Sunday, May 18, 2025
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देवभूमि की धरा हमेशा से रचनात्मकता ज्ञान और संस्कृति का अद्भुत केंद्र रही है : सीएम

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-मुख्यमंत्री ने विभिन्न साहित्यकारों एवं भाषाविदों को ‘उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024’ से किया सम्मानित

-राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस योजनाएँ बना रही है राज्य सरकार : मुख्यमंत्री

(एल मोहन लखेड़ा)

देहरादून, राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ठोस योजनाएँ बना रही है, यह वक्तव्य प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने आईआरडीटी सभागार में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित ‘उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024’ समारोह में व्यक्त किये, इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रतिभाग कर विभिन्न साहित्यकारों एवं भाषाविदों को भी सम्मानित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान समारोह हमारी साहित्यिक परंपरा, रचनात्मक चेतना और शब्द-साधकों के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रतीक है। यह मंच उन सभी महान विभूतियों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी लेखनी से समाज को दिशा देने और उत्तराखंड की संस्कृति को नई पहचान दी है। उन्होंने उत्तराखंड के सर्वाेच्च साहित्यिक सम्मान, उत्तराखंड साहित्य भूषण से श्री सुभाष पंत को सम्मानित करते हुए कहा कि पंत समूचे हिंदी साहित्य जगत के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मानित होने वाले साहित्यकारों ने अपनी सृजनशीलता के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को समृद्ध किया है। देवभूमि की धरा हमेशा से रचनात्मकता ज्ञान और संस्कृति का अद्भुत केंद्र रही है, जहाँ विचारों की ज्योति ने हर युग में समाज को प्रेरित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्यता से अनगिनत लेखकों, कवियों और विचारकों को प्रेरणा मिलती है। इसी राज्य से सुमित्रानंदन पंत जी ने देश-दुनिया को शब्दों के माध्यम से जोड़ा और शैलेश मटियानी जी को ‘पहाड़ का प्रेमचंद’ कहलाने का गौरव प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि साहित्य ही समाज का वास्तविक दर्पण होता है, जो उसकी संस्कृति, मूल्यों और विचारों को उजागर करने का काम करता है। लेखक समाज के चिंतक, मार्गदर्शक और प्रेरक होते हैं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भी कवियों और रचनाकारों की सक्रिय भागीदारी रही थी। उत्तराखंड की स्थापना में भी लेखन और सृजन से जुड़े अनगिनत साहित्यकारों का योगदान रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार साहित्य और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत राज्य में उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य भूषण, लाइफ टाइम अचीवमेंट जैसे पुरस्कारों के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है l
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हिंदी सहित विभिन्न स्थानीय भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन हेतु साहित्यकारों को अनुदान भी दिया जा रहा है। सरकार ने वर्ष 2023 में 10 उत्कृष्ट साहित्यकारों को 01 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की है, इसे और विस्तार देते हुए वर्ष 2024 में उत्तराखंड साहित्य भूषण पुरस्कार सहित 21 नए साहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा की गई है। इसके साथ ही 45 लेखकों को भी आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है।

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को साहित्यिक पर्यटन के केंद्र रूप में विकसित करने हेतु भी प्रयासरत है। उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा दो साहित्य ग्रामों की स्थापना की जा रही है, जहाँ साहित्यकारों के लिए आवासीय सुविधा, आधुनिक पुस्तकालय, संगोष्ठी कक्ष और अध्ययन स्थल जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। भारत का साहित्य सदियों से अपनी वैचारिक संपन्नता के कारण विश्वभर में विशिष्ट स्थान रखता आया है, मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य सरकार भाषा संस्थान के माध्यम से राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस योजनाएँ बना रही हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए सतत प्रयास कर रही है l
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आई.आर.डी.टी परिसर में पुस्तक मेले का भी उद्घाटन किया, तथा भाषा संस्थान के भवन निर्माण हेतु जिलाधिकारी देहरादून को आवश्यक निर्देश दिये जाने की भी बात की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, विधायक श्री खजान दास, निदेशक श्रीमती स्वाति भदौरिया, पूर्व कुलपति प्रो. सुधारानी पाण्डे सहित साहित्य क्षेत्र से जुडे लोग आदि उपस्थित थे l

इन्हें मिला सम्मान :

उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024 के अंतर्गत उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान से सुभाष पंत, सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार से डॉ. दिनेश पाठक, गुमानी पंत पुरस्कार से गोपाल दत्त भट्ट, भजन सिंह पुरस्कार से कुलानन्द घनशाला, गोविंद चातक पुरस्कार से श्रीमती सुनीता चौहान, प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार से सगीर उल्लाह, गौरा पंत ‘शिवानी’ पुरस्कार से श्रीमती शमा खान, मंगलेश डबराल पुरस्कार से सतीश डिमरी, महादेवी वर्मा पुरस्कार से शशिभूषण बड़ोनी, शैलेश मटियानी पुरस्कार से ललित मोहन रयाल, डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार से नीरज कुमार नैथानी, बहादुर बोरा, श्री बंधु पुरस्कार से महेंद्र ठुकराठी, शेर सिंह बिष्ट ‘‘अनपढ़‘‘ पुरस्कार से मोहन चंद्र जोशी, भवानीदत्त थपलियाल सती पुरस्कार से वीरेंद्र पंवार, कन्हैयालाल डंडरियाल पुरस्कार से मदन मोहन डुकलाण, गिरीश तिवारी ‘‘गिर्दा‘‘ पुरस्कार से डॉ. पवनेश ठकुराठी, विद्यासागर नौटियाल पुरस्कार से अनूप सिंह रावत, भैरत दत्त धूलिया पुरस्कार से एम.आर ध्यानी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया l

कैबिनेट की बैठक में आबकारी नीति को मिली मंजूरी, मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना लागू

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देहरादून, सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 17 प्रस्ताव आए।

सोमवार को कैबिनेट समाप्त होने के बाद सचिव गृह शैलेश बगोली ने जानकारी दी। कक्षा 10 के बाद जो छात्र तीन वर्षीय पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करते हैं, उन्हें कक्षा 12 के समकक्ष माना जाएगा। चीनी मिलों के लिए अगेती 375 रुपये, सामान्य प्रजाति 365 रुपए प्रति कुंतल की गई। जबकि गन्ना समर्थन मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उप महानिरीक्षक, अधीक्षक कारागार की नियमावली पास की गई। वहीं भारतीय न्याय संहिता के तहत नियमालिओं को अनुमोदन किया गया। सीएम की घोषणा के तहत उत्तराखंड आंदोलन और सांस्कृतिक विरासत का इतिहास कक्षा 6 से 8 तक हमारी विरासत एवं विभूतियां पढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी। वहीं मंत्रिमंडल ने आबकारी नीति को भी मंजूरी दे दी है।

मंत्रिमंडल ने राज्य की नई आबकारी नीति 2025 में धार्मिक क्षेत्रों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए उनके निकटवर्ती मदिरा अनुज्ञापनों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। जनसंवेदनाओं को सर्वोपरि रखते हुए, शराब की बिक्री पर और अधिक नियंत्रण किया जायेगा। उप-दुकानों और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को समाप्त किया गया है। नई आबकारी नीति में किसी दुकान पर एमआरपी से अधिक कीमत ली जाती है, तो लाइसेंस निरस्त करने का प्राविधान किया गया है। डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी एमआरपी लागू होगी, जिससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी।

पिछले दो वर्षों में आबकारी राजस्व में राज्य में काफी वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 4038.69 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य के सापेक्ष अब तक लगभग 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।

*इन पर लगी मुहर :*

-राज्य कर्मियों के लिए शिथिलीकरण का लाभ एक बार मिलेगा। कुछ नियमावली में शिथिलीकरण की व्यवस्था है। ये सभी कर्मचारियों के लिए लागू हो गई है। 50% तक छूट।

-राज्य संपत्ति विभाग की समूह-क व समूह-ख की सेवा नियमावली को अनुमोदन।

-मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना लागू करने पर कैबिनेट की मंजूरी। स्वरोजगार के लिए 2 लाख रुपये तक मिलेंगे।

-पेंशन एवं हकदारी निदेशालय में कनिष्ठ सहायक के 13 पद सृजित करने पर।

-उत्तराखंड में यूपीएस लागू करने पर कैबिनेट की मंजूरी। जो कर्मचारी चाहेंगे, वो इसमें आ सकेंगे।

-स्टाम्प व निबंधन विभाग में 213 से बढ़कर पड़ 240 हुए।

-अपर पुलिस अधीक्षक उच्चतम वेतनमान की नियमावली को मंजूरी।

-ट्राउट प्रोत्साहन योजना मंजूर। 200 करोड़ की योजना। मत्स्य पालकों को 5 साल तक इनपुट दिया जाएगा।

-कार्मिक : रिवोल्विंग फंड इस्तेमाल करने की नियमावली को मंजूरी।

-उधमसिंह नगर की प्रयाग फार्म की 1354 एकड़ भूमि इंडस्ट्री को दी जाएगी।

-एकीकृत स्वयं सहायता योजना। 2.3 करोड़ सीएलएफ के लिए।

-गौला, कोसी, दाबका नदियों में सुरक्षा एवं सीमांत शुल्क आदि को रिवाइस किया गया।

भारतीय युवा कांग्रेस का “यंग इंडिया के बोल” सीजन -5 राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

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देहरादून, अखिल भारतीय राष्ट्रीय युवा कांग्रेस द्वारा समाज की युवा पीढ़ी को राजनीति की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए और उनके अंदर नेतृत्व क्षमता का विकास करने के लिए हर वर्ष एक प्लेटफार्म देने हेतु “यंग इंडिया के बोल” कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
भारतीय युवा कांग्रेस यंग इंडिया के बोल के ज़रिए युवाओं में राजनीतिक चेतना और नेतृत्व को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है । इस प्रतियोगिता के जरिए प्रदेश के युवा के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय युवा कांग्रेस का प्रवक्ता और नेता बनने का एक सुनहरा अवसर है और अपने प्रदेश के मुद्दों को सोशल मीडिया के माध्यम से उठाने के लिए भी युवा कांग्रेस इन प्रतिभागियों को काफी सारे स्तर पर तराशती है। यंग इंडिया के बोल सीजन – 5 की लॉन्चिंग 25 दिसंबर 2024 को की गई जिसके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 25 दिसंबर 2024 से 5 फरवरी 2025 तक किए गए । पहले जिला स्तरीय फिर अंतर जिला स्तरीय और रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में दोपहर भारतीय युवा कांग्रेस का “यंग इंडिया के बोल” सीजन – 5 राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का फाइनल आयोजन किया गया , जिसमें लेवल 1 और 2 के निर्णायक की भूमिका में वरिष्ठ पत्रकार नीरज कोहली , वरिष्ठ अधिवक्ता एवं बार काउंसिल उपाध्यक्ष सीमा चड्ढा , मुख्य प्रवक्ता प्रवक्ता गरिमा महारा दसौनी रहे।
इस दौरान युवा कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी एवं राष्ट्रीय सचिव शिवि चौहान, “यंग इंडिया बोल” कार्यक्रम प्रभारी एडवोकेट सतीश बघेल, उपाध्यक्ष विनीत प्रसाद भट्ट एवं सुमित खन्ना उपस्थित रहे ।
प्रतियोगिता में काफ़ी ऊर्जावान युवाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, किंतु उत्तराखंड से 5 प्रतिभागियों को ही विजेता घोषित किया गया, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करना है और बाकी राज्यों के विजेताओं के साथ अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गणों के समक्ष वक्ता के रूप में अपनी प्रतिभा का परिचय देना है।
जो पांच लोग विजेता रहे उनमें टिहरी गढ़वाल की डीबीएस कॉलेज से स्नातक प्रथम वर्ष की छात्रा रिया राणा, पौड़ी गढ़वाल से पारस रावत, देहरादून से रविन्द्र सिंह, जौनसार से धवजवीर सिंह और देहरादून के एडवोकेट आयुष रतूड़ी के नाम शामिल हैं । इसके पश्चात उपरोक्त सभी विजेता दिल्ली राष्ट्रीय प्रीतियोगिता के लिए रवाना किए जाएँगे । इस दौरान सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया गया सभी प्रतिभागियों को पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट दिया गया और निर्णायक मंडली को भी युवा कांग्रेस की ओर से मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

मादक पदार्थों की तस्करी में पुलिस ने पिछले दो माह में 591 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

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-24.25 करोड़ कीमत के मादक पदार्थ बरामद

-डीजीपी के निर्देश पर अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध जारी रहेगा विशेष अभियान

-वांछित एवं ईनामी अपराधियों व ड्रग्स तस्करों की गिरफ्तारी पर होगा फोकस

-लंबित विवेचनाओं के निस्तारण के लिए की जाए थाना वार समीक्षा।

देहरादून, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड दीपम सेठ द्वारा प्रदेश में कानून व्यवस्था के दृष्टिगत गढ़वाल व कुमाऊँ रेंज प्रभारी सहित समस्त SSP/SPs के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध की गयी कार्यवाही की समीक्षा की गयी।
मादक पदार्थों की तस्करी के विरुद्ध चलाये गये विशेष अभियान में अब तक 427 अभियोग पंजीकृत करते हुए मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त 591 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके पास से 24.25 करोड़ कीमत के 936.56 कि.ग्रा. मादक पदार्थ बरामद किये गये हैं।
अभियान के दौरान 26 अपराधियों को गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत निरुद्ध करते हुए 15 अभियुक्तों द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गयी लगभग 1.74 करोड़ कीमत की सम्पत्ति अधिग्रहित की गयी। इस विशेष अभियान को 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया है। समीक्षा के दौरान पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड महोदय द्वारा निम्न दिशा-निर्देश निर्गत किये गये ।

▪️विभिन्न अपराधों में लिप्त वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी, पुरस्कार घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी, गैर जमानतीय/कुर्की वारण्टों की तामील हेतु 01 माह का विशेष अभियान चलाये जाने हेतु निर्देशित किया गया।

▪️गंभीर आपराधिक घटनाओं में लापरवाही व शिथिलता बरतने वाले सम्बन्धित थानाध्यक्षों और चौकी प्रभारियों की जवाबदेही तय की जाए।

▪️ लम्बित विवेचनओं की समीक्षा करते हुए दोनों परिक्षेत्र प्रभारियों को अपने निकट पर्यवेक्षण में निस्तारण कराए जाने के निर्देश दिए गए।

▪️ सभी जनपद प्रभारियों को लगातार पुलिस विसिबिलिटी बढ़ाते हुए प्रभावी रात्रि गश्त, पैट्रोलिंग, नाका/बैरियर्स पर सघन चैकिंग कराने तथा भीड़-भाड़ वाले महत्वपूर्ण स्थानों पर पैदल गश्त कराने हेतु निर्देशित किया गया।

समीक्षा गोष्ठी में श्री वी. मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक. अपराध एवं कानून व्यवस्था ए. पी. अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन/अभिसूचना कृष्ण कुमार वीके, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम ने किया कहानी संग्रह ‘भूले बिसरे मतवाले’ का किया विमोचन

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देहरादून, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में युवा लेखक जय प्रकाश पांडेय के कहानी संग्रह ‘भूले बिसरे मतवाले’ का विमोचन किया।
यह पुस्तक आजादी के अमृत महोत्सव की पूर्वपीठिका में भारतीय स्वाधीनता संग्राम के गुमनाम नायकों के बलिदान और संघर्षों को केंद्र में रखकर लिखी गई है ।
मुख्यमंत्री ने ‘भूले बिसरे मतवाले’ की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक भारत के स्वतंत्रता संग्राम के उन महान नायकों को श्रद्धांजलि है, जिन्हें इतिहास में अपेक्षित स्थान नहीं मिल पाया। उन्होंने लेखक जय प्रकाश पाण्डेय के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संग्रह नई पीढ़ी को अपने पूर्वजों के बलिदान से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।पुस्तक का प्रकाशन प्रभात पब्लिकेशन द्वारा किया गया।
इस अवसर पर दीप्ति रावत भारद्वाज, प्रो. दिनेश चमोला, असीम कुमार सिन्हा, डॉ. जिज्ञासा पाण्डेय, अंकुर रावत, भूपेंद्र बसेड़ा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

लेखक परिचय :

लेखक जय प्रकाश पाण्डेय की प्रारंभिक शिक्षा पिथौरागढ़ के विवेकानंद विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में हुई, जहाँ से उन्होंने अपने अध्ययन की नींव रखी। इसके बाद  दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एमफिल और एलएलबी करने के बाद जयप्रकाश विभिन्न मंत्रालयों के अधीन उपक्रमों में विगत १० वर्षों से राजभाषा विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। समसामयिक विषयों पर लगातार विभिन्न समाचार पत्रों में इनके लेख प्रकाशित होते हैं। वह वर्तमान में ओएनजीसी मुख्यालय में वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं ।

सचिवालय में नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी, महिला अधिकारी गिरफ्तार

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“युवक से हड़पे थे 26 लाख 55 हजार, थमा दिया था फर्जी”

देहरादून, सचिवालय में नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली महिला अभियुक्ता दून पुलिस की गिरफ्त में आई। अभियुक्ता द्वारा सचिवालय में नौकरी के नाम पर युवक से 26 लाख 55 हजार रुपए लिए थे हड़प लिए थे। नौकरी के नाम पर पैसे लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिया था। महिला अभियुक्ता पर सचिवालय में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी के 03 अभियोग पंजीकृतहैं। अभियुक्ता आयुर्वेदिक विभाग नरेंद्र नगर में प्रधान सहायक के पद पर तैनात है।
वादी अमित कुमार निवासी ऋषिकेश द्वारा थाना नेहरुकोलोनी पर रविकांता शर्मा उर्फ रविकांता कोटियाल नाम की महिला द्वारा सचिवालय में नौकरी लगाने के नाम पर उसे 26 लाख 55 हज़ार रुपये की रकम धोखाधड़ी से प्राप्त करने तथा सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति का फर्जी नियुक्ति पत्र देने के संबंध में अभियोग पंजीकृत कराया गया था।
अभियोग की विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर उक्त नियुक्ति पत्र का कूटरचित होना प्रकाश में आया, अभियोग में अभियुक्ता के विरुद्ध प्रभावी साक्ष्य संकलन की कार्रवाई करते हुए पुलिस द्वारा वांछित अभियुक्ता रविकांता शर्मा उर्फ रविकांता कोटियाल पत्नी नरेंद्र प्रकाश शर्मा निवासी लेन नंबर ई सारथी वेडिंग पॉइंट के पीछे अलकनंदा एनक्लेव जोगीवाला थाना नेहरू कॉलोनी उम्र 59 वर्ष को मु०अ०सं०- 463/23 धारा 420/467/468/471/120 ipc आईपीसी मे गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्ता आयुर्वेदिक विभाग नरेंद्र नगर में प्रधान सहायक के पद पर तैनात है, जिसके विरुद्ध नौकरी के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर पैसे हड़पने के संबंध में 03 अभियोग पंजीकृत है।

नाम पता गिरफ्तार अभियुक्ता
1- रविकांता शर्मा उर्फ रविकांता कोटियाल पत्नी नरेंद्र प्रकाश शर्मा निवासी लेन नंबर – ई सारथी वेडिंग पॉइंट के पीछे अलकनंदा एनक्लेव, जोगीवाला, थाना नेहरू कॉलोनी, उम्र 59 वर्ष।

अपराधिक इतिहास
1- मु0अ0सं0 107/23 धारा 420/467/468 आईपीसी, थाना नेहरुकोलोनी, देहरादून
(2) मु0अ0स0- 13/25 धारा 420 आईपीसी, थाना नेहरुकोलोनी, देहरादून
(3) मु0अ0स0- 463/23 धारा 420 467.468.471. 120 बी आईपीसी, थाना नेहरुकोलोनी, देहरादून

पुलिस टीम
(1) व0उ0नि0 सुमेर सिंह, थाना नेहरू कॉलोनी
(2) म0कानि0 प्रिया चौहान

पीएम मोदी अब 6 मार्च को आएंगे उत्तराखंड

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देहरादून, देश के पीएम नरेंद्र मोदी अब 6 मार्च को उत्तराखंड आएंगे, इससे पूर्व उन्हें 27 फरवरी को उत्तराखंड आना था लेकिन खराब मौसम की संभावनाओं के मद्देनजर उनका यह दौरा स्थगित कर दिया गया। उत्तराखंड शासन प्रशासन को मिले कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री अब 6 मार्च को उत्तराखंड आने वाले हैं।
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री 6 मार्च को सुबह सेना के हेलीकॉप्टर से जौलीग्रांट पहुंचेंगे जहां से उनका मां गंगा की शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा जाने का कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीएम धामी द्वारा इसी साल से राज्य में शुरू की गई शीतकालीन चारधाम यात्रा में हिस्सा लेंगे। भाजपा के नेताओं द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री की इस यात्रा का उद्देश्य चारधाम शीतकालीन यात्रा को प्रमोट करना ही बताया जा रहा है।
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भटृ का कहना है कि निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री की इस यात्रा से शीतकालीन चारधाम यात्रा को सफलता की ऊंचाई तक ले जाया जाएगा, क्योंकि प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं वहां धार्मिक पर्यटकों की भारी भीड़ जुटना शुरू हो जाती है। जानकारी के मुताबिक उनका यह दौरा एकदिवसीय होगा और 6 मार्च की शाम ही वह दिल्ली लौट जाएंगे। जहां तक उनके दौरे की तैयारियों की बात है तो वह पहले से की जा चुकी है।

लेखक गाँव में अंतरराष्ट्रीय लेखक दिवस के पूर्व दिवस पर साहित्यकारों का सम्मान

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देहरादून, लेखक गाँव, थानों, देहरादून में अंतरराष्ट्रीय लेखक दिवस का आयोजन भव्यता और साहित्यिक गरिमा के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर देशभर से आए प्रतिष्ठित साहित्यकारों, कवियों और युवा लेखकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मातृभाषाओं के उन्नयन पर चर्चा करना और स्थानीय तथा युवा लेखकों को मंच प्रदान करना था।

आयोजन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और शुभा पाराशर द्वारा मंगलाचरण से हुआ। इसके पश्चात स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से साहित्यिक माहौल को जीवंत बना दिया। मुख्य वक्ता डॉ. नंदकिशोर हटवाल ने मातृभाषाओं के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा में मातृभाषा को प्राथमिकता देना एक व्यावहारिक और अभिनव प्रयास है, जो बच्चों की समझने की क्षमता को बढ़ाएगा।

मुख्य अतिथि पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे ने उत्तराखंड की 17 क्षेत्रीय भाषाओं की चर्चा करते हुए विद्यालयों में सबसे सुविधाजनक और व्यावहारिक भाषा को अपनाने की बात कही। पद्मश्री डॉ. बी.सी.एस. संजय ने मातृभाषा को संस्कृति और समाज की पहचान बताया और नई शिक्षा नीति में भाषाओं को प्राथमिकता देने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार गणेश कुकसाल ‘गणि’ ने मातृभाषाओं की उपेक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे हमारी पहचान और इतिहास के लिए संकट बताया।

इसी क्रम में मणि अग्रवाल ‘मणिका’, डॉ. नीरज नैथानी और डॉ. शान्ता ध्यानी ने अपनी ओजस्वी कविताओं से सभी को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर डॉ. सविता मोहन ने लेखक गाँव की अवधारणा और इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, जबकि विदुषी निशंक उनियाल ने आयोजन की उपयोगिता पर विचार रखे।

इस आयोजन में प्रख्यात साहित्यकारों को सम्मानित भी किया गया। इस आयोजन का विशेष आकर्षण युवा और स्थानीय लेखकों की भागीदारी रही। उन्हें इस मंच से अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर मिला और वरिष्ठ साहित्यकारों से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। यह आयोजन नवोदित रचनाकारों के लिए प्रेरणास्रोत बना और उनके साहित्यिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें कवि साधना जी ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त किया। यह आयोजन केवल एक दिवस तक सीमित न रहकर भाषा, साहित्य और संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में एक सशक्त प्रयास सिद्ध हुआ।

वार्षिक खेल दिवस: हडको चंडीगढ़ में मनाया वार्षिक खेल दिवस

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चंडीगढ़,  हुडको चंडीगढ़ ने 2 मार्च, 2025 को अपना वार्षिक खेल दिवस आयोजित किया, जिसका उद्देश्य आपसी भाईचारा, टीम भावना और खुशहाल तथा स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम की शुरुआत कार्यालय परिसर में कैरम और बैडमिंटन मैचों से हुई, जिसमें सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्साह और टीम भावना के साथ भाग लिया।

मुख्य कार्यक्रम गोल्फ क्लब चंडीगढ़ में आयोजित किया गया, जहां अधिकारी, परिवार के सदस्य और कर्मचारी एक मजेदार दिन के लिए एकत्र हुए। फिटनेस और टीम वर्क को बढ़ावा देने के लिए रस्साकशी, चम्मच दौड़, स्किपिंग, म्यूजिकल चेयर और दौड़ जैसे विभिन्न खेल और गतिविधियाँ आयोजित की गईं।

कार्यक्रम का समापन पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ, जहाँ विभिन्न स्पर्धाओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया।

वार्षिक खेल दिवस एक शानदार सफलता थी, जिसने हुडको चंडीगढ़ के अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवारों के बीच सौहार्द और सामुदायिक भावना को बढ़ावा दिया।

बंसल क्लासेस ने देहरादून में शुरू किए तीन अत्याधुनिक कोचिंग सेंटर

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देहरादून। कोटा कोचिंग सिस्टम के निर्माता और मेडिकल तथा इंजीनियरिंग कोचिंग में अग्रणी बंसल क्लासेस ने देहरादून में तीन अत्याधुनिक कोचिंग सेंटर शुरू किए हैं। जिनका रविवार को धूमधाम से जीएमएस रोड स्थित सेंटर में उद्घाटन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि इन सेंटरों का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि माध्यमिक शिक्षा निदेशक मुकुल सती ने उत्तराखंड के छात्रों के लाभ के लिए इस अद्भुत प्रयास के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे उत्तराखंड के छात्रों को अच्छे विकल्प मिल सकेंगे।
बतौर विशिष्ट अतिथि बंसल क्लासेस के प्रबंध निदेशक और सीईओ समीर बंसल ने कहा कि “हमारा लक्ष्य छात्रों को आईआईटी और मेडिकल में अपने सपनों को साकार करने के लिए सर्वोत्तम संसाधन प्रदान करना है।” उन्होंने बताया कि देहरादून के प्रशिक्षण केंद्रों का नेतृत्व मुख्य शैक्षणिक अधिकारी के तौर पर गिरीश गौड़ करेंगे, जो 24 वर्षों के अनुभव वाले प्रसिद्ध भौतिकी संकाय शिक्षक हैं और लोकप्रिय “कोटा प्रश्न बैंक” के लेखक हैं। अनुभवी शिक्षकों की एक टीम के साथ, बंसल क्लासेस देहरादून में शिक्षा परिदृश्य पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए तैयार है। गिरीश गौड़ ने बताया कि तीनों सेंटर शहर के तीन अलग-अलग इलाकों में रणनीतिक रूप से स्थित किए गए हैं, इन सेंटरों का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, जिससे उन्हें लंबी यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह विस्तार 70 से अधिक सेंटरों के साथ देश भर के छात्रों को विश्वस्तरीय कोचिंग उपलब्ध कराने की बंसल क्लासेस की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि बंसल क्लासेस एक अग्रणी कोचिंग संस्थान है, जिसके पास मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं को पास करने के इच्छुक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का 44 वर्षों का अनुभव है। सफलता के एक प्रसिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, बंसल क्लासेस छात्रों को उनके लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्यक्रम डॉ. आशीष मित्तल, एचओडी-ऑर्थो, मैक्स अस्पताल, डॉ. हिना मित्तल, सहायक प्रोफेसर एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, सुभारती अस्पताल, बंसल क्लासेज देहरादून के पूरे शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ की मदद से सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।इस विस्तार के साथ, बंसल क्लासेस ने देहरादून, हरिद्वार और रुड़की में कुल पाँच प्रशिक्षण केंद्रों के साथ उत्तराखंड में अपनी उपस्थिति मजबूत की है।

एशियन स्कूल ने नीट-जेईई कोचिंग के लिए बंसल क्लासेज के साथ साझेदारी की इस मौके पर एशियन स्कूल की प्रिंसिपल रुचि दत्ता ने बताया कि, हमें अपने छात्रों को नीट-जेईई कोचिंग करने के लिए, बंसल क्लासेज के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। इस अभिनव पहल का उद्देश्य एक ही छत के नीचे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कोचिंग प्रदान करना है, जिससे छात्रों के अलग-अलग कोचिंग सेंटरों में जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।