Friday, May 16, 2025
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साढे बाइस लाख की लागत से छह वार्डो में इंटरलॉकिंग टाइल कार्य का महापौर ने किया लोकार्पण

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ऋषिकेश। साढे बाइस लाख की लागत से गायत्री मंत्रोच्चारण के बीच छह वार्डो के इंटरलॉकिंग टाइल से सड़क निर्माण के कार्य का महापौर अनिता ममगाई ने नगर निगम प्रांगण में लोकार्पण किया।

रविवार की दोपहर नगर निगम में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर ने कहा कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क के किनारे इंटरलॉकिंग टाइल कार्य के होने से वायु प्रदूषण को निश्चित ही थामा जा सकेगा। शहरवासियों एवं यहां आने वाले पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों को धूल मिट्टी से होने वाली समस्याओं से अब जूझना नही पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि तीर्थ नगरी की छवि के अनुकूल पिछले लगभग पांच वर्षों से विकास के लिए सम्पूर्ण निगम बोर्ड के साथ वह प्रयासरत रही हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद शहर में अनेकों योजनाओं को धरातल पर उतारने के साथ भरपूर विकास किया गया है।

इस दौरान चेतन शर्मा, अनिल ध्यानी, पंकज शर्मा, पवन शर्मा, राम किशन अग्रवाल,विवेक गोस्वामी, राजकुमारी जुगलान, असर्फी रनावत, विजय लक्ष्मी, बृजपाल राणा,शेलेंदर रस्तोगी,कमलेश जैन, भूपेंद्र राणा, सुजीत यादव, रमेश अरोड़ा, अजय कालड़ा,प्रदीप गुप्ता, अनिल खेरवाल, ज्योति सहगल, गौरव सहगल, शेलेंदर रस्तोगी मोजूद रहे।

अभी भी बचाव के नाम पर हर दिन नए प्रयोग ही किए जा रहे हैँ : यशपाल आर्य

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“नेता प्रतिपक्ष सिलक्यारा जाकर वस्तुस्थिति का लेंगे जायजा”

देहरादून, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि , सिलक्यारा टनल के मामले ने न केवल प्रदेश के बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन की पोल खोल कर रख दी है । उन्होंने कहा कि 1 सप्ताह से देश के लोग और विपक्ष नैतिक रूप से इस संकट की घड़ी में सरकार और आपदा प्रबंधन में लगी एजेंसियों के साथ खड़े थे पर अब सब्र का बांध टूट रहा है। सरकार को बचाव कार्य करने के साथ जबाबदेही भी तय करनी होगी उन्होंने कहा कि देश के 42 लोगों की बहुमूल्य जानों के साथ किसी को भी प्रयोग करने की इजाजत नही होनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि 41 लोगों की बहुमूल्य जानें सप्ताह भर से संकट में फंसी हैं और अभी भी बचाव के नाम पर हर दिन नए प्रयोग ही किए जा रहे हैँ। उन्होंने कहा कि , सरकार को साफ करना चाहिए कि , लगभग 5 किलोमीटर लंबी इस टनल के निर्माण के मूल प्रोजेक्ट में मलबा निकालने व बचाव के लिए एडिट टनल व एस्केप टनल का प्राविधान था भी या नहीं ? अगर प्रोजेक्ट में ये प्राविधान था और कंपनी बिना एडिट टनल व एस्केप टनल के काम कर रही थी तो कंपनी पर सुसंगत धाराओं में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करना चाहिए। यदि प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ये महत्वपूर्ण प्राविधान नहीं किये थे तो निर्माण करने वाले बिभाग पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि, इस बड़ी परियोजना के निर्माण में मानकों और सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित करने में निश्चित रूप से अवहेलना हुई है इसलिए अब दुर्घटना होने के बाद विकल्पों को तलाशा जा रहा है। जबकि परियोजना को शुरू करते समय भूगर्भीय सर्वेक्षण के बाद सबसे पहले सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित किया जाना चाहिए था।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि , देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में राज्य के विभागों की तुलना में बहुत ही महंगी दरों पर बेहद घटिया काम लापरवाही के साथ हो रहा है इसलिएवसिलक्यारा जैसी स्थितियां पैदा हो रही हैं । उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार को बेहद सम्बेदनशील टनल निर्माण के कार्य में लगी सरकारी कंपनी और जमीन पर काम कर रही पेटी कंपनी के टनल निर्माण के क्षेत्र के अनुभव को भी जनता के सामने रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि , प्रारंभिक सूचनाओं से ये सिद्ध होता है कि, यह दुर्घटना लापरवाही और अनुभवहीनता का नतीजा है ।
कल नेता प्रतिपक्ष सिलक्यारा जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लेंगे ।

डेरियाखाल के पास खाई में गिरी कार, हादसे में कार चालक की हुई मौत

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कोटद्वार, लैंसडाउन क्षेत्र में डेरियाखाल के पास एक कार करीब 800 मीटर गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में कार चालक की मौत हो गई। हादसे की सूचना राहगीरों द्वारा कोतवाली लैंसडाउन को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ और राजस्व विभाग की टीम घटनास्थल को रवाना हुई। मौके पर पहुंचीं पुलिस ने चालक को खाई से रेस्क्यू कर 108 की मदद से कोटद्वार बेस चिकित्सालय ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, ग्राम प्रधान जलेथा जितेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि जयवीर पूर्व सैनिक है, वह कार से सवारी छोड़ने हरिद्वार गया था। घर वापसी के समय कार डेरियाखाल के निकट रात्रि में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वहीं घटना से मृतक के परिवार में मातम छाया हुआ है।
बताया जा रहा है कि कार चालक सवारियों को छोड़ने गया था और घर लौट रहा था तभी वह हादसे का शिकार हो गया।
वहीं लैंसडाउन कोतवाली प्रभारी रघुवीर सिंह चौधरी ने बताया कि वाहन चालक की पहचान जयवीर सिंह उम्र 47 साल पुत्र राजेन्द्र सिंह ग्राम जलेथा तहसील लैंसडाउन के रूप में हुई है, जो पूर्व सैनिक था।

खिलाड़ियों ने टेलेंट हंट फुटबाल ट्रायल में प्रतिभाग किया

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देहरादून, उत्तराखंड में प्रतिभा की कमी नहीं है और इनको तराशने और संवारने के लिए 25 साल से उत्तराखंड के होनहार खिलाड़ियों को सुवसर देने वाले नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर डा0 विरेन्द्र सिंह रावत जिन्होंने अपना पूरा जीवन राज्य खेल फुटबाल के लिए समर्पित किया हुआ है हाल ही में देहरादून के पवेलियन फुटबाल ग्राउंड में 17, 18 नवंबर को इंडिया खेलो फुटबाल संस्था के सहयोग से आयोजक देहरादून फुटबाल एकेडमी (डीएफए) द्वारा किया गया था।
इस दौरान उत्तराखंड और अन्य राज्यों से आए अंडर 15, 17 बालक और अंडर 17 बालिका फुटबाल खिलाड़ियों का ट्रायल लिया गया। ट्रायल में 415 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया और जिसमें चयनकर्ता आईकेएफ के चीफ नेल्सन, डीएफए के चीफ विरेन्द्र सिंह रावत, उत्तराखंड पुलिस के हेड एनआईएस कोच वीर सिंह नेगी, डीएफए मैनेजर मनोज नेगी, मैच ऑफिसियल उत्तराखंड फुटबाल रेफरी एसोसिएशन के हर्षित, हिमांशु, दिनेश, आदित्य, मैच कमिशनर विमल सिंह रावत के द्वारा बेहतरीन खिलाड़ियों का चयन किया गया जिसमें 15 खिलाडी अंडर 15 से और 15 खिलाडी अंडर 17 से चुने गए और गर्ल्स में एक मात्र अंडर 17 में प्रिया नेगी देहरादून की चुनी गयी। एक्स्ट्रा टेलेंटेड खिलाडी अंडर 15 में चित्रांश जो ऋषिकेश से है। अंडर 17 में उत्तरकाशी के ईशान राणा को चुना गया।
रावत ने बताया कि चुने हुये खिलाडी फरवरी 2024 में अहमदाबाद में नेशनल के फाइनल ट्रायल के लिए जायेंगे जहां पर इंडियन सुपर लीग (आईएसएल), आई लीग, यूरोप के प्रोफेशनल क्लब के कोच एवं सेलेक्टर खिलाड़ियों को अपने अपने क्लब में चुनेंगे जिससे उनको एक बड़ा प्लेटफार्म मिलेगा खेलने का मिलेगा जिससे उनका भविष्य बनेगा।
रावत ने सरकार से निवेदन भी किया कि राज्य खेल को आगे बढ़ाना है तो राज्य की कमान उन लोगो को देनी चाहिए जिन्होंने इस राज्य के लिए बहुत कुछ किया है। तभी हमारा राज्य खेल और अन्य खेल आगे बढ़ेंगे। सरकार का अगर हमें सहयोग मिला तो हम फुटबाल को पुराना स्वर्णिम दौर वापस लेकर आएंगे |

चारधाम यात्रा के समापन के साथ बना नया रिकॉर्ड, श्रद्धालुओं का आंकड़ा 56 लाख पार

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देहरादून, चारधाम यात्रा में देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के उत्साह ने इस बार 56 लाख से अधिक का नया रिकॉर्ड बनाया है। यात्रा के इतिहास में चारधाम समेत हेमकुंड साहिब में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड बना है। केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 19.61 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। 22 अप्रैल से 18 नवंबर तक चली चारधाम यात्रा के लिए लगभग 75 लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया। इसमें केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब में 56.13 लाख से अधिक ने दर्शन किए। यात्रा के इतिहास में पहली बार श्रद्धालुओं का आंकड़ा 55 लाख पार हुआ है।
प्रदेश सरकार को चारधाम यात्रा में 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद थी। इस पर यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सही साबित हुई है। वर्ष 2022 में चारधाम व हेमकुंड साहिब यात्रा में 46.29 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। इससे पहले 2021 और 2020 में कोविड काल में चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से संचालित नहीं हो पाई है। 2021 में 5.29 लाख और 2020 में मात्र 3.30 लाख तीर्थयात्री पहुंचे थे। वर्ष 2019 में 34.77 लाख से अधिक श्रद्धालु यात्रा में आए थे।
आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या :
केदारनाथ 19,61,025
बदरीनाथ 18,34,729
गंगोत्री 9,05,174
यमुनोत्री 7,35,244
हेमकुंड साहिब 1,77,463
कुल- 56,13, 635

 पीएमओ के दो अधिकारी पहुंचे उत्तरकाशी, रेस्क्यू ऑपरेशन का लिया जायजा, दिया हर संभव मदद का आश्वासन

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उत्तरकाशी, सिलक्यारा सुरंग हादसे में छह दिन से अधिक का समय गुजर गया लेकिन सुरंग में फंसे मजदूर जीवन की जंग उस अंधेरी गुफा में लड़ रहे हैं, उन्हें यह भी नहीं पता कि वे कब जीवन का उजाला देख पायेंगे, वहीं इस घटना को लेकर केन्द्र सरकार हर संभव मदद कर रही है कि किसी भी तरह लोगों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। चिंता की बात है कि पिछले 150 घंटे से अधिक समय तक सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने के प्लान फेल हो गए हैं। प्रधानमंत्री ऑफिस-पीएमओ के दो अधिकारी उत्तरकाशी पहुंचे हैं। पीएमओ की ओर से मंगेश घिल्डियाल और भास्कर खुल्बे ने उत्तरकाशी पहुंच रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। बचाव व राहत कार्यों में जुटे रेस्क्यू अभियान दल को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया गया है।
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ सिल्क्यारा (उत्तरकाशी) में टनल में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाये जाने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी लगातार बचाव अभियान का अपडेट लिया जा रहा है, ग्राउंड जीरो पर कार्य कर रहीं एजेंसियों को प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। टनल में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के परिजनों के लिए रहने, खाने एवं स्वास्थ्य संबंधी सुविधा राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर को निर्देश दिए कि श्रमिकों के परिजनों के लिए चिन्यालीसौड़ और उसके आस-पास के क्षेत्र में रहने, खाने और स्वास्थ्य संबंधी सभी व्यवस्थाएं की जाय। श्रमिकों के परिजनों से लगातार समन्वय बनाकर राहत एवं बचाव कार्यों का अपडेट देने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
उत्तरकाशी सिलक्यारा में टनल में फंसे श्रमिकों को जल्द सुरक्षित बाहर निकालने के लिए इंदौर से एक और ऑगर मशीन उत्तरकाशी पहुंच गयी है, जिससे रेस्क्यू अभियान में और तेजी लाई जा सकेगी।

गेस्ट हाउस में चल रहे सेक्स रैकेट का पर्दाफाश

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-पुलिस और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने  किया   चार महिलाओं समेत 7 लोग गिरफ्तार

हरिद्वार(आरएनएस)।   हरिद्वार के नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित ऋषिकुल केगेस्ट हाउस में पुलिस और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने छापा मारकर सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है।  पुलिस ने मौके से चार महिलाओं समेत 7 लोगों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा है।  साथ ही मौके से टीम को आपत्तिजनक चीजें भी बरामद हुई हैं।  पुलिस और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम सभी को हिरासत में लेकर चौकी ले गई, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।  वहीं, गेस्ट हाउस के रजिस्टर में किसी की भी एंट्री नहीं की गई थी।पुलिस के अनुसार, शनिवार की सुबह सूचना मिली थी ऋषिकुल मेंगेस्ट हाउस में कुछ महिलाएं और युवक गलत कार्य कर रहे हैं।  इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छापा मारा।  जहां एक तीन कमरों में तीन महिलायें और 4 पुरुष रंग रलियाँ  मनाते हुए पकड़े गए।  जिनको पकड़ने के बाद टीम ने लिखा पढ़ी की कार्रवाई की।  इसके बाद सभी को लेकर टीम मायापुर चौकी रवाना हो गई।  बताया जा रहा कि हिरासत में ली गई सभी महिलाएं हरिद्वार के ही एक ही इलाके की निवासी हैं।  जबकि पुरुष भी हरिद्वार के रहने वाले हैं।  कोतवाली प्रभारी भावना कैंथोला ने बताया कि फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।  जांच चल रही है।  जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। “

राज्य में लागू हुई नई स्क्रैप नीति : स्क्रैपिंग केंद्र खोलने के लिए मांगे जा रहे आवेदन

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देहरादून, राज्य में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सरकार ने स्क्रैप नीति लागू कर दी, जिसके तहत अब पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने पर वाहन स्वामी को नए वाहन के पंजीकरण पर अधिकतम 50 हजार रुपये तक की छूट दी जाएगी। यह छूट निजी वाहनों पर मान्य होगी। वहीं, पुराने व्यावसायिक वाहनों को स्क्रैप कराने पर नए व्यावसायिक वाहन के वार्षिक कर में आठ वर्ष तक 15 प्रतिशत की छूट की जाएगी।
केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने को प्रदेश सरकार की ओर से परिवहन विभाग की स्क्रैप नीति को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पिछले दिनों स्वीकृति दे दी गई थी। अब शासनादेश जारी होने के बाद यह नीति प्रदेश में लागू हो गई है।

नई स्क्रैप नीति के अनुसार प्रदेश में अब सरकारी वाहन 15 वर्ष बाद चलन से बाहर होकर स्क्रैप घोषित कर दिए जाएंगे। इनके अलावा यदि कोई निजी वाहन स्वामी अपने वाहन को स्क्रैप (कबाड़) घोषित करता है तो उसे नए वाहन के पंजीकरण कर में 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रुपये तक की छूट दी जाएगी।
एक अनुमान के मुताबिक, प्रदेश में ऐसे 5200 सरकारी वाहन हैं, जिन्हें स्क्रैप घोषित किया जाना है। साथ ही पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने के लिए निजी वाहन स्वामियों को भी प्रोत्साहित करने की योजना के अंतर्गत निजी वाहन स्वामियों को वाहन स्क्रैप करने पर पंजीकरण में 25 प्रतिशत की छूट अथवा 50 हजार की राशि, जो कम हो, वह दी जाएगी, इस नीति के लागू होने के बाद सरकार की ओर से स्क्रैपिंग केंद्र खोलने के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं। वर्तमान में रुड़की में एक केंद्र को उत्तराखंड में पंजीकृत किया गया है। निजी वाहन स्क्रैप कराने पर नए निजी वाहन पर ही छूट का लाभ मिलेगा। यदि, कोई वाहन स्वामी व्यावसायिक वाहन स्क्रैप कराकर नए निजी वाहन पर छूट का लाभ लेना चाहता है तो यह मान्य नहीं होगा। व्यावसायिक वाहनों को स्क्रैप करने पर दो तरह से छूट मिलेगी। यदि 20 साल पुराने यानी वर्ष 2003 से पहले पंजीकृत व्यावसायिक वाहन को स्क्रैप किया जाता है तो बकाया कर व जुर्माने में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। यदि 15 से 20 वर्ष पुराने यानी वर्ष 2003 से 2008 तक पंजीकृत व्यावसायिक वाहन को स्क्रैप किया जाता है तो बकाया कर में 50 प्रतिशत, जबकि जुर्माने में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
वहीं वर्ष 2008 के बाद पंजीकृत हुए व्यावसायिक वाहन को स्क्रैप किया जाता है तो केवल बकाया कर के जुर्माने में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। बकाया कर व जुर्माने में छूट का लाभ केवल 31 अक्टूबर 2024 तक मान्य होगा। वाहन स्क्रैप कराने और नए वाहन के पंजीकरण पर छूट पाने के लिए वाहन स्वामी को 20 दिन के भीतर पंजीकृत स्क्रैपिंग केंद्र से प्रमाण-पत्र लेकर परिवहन कार्यालय में जमा कराना होगा।

राज्य में दुर्घटनाओं में हो रही मौतों का जिम्मेदार कौन है..? बदहाल सड़के , निष्क्रिय सरकार या लापरवाह अधिकारी : यशपाल आर्य

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देहरादून, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखण्ड़ विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य में लगातार बढ़ते सड़क हादसे चिंता का विषय बनते जा रहे हैं । नेता प्रतिपक्ष ने नैनीताल में ओखलकांडा विकासखंड के अधौड़ा- मिडार मोटर मार्ग पर एक टैक्सी वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर 8 लोगों के अकस्मात निधन एवं कुछ लोगों के घायल होने के बाद मौके पर जाकर वस्तुस्थिति देखने के बाद मीडिया के सामने ये विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि इस मोटर मार्ग पर यह दुर्घटना पहली दुर्घटना नहीं है इससे पहले हुई दुर्घटनाओं में पहले ही लोग भी लोग अपनी जान गंवा चुके हैं
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , दुर्घटनाओं के मामले में राज्य की सभी सड़कों का यही हाल है । उन्होंने बताया कि , केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्य मार्ग मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन औसतन राज्य के तीन लोग सड़क हादसे में अपनी जानें गवां रहे हैं । नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , पिछले कुछ सालों के सड़क दुर्घटना के आंकड़े बहुत ही चिंतनीय हैं । उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में 1352 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिनमें 867 लोगों की मौत हुई और 1457 लोग घायल हुए। साल 2020 में 1041 हादसों में 674 मौत और 854 घायल हुए , वर्ष 2021 में उत्तराखंड में 1405 हादसों में 820 लोगों की जान गई और 1091 लोग घायल हुए । कुल मिलाकर राज्य में पिछले चार सालों में सड़क हादसों में 3403 लोगों ने जान गंवाई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , रिपोर्ट के अनुसार सड़क हादसों का कारण खराब सड़कें हैं ।
उन्होंने कहा कि , उत्तराखंड में सड़कों की बदहाल हालत से न केवल आम लोगों को हर दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है बल्कि जान भी गंवानी पड़ रही है । उन्होंने कहा कि , खस्ता हाल सड़कों के पीछे कारण प्रदेश में चरम पर पंहुच गया भ्रष्टाचार है । उन्होंने साफ किया कि , राज्य में सड़क निर्माण सेक्टर को सत्ता दल और अधिकारियों ने दुधारू गाय समझ लिया है । इन विभागों में कमीशन खोरी चरम पर है इसलिए सड़क निर्माण का पैसा सत्ता दल के नेताओं और अधिकारियों की जेबों में जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , मुख्यमंत्री , शासन और प्रशासन भले ही प्रदेश की सड़कों को को गड्ढा मुक्त करने के लाख दावे करें लेकिन सच्चाई जनता अपनी आंखों से देख रही है । उन्होंने कहा कि , उत्तराखंड की सड़कें गड्ढा मुक्त होने के बजाय गड्ढा युक्त होती जा रही हैं और दिन- प्रतिदिन प्रदेश की सड़कों पर सफर करना आम नागरिकों के लिए जोखिम भरा साबित होता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सड़कों के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब आम जनता को सड़क मार्ग से सफर करने में डर लगने लगा है।
आर्य ने आरोप लगाया कि , भाजपा चुनाव में तो डबल इंजन का वायदा करके भले ही सत्ता हासिल कर ले लेकिन हकीकत में उत्तराखंड में विकास का सिंगल इंजन भी काम नहीं कर रहा है । नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जनता देख रही है कि , सरकार सड़कों के गड्ढे भरना तो दूर सड़को के किनारे की झाड़ियों का कटान तक नहीं करा पा रही है ।
उन्होंने कहा कि खराब सड़कों के कारण आम नागरिकों का समय , धन व संसाधन भी लगातार नष्ट हो रहा है। जो गाड़ी पांच साल चलनी होती है वह गाड़ी दो साल में कंडम हो रही है और जो सफर एक घंटे में पूरा होना था उसके लिए तीन-तीन घंटे लग रहे हैं। और जिस सफर के लिए एक लीटर इंधन फूंका जाना है, उस सफर के लिए तीन-तीन लीटर इंधन मजबूरी में फूंका जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , बदहाल सड़कें, मस्त सरकार , बेपरवाह व्यवस्था , अफसरशाही की मौज और जनता की मौत यही उत्तराखंड की सच्चाई बन चुकी है । प्रश्न ये है कि , राज्य में दुर्घटनाओं में हो रही मौतों का जिम्मेदार कौन है – बदहाल सड़के , निष्क्रिय सरकार या लापरवाह अधिकारी ?

विधायक गैरोला ने लच्छीवाला नेचर पार्क को भेंट किये 25 कूड़ा उठान ठेले

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देहरादून (डोईवाला), पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत लच्छीवाला नेचर पार्क में संस्था शिवालिक ऐजुकेशनल सोसल वेलफेयर ह्यूमन रिसोर्स सोसोयटी के माध्यम से ओएनजीसी द्वारा दिये गये कूड़ा उठान ठेले का वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में डोईवाला विभानसभा के विधायक बृजभूषण गैरोला ने मुख्य अतिथि के रूप में शिकरत की। आज लच्छीवाला नेचर पार्क में एक सादे कार्यक्रम में डोईवाला विधानसभा के विधायक बृजभूषण गैरोला ने 25 हाथ कूड़ा ठेले लक्ष्छीवाला वन रेंज के रैजर एंवम प्रभारी घनानन्द उनियाल को भेट किये।
इस अवसर पर विधायक बृजभूषण गैरोला ने कहा कि स्वच्छता मिशन को लेकर देश की महारत कम्पनी ओएनजीसी अपने निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के माध्यम पिछले कई समय से सकारात्मक कार्य करती आ रही है, जिसके अन्तर्गत लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और अपने क्षेत्र को साफ और सुन्दर बनाये रखना है। उन्होने कहा कि इसी कड़ी में ओएनजीसी द्वारा नगर निगम देहरादून को भी 100 हाथ कूड़ा उठान ठेले प्रदान किये गये है साथ ही मालसी डियर पार्क को भी 25 हाथ कूड़ा उठान ठेला दिया जाना है। इसके साथ ही विधायक श्री बृजभूषण गैरोला ने क्षेत्रीय लोगों के साथ नेचर पार्क में सफाई अभियान चला कर पार्क को साफ सुथरा रखने का अवाहन किया। इस दौरान उन्होने पर्यटकों की सुविधाओ को लेकर पार्क का भम्रण भी किया और कहा कि ओएनजीसी ने पहले भी पार्क के सौद्वीकरण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की है और भविष्य में भी सहयोग की अपेक्षा है

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पार्क के मुख्य द्वार पर आयोजित हाथ ठेला वितरण कार्यक्रम में संस्था शिवालिक ऐजुकेशनल सोसल वेलफेयर ह्यूमन रिसोर्स सोसायटी के सचिव उत्तम सिंह रावत, कुलदीप सिंह नेगी, घनानन्द उनियाल, ओएनजीसी के पूर्व अधिकारी विनय कुमार सावन, एल मोहन लखेड़ा, वन विभाग के कर्मचारी राजेन्द्र सिंह, चण्डी उनियाल, क्षेत्रीय सभासद ईश्वर सिंह रौतोण, हरिश सिंह, गिरिश मलवाल, मनमोहन ढोडियाल, भाजपा मण्डल अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह नेगी, मण्डल मंत्री गणेश रावत, पूर्व प्रधान लक्ष्छीवाला गीता सावन, जिला मंत्री डोईवाला उषा कोठारी, मंडल अध्यक्ष सुन्दर लोदी, उपस्थित रहे।May be an image of 14 people and text