Tuesday, April 29, 2025
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शादी में जा रहे मासूम की मधुमक्खियों के हमले में मौत

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चम्पावत। शादी समारोह में शिरकत करने जा रहे एक परिवार पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। अफरातफरी में जान बचाने के दौरान एक मासूम अपने चचेरे भाई की गोद से छिटककर खाई में जा गिरा। रात भर रेस्क्यू अभियान चलाने के बाद मासूम सुबह गंभीर हालत में बरामद हुआ, जिसे उपचार के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसने दम तोड़ दिया। कोतवाल चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि गुरुवार देर शाम कोटकेंद्री निवासी एक परिवार शादी समारोह में बांस बरकूम जा रहा था। इसमें ढाई वर्षीय कार्तिक पुत्र गणेश राम अपने चचेरे भाई मनोज के साथ मामा की शादी में शामिल होने निकला था। इसी बीच अश्विनी नाले के पास जंगल में मधुमक्खियों के झुंड ने परिवार पर हमला बोल दिया। जान बचाने के चक्कर में मनोज की गोद से ढाई साल का कार्तिक छिटककर खाई में जा गिरा। परिजनों की सूचना पर एसएसबी, पुलिस और ग्रामीणों ने देर शाम तक जंगल में कार्तिक की खोजबीन की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। रात भर रेस्क्यू अभियान चलाने के बाद सुबह गंभीर हालत में बच्चा मिला। आनन फानन में एसएसबी के वाहन से बच्चे को अस्पताल लाया गया। जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है। डॉ. हेमंत शर्मा ने बताया कि कार्तिक के सिर में गहरी चोट थी। इस कारण उसकी मौत हो गई। मासूम के पिता गणेश कृषक हैं, जबकि माता गृहणी हैं।

भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया- शिवप्रकाश

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आज जब विश्व वैश्वीकरण के एक दौर में है, तो संपूर्ण विश्व में जीवन की समस्याओं का हल हिंसा के माध्यम से ढूँढ़ा जा रहा है। यह दुःखद है कि अनेक देश एवं समाज समूह अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए हिंसा का सहारा ले रहे हैं। इस समय विश्व में शस्त्रों की होड़ लग गयी है, वर्चस्व स्थापित करने की इस अंधी दौड़ से ऐसा लगता है कि क्या दुनिया नष्ट होने की ओर बढ़ रही है?

भारत प्राचीन काल से ही विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम (सम्पूर्ण विश्व एक परिवार) के भाव से देखता आया है। भारत में प्राचीन ऋषि परंपरा से अर्वाचीन भारतीय महापुरुषों तक ने इस सत्य की साधना की है। महत्मा बुद्ध से प्रेरणा लेकर महात्मा गाँधी, भारतरत्न बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर, डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी सहित अनेक महापुरुषों ने विश्व शांति एवं विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करने का कार्य किया है।

राजकुमार सिद्धार्थ ने गृह त्याग करने के उपरान्त घोर साधना कर विश्व के कल्याण का मार्ग खोज लिया। बुद्धत्व प्राप्त करने के कारण वह “तथागत बुद्ध” हो गए। संसार दुखमय है, दुखों से निवारण के लिए मन की साधना करते हुए धर्ममय जीवन बिताकर दुखो से मुक्ति संभव है। शील का पालन, सत्य आचरण, करुणा एवं मैत्री जैसे सद्गुणों के पालन की शिक्षा उन्होंने धर्मोंपदेश में अपने शिष्यों को दी। शोषण रहित, भेदभाव मुक्त समाज जीवन उनका आदर्श था।

बाबासाहेब आंबेडकर ने भगवान बुद्ध को अपना पहला गुरु माना है, वह कहते हैं, “मेरा जीवन तीन गुरुओं और तीन उपास्य दैवतों से बना है। मेरे पहले और श्रेष्ठ गुरु बुद्ध हैं। मेरे दूसरे गुरु कबीर हैं और तीसरे गुरु ज्योतिबा फुले हैं मेरे तीन उपास्य दैवत भी हैं। मेरा पहला दैवत ‘विद्या’, दूसरा दैवत ‘स्वाभिमान’ और तीसरा दैवत ‘शील’ (नैतिकता) है।

डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जोकि महाबोधि सोसाइटी के अध्यक्ष भी थे, उन्होंने कहा था कि, “बुद्ध ने शांति का मार्ग दिखाया, यह मृतकों की नहीं, बल्कि जीवितों की शांति है। यह गहन बुद्धिमत्ता और जीवन की वास्तविकताओं की उचित समझ से उत्पन्न हुई शांति है। शांति केवल तभी स्थायी हो सकती है जब वह अन्याय को पराजित करती हुई, मानव के आध्यात्मिक और भौतिक प्रेरणाओं के बीच एक सच्चा सद्भाव स्थापित करती हो।”

20 अप्रैल, 2023 को ग्लोबल बुद्धिस्ट समिट, को संबोधित करते हुए नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि, “हम देखते हैं, आज अपने विचारों, अपनी आस्थाओं को दूसरों पर थोपने की सोच दुनिया के लिए बहुत बड़ा संकट बन रही है। लेकिन, भगवान् बुद्ध ने कहा था- ‘अत्तान मेव पठमन्, पति रूपे निवेसये’, यानी कि, पहले स्वयं सही आचरण करना चाहिए, फिर दूसरे को उपदेश देना चाहिए। बुद्ध सिर्फ इतने पर ही नहीं रुके थे। उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर कहा था- ‘अप्प दीपो भवः’, यानि अपना प्रकाश स्वयं बनो। आज अनेकों प्रश्नों का उत्तर भगवान बुद्ध के इस उपदेश में ही समाहित है।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि, “भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं। जहां बुद्ध की करुणा हो, वहां संघर्ष नहीं समन्वय होता है, अशांति नहीं शांति होती है।”

भारत की समृद्ध बौद्धिक विरासत के साथ, भारत का भगवान बुद्ध से रिश्ता सिर्फ ऐतिहासिक ही नहीं है, बल्कि समकालीन महत्व का भी है। आज भारत स्वयं ही नहीं बल्कि विश्व भर में भगवान बुद्ध की शिक्षा के लिए अधिक समझ और संवेदनशीलता के प्रोत्साहन के लिए प्रयास कर रहा है।

समस्त विश्व में, आज का मानव वर्तमान परिवेश में रक्षक की जगह भक्षक न बन जाये, इसके लिए बौद्ध धर्म के सिद्धान्तों पर विचार करने की आवश्यकता है। जिससे व्यक्ति के आचरण, बुद्धि व विचार में परिवर्तन हो सके, क्योंकि समाज में एकता एवं समानता, मैत्री, न्याय एवं विश्व बंधुत्व का भाव उत्पन्न हो सके। अष्टांग योग में उन्होंने यही धर्माेपदेश किया है।

शांति और सद्भाव का मार्ग दुर्गम हो सकता है परंतु असाध्य नहीं। इस प्रकार 21वीं शताब्दी के भविष्य के लिये संघर्ष निवारण हेतु बौद्ध दर्शन को वैकल्पिक तंत्र के रूप में प्रयोग में लाने की आवश्यकता है। बुद्ध के संदेशों को जीवन में अगर उतारा जाता है तो हम क्रोध और संघर्ष से मुक्त हो सकते हैं। बुद्ध आज और भी प्रासंगिक है क्योंकि उन्होंने दर्शाया कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति एक साथ संयुक्त रूप से सम्भव है। बुद्ध ने वास्तव में मानव जीवन के उद्देश्य को स्पष्ट किया।

पूरे विश्व में आज राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर भगवान बुद्ध का दृष्टिकोण अब अधिक जरुरी है। भगवान बुद्ध के उपदेश सार्वभौमिक व सर्वकालिक है एवं वह सभी के लिए हितकारी है और विश्व स्तर पर पनप रहे भोगवादी विचारो के कारण उत्पन्न समस्याओं जैसे ईर्ष्या-द्वेष, शोषण, भ्रष्टाचार, आतंकवाद आदि को समाप्त कर एक समरस, सम्पन्न, लोक मंगलकारी समाज बनाने के उद्देश्य को पूर्ण कर सकते हैं। करुणा, मैत्री और शांति भगवान बुद्ध के विचारों का मूल हैं, और वास्तव में एक अधिक टिकाऊ और न्यायसंगत दुनिया के लिए एक व्यवहारिक आचार संहिता के रूप में अनुवादित किए जा सकते हैं। समन्वय, सहिष्णु, शांति युक्त कल्याण कारक समाज निर्माण के लिए महात्मा बुद्ध के विचार आज भी प्रासंगिक है।

शिवप्रकाश
(राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री, भाजपा )

रोडवेज की बस दुर्घटनाग्रस्त, चालक की हुई मौत, तीन गंभीर घायल, 17 लोग थे बस में सवार

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रामनगर(हल्द्वानी), रामनगर हल्द्वानी से एक सड़क दुर्घटना की खबर आ रही है, जहां हल्द्वानी के बाईपास पुल से आ रहे हैं हल्द्वानी डिपो की बस दुर्घटना की शिकार हो गयी, जिसमें बस चालक की दर्दनाक मौत हो गई और 3 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए, चश्मदीदों की मानें तो छोटी कैंटर से टकराने से यह हादसा हुआ । बस में कुल 17 लोग सवार थे। हादसा होने के तुरंत बाद पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है।

गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित मिश्रित वन का भ्रमण कर गद गद हुए पद्मश्री कल्याण सिंह रावत “मैती”

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‘कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की पहल एवं ई. महेश डोभाल का सार्थक प्रयास’

श्रीनगर (पौड़ी),विश्वविद्यालय की बंजर पड़ी दस हेक्टर भूमि को आवाद किए जाने के परिणाम दिखने लगे हैं। विगत तीन वर्षों में कुलपति के निर्देश एवम मार्ग दर्शन में हैप्रेक के वैज्ञानिकों ने बंजर भूमि को मिश्रित वन में तबदील कर दिया है। स्थिति ये है कि भूमि में लगे सेब के पेड़ दो ही साल में फल देने लगे हैं। चित्रा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम फेज में एक हेक्टेयर भूमि पर लगभग बीस प्रजातियों के 3000 जीवित पौधों का रोपण पेड़ों के रूप में प्रवर्तित होने लग गया है। जामुन, आंवला, रीठा, पीपल, बांज, सेब, हरण, पिलखन, शहतूत, तेजपत्ता, लसोड़ा, डैकन, आम, अनार, लोहकाट, प्लम, खुमानी, अमरूद, लीची, नींबू, टिमरू, इत्यादि के पेड़ों की वृद्धि देख के तो लग रहा है कि पौधे मानो आदमियों को देख के खुशी से झूम रहे हैं। पद्म श्री कल्याण सिंह रावत “मैती” जी ने जब श्रीनगर बुगाड़ी रोड की यात्रा करने पर अपने वाहन से पेड़ों को देखा तो, सोचने लगे कि तीन साल पहले तो इस जगह पर ऐसा कुछ भी नहीं था, सो गाड़ी से उतर कर भूमि का भ्रमण करने निकले। प्रकृति प्रेमी होने के नाते बंजर भूमि पर लहलहाते पेड़ों को देखते ही आंखों में आंसू आगए। कहने लगे जो प्रयास कुलपति के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे हैं, सराहनीय हैं। पढ़ाई एवम शोध के साथ साथ, पर्यावरण संरक्षण के लिए बंजर भूमि विकास जैसा महत्वपूर्ण कार्य, हमें गर्व है कि पहली बार पहाड़ की बेटी ने श्रीनगर में पहाड़ जैसा कार्य करवाया है। इस जंगल के विकसित होने से श्रीनगर के आसपास प्रदूषण की समस्या तो कम होगी ही साथ ही लोग भी मन मोहक जंगल का भ्रमण कर आनन्द की अनुभूति कर सकेंगे।

 

 

स्वस्थ जीवन के प्रति जागरूकता कार्यक्रम : 18 साल से कम उम्र के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं स्वास्थ्य सलाह कैम्प का हुआ आयोजन

पोखड़ा (पौड़ी), उत्तराखण्ड़ के पर्वतीय क्षेत्रों के बच्चों के स्वास्थय की स्थिति और स्वस्थ जीवन के प्रति जागरूकता को लेकर अनेक प्रकार के कयास लगाये जाते हैं और दावे किये जाते हैं, लेकिन न तो सरकार की तरफ से और न ही दावे करने वालों की तरफ से ठोस प्रयोगों और व्‍यावहारिक अनुभव पर आधारित कोई स्पष्ट आंकड़े प्रस्तुत किये जाते हैं. इस कारण नीति निर्धारकों और इन विषयों पर मुखर लोगों और संस्थाओं को, कोई व्यावहारिक नीति बनाने में दिक्कत आती है। इसी समस्या का समाधान ढूंढने और भविष्य के लिए एक व्यावहारिक नीति और एडवोकेसी कार्यक्रम विकसित करने के लिए, फ्रेंड्स ऑफ़ हिमालय, फील गुड ट्रस्ट- भल-लगद, गायत्री जन कल्याण ट्रस्ट और श्री सतचढ़ी जनकल्याण समिति ने संयुक्त रूप से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए स्वास्थय परीक्षण और स्वस्थ जीवन के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

आधुनिक मशीनों द्वारा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कलकत्ता की संस्था आरोग्य वाहिनी ट्रस्ट के कुशल डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है। इसमें बच्चों के स्वास्थय संबधी कुछ आंकड़े, आरोग्य वाहिनी ट्रस्ट के मुख्यालय में, इंटरनेट के माध्यम से भेजे जा रहे हैं, और वहां पर उनका विश्लेषण किया जा रहा है। श्री सतचडी जनकल्याण समिति द्वारा संचालित ऑप्टोमेट्री और नेत्र प्रशिक्षण संस्थान द्वारा बच्चों के आँखों की जांच की जा रही है।

स्वास्थय जांच परीक्षण के पहले दिन फीलगुड ट्रस्ट के गवानी स्थित केंद में 57 बच्चों के स्वास्थय की जांच की गई। जांच में सामान्यतः स्थिति ठीक है लेकिन कुछ बच्चों में ह्रदय रोग के शुरूआती लक्षण, आँखों से सम्बंधित परेशानियां उजागर हुई हैं।

स्वास्थय जांच परीक्षण के दूसरे दिन, इंटरमीडिएट कॉलेज कुटियाखाल के 80 बच्चों का स्वास्थ्यय परीक्षण और आँखों की जाँच हुई। इस जांच में भी कुछ बच्चों में स्वास्थय सम्बन्धी दिक्कतों, त्वचा रोग, आँखों से सम्बंधित समस्या, के बारे में तथ्य उजागर हुए। डॉक्टरों की टीम ने बच्चों से सामान्य स्वस्थ जीवन शैली, उम्र सम्बंधित सवालों आदि पर गहन चर्चा की। इस चर्चा में पता चला कि लगभग एक चौथाई बच्चे सुबह का नाश्ता नहीं करते हैं, सुबह को दांत साफ़ करते हैं पर रात को सोने से पहले दाँत साफ़ नहीं करते। स्वस्थ जीवन और संतुलित आहार के बारे में उनकी जानकारी बहुत कम है।

स्वास्थ्य परीक्षण के तीसरे दिन, फील गुड़ ट्रस्ट के गवानी केंद्र में बच्चों की जांच की जायेगी, तथा कल 6 मई को इंटरमीडिएट कॉलेज नौगांवखाल में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया जायेगा।

स्वास्थ्य जांच शिविर में आरोग्य वाहिनी ट्रस्ट की डॉक्टर कोकिला मजूमदार, डॉक्टर दीपान्विता मुखर्जी, फ्रेंड्स ऑफ़ हिमालय संस्था के डॉक्टर प्रेम बहुखंडी, फील गुड ट्रस्ट के श्री सुधीर सुन्द्रियाल, व श्री जसवीर जस्टिस, श्रीमती सीमा नेगी, पोखड़ा ब्लाक के पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्री सुरेन्द्र सिंह रावत, श्री सतचडी जनकल्याण समिति के श्री कविद्र इस्टवाल, नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर पार्थो चौधरी और उनकी टीम में शामिल संस्थान के विद्यार्थियों ने प्रमुख भूमिका निभाई, स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य परीक्षण जांच का आयोजन श्रीमती निर्मला, श्रीमती दिव्या, प्रतिभा, मनीषा, मीना, सानिया, साक्षी आदि ने किया |

आयोजक : फ्रेंड्स ऑफ़ हिमालय, फील गुड ट्रस्ट- भल-लगद, गायत्री जन कल्याण ट्रस्ट और श्री सतचढ़ी जनकल्याण समिति नॉलेज पार्टनर : आरोग्य वाहिनी ट्रस्ट- कलकत्ता

 

अब हटेगा किच्छा रोड पर दशकों से जमा हुये कचरे का पहाड़, नगर निगम ने युद्ध स्तर पर जारी किया कार्य

रूद्रपुर, किच्छा रोड पर दशकों से जमा हुए कचरे के पहाड़ को हटाने का काम नगर निगम रुद्रपुर की ओर से युद्ध स्तर पर जारी है। आज मेयर रामपाल सिंह और नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने कचरा निस्तारण के कार्यों का मौके पर पहुंचकर औचक निरीक्षण किया। मेयर रामपाल सिंह और नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने जेसीबी पर बैठ कर ट्रेंचिंग ग्राउंड का निरक्षण किया इस दौरान नगर आयुक्त विशाल मिश्रा कचरा निस्तारण के काम में लगी कार्यदायी संस्था के काम से संतुष्ट नज़र नही आए उन्होनें बताया कि 80% कूड़े का निस्तारण किया जा चुका है शेष बचे कूड़े को हटाने के लिए कार्यदाई संस्था के अधिकारी को तीन माह के भीतर कूड़ा हटाने के लिए निर्देशित किया तीन माह में कूड़ा ना हटने पर नोटिस जारी करने की बात कही । बता दें किच्छा रोड स्थित ट्रचिंग ग्राउण्ड में कचरे के पहाड़ को हटाने का अभियान नगर निगम की ओर से शुरू किया गया था। जो अब युद्ध स्तर पर चालू है। कचरे को हटाने की मांग लम्बे समय से की जा रही थी। जिसके लिए कई बार आंदोलन भी किये गये। मेयर रामपाल सिंह ने चुनाव के दौरान शहरवासियों से किच्छा रोड पर ट्रचिंग ग्राउण्उ को हटाने का वायदा करते हुए उसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था। अपनी घोषणा के मुताबिक उन्होने कचरे के पहाड़ को हटाने के लिए कार्ययोजना तैयार की और कचरे को निस्तारित करने का काम दिल्ली की एक संस्था को दिया गया। दिल्ली की संस्था ने कचरे को निस्तारित करने के लिए ट्रोमल कन्वेयर मशीन स्थापित की है। जिसके माध्यम से कचरे की छनाई की जा रही है। आज मेयर रामपाल सिंह और नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर कचरे की छटाई के काम का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदायी संस्था को जल्द से जल्द कचरे को निस्तारित करने के निर्देश दिये। इस दौरान मेयर ने कहा कि शहर को स्वच्छ बनाना उनकी प्राथमिकता है। स्वच्छता के मामले में वह रूद्रपुर शहर को शीर्ष पर लाना चाहते हैं। इसके लिए शहरवासियों का सहयोग भी आवश्यक हैं। शहरवासियों के सहयोग के बिना शहर को स्वच्छ नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को गंभीरता से लेते हुए शहर में सफाई के पुख्ता इंतजाम किये हैं। शहर के सभी वार्डों में घर घर कूड़ा निस्तारण के लिए वाहन लगाये गये हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को कूड़ा सड़क पर या नालियों में डालने की आदत को छोड़ना होगा। तभी हम शहर को स्वच्छ और सुंदर बना पायेंगे।

घंटाकर्ण धाम मंदिर में महायज्ञ की तैयारियां जोरों पर, 20 मई को होगा आयोजन

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(डी पी उनियाल)

गजा (टिहरी), नरेन्द्र नगर विधानसभा क्षेत्र के घंटाकर्ण धाम मंदिर में 11 वें यहां यज्ञ की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं, गजा के गौंत्याचली स्थान से लगभग 4कीलोमीटर चढ़ाई पर स्थित क्वीली डांडा में पौराणिक घंटाकर्ण मंदिर में हर साल गंगा दशहरा पर्व पर पूजा अर्चना हवनयज्ञ भंडारा का महायज्ञ आयोजित होता आया है , आपको बताते चलें कि इस पौराणिक मंदिर में हर माह संक्रांति पर्व पर पूजा अर्चना हवनयज्ञ भंडारे का आयोजन होता है साथ ही प्रतिदिन भी श्रद्धालु यहां पर मन्नत मांगने आते हैं लेकिन गंगा दशहरा पर्व पर भव्य कार्यक्रम आयोजित होता है जो कि 11दिनों तक चलता है इसमें हजारों लोग पूजा अर्चना हवनयज्ञ भंडारा कार्यक्रम में शामिल होते हैं । मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय प्रकाश विजल्वाण, कोषाध्यक्ष अशोक विजल्वाण, घंटाकर्ण देवता के पश्वा कुलबीर सिंह सजवाण ने बताया कि इस साल 20मई को पूजा अर्चना का शुभारंभ सैकड़ों भक्तों की उपस्थिति में किया जायेगा तथा हर दिन पूजा चलती रहेगी , 28 मई को दोपहर में देवता के निशान एवं डोली देवप्रयाग जायेगी ,29मई सुबह गंगा स्नान करने के बाद देवता के पश्वा की अगुवाई में गूलर दोगी होते हुए गजा के बाद घंटाकर्ण मंदिर में पहुंचेगी , 30 मई सुबह से ही भक्तों की उपस्थिति में पूजा, हवनयज्ञ भंडारा कार्यक्रम आयोजित होने के बाद दशहरा पर्व पर समापन होगा। गंगा दशहरा कार्यक्रम आयोजित किए जाने हेतु घंटाकर्ण धाम ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों, सदस्यों के अलावा मान सिंह चौहान, दिनेश प्रसाद उनियाल, सुरेन्द्र सिंह नेगी, आनन्द सिंह खाती, जितेन्द्र सिंह सजवाण, भगवान सिंह चौहान, राजेन्द्र सिंह सजवाण, हरीश जोशी, शीश पाल सिंह, धन सिंह सजवाण, विनोद विजल्वाण, लक्ष्मी नारायण, संजय सजवाण से सम्पर्क किया जा सकता है ।

देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष, छात्रों द्वारा मोटे अनाज से बनाए गए पकवानों को कृषि मंत्री ने सराहा

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देहरादून, मोटे अनाज की उपयोगिता को वैश्विक पहचान दिलाने के उद्देश्य से वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है, जिसके उपलक्ष्य में देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष मनाया गया | इस मौके पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मोटे अनाज के प्रति जागरूकता हेतु स्मारिका पुस्तक का विमोचन किया और कहा कि मोटा अनाज आज विश्व की ज़रुरत बन चुका है |
शुक्रवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ एलायड साइंसेज़ द्वारा “अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष” उत्सव मनाया गया, जिसके अंतर्गत “मिलेट: हमारे शरीर का पोषण, हमारे ग्रह का पोषण” विषय पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया | इस दौरान मुख्य अतिथी कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मोटे अनाज के प्रति जागरुक करती स्मारिका पुस्तक का विमोचन किया और कहा कि स्वस्थ जीवन शैली के लिए मोटा अनाज अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसका उपयोग हमें अपने दैनिक आहार में बढ़ाना होगा | ताकि पोषण संबंधी लाभों सहित मोटे अनाज पर निर्भर किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया जा सके | आज मोटा अनाज विश्व की ज़रुरत बन चुका है और यही कारण है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है | इस दौरान उन्होंने स्कूल ऑफ़ होटल मैनेजमेंट एंड टूरिज्म द्वारा आयोजित मोटे अनाज पर आधारित फ्यूज़न फ़ूड प्रतियोगिता में छात्रों की बढ़चढ़कर भागीदारी की सराहना की और कहा कि मोटे अनाज के प्रति छात्रों को जागरूक करने के लिए मैं विश्वविद्यालय प्रबंधन को बधाई देता हूँ | इसके अलावा जोशी ने 15 स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए मोटे अनाज और उनसे तैयार उत्पादों के स्टॉल्स का जायज़ा लिया और उनकी सराहना की | इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संजय बंसल ने कृषि मंत्री गणेश जोशी का आभार व्यक्त किया और कहा कि सरकार के प्रयासों को सफल बनाने के लिए देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी सदैव तत्पर है | वहीं, विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. डॉ. प्रीति कोठियाल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष को मनाने का उद्देश्य इसे छात्रों का आन्दोलन बनाना है ताकि स्वस्थ समाज का निर्माण और देश का तेज़ी से आर्थिक विकास संभव हो सके | इस दौरान इंडियन काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चर रीसर्च के अंतर्गत  इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मिलेट रीसर्च के विशेषज्ञों द्वारा संगोष्ठी के माध्यम से मिलेट यानी मोटा अनाज की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया| कार्यक्रम में उपकुलपति डॉ. आरके त्रिपाठी, डीन एकेडेमिक्स अफेयर्स डॉ. संदीप शर्मा, मुख्य सलाहकार डॉ. एके जायसवाल, डीन स्कूल ऑफ़ एलायड साइंसेज़ डॉ. नबील अहमद सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे|

सुपर फ़ूड’ है मोटा अनाज : वैज्ञानिक

‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023’ उत्सव को मना रहे देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित संगोष्ठी के दौरान डिपार्टमेंट ऑफ़ माइक्रोबायोलॉजी इंडियन एग्रीकल्चर रीसर्च इंस्टिट्यूट, दिल्ली (आईसीएआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. सुनील पब्बी ने कहा कि मोटा अनाज यानी मिलेट्स एक ऐसा सुपर फ़ूड है, जिसमें प्रोटीन, फायबर, विटामिन, कैल्शियम, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम सहित विभिन्न अन्य पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाए रखने में हमारी मदद करते हैं| ये बात गाँव के लोग जानते थे और इसका भरपूर इस्तेमाल करते थे, लेकिन पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में मोटा अनाज ग्रामीण खाना कहलाया जाने लगा धीरे धीरे उसकी पैदावार ख़त्म होती चली गयी| लेकिन, अब हमें मोटा अनाज के प्रति दुनिया को जागरूक करना होगा| वहीं, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मिलेट रीसर्च, हैदराबाद  के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पी राजेंद्र कुमार ने कहा कि मिलेट्स का दैनिक उपयोग मोटापा तो कम करता ही है साथ ही ये कैंसर सेल्स को भी ख़त्म करता है| इसमें मौजूद भरपूर पाचक तत्व  पेट की बीमारियों से दूर रखते हैं और प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाते हैं | कृषि मंत्रालय और कृषक कल्याण, भारत सरकार में मार्केटिंग ऑफिसर अभय प्रताप ने कहा कि कम पानी, उर्वरक और कीटनाशकों के साथ कम उपजाऊ मिट्टी में भी मिलेट्स उगाये जा सकते हैं| उच्च तापमान में भी इनकी पैदावार अच्छी होती है इसलिए इन्हें ‘क्लाइमेट स्मार्ट’ अनाज भी कहा जाता है| ये इनकी खासियतें हैं, जो आर्थिक दृष्टी से किसानों सहित देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं|

आर्किटेक्ट, स्टूडियो मंडला की आर. मौलिश्री मिश्रा को वित्त वर्ष 2022-23 के हुडको बेस्ट प्रैक्टिसेज अवार्ड से किया गया सम्मानित

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देहरादून, दून स्थित आर्किटेक्ट, स्टूडियो मंडला की आर. मौलिश्री मिश्रा को वित्त वर्ष 2022-23 में रहन-सहन में सुधार के लिए हुडको बेस्ट प्रैक्टिसेज अवार्ड से सम्मानित किया गया है। भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में पिछले माह 25 अप्रैल को नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में मंडला की टीम ने यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किया।
स्टूडियो मंडला की विजेता प्रविष्टि, जिसका शीर्षक है “पुरानी परित्यक्त विरासत का अनुकूल पुनः उपयोग,” क्षमता निर्माण द्वारा निर्माण की पारंपरिक सामग्रियों और प्रथाओं को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित है, जिसमें सचेत और टिकाऊ दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उनकी प्रविष्टि थीम VI – शहरी डिजाइन और क्षेत्रीय योजना, आंतरिक शहर पुनरोद्धार और संरक्षण के तहत हुडको पुरस्कारों की सर्वश्रेष्ठ अभ्यास श्रेणी में देश भर से शीर्ष सात विजेता प्रविष्टियों में से चुनी गई थी।

2017 में देहरादून में स्थापित, स्टूडियो मंडला का प्रमुख ध्यान पुरानी और परित्यक्त विरासत की बहाली और पुनः उपयोग पर है। वे शहर में विरासत संरचनाओं की पहचान और प्रलेखन की एक गहन अनुसंधान प्रक्रिया का पालन करते हैं, ताकि शहर और उसके आसपास की विरासत के बारे में ज्ञान बनाया जा सके। इस शोध को DEHRADOON:An Illustrated Journey of a city नामक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया था।

स्टूडियो मंडला पारंपरिक निर्माण में उपयोग किए जाने वाले स्थायी दृष्टिकोणों को पुनर्जीवित करने के लिए क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित हुडको बेस्ट प्रैक्टिसेज अवार्ड जीतना सभी के लिए एक संदेश है, जैसा कि हम जलवायु परिवर्तन और घटते संसाधनों के मुद्दों का सामना कर रहे हैं, हमें कोशिश करनी चाहिए कि पुरानी परित्यक्त विरासत को सबसे टिकाऊ तरीके से नया जीवन देकर उसे फिर से जिंदा किया जा सके। संसाधनों को बचाने की दिशा में बहाली/संरक्षण को अपनाया जाना चाहिए, जो अन्यथा पुराने को ध्वस्त करने और नए का पुनर्निर्माण करने में खर्च किया जाएगा, साथ ही शहर की पहचान और विरासत की रक्षा की जाएगी। इसलिए सबसे पहले किसी शहर की विरासत को चिन्हित करना और उसकी सुरक्षा के लिए हेरिटेज कानून बनाना बहुत जरूरी है।

शहरी पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार शहरी नीति निर्माताओं और शहर प्रबंधकों के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता बन गई है। हुडको इन क्षेत्रों में प्रयासों को प्रोत्साहित करने और अन्य शहर सरकारों और पैरास्टेटल को अपने शहरों में इस तरह की सर्वोत्तम प्रथाओं को दोहराने के लिए प्रेरित करने के महत्व को पहचानता है। इस दिशा में एक कदम के रूप में हुडको ने शहरी विकास की विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ व्यवहार पुरस्कारों की स्थापना की है, जिन्हें वार्षिक रूप से सम्मानित किया जाता है।
इस पुरस्कार के सात विषय क्षेत्र हैं :
1. शहरी प्रशासन, 2. आवास-शहरी गरीबी और इंफ्रास्ट्रक्चर, 3. शहरी परिवहन, 4.पर्यावरण प्रबंधन, 5. ऊर्जा संरक्षण और ग्रीन बिल्डिंग, 6. स्वच्छता, 7. शहरी डिजाइन और क्षेत्रीय योजना- इनर सिटी रिवाइवल और संरक्षण और आपदा प्रबंधन-शमन-पुनर्वास।

लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान ने चलाया कुष्ठ रोगी एवं गरीब असहाय सहयोग अभियान, वितरित किया सूखा राशन और अन्य सामान

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हरिद्वार,  लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान द्वारा हरिद्वार कुष्ठ आश्रम में 132 कुष्ठ रोगी परिवारों को सूखा राशन वितरित किया,  जिसमें 10 किलो चावल 1 किलो दाल 1 किलो नमक 1 किलो तेल 1 किलो चीनी 100 ग्राम चाय की पत्ती, 1 किलो तेल, एक नहाने का साबुन, एक कपड़े धोने का साबुन तथा साफ-सुथरे पुराने कपड़े जिसमें जिसमें पेंट कमीज स्वेटर कुर्ता पजामा लेडीस कुर्ता पजामा बच्चों के कपड़े इन सभी सामग्री की एक किट बनाकर प्रत्येक कुष्ठ रोगी परिवार को वितरण किया गया है। संस्थान  के अध्यक्ष पर्यावरणविद श्यामलाल भाई ने बताया कि  रोगी एवं गरीब असहाय सहयोग अभियान के तहत 132 किट का वितरण करने के लिए सुखा राशन का सहयोग ORBIS कंपनी द्वारा किया है।
 पर्यावरण संरक्षण के सकारात्मक पक्ष को लेकर   आवास विकास कॉलोनी के सदस्यों द्वारा  लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान के साथ मिलकर कुष्ठ रोगी एवं गरीब असहाय सहयोग अभियान को सहयोग करने के लिए पुराना सामान एकत्रित शिविर का आयोजन किया,  जिसमें लोगों ने घरों से अपना पुराना सामान कपड़े सूती कपड़े कंबल सर्दियों और गर्मियों के कपड़े आदि दान किए,  जोकि कुष्ठ रोगी के परिवारों में वितरण किए गए हैं ।
एक अपील आपसे : 
लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान ने इस सकारात्मक जनहित के  कार्य के लिये आप भी अपना सहयोग कर सकते हैं, हरिद्वार ऋषिकेश क्षेत्र  कुष्ठ रोगी गरीब परिवार अधिक मात्रा में रहते हैं जोकि शहर के अलग-थलग है और समाज में लोग  इन्हें घृणा की नजर से देखते हैं।  कुष्ठ रोगी गरीब परिवार का सहयोग करना हमारी एक नैतिक जिम्मेदारी बनती है । जिसके लिये संस्थान के कुष्ठ रोगी एवं गरीब असहाय सहयोग अभियान को आगे बढ़ाएं, हम सब मिलकर कुष्ठ रोगियों के सहयोग के लिये आगे आयें।

अतिथि देवो भव: की तर्ज पर हो तीर्थ यात्रियों का स्वागत-सतपाल महराज

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रुद्रप्रयाग- जनपद भ्रमण पर पहुंचे प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति एवं जलागम मंत्री श्री सतपाल महाराज ने जिला कार्यालय सभागार में केदारनाथ धाम में दर्शन करने आ रहे तीर्थ यात्रियों के लिए की जा रही व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं के संबंध में यात्रा से जुड़े अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
बैठक में मंत्री द्वारा यात्रा व्यवस्थाओं में लगे अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केदारनाथ धाम में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए सभी सुविधाएं मुहैया हों ताकि किसी भी यात्री को किसी तरह की कोई परेशानी न हो तथा अतिथि देवो भवः के तहत तीर्थ यात्रियों का स्वागत व सत्कार किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि केदारनाथ धाम में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ किसी तरह से कोई क्रूरता न हो तथा घोड़े-खच्चरों को निरंतर गरम पानी के साथ उनके खाद्यान्न का भी विशेष ध्यान रखें। इसके साथ ही यात्रा मार्ग एवं केदारनाथ धाम में संचालित होने वाले होटल, रेस्टोरेंट एवं ढाबों में यात्रियों से किसी तरह से ओवर रेटिंग न की जाए इस पर निरन्तर निगरानी रखने के निर्देश दिए। यदि किसी व्यक्ति द्वारा ओवर रेटिंग की जाती है तो उनके विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए।
उन्होंने केदारनाथ धाम में संचालित हो रही हैली सेवाओं में भी किसी प्रकार से कोई ब्लैकमैलिंग न हो एवं किसी तरह से फर्जी कंपनी या वेबसाइट का संचालन न हो इस पर कड़ी निगरानी रखते हुए यदि किसी के द्वारा फर्जीवाड़ा किया जाता है तो उसके विरुद्ध तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने केदारनाथ यात्रा मार्ग एवं धाम में तीर्थ यात्रियों की बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो तथा सभी चिकित्सालयों में पर्याप्त दवाइयां एवं उपकरण उपलब्ध रहें तथा केदारनाथ धाम में आपात स्थिति में एयर एंबुलेंस की व्यवस्था उपलब्ध रहे। उन्होंने स्वच्छता पर विशेष जोर देते हुए यात्रा मार्ग एवं केदारनाथ में संचालित हो रहे सभी शौचालयों में साफ-सफाई के साथ ही यात्रा मार्ग एवं धाम में उपलब्ध होने वाले ठोस अपशिष्ट का भी नियमित सफाई करते हुए उनके उचित निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी पेट्रोल पंपों में शौचालयों की व्यवस्था हो तथा सभी शौचालय साफ-सुधरे रहें तथा निःशुल्क टायर हवा की व्यवस्था भी उपलब्ध हो तथा पर्याप्त मात्रा में डीजल, पेट्रोल रहे। इसके साथ ही यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले एटीएम में भी पर्याप्त कैश उपलब्ध रहे।
उन्होंने केदारनाथ धाम में दर्शन करने आ रहे तीर्थ यात्रियों से भी अपील की है कि धाम में धार्मिक परंपरा एवं महत्व से ही दर्शन करें जिससे कि धार्मिकता बरकरार रहे। किसी भी तरह से पिकनिक की दृष्टि से न आएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में केदारनाथ धाम में भारी बर्फवारी के साथ मौसम खराब हो रहा है तथा दो बार ग्लेशियर टूटने के कारण यात्रा मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है जिसमें विषम कठिन परिस्थितियों में कार्मिकों द्वारा मार्ग को आवागमन हेतु खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यात्रा को नियंत्रित किया जा रहा है तथा केदारनाथ धाम में उपलब्ध सुविधा एवं मौसम के अनुसार ही यात्रियों को दर्शन करने भेजा जा रहा है। उन्होंने तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार ही अपनी यात्रा का प्लान तैयार करें एवं अपने साथ पर्याप्त मात्रा में गरम कपड़े अवश्य लाएं। उन्होंने अवगत कराया है कि चारधाम यात्रा के कपाट खुलने से अब तक 3 लाख 52 हजार 87 तीर्थ यात्रियों द्वारा चारों धाम के दर्शन कर चुके हैं, जिसमें यमुनोत्री 71 हजार 846, गंगोत्री में 82 हजार 708, केदारनाथ में 1 लाख 22 हजार 996 तथा बद्रीनाथ धाम में 74 हजार 546 तीर्थ यात्रियों द्वारा दर्शन किए गए हैं। मा. मंत्री द्वारा यात्रा समीक्षा के दौरान जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों द्वारा की गई तैयारियों एवं व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सभी अधिकारी विषम कठिन परिस्थितियों में बड़े मनोयोग के साथ व्यवस्थाओं को बेहतर कर रहे हैं, आगे भी व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं को भी बरकरार रखने के निर्देश दिए।
जनपद आगमन पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मा. मंत्री का स्वागत करते हुए केदारनाथ धाम यात्रा के लिए विभिन्न विभागों द्वारा की गई तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने मा. मंत्री को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर जो भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं संबंधित विभागों द्वारा उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह, केदारनाथ विधायक श्रीमती शैला रानी रावत, जिलाध्यक्ष भाजपा श्री महावीर सिंह पंवार, पूर्व जिलाध्यक्ष विजय कप्रवान, पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मार्तोलिया, जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत, लोनिवि, एनएच के अधिकारी, मीडिया प्रभारी सतेंद्र बर्त्वाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
मा. मंत्री द्वारा राष्ट्रीय सड़क मार्ग का भी निरीक्षण कर यातायात व्यवस्था का भी जायजा लिया तथा सिरोहबगड़ के पास 126 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन पुल का भी निरीक्षण किया।

सेवा के अधिकार में अधिक से अधिक सेवाएं जोड़ी जाएं: सीएम धामी

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देहरादून, जन सेवाओं से जुड़े मामलों में ऑनलाईन प्रक्रियाओं को आसान बनाने पर ध्यान दिया जाए। लोगों को एक ही प्लेटफॉर्म पर पर सभी सुविधाएं आसानी से मिले, इसके लिए जन सुविधा से जुड़े सभी विभागों को एक अम्ब्रेला में लाया जाए। सेवा के अधिकार में अधिक से अधिक सेवाएं जोड़ी जाएं। तकनीक का विकास जिस तेजी से हो रहा है, सेवाओं का लाभ आम जनमानस को तेजी से मिले, इसके लिए उनको जागरूक भी किया जाए। ऑनलाईन प्रक्रियाओं के तहत जो भी सेवाएं दी जा रही हैं, इन सेवाओं का व्यापक स्तर पर आम जन तक प्रसार भी किया जाए। राज्य में युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के पर्याप्त अवसर मिले, रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में सभी विभागों को तेजी से कार्य करने होंगे। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा एवं तकनीकि शिक्षा विभाग को समन्वय के साथ कार्य करना होगा। उच्च शिक्षा के साथ-साथ युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। हमें युवाओं को रोजगार परक शिक्षा की दिशा में आगे ले जाने के लिए तेजी से कार्य करना है। मुख्यमंत्री ने ये निर्देश सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड @ 25 के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आईटीडीए एवं उद्योग विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये।

आईटीडीए की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सेवा के अधिकार में और जन सेवाओं को जोड़ा जाए। लोगों को घर बैठे ही अधिकांश सेवाओं का लाभ आसानी से एक ही प्लेटफार्म से मिल जाए, इस दिशा में कार्य किया जाए। राज्य के जिन क्षेत्रों में मोबाईल कनेक्टिविटी की अभी भी समस्या है, उनका जल्द समाधान हो, इस दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं। विभिन्न सरकारी योजनाओं का आम जन को पूरा लाभ मिले, इसके लिए ऐसा सिस्टम विकसित किया जाए कि लोगों को उनकी पात्रता के अनुसार एक क्लिक पर सारी जानकारी उपलब्ध हो सके। विभागों द्वारा भविष्य की आवश्यकताओं को देखकर दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जाएं।

उद्योग विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि भारत सरकार द्वारा सहायतित योजनाओं में तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार के अनेक संभावनाएं हैं, युवाओं को कौशल विकास के साथ ही अधिक से अधिक रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने पर ध्यान दिया जाए। राज्य में अधिक से अधिक औद्योगिक गतिविधियां हों, बाहर से निवेशक आयें, इस दिशा में तेजी से प्रयास करना हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों के जो बड़े प्रोजक्ट तेजी से आगे नहीं बढ़ रहे हैं, उनकी जल्द समीक्षा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी भूमि का सही तरीके से उपयोग हो, इसके लिए जो भी कार्य किये जाएं, वे मास्टर प्लान के तहत ही हों। उन्होंने कहा कि मसूरी एवं नैनीताल में पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। हमें ऐसी व्यवस्था पर भी ध्यान देना होगा कि पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को अधिक जाम की स्थिति से न गुजरना पड़े।

बैठक में जानकारी दी गई कि अपणि सरकार पोर्टल के माध्यम से 485 सेवाएं लोगों तक पहुचाई जा रही है। जिसमें से 265 सेवाएं सेवा के अधिकार में ली गई है। सेवा के अधिकार में और सेवाओं को जोड़ने के लिए कार्य किया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आय के संसाधन बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कनेक्टिविटी, डिजिटल साक्षरता एवं कौशल विकास की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। उद्योग विभाग द्वारा स्वरोजगार की योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। स्वरोजगार की ओर लोगों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है। एमसएमई के तहत भी अनेक कार्य किये जा रहे हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, प्रो. दुर्गेश पंत महानिदेशक यूकॉस्ट, अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदाण्डे, महानिदेशक उद्योग श्री रोहित मीणा, निदेशक आई.टी.डी.ए श्रीमती नितिका खण्डेलवाल, अपर सचिव श्री नवनीत पाण्डे, श्री मनोज पंत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।