“पुल का टूटना, आल वेदर रोड के किनारों का कटान पर्यावरण को लेकर जो मौजूदा तंत्र की अनदेखी का परिणाम”
(एल मोहन लखेड़ा)
“पुल का टूटना, आल वेदर रोड के किनारों का कटान पर्यावरण को लेकर जो मौजूदा तंत्र की अनदेखी का परिणाम”
(एल मोहन लखेड़ा)
(देवेंन्द्र चमोली)
नैनीताल, मध्य रात्रि जिला नियंत्रण कक्ष नैनीताल द्वारा एसडीआरएफ को सूचना मिली कि नैनीताल-कालाढूंगी रोड में प्रिया बैंड के पास एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया है जिसमें दो व्यक्तियों की घटना स्थल मृत्यु हो गई है। जिला पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना है व एसडीआरएफ की आवश्यकता होने पर बुलाया जाएगा।
उक्त घटना का संज्ञान सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा द्वारा लिया गया और आदेशित किया कि यह वाहन दुर्घटना पहाड़ी क्षेत्र की है तो दुर्घटना में एसडीआरएफ की आवश्यकता अवश्य होगी। बिना किसी विलम्ब के एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को तत्काल रवाना किया जाए। एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम मय आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों के उप- निरीक्षक मनीष भाकुनी के नेतृत्व में तत्काल घटनास्थल पर पहुंच गई।
घटनास्थल पर पहुंचकर टीम द्वारा खाई में गिरे वाहन तक पहुंच बनाई और दुर्घटनाग्रस्त सेलेरियो कार से पांच घायलों को रेस्क्यू कर एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया।
जबकि दुर्घटना में मृत दो लोगों के शवों को कड़ी मशक्कत से खाई से बाहर निकालकर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया गया। वाहन में सात लोग सवार थे, जो एक ही परिवार से है और गोरखपुर, उत्तरप्रदेश से नैनीताल आये हुए थे।
घायलों का विवरण :
-आकाश ,आयु 22 वर्ष पुत्र अरविंद श्रीवास्तव निवासी सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, उत्तरप्रदेश
-प्रेमचन्द श्रीवास्तव, पुत्र दशरथराज श्रीवास्तव, आयु 52 वर्ष निवासी उपरोक्त
-अरुणा श्रीवास्तव, पत्नी प्रेमचन्द श्रीवास्तव, आयु 50 वर्ष, निवासी उपरोक्त
-शालू श्रीवास्तव, पत्नी राहुल श्रीवास्तव, आयु 25 वर्ष, निवासी उपरोक्त
-मिष्टी पुत्री राहुल श्रीवास्तव, आयु ढाई वर्ष, निवासी उपरोक्त
मृतकों के विवरण :
-राहुल श्रीवास्तव, पुत्र प्रेमचन्द श्रीवास्तव, आयु 27 वर्ष, निवासी सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
-राजीव श्रीवास्तव, पुत्र प्रेमचन्द श्रीवास्तव, आयु 25 वर्ष, निवासी उपरोक्त
देहरादून, उत्तराखण्ड के लोकपर्व हरेला पर यूकॉस्ट के विज्ञान धाम परिसर, झाझरा में वृक्षारोपण का आयोजन किया गया, इस अवसर पर विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों का रोपण किया गया जिसमें मुख्य रुप से रुद्राक्ष व फलदार पौधे रहे | महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने वृक्षों की वैज्ञानिक महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई, साथ ही हरेला महोत्सव के बारे में बताया, उन्होंने कहा कि हरेला पर्व सुख, समृद्धि, शान्ति, पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण का प्रतीक है साथ ही ॠतु परिवर्तन का भी सूचक है |
इस अवसर पर परिषद के प्रत्येक कर्मचारी ने रोपित किए एक-एक पेड़ को अपनाने का संकल्प लिया |
कोटद्वार, उत्तराखंड़ का बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड की सुनवाई एडीजे कोर्ट ने टाल दी। अब कोर्ट में 27 जुलाई को गवाही होगी। दरअसल, केस से सरकारी वकील (विशेष लोक अभियोजक) जितेंद्र रावत ने त्यागपत्र दे दिया है। जिसके चलते अभी तक नए वकील की तैनाती नहीं हो पाई है। इसलिए कोर्ट ने सुनवाई को 27 जुलाई तक के लिए टाला है।
कोर्ट में आज गवाही के लिए अंकिता के दोस्त पुष्पदीप को बुलाया गया था। पुष्पदीप अदालत में हाजिर हुआ, लेकिन सुनवाई टलने की वजह से उसकी गवाही नहीं हो सकी। अब वह दोबारा कोर्ट में पेश होगा।
बता दें कि अंकिता हत्याकांड को करीब 10 माह का समय हो गया है। मामले की सुनवाई एडीजे कोर्ट में चल रही है। इसी दौरान एक जून को अंकिता के माता-पिता ने मामले की सुनवाई ठीक से न करने का आरोप लगाते हुए केस से सरकारी वकील (विशेष लोक अभियोजक) जितेंद्र रावत को हटाने की मांग की थी।
बता दें कि 18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पुलिस ने पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी। पता चला कि पुलकित और अंकिता के बीच झगड़ा हुआ था। ऋषिकेश से लौटते वक्त अंकिता और पुलकित के बीच नहर किनारे फिर से विवाद हुआ और इस बीच पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था। पुलिस ने इस मामले में 22 सितंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ को गिरफ्तार कर लिया था।
हरिद्वार (कुलभूषण) पूर्व शिक्षा मंत्री सांसद हरिद्वार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार जिले के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण करने के बाद आज सीसीआर कंट्रोल रूम में प्रशासन के अधिकारियों के साथ में बैठक की और स्थिति का जायजा लिया। साथ ही साथ उन्होंने राहत सामग्री के वितरण और राहत कार्यों का जायजा भी लिया । बैठक के दौरान डॉ निशंक ने अधिकारियों से सख्त लहजे में निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी तरह से एक भी आम आदमी को परेशानी नहीं होनी चाहिए , इस आपदा की स्थिति में किसी भी तरह की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी । सांसद रमेश पोखरियाल निशंक लगातार पिछले कई दिनों से हरिद्वार के तमाम बाढ़ ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं इसी कड़ी में वो आज चार बजे सीसीआर कंट्रोल रूम
पहुंचे जहां सांसद निशंक ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए बाढ़ से बचाव के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
सांसद डॉ निशंक ने बैठक में जनपद के सभी बाधित मार्गों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए तत्काल क्षतिग्रस्त मार्गों को बहाल किये जाने हेतुअधिकारीयों को निर्देशित किया, इस दौरान डॉ निशंक ने पत्रकारों को बताया कि राहत कार्यों के लिए लो०नि०वि० की तीनों डिविजन को 80.00 लाख की धनराशि का भुगतान किया गया है जिससे की राहत कार्यों में कोई समस्या न आने पाए । साथ ही साथ अधिशासी अभियन्ता सिंचाई विभाग को कुल 40.00 लाख की धनराशि अग्रिम उपलब्ध करायी गयी। उन्होंने बताया जनपद हरिद्वार को कुल राज्य आपदा मोचन निधि द्वारा कुल 30 करोड़ तथा आपदा न्यूनीकरण मद के अन्तर्गत कुल 1 करोड, पेयजल योजनाओं की तात्कालिक मरम्मत/ पुनर्निर्माण हेतु 4 इस प्रकार जनपद को कुल 35 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। साथ ही साथ राज्य आपदा मोचन निधि से जनहानि और पशुहानि के लिए अब तक 20.36 लाख की धनराशि भी वितरित की गई है।
बैठक के दौरान डॉ निशंक ने अखिकारियों से बाढ़ प्रभावित व जलभराव वाले क्षेत्रों में संक्रमित बीमारियो से बचाव हेतु पर्याप्त मात्रा में स्टॉफ तैनात किये जाने व मेडिकल किट, दवाईयो आदि की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था तथा पशु चिकित्साधिकारी, हरिद्वार को पशुओं के लिए चारे की समुचित व्यवस्था किये जाने हेतु निर्देशित किया । इसके अतिरिक्त शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत हरिद्वार को साफ-सफाई, जल निकासी उपरान्त कीटनाशक दवाईयों के छिड़काव आदि हेतु निर्देशित किया ।
उन्होंने क्षेत्र की जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया तहसील लक्सर अन्तर्गत बाढ़ से प्रभावित 33 ग्रामों के कुल प्रभावित 81 परिवारों को अस्थायी राहत केन्द्रों यथा-बारातघर, पंचायत घर राधाकृण मन्दिर में शिफ्ट किया गया है तथा 2775 परिवार जो प्रभावित हैं उनकी पूरी मदत की जा रही है । कुछ स्थानों पर विद्युत आपूर्ति बाधति है तथा विद्युत आपूर्ति बहाल किये जाने को लेकर उन्होंने अधिकारीयों से बात की है और जल्दी ही वहां स्थिति सामान्य हो जायेगी । उन्होंने बताया तहसील हरिद्वार अन्तर्गत 14 ग्राम बाढ़ से प्रभावित है जिनमे 141 परिवारों के 650 व्यक्तियों को राहत सामग्री पहुंचा दी गई है। तहसील रुड़की अन्तर्गत 22 ग्राम बाढ़ से प्रभावित हैं जिनके 750 परिवारों के लगभग 3200 व्यक्तियों को सहायता राशि वितरित की जा रही है। तहसील भगवानपुर अन्तर्गत 2 ग्राम बाढ़ से प्रभावित होने जिनके 90 परिवारों के लगभग 380 व्यक्तियों को राहत वितरण की जा रही हैं। उन्होंने बताया भारी वर्षा के कारण जनपद 5 भवन पूर्ण रुप से क्षतिग्रस्त हुए है तथा लगभग 205 भवन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए है जिनकी पूरी मदत की जा रही है। इसके साथ ही साथ उन्होंने बताया की आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में खाने की व्यवस्था से लेकर रहने की भी पूरी व्यवस्था की गई है।
सांसद डॉ निशंक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति आती है तो हम उसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं. स्वास्थ्य विभाग और राहत आयुक्त विभाग के साथ ही यहां जिला प्रशासन को संभावित बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में नौकाओं के साथ साथ राहत सामग्रियों के बारे में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारियो को निर्देशित कर दिया गया है कि राहत शिविर में किसी भी तरह से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए ।
बैठक के दौरान डॉ निशंक ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राहत शिविर में किसी भी तरह से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. बाढ़ प्रभावितों के रहन-सहन और खानपान की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर मोबाइल चिकित्सा दल प्रभावित क्षेत्रों में पूरी तरह एक्टिव और राउंड पर रहे, साथ ही साथ राहत शिविरों में डॉक्टरों और मोबाइल मेडिकल टीम के पास हर हाल में एंटी वेनम, एंटी रेबीज और हर तरह के विषैले जानवरों के काटने से बचाने वाली दवाई पर्याप्त रूप से उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा राहत शिविरों में समुचित सफाई और लाइटिंग हो. साथ ही बाढ़ का पानी उतरने के बाद प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर सफाई कराई जाए. जिससे इन क्षेत्रों में संक्रामक बीमारी फैलने न पाए. उन्होंने बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त होने वाले सड़कों और गलियों की भी शीघ्र मरम्मत कराए जाने का निर्देश दिया l
बैठक में रूड़की के सिविल लाइन एरिया में जल भराव की समस्या के समाधान पर भी चर्चा हुई तथा इस संबंध में दिशा निर्देश दिये गये l
इस अवसर पर रानीपुर विधायक श्री आदेश चौहान, जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, एस एस पी श्री अजय सिंह, अपर जिलाधिकारी श्री बीर सिंह बुदियाल, एम एन ए श्री दयानंद सरस्वती, सी एम ओ श्री मनीष दत्त सहित संबंधित अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
देहरादून, उत्तराखंड में एक ओर मॉनसून के आगमन के साथ ही भारी बारिश और मौसम से बिगड़ी स्थिति के कारण कई क्षेत्र जल और प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त हैं , वहीं दूसरी ओर State Disaster Response Force (SDRF) राज्य में संचालित कावड़ यात्रा, बेहद चुनौतीपूर्ण चारधाम यात्रा, हेमकुण्ड यात्रा के संचालन को कुशलतापूर्वक अंजाम दे रहे हैं l
एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने प्रेस को जारी बयान में बताया, ऐसे में मुश्किल हालातों में प्रदेश की SDRF यानी राज्य आपदा प्रतिवादन बल एक कुशल रक्षक की तर्ज पर हर मोर्चे पर अग्रणी होकर कार्य कर रही है। विगत कुछ दिनों में प्रदेश में हुई भारी बारिश से आम जनता को कई विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं जलभराव के कारण लोग अपने जलमग्न घरों में फंस गए है तो कहीं भूस्खलन व उफनती नदियों के कारण हादसों का शिकार हो रहे है।
कमांडेंट SDRF, मिश्रा द्वारा जानकारी देते हुए बताया, प्रदेश में मॉनसून की दस्तक के साथ ही राज्य के 42 संवेदनशील स्थानों में SDRF टीम को तैनात कर दिया गया था। इन टीमों को आधुनिक रेस्क्यू उपकरणों से सज रखा गया है। विगत दिनों हुई भारी बारिश में जनपद हरिद्वार के लक्सर व खानपुर क्षेत्रों के कई गॉंव में जलभराव होने पर SDRF फ्लड रेस्क्यू टीमों के द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन्स के माध्यम से 250 लोगों को रेस्क्यू किया गया व SDRF की पेरामेडिक्स टीम द्वारा गाँव मे अस्वस्थ लोगों को आवश्यक उपचार व दवाइयां भी दी गई। गर्भवती महिलाओं व दिव्यांग के लिए जवानों द्वारा अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा को ताक में रखकर रेस्क्यू किये गए है। जिनकी सराहना आम जनता द्वारा भी की गई है।
कमांडेंट मिश्रा ने बताया, बारिश के कारण डाकपथर, ऋषिकेश, कोटद्वार इत्यादि में भी SDRF द्वारा फंसे हुए कई लोगों को रेस्क्यू किया गया। फ्लड रेस्क्यू टीम द्वारा राफ्ट, डकी बोट्स, रिमोटली ऑपरेटेड लाइफ बॉय से रेस्क्यू ऑपेरशनस को कुशलता से अंजाम दिया। इस जल और प्राकृतिक आपदा के दौर में चुनौती पूर्ण कार्य के लिए एसडीआरएफ के जवानों को रु 1500 के नकद पारितोषिक से भी पुरुस्कृत किया गया है।
उनके द्वारा बताया गया कि माह जुलाई में अब तक सम्पूर्ण प्रदेश में SDRF द्वारा 36 रेस्क्यू ऑपरेशन के माध्यम से 284 लोगों का रेस्क्यू किया गया जबकि 09 शवों को भी बरामद किया है। इसके अतिरिक्त 06 लापता लोगो की सर्चिंग निरन्तर की जा रही है। उन्होंने बताया मानसून रेस्क्यू के साथ ही SDRF द्वारा काँवड़ मेला, चारधाम यात्रा, हेमकुण्ड साहिब यात्रा, आदि कैलाश यात्रा में भी सराहनीय कार्य किया जा रहा है। काँवड़ मेले में अभी तक SDRF द्वारा 45 कांवड़ियों को डूबने से सकुशल रेस्क्यू किया गया है। चारधाम यात्रा में अब 150 लोगों को रेस्क्यू कर स्ट्रेचर से अस्पताल पहुंचाकर उनके अनमोल जीवन की रक्षा की गयी है जबकि यात्रा के दौरान मृत 09 लोगों के शवों को जिला पुलिस के सुपुर्द किया है। और हिमस्खलन व भूस्खलन से बाधित यात्रा मार्गों में फंसे हज़ारों तीर्थ यात्रियों को सकुशल लैंडस्लाइड जोन/डेंजर ज़ोन भी पार करवाया गया है।
हरेला पर्व पर रेंज कार्यालय में कांग्रेसजनों ने किया वृक्षारोपण कर दिया पर्यावरण बचाने का संदेश
ॠषिकेश, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि वृक्ष सभी के जीवन के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है जिस प्रकार कोरोना काल में लोगों को प्राण वायु की कमी से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा लोग कृत्रिम प्राण वायु के लिए लोग तड़प रहे थे हम सब के जीवन में ये दिन फिर न आए इसलिए हमे अपने घर में या बाहर अवश्य दो दो पेड़ जरुर लगाने चाहिये।
महानगर अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि हम हर वर्ष हरेला पर्व पर वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुवात करते हैं और ज्यादा से ज्यादा नए वृक्ष लगाने का प्रयास करते हैं, हमे सबको जहां जगह मिले अवश्य बृक्ष लगाने चाहिये, हमें अपने व अपने परिवार जनों के जन्मदिन पर भी एक बृक्ष लगाना चाहिये ताकि पर्यावरण का बचाव हो सके। .
कार्यक्रम में अरविंद जैन, पार्षद भगवान सिंह पंवार, पार्षद शकुंतला शर्मा, शैलेंद्र बिष्ट, वीट अधिकारी राणा, देवेश्वर प्रसाद रतूड़ी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य सरोजनी थपलियाल, संजय शर्मा, गौरव, हरि राम वर्मा, प्रवीण गर्ग, राजेंद्र कोठारी, हरि सिंह नेगी, मनीष जाटव, आशा सिंह, ओम सिंह पंवार, गौरव अग्रवाल, श्रीमती जोशी, विक्रम भंडारी आदि उपस्थित थे ।
उत्तराखंड की लोक संस्कृति का परिचायक है हरेला : कुसुम कण्डवाल
ॠषिकेश, हरेला पर्व के उपलक्ष्य में उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने वीरभद्र जनकल्याण समिति के साथ आईडीपील इंटर कॉलेज में पौधा रोपण व वृक्षारोपण किया।
उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने इस अवसर पर पौधे लगाते हुए समस्त प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की बधाई व शुभकामनाएं दी और कहा कि हरेला पर्व उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति का परिचायक है यह पर्व प्रकृति को समर्पित है।
साथ ही महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का पवित्र संदेश देते हुए हमारे पूर्वजों द्वारा प्रारंभ किए गए हरेला पर्व की परंपरा को हमे आगे बढ़ाने व प्रकृति को हरा-भरा बनाने का संकल्प लेना चाहियें और सभी को वृक्षारोपण करते हुए हरेला मनाना चाहिए।
इस अवसर पर वीरभद्र जनकल्याण समिति की जनसंपर्क अधिकारी व संयोजक सुंदरी कण्डवाल, अध्यक्ष लता राणा, विद्यालय की प्रधानाचार्या, शोभा कोटियाल, विनीता बिष्ट, शशि राणा, अरविंद चौधरी, प्रवक्ता संजय ध्यानी, गीता मित्तल, बसन्ती शर्मा, योगी तिवारी, ओम प्रकाश गुप्ता, दिनेश बिष्ट, संगीता रावत, कविता ध्यानी सहित अन्य उपस्थित रहे।
प्रदेश की डबल इंजन सरकार व मसूरी विधायक पर शहर की दुर्दशा का सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गौनियाल ने लगाया आरोप
मसूरी, सामाजिक कार्यकर्ता मनीष गौनियाल ने शहर की दुर्दशा सहित सैन्यधाम, गलोगी भूस्खलन, सड़कों की दुर्दशा, आदि पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मसूरी विधायक एंव प्रदेश के कबीना मंत्री गणेश जोशी डबल इंजन की सरकार पर तीखे प्रहार किए।
एक होटल के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि देहरादून में बनने वाले सैन्य धाम भू माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है जबकि चमोली स्थित सवारगांव देवाल के लोगों द्वारा निशुल्क भूमि देने की भी बात की गई थी लेकिन भू माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए शहीदों के नाम पर भी राजनीति की जा रही है जबकि देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए सबसे अधिक शहीद इस गांव के हुए है। उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्ष पूर्व मसूरी देहरादून मुख्य मार्ग पर गलोंगी धार के पास पहाड़ी दरकने से मार्ग बाधित हो गया था जिसका आज तक ट्रीटमेंट नहीं किया गया है और बरसात के समय यहां पर जानमाल का भय बना रहता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसका शीघ्र ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो उन्हें भूख हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने सड़कों की बदहाल स्थिति को लेकर भी क्षेत्रीय विधायक को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आए दिन इन मार्गों पर लोग चोटिल हो रहे हैं लेकिन अब तक सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है वहीं ऐतिहासिक माल रोड भी तालाब में तब्दील हो गई है जिसका असर पर्यटन पर भी पड़ रहा है और यहां पर्यटकों की संख्या में कमी आने लगी है। उन्होंने कहा कि मसूरी में एकमात्र डिग्री कॉलेज में रोजगार परक विषय ना होने के कारण यहां के गरीब छात्र छात्राओं को महंगे शहरों में पठन-पाठन के लिए जाना पड़ता है। साथ ही मसूरी का एकमात्र उप जिला चिकित्सालय डॉक्टरों और स्टाफ नर्स की कमी से जूझ रहा है जिस कारण मरीजों को देहरादून जाने के लिए बाध्य होना पड़ता है। उन्होंने 2009 में शुरू हुई सीवर परियोजना पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि 2023 तक भी यह योजना पूरी नहीं हो पाई है जबकि इस योजना में 100 करोड ऊपर से भी अधिक की धनराशि खर्च की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि मसूरी में सबसे बड़ी समस्या आवास की है और यहां पर आवासीय कॉलोनी को लेकर किसी भी प्रकार का कार्य नहीं किया गया है जबकि आबादी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में यदि कोई अपना आशियाना बनाता है तो उस पर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण का डंडा चल जाता है जबकि बड़े-बड़े होटल बन रहे हैं ऐसे में आवासीय कॉलोनी के लिए स्थान चिन्हित कर गरीब लोगों को छत उपलब्ध कराने के लिए कैबिनेट मंत्री द्वारा आज तक कोई प्रयास नहीं किया गया साथ ही अंग्रेजों के जमाने से बनी रेलवे आउट एजेंसी भी बंद कर दी गई है जिस कारण लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने मसूरी विधायक और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से उनकी उपलब्धियां जनता के बीच लाने की बात कही। इस मौके पर कीर्ति कंडारी, आशा राम बडोनी, सूरजन सिंह भंडारी, राकेश पंत, विवके कंडारी, ब्रिजपाल सिंह पंवार, मुकुल कुमार, व दिनेश आदि मौजूद रहे।
नोएडा, यमुना का जलस्तर लगातार बढऩे के चलते डूब क्षेत्र में फार्महाउस नर्सरी में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारी उसी में फंस गए थे। दो दिनों से चल रहे एनडीआरएफ, फायर विभाग और पुलिस के रेस्क्यू ऑपरेशन के चलते अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। पुलिस द्वारा टोल कैमरे से भी सर्वे करवाया जा रहा है।
यह देखा जा रहा है कि कहीं कोई बचा तो नहीं है, जो मदद की गुहार लगा रहा हो और उसकी आवाज ना पहुंच पा रही हो। गौतमबुद्धनगर में लगातार पुलिस बल व एनडीआरएफ/फायर सर्विस टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सेक्टर-135 स्थित फार्म हाउस एरिया, गौशाला तथा आसपास के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में फंसे हुए व्यक्तियों व मवेशियों की सहायता करने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में आसपास के क्षेत्र का ड्रोन से निरीक्षण किया जा रहा है, ताकि बाढ़ में फंसे व्यक्तियों एवं मवेशियों को देखकर रेस्क्यू किया जा सके।
अब तक हजार से ज्यादा मवेशी रेस्क्यू कराए गए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। कई ऐसी गौशालाएं थी, जहां पानी भरने से वहां पर रह रही गायों को सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। पुलिस प्रशासन की यही कोशिश है कि कोई भी व्यक्ति छूट ना जाए इसीलिए ड्रोन कैमरा की मदद ली जा रही है। अगर कोई व्यक्ति किसी कारणवश छूट गया है तो उसे जल्द से जल्द रेस्क्यू करवाया जाएगा।
देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य बनने के बाद से राज्य में जमीन खरीद फरोख्त का धंधा खूब चलने गया, जमीन की खरीद फरोख्त के इस खेल में अब धीरे धीरे कई घोटाले भी लगातार सामने आ रहे हैं, ऐसे में जिले के जिलाधिकारी के पास जनता दरबार में जमीन से जुड़ी काफी शिकायतें लगातार दर्ज हो रही है, जिनको लेकर जिलाधिकारी दून ने सख्ती दिखाई और रजिस्ट्रार कार्यालय का निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान काफी धालमेल पाया गया, जिसमें रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों और भू माफिया की मिलीभगत सामने आये, जिसमें पाया गया कि रिकार्ड रूम के अंदर असली रजिस्ट्री को बदलने और गायब करने का गैंग संचालित किया जा रहा था।
मामला तब प्रकाश में आया जब जनसुनवाई में कुछ मामले सामने आने के बाद जिलाधिकारी सोनिका ने जांच बिठाई तो गैंग का पर्दाफाश हुआ। जांच में सामने आया कि रिकार्ड रूम में असली रजिस्ट्री को बदल कर उसके स्थान पर भू माफिया अपने अनुसार फर्जी दस्तावेजों को रिकार्ड में शामिल करा रहे थे।
इसके चलते कई लोग अपनी पुश्तैनी जमीनों से मालिकाना हक खो चुके थे। प्रशासनिक जांच में सामने आया कि बड़े पैमाने पर फर्जी विक्रय, दानपत्र, अभिलेखों में छेड़छाड़ कर भू माफिया को लाभ पहुंचाने का खेल सालों से चल रहा था। एडीएम वित्त की ओर से जांच में पकड़े गए चारों मामलों में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए हैं। पिछले पखवाड़े में डीएम सोनिका से एक महिला ने जनसुनवाई कार्यक्रम में शिकायत कर आरोप लगाया कि उसकी पुश्तैनी जमीन के दस्तावेजों को रजिस्ट्री कार्यालय के रिकार्ड में ही बदल दिया गया है। इस कारण वह अपनी जमीन से वंचित हो गई है। इसी तरह एक अन्य मामले में पीलीभीत के नगरिया तहसील पूरनपुर के रहने वाले मक्खन सिंह ने दावा किया कि आईएएस रहीं प्रेमलाल ने उन्हें 60 बीघा जमीन की पावर आफ अटार्नी की थी।इस आधार पर यह जमीन उनकी है। ऐसे कुल चार मामले संदिग्ध प्रतीत होने पर डीएम ने एडीएम प्रशासन डा. एसके बरनवाल को जांच सौंपी। जांच में उन्होंने पाया कि रजिस्ट्रार आफिस के रिकार्ड रूम में असली रजिस्ट्री को बदलने का खेल चल रहा है। जिल्दों में रजिस्ट्री को बदला जा रहा है। जांच में चारों मामलों में नकली रजिस्ट्री को रिकार्ड में शामिल किया जाना पाया गया। एडीएम वित्त रामजी लाल शर्मा ने बताया कि सीलिंग भूमि, अतिरिक्त घोषित भूमि और चाय बागान, शत्रु सम्पत्ति समेत कई अन्य संपत्तियों पर फर्जी कागजों के जरिए मालिकाना हक जताकर कब्जा करने के प्रयास किये जा रहे थे। इस प्रकरण में शामिल लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। इन सभी के खिलाफ रिपेार्ट दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए हैं।
एडीएम वित्त रामजी लाल शर्मा ने बताया कि अभी तक जो दस्तावेज रिकार्ड में फर्जी साबित हो चुके हैं या जो संदिग्ध प्रतीत हो रहे हैं, उन सभी में भूमि का मालिकाना हक या कब्जे की प्रक्रिया को तत्काल रोक दिया गया है। ऐसे प्रकरणेां में संलिप्तों के विरूद्ध प्रभावी कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
देहरादून, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने देहरादून यमुना कॉलोनी स्थित शासकीय आवास पर आपदा प्रबंधन सचिव, लोकनिर्माण विभाग के सचिव और मुख्य अभियंता के साथ कोटद्वार में आई आपदा को लेकर बैठक की। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष अधिकारियों को जरूरी सुझाव एवम् दिशा निर्देश दिए।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने मालन नदी पर क्षतिग्रस्त हुए पुल के संबंध में कहा कि आपदा प्रबंधन की लापरवाही और अधिकारियों के ढीले रविए के कारण आज कोटद्वार वासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।
विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक में अधिकारियों को कोटद्वार की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित कर लिया जाय कि प्रभावितों को रहने खाने एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ण उपलब्धता हो।
विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों से कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की निकासी जल्द की जाए। जल जनित रोगों से बचाव के लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्था की जाय। बारिश से पेयजल, विद्युत, सड़क एवं अन्य व्यवस्थाएं जो प्रभावित हुए हैं, उन्हें शीघ्र सुचारू किया जाए।अधिकारियों को स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने एवं प्रभावितों तक तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
मानसून अवधि में सड़क, बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने वैकल्पिक मार्ग मवाकोट- कण्वआश्रम को पीडब्ल्यूडी द्वारा जेसीबी और अन्य उपकारों की मदद से चौड़ा और सुगम करने के साथ ही वैकल्पिक मार्ग पर कोटद्वार वासियों के रात्रि में भी आवागमन हेतु स्ट्रीट लाइट लगाने के भी निर्देश दिए। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने आपदा प्रबंधन से कोटद्वार में आपदा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की रिपोर्ट देने के भी निर्देश दिए।
बैठक में आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा, लोक निर्माण विभाग सचिव पंकज पांडे , मुख्य अभियंता गढ़वाल मंडल, लोक निर्माण विभाग दयानंद उपस्थित रहे।