Sunday, May 18, 2025
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अधीनस्थ सांख्यिकी सेवा संघ, उत्तराखण्ड का द्विवार्षिक अधिवेशन संपन्न धीरज गुप्ता बने अध्यक्ष, अशोक कुमार ने महामंत्री पद पर दर्ज की जीत

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देहरादून, । अधीनस्थ सांख्यिकी सेवा संघ, उत्तराखण्ड का द्विवार्षिक अधिवेशन एवं निर्वाचन आज आफिसर्स ट्रांजिट होस्टल, रेसकोर्स, देहरादून में संपन्न हुआ। प्रदेशभर से आए सांख्यिकी सेवा संघ के अधिकारियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

निर्वाचन में अध्यक्ष पद के लिए धीरज गुप्ता और संदीप पांडेय के बीच कड़ा मुकाबला हुआ, जिसमें दोनों को बराबर 31-31 मत प्राप्त हुए। टाई की स्थिति उत्पन्न होने के बाद अर्थ एवं संख्या निदेशालय में कार्यरत संयुक्त निदेशक सुश्री चित्रा द्वारा पर्ची प्रणाली के माध्यम से धीरज गुप्ता को विजेता घोषित किया गया।

महामंत्री पद के लिए अशोक कुमार और सुश्री सीमा धिमान के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें अशोक कुमार को 43 मत प्राप्त हुए, जबकि सीमा धिमान को 19 मत मिले। इस प्रकार, अशोक कुमार ने महामंत्री पद पर शानदार जीत दर्ज की।

अन्य पदों पर निर्वाचित सदस्य इस प्रकार हैं:

• प्रदेश उपाध्यक्ष – उदित कुमार वर्मा

• कोषाध्यक्ष – धीरेन्द्र प्रताप सिंह

• प्रदेश संयुक्त मंत्री – नवीन कुमार

• उपाध्यक्ष (गढ़वाल मंडल) – अरविंद यादव

• उपाध्यक्ष (कुमाऊं मंडल) – राजीव कुमार जायसवाल

• कार्यकारिणी सदस्य – आलोक कुमार, नवीन कुमार, मनोज कुमार, सुन्दर सिंह तोमर, सुरेश चन्द्र

चुनाव अधिकारी श्री निर्मल कुमार शाह और श्री ललित मोहन जोशी ने विजयी उम्मीदवारों की घोषणा की।

इस अवसर पर अर्थ एवं संख्या निदेशालय, उत्तराखण्ड के सुशील कुमार, निदेशक, पंकज नैथानी, अपर निदेशक, डॉ. मनोज पंत, निदेशक, सेतु आयोग/अपर निदेशक, डॉ.डी.सी. बड़ोनी, संयुक्त निदेशक, सुश्री ईला पंत, उप निदेशक, सुश्री रश्मि हलधर, उप निदेशक राजेश कुमार, उप निदेशक एवं अर्थ एवं संख्याधिकारी, संजय शर्मा और अतुल आनंद प्रदेश, अध्यक्ष, श्री अरूण पाण्डेय, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तराखण्ड, प्रदेश महामंत्री, श्री शक्ति प्रसाद, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तराखण्ड सहित कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे।

भारत तीसरी बार बना चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब: भारत ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट हराकर फाइनल जीता

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आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल मुकाबले में भारत ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही टीम टीम इंडिया ने 12 साल बाद इस टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया। मुकबाले में न्यूजीलैंड की टीम ने टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 251 रन का स्कोर खड़ा किया था। इसके जवाब में टीम इंडिया ने 49 ओवर में 254 रन बनाकर मैच को जीत लिया। टीम इंडिया के लिए कप्तान रोहित शर्मा ने दमदार 76 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली। यह एक अच्छा टूर्नामेंट रहा। रास्ते में हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन एक टीम के रूप में हम निखरे हैं और अच्छा क्रिकेट खेला है। हमें एक अच्छी टीम ने हराया, जो आज अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। हमारी टीम की तरफ से काफी अच्छी चीज़ें देखने को मिलीं। अलग-अलग मौकों पर खिलाड़ियों ने आगे आकर जिम्मेदारी ली और एक कप्तान के तौर पर आप यही उम्मीद कर सकते हैं। “यह अच्छी गेंदबाजी थी। पावरप्ले के बाद हमने कुछ विकेट गंवा दिए। उनके स्पिनरों की गेंदबाजी को श्रेय देना होगा, चारों ही विश्वस्तरीय हैं। हम 25 रन कम थे, लेकिन हमारे पास एक स्कोर था, हमने लड़ने की कोशिश की और हमने यही किया।” वह ऐसा करता ही रहता है, है ना। मिचेल सैंटनर, न्यूजीलैंड के कप्तानभारत बनाम न्यूजीलैंड लाइव स्कोर: कोहली और रोहित ने किया डांडिया
दुबई का आसमान जगमगा उठा जब टीम इंडिया ने ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब अपने नाम किया। खिलाड़ियों ने मैदान पर एक-दूसरे को बधाई दी और गर्मजोशी से हाथ मिलाया। जडेजा, हर्षित राणा और अर्शदीप सिंह ने गांगनम स्टाइल में डांस करके अपनी खुशी का इज़हार किया। कोहली और रोहित ने स्टंप्स को डांडिया की तरह इस्तेमाल करते हुए जश्न मनाया।

राजभवन में तीन दिवसीय वसंतोत्सव का हुआ भव्य समापन

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– वसंतोत्सव की विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेताओं को राज्यपाल ने किया पुरस्कृत।
 – पुष्प प्रदर्शनी प्रतियोगिता की सर्वाधिक श्रेणियों में पुरस्कार जीतकर ’’रनिंग ट्राफी’’ आईआईटी रुड़की ने जीती।
 – इस वसंतोत्सव-2025 में तकनीकी और नवाचार जैसी पहल की शुरुआत हुई।
 – लोगों ने बड़ी संख्या में पुष्प प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर इस उत्सव को जन-जन का उत्सव बनाया है: राज्यपाल।
देहरादून(आरएनएस)।  देहरादून में तीन दिवसीय वसंतोत्सव का रविवार को समापन हो गया। वसंतोत्सव के इन तीन दिनों में बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्पों के प्राकृतिक सौंदर्य और अन्य कार्यक्रमों का खूब आनंद लिया। वसंतोत्सव-2025 में इस वर्ष की चल वैजंती (रनिंग ट्राफी) आईआईटी रुड़की को मिली। गत वर्ष यह ट्रॉफी ओनजीसी को मिली थी।
इस वर्ष आईआईटी रुड़़की को 10 श्रेणियों में और उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्थान एवं पत्थरचट्टा को 03 श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त हुए। वसंतोत्सव में 15 श्रेणियों की 55 उप श्रेणियों में 165 पुरस्कार वितरित किये गये। राज्यपाल लेफ्टिनेट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने पुष्प प्रदर्शनी प्रतियोगिताओं, रंगोली तथा बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता, फोटो प्रतियोगिता आदि श्रेणियों के विजेताओं को सम्मानित किया।
वसंतोत्सव-2025 के समापन अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी में भारी संख्या में लोगों ने प्रतिभाग कर वसंत के इस उत्सव को जन-जन का उत्सव बनाया है। उन्होंने कहा कि इन तीन दिनों में राजभवन के चारों ओर हर्ष व उल्लास का वातावरण था, जिसमें लगभग 2.7 लाख लोगों ने वसंतोत्सव में प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने कहा कि इस महोत्सव में तकनीकी और नवाचार का भी उपयोग किया गया जिससे इस उत्सव को और अधिक प्रभावी और आकर्षक बनाया।
राज्यपाल ने कहा कि पुष्पों से अर्थव्यवस्था में वृद्धि और निश्चित ही समृद्धि आयेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में शहद, सुगंधित पौधों और फूलों के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं, जो राज्य की आर्थिक समृद्धि और ग्रामीण विकास में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं। उन्होंने कहा कि कृषकों, महिलाओं और युवाओं की भागीदार ने वसंतोत्सव को विशेष बनाया है। समापन समारोह में राज्यपाल ने सभी विजेताओं, प्रतिभागियों तथा प्रदर्शनी के मुख्य आयोजक उद्यान विभाग, संस्कृति विभाग सहित सभी सहयोगी विभागों को इस महोत्सव के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इस वसंतोत्सव-2025 में लोगों ने अभूतपूर्व भागीदारी की है। उन्होंने कहा कि माननीय राज्यपाल की प्रेरणा से यह वसंतोत्सव प्रतिवर्ष बेहतर तरीके से आयोजित हो रहा है, आने वाले समय में यह उत्सव और भी भव्य रूप लेगा। इस अवसर पर उन्होंने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।
इस अवसर पर आईएमए, आईटीबीपी और होमगार्ड्स के पाइप बैंड के मधुर धुनों ने समापन समारोह को और आकर्षक बना दिया। उपस्थित दर्शकों ने जिसका पूरा आनंद लिया और पाइप बैंड की धुनों की सराहना की।
कार्यक्रम में प्रथम महिला  गुरमीत कौर, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी  गीता धामी, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण एस. एन. पाण्डे, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, निदेशक उद्यान दीप्ति सिंह, अपर निदेशक डॉ. रतन कुमार सहित अनेक गणमान्य अतिथि, जनप्रतिनिधि तथा भारी संख्या में प्रदर्शनी में आये दर्शक भी उपस्थित थे।

सीएम धामी ने परमार्थ निकेतन में गंगा आरती कर पूजा अर्चना की

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ऋषिकेश(आरएनएस|)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन में गंगा आरती कर पूजा अर्चना की। उन्होंने मां गंगा से प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान परमार्थ निकेतन द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 2025 का शुभारंभ भी किया। उन्होंने 50 से अधिक देशों व भारत के अनेकों राज्यों से आए योग प्रेमियों का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने देश-विदेश से आये योगी प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी कार्यारम्भ के लिए देवभूमि से बढ़कर पवित्र कोई स्थान नही हो सकता। उन्होंने नरेंद्र नगर में आयोजित जी-20 समिट का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान दुनिया के विभिन्न देशों से आए मेहमान देवभूमि के अध्यात्म और योग का अनुभव साथ लेकर गए हैं। योग नगरी ऋषिकेश ने भारत ही नहीं अपितु दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई है, यही कारण है कि ऋषिकेश दुनियाभर के योग और शांति प्रेमी लोगो की पहली पसंदीदा जगह बन गया है।
मुख्यमंत्री ने हर्षिल में प्रधानमंत्री जी के भ्रमण के जिक्र करते हुए कहा कि अब उत्तराखंड राज्य में शीत काल में भी पर्यटक आएंगे। प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश के लोगों से शीतकाल के समय में उत्तराखंड आने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी ने उत्तराखंड में घाम तापो पर्यटन को भी बढ़ावा देने की बात है। मुख्यमंत्री ने देश-विदेश के पर्यटकों को आगामी कुंभ व नंदा राजजात यात्रा के लिए भी आमंत्रित किया।
इस अवसर पर परमार्थ के स्वामी चिदानंद मुनि  महाराज, जिलाधिकारी आशीष चौहान, अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, साध्वी भगवती सरस्वती सही देश-विदेश से आए पर्यटक उपस्थित थे।

गढ़वाली फीचर फिल्म “द्वी होला जब साथ” का ट्रेलर और पोस्टर हुआ जारी

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देहरादून, दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर के प्रेक्षागृह में रविवार को गढ़वाली फीचर फिल्म “द्वी होला जब साथ” (दोनों होंगे जब साथ) का ट्रेलर और पोस्टर जारी किया गया। एक सादे समारोह में फ़िल्म के कलाकारों और टीम के अन्य सदस्यों के अलावा उत्तराखंडी सिनेमा के कई दिग्गज इस मौके पर शामिल हुए। ट्रेलर में दिखाई गई फिल्म की झलक से ऐसा लग रहा है कि फिल्म प्रेमी जल्द ही देशी भाषा में एक और सराहनीय रचना सिल्वर स्क्रीन पर देख सकेंगे। देवभूमि उत्तराखंड़ अपने वीर जवानों के लिए जाना जाता है जो दुश्मनों से देश की रक्षा करते हैं। यहां ऐसे अनगिनत परिवार हैं, जिनके सदस्यों ने पीढ़ियों से अपना जीवन बलिदान किया है। “द्वी होला जब साथ” की कहानी इसी पृष्ठभूमि पर लिखी गई है।
गढ़वाली फिल्म हालाँकि, टेलीविजन के दिग्गज रवि दीप द्वारा लिखित, निर्देशित और निर्मित यह फिल्म एक ऐसी कहानी बताती है जो बहादुरी और देशभक्ति तक सीमित नहीं है। नाटक, रोमांस, सूक्ष्म हास्य और तीव्र भावनाओं के तत्वों का उपयोग करते हुए, यह कथानक अपने मुख्य पात्रों के आंतरिक संघर्ष को दर्शाता है। एक लंबी की तैयारी और निर्माण प्रक्रिया के बाद यह फिल्म रिलीज़ के लिए तैयार है। शूटिंग की अनुमति की आसान प्रक्रिया और राज्य सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही सहायक फिल्म नीति निर्माता और उनके सहयोगियों जैसे क्रिएटिव डायरेक्टर अमित दीक्षित और क्रिएटिव प्रोड्यूसर राजेश भाटिया को उत्तराखंड ले आई। उन्हें लगा कि इस कहानी को मूल भाषा में सबसे अच्छी तरह से बताया जा सकता है, इसलिए क्षेत्र की उनकी पहली सहयोगी शोभना रावत स्वामी ने स्क्रिप्ट को गढ़वाली में रूपांतरित किया। निर्माताओं द्वारा क्षेत्र के अधिकतम कलाकारों और तकनीशियनों को शामिल करने का प्रयास किया गया है। कलाकारों में मनीष डिमरी, कल्याणी गंगोला, अंकिता परिहार, अमित भट्ट, रमेश रावत, विमल उनियाल, सुषमा व्यास, रिया शर्मा, रोशन उपाध्याय और बाल कलाकार आरव बिजल्वाण शामिल हैं। संगीत अमित वी कपूर और वी कैश ने तैयार किया है। नीलेश बाबू फोटोग्राफी के निदेशक हैं जबकि दिव्य दीप महाजन ने फिल्म का संपादन किया है। फिल्म की पूरी शूटिंग उत्तराखंड में की गई है। व्यापक दर्शक संख्या सुनिश्चित करने के लिए, ‘द्वी होला जब साथ’ को हिंदी और कुछ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में डब किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचने की दृष्टि से अंग्रेजी, जर्मन, पोलिश और जापानी भाषाओं में उप शीर्षक दिए जाएंगे। इस मौके पर बड़ी रंगमंच, सामाजिक संगठनों और गढ़वाली साहित्य से जुड़े लोग मौजूद रहे l

 

अपने जीवन को आनंद से भरे : प्रेम रावत

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(एल मोहन लखेड़ा)

देहरादून, अंतर्राष्ट्रीय वक्ता, लेखक एवं शांति दूत प्रेम रावत ने आज देहरादून के परेड ग्राउंड में हज़ारों श्रोताओं को सम्बोधित किया। प्रेम रावत ने देहरादून में पिछले कुछ वर्षों में आये बदलावों का उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया कि “इस संसार में सब कुछ बदल जाता है परन्तु जब तक तुम जीवित हो, तब तक स्वांसों का आना-जाना कभी नहीं बदलेगा। स्वांस का आना जाना ही बनाने वाले की कृपा है। इसलिए तुम इस स्वांस के साथ जुड़ना सीखो, तब तुम्हारी ज़िंदगी बदल जाएगी, अच्छी हो जाएगी।”
उन्होंने एक कहानी के माध्यम से समझाया कि “स्वर्ग और नरक यहीं हैं। जब तुम क्रोध और अहंकार में होते हो, तब तुम नरक में होते हो। जब तुम्हारा हृदय आभार और प्रेम से भरा होता है, तब तुम स्वर्ग में होते हो। अपने जीवन में स्वर्ग का अनुभव करो।”
उन्होंने आगे कहा “एक होता है बाहर की आँखें खोलना और एक होता है अंदर की आँखें खोलना, जब अंदर की आँखें खोलोगे, तो वह दिखाई देगा जो अंदर है और हृदय आनंद से भर जाएगा। जो अविनाशी तुम्हारे अंदर है उसको समझो, उसको जानो और अपनी ज़िंदगी को सफल करो। यह है हमारा संदेश, ये सिर्फ शब्द ही नहीं हैं। उसका अनुभव करने की विधि भी हमारे पास है। उसे हम ज्ञान कहते हैं।”
प्रेम रावत जी ने यह भी बताया कि उनके सन्देश पर आधारित “पीस एजुकेशन प्रोग्राम” पूरी दुनिया में पाँच लाख से अधिक लोगों के जीवन में एक सुन्दर परिवर्तन लेकर आया है और कहा “आज वही संदेश हम तुम्हारे लिए लाए हैं ताकि तुम्हारे जीवन में भी वह बदलाव आए और तुम अपने जीवन का आनंद ले सको ।”

प्रेम रावत : एक अंतरराष्ट्रीय वक्ता, न्यूयॉर्क टाइम्स के बेस्टसेलिंग लेखक, एजुकेटर और ग्लोबल पीस एंबेसडर

1970 के दशक में एक बाल प्रतिभा और युवा आइकन के रूप में शुरुआत करने वाले प्रेम रावत ने लोगों को स्पष्टता, प्रेरणा और जीवन के प्रति गहरी समझ दी है।
एक विश्व शांतिदूत की भूमिका के रूप में उन्होंने करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है। आज उनका संदेश 110 से अधिक देशों में सुना जाता है, जहाँ वे हर व्यक्ति को आशा और शांति का संदेश देकर आंतरिक सुख और शांति का व्यावहारिक मार्ग दिखा रहे हैं।
उनके कार्यों को दुनिया भर में सराहना मिली है, जिसमें (1) एक लेखक द्वारा अपनी पुस्तक (“स्वयं की आवाज”) पढ़ने में सबसे अधिक उपस्थिति (114,704 लोग) के लिए, (2) एक सम्बोधन में सबसे अधिक दर्शको की संख्या (375,603 लोग) के लिए और (3) ‘एक से अधिक लेखक पुस्तक वाचन’ में सर्वाधिक दर्शको की संख्या (1,33,234 लोग) के लिए, तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड शामिल हैं। ये तीनों रिकॉर्ड 2023-24 में स्थापित किए गए। उन्हें 20 से अधिक प्रमुख शहरों की सम्मान चाबियां और कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें 2012 का प्रतिष्ठित ‘एशिया पैसिफिक ब्रांड लॉरिएट लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ शामिल है। इससे पहले यह अवॉर्ड नोबेल पीस प्राइज विजेता नेल्सन मंडेला और स्टीव जॉब्स को प्रदान किया गया है।
एक लेखक होने के अलावा, प्रेम रावत “द प्रेम रावत फाउंडेशन” (TPRF) के संस्थापक भी हैं। यह संस्था भोजन, पानी और शांति जैसी बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने का कार्य करती है। इसकी “जन भोजन” पहल भारत, नेपाल, घाना और दक्षिण अफ्रीका में प्रतिदिन जरूरतमंद बच्चों और बीमार वयस्कों को पौष्टिक भोजन प्रदान करती है। उनके व्याख्यानों पर आधारित “पीस एजुकेशन प्रोग्राम” 1,400 से अधिक शैक्षिक एवं अन्य संस्थानों में दिखाया जाता है, जिससे 5 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है। यह कार्यक्रम 1,000 से अधिक जेलों में भी चल रहा है, जिसके प्रभाव से कैदियों में दोबारा अपराध करने की संभावना कम पायी गई है।
वर्ष 2023 में प्रेम रावत ने टीवी, प्रिंट और रेडियो सहित विभिन्न मीडिया माध्यमों से 91.6 करोड़ लोगों तक अपना संदेश पहुँचाया। उनका पॉडकास्ट चैनल ” लाइफ एसेंशियल्स ( Life’s Essentials)” 110 से अधिक देशों में सुना जाता है। उनकी किताबें “स्वयं की आवाज़” और ” शांति संभव है (Peace is Possible)” दुनिया भर में सराही गई हैं। प्रेम रावत केवल एक वक्ता या लेखक ही नहीं, बल्कि एक आविष्कारक, संगीतकार, कलाकार, फोटोग्राफर और कुशल जेट व हेलीकॉप्टर पायलट भी हैं, जिनके पास 15,000 घंटे के उड़ान समय का अनुभव है। वे विवाहित हैं और उनके चार बच्चे और चार पोते-पोतियाँ हैं।
प्रेम रावत के कार्यों को सरकारों, गैर-लाभकारी संगठनों, व्यापारिक संस्थानों और दुनिया भर के नागरिक संगठनों द्वारा स्वीकार किया गया है। उन्होंने ब्रिटेन से लेकर न्यूजीलैंड तक की संसदों में और हार्वर्ड व ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में व्याख्यान दिए हैं। 2011 में, प्रेम रावत यूरोपीय संघ (EU) के एक विशेष कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे, जहाँ उन्होंने “शांति की प्रतिज्ञा (Pledge to Peace )“ पर हस्ताक्षर किये और उन्हें इसका एंबेसडर घोषित किया गया ।

सड़क संसद ने किया वरिष्ठ साहित्यकार एवं दलित उपन्यासकार नवेन्दु महर्षि का सम्मान

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देहरादून, स्थानीय दीनदयाल पार्क के समीप सड़क संसद के द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता एवं ट्रेड यूनियन नेता डी. एन. कोठरी की अध्यक्षता में आयोजित सभा में हिंदी दलित साहित्य के प्रतिष्ठित, ख्याति प्राप्त कवि, साहित्यकार एवं दलित उपन्यासकार जय प्रकाश नवेन्दु यथा महर्षि जे.पी. नवेन्दु को शॉल पहना कर एवं उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा माला पहना कर सम्मानित किया गया। नवेन्दु द्वारा कुल 113 कृतियों की रचना कर दलित साहित्य में बहुत बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है। उत्तराखण्ड शासन के पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि ये अत्यंत हर्ष एवं गर्व की बात है कि हमारे बीच के एक शिक्षक साहित्यकार द्वारा दलित समाज में घटित घटनाओं एवं संघर्षों का उल्लेख करते हुए इतनी बड़ी मात्रा में पुस्तकों की रचना की है। यह एक ऐतिहासिक एवं गौरवमयी उपलब्धि है। नवेन्दु को सम्मानित करते हुए सुरेंद्र कुमार आर्य ने कहा कि उनकी कविता, कहानियाँ, उपन्यास एक अलग अध्याय को आयाम देती हैं। एक ऐसा विचार जो कि यथार्थ पूर्ण, तर्कपूर्ण एवं जन संघर्ष की व्यापकता का अहसास करता है। कामरेड जगदीश कुकरेती ने नवेन्दु महर्षि द्वारा रचित दलित साहित्य में उल्लिखित तथ्यों का ऐतिहासिक एवं सामाजिक सरोकार से परिपूर्ण बताते हुए कहा कि यह आगामी संघर्षों में देश की मेहनतकश अवाम के लिए कारगर हथियार साबित होगा। राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने उनकी रचनाओं को यथार्थवादी एवं प्रेरणादायक बताया। रंगकर्मी सतीश धौलाखण्डी द्वारा एक जनगीत एवं विक्रम पुण्डीर ने उनकी कविता का काव्य पाठ किया।
सड़क संसद को वरिष्ठ साहित्यकार गोविंदराम नौटियाल, शंकर सागर, हरजिंदर सिंह, राकेश पंत, हरिसिंह निषेद, वीरेंदर त्यागी, डॉ. जितेन्द्र भारती, जयकृत कंडवाल, राजेंद्र इष्टवाल, अशोक अकेला, विनोद खंडूरी, युगपाल सिंह असवाल, चंद्र प्रकाश थापा, ए. के. कटारिया, राजेश रावत, वी. के. डोभाल आदि ने सम्बोधित किया।
अपने सम्बोधन में नवेन्दु महर्षि ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए अपनी कविताओं का पाठ किया तथा उन्होंने कहा कि उन्होंने बड़ी विकट परिस्थितयों में संघर्ष कर इस आयाम को प्राप्त किया है। मेरी कोशिश होगी कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से दलित विमर्श को गति प्रदान की जाएगी।
उनके द्वारा रचित दलित साहित्य के ऊपर मगध विश्वविद्यालय, बिहार एवं भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली में कई छात्रों द्वारा पीएचडी की गई है तथा उनकी कृतियों को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है। सभा में बड़ी संख्या में आप राहगीरों द्वारा भागीदारी की गई। सभा का संचालन कामरेड हरिओम पाली (इप्टा) द्वारा किया गया।

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महर्षि नवेन्दु एक परिचय :

जन्म स्थान – 8 सितम्बर सन् 1955 ग्राम बाकर नंगला, जनपद बिजनौर (उ. प्र.)
शैक्षिक विवरण : प्राइमरी- गाँव की पाठशाला से, आठवीं पास के गाँव शादीपुर से, दसवीं बारहवीं- बहन की ससुराल में रहते हुए हिन्दू इण्टर कालेज नगीना से सन् 1972-74 में बी.ए. शुगरमिल कालोनी में चाचा के पास रहते हुए वर्धमान डिग्री कालेज बिजनौर से सन् 1976 में बी.एड. डी.ए.वी. डिग्री कालेज देहरादून से सन् 1977-78 में एम.ए. (हिन्दी)- डी.ए.वी. डिग्री कालेज देहरादून से सन् 1979-80 में पीएच.डी. अज्ञेय और जैनेन्द्र जैन के कथा साहित्य का मनोवैज्ञानिक तुलनात्मक अध्ययन विषय पर सन् 1985 में गढ़वाल विश्वविद्यालय में गवाप्रसाद शुक्ल के निर्देशन में नामांकन हुआ लेकिन अंतरिम गाइड ऊषा माथुर से जाति पर हुए मनमुटाव के चलते सन् 1987 में पीएच.डी. अधूरी छोड़ दी।
सम्प्रति- 8 जुलाई सन् 1980 को गाँधी इण्टर कालेज देहरादून में सी.टी. ग्रेड में अध्यापक नियुक्त हुए, वहीं से सन् 2016 में उप-प्रधानाचार्य के पद से सेवामुक्त हुए। प्रधानाचार्य पद सृजन कार्य में बाधा के डर से स्वयं छोड़ा। अब तक सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। दून में निवास और सृजन कार्य अभी भी जारी है।

माया देवी यूनिवर्सिटी ने मनाया ‘पिंक संडे ऑन बाईसाइकिल’

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देहरादून। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में माया देवी यूनिवर्सिटी की ओर से रविवार को ‘ पिंक संडे ऑन बाईसाइकिल’ रैली का आयोजन किया गया। इस मौके पर पांच लकी ड्रा भी निकाले गए। जिसमें महिलाओं को फिटनेस सम्बन्धी सामग्री दी गई।
माया देवी यूनिवर्सिटी की ओर से रविवार को आयोजित इस साइकिल रैली की शुरुआत बतौर मुख्य अतिथि मेयर सौरभ थपलियाल और विशिष्ट अतिथि राज्य स्तरीय महिला उद्यमिता परिषद की उपाध्यक्ष विनोद उनियाल ने हरी झंडी दिखाकर की। रेसकोर्स स्थित सिद्धार्थ अपार्टमेंट के पास से सुबह 7 बजे निकली रैली में महिलाएं, लड़किया सभी ने पिंक टी शर्ट पहनी हुई थी। सभी का मनोबल बढाने के लिए साइकिलिस्ट रूपा सोनी, गजेंद्र रमोला और देवी प्रसाद जुयाल भी साथ मे थे। इस रैली में करीब सौ से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया। रैली रेसकोर्स से धर्मपुर चौक होते हुए सर्वे चौक से वापस रेसकोर्स पहुंच कर समाप्त हुई। समापन अवसर पर मेयर ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए इस तरह की गतिविधियां बेहद जरूरी है। विशिष्ट अतिथि ने कहा कि महिलाओं को स्वस्थ रखने का ये संदेश बेहद अच्छा है। यूनिवर्सिटी की वाईस प्रेसिडेंट डॉ. तृप्ति जुयाल सेमवाल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को ‘एम्पावर हर इनसाइड एंड आउट’ विषय के साथ मनाया गया। जिसके चलते पूरे सप्ताह यूनिवर्सिटी में एक्टिविटी कराई गई। जिसमें पहले दिन योगा, दूसरे दिन डाइट एन्ड न्युट्रिशन पर लेक्चर, तीसरे दिन बैडमिंटन, चौथे दिन साइंस और टेक्नोलॉजी में भारतीय महिलाओं की भूमिका, पांचवे दिन मेन्टल हेल्थ और हाईजीन विषय पर जानकारी, छठे दिन इंडोर एक्टिविटी कराई गई। इन एक्टिविटी के अंतिम यानी कि सातवे दिन साईकिल रैली से इसका समापन किया गया। यूनिवर्सिटी के वाईस चान्सलर आशीष सेमवाल ने कहा कि फाइट ओबेसिटी, अनलेस हेल्थ विषय पर फोकस कर महिलाओं को इस रैली से जोड़ा गया। ताकि हर कोई अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे। रैली में यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट मनोहर लाल जुयाल, माया देवी एजुकेशन फाउंडेशन की चेयरमैन प्रभा जुयाल ने बेटियों को शिक्षा से जोड़े जाने पर जोर दिया, ताकि आगे चलकर किसी भी घर की एक मजबूत नींव रखी जा सके।इस मौके पर डॉ सीता जुयाल, गौरव जुयाल, सौरभ जुयाल, अम्बिका जुयाल आदि ने विशेष सहयोग किया।

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में महिलाओं की भूमिका होगी निर्णायक: प्रो बत्रा।

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हरिद्वार(कुलभूषण)  एस एम जे एन पी जी कॉलेज हरिद्वार में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ एवं महिला प्रकोष्ठ द्वारा नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेज की समस्त छात्राओं व शिक्षिकाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कॉलेज के प्राचार्य प्रो सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि शास्त्रों में महिलाओं को पूजनीय माना गया हैं। यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमंते तत्र देवता। अर्थात जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। प्रो बत्रा ने कहा कि बदलते समय के साथ नारी ने शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़कर स्वयं को सशक्त बनाकर प्रत्येक क्षेत्र में बदलाव किया हैं। प्रो बत्रा ने कहा कि आज सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक तथा प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं द्वारा कीर्तिमान स्थापित किया जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला युग महिलाओं का होगा तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में महिलाओं की निर्णायक भूमिका होगी। इस अवसर पर आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ संजय कुमार महेश्वरी ने कहा कि ‘अगर तुम करते हो नारी का सम्मान तो खुद पर करो हक से अभिमान’ । डॉ माहेश्वरी ने कहा कि महिला समाज को सभ्य बनाने से लेकर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आज महिला ने स्वयं को प्रत्येक क्षेत्र में साबित किया है और आज का दिन महिलाओं का दिन हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्षा डॉ नलिनी जैन ने कहा की नारी हमारे समाज की जननी है, जिसके बिना समाज का कोई अस्तित्व नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की उन्नति उस समाज की महिलाओं की उन्नति से मापी जाती हैं। इस अवसर पर रसायन विज्ञान विभाग की प्राध्यापिका डॉ पुनीता शर्मा ने महिलाओं पर आधारित गीत गाकर सबको मंत्र मुक्त कर दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन यादवेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो विनय थपलियाल, डॉ शिवकुमार चौहान, वैभव बत्रा, दिव्यांश शर्मा, डॉ पूर्णिमा सुंदरियाल, डॉ मोना शर्मा, रुचिता सक्सेना, डॉ लता शर्मा, श्रीमती रिंकल गोयल आदि उपस्थित रहे।

भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य एवं देश की समस्त महिलाओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी

हरिद्वार(कुलभूषण) भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिला महामंत्री श्रीमती प्रीति गुप्ता ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य एवं देश की समस्त महिलाओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर प्रीति गुप्ता ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर रही हैं- चाहे वह शिक्षा हो, विज्ञान हो, राजनीति हो या फिर खेल। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी एवं लोकप्रिय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र भाई मोदी जी ने महिलाओं को हमेशा आगे बढ़ने का काम किया चाहे संगठन स्तर पर हो सरकार स्तर पर हो महिलाओं को आगे कर उनको नेतृत्व करने का अवसर दिया गया है। जैसा की हाल ही में दिल्ली राज्य में सरकार का नेतृत्व एक यशस्वी महिला के हाथ में सोपा गया और उत्तराखंड राज्य के निकाय चुनाव में कमान महिलाओं के हाथों में सौंप कर उन्हें सफल बनाया।

उन्होंने कहा कि आज महिला दिवस पर, हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि हम महिलाओं का सम्मान करेंगे, उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे। महिला सशक्तिकरण का मतलब महिला की सक्ति से होता है! आज के समय में हर देश यही चाहता है की उसके देश की महिला खुद अपनी रक्षा कर सके! आज हम सब जानते है ती हमारे समाज की महिलाये किसी भी पुरुष से कम नहीं है! आज की महिलाये वह सब काम कर रही है जो पुरुष करते है! अगर बात शिक्षा की करे तो हमारे भारत में हर एक exam और comptition में महिलाये ही top करती है!

उन्होंने कहा कि भारत देश में नारी का महत्त्व प्राचीन काल से है! प्राचीन काल में हमारे समाज में नारी का बहुत महत्व था! लेकिन आज भी बहुत से ऐसे लोग है जो नारी को एक बोझ समझते है! अगर हम नारी को एक बोझ ना समझते तो हमारे समाज की नारियां ऐसा ऐसा काम कर सकती है! जिसकी हम कल्पना नहीं कर सकते है! हमारे समाज में महिला सशक्तिकरण के लिए सबसे पहले लोगो की सोच को बदलना होगा! और लोगो को ये बताता होगा की आज की नारिया कोण कोण से काम कर रही है!
नारी है शक्ति, नारी है ज्योति,
नारी बिना ये दुनिया है खोती।
ममता की मूरत, प्रेम की गंगा,
हर दुख-दर्द में बनती है संगा।

‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’

यानी जहां पर नारी का सम्मान होता है, वहां देवताओं का वास होता है। यह स्पष्ट करता है कि बहुत लंबे समय से नारी के महत्व को रेखांकित किया जाता रहा है।

लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम, सिविल और पारिवारिक मामलों का हुआ निस्तारण

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देहरादून, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के तत्वावधान में 8 मार्च को प्रातः जिला मुख्यालय, बाह्य न्यायालय ऋषिकेश, विकासनगर एवं डोईवाला जनपद देहरादून के न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम, सिविल मामले, पारिवारिक मामले, बैंक बाउन्स से सम्बंधित मामलें व अन्य शमनीय प्रकृति के आपराधिक मामले लगाये गये थे। इस लोक अदालत में फौजदारी के शमनीय प्रकृति के 68 मामलें, चैक सम्बंधी 1368 मामलें, विद्युत अधिनियम संबंधी 30 मामले, धन वसूली सम्बंधी 14 मामलें, मोटर दुर्घटना क्लेम ट्राईबुनल के 42 मामलें, पारिवारिक विवाद सम्बंधी 123 मामलें, मोटर वाहन द्वारा अपराधों के 4888 मामलें एवं अन्य सिविल प्रकृति के 43 मामलों सहित कुल 6574 मामलों का निस्तारण किया गया तथा 18,73,82,406/- रू० की धनराशि पर समझौता हुआ।
प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून सैय्यद गुफरान द्वारा बताया गया कि उक्त लोक अदालत में जिला न्यायाधीश, देहरादून प्रेम सिंह खिमाल की पीठ सहित कई न्यायिक अधिकारियों की पीठों द्वारा मुख्यालय देहरादून में एक ही दिन में कुल 5567 मामलों का आपसी राजीनामे के आधार पर निस्तारण किया गया, जिसमें कुल 14,82,31,640/- रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। साथ ही बाह्य न्यायालय, विकासनगर के न्यायिक अधिकारियों द्वारा लोक अदालत में कुल 483 मामलों का आपसी राजीनामे के आधार पर निस्तारण किया गया, जिसमें कुल 1,29,42,344/- रूपये का राजस्व प्राप्त हुजा तथा बाह्य न्यायालय ऋषिकेश के न्यायिक अधिकारियों द्वारा लोक अदालत में एक ही दिन में कुल 398 मामलों का निस्तारण कर कुल 2,62,08,422/- रूपये का राजस्व प्राप्त किया गया। बाह्य न्यायालय डोईवाला द्वारा 106 मामलों का तथा बाह्य न्यायालय मसूरी द्वारा 20 मामलों का निस्तारण किया गया। इस लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर के मामले भी निस्तारित किये गये। उक्त लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर के 4827 मामलों का निस्तारण किया गया तथा 1,67,61,269/-रू० की धनराशि के सम्बंध में समझौते किये गये।
प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून सैय्यद गुफरान द्वारा अवगत कराया कि लोक अदालतें सरल व त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है, लोक अदालतों में पक्षकार आपसी समझौते के आधार पर मामले का निस्तारण कराते हैं, ऐसे आदेश अंतिम होते हैं तथा पक्षकारों को उनके द्वारा दिया गया न्यायशुल्क भी वापस कर दिया जाता है।