Tuesday, May 20, 2025
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विदेश सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी जितेंद्र रावत ने की आत्महत्या

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नई दिल्ली, देश की दिल्ली के राजनयिक क्षेत्र चाणक्यपुरी में शुक्रवार की सुबह एक अत्यंत दुखद घटना घटी, जहां भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी, जितेंद्र रावत ने अपने सरकारी आवास की छत से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने मंत्रालय और उनके सहयोगियों को गहरे शोक में डाल दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना सुबह लगभग 6:00 बजे की है जब रावत विदेश मंत्रालय की चाणक्यपुरी स्थित एमईए की आवासीय बिल्डिंग से कूद गए।
प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि रावत अवसाद से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था। वह अपनी मां के साथ इमारत की पहली मंजिल पर रहते थे, घटना के समय उनकी मां ही साथ थीं, जबकि उनकी पत्नी और 02 बच्चे देहरादून में रहते हैं। पुलिस आत्महत्या के करणों की पड़ताल में जुटी है। उनके करीबियों से भी जानकारी जुटाई जा रही है। वह 2011 बैच के आईएफएस अफसर थे।
आईएफएस जितेंद्र रावत के पास से कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है। वह विदेश मंत्रालय (एमईए) के आवासीय परिसर की बिल्डिंग के पहले फ्लोर पर रहते थे और उन्होंने बिल्डिंग की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। प्रशिक्षण में उनके साथ रहे उत्तराखंड के अधिकारियों का कहना है कि जितेंद्र रावत बहुत जिंदादिल व्यक्ति थे और उनका व्यवहार बेहद सकारात्मक रहता था ।
पुलिस आत्महत्या के करणों की पड़ताल में जुटी है। उनके करीबियों से भी जानकारी जुटाई जा रही है। उनकी उम्र 35 से 40 वर्ष के बीच बताई जा रही है

मुख्य सचिव ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला कार्मिकों तथा होमगार्ड को सम्मानित किया

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देहरादून, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्तराखंड सचिवालय संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया |
सचिवालय के सभी कार्मिकों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि मेरा सभी से आग्रह है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम महिलाओ को समानता का अधिकार देने का संकल्प लें | हम सभी को प्रतिज्ञा करनी होगी कि यदि हम अपने आसपास, परिवार या समाज में कहीं भी महिलाओं के प्रति किसी प्रकार का भेदभाव देखे तो उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे | हमें महिलाओ की शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है| इससे हम पूरे समाज और देश में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं | विकसित भारत, सशक्त उत्तराखंड विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमें अपनी आधी आबादी को बराबरी का अधिकार देते हुए कार्यबल में शामिल करना होगा | यदि हमे जीएसडीपी को दुगना करने का लक्ष्य जल्द पूरा करना है तो अधिक से अधिक महिलाओं को भी वर्कफोर्स से जोड़ना होगा | इस अवसर पर मुख्य सचिव ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला कार्मिकों तथा होमगार्ड को सम्मानित किया| कार्यक्रम में सचिवालय के सभी अधिकारी तथा कर्मचारी मौजूद रहे |

आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा कदम- ग्रामीण महिलाएं दिल्ली में लेंगी विशेष प्रशिक्षण

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रुद्रप्रयाग-ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से रुद्रप्रयाग जिले के तीनों विकासखंडों की महिलाओं को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, दिल्ली में विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। इस दल को केदारनाथ विधायक श्रीमती आशा नौटियाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। महिलाओं का यह दल 7 मार्च से 10 मार्च तक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, दिल्ली प्रशिक्षण लेगा।

ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आयोजित चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। दिल्ली से लौटने के बाद ये महिलाएं अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी प्रशिक्षण देंगी, जिससे वे भी नए कौशल सीखकर आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगी।

इस अवसर पर विधायक श्रीमती आशा नौटियाल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस मिशन से महिलाओं को न केवल रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि वे अपनी आजीविका को भी सुदृढ़ कर सकेंगी। यह कदम उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।‘‘

प्रशिक्षण के बाद, महिलाएं अपने-अपने गांवों में अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षित करेंगी, जिससे वे खुद का व्यवसाय शुरू कर सकेंगी।

इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। सरकार द्वारा इस तरह के प्रयासों से महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने का अवसर मिलेगा, बल्कि समाज में उनकी भूमिका भी और अधिक सशक्त होगी। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी और वे भी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होंगी।

दिल्ली में प्रशिक्षण के लिए जाने वाली महिलाओं ने इस अवसर पर खुशी जताई और कहा कि यह उनके लिए एक बड़ा अवसर है। उन्होंने सरकार और प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण से उन्हें नई तकनीक और कौशल सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपने परिवार और समाज की प्रगति में योगदान दे सकेंगी।

इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी ऊखीमठ अनुष्का सहित समूह की महिलाएं मौजूद रहीं।

पहाड़ी स्वाभिमान रैली में उमड़ा विशाल जनसैलाब, सरकार को दिया सख्त संदेश

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-कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ पर्वतीय समुदाय का आक्रोश

-पहाड़ी स्वाभिमान रैली में राज्य आंदोलनकारी, यूकेडी, मूल निवास भू कानून समिति, गैरसैंण स्थायी राजधानी संघर्ष समिति सहित कई संगठन हुये शामिल

गैरसैंण (चमोली), देश के प्रधानमंत्री जहां एक तरफ उत्तरकाशी पहुंचकर पर्यटन स्थल हरसिल से ‘घाम तापों पर्यटन’ के जरिए देश-विदेश के लोगों को उत्तराखंड में शीतकालीन चार यात्रा एवं बारहमासी पर्यटन का संदेश दे रहे थे वहीं चमोली में राज्य की राजधानी कहे जाने वाला गैरसैंण पहाड़ियों की हुंकार से एक बार फिर गूंज उठा। मौका था गढ़रत्न लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा आह्वान की गई पहाड़ी स्वाभिमान रैली का, जिसमें न सिर्फ कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ पहाड़ मूल के वाशिंदों का आक्रोश देखने को मिला बल्कि रैली में उमड़े विशाल जनसैलाब ने अन्य नेताओं के साथ ही सरकार को भी सख्त संदेश दे दिया कि पहाड़ियों के मान-सम्मान और अस्मिता से खिलवाड़ कत‌ई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि इस पहाड़ी स्वाभिमान रैली में राज्य आंदोलनकारी, यूकेडी, मूल निवास भू कानून समिति, गैरसैंण स्थायी राजधानी संघर्ष समिति सहित कई संगठन शामिल हुए।
गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे के आसपास गैरसैंण के ऐतिहासिक खचाखच भरे रामलीला मैदान में शुरू हुई यह पहाड़ी स्वाभिमान रैली दोपहर बाद तक जारी रही। इस दौरान न केवल रैली में उमड़े विशाल जनसैलाब ने न केवल कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जगह जगह प्रेमचंद अग्रवाल के पुतले जलाए बल्कि पहाड़ी एकता प्रदर्शित करते हुए रैली में मौजूद सभी लोगों ने एक स्वर में प्रेमचंद अग्रवाल को तत्काल पद से हटाए जाने की मांग की।
जनाक्रोश रैली स्थल रामलीला मैदान में आंदोलनकारियों ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति पर माल्यार्पण कर ‘उत्तराखंड जिंदाबाद, गैरसैंण जिंदाबाद’ के नारे लगाए। जिसके बाद ऐतिहासिक रामलीला मैदान में हुई एक विशाल जनसभा में वक्ताओं ने कहा कि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा विधानसभा में दिया गया बयान पहाड़ियों की संस्कृति और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला था। लोगों ने मंत्री के बयान की कड़ी निंदा करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। बताते चलें कि इस रैली में बडी तादात में महिलाएं, बुजुर्ग औऱ युवा हाथों में बैनर पोस्टर लेकर शामिल हुए।
जनसभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पहाड़ों की समस्याओं और उनके अधिकारों को हमेशा अनदेखा किया जाता रहा है। अब इस तरह के अपशब्दों से पहाड़ी समाज की भावनाओं को आहत किया जा रहा है। इस दौरान लोगों ने मंत्री के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने गैरसैंण उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। रैली की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उमड़ी भीड़ से शासन-प्रशासन के हाथ पांव फूल गए, हालांकि प्रशासन रैली को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में भी कामयाब रहा। आपको बता दें कि बीते 21 फरवरी को बजट सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा पहाड़ी समाज पर की गई अशोभनीय टिप्पणी के बाद से ही लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस बात को उत्तराखंड सरकार और सत्ताधारी भाजपा भी अच्छी तरह से समझ रही है। शायद यही कारण रहा होगा कि उत्तरकाशी जिले के प्रभारी मंत्री होने के बावजूद प्रेमचंद अग्रवाल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हरसिल दौरे से दूर रखा गया। वह न तो जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए नजर आए ना ही मुखवा और हरसिल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कहीं दिखाई दिए l

स्वाभिमान महारैली को जनता ने सफल बनाया : मोहितMay be an image of 4 people, beard and text

गैरसैंण, मूल निवास भू क़ानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि आज हमारी असली राजधानी गैरसैण में बदतमीज नेताओं के खिलाफ कारवाई की मांग को लेकर आयोजित स्वाभिमान महारैली को जनता ने ऐतिहासिक रूप से सफल बनाया है।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में कहा था कि क्या साले पहाड़ियों के लिए बना है उत्तराखंड ? तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं क्या आपको जनता ने इसलिए चार बार विधायक बनाया कि आप करोड़ों रुपए की संपति जोड़कर अपने लिए रिसोर्ट/होटल बना सको। आपके पास इतनी संपति कहाँ से आ रही है, इसकी भी जांच होनी चाहिए।
अब कांग्रेस के विधायक कह रहे हैं कि जब उनकी पार्टी सत्ता में आयेगी तो गैरसैण राजधानी राजधानी बनेगी। राजधानी के सवाल पर दोनों पार्टियां जनता को गुमराह कर रही हैं। जिस दिन भूमि क़ानून संशोधित विधेयक सदन में पेश हुआ, उस दिन सत्ता पक्ष के साथ ही मुख्य विपक्षी कांग्रेस के विधायक भी मौन रहे। इससे साफ पता चलता है कि सत्ता और विपक्ष मिलकर जमीनों को लुटाने का काम कर रहे हैं।

सूबे में होगी देवभूमि उद्यमिता विकास संस्थान की स्थापना : डॉ. धन सिंह रावत

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-युवाओं को उद्यम से जोड़कर विकासित भारत के संकल्प को करेंगे पूरा

-कहा, गुजरात और उत्तराखंड के बीच चलेगा स्टूडेंट व टीचर्स एक्सचेंज प्रोग्राम

अहमदाबाद/देहरादून, उत्तराखंड़ के उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में उद्यमिता कौशल विकसित करने में ‘देवभूमि उद्यमिता योजना’ अहम भूमिका निभा रही है। छात्रों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने व उन्हें उद्यम से जोड़ने के लिये शीघ्र ही देवभूमि उद्यमिता विकास संस्थान की स्थापना की जायेगी। राज्य में नवाचार, शोध और शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये गुजरात और उत्तराखंड के बीच स्टूडेंट व टीचर्स एक्सचेंज प्रोगाम संचालित किया जायेंगा।
यह वक्तव्य सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अहमदाबाद में भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान द्वारा आयोजित इंप्रेसारिओ स्टार्ट-अप समिट-2025 में बतौर मुख्य अतिथि कही। डॉ. रावत ने कहा कि उत्तराखंड में उच्च शिक्षा विभाग और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद (ईडीआईआई) के संयुक्त प्रयासों से देवभूमि उद्यमिता योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के युवाओं ने उद्यमिता कौशल के गुर सीखकर देश के लिये एक मॉडल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षों में छात्र-छात्राओं ने 700 से ज्यादा प्रोडक्ट बनाकर उन्हें बाजार में उतारा है, जो छात्र उद्यमिता के क्षेत्र में प्रदेश के लिये बड़ी उपलब्धि है। डॉ. रावत ने कहा कि राज्य में उद्यमिता, नवाचार, शोध कार्य और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिये शीघ्र ही देवभूमि उद्यमिता विकास संस्थान की स्थापना की जायेगी, जिसमें ईडीआईआई अहमदाबाद का सहयोग लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के माध्यम से युवाओं को उद्यम और आध्यात्मिकता से जोड़कर विकास का नया मॉडल तैयार किया जायेगा, जो विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक साबित होगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में नवाचार, शोध और शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा एक भारत, श्रेष्ठ भारत की संकल्पना के अनुरूप गुजरात और उत्तराखंड के बीच स्टूडेंट व टीचर्स एक्सचेंज प्रोगाम संचालित किया जायेंगा। इसके लिये शीघ्र ही ठोस रोड़मैप तैयार किया जायेगा।
कार्यक्रम में प्रदेश के उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार ने कहा कि बिजनेस आइडिया को विश्वास, कौशल और जूनून के साथ ही उद्यमिता में बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि समस्याएं विचार, समाधान और स्टार्टअप के लिये अवसर प्रदान करती है। इसलिये युवाओं को घबराना नहीं चाहिये। वहीं अहमदाबाद के सुरेन्द्रनगर से विधायक और उद्यमी प्रकाश बरमोरा ने कहा कि आइडिया छोटा या बड़ा नहीं होता, बल्कि इसमें विश्वास करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि विकास के सामाजिक उत्तरदायित्व और मूल्य भी आवश्यक है। इस अवसर पर भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान के महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला ने कहा कि उद्यमिता के इकोसिस्टम विकास के लिये ईडीआईआई हमेशा तैयार है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार के सहयोग और देवभूमि उद्यमिता संस्थान की स्थापना किये जाने की घोषणा पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. रावत का आभार जताया।
इससे पहले उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ईडीआईआई कैम्पस में 50 स्टार्ट अप इकाईयों की प्रदर्शनी का उद्धघाटन किया। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनी में एक-एक स्टार्टअप का अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी में देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत मेंटर्ड और विकसित पांच स्टार्ट-अप द्वारा प्रतिभाग किया गया।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा उत्तराखंड सत्य प्रकाश सिंह, सहायक निदेशक एवं नोडल देवभूमि उद्यमिता योजना डॉ. दीपक पाण्डेय, डॉ. राजेश उपाध्याय, डॉ. मुकेश पाण्डेय उपस्थित रहे। इसके अलावा उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा विभाग गुजरात के निदेशक दिनेश गुराव, ज्वादंट कमिश्नर उद्योग आर.डी. बरहट, ईडीआईआई के डॉ. अमित द्विवेदी, डॉ. सत्या आचार्य सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

अहमदाबाद में कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने किया अस्पतालों व स्कूलों का भ्रमण :

सूबे के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने अहमदाबाद प्रवास के दौरान आज गांधीनगर में विभिन्न अस्पतलों व शिक्षण संस्थानों का भ्रमण किया। डॉ. रावत ने गांधीनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अडालज का भ्रमण कर वहां की स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में आईसीयू, इमरजेंसी वार्ड, औषधि केन्द्र का निरीक्षण कर विभिन्न स्वास्थ्य प्रणालियों का अवलोकन किया। इसके अलावा उन्होंने चिकित्सकों व मेडिकल स्टॉफ से मिलकर स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। इसके उपरांत डॉ. रावत गुजरात आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज पहुंचे। जहां उन्होंने कॉलेज के शिक्षकों व छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर शिक्षा, शोध और नवाचार को लेकर चर्चा की।

हाथ मिलाकर, पीठ थपथपाकर सीएम को शाबाशी

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शानदार बाॅंडिन्ग, छोटे भाई ऊर्जावान मुख्यमंत्री जैसे शब्दों का प्रयोग

राज्य सरकार के प्रयासों को प्रधानमंत्री ने बार-बार सराहा

अहम फैसले लेने और उन्हें लागू करने पर संतुष्टि जाहिर

शीतकालीन यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शानदार बाॅंन्डिग गुरूवार को भी दिखी। प्रधानमंत्री को जब जहां मौका मिला, वह मुख्यमंत्री को शाबासी देते, प्रोत्साहित करते हुए दिखाई दिए। भाषण खत्म कर मुख्यमंत्री जैसे ही प्रधानमंत्री के करीब पहुंचे, तो पहले तो उन्होंने गर्मजोशी से हाथ मिलाया। बाद में मुख्यमंत्री की पीठ भी थपथपा दी।
एक के बाद एक महत्वपूर्ण फैसले लेने और उन्हें अमल में लाने के मुख्यमंत्री के अंदाज को शीर्ष स्तर पर पसंद किया जा रहा है। चाहे समान नागरिक संहिता हो या राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, प्रधानमंत्री के स्तर पर मुख्यमंत्री को भरपूर शाबासी मिली है। अब शीतकालीन यात्रा के लिए राज्य सरकार के प्रयास पर प्रधानमंत्री संतुष्ट नजर आ रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने इसका बार-बार जिक्र भी किया। उन्होंने शीतकालीन यात्रा के उत्तराखंड से जुडे़ आर्थिक पहलु को रेखांकित करते हुए इसे अभिनव पहल बताया। साथ ही, इसके लिए मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को धन्यवाद भी दिया।
अपने संबोधन की शुरूआत में मुख्यमंत्री के लिए प्रधानमंत्री ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह गौर करने वाले रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री को छोटा भाई और ऊर्जावान मुख्यमंत्री कहते हुए संबोधित किया। उन्होंने अपनी केदारनाथ यात्रा का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि यह दशक उत्तराखंड का बन रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार बढ़िया काम कर रही है।

कभी मुस्कराए, कभी विनम्रता से जोड़े हाथ
हर्षिल की जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्षेत्रवासियों के जबरदस्त उत्साह के दर्शन भी हुए। कार्यक्रम में कई बार मोदी-मोदी के नारे गूंजे। इस पर प्रधानमंत्री कई बार मुस्कराए। कई बार उन्होंने विनम्रता से हाथ जोड़ लिए। पारंपरिक परिधान और टोपी पहने प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई आंचलिक शब्दों का इस्तेमाल भी किया।

पीएम मोदी ने मुखवा से दिया शीतकालीन यात्रा का जोरदार संदेश

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-प्रधानमंत्री ने की ‘घाम तापो’ के तौर पर की उत्तराखंड विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग

-कॉरपोरेट जगत, फिल्म इंडस्ट्री, योग साधक, युवा लें विंटर टूरिज्म का अनुभव

उत्तरकाशी (मुखबा), उत्तराखंड़ के लिए बारामासी पर्यटन गतिविधियां बेहद जरूरी, हर सीजन में पयर्टन रहे ऑन, एक दिवसीय शीतकालीन यात्रा पर उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखवा और हर्षिल से उत्तराखंड में शीतकालीन तीर्थाटन और पयर्टन की जोरदार ब्रांडिंग की है। प्रधानमंत्री ने तीर्थयात्रियों, पर्यटकों से लेकर कॉरपोरेट और फिल्म उद्योग तक को विंटर सीजन में उत्तराखंड आने का निमंत्रण दिया। पीएम ने उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग ‘घाम तापो टूरिज्म’ के तौर पर की है।

हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले बीते दिनों माणा में हुए हिमस्खलन में दिवंगत लोगों के प्रति दुखरू व्यक्त किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की यह भूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से औत प्रोत है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड से अपना आत्मीय लगाव, व्यक्त करते हुए कहा कि वो जीवनदायनी मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर अपने परिवारजनों के बीच पहुंचकर धन्य महसूस कर रहे हैं,
प्रधानमंत्री बोले कि मां गंगा की कृपा से ही उन्हें दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला। मां गंगा के आशीर्वाद से ही वो काशी पहुंच सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने कहा था कि मां गंगा ने ही उन्हें काशी बुलाया है। प्रधानमंत्री ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि उन्हें कुछ महीने पहले अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने उन्हें गोद ले लिया है, अब अपने बच्चे के प्रति मां गंगा का दुलार ही है कि वो आज खुद मुखवा गांव पहुंच पाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो हर्षिल की धरती पर आकर, अपनी दीदी भुलियों को भी याद कर रहे हैं, क्योंकि वो उन्हें हर्षिल की राजमा और अन्य लोकल प्रॉडक्ट भी भेजती रहती हैं।

बन रहा उत्तराखंड का दशक :

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले जब वो बाबा केदार के दर्शन के लिए आए थे तो बाबा के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही भाव प्रकट हुआ कि ये दशक उत्तराखंड का होने जा रहा है। ये भाव भले ही उनके थे, लेकिन इसके पीछे सामर्थ देने की शक्ति बाबा केदार की थी। अब बाबा के आशीर्वाद से ये शब्द धीरे- धीरे सच्चाई में बदल रहे हैं। ये दशक अब उत्तराखंड का बन रहा है। उत्तराखंड की प्रगति के लिए, नए – नए रास्ते खुल रहे हैं, जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड नित नए लक्ष्य और संकल्प लेते हुए, उन्हें पूरा कर रहा है।

शीतकालीन यात्रा पर सीएम की पहल को सराहा :

प्रधानमंत्री ने शीतकालीन तीर्थाटन पर्यटन पर जोर देते हुए कहा कि इसके माध्यम से उत्तराखंड की आर्थिक सामर्थ को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इस अभिनव पहल के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड के लिए अपने टूरिज्म सेक्टर को बहूआयामी या बारामासी बनाना बहुत जरूरी है। उत्तराखंड में 365 दिन का पर्यटन जरूरी है। वो चाहते हैं कि उत्तराखंड में कोई भी पर्यटन सीजन ऑफ नहीं रहे, बल्कि हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी पहाड़ों पर मार्च से जून के बीच ही ज्यादातर पर्यटन आते हैं, जबकि इसके बाद पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो जाती है। अभी सर्दियों के सीजन में होटल, रिजॉर्ट, होम स्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन साल के बड़े हिस्से में उत्तराखंड की आर्थिकी को सुस्त कर देता हैं। जबकि सच्चाई यह कि अगर देश- विदेश के लोग, सर्दियों में यहां आए तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा के दर्शन होंगे। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटी का रोमांच मिलेगा।

सर्दियों का सीजन धार्मिक यात्रा के लिए भी अहम :
पीएम ने कहा कि धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। यहां इस समय कई तीर्थ स्थलों पर विशेष अनुष्ठान होते हैं। यहां मुखवा गांव में ही जो अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, इसलिए उत्तराखंड सरकार का बारामासी पर्यटन का विजन, लोगों को दिव्य अनुभूति से जोड़ेगा। इससे यहां साल भर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डबल इंजन की सरकार मिलकर काम कर रही :

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है। राज्य में चारधाम, ऑल वेदर रोड आधुनिक एक्सप्रेस वे से लेकर रेलवे और हेली सेवाओं का विस्तार हो रहा है। एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंडसाहिब के लिए रोपवे को मंजूरी प्रदान की है। केदारनाथ रोपवे के जरिए आठ से नौ घंटे की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। इससे बुजुर्ग, महिलाओं ओर बच्चों की यात्रा सुगम हो सकेगी।

सीमांत गांव के विकास पर जोर :
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, 2014 से पहले चार धाम यात्रा पर प्रतिवर्ष 18 लाख यात्री ही आते थे, अब हर साल 50 लाख से अधिक यात्री चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। इसके जरिए सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों में पर्यटक पहुंचे। उन्होंने कहा कि पहले सीमावर्ती गांवों को आखरी गांव कहा जाता, लेकिन अब उन्हें पहला गांव कहा जा रहा है। इसी क्रम में सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की गई है, इसके जरिए नेलांग और जादुंग गांव फिर से बसाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के टिम्मबरसैंण, महादेवसैंण, माणा और जादुंग गांव में पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। जादुंग को 1962 में चीन युद्ध के समय खाली करा दिया गया था, अब 70 साल बाद सरकार इस गांव को फिर से बसा रही है।

गढ़वाली में ‘घाम तापो पयर्टन’ :

प्रधानमंत्री ने देशभर के लोगों खासकर युवाओं से सर्दियों में उत्तराखंड आने का आह्वाहन करते हुए कहा कि सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है, तो पहाड़ों में आप धूप का आनंद ले सकते हैं। गढ़वाली में इसे ‘घाम तापो पयर्टन’ कहते हैं। प्रधानमंत्री ने देश के कॉरपोरेट से उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि कॉरपोरेट की मीटिंग, कांफ्रेंस, सेमिनार, एक्जीबिशन के लिए देवभूमि से अच्छी जगह नहीं हो सकती है। यहां आकर योग और आवुर्वेद के जरिए आप खुद को रिचार्ज कर सकते हैं। इसी तरह कॉलेज, यूनिवर्सिटी, स्कूलों के नौजवान विंटर ट्रिप के लिए उत्तराखंड आ सकते हैं।

शूटिंग और वैडिंग डेस्टिनेशन :

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां हजारों करोड़ रुपए की वैडिंग इकॉनामी है। इसलिए उन्होंने देशवासियों से वेड इन इंडिया के तहत देश में ही शादियां करने की अपील की थी। सर्दियों के सीजन में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए देशवासी उत्तराखंड को प्राथमिकता दे सकते हैं। इसी तरह भारत की फिल्म इंडस्ट्री उत्तराखंड का रुख कर सकती है, उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रैंडली स्टेट का पुरस्कार मिल चुका है। यहां फिल्म शूटिंग के लिए शानदार सुविधाएं विकसित हो रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देश विंटर टूरिज्म के लिए जाने जाते हैं, उत्तराखंड उनसे बहुत कुछ सीख सकता है। इसके लिए उत्तराखंड टूरिज्म के सभी स्टेक होल्डर मिलकर अध्ययन करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कई जगह हॉट स्प्रिंग हैं, इन्हें वेलनेस स्पा के रूप में विकसित किया जा सकता है। धार्मिक आध्यात्मिक और योग जगत के दिग्गज सर्दियों में अपने यहां विशेष योगा कैम्प लगा सकते हैं।
कंटेंट क्रिएटर निभाएं भूमिका
प्रधानमंत्री ने हर्षिल में विंटर टूरिज्म पर लगाई गई, प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका मन कर रहा था के वो पचास साल पुराने दिनों में लौटकर इन सभी जगहों पर कुछ दिन बिता सकूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए कंटेंट क्रिएटर की मदद लेनी चाहिए, इसके लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने गंगा मैया की जय नारे के साथ अपने संबोधन का समापन किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का माँ गंगा के मायके मुखवा एवं सीमांत क्षेत्र हर्षिल घाटी आगमन पर सभी प्रदेशवासियों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तराखंड के चहुँमुखी विकास के साथ ही यहाँ की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में हमें सदैव प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त होता रहा है।
उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन, विश्व स्तरीय जी-20 सम्मेलन की बैठकों का आयोजन, यूसीसी जैसा कानून लागू करना हो या फिर हाल ही में उत्तराखंड में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हो, प्रधानमंत्री का राज्य को हमेशा मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर जब भी कोई विपदा आयी है, चाहे केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आई प्राकृतिक आपदा, जोशीमठ में भूधंसाव, सिलक्यारा टनल हो या फिर अभी हाल ही में चमोली में माणा गाँव के पास हुई हिमस्खलन की घटना हो। प्रधानमंत्री जी हमारे साथ सदैव खड़े रहे है।
मुख्यमंत्री ने 04 हजार 81 करोड़ रूपए की लागत से गौरीकुंड से केदारनाथ और 27 सौ 30 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे निर्माण की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों रोपवे परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद तीर्थयात्रियों को आवगमन के लिए सुगमता होगी और प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी का एक प्रमुख आधार है। होटल व्यवसायियों से लेकर टैक्सी चालकों, स्थानीय दुकानदारों के साथ ही यात्रा से जुड़े हुए लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं। शीतकाल में उत्तराखण्ड के चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद इन सभी लोगों की आर्थिकी प्रभावित होती थी। जिसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री जी से मार्गदर्शन प्राप्त कर इस वर्ष से राज्य में शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन से न केवल शीतकालीन यात्रा को वृहद् स्तर पर बढ़ावा मिलेगा बल्कि सीमांत क्षेत्र में ट्रेकिंग और माउंटेन बाइकिंग के साथ-साथ दूसरी एडवेंचरस एक्टिविटीज को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही राज्य में दो बड़े धार्मिक आयोजन प्रस्तावित है। जिनमें नंदा राजजात यात्रा और कुंभ शामिल है। हमें विश्वास है कि पीएम के नेतृत्व में इन दोनों आयोजन का सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक सुरेश चौहान मौजूद थे।

एलटी भर्ती प्रक्रिया पर हाईकोर्ट की रोक, अभ्यर्थियों को झटका

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नैनीताल, उत्तराखण्ड़ हाईकोर्ट ने एलटी संवर्ग के सहायक अध्यापक पदों पर चयनित 1300 से अधिक अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं।

क्या है मामला ….

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 1544 पदों पर एलटी सहायक अध्यापक भर्ती 2024 के लिए 18 अगस्त 2024 को लिखित परीक्षा आयोजित की थी। इसके बाद उत्तर कुंजी जारी की गई, लेकिन कुछ दिन बाद संशोधित उत्तर कुंजी जारी की गई। चमोली निवासी नवीन सिंह असवाल, अजय नेगी, किशन चंद्र सहित कई अन्य अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने तर्क दिया कि सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी से संबंधित एक वैकल्पिक सवाल का पहले सही उत्तर दिया गया था, लेकिन संशोधित उत्तर कुंजी में उसे गलत घोषित कर दिया गया। इससे उनके अंक कम हो गए, और वे चयन से वंचित रह गए।
हाईकोर्ट ने अभी नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यूकेएसएसएससी को एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। अब कोर्ट के फैसले पर ही अभ्यर्थियों का भविष्य निर्भर करेगा। यदि कोर्ट याचिकाकर्ताओं के पक्ष में निर्णय देता है, तो भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव संभव है। वहीं, अगर आयोग संतोषजनक जवाब देता है, तो नियुक्ति प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकती है।

सात मार्च से उत्तरकाशी के मथोली में होगा तीन दिवसीय ‘घसियारी महोत्सव’

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“दिवंगत सविता कंसवाल की स्मृति में आयोजित किया जा रहा इस वर्ष का घसियारी महोत्सव”

देहरादून, बकरीछाप एथो टूरिज्म एंड नेचुरल प्रोडक्ट्स प्राईवेट लिमिटेड के संस्थापक रूपेश राय ने कहा है कि उत्तराखंड़ के उत्तरकाशी में बहुप्रतीक्षित ‘घसियारी महोत्सव 2025’ जिले के मथोली गांव में सात मार्च से नौ मार्च 2025 तक आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह महोत्सव एक अनूठी सांस्कृतिक पहल है जिसका ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना, उत्तराखंड की पारंपरिक जीवनशैली को सरक्षित करना और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना प्रमुख उद्देश्य है।
स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रूपेश राय ने कहा कि घसियारी महोत्सव पर्वतीय महिलाओं की उस परंपरा से जुड़ा है और जिसमें वह कृषि और पशुपालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
उन्होंने कहा कि यह महोत्सव उनके संघर्ष, मेहनत और प्रकृति से गहरे संबंध का उत्सव है। बकरीछाप एथो टूरिज्म एंड नेचुरल प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड और स्थानीय हितधारकों के सहयोग से आयोजित यह महोत्सव उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करेगा।
उन्होंने बताया कि इस महोत्सव में घास काटने की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. जो ग्रामीण महिलाओं के परिश्रम और कौशल का सम्मान करता है। उनका कहना है कि इसके साथ ही आगंतुक प्राचीन पारंपरिक खेलों का अनुभव करेंगें, जो कभी उत्तराखंड की सास्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हुआ करते थे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, साइकिल रैली का भी आयोजन किया जाएगा, जो सतत यात्रा और पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जा रही है।
उन्होंने बताया कि महोत्सव की सांस्कृतिक भव्यता को बढ़ाने के लिए पारंपरिक लोक प्रदर्शन भी होंगे, जिसमें आकर्षक गढ़वाली, संगीत और नृत्य शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में आने वाले लोग ग्रामीण और सांस्कृतिक पर्यटन का अनुभव ले सकेंगें जहां उन्हें पारंपरिक घर, जैविक खेती के तरीके और गढ़वाली समुदायों के दैनिक जीवन की झलक मिलेगी।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त स्थानीय कारीगरों और महिला उद्यमियों को हस्तशिल्प और पारंपरिक व्यंजनों के प्रदर्शन के माध्घ्यम से अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में संस्टेनेबल लिविंग और ग्रामीण उद्यमिता पुर कार्यशालाएं एवं कहानियों का आदान-प्रदान भी शामिल होगा साथ ही हैरिटेज वॉक और इको-टूर का आयोजन किया जाएगा, जिससे प्रतिभागियों को पारंपरिक घसियारी जीवन शैली को करीब से देखने और समझने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष का घसियारी महोत्सव दिवंगत सविता कंसवाल की स्मृति में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से सम्मानित सविता कंसवाल उत्तराखंड की बेटी और एक अद्वितीय पर्वतारोही थी, जिन्होंने अपनी उपलब्धियों से अनगिनत महिलाओं को प्रेरित किया। उन्होंने घसियारी 2022 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस महोत्सव के महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण पर्यटन के उघ्द्देश्य को आगे बढ़ाने में मदद की। उनकी विरासत आज भी लोगों को प्रेरित कर रही है और यह महोत्सव उनकी स्मृति और उनके अवस्थ गृहस को समर्पित है।
उन्होंने कहा कि आठ मार्च 2022 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मथोली ग्राम पंचायत और बकरीछाप एग्रो टूरिज्म के सहयोग से घसियारी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मथोली गांव को महिला पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित करना और ग्रामीण महिलाओं को उनके कठिन परिश्रम और योगदान के लिए सम्मानित करना था।
पत्रकार वार्ता में रूपेश राय संस्थापक बकरी छाप, मयंक पंत, अविनाश आनंद, तरित मोहन, आशीष गर्ग, दाना आदि उपस्थित रहे।

मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान शुरू

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“01 से 15 मार्च तक चलाया जा रहा विशेष अभियान,
ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध रहेगी मतदाता सूची”।

रुद्रप्रयाग- आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनजर मतदाता सूची को त्रुटिहीन, शुद्ध और परिपूर्ण तैयारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। आगामी 01 मार्च से 15 मार्च 2025 तक जनपद में मतदाता सूची सुधार हेतु विशेष अभियान चलाया जाएगा। आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी तथा खंड विकास अधिकारी (नोडल अधिकारी) को विस्तृत कार्ययोजना के साथ ही मतदाता सूची की जांच और सुधार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत की मतदाता सूची को रैंडम चेक करते हुए अभिलेखों से मिलान किया जाएगा, ताकि कोई नाम छूटने न पाए। उन्होंने बताया कि पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधि, अधिकारी, जो ग्राम पंचायत क्षेत्र में सामान्यतः निवासी हों और अर्हता पूरी करते हों, उनके नाम सूची में शामिल हैं या नहीं, यह सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही प्रशासकों द्वारा ग्राम पंचायतों में बैठकें आयोजित कर मतदाता सूची को सार्वजनिक किया जाएगा। इच्छुक व्यक्तियों को निःशुल्क आवेदन फॉर्म (प्रपत्र 2, 3 एवं 4) उपलब्ध कराया जाएगा। भरे हुए फॉर्म को संगणक द्वारा अगले दिन संबंधित अधिकारी को सौंपा जाएगा, और तीन दिन के भीतर निस्तारण कर सूची में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आयोग एवं जनपद की वेबसाइट पर अद्यतन मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इस विशेष अभियान की जानकारी ग्राम पंचायत स्तर तक पहुँचाने के लिए पोस्टर एवं बैनर के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
वर्ष-2019 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जनपद में कुल एक लाख, चौरानबे हजार, छह सौ तिरानवे मतदाता पंजीकृत थे। इनमें से 90131 अगस्त्यमुनि विकास खंड में, 70882 जखोली विकासखंड में तथा 33680 विकास खंड ऊखीमठ में पंजीकृत मतदाता थे।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि मतदाता सूची को त्रुटिरहित एवं अपडेट करने का अभियान 15 मार्च 2025 तक चलेगा, जिसमें पात्र मतदाताओं को अपने नाम जुड़वाने, संशोधन कराने और त्रुटियों को सुधारने का मौका मिलेगा। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं। साथ ही सुनिश्चित करें कि उनका नाम सही तरीके से मतदाता सूची में दर्ज हो।