Tuesday, June 17, 2025
Home Blog Page 465

संस्कृति और तकनीक के अदभुत संगम वाली “भव्य रामलीला” का उत्तराखंड में पहली बार होगा मंचन : अभिनव थापर

0

देहरादून, श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून” द्वारा गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी, – पुरानी टिहरी की 1952 से होने वाली प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में पुर्नजीवित करने का संकल्प लिया है और इस हेतु देहरादून के टिहरी-नगर के ” आजाद मैदान, अजबपुर कलां, दून यूनिवर्सिटी रोड़, देहरादून ” में 11 दिन की ‘ भव्य रामलीला ‘ का आयोजन शारदीय नवरात्रों में 15 से 25 अक्टूबर तक किया जाएगा।
श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून ” के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा की टिहरी गढ़वाल की ऐतेहासिक रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी के ‘आजाद मैदान’ में 2002 तक टिहरी के डूबने तक होती रही और टिहरी के जलमग्र होने के बाद अब टिहरी विस्थापितों ने देहरादून में इसको 21 वर्षो बाद पुनर्जीवित करने का निर्णय किया है। इससे टिहरी गढ़वाल के इतिहास को पुनर्जीवित करने का मौका मिलेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलेगा।

इस बार रामलीला में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से रामलीला का प्रसारण किया जाएगा।* नई तकनीक में डिजिटल स्क्रीन व अन्य डिजिटल टेक्नोलाॕजी के माध्यम से मंचन की व्यवस्था की जाएंगी। कलाकारों में बचेंद्र कुमार पांडे 50 साल बाद मंच पर उतरकर इतिहास बनायेंगे और साथ ही गढ़वाली फिल्मों की प्रसिद्ध गायिका “प्यारी निर्मला” फेम शिवानी नेगी और “कान्हा रे कान्हा” फेम पूनम सकलानी जैसे प्रसिद्ध कलाकार भी इस रामलीला में अभिनय करेंगे। संस्कृति और तकनीक के अदभुत संगम की ऐसी भव्य रामलीला का उत्तराखंड में पहली बार मंचन होगा।*

उल्लेखनीय है की अजबपुर, देहरादून स्थित ” टिहरी नगर ” में रामलीला आने वाले शारदीय नवरात्रों में 15 अक्टूबर 2023 से भव्य रूप से आयोजित करी जाएगी। इस रामलीला में चौपाई, कथा, संवाद,मंचन आदि सब पुरानी टिहरी की 1952 से चली आ रही प्रसिद्ध व प्राचीन रामलीला के जैसा ही होगा, जिससे गढ़वाल के लोगों का अपनत्व देहरादून में भी जुड़ा रहे। प्रेस वार्ता में अध्यक्ष अभिनव थापर, सचिव अमित पंत, डॉ नितेंद्र डंगवाल, गिरीश चंद्र पांडेय, नरेश कुमार, गिरीश पैनुली, बचेंद्र कुमार पांडे, मनोज कुमार जोशी, पूनम सकलानी, अनुराग पंत, अश्विनी पांडे, आदि ने भाग लिया।May be an image of 6 people and text

 

विदेशों में भी धूम : प्रवासी उत्तराखण्ड़ियों के साथ सैफ काम करने वालों ने भी मनाया गढ़भोज दिवस

May be an image of 11 people

देहरादून, गढ़भोज दिवस का आयोजन उत्तराखंड के साथ हिमाचल एवं दिल्ली सहित नीदर लैंड, न्यूजीलैंड सहित अमेरिका के कैलिफोर्निया में सैफ का काम करने वाले, प्रवासी भारतीयों के द्वारा किया गया।
सरकारी स्कूलों, कालेजों,विश्व विद्यालयों, अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज सहित स्वैच्छिक संगठनों के द्वारा लगभग 15 हजार स्थानों पर गढ़ भोज दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर स्कूलों में निबंध प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन के साथ साथ स्कूलों में गढ़ भोज के विभिन्न पकवान बनाए गए।
नीदरलैंड में भी शेफ टीकाराम सिंह के द्वारा अपने होटल में गढ़ भोज दिवस मनाया गया जिसमें वो वर्तमान में काम करते है उनके द्वारा रागी (कोदा) की पापड़ी चाट, रागी (कोदा)की काठी रोल , भंगजीर (पैरिला सीड्स) सलाद, मूँगदाल बर्नियार्ड मिलेट्स से कई सारी डिश बनाई गई और गढ़ भोज अभियान के बारे में जानकारी दी।
अमेरिका के कैलिफोर्निया में कुमाऊ की मूल निवासी भावना कार्की ने वहा पर उत्तराखंड की समृद्ध भोजन परंपरा के बारे में वहा के लोगों को बताया।
न्यूजीलैंड में कार्यरत संदीप सेमवाल, आशीष व्यास , नरेश व्यास ने गढ़ भोज की विशेषताएं बताई।
हिमाचल के बिलासपूर में कमलेश गुरुरानी के द्वारा गढ़ भोज दिवस के अवसर पर गढ़ भोज पार्टी दी गई वही पंजाब और दिल्ली में रह रहे प्रवासी उत्तराखण्डियों के द्वारा विभिन्न स्थानों पर गढ़ भोज दिवस मनाया गया।

दून पुस्तकालय में आयोजित हुआ सम्मान समारोह : साहित्यकार डॉ. नन्दकिशोर ढौंडियाल ‘अरूण’ को मिला ‘चिट्ठी सम्मान’

0

“सम्मान समारोह में चिट्ठी-पत्री 2023 के वार्षिक अंक का भी हुआ लोकार्पण”

देहरादून, गढवाली साहित्य, समाज व संस्कृति के लिए समर्पित संस्था ‘चिट्ठी’ के द्वारा दून पुस्तकालय एवं शोथ संस्थान के सभागार में उतराखण्ड के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ नन्दकिशोर ढौंडियाल ‘अरूण’ को चिट्ठी सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही चिट्ठी-पत्री 2023 के अंक का लोकार्पण व गढ़वाली कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया।
लगभग 3 घंटे चले इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम गढरत्न नरेन्द्र सिंह नेगी व अन्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजन की शुरुआत की। फिर चिट्ठी-पत्री के प्रधान सम्पादक मदन डुकलाण के द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।इसके बाद हिन्दी व गढवाली में निरन्तर अध्यापन व सृजन कर रहे डा नन्दकिशोर ढौंडियाल ‘अरूण’ को चिट्ठी सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया। इस मौके पर डा. ढौंडियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि गढ़वाली भाषा एक समृद्ध भाषा है जिसमें किसी भी धातु पर प्रत्यय लगैकि नयो शब्द बणि सकद। डा. ढौंडियाल के सम्मान के बाद चिट्ठी-पत्री 2023 के वार्षिक अंक का लोकार्पण किया गया। इस अंक का परिचय देते हुये चिट्ठी-पत्री के उप सम्पादक आशीष सुन्दरियाल ने कहा कि इस अंक में वर्तमान मे जितने भी विधाओं लेख, कथा, कविता, गीत, गजल, व्यंग्य व यात्रा संस्मरण आदि मे गढ़वाली में लिखा जा रहा है सभी को समाहित करने का प्रयास किया गया है।
लोकार्पण के बाद कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें गढ़वाली के लब्ध-प्रतिष्ठित कवियों ने अपने कविताओं का पाठ किया। इसमें दिल्ली से आये कवि दिनेश ध्यानी, रमेश घिल्डियाल के साथ पौड़ी से हास्य कवि हरीश जुयाल ‘कुटुज’ एवं गणेश खुगशाल ‘गणी’ व देहरादून से बीना बेंजवाल, भगवती सुन्दरियाल व ओम बधाणी ने अपनी-अपनी रचनाओं का पाठ किया।
कार्यक्रम में अनेक समाज सेवी, बुद्धिजीवी, साहित्यकार व पत्रकार उपस्थित रहे। जिसमें उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र नेगी, नीरज पंत, कवीन्द्र इष्टवाल, विजय मधुर, गिरीश सुन्दरियाल, जयपाल सिंह रावत, रमाकांत बेंजवाल, रमेश बडोला, अखिलेश अंथवाल, कीर्ति नवानी व ललित मोहन लखेडा़, चन्द्र शेखर तिवाड़ी अंबुज शर्मा आदि प्रमुख थे।
कार्यक्रम का संचालन धर्मेन्द्र नेगी ने व कवि सम्मेलन का संचालन गणेश खुगशाल ‘गणी’ ने किया।May be an image of 9 people, people smiling, hospital, dais and text

May be an image of 5 people, dais, hospital and text

May be an image of 8 people, dais, hospital and text that says 'विट्ठी सम्मान समारोह कवि सम्मेलन 1 चिटठी चिटठी-त पत्री उत्तराखण्ड का साहित्य संवाद अर सृजन को दस्तावेज'

सांस्कृतिक पहचान के लिए लड़ेंगे आर-पार की लड़ाई, संयुक्त संघर्ष समिति बनाने पर बनी सहमति

0
‘मूल निवास और सशक्त भू-कानून के लिए आंदोलन की रणनीति पर चर्चा’
देहरादून, मूल निवास 1950, सशक्त भू-कानून और खत्म होती सांस्कृतिक पहचान को बचाने के लिए विभिन्न संगठनों की एक बैठक देहरादून के शहीद स्मारक (कचहरी) में आयोजित की गई। बैठक में तय किया गया कि इस लड़ाई को लड़ने के लिये जल्द संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया जाएगा और आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
   बैठक में वक्ताओं ने विचार रखते हुए कहा कि आज हमारे सामने सांस्कृतिक पहचान का संकट खड़ा हो गया है। हमारे संसाधनों पर ताकतवर लोग कब्जा कर रहे हैं। मूल निवास न होने से स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। बाहरी माफिया प्रदेश के संसाधनों को लूट रहे हैं।
  वक्ताओं ने यह भी कहा कि मूल निवास और सशक्त भू कानून के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने का समय आ गया है। अपनी जमीन और स्वाभिमान बचाने के लिए सभी को एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी।
   वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने भी इस बात पर जोर दिया कि राज्य बनने के बाद भी प्रदेश की तस्वीर नहीं बदल पाई। इसके पीछे कहीं न कहीं सशक्त भू कानून और मूल निवास न होना है। उन्होंने आंदोलन को गति देने के लिए संयोजक मंडल बनाने का सुझाव दिया।May be an image of 11 people and people studying
   बैठक में तय किया गया कि जल्द ही एक अन्य बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें अग्रिम रणनीति पर चर्चा की जाएगी। बैठक में उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच, पहाड़ी स्वाभिमान सेना, महिला मंच, उत्तराखंड स्टूडेंट्स फेडरेशन, उत्तराखंड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद, उत्तराखंड चिन्हित आंदोलनकारी समिति, संयुक्त उत्तराखंड आन्दोलनकारी मंच सहित अन्य संगठन मौजूद थे।
    बैठक में वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत, आन्दोलनकारी विशम्बर दत्त बौठियाल, अम्बुज शर्मा, निर्मला बिष्ट, लुशुन टोडरिया, पंकज उनियाल, प्रमोद काला, प्रशांत कांडपाल, देव चंद उत्तराखंडी, नवनीत गुसाईं, अम्बुज शर्मा, पंकज पोखरियाल, मीनाक्षी घिल्डियाल, आशीष कुकरेती, समीर सजवाण, मोहित डिमरी, सुशील गुरमानी, बालेश बवानिया, प्रभात डंडरियाल, जबर सिंह पावेल, गणेश डंगवाल सहित अन्य लोग मौजूद थे।

पहाड़ी से गिरी चट्टान के नीचे दबा वाहन, नौ लोगों के मरने की आशंका

0

पिथौरागढ़, जनपद एक दर्दनाक हादसे की खबर आ लही है, मिली जानकारी के मुताबिक पिथौरागढ़ के धारचूला-गुंजी मोटर मार्ग में थक्ती झरने के समीप पहाड़ी से गिरे चट्टान की चपेट में आने से बोलेरो कैंपर दब गया। हादसे में चालक सहित नौ लोगों की दबकर दर्दनाक मौत की आशंका जताई जा रही हैं। सूचना पाकर पुलिस, एसएसबी, सेना, एसडीआरएफ की टीम मौके पर घटनास्थल के लिए रवाना हो गई। जिस स्थान पर घटना हुई है वह स्थान मालपा और पेलसिती झरने के बीच में स्थित है |

बताया जा रहा है कि दिन में डेढ़ बजे जब कैंपर वाहन यात्रियों को लेकर धारचूला को लौट रहा था, तभी पहाड़ी से विशालकाय चट्टान जीप के ऊपर गिर गई। जीप नाबि गांव में होम स्टे चलाने वाले हरीश नबियाल की बताई जा रही है। गौरतलब हो कि जिस स्थान पर हादसा हुआ है उस क्षेत्र में भारतीय संचार कंपनियों का कोई नेटवर्क काम नहीं करता है। धारचूला-गुंजी मोटर मार्ग सड़क आवाजाही के लिहाज से खतरनाक है। इस सड़क पर कम से कम 50 स्थान ऐसे हैं जहां इस तरह की संभावना बनी रहती है |

योगी पहुंचे महायोगी के द्वार, जय श्रीराम व हर हर महादेव के जयकारों से गूजां केदारनाथ धाम

0

” 2013 की आपदा को याद करते हुये योगी आदित्य नाथ ने कहा कि 2013 में आयी त्रासदी के कारण केदार पुरी में हुए नुकसान से सभी प्रभावित हुए लेकिन स्थानीय लोगों के दृढ़ संकल्प एवं मोदी जी के निर्देशन में केदारनाथ का स्वरुप भव्य होता जा रहा है। दोनों धाम नई आभा के साथ विश्व में अपनी पहचान बना रहे हैं, विरासत के प्रति हमारे लोगों का सम्मान यही है”।

(देंवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने आज केदार नाथ धाम पहुंचकर महायोगी भगवान आशुतोष के दर्शन कर पूजा अर्चना की। इस दौरान जय श्री राम व हर हर महादेव के जयकारों से केदार पुरी गुजांय मान हो उठी।
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को श्री केदारनाथ धाम पहुँच कर बाबा केदार के दर्शन एवं रूद्राभिषेक किया। उन्होंने भगवान केदारनाथ से विश्व में सुख समृद्धि एवं जनकल्याण की कामना करते हुए बाबा केदार का आशीर्वाद लिया। तकरीबन दो घंटे के भ्रमण कार्यक्रम के दौरान जहां से भी मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ गुजरे उनके अभिवादन को खड़े श्रद्धालुओं ने खूब जयकारे लगाये। जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्रद्धालुओं का अभिवादन कर जय श्री राम एवं बाबा केदार के जयकारे लगाए।
लगभग प्रातः दस बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केदारनाथ धाम पहुचें जहाँ केदारनाथ हैली पैड बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय, जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग अमरदेई शाह, भाजपा जिला अध्यक्ष महावीर पंवार, केदार सभा, तीर्थ पुरोहित समाज, जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा समेत अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पुष्प भेंट कर उनका स्वागत किया।तीर्थ पुरोहित समाज ने परंपरागत मंत्रोच्चारण के साथ उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया। यहाँ पर तीर्थ पुरोहितों से भेंट करने के बाद मुख्यमंत्री ने जीएमवीएन अतिथि गृह में कुछ देर विश्राम किया जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी बीकेटीसी हट में मुख्य पुजारी शिवलिंग से मिले। पुजारी एवं अन्य तीर्थ पुरोहितों से भेंट के बाद तीर्थ पुरोहित समाज ‘दंड’ की अगुआई में उन्हें मंदिर तक ले गए, यहाँ उन्होंने बाबा केदारनाथ के दर्शन कर विश्व में सुख समृद्धि एवं जन कल्याण की कामना की। करीब पौने घंटे चली पूजा के दौरान मुख्यमंत्री ने बाबा केदारनाथ का रूद्राभिषेक कर विशेष गो मुखी शृंघी से दूध एवं जल भी चढ़ाया। रूद्राभिषेक के बाद उन्होंने बाहर आकर नंदी की पूजा की एवं शॉल चढ़ाया। यहाँ मंदिर प्रांगण में खड़े श्रद्धालुओं के बीच बाबा केदारनाथ के नारे लगाने के बाद उन्होंने केदार सभा समेत अन्य तीर्थ पुरोहितों से भेंट की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ धाम एवं बदरीनाथ धाम के दर्शनों का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। दोनों धामों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के निर्देशन में भव्य निर्माण कार्य चल रहा है। दुनियाभर में रहने वाले सनातन धर्म के अनुयायी दोनों धामों के दर्शन एवं आशीर्वाद की कामना रखते हैं। 2013 में आयी त्रासदी के कारण केदार पुरी में हुए नुकसान से सभी प्रभावित हुए लेकिन स्थानीय लोगों के दृढ़ संकल्प एवं मोदी जी के निर्देशन में केदारनाथ का स्वरुप भव्य होता जा रहा है। दोनों धाम नई आभा के साथ विश्व में अपनी पहचान बना रहे हैं, विरासत के प्रति हमारे लोगों का सम्मान यही है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु दोनों धामों के दर्शन करने आ रहे हैं यह नए भविष्य की तस्वीर भी है। सतत विकास एवं पर्यावरण के सभी पहलुओं का ध्यान रहते हुए जिस प्रकार दोनों धामों में कार्य चल रहा है इसके लिए प्रधानमंत्री एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी दोनों ही बधाई के पात्र है। श्रद्धा का उमड़ता हुआ ज़न सैलाब नए भारत की नई तस्वीर को प्रस्तुत कराता है।
जिसमें दृष्टि भी है दूरदर्शिता भी है, इसमें पर्यटन भी है और श्रद्धालुओं की जन आस्था का सैलाब भी है। इन सब को समेटे हुए केदार पुरी का नव निर्माण बहुत अच्छे ढंग से आगे बढ़ रहा है। हमारे यह तीर्थ स्थल राष्ट्रीय एकात्मता का प्रतीक हैं।
उन्होंने स्थानीय नागरिकों, श्रद्धालुओं, तीर्थ पुरोहितों, सुरक्षा एजेंसियों एवं व्यवस्थाओं से जुड़े हुए सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद देते हुए सभी के साथ फोटो भी खिचाई।
इस अवसर पर एडीएम बीर सिंह बुदियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी केडीए योगेन्द्र सिंह, सीओ विमल रावत, कार्यकारी अधिकारी आरसी तिवारी, इंचार्ज सीएम सुरक्षा जगमोहन सिंह बिष्ट, इंस्पेक्टर योगेश शर्मा, डिप्टी कलेक्टर हरिद्वार गोपाल चौहान, डीसी एनएसजी मानवेंद्र, एसएचओ केदारनाथ मंजुल रावत
समेत अन्य तीर्थ पुरोहित, अधिकारी, कर्मचारी एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।

49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस : पुलिस बल को तकनीकी व मानसिक दक्षता के साथ उन्नत तकनीकी तथा सक्षम माध्यमों से सुसज्जित रहने की आवश्यकता : सीएम धामी

0

देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एफ.आर.आई देहरादून में केन्द्रीय सहकारिता गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत करते हुए कहा कि 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस की मेजबानी करने का अवसर उत्तराखण्ड को मिला, यह राज्य के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी 25 वर्षों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके लिए हर क्षेत्र में प्रगति करना जरूरी है। इसलिए पुलिस बलों की क्षमता के विकास हेतु इस प्रकार के आयोजन और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। वर्तमान परिदृश्य में अपराध और अपराधी पारम्परिक प्रणालियों से काफी आगे निकल गये हैं, संगठित अपराध अधिक हो रहे हैं साथ ही साइबर क्राइम के मामलों में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स जैसी आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग भी अपराधियों द्वारा किया जा रहा है। पुलिस बल को तकनीकी व मानसिक दक्षता के साथ उन्नत तकनीकी तथा सक्षम माध्यमों से सुसज्जित रहने की आवश्यकता है। इसके लिए गृहमंत्री जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को विशेष सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस पुलिस कांग्रेस में व्यापक विचार-विमर्श और सार्थक चर्चाओं द्वारा पुलिसिंग तथा आंतरिक सुरक्षा के अतिरिक्त साइबर सिक्योरिटी व डाटा चोरी की रोकथाम हेतु महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस ने साईबर अपराध की रिपोर्टिंग के लिए ई-सुविधा, मामलों के त्वरित निस्तारण पर बल देने के साथ ही जन जागरूकता अभियानों से जनता को सचेत भी किया है। उत्तराखण्ड पुलिस ने विभिन्न एप्लिकेशन्स लांच किए हैं, जिनके द्वारा प्रभावी पुलिसिंग की व्यवस्था सुनिश्चित हुई है। ऑपरेशन मुक्ति भीख मांगने कचरा इक्ट्ठा करने तथा अन्य छोटे काम करने को बाध्य बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूलों में दाखिला दिलाने के साथ ही इस अभियान के ध्येय वाक्य ’भिक्षा नहीं शिक्षा दें’ को सार्थकता प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री ने पिछली बैठक में आतंकवाद पर प्रहार करने का आह्वान करते हुए राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा नीति बनाए जाने की बात कही थी। उनके नेतृत्व में आज देश में आतंकवाद का सफाया हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सुझाव दिया कि वनों की सुरक्षा में लगे वन कर्मियों को भी अत्याधुनिक शस्त्र चलाने तथा अर्द्धसैनिक बलों की भांति प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए पुलिस को और अधिक आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित करना होगा। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि आवश्यक नई तकनीकों के संबंध में भी इस कांग्रेस में विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाज के प्रबुद्ध वर्ग को अपने साथ जोड़कर समय-समय पर राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा हेतु सुझावों का आदान-प्रदान करने की भी आवश्यकता है। इसके अंतर्गत कम्यूनिटी आउटरीच कार्यक्रम द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्रीय हितों हेतु कार्य करने वाली स्वयं सेवी संस्थाओं को चिन्हित कर उनका सहयोग प्राप्त करने का प्रयास किया है, जिस प्रयास में हमें सफलता भी प्राप्त हो रही है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचन्द अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, माला राज्य लक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायकगण, सचिव गृह, भारत सरकार अजय कुमार भल्ला, उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी, महानिदेशक पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो बालाजी श्रीवास्तव, उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार एवं विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

 

49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस का चतुर्थ सत्र : पुलिस को संवेदनशील, सुशासित और तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक

देहरादून, वन अनुसंधान परिषद के सभागार में 49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस के चतुर्थ सत्र में पुलिस और सीएपीएफ के बीच समन्वय (Coordination between Police and CAPFs) पर हुई चर्चा में Shri S.K. Sabat, IPS, DG Prisons, UP ने शान्ति एवं सुरक्षा व्यवस्था हेतु राज्य पुलिस बल एवं सीएपीएफ के बीच परस्पर समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कुम्भ जैसे विश्व प्रसिद्ध मेले में प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था, यातायात एवं भीड़ प्रबन्धन पुलिस और सीएपीएफ के बीच समन्वय का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
Additional Deputy Director, Subsidiary Intelligence Bureau ने देश की सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस बल एवं बीएसएफ के बीच समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीमा पर अपराध से निपटने, सूचनाओं के आदान-प्रदान, सामाजिक व्यवस्था बनाने एवं आतंरिक सुरक्षा के लिए आपसी समन्वय काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने पंजाब पुलिस एव ंबीएसएफ के संयुक्त ऑपरेशनों के बारे में बताया, जिसमें क्रॉस बार्डर तस्करी तथा ड्रोन से ड्रग्स और आर्म्स की तस्करी की बढ़ती चुनौतियों के बारे में बताया। साथ ही इसे रोकने के लिए संयुक्त ऑपरेशन एवं बार्डर एरिया में जागरूकता व सतर्कता बढ़ाने पर जोर दिया।
Shri Vinod Kumar Trivedi Dy. Commandant Parliament Duty Group, CRPF & Shri Akash Saxena, Assistant Commandant, CISF ने कहा कि अमृत काल में पुलिस बल को कॉलोनियल पुलिसिंग सिस्टम से भारतीय पुलिस सिस्टम की ओर आना आवश्यक है। इसके लिए पुलिस को संवेदनशील, सुशासित और तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक है। कानून एवं शान्ति व्यवस्था स्थापित करने के लिए पुलिस एवं सीएपीएफ के मध्य बेहतर समन्वय अपनाने पर जोर दिया।

 

सिर्फ 160 रूपये का विवाद और कर डाली 70 वर्षीय बुजुर्ग की हत्या

उधमसिंह नगर, शहर में एक बुजुर्ग को सिर्फ 160 रुपये के विवाद में पर मौत के घाट उतारने की घटना से हड़कीप मच गया, मिली जानकारी के मुताबिक बुजुर्ग पर ईंट-पत्थर, लाठी-डंडों और धारदार हथियार से हमला किया गया जिससे उनकी मौत हो गयी। पुलिस ने मामले में तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पूरा मामला उधमसिंहनगर जिले में सामने आया है। सिरौली कलां में बेटी की ससुराल में आए 70 वर्षीय व्यक्ति की 160 रुपये के विवाद में ईंट-पत्थर, लाठी-डंडों और धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई। यह बुजुर्ग अपने दामाद का पड़ोसियों से विवाद सुलझाने के इरादे से यहां आए हुए थे। इस दौरान पड़ोसियों ने उन पर हमला बोल दिया। हमले के बाद बुजुर्ग को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया |
पुलिस ने मामले में तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। ग्राम भूड़ा थाना भोजीपुरा जिला बरेली निवासी मोहम्मद रफीक की बेटी नथिया की ससुराल किच्छा के चार बीघा, वार्ड 18, सिरौली कलां में है। पिछले दिनों नथिया के पति छोटन का पड़ोसी से 160 रुपये के लेन- देन को लेकर विवाद हो गया था। रफीक चूंकि दूसरे पक्ष के भी करीबी रिश्तेदार थे, इसलिए शुक्रवार को वह विवाद सुलझाने के इरादे से यहां आए थे। बताया जा रहा है कि शाम लगभग साढ़े चार बजे बातचीत के दौरान दूसरे पक्ष ने बुजुर्ग रफीक पर ईंट-पत्थर, डंडों और धारदार हथियार से हमला बोल दिया। हमले में रफीक गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सीएचसी में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। उधर एसओ पुलभट्टा कमलेश भट्ट ने कहा है कि तीन संदिग्धों को फिलहाल हिरासत में लिया है।

आदिकैलाश से विश्व को आध्यात्म का संदेश देंगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

0

प्रधानमंत्री जागेश्वर धाम के दर्शन के बाद करेंगे उत्तराखंड की यात्रा शुरू

शिवजी और सप्तऋषियों ने की थी जागेश्वर धाम में तपस्या

जागेश्वर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारखंड के बाद मानसखंड के विकास को नई दिशा देने के लिए 12 अक्टूबर को दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। यात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री अल्मोड़ा में स्थित जागेश्वर धाम से करेंगे।
जागेश्वर धाम अपने पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है ।

जागेश्वर धाम पतित पावन जटागंगा के तट पर समुद्रतल से लगभग 6200 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवजी तथा सप्तऋषियों ने यहां तपस्या की थी।

जागेश्वर मंदिरों का निर्माण कत्यूरी राज के कालखंड में हुआ था। जागेश्वर धाम के प्राचीन मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस क्षेत्र में सदियों से आध्यात्म के दर्शन करा रहे हैं। यहां लगभग छोटे-बडे 224 मंदिर स्थित हैं। मंदिरों का निर्माण लकडी तथा सीमेंट की जगह पत्थर की बडी-बडी शिलाओं से किया गया है। दरवाजों की चौखटें देवी देवताओं की प्रतिमाओं से सुशोभित हैं। मंदिरों के निर्माण में तांबे की चादरों और देवदार की लकडी का भी इस्तेमाल किया गया है।

…..कैसे पहुंचे जागेश्वर धाम….
यहां पहुंचने के लिए काठगोदाम अंतिम रेलवे स्टेशन है। दिल्ली आनंद विहार आईएसबीटी और देहरादून से हल्द्वानी व अल्मोड़ा के लिए बस सेवा भी हैं। दिल्ली और देहरादून से वहां की दूरी लगभग 400 किलोमीटर है। अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम के लिए टैक्सी सेवा उपलब्ध है। अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम की दूरी 35 किलोमीटर है। इसी तरह हवाई जहाज से पंतनगर एयरपोर्ट तक नजदीकी सेवा है। पंतनगर से टैक्सी से जागेश्वर धाम 150 किलोमीटर का सफर तय कर पहुंच सकते हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा उत्तराखंड के मनोरम पिथौरागढ़ जिले में अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में होने वाली है। पीएम मोदी 12 अक्टूबर को इस महत्वपूर्ण यात्रा पर निकलेंगे और अपने प्रवास के दौरान उन्हें प्रसिद्ध मायावती आश्रम में ठहराया जाएगा।

वह चीन सीमा के पास स्थित पवित्र स्थल आदि कैलाश पर आशीर्वाद लेने का अवसर प्राप्त करेंगे। यह पवित्र तीर्थ स्थान अपनी लुभावनी सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है जो हर साल अनगिनत भक्तों को आकर्षित करता है। प्रधानमंत्री की उपस्थिति निसंदेह पवित्रता को बढ़ाएगी और समाज के सभी पक्षों का ध्यान आकर्षित करेगी।

इसके अतिरिक्त, पीएम मोदी ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान व्यास घाटी के भीतर बसे जोलिकांग के विस्मयकारी वैभव को देखने की इच्छा व्यक्त की है। यह अभूतपूर्व प्राकृतिक आश्चर्य सुरम्य परिदृश्यों का प्रतीक है जो आगंतुकों के मस्तिष्क और ह्रदय पर एक अमिट छाप छोड़ने के लिए बाध्य है।

प्रधानमंत्री, कुल 4194 करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

स्थानीय अधिकारी पीएम मोदी के लिए न केवल एक सुचारु यात्रा कार्यक्रम सुनिश्चित करने के लिए बल्कि उनकी पूरी यात्रा के दौरान एक अविस्मरणीय अनुभव सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे लगन से काम कर रहे हैं।

इस महत्वपूर्ण अवसर को लेकर उत्साह दूर-दूर तक महसूस किया जा सकता है, लोग इस ऐतिहासिक यात्रा की झलकियों और अपडेट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। क्षेत्र के भीतर ऊर्जा स्पष्ट है, स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही पीएम मोदी को अपनी उपस्थिति से इन उल्लेखनीय स्थानों की शोभा बढ़ाते हुए देखने की संभावना से समान रूप से रोमांचित हैं।

प्रधानमंत्री की यह महत्वपूर्ण यात्रा न केवल उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग के लिए एक जीवंत तस्वीर पेश करती है, बल्कि इस विविधतापूर्ण राष्ट्र के सबसे दूरस्थ कोनों की खोज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में भी काम करती है।

पृथ्वी पर जीवन को बनाये रखने के लिए जैव विविधता संरक्षण आवश्यक: प्रो. बी.डी. जोशी

0

हरिद्वार 07 अक्टूबर, 2023 एस.एम.जे.एन.पी.जी. काॅलेज में आज काॅलेज प्रबन्ध समिति के सचिव श्री महन्त राम रतन गिरि जी महाराज की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं शोध केन्द्र, देहरादून एस.एम.जे.एन. काॅलेज के संयुक्त तत्वाधान में जैव विविधता संरक्षण विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारम्भ माँ सरस्वती वन्दना व द्वीप प्रज्जवलित करके किया गया। काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा व कार्यक्रम डाॅ. संजय माहेश्वरी आदि द्वारा सभी अतिथियों का माल्यार्पण किया गया। श्री महन्त रामरतन गिरि जी महाराज द्वारा सभी अतिथियों को ऐपण आर्ट के गमलों में हरित पौधे भेंट किये।
की-नोट स्पीकर प्रसिद्ध पर्यावरणविद प्रो. बी.डी. जोशी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पृथ्वी पर जीवन को बनाये रखने के लिए जैव विविधता संरक्षण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसे अनेक तरीके हैं जिनसे जैव विविधता की समृद्धि पारिस्थितिक तंत्र को बनाये रखने में मदद् मिलती है। पृथ्वी पर जीवित प्राणियों के अस्तित्व के लिए जैव विविधता का संरक्षण अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को जैविक विविधता को समझना होगा, जैविक विविधता की समरसता को बनाये रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी पृथ्वी को पर्यावरण से सम्बन्धित स्थिति के तालमेल को स्थिर बनाये रखें।
डाॅ. एस.के शर्मा पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक, उत्तराखण्ड ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें अपने वातावरण की शुद्धता को उच्च स्तर तक पहुंचाना है तो हमें जैविक विविधता के सन्तुलन को बनाये रखने पर अपना ध्यान केन्द्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि जैविक विविधता तीन प्रकार की होती है आनुवांषिक विविधता, प्रजातीय विविधता तथा पारितंत्र विविधता। लोगों को जैविक विविधता के प्रति जागरूक करनेके लिए तथा इसके हमारे जीवन में कितना महत्व है, ऐसे जागरूक कार्यक्रम अत्यन्त लाभकार सिद्ध होंगे।
हरित ऋषि विजय पाल बघेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि मानवीय जीवन में जैविक विविधता का बडा महत्व है। इस संसार में सभी जीवन को स्थिर बनाये रखने में जैविक विविधता एक अहम योगदान निभाती है। विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी तथा वनस्पति एक-दूसरे की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं साथ ही ये एक-दूसरे पर निर्भर भी हैं। दुर्भाग्य से बढ़ता हुआ प्रदूषण हमारे वातावरण पर गलत प्रभाव डाल रहा है, बहुत से पेड-पौधे तथा जानवर प्रदूषण के दुष्परिणाम के चलते अपना अस्तित्व खो चुके हैं और कई लुप्त होने की कगार पर हैं। अगर ऐसा ही रहा तो सभी प्रजातियों के सर्वनाश का दिन दूर नही हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए मनुष्य को इसके महत्व के बारे में अवगत कराना होगा ताकि वे इसे गम्भीरता से समझे और इसे सन्तुलन बनाये रखने के लिए हर सम्भव प्रयास करें। हरित ऋषि ने उपस्थित समस्त छात्र-छात्राओं और सेमिनार में आये शोध छात्र, प्राध्यापकों से एक-एक वृक्ष लगाने का आह्वान भी किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत व धन्यवाद प्रेषित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य भारतीय हिमालयी क्षेत्र के परिस्थितिकीय रूप से सम्पन्न भू-भागों में से एक है। उत्तराखण्ड राज्य जीव जन्तुओं तथा वनस्पतियों की जैव विविधता से सम्पन्न राज्य है। उत्तराखण्ड की इस जैव विविधता का आधार राज्य में मिलने वाली जल सम्पदा तथा विविध प्राकृतिक परिस्थितियां हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जैव विविधता को बचाने के लिए वन्य जीव बोर्ड का गठन, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम तथा अनेकों प्रयास किये हैं परन्तु वर्तमान में कुछ ऐसे प्रयासों की आवश्यकता है जहां पर सामूहिक रूप से स्थानीय स्तर पर कार्य कर वैश्विक स्तर की स्थिति का बदला जा सके। इससे पूर्व हरिद्वार नागरिक मंच, इनरव्हील क्लब हरिद्वार तथा यूको बैंक की समस्त टीम, महाविद्यालय तथा सेमिनार में आये समस्त अतिथियों द्वारा महाविद्यालय में पौधारोपण भी किया गया।
राष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्य रूप से डाॅ. मन मोहन गुप्ता, प्रो. तेजवीर सिंह तोमर, प्रो. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. विनीता चैहान, श्रीमती रिंकल गोयल, डाॅ. रजनी सिंघल, डाॅ. शिवकुमार चौहान, डाॅ. मनोज कुमार सोही, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, दिव्यांश शर्मा, वैभव बत्रा, डाॅ. सुगन्धा वर्मा, कविता छाबड़ा, आस्था आनन्द, मोहनचन्द्र पाण्डेय, आदि साहित काॅलेज के अनेक शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण संजय कुमार माहेश्वरी, श्रीमती रूचिता सक्सेना, श्रीमती कविता छाबड़ा व डाॅ. पदमावती तनेजा द्वारा सयुक्त रूप से किया गया। प्रथम सत्र के अंत में राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष विनय थपलियाल द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया तथा आयोजक सचिव डाॅ. विजय शर्मा द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।

गढ़भोज दिवस का किया गया महाविद्यालय में आयोजन

0

सेमिनार में आये अतिथियों ने उठाया गढ़भोज का लुत्फ
छात्र-छात्राओं की अतिथियों ने की भूरि-भूरि प्रशंसा

हरिद्वार (कुलभूषण) एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में आज उत्तराखण्ड की औषधियों के गुणों से भरपूर फसलों से बनने वाले भोजन/व्यंजन आदि के प्रचार-प्रसार हेतु गढ़भोज दिवस का आयोजन किया गया। काॅलेज प्रबन्ध समिति के सचिव श्री महन्त राम रतन गिरी जी महाराज, हरित ऋषि विजयपाल बघेल, उच्च शिक्षा के पूर्व निदेशक डाॅ. एस.के. शर्मा, प्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रो. बी.डी. जोशी तथा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने गढ़वाली व्यंजनों का आनन्द लिया एवं छात्र-छात्रा प्रतिभागियों का उत्सावर्धन किया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रो. बी.डी. जोशी ने कहा कि एस.एम.जे.एन. काॅलेज ऐसा पहला महाविद्यालय है, जिसने छात्र-छात्राओं को गढ़भोज बनाने के लिए प्रेरित किया।
पूर्व शिक्षा निदेशक डाॅ. एस.के. शर्मा ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवा पीढ़ी को पारम्परिक अनाज एवं मिलेट्स के विषय में जानकारी मिलती है, जो स्वास्थय के लिए लाभदायक होती है।
हरित ऋषि विजय पाल बघेल ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि गढ़वाली भोजन द्वारा छात्र-छात्राओं ने पारम्परिक भोजन का साक्षत्कार कराया।
प्रतिभागियों ने गढ़भोज प्रतियोगिता 39 स्टाॅलों में मंडुवे की रोटी, भांग व तिल की चटनी, झिंगौरे की खीर, कुँमाउनी थाली, बाल मिठाई, गहत की दाल, सिंगोडी आदि बनाकर प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता में कु. अंशिका, मानसी, प्रिया, पिंकी वर्मा, मुस्कान, शालू, शीतल, काजल, ईस्मिता, पूजा गौर, आंकाक्षी, विशाखा, शशि बिष्ट, गौरव बंसल, अंकिता जोशी, मनीष, रोहित शाह, वर्णिका, नेहा नेगी, कशिश, निकिता, डोली, विशाखा, खुशी, दिव्यांश नेगी, शालिनी आदि छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
प्रतियोगिता में में निर्णायक मण्डल की अहम भूमिका का निवर्हन डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डाॅ. विनीता चैहान, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. सरोज शर्मा एवं डाॅ. रश्मि डोभाल किया किया गया।

विवि की भूमि को खुर्दबुर्द नहीं होने दिया जाएगा-कुलपति

0

हरिद्वार,(कुलभूषण)। गुरूकुल की 144 बीघा जमीन बचाने के उद्देश्य से सीनेट भवन में पत्रकारवार्ता आयोजित की गयी। कुलपति प्रोफसर सोमदेव शतांशु ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्व विद्यालय की जमीन पर कुछ भूमाफिया कब्जाना चाहते हैं। उन्होंने आशंका जतायी कि भूमाफिया शासन प्रशासन को भी गुमराह कर सकते हैं। पूर्व में भी कई बार भूमाफियाओं द्वारा विवि की जमीन को कब्जाने के उद्देश्य से तरह तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। विवि की जमीन को किसी भी सूरत में खुर्दबुर्द नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विवि के अस्तित्व को चुनौती देने वाले किसी भी प्रयास कर हरंसभव विरोध किया जाएगा। भूमाफियाओं के इरादों को सफल नहीं होने देंगे। विवि की ख्याति लगातार तेजी से बढ़ रही है। वैदिक संस्कृति सभ्यता को देश दुनिया में विवि के माध्यम से फैलाया जा रहा है। प्रैसवार्ता में कुलसचिव सुनील कुमार, प्रोफसर श्रवण कुमार शर्मा, शशिकांत शर्मा, रजनीश भारद्वाज, हेमंत आत्रेय, महावीर यादव, प्रोफेसर प्रभात सैगर आदि मौजूद रहे।