Saturday, June 21, 2025
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राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध : मुख्यमंत्री

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शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को सीएम धामी ने अर्पित की श्रद्धांजलि

देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीदों के परिवारजनों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि देहरादून एवं पिथौरागढ़ में एक-एक अतिरिक्त जिला सैनिक कल्याण कार्यालय खोला जायेगा। प्रदेश में सैनिक द्वार एवं स्मारकों की देखरेख सैनिक कल्याण विभाग एवं जिला प्रशासन के द्वारा की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल लड़ाई में हमारे जवानों ने अदम्य साहस, वीरता एवं पराक्रम का परिचय देते हुए माँ भारती की रक्षा की। कारगिल में भारत के रणबांकुरों का दुश्मन के खिलाफ किया गया सिंहनाद आज तक उसी वेग से गूंज रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। कारगिल युुद्ध में उत्तराखण्ड से 75 वीर सपूत शहीद हुए। जिस सांस्कृतिक परिवेश और विचारों ने हम सभी को पोषित किया है, उस संस्कृति में मान्यता है कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के साथ उनका रिश्ता आत्मीयता का रिश्ता है। उन्होंने कहा कि अपने पिता जी से सुनी सैन्य वीरों की गाथाओं ने उन्हें बचपन से ही बहुत प्रभावित किया और उनके अंदर राष्ट्र के प्रति संपूर्ण समर्पण की भावना को जागृत किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से सेना ना केवल पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है बल्कि उसकी यश और कीर्ति भी बढ़ रही है। सरकार जहां एक तरफ सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है तो वहीं सैनिकों और उनके परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बढ़ा रही है। भारत सरकार हर स्तर पर सेना को सुदृढ़ करने का कार्य का रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। परमवीर चक्र विजेता को 30 लाख से 50 लाख, अशोक चक्र 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 लाख से 35 लाख, कीर्ति चक्र 20 लाख से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र 15 से 25 लाख और सेना गेलेन्ट्री मेडल 07 लाख से 15 लाख करने को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून के गुनियालगाँव में शहीदों की स्मृति में अत्याधुनिक एवं विभिन्न सुविधाओं से युक्त ’शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा । उत्तराखण्ड सरकार द्वारा युद्ध विधवा एवं युद्ध अपंग सैनिकों को दो लाख रुपये की आवासीय सहायता प्रदान की जा रही है। उत्तराखण्ड में सेवारत एवं पूर्व सैनिकों को 25 लाख मूल्य की सम्पत्ति के खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की गयी है ।

सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि भारतीय सेना ने सदैव राष्ट्र की अखंडता एवं सम्प्रभुता बनाए रखने के लिये अनुकरणीय साहस और देशभक्ति का प्रदर्शन किया है। हमारा प्रथम कर्तव्य है कि देश की सीमाओं की रक्षा तथा देश की संप्रभुता एवं अखंडता बनाये रखने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिक सपूतों, पूर्व सैनिकों तथा उनके परिजनों के मान-सम्मान एवं कल्याणार्थ सदैव तत्पर रहें। भारतीय सैनिक हमारे देश के सच्चे नायक हैं। वे दिन-रात हमारी राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करते हैं। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान उत्तराखण्ड के वीर योद्धाओं ने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी और हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो गए। इस कारगिल युद्ध में देवभूमि उत्तराखण्ड के 75 जांबाज सैनिक शहीद हुए थे। मातृभूमि पर सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर बलिदानी भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, मगर इनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा के लिए बसी रहेंगी। प्रदेश में सैनिकों के सम्मान और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 36 सैनिक विश्राम गृह संचालित हैं तथा सैनिक विश्राम गृह टनकपुर को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है।

सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि सरकार ने वीरता पदक से अलंकृत पदकधारकों को देय अनुदान राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की है तथा उन्हें निःशुल्क बस यात्रा अनुमन्य की गयी है। उन्होंने कहा राज्य सरकार द्वारा सैनिक विधवाओं की पुत्रियों के विवाह के लिए 01 लाख का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में सैनिकों के सम्मान में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है।

कार्यक्रम में विधायक श्री खजानदास, श्रीमती सविता कपूर, मेयर सुनील उनियाल गामा, भाजपा के महानगर अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, श्री अनिल गोयल, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, एस.एस.पी दलीप सिंह कुंवर, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल, पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर जनरल शम्मी सभरवाल, मेजर जनरल देवेश अग्निहोत्री, ब्रिगेडियर दिनेश बडोला पूर्व सैनिक और शहीदों के परिवार जन उपस्थित थे।

अटल उत्कृष्ट घनानंद राजकीय इंटर कॉलेज के वार्षिक समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने किया प्रतिभाग

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मसूरी, विधानसभा मसूरी के अटल उत्कृष्ट घनानंद राजकीय इंटर कॉलेज में विद्यालय के संस्थापक घनानंद खण्डूडी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी ने प्रतिभाग किया।
आपको बता दें की अटल उत्कृष्ट घनानंद राजकीय इंटर कॉलेज के मसूरी के संस्थापक
घनानंद खण्डूडी जो की विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी के परदादा थे जिन्होंने 1930 में विद्यालय की स्थापना की थी और 30 एकड़ की भूमि विद्यालय के लिए दान कर दी थी।
वर्ष 2021 में उत्तराखंड सरकार ने घनानंद राजकीय इंटर कॉलेज को अटल उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में सम्मिलित कर लिया था।
विधानसभा अध्यक्ष का विद्यालय पहुंचने पर विद्यालय के छात्र छात्राओं और अध्यापकों ने भव्य स्वागत किया।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने विद्यालय के संस्थापक और अपने परदादा घनानंद खण्डूडी जी की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
समारोह में विद्यालय के छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
विद्यालय के प्रधानाचार्य ने विद्यालय के विकास हेतु अपना मांग पत्र सौंपा। जिसपर विधानसभा अध्यक्ष ने विद्यालय के पूर्ण विकास का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा की घनानंद राजकीय इंटर कॉलेज उनके परिवार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है उन्होंने बताया की अक्सर उनके परिवार जन विद्यालय के बारे में चर्चा करते रहते है और विद्यालय को और आगे बढ़ाने और बच्चों को और अधिक शिक्षा देने के लिए प्रयासरत रहते है।
उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है जो एक व्यक्ति को समृद्धि और समाज में स्थान मिलने की दिशा में आगे बढ़ाता है।
उन्होंने कहा की छात्रों को समझने की जरूरत है कि ज्ञान के साथ साथ नैतिक मूल्यों के विकास का भी ध्यान रखना आवश्यक है। एक सफल व्यक्ति वही होता है जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए नैतिक मूल्यों का पालन करता है। उन्होंने कहा की आप सभी को सत्य, ईमानदारी, समरसता और सहानुभूति के प्रति संवेदनशील होने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा की जीवन में सफलता पाने के लिए आपको संघर्ष करने की जरूरत होती है। धैर्य रखें, परिश्रम करें और संघर्ष करें। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, परंतु आप इसमें निराश न हों। सफलता के मार्ग पर चलते समय अपने संगठन, सहयोग और विश्वास को बनाए रखें और विद्यालय का नाम रोशन करे।
कार्यक्रम में मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार, प्रधानअध्यापक रवि उनियाल सहित विद्यालय के सभी शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

बीन नदी पुल पर निर्माण को लेकर क्षेत्रीय जनता सड़क पर उतरी, चीला बैराज मार्ग पर किया सांकेतिक धरना प्रदर्शन

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पौड़ी (यमकेश्वर), विधान सभा यमकेश्वर में समुचित विकास और बीन नदी पुल के निर्माण नहीं होने पर नाराज क्षेत्रीय जनता ने लामबंद होकर चीला-बैराज मोटर मार्ग पर धरना प्रदर्शन कर शासन प्रशासन के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया। सांकेतिक धरना प्रदर्शन करने वाले आम जन मानस का कहना है कि उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद से ही बीन नदी पुल के लिए यहां का आम जनमानस लामबंद है, किन्तु प्रशासन के नियमों ने फाईल आगे नहीं बढने दी, जबकि वर्ष 2020 में दो बार पुल बनने की घोषणा एवं टेण्डर पास होने की खबर प्रकाशित होने के बाद भी अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है, जो कि बहुत ही निराशाजनक परिणाम है। क्षेत्रवासी यमकेश्वर क्षेत्र की अन्य सड़कों का डामरीकरण एवं निर्माण को लेकर काफी समय से प्रयासरत थे लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो जनता सरकार और प्रशासन के खिलाफ आक्रोशित होकर सड़क पर उतर आई |

साकेतिक धरने के बीच जिला पंचायत सदस्य उमरोली आरती गौड़ ने कहा कि कई बार बीन नदी पुल के संबंध में प्रशासन के साथ वार्ता होने के बावजूद भी काम में हीला हवली की जा रही है, प्रशासन को जनता का दुख नहीं दिखाई दे रहा है, यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। वहीं ग्राम प्रधान मल्ला बनास बचन सिंह बिष्ट ने कहा कि बीन नदी पुल के निर्माण नहीं होने से डांडामण्डल एवं ताल त्योडो घाटी का विकास पूरी तरह अवरूद्ध हो रखा है, उन्होंने कहा कि बीन नदी पुल नहीं बनता है तो हमें आंदोलन का रूख अपनाना पड़ेगा। क्षेत्र पंचायत सदस्य बूंगा एवं पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट का कहना है कि यमकेश्वर क्षेत्र राजधानी से सटा हुआ है और दो तीर्थ नगरी की सीमा एवं नीलकंठ जैसे पर्यटन स्थल होने के बावजूद भी यह क्षेत्र विकास से अछूता है, यह खेद जनक है | बीन नदी पुल की मांग जनता पिछले 23 सालों से करती आ रही है, किंतु सरकार और प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रही है।

सांकेतिक धरना प्रर्दशन करने वालों में श्री राजेन्द्र सिंह आशीष अमोली,, बचन बिष्ट , अंकित नेगी, , सत्यपाल रावत मधूसूदन बलूनी, विक्रम सिंह रावत, गंगा भोगपुर, विनोद जुगलाण, चन्द्र प्रकाश पेटवाल,आदि उपस्थित थे।

 

सीटू ने मणिपुर की घटना को लेकर किया देशव्यापी प्रदर्शन, दून में फूंका पीएम मोदी का पुतला

मणिपुर की घटना को लेकर सीटू का देशव्यापी प्रदर्शन, दून में फूंका पीएम का  पुतला | Loksaakshya
देहरादून, मणिपुर में जातीय हिंसा और दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो वायरल होने के विरोध में आज सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस सीटू के आह्वान पर देशव्यापी प्रदर्शन किए गए। इसी कड़ी में दून के गांधी पार्क के निकट प्रदर्शन के साथ ही पीएम मोदी का पुतला दहन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने मणिपुर की घटना को शर्मशार करने वाली घटना बताया। साथ ही इस मामले में केंद्र और मणिपुर की बीजेपी सरकार को ही दोषी बताया गया।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत सीटू से जुड़े कार्यकर्ता राजपुर रोड स्थित सीटू जिला कार्यालय में एकत्रित हुए। वहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए जलूस के रूप में गांधी पार्क होते हुए क़्वालिटी चोक पहुंचे। जहां पर पुतले को आग के हवाले कर दिया। सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि मणिपुर में तीन मई से हिंसा शुरू हो गई थी। चार मई को तीन महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया गया। इसकी रिपोर्ट 18 मई को की गई। 21 मई को थाने में मुकदमा दर्ज होता है। इसके बावूजद किसी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।

श्री लेखराज ने कहा कि जब दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो 19 मई को वायरल होता है और सुप्रीम कोर्ट मामले को संज्ञान लेता है। केंद्र और राज्य सरकार के कार्रवाई के बारे में पूछता है, तब जाकर मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी चुप्पी तोड़ते हैं। इस दौरान भी वह राजनीति करने से बाज नहीं आते हैं। घटना की निंदा तो करते हैं, लेकिन लोगों से शांति की अपील तक नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में भी बीजेपी की सरकार है। इसके बावूजद पुलिस की आंख के सामने महिलाओं से दुष्कर्म होता है और आरोपियों को पकड़ने का सिलसिला तब शुरू होता है, जब सुप्रीम कोर्ट घटना का संज्ञान लेता है, उन्होंने कहा कि ना तो केंद्र की ओर से हिंसा रोकने के प्रयास हुए और ना ही मणिपुर की सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। घटनाओं को छिपाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन महिलाओं में एक के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। एक के पिता और एक के भाई की हत्या कर दी गई। इसी तरह दो अन्य युवतियों से रेप करने के बाद उनकी हत्या की जानकारी सामने आ रही है। पीएम मोदी मौन साधे रहे और जब बोले तो उल्टे विपक्षी दलो की दूसरी राज्य सरकारों को निशाना बनाने से नहीं चूके। सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड हो, या कोई और घटना। सभी में हत्यारों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। कठुआ में बच्ची से बलात्कार करने के बाद हत्या करने वालो के समर्थन में तिरंगा लेकर भाजपा के तत्कालीन मंत्री भी प्रदर्शन में शामिल थे। बिलकिस बनो बलात्कारियों की सजा माफ करने वाली यही सरकार है। भाजपा और आरएसएस के लोग जेल से छूटने पर ऐसे बलात्कारियों का फूलमालाओं से स्वागत करते हैं। ऐसी घटनाओं से भाजपा का महिला विरोधी चेहरा सामने आ गया है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार व मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को सरकार में रहने का नैतिक आधार खो दिया है। इन्हे तुरन्त गद्दी छोड़ देनी चाहिए।

इस अवसर पर किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद महिलाओं पर बेतहाशा हमले बढ़े है। सरकार के लोग ऐसे मामलों को जायज ठहराने की कौशिश करते हैं। पहवानों के यौन शोषण की घटना ताजा उदाहरण है। आरोपी सांसद को भी जेल नहीं भेजा गया और ना ही पार्टी से हटाया गया। यह सरकार महिलाओ के सवालों पर मौन धारण कर लेती है। संसद में इस सवाल पर बहस से भी सरकार बच रही है। जनवादी महिला सभा की नेत्री इंदु नौढियाल ने मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री द्वारा मात्र 40 सेकेंड में अपनी बात को रखना और उस घटना का राजनैतिकरण करने को घोर निंदनीय बताया।

प्रदर्शनकारियों में सीटू के जिलाध्यक्ष कृष्ण गुनियाल, भगवंत पयाल, किसान सभा के प्रांतीय महामन्त्री गंगाधर नोटियाल, आंगनबाड़ी यूनियन की प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष जानकी चौहान, ज्योतिका पांडे, रजनी गुलेरिया, भोजन माता यूनियन की महामन्त्री मोनिका, आशा यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे, अनंत आकाश, राजेन्द्र पुरोहित, मनमोहन रौतेला, उमा नोटियाल, राम सिंह भंडारी, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के महामन्त्री विजय भट्ट, दिनेश नोटियाल, इंद्रेश नोटियाल, मामचंद, राजतिलक कनोजिया, रमेश कनोजिया आदि शामिल थे।

शौर्य दिवस पर कारगिल शहीदों को किया गया याद

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रुद्रप्रयाग- अटल आदर्श राजकीय इंटर काॅलेज रुद्रप्रयाग में कारगिल विजय शौर्य दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर याद किया गया। इस दौरान पुलिस की टुकड़ी द्वारा सलामी दी गई।
कारगिल शौर्य दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह ने सभी को शौर्य दिवस की 24वीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के लिए समर्पित दिन है। उन्होंने कहा कि सैनिकों के अदम्य पराक्रम के कारण हमें गौरवान्वित होने का अवसर मिला है।
अति विशिष्ट अतिथि रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी ने वर्ष 1999 में भारत-पाक कारगिल युद्ध व भारतीय सैन्य की ऐतिहासिक वीरगाथा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में कुल 527 सैनिकों ने अपनी शहादत दी थी जिनमें से अकेले 75 सैनिक उत्तराखंड राज्य तथा 03 सैनिक जनपद रुद्रप्रयाग से हैं। उन्होंने वीर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर वर्ष 26 जुलाई को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल यूएस रावत ने कारगिल युद्ध के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मन सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन विजय के तहत भारतीय सैनिकों 527 जांबाज सैनिकों को खो दिया। इस युद्ध में अपने विशेष पराक्रम के लिए देश के 37 वीर शहीद सैनिकों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हर वर्ष आज के दिन को राज्य सरकार द्वारा शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथियों द्वारा जनपद के वीर शहीद सैनिकों नायक सुनील दत्त कांडपाल, रायफल मैन शहीद भगवान सिंह व नायक शहीद गोविंद सिंह के आश्रितों को शाॅल ओढकर सम्मानित किया गया। आयोजित कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति दी गई। साथ ही विभिन्न विद्यालयों में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन किशन सिंह रावत द्वारा किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार, उप जिलाधिकारी अपर्णा ढौंडियाल, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विमल सिंह गुसांई, प्रधानाचार्य आर एस भदौरिया, अध्यक्ष अभिभावक संघ राजेंद्र नौटियाल, पूर्व अध्यक्ष भूतपूर्व सैनिक संगठन राय सिंह रावत सहित अन्य अधिकारी, शहीद सैनिकों के आश्रित व बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक व स्कूली छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

 

सीमाओं पर दुश्मन ने जब भी हमें चुनौती दी हमारे जांबाजों ने उनका मुंहतोड़ जवाब दिया : विधायक सुरेश चौहान

उत्तरकाशी, कारगिल विजय दिवस पर देश ही रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले सैनिकों के त्याग और बलिदान को कृतज्ञतापूर्वक याद करते हुए जिले में करगिल युद्ध के शहीदों को सैन्य एवं नागरिक पंरपरानुसार श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
करगिल विजय के पर्व को शौर्य दिवस के रूप में मनाते हुए जिला मुख्यालय स्थित शौर्य स्थल पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। शौर्य स्थल स्थित शहीद स्मारक पर सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल और पुलिस के जवानों तथा एन.सी.सी. कैडेट्स ने करगिल युद्ध के शहीदों के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया गया। शहीद स्मारक पर विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान, जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल, वीरनारी अनीता देवी, सैनिक कल्याण अधिकारी कै. रंजीत सेठ, एनआईएम के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया, सेना की जेकेलाइ यूनिट के सूबेदार इजारी लाल, आईटीबीपी के इंस्पेक्टर गणेश, विश्वनाथ पूर्व सैनिक समिति के संरक्षक मेजर (से.नि.) आरएस जमनाल और अध्यक्ष सूबेदार मेजर (से.नि.) वीरेन्द्र सिंह नेगी सहित पूर्व सैनिकों एवं आम नागिरकों ने करगिल युद्ध में शहीद हुए जिले के सैनिक दिनेश कुमांईं के चित्र पर पुष्पचक्र और पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी गई।

समारोह में मुख्य अतिथि विधायक सुरेश चौहान ने कहा कि सैनिकों के साहस, समर्पण और शौर्य के बूते हमारे देश की रक्षा व्यवस्था निरंतर मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सीमाओं पर दुश्मन ने जब भी हमें चुनौती दी हमारे जांबाजों ने उनका मुंहतोड़ जवाब दिया है। करगिल युद्ध इसका अप्रतिम उदाहरण है। इस युद्ध में हमारे देश के सैकड़ों सैनिकों ने अपने प्राण न्यौछावर कर देश की रक्षा की, इन जांबाजों में उत्तराखण्ड और उत्तरकाशी के योद्धा भी अग्रणी पांत में शामिल रहे हैं। विधायक ने कहा कि इन शहीदों की कुर्बानी को हमेशा याद रख हम सबको देश को मजबूत बनाने के लिए निरंतर जुटे रहना होगा।
इस मौके पर करगिल शहीद दिनेश चन्द्र कुमांई की धर्मपत्नी अनीता देवी को विधायक सुरेश चौहान के द्वारा शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान रा. बालिका इंटर कॉलेज, गोस्वामी गणेश दत्त विद्या मंदिर तथा रा. बालिका हाई स्कूल ज्ञानसू की छात्राओं के द्वारा देशभक्ति एवं शहीदों के बलिदान पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। समारोह में करगिल युद्ध के जांबाजों के शौर्य और समर्पण से नई पीढ़ी को अवगत कराने के लिए आयोजित चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं तथा सांस्कृतिक प्रस्तुति प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया।
समारोह में मुख्य शिक्षा अधिकारी जे.एन.काला, तहसीलदार रमेश सेमवाल, सहायक सैनिक कल्याण अधिकारी महावीर राणा, पालिका सभासद देवराज बिष्ट, सुधीर जोशी, गोपाल राणा आदि ने भी भाग लिया।
शौर्य दिवस के अवसर पर रामचद्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उत्तरकाशी में भी महाविद्यालय एनसीसी प्लाटून के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. सविता गैरोला ने शौर्य पटल पर पुष्प चक्र अर्पित कर सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों को अमर सैनिकों के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के उत्थान में अपना योगदान देने का आह्वान किया।

लापरवाही- एक हफ्ते से नहीं हुआ एनएच का मलबा साफ, जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे लोग

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(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर नैल (तहसील) के निकट लगभग एक हफ्ते पूर्व आया मलबा एनएच द्वारा अभी तक नहीं हटाया गया। जिस कारण यहां पर मार्ग अत्यधिक सकंरा हो गया व सड़क पर विखरा मलबा किसी भी दुर्घटना को न्योता दे सकता है। सड़क पर मलबे वाली जगह पानी कटाव से सड़क पर गड्डे पड़ गये व छोटे छोटे पथ्थर सड़क पर विखरे होने के कारण यहां से गुजरना मुसीबत को मोल लेने जैसा हो गया। कई दो पहिया वाहन आये दिन रपटने से बाल बाल बच गये। लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा।
बता दें कि पिछले हफ्ते हुई भारी वारिस से नैल के पास एन एच कटिंग का लूज बोल्डर सड़क पर टूटकर गिर पडा जिसमें एक कार भी बोल्डर की चपेट में आने से छतिग्रस्त हो गई थी। केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले सैकडो की संख्या में यात्री प्रत्येक दिन यहां से जान जोखिम मे डालकर गुजर रहे है। जबकि केदारघाटी सहित तहसील आने जाने वाले लोगों को आये दिन परेशानी उठानी पड़ती है। स्थानीय निवासी कांग्रेस के नेता विजयपाल सिंह जगवाण का कहना है कि यहां पर दो पहिया वाहन सवार जान जोखिम मे डालकर सफर करने को मजबूर है कई वाहन सड़क पर विखरे पथ्थरों पर रपटने से बाल बाल बच गये। स्थानीय निवासी जितार सिंह जगवाण का कहना है कि एक ओर ऊपर चट्टान से लगातार पथ्थर गिर रहे है वहीं दूसरी ओर सड़क का मलबा व विखरे हुये पथ्थर दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। आये दिन यहां से तहसील के अधिकारी व कर्मचारी गुजर रहे है इसके बाबजूद भी सड़क पर पडा मलबा एक हफ्ते से भी अधिक समय से एनएच द्वारा नहीं हटाया गया जो कि जनहितों के प्रति घोर लापरवाही है। उन्होने सडक पर जमा मलबे को यथाशीघ्र हटावाने की मांग जिला प्रशासन से की है

बाढ़ सुरक्षा के कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक : कोटद्वार वासियों को जल्द से जल्द राहत देने के लिए वैकल्पिक मार्ग को निश्चित समय अवधि पर पूर्ण करें : ऋतु खण्डूडी

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कोटद्वार, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने कोटद्वार निंभुचौड़ स्थित अपने आवास पर पौड़ी जिलाधिकारी सहित सभी विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ कोटद्वार हो रहे बाढ़ सुरक्षा के कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को जरूरी सुझाव एवं दिशा निर्देश दिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों से मालन नदी पर ह्यूम पाइप की मदद से बन रहे बन रहे पुल के प्रगति कार्य की जानकारी ली।
लोक निर्माण विभाग द्वारा बताया गया कि मालन नदी पर 24 से अधिक ह्यूम पाइप अभी तक डाल दिए गए हैं निर्माण कार्य दिन-रात युद्ध स्तर पर चल रहा है उन्होंने जल्द ही कार्य को पूर्ण करने की बात कही।
विधानसभा अध्यक्ष ने कोटद्वार वासियों को जल्द से जल्द राहत देने के लिए वैकल्पिक मार्ग को निश्चित समय अवधि पर पूर्ण करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक में अधिकारियों को कोटद्वार की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के भी निर्देश दिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने वैकल्पिक मार्ग मवाकोट- कण्वआश्रम पर विभागो द्वारा किए गए कार्यों की रिपोर्ट भी मांगी।
साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने वैकल्पिक मार्ग पर झाड़ी काटने रास्ते को साफ सुथरा करने और जंगल के बीच पड़ने वाले मार्गो पर जल्द से जल्द सोलर लाइट लगाने के भी निर्देश दिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक में अधिकारियों को हमेशा अलर्ट मोड में रहने ओर अवरूद्ध मार्गों, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करने के भी निर्देश दिए साथ ही अधिकारियों को उच्चतम मानकों के अनुसार गुणवत्ता के साथ बाढ़ सुरक्षा के निर्माण कार्यों को करने के निर्देश दिए ।
बैठक में पौड़ी जिलाधिकारी आशीष चौहान, उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार, उप जिलाधिकारी मनजीत सिंह, पीडब्ल्यूडी अधिशासी अभियंता डीपी सिंह,मुख्य अभियंता राजेश चंद्र शर्मा, पीएमजेएसवाई अधिशासी अभियंता एसके ममगाई, नगर आयुक्त वैभव गुप्ता, वन उप प्रभारी पूजा पयाल, अधिशासी अभियंता सिंचाई अजय जॉन मौजूद रहे।

जनपद प्रभारी मंत्री का आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा : सरकार है आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी : रेखा आर्या

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नैनीताल, जनपद प्रभारी मंत्री नैनीताल रेखा आर्या ने ज्योलीकोट,कैंची, हली,पंगोट क्षेत्रों में आपदा से हुए नुकसान का स्थलीय निरीक्षण किया।जहां उन्होंने कहा कि हली गाँव मे भारी बारिश के कारण ग्रामवासी काफी प्रभावित हुए हैं जिसपर आज ग्रामवासियों से मिलकर उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद की जाएगी।उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग अवरुद्ध होने से कहीं ना कहीं क्षेत्रवासियों को बेहद कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में उन्होंने आज संबंधित विभागीय अधिकारियों को सड़क मार्ग सुचारू कराने और क्षेत्रवासियों को हुए नुकसान का त्वरित भुगतान किया जाए। साथ ही प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों से कल होने वाली बैठक में ठोस रणनीति के साथ आने और इसे रोकने के उचित समाधान बताने के निर्देश भी दिए ताकि त्वरित कार्य आरंभ और नुकसान को कैसे ठीक किया जा सके।

प्रभारी मंत्री ने राजभवन मार्ग, पंगोट-किलबरी में सड़क मार्ग के अवरुद्ध होने और बलियानाला का भी किया स्थलीय निरीक्षण :

वही आज प्रभारी मंत्री रेखा आर्या ने स्थानीय विधायक सरिता आर्य के साथ डिग्री कॉलेज, पंगोट में भूस्खलन से सड़क मार्ग अवरुद्ध होने और बलियानाला का भी मौके पर जाकर निरीक्षण किया।उन्होंने सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को सड़क मार्ग को जल्द सुचारू करने के निर्देश दिए।वही अवरुद्ध सड़क मार्ग पर किये जा रहे कार्य का भी जायजा लिया।अधिकारियों से कहा कि निर्माण कार्य मे गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता ना होने पाए सभी अधिकारी इसे सुनिश्चित करे।कहा कि सरकार आम जनता की है और हमारा कर्तव्य बनता है कि हम जिम्मेदार जनप्रतिनिधि बनते हुए जनता की सेवा करे।प्रभारी मंत्री ने कहा कि हम जनता के सेवक हैं और हमे उनकी सेवा पूरी ईमानदारी के साथ करनी चाहिए। साथ ही कहा कि आपदा से निपटने के लिए सरकार के पास बजट की कोई कमी नही है और सरकार ने आपदा से निपटने के लिये पर्याप्त बजट दिया है और हमारी सरकार आपदा से प्रभावित परिवारों के प्रति गंभीर है और उनकी हर संभव मदद करने के लिए प्रयासरत है।

इस अवसर पर नैनीताल विधायक श्रीमती सरिता आर्य जी, एडीएम नैनीताल अशोक जोशी जी,एसडीएम नैनीताल श्री राहुल शाह जी,मंडल अध्यक्ष श्री सोबन सिंह बिष्ट जी,महामंत्री श्री भगवत सिंह जी,शक्ति संयोजक श्री मोहन सिंह रौतेला जी,श्री गोधन जी,श्री मोहन सिंह जी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि ,ग्रामवासी और समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

 

जिलाधिकारी ने किया तहसील सदर का औचक निरीक्षण, दो अधिकारियों पर हुई कार्रवाई

‘दो सीएससी संचालकों की आईडी अगले आदेश तक बंद, निरीक्षण के दौरान कुछ पटवारियों के उपस्थित न रहने पर कड़ी नाराजगी’

देहरादून, जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका ने आज तहसील सदर का औचक निरीक्षण करते हुए तहसील की कार्य व्यवस्था का मुआवना किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने रिकार्डरूम का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कुछ पटवारियों के उपस्थित न रहने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई, कार्यों में लापरवाही पर दो पेशकारों को प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के निर्देश तथा सीएससी सेन्टर में रेटलिस्ट न पाये जाने पर दो सीएससी संचालकों की आईडी अगले आदेश तक बंद कर दी गई। आगामी मंगलवार तहसील सदर में कैम्प आयोजित करते हुए अविवादित विरासतन मामलों के निस्तारण के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने तहसील दिवस में कुछ पटवारियों द्वारा फील्ड में होने तथा तहसील दिवस में उपस्थित न रहने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि सभी पटवारी मंगलवार एवं शुक्रवार को अनिवार्य रूप से तहसील में बैठकर कर जनमानस की विभिन्न समस्याओं का समाधान करेंगे, जो पटवारी निर्धारित दिवसों में तहसील में उपस्थित नहीं रहेंगे ऐसे कार्मिकों का वेतन रोकने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान तहसील में आंवछित तत्व घूमतेे हुए पाए गए जिन्हें कड़ी पूछताछ के बाद चेतावनी देकर छोड़ा गया। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर को निर्देश दिए कि तहसील में आवंछित तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाते हुए उनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने तहसीलदार एवं अपर तहसीलदार न्यायालय का निरीक्षण किया जिसमें न्यायालय प्रक्रिया का ठीक प्रकार से अनुपालन न होने तथा पत्रावलियों का रखरखाव ठीक से न किये जाने पर सम्बन्धित पेशकारों को प्रतिकूल प्रवृष्टि दर्ज करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन को तहसील में प्रत्येक दिन 10 बजे से 2 बजे तक रोस्टरवार प्रशासनिक संवर्ग के अधिकारी की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए, ताकि तहसील के कार्यों की मॉनिटिरिंग ठीक से हो सके। साथ ही निर्देश दिए कि जनमानस के कार्यों में लापरवाही बरतने तथा बिना किसी आधार पर आपत्ति लगाने वाले कार्मिको/पटवारियों को प्रतिकूल प्रवृष्टि देने के आदेश दिए। उन्होंने तहसील कार्यो को सुचारू रूप से सम्पन्न करने हेतु समस्त कार्मिकों को कठौर निर्देश जारी करने के आदेश उप जिलाधिकारी सदर को दिए।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने तहसील परिसर स्थित सीएससी सेन्टर का निरीक्षण किया, सीएससी सेन्टर में रेटलिस्ट न पाये जाने पर दो सीएससी संचालकों की आईडी अगले आदेश तक बंद कर दी गई।
उन्होंने निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने तहसील परिसर पंहुचे फरियादियों की समस्याओं को सुनते हुए त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी सदर नरेश चन्द्र दुर्गापाल, तहसीलदार सदर मौ सादाब सहित कार्मिक उपस्थित रहे।

 

नई टाउनशिप योजना का विरोध कांग्रेस की विकास विरोधी राजनीति : खजाना दाससुस्त स्मार्ट सिटी कार्यों पर नाराज हुए BJP MLA खजान दास, अपनी ही सरकार के खिलाफ देंगे धरना, bjp-mla-khajan-das -is-angry-over-the-slow-progress-of-smart-city-works-in-dehradun

 

देहरादून, भाजपा ने नई टाउनशिप योजना के विरोध को कांग्रेस की विकास विरोधी राजनीति करार दिया है । सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी योजना को किसानों की सहमति के बिना आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, लेकिन हर नई योजना को बाधित करना राज्य निर्माण विरोधी कांग्रेस की आदत में शुमार हो गया है ।

प्रदेश प्रवक्ता श्री खजाना दास द्वारा जारी बयान में कहा गया कि प्रदेश में नए टाउनशिप स्थापित करने की प्रस्तावित योजना राज्य के विकास में बड़ा कदम साबित हो सकती है । उन्होंने कहा, लंबे समय से शहरों से जनसंख्या दबाव कम करने और आर्थिक, व्यावसायिक व व्यवसायिक दृष्टि से नए अत्याधुनिक सेंटर स्थापित करने की जरूरत को महसूस किया जा रहा है । यह प्रस्तावित टाउनशिप योजना सड़क, पानी, शिविर, मॉल, पार्क, स्टेडियम समेत सभी अत्याधुनिक सुविधायुक्त होंगी जो भविष्य के शहरों को बसाने का रोडमैप भी बन सकती है । लेकिन सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि इसे स्थानीय किसानों की सहमति और गंभीर मंथन के बाद ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा । ऐसी योजनाएं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खोलने वाली और आसपास के लोगों की जरूरतों को पूरा करने में कारगर होगी ।

श्री खजाना दास ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने राज्य के निर्माण का विरोध और केंद्र शासित प्रदेश बनाने का पुरजोर समर्थन किया, आज भी वही प्रदेश में विकास को लेकर नकारात्मक रुख अपनाए हुए हैं । प्रॉपर्टी ब्रोकिंग को व्यवसाय की शक्ल देकर राजधानी की हरियाली उजड़ने के दोषियों को आज चंडीगढ़ जैसे प्लान सिटी तैयार होने में तकलीफ हो रही है । जिन्होंने पूर्व पीएम स्वर्गीय बाजपेई द्वारा दिए विशेष राज्य के औधोगिक पैकेज की आड़ में जमीनों की बंदरबांट का काम किया, उन्हे सरकार की देखरेख में भूमि का आवासीय दृष्टि से नियोजन होने पर विश्वास नहीं हो रहा है । जिन्होंने केंद्र की सत्ता में रहते इसी विशेष पैकेज को समाप्त कर प्रदेश के विकास को बाधित करने का काम किया वही अब नगरों के दबाव और पहाड़ से रोजगार की उम्मीद में आने वाले लोगों के लिए इस आवासीय व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं । यही लोग हैं जिन्हें चार धाम आल वेदर रोड परियोजना में भी दिक्कत थी, इन्हे ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलमार्ग भी असंभव लगता था, इन्हे शहरों को स्मार्ट बनाने में भी आपत्ति है और नए स्मार्ट शहर बनाने में भी आपत्ति है, इनको शहरों में बढ़ती भीड़भाड़ भी नही चाहिए और नई आवासीय व्यवस्था सृजित करने वाली योजनाएं भी नही चाहिए ।

श्री खजान दास ने कटाक्ष किया कि कांग्रेस की यही बयानबाजियां उनकी विकास और जन विरोधी सोच को उजागर करती है । क्योंकि वे नही चाहते कि विकास की रफ्तार तेज हो लिहाजा किसानों और जनता को रोज किसी न किसी झूठी बयानबाजी से भ्रमित करने का प्रयास करती रहती है । जनता कांग्रेस की ऐसी राजनैतिक कारगुजारियां से अच्छी तरह वाकिफ है और इसी के चलते उन्हें लगातार नकार भी रही है ।

जंगल में गये थे कुत्ता ढूंढने, लेकिन मिल गए पुराने 500 और 1000 के नोट, मचा हड़कंप

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“हिमालय दर्शन पर्यटक स्थल पर बंद नोट मिलने से चर्चा का विषय बना हुआ है”

(चंदन सिंह बिष्ट)

नैनीताल, सरोवर नगरी नैनीताल के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हिमालय दर्शन में एक हजार व पाँच सौ के पुराने नोट जो पूर्ण रूप से बंद हो गये थे। यहां के जंगल में लगभग 50 हजार रुपये मिलने से चर्चा शुरू हो गई।
यहां बता दें स्थानीय युवा लोग अपना रोजगार करते हैं
एक पालतू कुत्ता जंगल में गिर गया उसको ढूढने के लिये कुछ युवा जंगल में उतरे तो उन्होंने वहाँ देखा जो नोट धनराशि चलन से बाहर हो गई थी जिसमें एक हजार व पाँच सौ के नोट देखे तो भौचक रह गये। आनन फानन में सामाजिक कार्यकर्ता व स्थानीय दुकानदार राहुल कुमार बंटी ने इसकी सूचना आसपास के लोगों को दी। साथ ही पुलिस को भी सूचना दी गई। पुलिस ने आकर नीचे जंगल खाई में जाकर देखा तो करीब 50 हजार के पुराने नोट बरामद किए हैं। जिसमें 1000 तथा 500 की करेंसी शामिल है। इसके अलावा शेष धनराशि सड़ी गली अवस्था में भी मिली है। पुलिस जाँच में जुट गई है। पर इतनी धनराशि जंगल में मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसी भी कयास लगाए जा रहे हिमालय दर्शन एक तो पर्यटक स्थल दूसरा जंगल किसी ने यहां पुरानी धनराशि को फेंक दिया हो और चलता बना हुआ।

उत्तराखण्डी फीचर फिल्म ‘पहाड़ी रत्न श्रीदेव सुमन’ का प्रोमो तथा पोस्टर का मुख्यमंत्री धामी ने किया विमोचन

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नई दिल्ली/देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने महान क्रांतिकारी श्री देव सुमन की पुण्य तिथि पर उनका स्मरण करते हुए कहा कि लोग श्रीदेव सुमन के जीवन एवं कार्यों पर आधारित इस फिल्म के माध्यम से श्रीदेव सुमन जी को अनुभव करेंगे। इस फिल्म के निर्माण के लिए कार्य कर रहे सभी कलाकारों की इसमें भूमिका अहम होगी। श्रीदेव सुमन जी द्वारा समाज के लिए दिया गया योगदान हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने हमेशा अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई और तानाशाही के खिलाफ जन-आंदोलन चलाए। अनेक अमानवीय यातनाओं को झेला लेकिन सच्चाई के मार्ग से विचलित नहीं हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीदेव सुमन केवल एक जननायक ही नहीं थे, बल्कि उनके भीतर एक अटल देशभक्ति थी। वे एक क्रांतिकारी, बुद्धिजीवी, रचनाकार, पत्रकार एवं दूरदृष्टि की सोच रखने वाले महापुरुष थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भारत में अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन चल रहा था तभी एक आंदोलन टिहरी प्रजामण्डल के द्वारा चलाया जा रहा था, जिसका नेतृत्व श्रीदेव सुमन कर रहे थे। इस लड़ाई को लड़ते-लड़ते उन्होंने कई बार शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किए, बहुत प्रताड़ना सहनी पड़ी, कई बार आमरण अनशन भी किया। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया और वर्षाें तक जेल में रहे, जेल में उनके ऊपर अनेक अमानवीय अत्याचार हुए। इसके बावजूद भी सुमन जी का संघर्ष जारी रहा उन्होंने 3 मई 1944 को अपना ऐतिहासिक अनशन शुरू किया और 25 जुलाई 1944 के शाम को उन्होंने प्राणोत्सर्ग कर दिया। सुमन जी की शहादत स्वाधीनता सेनानियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई। मातृभूमि के लिए स्वयं को आहूत कर श्रीदेव सुमन जी ने पूरे राष्ट्र में क्रांति की अलख जगा दी। सुमन जी के विचार जितने उस वक्त प्रासांगिक थे, उतने ही आज भी हैं। वे सदैव एक प्रेरणापुंज की तरह हमारे हृदय में जीवित रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौंदर्य फिल्मकारों को देवभूमि उत्तराखण्ड के लिए आकर्षण का केन्द्र बना है। राज्य में फिल्मांकन के लिए क्षेत्रीय फिल्मों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केदारपुरी का भव्य पुनर्निर्माण का कार्य हो रहा है। बद्रीनाथ में भी मास्टर प्लान के तहत तेजी से कार्य हो रहे हैं। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल वृद्धि हो रही है। कांवड़ यात्रा में भी इस वर्ष चार करोड़ से अधिक शिवभक्त देवभूमि उत्तराखण्ड आये और सकुशल कांवड़ यात्रा सम्पन्न हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों को राज्य में आकर्षित करने के उद्देश्य से दिसम्बर 2023 में देहरादून में “वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023“ आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। इसमें प्रधानमंत्री जी को उत्तराखण्ड निवेशक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया है। राज्य में निवेशकों के लिए निवेश के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जा रही है। कृषि और उद्यान के क्षेत्र में भी राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं। एप्पल, कीवी, तेजपत्ता और तिमुर मिशन पर तेजी से कार्य हो रहे हैं। औषधीय पौधों की खेती पर भी तेजी से कार्य किये जा रहे हैं, ये पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने में भी मददगार होंगे। उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में पहल की है। राज्य में भर्ती परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ हों, इसके लिए सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है।

इस अवसर पर उत्तराखण्डी फीचर फिल्म के निर्माता बिक्रम नेगी, फिल्म निर्देशक ब्रिज रावत, इस फिल्म में संगीत श्रवण भारद्वाज व सुमित गुसाईं, गीत पदम गुसाई व बृज मोहन शर्मा वेदवाल, पटकथा व संवाद देवी प्रसाद सेमवाल, छायांकन राजेन्द्र सिंह, नृत्य निर्देशक श्री अरविन्द नेगी, शोध संकलन-कथा सार डा.एम आर सकलानी, एसोसिएट डायरेक्टर राजेन्द्र नेगी, कार्यकारी निर्माता, राजेश मालगुड़ी, श्रीमती प्रेमा नेगी पहाड़ी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

 

बलिदान दिवस पर विशेष : राजशाही की दमनकारी नीतियों के खिलाफ थी ‘श्रीदेव सुमन’ की शहादत

(एल मोहन लखेड़ा)उत्तराखंड के अमर क्रातिकारी शहीद श्री देवसुमन - Himantar - Dedicated to the Himalayan Concerns | हिमांतर - हिमालयी सरोकारों को समर्पित

भारत स्वाधीनता के लिये छटपटा रहा था और अंग्रेजों के खिलाफ पूरे देश में स्वाधीनता की लड़ाई चरम पर पहुँच चुकी थी, अपनी आजादी के लिये कई रणबांकुरे अपने प्राण न्यौछावर करते जा रहे थे, उत्तराखण्ड में स्वाधीनता आन्दोलन चरम शिखर पर था, उसी दौर में टिहरी रियासत की जनता भी राजशाही के जनविरोधी नीतियों के विरोध में आक्रोशित हो रही थी। राजशाही की दमनकारी नीतियों, जबरन थोपे गए टैक्स बेगार प्रथा और नई वन व्यवस्था में उपजी अडचनों के कारण टिहरी की जनता में भारी असंतोष पनप रहा था। टिहरी राजा के खिलाफ प्रमुख आन्दोलनकारियों में एक प्रमुख नाम श्रीदेव सुमन का भी था। चम्बा के निकट जौलगांव में 25 मई1916 को सुमन का जन्म हुआ था। मात्र चौदह साल की किशोरावस्था में सुमन के अन्दर देश-प्रेम का जज्बा पैदा हो गया था। सत्याग्रह में भाग लेने देहरादून गए और पकड़े जाने पर दो हफ्ते के कारावास की सजा मिली थी इसी साल श्रीदेव सुमन के राजनैतिक व्यक्तिव लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। तेईस जनवरी को वे देहरादून में टिहरी राज्य प्रजामण्डल के संयोजक चुने गए।

इसी दौरान सुमन लुधियाना में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में चल रहे अधिवेशन में हिमालयी राज्यों की समस्याओं को उजागर कर इस दिशा में जागृति लाने का काम किया, 19 अगस्त, 1942 को श्रीदेव सुमन को टिहरी में कार्यकर्ताओं की बैठक में गिरफ्तार कर देहरादून व आगरा की जेलों में रखा गया। एक साल बाद रिहाई होने पर सुमन का मन टिहरी रियासत की सामन्ती व्यवस्था से जनता को मुक्त करने के लिए आकुल हो उठा। टिहरी जाते वक्त नरेन्द्रनगर में पुलिस अधिकारी ने उनके सर से टोपी उतारकर डाली और धमकी दी और कहा कि आगे बढे तो गोली मार देंगे, बाद में तीस दिसम्बर उन्नीस सौ तितालीस मे उन्हें टिहरी जेल में ठूस दिया गया। उनके कपड़े उतार दिए गए। उन्हें भूखा-प्यासा रखकर डरा धमकाकर उनसे जबरन माफी मांगने का दबाव बनाया गया पर स्वाभिमानी सुमन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। जेल अधिकारियों ने खिन्न होकर उन पर जमकर कोडे बरसाए और पावों में पैंतीस सेर की बेडियां डाल दी गई।

टिहरी रियासत की ओर से श्रीदेव सुमन पर उत्पीडन की कार्यवाही लगातार जारी थी। उन पर राजद्रोह का केस चलाया गया और दो साल की सजा सुनाई गई। सुमन ने जेल कर्मचारियों के व्यवहार के खिलाफ अनशन करना प्रारम्भ कर दिया। टिहरी रियासत की और उन्हें कठोर यातनाएं दी गई और जबरन अनशन तुडवाने के प्रयास किये पर स्वाभिमान दिल के सुमन ने हार न मानी, चौरासी दिनों के आमरण अनशन से सुमन की हालत बहुत खराब हो गई। जेल में सुमन ने 3 मई 1944 को अपना ऐतिहासिक अनशन शुरू किया और 25 जुलाई 1944 को शाम 4 बजे उन्होंने प्राणोत्सर्ग कर दिया। टिहरी से मात्र 12 मील दूर सुमन के गांव जौलगांव में उनके परिजनों को मृत्यु का समाचार 30 जुलाई को पहुंचाया गया। उनकी पत्नी श्रीमती विनय लक्ष्मी उन दिनों महिला विद्यालय हरिद्वार में थी, जिन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। लेकिन श्रीदेव सुमन का यह बलिदान न केवल टिहरी की राजशाही के अंत का कारण बना और देशभर के स्वाधीनता सेनानियों के लिए प्रेरणा का श्रोत भी बना। अन्ततः श्रीदेव सुमन जन्मभूमि के लिए अपनी शहादत देकर सदा के लिए अमर हो गए।

 

दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सभागार हुआ फिल्म ‘अमर शहीद श्री देव सुमन’ का प्रदर्शन

 

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से अमर शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदान दिवस के अवसर पर उनके जीवन पर आधारित गायत्री आर्ट्स द्वारा निर्मित फिल्म ‘अमर शहीद श्री देव सुमन’ का प्रदर्शन संस्थान के सभागार में किया गया। फिल्म शुरू होने से पूर्व फिल्म के निर्माता सूत्रधार का अभिनय कर चुके मुनिराम सकलानी ने दर्शकों को फिल्म की जानकारी प्रदान दी | इस अवसर पर टिहरी रियासत के जनविरोधी नीतियों के सुमन के महत्वपूर्ण योगदान और उनपर किये गये अत्याचारों व उनकी शहादत का भावपूर्ण स्मरण भी किया गया।
अमर शहीद श्रीदेव सुमन पर आधारित यह फिल्म 100 मिनट की है। फिल्म का निर्देशन के.पी. घिल्डियाल ने किया है और मुख्य सहायक निर्देशक प्रेम कावडकर है। कैमरामैन मुम्बई के हरि राम है। इस फिल्म में 8 हिन्दी गाने है। संगीत निर्देशक चन्द्रेश्वर धस्माना और फिल्म के 5 गीत स्वयं अमर शहीद श्रीदेव सुमन के हैं जबकि दो गीत के. पी. ढोढियाल और मुनिराम सकलानी ने लिखे है। इन गीतों स्वरबद्ध सचिन भट्ट और संध्या मुकर्जी और वीरेन्द्र नेगी ने किया है। फिल्म का कथासार डॉ. एम. आर. सकलानी और केपी. ढोडियाल और पटकथा संवाद करुणेश ठाकुर ने लिखी है। इस फिल्म में सुप्रसिद्ध अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने श्रीदेव सुमन जी की माता की भूमिका अदा की है। श्रीश डोभाल ने इस फिल्म में मुख्य अभिनेता के तौर पर श्रीदेव सुमन की भूमिका अदा की है। बाल्यकाल के सुमन की भूमिका श्री दीपक रावत ने अदा की है। सुमन जी के पिता का अभिनय श्री पी. एस. बिष्ट ने किया है। सुमन जी की पत्नी का अभिनय चारु बाधवा ने किया है। इसके अलावा टिहरी महाराजा की भूमिका पीआर कश्यप तथा दरोगा मोर सिंह की भूमिका राजेश गौड, मोर सिंह के चपरासी की भूमिका राम प्रसाद डोभाल ने अदा की है। सूत्रधार के रूप में एम. आर. सकलानी की अपनी खास भूमिका है। इस फिल्म की शूटिंग जौल, चम्बा टिहरी बादशाही थोल, नई टिहरी, नागणी, नरेन्द्रनगर मुनिकीरेती ऋषिकश हरिद्वार, देहरादून और मसूरी में की गई है
फिल्म प्रदर्शन के बाद इस फिल्म में श्रीदेव सुमन की भूमिका में मुख्य अभिनय कर चुके सुपरिचित रंगकर्मी श्रीश डोभाल ने इस फिल्म के महत्त्वपूर्ण तथ्यों और विविध घटनाक्रमों पर प्रकाश डाला। प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के चंद्रशेखर तिवारी ने स्वागत व निकोलस हॉफलैण्ड ने आभार व्यक्त किया।
सभागार में उपस्थित कई दर्शकों ने इस फिल्म से जुड़े अनेक सवाल जबाब भी किये। इस अवसर पर सभागार में कई फिल्म प्रेमी रंगकर्मी बुद्धिजीवी, व साहित्य प्रेमी,रंगकर्मी, पुस्तकालय सदस्य और साहित्यकार व युवा पाठक और डॉ.सुरेखा डंगवाल, कुलपति,पद्मश्री डॉ. बी.के.संजय,अतुल शर्मा,सत्यानन्द बडोनी, ब्रिगेडियर के जी बहल, सुंदर बिष्ट, मदन मोहन डुकलान, दीपक रावत उपस्थित रहे।

 

शहादत दिवस पर श्रीदेव सुमन को अर्पित किये श्रद्धासुमन

देहरादून, अखिल गढ़वाल सभा देहरादून में अमर शहीद श्रीदेव सुमन की शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि श्री देव सुमन राजशाही के विरुद्ध आंदोलन करके शहीद होने वाले उत्तराखंड के पहले आंदोलनकारी थे। उनका जन्म 25 मई 1916 को ग्राम जौल टिहरी गढ़वाल में हुआ था। अल्पायु में ही जनता के अधिकारों के लिए टिहरी रियासत के विरुद्ध आंदोलन कर 3 मई 1944 को ऐतिहासिक आमरण अनशन शुरू कर दिया। अंततः रियासत के जुल्मों से लड़ते हुए इन्होंने 25 जुलाई 1944 को अपने राज्य उत्तराखंड के लिए अपने प्राण त्याग दिए।
सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना जी ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें गर्व है कि मात्र 29 वर्ष की आयु में ही श्री देव सुमन अपने राज्य व पहाड़ी समाज के लिए ऐसा कार्य कर गए, जिससे उनका नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में सदा सदा के लिए अमर हो गया। सभा के महासचिव गजेंद्र भंडारी ने भी उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री देव सुमन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत थे। इस अवसर पर सभा के कोषाध्यक्ष संतोष कुमार गैरोला, सह सचिव दिनेश बौड़ाई, संगठन सचिव डॉ. सूर्य प्रकाश भट्ट ,एडवोकेट ओपी सकलानी, शालिनी उनियाल, गौरव कुकरेती आदि उपस्थित थे।

 

कांग्रेस मुख्यालय में अमर शहीद श्रीदेव सुमन को श्रद्धा पूर्वक अर्पित की श्रद्धांजलि

देहरादून,उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन जी के चित्र पर मार्ल्यापण करते हुए उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा पूर्वक याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज से ठीक 79 साल पहले 25 जुलाई 1944 को टिहरी रियासत के कारागार में 209 दिन रहकर 84 दिन तक भूख हड़ताल पर रहने के बाद श्रीदेव सुमन ने आजादी और लोकतंत्र के लिए अपनी जान दे दी। करन माहरा ने कहा कि श्रीदेव सुमन जी ने सदैव तानाशाही, भय, भूख, भेदभाव एवं भ्रष्टचार से लड़ने का काम किया। उन्होंने कहा कि इस आन्दोलन में उन्होंने अपना वर्तमान एवं भविष्य न्यौछावर कर अपने प्राणों का बलिदान देकर अपना नाम इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में अंकित कर दिया था। उन्होंने कहा कि अमर शहीद श्रीदेव सुमन के इस बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
इस असवर पर शहीद श्रीदेव सुमन को श्रद्वाजंलि देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि श्रीदेव सुमन हम सबके लिए प्रेरणा श्रोत्र रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजा द्वारा श्रीदेव सुमन जी के अस्तित्व को मिटाने का पूर्ण प्रयास किया परन्तु फिर भी सुमन की वीरगाथा सुगंध की तरह ही फैलती चली गई, इस वीरगाथा के साक्ष्य हैं हिमालय के वे वृक्ष जिसकी छांव में हमें स्वतंत्र होने का आनन्द प्राप्त होता है, वे पहाड़ जिनसे हमें अपने कर्तब्य के प्रति अटल रहने, कभी ना झुकने व जीवन की ऊॅचाईयां को छूने की प्रेरणा मिलती है। रावत ने कहा कि वह गंगा, भिलंगना, भागीरथी जैसे कई निरंतर प्रवाहित पवित्र नदियां जो किसी भी बाधा के समक्ष घुटने नही टेकती और अपने प्रयाण का मार्ग स्वयं ढूंड़ लेती हैं जिन मूल्यों के लिए सुमन जी और उनके जैसे कई देशभक्तोें ने समय-समय पर अपने जीवन का परित्याग कर पंचतत्व का अलिंगन किया था। ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानियों को मंे नमन करता हॅू। श्री रावत ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वह श्री श्रीदेव सुमन द्वारा किये गये संघर्षों के इतिहास को पढें।

श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री संगठन विजय सारस्तव, मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, महन्त विनय सारस्वत, सलाहकार अमरजीत सिंह, महामंत्री नवीन जोशी, नीरज त्यगी, आईटी के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी, शान्ति रावत, महेन्द्र सिंह नेगी गुरूजी, प्रवक्ता शीशपाल ंिसह बिष्ट, राजेश चमोली, बिरेन्द्र सिंह पंवार, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री मुकेश नेगी, मोहित उनियाल, कुंवर सजवाण, अनुराग मित्तल, जोतसिंह रावत आदि उपस्थित थे।

डोईवाला में इंटीग्रेटेड टाउनशिप बनाने को लेकर क्षेत्रीय जनता में रोष व डर का माहौल

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देहरादून। डोईवाला में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड टाउनशिप के मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस मुद्दे पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पर्यावरणी भू-गर्भीय, आर्थिक व शहरीकरण के दृष्टिकोण से यह सोच ही गलत है। इस योजना से किसान खत्म होगा, डोईवाला चीनी मील व किसान बुरी तरह से प्रभावित होगा। रावत ने कहा कि इस योजना से देहरादून का फैफडा पुरी तरह से खत्म हो जाएगा। उन्होनें कहा कि रायपुर से श्यामपुर तक समस्त वन क्षेत्र नष्ट हो जाएगा और सारा भार फैफडें पर आ जाएगा। रावत ने कहा कि एक तरफ हरिद्वार व रुड़की दूसरी तरफ देहरादून, डोईवाला, रायवाला, श्यामपुर, ऋषिकेश इत्यादि में इस तरह की परिकल्पना भी भयावह है। रावत ने कहा कि प्रत्येक दृष्टिकोण से यह एक अनमैनेजेबल कॉन्सेप्ट है। पर्वतीय राज्य का उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा। रावत ने कहा कि ग्लोबल मैकेन्जी कम्पनी की आड़ में उत्तराखण्ड की धरोहर के साथ खिलवाड किया जा रहा है। बद्रीनाथ में रि-डवलपमेंन्ट के नाम पर, नमामि गंगे के नाम पर खुली लूट की जा रही है। रावत ने यह भी कहा कि इस योजना से जहाॅ एक ओर पर्यावरण का नुकसान है कास्तकारों का नुकसान है वहीं रोजगार का भी बडा सकट आन खडा होगा।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि समाचार पत्रों के द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है कि प्रदेश सरकार द्वारा डोईवाला के निकट माजरी ग्राम,मारखंमग्रान्ट,अन्य ग्रामीण क्षेत्र व डोईवाला नगर पालिका के भी कुछ क्षेत्र में नए शहर बसाने की योजना बनाई गई है । इस खबर से क्षेत्रीय जनता में डर का मौहोल बना हुआ है । डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में ज्यादातर लोग खेती से जुड़े हैं,जहाँ बड़ी मात्रा में गन्ना व अन्य फसल का उत्पादन होता है । सरकार द्वारा प्रस्तुत एक नक्शे में यह दर्शाया गया है कि नई टाउनशिप के लिए करीब 3080 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई है,जिसमे 747 हेक्टेयर सरकारी भूमि व करीब 2334 हेक्टेयर कृषि भूमि है जिसे सरकार द्वारा अधिगृत करने की तैयारी चल रही है। राज्य में केवल 28 प्रतिशत भूमि कास्तकारों के पास हैं बाकि भूमि वन विभाग की है ऐसे में राज्य सरकार द्वारा कृषि भूमि को इस तरह समाप्त करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। माहरा ने बताया कि 1100 करोड़ की धनराशि भी इस योजना के लिए स्वीकृत की गयी हैं तथा किच्छा में भी इसी तरह कुत्सित प्रयास किए जा रहे हैं। माहरा के अनुसार डाॅ0 राव को केन्द्र सरकार द्वारा इस काम के लिए नियुक्त भी किया जा चुका है। माहरा ने कहा कि इसे हास्यापद ही कहेंगे कि भाजपा के एक स्थानीय सांसद ने पूरी तरह से इस योजना को नकार दिया है, तो ऐसे में स्थानीय जनता में भ्रम क्यों पैदा किया जा रहा है। माहरा ने चिंता जताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड बहुत ही संवेदनशील सिस्मिक जोन में आता है, सेन्ट्रल एजेंसियां समय समय पर कई बार राज्य सरकार को सर्तक करती आ रही है, कहीं ऐसा न हो कि जोशीमठ जैसे हालात और क्षेत्रों में भी देखने को मिलें। माहरा ने कहा कि चंद मुट्ठी भर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह षड्यंत्र रचा जा रहा है। माहरा ने राज्य सरकार का आवाहन करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षो में इस क्षेत्र की भूमि की खरीद फरोख्त की जांच की जाए। माहरा ने आईडीपीएल में 50 वर्षो से भी अधिक समय से रिहाईस कर रहे लोगों को बेघर करने की सरकार की मंशा की भी निंदा की, और कहा कि कांग्रेस पार्टी डोईवाला और आईडीपीएल के लोगों के साथ खडी है।
पूर्व काबिना मंत्री नवप्रभात ने कहा कि हमारी कांग्रेस की सरकार में शहरों के विकास के लिए यू हुडा संस्था (उत्तराखण्ड हाउजिंग डवलपमेंट ऐजेन्सी) की स्थापना कर 500करोड़ रूपये नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों को निर्गत किए गये। भाजपा सरकार चाहती है कि बाहर के पूजींपतियों, भूमाफियाओं के हाथों में उत्तराखण्ड को सौंप दिया जाए। भाजपा की सरकारों में भूमि खरीद पर समय समय पर किए गए नियमों की शिथिल्ता के चलते भू माफिया पहले ही उत्तराखण्ड की भूमि का दोहन कर चुके हैं।
जिलाध्यक्ष परवादून मोहित उनियाल ने कहा कि सरकार की इस योजना से पता चलता है कि इस टाउनशिप पर बड़ा कार्य पूरा हो चुका है व इस योजना को लाने में अंतिम चरण का काम चल रहा है । अगर सरकार द्वारा क्षेत्र में कोई बड़ी योजना बनाई जाती है जिससे जनता के निजी जीवन व पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है तो सरकार को जनता के बीच जाकर जनसुनवाई करने का प्रावधान है जिसे पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। जनता की सहमति के बिना जमीन अधिग्रहण करना व इस टाउनशिप को लाना क्षेत्रीय जनता के साथ गलत होगा । ग्रामीणों के बीच मे जाकर इस एहम मुद्दे पर चर्चा की जाएगी व उन्हें जागरूक किया जाएगा ।सरकार द्वारा सबसे पहले जनता के बीच जाकर जनसुनवाई की जाए । अगर ग्रामीण अपनी निजी जमीन नहीं देना चाहते हैं तो भूमि अधिग्रहण किसी भी हालात में नहीं करने दिया जाएगा । इस एहम मुद्दे के सम्बंध में डोईवाला क्षेत्र में हजारों की संख्या में हर गांव में बैठक व प्रदर्शन कर जनता ने इस हिटलरशाही योजना का पूर्ण विरोध किया है।
पत्रकार वार्ता में मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, रुद्रप्रयाग जिला अध्यक्ष कुंवर सजवाण, चमोली जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी, अमरजीत सिंह, शीशपाल बिष्ट, महेन्द्र नेगी गुरूजी, शांति रावत, नीरज त्यागी मौजूद रहे।