द्रित करने का प्रयास किया गया हैं ताकि सभी लोग हिन्दुस्तानी और विश्व संगीत के विभिन्न पहलुओं का आनंद उठा सकें। यह विशेष व्याख्यान दर्शकों को हिंदुस्तानी, कर्नाटक, ध्रुपद, लोक और फिल्म संगीत में इस्तेमाल होने वाले वाद्य यंत्रों की विभिन्न श्रेणियों से परिचित कराने का प्रयास करता है। यह वीडियो-व्याख्यान एक लोकप्रिय, सुखद प्रस्तुति का प्रारूप है जिसे संगीत वीडियों के माध्यम से सीखने और समझने के लिए प्रदर्शित किया गया।

उल्लेखनीय है कि निकोलस द्वारा इस तरह के वीडियो व्याख्यान समय-समय पर विविध मंचों पर आयोजित किये जाते रहे हैं। जिसमें लेखन संसाधन, डिजाइनिंग, व्यापार संचारक, कला, क्यूरेटर व संगीत संसाधन प्रतिभा का अद्भुत समन्वय दिखाई देता है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ ही पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत व पुराने हिन्दी फिल्मी संगीत के विविध पक्ष उनके व्याख्यानों में साफ तौर पर परिलक्षित होते हैं। आज के कार्यक्रम में प्रो. बी.के.जोशी, श्री सुरजीत किशोर दास, डाॅ. योगेश घस्माना, डॉ. मालविका चौहान, श्री जगदीश बावला, डाॅ. अतुल शर्मा, श्री चन्द्रशेखर तिवारी, सुन्दर सिंह बिष्ट सहित पुस्तकालय के युवा पाठक, संगीतकला में रूचि रखने वाले प्रबुद्वजन सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

हाई टेंशन लाइन में गंभीर रूप से झुलसा लाइनमैन, अस्पताल में भर्ती, हालत गंभीर

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हल्द्वानी, विद्युत की हाईटेंशन लाइन में काम करते समय एक लाइनमैन गंभीर रूप से झुलस गया। जानकारी के मुताबिक हल्द्वानी के बरेली रोड स्थित आईटीआई क्षेत्र में सुबह हाईटेंशन लाइन में काम कर रहे शक्तिफार्म निवासी 38 वर्षीय लाइनमैन राकेश रॉय को करंट के झटके लगे और वह गंभीर रूप से घायल हो गया और लाइन से ही छटपटाने लगा किसी तरह से साथियों की मदद से उसे नीचे उतारा गया।जिसके बाद गंभीर रूप से घायल लाइनमैन को सुशीला तिवारी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है, जहां उसका उपचार चल रहा है, पूरे मामले में बिजली विभाग के जेई धीरज पंत का कहना है कि हाईटेंशन लाइन में काम करने के लिए शटडाउन लिया था लेकिन उसको करंट कैसे लग गया इस बात का पता लगाने की जांच की जाएगी, बताया जा रहा है लाइनमैन राकेश ठेकेदार प्रेम जोशी के अंडर काम कर रहा था, अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर शटडाउन लेने के बाद विद्युत लाइन मैन को करंट कैसे लग गया यह भी प्रश्न मुंहबाये खड़ा है क्या कहीं बिजली विभाग की घोर लापरवाही रही, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा ।

कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास को अंतिम विदाई देने के लिए बागेश्वर में उमड़ी लोगों की भीड़, सीएम धामी समेत कई नेता पहुंचे बागेश्वर

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देहरादून, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास अंतिम विदाई देने के लिए बागेश्वर में लोगों की भीड़ उमड़ी। पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समेत तमाम नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बागेश्वर पहुंच गए हैं। चंदन राम दास के निधन पर प्रदेश में तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया गया है। धामी मंत्रिमंडल को चंदन राम दास की कमी हमेशा खलती रहेगी। सीधे, सरल और अपने मजाकियां अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले चंदन राम दास अपने कैबिनेट के सहयोगियों में काफी पसंद किए जाते थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का उनसे खास लगाव था। कई नए विधायकों और राजनेताओं के लिए वह राजनीति की एक प्रयोगशाला थे।
जानकारों का मानना है कि वर्ष 2007 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद उन्होंने 2012, 2017 और 2022 का चुनाव अपनी सियासी पकड़, कुशल चुनाव प्रबंधन और सीधे और सादगी भरे व्यक्तित्व के कारण जीता था। मंत्रिमंडल के अन्य साथी भी उनके लंबे राजनीतिक अनुभव से प्रभावित होकर उनसे मशविरा और मार्गदर्शन प्राप्त करते थे। दास के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इस पर लोगों की नजर टिक गई है। सबसे पहले नंबर दास की पत्नी पार्वती दास का हो सकता है। भाजपा दिवंगत नेताओं की पत्नियों को महत्व देती रही है।

इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भाजपा के कद्दावर नेता प्रकाश पंत का है। उनके निधन पर उनकी पत्नी चंद्रा पंत को भाजपा ने टिकट दिया था। इस लिहाज से देखा जाए तो स्व. चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास उनकी उत्तराधिकारी हो सकती हैं। बहुत कुछ उनकी (पार्वती दास) इच्छा पर भी निर्भर रहेगा। बहरहाल दास का उत्तराधिकारी दास के ही परिवार से आने की संभावना जताई जा रही है। दास के पुत्र गौरव दास भी पिता की विरासत संभाल सकते हैं।

श्री गुरु राम राय यूनिवर्सिटी एवं श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की ओर से ऋषिकेश में कैंसर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया

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कैंसर से डरना नहीं लड़ना है : वित मंत्री अग्रवाल

कैंसर जागरूकता शिविर के माध्यम से आमजन को कैंसर के घातक परिणाम उपचार बचाव एवम जानकारियों से कराया अवगत

देहरादून, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को कैंसर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों ने शिविर में कैंसर के बारे में विस्तृत जानकारी दी। शिविर का उद्देश्य भारत में कैंसर की बढ़ती घटनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और रोगियों को मुफ्त परामर्श और कैंसर जांच प्रदान करना था। कैबिनेट मंत्री उत्तरखण्ड सरकार प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि कैंसर से डरना नहीं लडना है। जनजागरूकता फैलाकर इस मुहिम को और आगे बढाया जा सकता है। इसमें समाज के हर आयु हर वर्ग की सहभागिता जरूरी है।

बुधवार को धनवंत्री भवन ऋषिकेश में कैंसर जागरूता शिविर का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवम् वित्त मंत्री उत्तराखण्ड सरकार प्रेमचंद अग्रवाल, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथ डाॅ अजय कुमार खण्डूड़ी, कुलसचिव श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय, विजय नौटियाल, अधिकृत हस्ताक्षर प्रबन्धक, श्री दरबार साहिब व डाॅ पंकज कुमार गर्ग, विभागाध्यक्ष कैंसर सर्जरी विभाग श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने संयुक्त रूप से किया। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग की ओर से किए जा रहे कार्यों की सरहाना की। उन्होंने श्रीमहंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज का आभार व्यक्त करते हुए उनके द्वारा स्वास्थ्य, चिकित्सा व शिक्षा के क्षेत्र में चलाई जा रही मुहिम की सराहना की। कैबिनेट मंत्री ने आश्वासन दिया कि अनिवार्य कैंसर अधिसूचना के लिए वह स्वास्थ्य मत्री से बात करेंगे ताकि कैंसर के सही आंकड़ों का पता लगाया जा सके।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यलाय के कुलसचिव डाॅ अजय कुमार खण्डूड.ी ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के आशीर्वचन प्रस्तुत किए।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ पंकज गर्ग ने भारत में कैंसर के बारे में कुछ चैंकाने वाले आंकड़े साझा किए। उन्होंने बताया कि भारत में हर साल लगभग 14-15 लाख नए कैंसर के मामले दर्ज किए जाते हैं। हालाँकि, भारत में डेटा की कम रिपोर्टिंग के कारण वास्तविक संख्या बहुत अधिक हो सकती है। उन्होंने कैंसर नियंत्रण के लिए तीन आयामी दृष्टिकोण – जोखिम में कमी, शीघ्र निदान और कैंसर उपचार के बुनियादी ढांचे में सुधार पर जोर दिया।

डॉ. गर्ग ने अपनी टीम (डॉ. अजीत तिवारी और डॉ. रचित आहूजा) के साथ मरीजों को मुफ्त परामर्श दिया और कैंसर की जांच की। मरीजों को कैंसर की रोकथाम, शुरुआती पहचान और उपचार के बारे में बहुमूल्य जानकारी दी गई। शिविर को स्थानीय समुदाय से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, सैकड़ों लोग परामर्श और स्क्रीनिंग के लिए आए। डॉ. गर्ग ने बताया कि श्री महंत अस्पताल उत्तराखंड के लोगों को सस्ती कीमतों पर अत्याधुनिक गुणवत्ता वाली कैंसर उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे बताया कि अस्पताल आयुष्मान और गोल्डन कार्ड लाभार्थियों को कैशलेस कैंसर उपचार की सुविधा प्रदान करता है।

कार्यक्रम में कैंसर सर्जन डाॅ अजीत तिवारी, डाॅ पल्लवी कौल, डाॅ रचित आहुजा व डाॅ राहुल कुमार ने भी कैंसर से जुडी महत्वपूर्णं जानकारियां दीं। विजय नौटियाल ने धन्यवाद ज्ञापन पड़ा। मंच संलान सिमरन अग्रवाल ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में पीआरो जितेन्द्र यादव , मानवेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र रतूडी, भास्कर मैंदाला आदि का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर एसजीआरआर पब्लिक स्कूल हरिद्वार, ऋषिकेश, शाखा व भानियावाला शाखा के शिक्षक, छात्र-छात्राएं व स्टाफ भी मौजूद थे।

चारधाम यात्रा : स्वास्थ्य विभाग की अनूठी पहल, यात्रियों की सुविधा के लिए 9 भाषाओं में जारी हुई यात्रा की एसओपी

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देहरादून, भगवान ब्रदीविशाल के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का विधिवत् श्रीगणेश शुरू गया है जबकि यमुनोत्री, गंगोत्री और बाबा केदारधाम के कपाट पहले ही खुल चुके हैं। चारधाम यात्रा का विधिवत् आगाज होते ही उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार लगातार चारोंधामों की स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े अधिकारियों से अपडेट लेने के साथ जरूरी निर्देश दे रहे हैं।

चारधाम यात्रियों की सुविधा को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार 9 भाषाओं में यात्रा की नई एसओपी जारी की है। मातृ भाषा हिन्दी के साथ ही तमिल, उडिया, कन्नड, मराठी, बंगाली, पंजाबी, गुजराती और अंग्रेजी में यह एसओपी आज जारी की गई है।

एसओपी जारी करते हुए मीडिया से बात करते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि हिन्दी सहित कुल 9 भाषाओं में एसओपी जारी की गई है। लोकल लैंग्वेज में एसओपी जारी होने से यात्रियों को सुविधा होगी। चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्री पूरी एसओपी का अध्यन करने के साथ पूरी तैयारी के साथ यात्रा में आयेंगे। स्वास्थ्य सचिव ने यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि पूरी तैयारी के साथ यात्रा पर आयें। यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें। सुगम और सुरक्षित यात्रा के लिए अपने शरीर को यात्रा के वातावरण के अनूकूल बनायें। जब आपका शरीर वातावरण के अनूकूल हो जाये तो फिर यात्रा करना शुरू करें। स्वास्थ्य संबधी किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर नजदीकी चिकित्सा इकाई से संपर्क करें।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा चारधाम यात्रा में समस्त तीर्थ स्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं, जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मी० से भी अधिक है उन स्थानों में यात्रीगण अत्यधिक ठण्ड, कम आर्द्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉइलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं। अतः सभी तीर्थ यात्रियों के सुगम एवं सुरक्षित यात्रा हेतु निम्न दिशा निर्देश निर्गत किये जा रहे हैं।

यात्रा से पूर्व :
1- योजना बनाना, तैयारी करना, पैक करना:- रोकथाम पर ध्यान देने से आप अपनी यात्रा के दौरान सुरक्षित रह सकते हैं। कृपया अपनी यात्रा से पहले चिकित्सा और ट्रेक की तैयारी सुनिश्चित करें। उच्च ऊंचाई बीमारी का कारण बन सकती है इसके लिए योजना बनाना, तैयारी करना और पैक करना महत्वपूर्ण है।

योजना बनाना :
1- अपनी यात्रा की योजना कम से कम 7 दिनों के लिए बनाएं, वातावरण के अनुरूप अनुकूलन के लिए समय दें अनेक ब्रेक की योजना बनाएं ट्रैक के हर एक घंटे बाद या ऑटोमोबाइल चढ़ाई के हर 2 घंटे बाद, 5-10 मिनट का ब्रेक लें ।

तैयारी करना :
1-रोजाना 5-10 मिनट के लिए श्वास व्यायाम का अभ्यास करें
2-रोजाना 20-30 मिनट टहलें
3-यदि यात्री की आयु 55 वर्ष है या वह हृदय रोग, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, या मधुमेह से 4-ग्रस्त है,तो यात्रा के लिए फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य जांच करवाएं

सामान पैक करना :

1- गर्म कपड़े ऊनी स्वेटर, धर्मल, पफर जैकेट, दस्ताने मोजे ऽ बारिश से बचाव के यंत्र रेनकोट, छाता
2- स्वास्थ्य जांच उपकरण पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर पहले से मौजूद स्थितियों (हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह) वाले यात्रियों के लिए-
3- सभी जरूरी दवा, परीक्षण उपकरणों और अपने घर के चिकित्सक का संपर्क नंबर ले जाएं ।

ध्यान दें…!
1- कृपया अपनी यात्रा से पहले मौसम रिपोर्ट की जांच करें, और सुनिश्चित करें कि आपके पास ठंडे तापमान में प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े हैं।
2- अगर आपके डॉक्टर यात्रा न करने की सलाह देते हैं, तो कृपया यात्रा न करें

यात्रा के दौरान क्या ध्यान रखना है :
1-स्वस्थ सतर्क सफल यात्रा अपनी सुविधा के लिए यात्रा मार्ग के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा रखे गए संचार को देखें, और सभी दिशा निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें।
2-यात्रियों की सेवा के लिए नियोजित निकटतम चिकित्सा इकाई के मानचित्र का संदर्भ लें।
-चिकित्सा राहत केंद्र
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पताल

1-उत्तराखंड चिकित्सा इकाई की पहचान करने के लिए इमारतों पर स्पष्ट नाम बोर्ड देखें।
2- यदि आप या आपके परिवार के किसी भी सदस्य को नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी महसूस हो रहा है, तो कृपया तुरंत निकटतम चिकित्सा इकाई पर पहुंचें त्वरित जांच आपके जीवन को बचा सकती।

आपको चिकित्सा इकाई से कब संपर्क करना है :

1-सीने में दर्द की शिकायत
2-सांस की तकलीफ (बात करने में कठिनाई)
3-लगातार खांसी चक्कर आना/भटकाव (चलने में कठिनाई)
4-उल्टी
5-बर्फीली/ठंडी त्वचा
6-शरीर के एक तरफ कमजोरी / सुन्नता
7-उच्च ऊंचाई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। एक मिनट की सावधानी आपका जीवन बचा सकती है।

इन यात्रियों का रखा जाये विशेष ध्यान :
1- 55 वर्ष से अधिक आयु वाले यात्री
2- गर्भवती महिलाएं
3- हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, और मधुमेह के इतिहास वाले यात्री
4- अधिक मोटापे से ग्रस्त (30 बी.एम.आई) यात्री

यात्रियों को सलाह :
1- यात्रा के दौरान शराब, कैफीनयुक्त ड्रिंक्स, नींद की गोलियां और मजबूत/ शक्तिशाली दर्द निवारक दवाओं का सेवन न करें, धूम्रपान से भी बचें।
2- यात्रा के दौरान कम से कम 2 लीटर तरल पदार्थ पीएं और भरपूर पौष्टिक आहार लें

राज्य लोक सेवा आयोग के प्रस्ताव को शासन ने वापस लौटाया, अब उत्तराखंड में पुराने पैटर्न पर ही होगी पीसीएस परीक्षा

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हरिद्वार, राज्य लोक सेवा आयोग ने पिछले दिनों एक प्रस्ताव पास किया था कि चूंकि युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा के लिए अलग और उत्तराखंड पीसीएस के लिए अलग तैयारी करनी पड़ती है। इसलिए युवाओं के हित में पीसीएस परीक्षा में यूपीएससी का सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न लागू कर दिया जाए।

उत्तराखंड में पीसीएस परीक्षा का पैटर्न नहीं बदलेगा :

शासन ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के यूपीएससी पैटर्न लागू करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। आगामी पीसीएस परीक्षा पुराने पैटर्न से ही होगी। बुधवार को शासन ने इस संबंध में आयोग को पत्र भेजकर स्थिति स्पष्ट कर दी।

राज्य लोक सेवा आयोग ने पिछले दिनों एक प्रस्ताव पास किया था कि चूंकि युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा के लिए अलग और उत्तराखंड पीसीएस के लिए अलग तैयारी करनी पड़ती है। कई राज्यों में राज्य व केंद्रीय सेवा की परीक्षाओं के पैटर्न एक समान हैं।

आयोग ने भी यह प्रस्ताव शासन को भेजा था कि राज्य के युवाओं के हित में पीसीएस परीक्षा में यूपीएससी का सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न लागू कर दिया जाए। इस प्रस्ताव को लेकर प्रदेशभर से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं थीं। कई लोगों का ये कहना था कि अगर राज्य में भी केंद्र का यूपीएससी पैटर्न लागू कर देंगे तो राज्य के युवाओं के लिए पीसीएस की राह मुश्किल हो जाएगी।

यह भी मांग उठी थी कि अगर यूपीएससी पैटर्न लागू करें तो इसमें उत्तराखंड से जुड़े प्रश्न पत्र अलग रखे जाएं। पीसीएस परीक्षा पैटर्न को लेकर आयोग और शासन के अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठक भी हुई। अब शासन ने तय किया है कि फिलहाल पुराना पैटर्न ही लागू रहेगा। आगामी पीसीएस परीक्षा उसी पैटर्न पर होगी। इसमें किसी तरह का बदलाव स्वीकार नहीं किया गया है। अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने इस संबंध में सचिव उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को शासनादेश भेज दिया है।

 

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद ब्रजभूषण का जनवादी संगठनों ने जलाया पुतला

देहरादून, जनवादी संगठन SFI, CITU, AIKS, AIDWA ने महिला पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाई। जिन्हें बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष ब्रिज भूषण सिंह द्वारा यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।यभारत के शीर्ष पहलवानो ने ब्रिज भूषण सिंह के गलत व्यवहार और उनके नेतृत्व में पहलवानों के साथ द्वन्द्व और मानसिक शोषण के खिलाफ विरोध करते हुए प्रदर्शन किया है। हाल ही में पहलवानो ने सरकार के इस मामले पर कार्रवाई न करने की आपराधिक गैरहाज़िरी की विरोध करते हुए भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष ब्रिज भूषण सिंह का पुतला न्यू इन्द्रमार्केट के गेट पर पुतला जलाया गया। CITU देहरादून जिला सचिव लेखराज ने बताया की हम साहसिक पहलवानों के पूर्ण समर्थन करता है जो एक शक्तिशाली और प्रभावशाली यौन उत्पीड़क के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में SFI, CITU, AIKS, AIDWA की एक टीम ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मिलकर समर्थन प्रदान किया है। उन्होंने बताया की हम केंद्र सरकार की इस मुद्दे पर की गई कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं और ब्रिज भूषण सिंह के तत्काल इस्तीफे की मांग करते हैं।

SFI उत्तराखंड राज्य सचिव हिमांशु चौहान ने बताया की सेक्सुअल उत्पीड़न और पहलवानों के द्वारा उनके साथ बर्ताव की गंभीर आरोपों के कारण व सरकार द्वारा कोई भी ठोस कार्यवाही नही की गई तो SFI छात्रों को लामबंद कर अनेको संगठनों के साथ प्रदर्शन करेगी।

एड्वा की राज्य सचिव दमयंती नेगी ने बताया की आज के दिन जनवादी संगठनों के द्वारा पुरे देश में प्रदर्शन प्रदर्शन किया जा रहा है।

अखिल भारतीय किसान सभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कोई भी वर्ग नहीं बचा है जो भाजपा सरकार से नीतियों से आहात नहीं है। उन्होंने बताया की हम लगातार खिलाडियों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर खड़ा है।

इस अवसर पर SFI प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा, डीएवी छात्रसंघ उपाध्यक्ष सोनाली नेगी, प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेन्द्र परमार, सीटू के राम सिंह भंडारी, रविन्द्र नोडियल, बी एस पयाल, विनोद, नरेन्द्र पूर्व डीएवी छात्रसंघ उपाध्यक्ष अभिषेक भंडारी, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता त्रिलोचन भट्ट, जनवादी महिला समिति से अंजली पुरोहित, अनीता, मधु आदि लोग मौजूद रहे |