Thursday, May 15, 2025
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गेस्ट हाउस में चल रहे सेक्स रैकेट का पर्दाफाश

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-पुलिस और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने  किया   चार महिलाओं समेत 7 लोग गिरफ्तार

हरिद्वार(आरएनएस)।   हरिद्वार के नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित ऋषिकुल केगेस्ट हाउस में पुलिस और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने छापा मारकर सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है।  पुलिस ने मौके से चार महिलाओं समेत 7 लोगों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा है।  साथ ही मौके से टीम को आपत्तिजनक चीजें भी बरामद हुई हैं।  पुलिस और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम सभी को हिरासत में लेकर चौकी ले गई, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।  वहीं, गेस्ट हाउस के रजिस्टर में किसी की भी एंट्री नहीं की गई थी।पुलिस के अनुसार, शनिवार की सुबह सूचना मिली थी ऋषिकुल मेंगेस्ट हाउस में कुछ महिलाएं और युवक गलत कार्य कर रहे हैं।  इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छापा मारा।  जहां एक तीन कमरों में तीन महिलायें और 4 पुरुष रंग रलियाँ  मनाते हुए पकड़े गए।  जिनको पकड़ने के बाद टीम ने लिखा पढ़ी की कार्रवाई की।  इसके बाद सभी को लेकर टीम मायापुर चौकी रवाना हो गई।  बताया जा रहा कि हिरासत में ली गई सभी महिलाएं हरिद्वार के ही एक ही इलाके की निवासी हैं।  जबकि पुरुष भी हरिद्वार के रहने वाले हैं।  कोतवाली प्रभारी भावना कैंथोला ने बताया कि फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।  जांच चल रही है।  जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। “

राज्य में लागू हुई नई स्क्रैप नीति : स्क्रैपिंग केंद्र खोलने के लिए मांगे जा रहे आवेदन

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देहरादून, राज्य में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सरकार ने स्क्रैप नीति लागू कर दी, जिसके तहत अब पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने पर वाहन स्वामी को नए वाहन के पंजीकरण पर अधिकतम 50 हजार रुपये तक की छूट दी जाएगी। यह छूट निजी वाहनों पर मान्य होगी। वहीं, पुराने व्यावसायिक वाहनों को स्क्रैप कराने पर नए व्यावसायिक वाहन के वार्षिक कर में आठ वर्ष तक 15 प्रतिशत की छूट की जाएगी।
केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने को प्रदेश सरकार की ओर से परिवहन विभाग की स्क्रैप नीति को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पिछले दिनों स्वीकृति दे दी गई थी। अब शासनादेश जारी होने के बाद यह नीति प्रदेश में लागू हो गई है।

नई स्क्रैप नीति के अनुसार प्रदेश में अब सरकारी वाहन 15 वर्ष बाद चलन से बाहर होकर स्क्रैप घोषित कर दिए जाएंगे। इनके अलावा यदि कोई निजी वाहन स्वामी अपने वाहन को स्क्रैप (कबाड़) घोषित करता है तो उसे नए वाहन के पंजीकरण कर में 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रुपये तक की छूट दी जाएगी।
एक अनुमान के मुताबिक, प्रदेश में ऐसे 5200 सरकारी वाहन हैं, जिन्हें स्क्रैप घोषित किया जाना है। साथ ही पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने के लिए निजी वाहन स्वामियों को भी प्रोत्साहित करने की योजना के अंतर्गत निजी वाहन स्वामियों को वाहन स्क्रैप करने पर पंजीकरण में 25 प्रतिशत की छूट अथवा 50 हजार की राशि, जो कम हो, वह दी जाएगी, इस नीति के लागू होने के बाद सरकार की ओर से स्क्रैपिंग केंद्र खोलने के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं। वर्तमान में रुड़की में एक केंद्र को उत्तराखंड में पंजीकृत किया गया है। निजी वाहन स्क्रैप कराने पर नए निजी वाहन पर ही छूट का लाभ मिलेगा। यदि, कोई वाहन स्वामी व्यावसायिक वाहन स्क्रैप कराकर नए निजी वाहन पर छूट का लाभ लेना चाहता है तो यह मान्य नहीं होगा। व्यावसायिक वाहनों को स्क्रैप करने पर दो तरह से छूट मिलेगी। यदि 20 साल पुराने यानी वर्ष 2003 से पहले पंजीकृत व्यावसायिक वाहन को स्क्रैप किया जाता है तो बकाया कर व जुर्माने में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। यदि 15 से 20 वर्ष पुराने यानी वर्ष 2003 से 2008 तक पंजीकृत व्यावसायिक वाहन को स्क्रैप किया जाता है तो बकाया कर में 50 प्रतिशत, जबकि जुर्माने में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
वहीं वर्ष 2008 के बाद पंजीकृत हुए व्यावसायिक वाहन को स्क्रैप किया जाता है तो केवल बकाया कर के जुर्माने में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। बकाया कर व जुर्माने में छूट का लाभ केवल 31 अक्टूबर 2024 तक मान्य होगा। वाहन स्क्रैप कराने और नए वाहन के पंजीकरण पर छूट पाने के लिए वाहन स्वामी को 20 दिन के भीतर पंजीकृत स्क्रैपिंग केंद्र से प्रमाण-पत्र लेकर परिवहन कार्यालय में जमा कराना होगा।

राज्य में दुर्घटनाओं में हो रही मौतों का जिम्मेदार कौन है..? बदहाल सड़के , निष्क्रिय सरकार या लापरवाह अधिकारी : यशपाल आर्य

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देहरादून, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखण्ड़ विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य में लगातार बढ़ते सड़क हादसे चिंता का विषय बनते जा रहे हैं । नेता प्रतिपक्ष ने नैनीताल में ओखलकांडा विकासखंड के अधौड़ा- मिडार मोटर मार्ग पर एक टैक्सी वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर 8 लोगों के अकस्मात निधन एवं कुछ लोगों के घायल होने के बाद मौके पर जाकर वस्तुस्थिति देखने के बाद मीडिया के सामने ये विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि इस मोटर मार्ग पर यह दुर्घटना पहली दुर्घटना नहीं है इससे पहले हुई दुर्घटनाओं में पहले ही लोग भी लोग अपनी जान गंवा चुके हैं
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , दुर्घटनाओं के मामले में राज्य की सभी सड़कों का यही हाल है । उन्होंने बताया कि , केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्य मार्ग मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन औसतन राज्य के तीन लोग सड़क हादसे में अपनी जानें गवां रहे हैं । नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , पिछले कुछ सालों के सड़क दुर्घटना के आंकड़े बहुत ही चिंतनीय हैं । उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में 1352 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिनमें 867 लोगों की मौत हुई और 1457 लोग घायल हुए। साल 2020 में 1041 हादसों में 674 मौत और 854 घायल हुए , वर्ष 2021 में उत्तराखंड में 1405 हादसों में 820 लोगों की जान गई और 1091 लोग घायल हुए । कुल मिलाकर राज्य में पिछले चार सालों में सड़क हादसों में 3403 लोगों ने जान गंवाई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , रिपोर्ट के अनुसार सड़क हादसों का कारण खराब सड़कें हैं ।
उन्होंने कहा कि , उत्तराखंड में सड़कों की बदहाल हालत से न केवल आम लोगों को हर दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है बल्कि जान भी गंवानी पड़ रही है । उन्होंने कहा कि , खस्ता हाल सड़कों के पीछे कारण प्रदेश में चरम पर पंहुच गया भ्रष्टाचार है । उन्होंने साफ किया कि , राज्य में सड़क निर्माण सेक्टर को सत्ता दल और अधिकारियों ने दुधारू गाय समझ लिया है । इन विभागों में कमीशन खोरी चरम पर है इसलिए सड़क निर्माण का पैसा सत्ता दल के नेताओं और अधिकारियों की जेबों में जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , मुख्यमंत्री , शासन और प्रशासन भले ही प्रदेश की सड़कों को को गड्ढा मुक्त करने के लाख दावे करें लेकिन सच्चाई जनता अपनी आंखों से देख रही है । उन्होंने कहा कि , उत्तराखंड की सड़कें गड्ढा मुक्त होने के बजाय गड्ढा युक्त होती जा रही हैं और दिन- प्रतिदिन प्रदेश की सड़कों पर सफर करना आम नागरिकों के लिए जोखिम भरा साबित होता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सड़कों के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब आम जनता को सड़क मार्ग से सफर करने में डर लगने लगा है।
आर्य ने आरोप लगाया कि , भाजपा चुनाव में तो डबल इंजन का वायदा करके भले ही सत्ता हासिल कर ले लेकिन हकीकत में उत्तराखंड में विकास का सिंगल इंजन भी काम नहीं कर रहा है । नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जनता देख रही है कि , सरकार सड़कों के गड्ढे भरना तो दूर सड़को के किनारे की झाड़ियों का कटान तक नहीं करा पा रही है ।
उन्होंने कहा कि खराब सड़कों के कारण आम नागरिकों का समय , धन व संसाधन भी लगातार नष्ट हो रहा है। जो गाड़ी पांच साल चलनी होती है वह गाड़ी दो साल में कंडम हो रही है और जो सफर एक घंटे में पूरा होना था उसके लिए तीन-तीन घंटे लग रहे हैं। और जिस सफर के लिए एक लीटर इंधन फूंका जाना है, उस सफर के लिए तीन-तीन लीटर इंधन मजबूरी में फूंका जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , बदहाल सड़कें, मस्त सरकार , बेपरवाह व्यवस्था , अफसरशाही की मौज और जनता की मौत यही उत्तराखंड की सच्चाई बन चुकी है । प्रश्न ये है कि , राज्य में दुर्घटनाओं में हो रही मौतों का जिम्मेदार कौन है – बदहाल सड़के , निष्क्रिय सरकार या लापरवाह अधिकारी ?

विधायक गैरोला ने लच्छीवाला नेचर पार्क को भेंट किये 25 कूड़ा उठान ठेले

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देहरादून (डोईवाला), पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत लच्छीवाला नेचर पार्क में संस्था शिवालिक ऐजुकेशनल सोसल वेलफेयर ह्यूमन रिसोर्स सोसोयटी के माध्यम से ओएनजीसी द्वारा दिये गये कूड़ा उठान ठेले का वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में डोईवाला विभानसभा के विधायक बृजभूषण गैरोला ने मुख्य अतिथि के रूप में शिकरत की। आज लच्छीवाला नेचर पार्क में एक सादे कार्यक्रम में डोईवाला विधानसभा के विधायक बृजभूषण गैरोला ने 25 हाथ कूड़ा ठेले लक्ष्छीवाला वन रेंज के रैजर एंवम प्रभारी घनानन्द उनियाल को भेट किये।
इस अवसर पर विधायक बृजभूषण गैरोला ने कहा कि स्वच्छता मिशन को लेकर देश की महारत कम्पनी ओएनजीसी अपने निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के माध्यम पिछले कई समय से सकारात्मक कार्य करती आ रही है, जिसके अन्तर्गत लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और अपने क्षेत्र को साफ और सुन्दर बनाये रखना है। उन्होने कहा कि इसी कड़ी में ओएनजीसी द्वारा नगर निगम देहरादून को भी 100 हाथ कूड़ा उठान ठेले प्रदान किये गये है साथ ही मालसी डियर पार्क को भी 25 हाथ कूड़ा उठान ठेला दिया जाना है। इसके साथ ही विधायक श्री बृजभूषण गैरोला ने क्षेत्रीय लोगों के साथ नेचर पार्क में सफाई अभियान चला कर पार्क को साफ सुथरा रखने का अवाहन किया। इस दौरान उन्होने पर्यटकों की सुविधाओ को लेकर पार्क का भम्रण भी किया और कहा कि ओएनजीसी ने पहले भी पार्क के सौद्वीकरण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की है और भविष्य में भी सहयोग की अपेक्षा है

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पार्क के मुख्य द्वार पर आयोजित हाथ ठेला वितरण कार्यक्रम में संस्था शिवालिक ऐजुकेशनल सोसल वेलफेयर ह्यूमन रिसोर्स सोसायटी के सचिव उत्तम सिंह रावत, कुलदीप सिंह नेगी, घनानन्द उनियाल, ओएनजीसी के पूर्व अधिकारी विनय कुमार सावन, एल मोहन लखेड़ा, वन विभाग के कर्मचारी राजेन्द्र सिंह, चण्डी उनियाल, क्षेत्रीय सभासद ईश्वर सिंह रौतोण, हरिश सिंह, गिरिश मलवाल, मनमोहन ढोडियाल, भाजपा मण्डल अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह नेगी, मण्डल मंत्री गणेश रावत, पूर्व प्रधान लक्ष्छीवाला गीता सावन, जिला मंत्री डोईवाला उषा कोठारी, मंडल अध्यक्ष सुन्दर लोदी, उपस्थित रहे।May be an image of 14 people and text

बेरहम बेटे ने अपनी ही मां को उतार डाला मौत के घाट

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देहरादून, एक बेटे ने अपनी मां की ममता को मौत दे दी, मामला जनपद देहरादून के डालनवाला थाना क्षेत्र से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आ रहा है। दरअसल देहरादून डालनवाला थाना क्षेत्र में सीओ के बेटे ने अपनी मां ही की हत्या कर दी। पुलिस ने बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। देहरादून डालनवाला थाना क्षेत्र में यूपी पुलिस के सीओ की पत्नी की हत्या हो गई। सीओ के बेटे ने ही अपनी मां को लोहे की रॉड से वार कर मार डाला। पुलिस ने सीओ के बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। हादसे के बाद से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। डालनवाला के बलबीर रोड स्थित जजेज कॉलोनी की भागीरथी एनक्लेव में हुई इस घटना से हर कोई अंचभित है। यहां पर सीओ मलखान सिंह का मकान है। सिंह इस वक्त मुरादाबाद में तैनात हैं। उन्होंने अपनी पत्नी बबीता (55) को फोन किया तो फोन नहीं उठा। उन्होंने पड़ोसियों को फोन किया तो वह भी घर पर कुछ नहीं देख पाए। इसके बाद मलखान सिंह खुद घर पर आ गए। उन्होंने दरवाजा खुलवाया तो उनके बेटे आदित्य ने दरवाजा खोला। देखा कि बाहर वाले बेडरूम में पत्नी बबीता की खून से लथपथ लाश पड़ी है। आदित्य की भी हाथ की नश काटी हुई थी। मलखान सिंह को समझते देर न लगी कि उनके बेटे ने ही हत्या की है। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। अब पुलिस की जांच ही बता पायेगी कि आखिर बेटे ऐसा कदम क्यों उठाया |

क्रिकेट विश्व कप मैच देखने अहमदाबाद जाएंगे पीएम मोदी, ऑस्ट्रेलियाई पीएम को भी मैच देखने का न्योता

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नई दिल्ली, रविवार को भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के रोमांचक मुकाबले को देखने के लिए पीएम मोदी भी अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहुंच सकते हैं। न्यूज़18 क्रिकेटनेक्स्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य अतिथि होने की संभावना है। साथ ही टीम इंडिया के विश्व कप विजेता कप्तान एमएस धोनी और कपिल देव के भी मैच की शोभा बढ़ाने की संभावना है।

इस विश्व कप में भारत के मैचों में लगातार भाग लेने वाले सचिन तेंदुलकर के खिताबी मुकाबले के लिए भी स्टैंड में मौजूद रहने की उम्मीद है। प्रमुख राजनेताओं, पूर्व क्रिकेटरों और वर्तमान खिलाड़ियों के परिवारों के अलावा, बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) और आईसीसी (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) का पूरा शीर्ष नेतृत्व इस आयोजन की शोभा बढ़ाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त, विभिन्न राज्य संघों के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर अहमदाबाद में मौजूद रहेंगे।
अब तक ऑस्ट्रेलियाई पीएम को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया का वर्ल्ड कप मुकाबला देखने के लिए भारत सरकार की ओर से ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को न्योता भेजा गया है। इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी पीएम को भी न्योता गया है और माना जा रहा है कि ये दोनों मैच देखने अहमदाबाद आएंगे।
गुरुवार को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में दूसरे सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को तीन विकेट से हराने के बाद विश्व कप 2023 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना भारत से होगा। 19 नंवबर, रविवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ट्रॉफी की जंग होगी।

मैडल लाओ नौकरी पाओ, क्योंकि खेलेगा उत्तराखंड तो आगे बढ़ेगा उत्तराखंड, खेल बनेगा करियर : रेखा आर्या

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-आउट ऑफ टर्न जॉब के लिए निकली विज्ञप्ति, अंतिम तिथि 18 दिसम्बर

-आउट ऑफ टर्न जॉब होगी प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए होगी मील का पत्थर साबित : रेखा आर्या

-खेल और खिलाड़ियो के लिए सरकार व विभाग लगातार कर रहा काम,नही किया जाएगा समझौता

-खेल नीति- 2021 “आउट ऑफ टर्न” सरकार की है अभूतपूर्व उपलब्धि : रेखा आर्या

देहरादून, उत्तराखंड के समस्त खिलाड़ियों के लिए यह बेहद खुशी का दिन है कि आज हमारे खिलाडी जिन्होंने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल किए है उन्हें हम सरकारी नौकरी में स्थान दे। ऐसे में यह कहते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि हमारे खिलाड़ी देश व प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रहे हैं। हम अपने ऐसे खिलाड़ियो को नौकरी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और आज जारी हुई विज्ञप्ति के माध्यम से वह सभी अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।
वहीं खेल मंत्री ने बताया कि आउट ऑफ टर्न जॉब का जिओ जारी होने पर कहा कि निश्चित ही राज्य के ऐसे खिलाड़ी जो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पदक ला रहे हैं उन्हें आउट ऑफ टर्न जॉब के माध्यम से नौकरी मिलेगी।कहा कि राज्य सरकार लगातार खेल को बढ़ावा देने व खिलाड़ियो को प्रोत्साहन के लिए काम कर रही है।हमारी कोशिश है कि हम खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करे।खेल और खिलाड़ियों के हितों के लिए कई निर्णय लिए जा रहे है।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने जानकारी देते हुए बताया कि खेल नीति, 2021 के अन्तर्गत, अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को उत्तराखण्ड में राजपत्रित/ अराजपत्रित पदों पर आउट ऑफ टर्न सेवायोजन प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया था जिसका की सरकार द्वारा सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
आपको बता दें कि वर्तमान में उत्तराखण्ड राज्य के खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सेवायोजन की अभी तक कोई व्यवस्था निर्धारित नहीं थी, जबकि वर्तमान में कई राज्यों द्वारा खिलाड़ियों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक जीतने पर सीधे सेवायोजित किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप उत्तराखण्ड के प्रतिभावान खिलाड़ी, जिन्होने पूर्व में पदक प्राप्त किये है अथवा वर्तमान में पदक प्राप्त कर रहे है व अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिये अन्य राज्यों में सेवायोजन प्राप्त कर रहे है और उन्हीं राज्य का विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व भी कर रहे है। जिसके कारण उत्तराखण्ड राज्य खेल प्रतिभाओं के होने के बावजूद, अन्य राज्यों से पिछड़ गया था।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा राज्य के सभी प्रतिभावान खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर अहम फैसला लिया गया है जो कि अपने आप मे एक अभूतपूर्व उपलब्धि है।

वहीं खेलमंत्री रेखा आर्य ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए धन्यवाद प्रकट करते हुए आभार जताया है, और सभी खिलाड़ियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी |

 

डा० शैलेन्द्र प्रकाश मघवाल को सेन्ट्रल अमेरिका विश्वविद्यालय ने डॉक्टर ऑफ साइन्स की उपाधि से नवाजा

देहरादून, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल (लैन्सडाउन) में रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत प्रो० (डा०) शैलेन्द्र प्रकाश मधवाल को रसायन विज्ञान में उत्कृष्ट शोध हेतु सेन्ट्रल अमेरिका विश्वविद्यालय अमेरिका ने अपने सर्वोच्च सम्मान ऑनरेरी डाक्टर ऑफ साइन्स (डीएससी) की उपाधि प्रदान की है। इससे पूर्व डा० शैलेन्द्र प्रकाश मधवाल को साउथ अमेरिका विश्वविद्यालय अमेरिका द्वारा वर्ष 2016 में ऑनरेरी डॉक्टर ऑफ लैटर्स (डी० लिट0) की उपाधि प्रदान की थी।
इससे पूर्व डा० मधवाल को ऐशिया पेसिफिक इन्टरनेशनल आवर्ड ज्वैल ऑफ इंडिया अवार्ड, विद्या स्त्न गोल्ड मेडल अवार्ड, राष्ट्रीय विद्या सरस्वती पुरस्कार, गोल्ड स्टार ऐशिया इन्टरनेशनल अवार्ड, लाइफ टाइम अचीवमेन्ट अवार्ड, भूतपूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत सरकार मे०ज० (सेवा निवृत) भुवन चंद्र खन्डूरी द्वारा प्राईड ऑफ उत्तराखण्ड भी दिया जा चुका है एवं अभी हाल ही में श्रीमति रितु भूषण खन्डूरी विधानसभा अध्यक्षा उत्तराखण्ड शासन द्वारा डिस्कवर उत्तराखण्ड 24 के बैनर तले उत्तराखण्ड गौरव रत्न अवार्ड 2022 भी प्राप्त हुआ है। मधवाल ने अपनी डॉक्टरेट रसायन विज्ञान में आरएसडी शोध/ड्रग्स में की है। डा० मधवाल के कई शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं।
डा० मघवाल ने ऐसे यौगिकों का शोध किया, जो पोटेंशियल बॉयोलॉजिकल एक्टिविटी के साथ एंटीमाइक्रोबियल, एंटीफंगल एवं ऐंटी ट्यूमर इनहिबिटरी एक्टिविटी रखते हैं। कामवाल कई राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय विज्ञान-एजेन्सी के फैलो मेम्बर है।

 

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिए निर्देश, राजस्व बकायेदारों के नाम अखबारों में छपवाएं

हरिद्वार, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राजस्व के बड़े बकायेदारों के नाम अखबारों में छपवाए जाएं तथा राजस्व के लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए। जिलाधिकारी ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में राजस्व सहित अन्य विभागों की समीक्षा बैठक ली।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि एसडीएम व तहसीलदार कोर्ट आदि में राजस्व से सम्बन्धित लम्बित प्रकरणों को देखते हुये यह प्रतीत हो रहा है कि संबंधित कार्मिक कोर्ट को समय कम दे रहे हैं। उन्होंने कहा जो प्रकरण लम्बित हैं, अधिक से अधिक समय देते हुये उनका निस्तारण तेजी से करना सुनिश्चित करें। रूटीन के जो काम हैं, वे नियमित रूप से हों तथा आवश्यक बैठकें अपराह्न 3.00 बजे के बाद की जाएं।
बैठक में चकबन्दी से जुड़े हुए कुछ अधिकारियों के अनुपस्थित पाये जाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी प्रकट की तथा उनका स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिये। बैठक में वसूली का विवरण लेते हुये उन्होंने निर्देश दिये कि जो बड़े 10 बकायेदार हैं, उनका पूरा विवरण एक डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित किया जाये तथा उस विवरण को समाचार पत्रों आदि में भी प्रकाशित कराया जाये।

वार्षिक खतौनी के बारे में सन्तोषजनक उत्तर न मिलने पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि रोस्टर बनाकर 15 दिन के भीतर खतौनी तैयार की जाएं तथा जब तक खतौनी बन नहीं जाती है, तब तक लेखपालों का वेतन आहरण न किया जाये।
बैठक में जिलाधिकारी ने गुण्डा ऐक्ट, सीनियर सिटीजन के प्रकरण, भरण-पोषण के मामले, शत्रु सम्पत्ति, आडिट आपत्ति, भगवानपुर में तहसील भवन का निर्माण, विभागीय कार्रवाई, पदोन्नति, पेंशन, सेवा का अधिकार, मजिस्ट्रियल जांच आदि की समीक्षा की।

 

खास खबर : प्रदेश के सूचना अधिकारियों के हुए तबादले

देहरादून, राज्य सरकार ने सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग उत्तराखण्ड के अधीन जिला सूचना कार्यालयों में कार्यरत कार्मिकों के तबादले कर दिए गए है।
जिला सूचना अधिकारी गोविंद सिंह को बागेश्वर से जिला सूचना कार्यालय पिथौरागढ़, जिला सूचना अधिकारी जानकी को पिथौरागढ़ से सूचना निदेशालय देहरादून, अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी कृपाल लाल टम्टा को नैनीताल से जिला सूचना कार्यालय पिथौरागढ़, अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी सुरेश कुमार को उत्तरकाशी से जिला सूचना कार्यालय बागेश्वर और कनिष्ठ सहायक सुरेंद्र कुमार को पिथौरागढ़ से जिला सूचना कार्यालय नैनीताल भेजा गया है।

सिलक्यारा टनल : 100 घंटों से ज्यादा समय से फंसे हुए हैं 40 मजदूर, अब बिगड़ने लगी तबीयत

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उत्तरकाशी , जिले की सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे हुए सात राज्यों के 40 मजदूरों को 100 घंटे पूरे हो गए हैं। लेकिन अभी तक राज्य सरकार उनको सुरक्षित निकालने की कवायद में ही जुटी है, यह बहुत बड़ा प्रश्न सरकार के पाले में खड़ा है क्या इस आधुनिक तकनीकी के इस युग में यह कैसी विडम्बना है कि हम अभी तक सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर नहीं निकाल पाये, इधर एक के बाद नयी तकनीक की तैयारी की जा रही है सरकारी नुमाइंदे भी श्रमिकों के सकुशल होने की सूचना दे रहे हैं, भगवान करे कि फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हो, लेकिन सवाल उठना लाजिमी है कि क्यों हुयी यह घटना, कौन है इसका जिम्मेदार ? इस पर सरकार भी मौन है | वहीं घटना स्थल पर सेना, एसडीआरएफ और अन्य बचावकर्मियों की टीम बचाव अभियान में जुटी हुई है। अब तो टनल में फंसे मजदूरों की तबीयत बिगड़ना शुरू हो गई है। मजदूरों ने सिर दर्ज, पेट दर्ज और उल्टी जैसी बीमारियों की शिकायतें की हैं। हालांकि मजदूरों को स्वस्थ्य रहने के लिए पतली पाइप की मदद से सुरंग के अंदर जरूरी दवाइयां, ड्राइ फ्रूट्स, मल्टीविटामिन, जैसे सामान पहुंचाए जा रहे हैं।
वहीं प्रशासन टनल के बाहर एक 6 बेड वाला अस्थायी अस्पताल का भी सेटअप किया गया है और गंभीर मामलों को ऋषिकेश एम्स भेजने के भी इंतेजाम किए गए हैं। बता दें कि सुरंग के प्रदेश द्वार से लगभग 200 मीटर अंदर मजदूर फंसे हुए हैं और सुरंग द्वार पर 50 मीटर तक मलवा पड़ा हुआ है, जिसकी वजह से बचावकर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गेट से मलवे को हटाने के लिए दिल्ली से कई अत्याधुनिक मशीने मंगाई गई हैं।

 

सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन ने 21 मीटर तक की ड्रीलिंग, श्रमिकों के सुरंग से जल्द निकलने की उम्मीद बढ़ी

उत्तरकाशी, जनपद के सिलक्यारा सुरंग में नई और शक्तिशाली ऑगर मशीन ने शुक्रवार सुबह तक 21 मीटर मलबे को भेद दिया जिससे पिछले पांच दिनों से अधिक समय से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों के जल्द बाहर आने की उम्मीद बढ़ गयी है। सिलक्यारा में बने उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, सुरंग में जमा मलबे में सुबह छह बजे तक 21 मीटर की दूरी तक ‘ड्रिलिंग’ हो चुकी है । सुरंग में 45 से 60 मीटर तक मलबा जमा है जिसमें ड्रिलिंग की जानी है। योजना यह है कि ड्रिलिंग के जरिए मलबे में रास्ता बनाते हुए उसमें 800 मिमी और 900 मिमी व्यास के कई बड़े पाइप को एक के बाद एक इस तरह डाला जाएगा कि मलबे के एक ओर से दूसरी ओर तक एक वैकल्पिक सुरंग बन जाए और श्रमिक उसके माध्यम से बाहर आ जाएं। इससे पहले, मंगलवार देर रात एक छोटी ऑगर मशीन से मलबे में ड्रिलिंग शुरू की गयी थी, लेकिन इस दौरान भूस्खलन होने से काम को बीच में रोकना पड़ा था। बाद में वह ऑगर मशीन भी खराब हो गयी थी।
इसके बाद भारतीय वायुसेना के सी-130 हरक्यूलिस विमानों के जरिए 25 टन वजनी बड़ी, अत्याधुनिक और शक्तिशाली अमेरिकी ऑगर मशीन दो हिस्सों में दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गयी जिससे बृहस्पतिवार को दोबारा ड्रिलिंग शुरू की गयी। अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
इसके अलावा श्रमिकों को ऑक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी पाइप के जरिए निरंतर पहुंचाया जा रहा है। श्रमिकों से निरंतर बातचीत जारी है और बीच-बीच में उनकी उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है। उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएस पंवार ने कहा कि सुरंग के पास एक छह बिस्तरों का अस्थाई चिकित्सालय तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि मौके पर 10 एंबुलेंस के साथ कई मेडिकल टीम भी तैनात हैं ताकि श्रमिकों को बाहर निकलने पर उनकी तत्काल चिकित्सकीय मदद दी जा सके। हर मौसम के अनुकूल चारधाम सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर के मुहाने से 270 मीटर अंदर एक हिस्सा रविवार सुबह ढह गया था जिसके बाद से उसमें फंसे 40 श्रमिकों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

एसीएस राधा रतूड़ी ने उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का लिया अपडेट

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देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आज सचिवालय स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष में पहुंचकर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया तथा महत्वपूर्ण निर्देश दिए। एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की अद्यतन स्थिति एवं टनल में फंसे श्रमिकों की कुशलक्षेम की जानकारी ली।
आपदा नियंत्रण कक्ष में सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी को जानकारी दी गई कि ढही हुई सुरंग के 40 मीटर के लिए शॉटक्रेटिंग के साथ खुदाई का कार्य प्रगति पर है। बाएं और दाएं दोनों तरफ शीर्ष से 10 मीटर ऊपर गुहा बन गई है, सुरंग के साथ चिमनी का निर्माण शुरू हो गया है। अतिरिक्त शॉटक्रीट मशीन को आरवीएनएल पैकेज-III से कार्य स्थल पर स्थानांतरित किया गया है। प्राधिकरण अभियंता, टीम लीडर, आरवीएनएल से भूवैज्ञानिक निदेशक, एनएचआईडीसीएल के निदेशक (ए एण्ड एफ), निदेशक (टी) और कार्यकारी निदेशक (टी) और तथा सीजीएम, एनएचएआई के भू-तकनीकी विशेषज्ञों ने ढहने वाली जगह का समय-समय पर दौरा किया है। रात भर और उसके बाद सभी विकल्पों पर विचार किया गया तथा परिणामस्वरूप जो विकल्प कार्यान्वयन के अधीन है उसके तहत अंदर फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए हाइड्रोलिक जैक की मदद से 900 मिमी व्यास वाले एमएस स्टील पाइप को धक्का देना।
अधिकारियों द्वारा एसीएस श्रीमती रतूड़ी को जानकारी दी गई कि सुरंग के अंदर फंसे कार्यबल के पास पानी, भोजन, ऑक्सीजन, बिजली सभी उपलब्ध हैं, छोटे भोजन के पैकेट भी संपीड़ित हवा के साथ एक पाइप के माध्यम से सुरंग के अंदर भेजे गए हैं। श्रमिकों द्वारा खाद्य सामग्री प्राप्त होने की पुष्टि की गई है। श्रमिकों द्वारा बताया गया है कि वे सभी फंसे हुए श्रमिक सुरक्षित हैं। शुक्रवार सुबह 9ः30 बजे तक 22.0 मीटर पाइप पुशिंग का काम पूरा हो चुका है। पांचवें पाइप की पॉजिशनिंग का कार्य प्रगति पर है। स्टील पाइप को सफलतापूर्वक पुश करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा कार्य की प्रगति की निगरानी की जा रही है। एनएचआईडीसीएल के निदेशक (ए एंड एफ), निदेशक (टी), कार्यकारी निदेशक (पी) और बीआरओ, एनएचएआई, आरवीएनएल, राइट्स, भारतीय रेलवे, यूएसबीआरएल, इरकॉन, केआरसीएल, प्राधिकरण के इंजीनियर, मेसर्स नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, एसजेवीएनएल के विशेषज्ञ और डिज़ाइनर मेसर्स बर्नार्ड बचाव अभियान की नज़दीकी निगरानी एवं श्रमिकों की जल्द निकासी के लिए साइट पर मौजूद हैं।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि रेस्क्यू कार्यों में लगी सभी टेक्निकल एंजेसियों को शासन-प्रशासन एवं अधिकारियों द्वारा सभी आवश्यक सहयोग एवं सहायता ससमय उपलब्ध करवायी जानी चाहिए। एसीएस श्रीमती रतूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बचाव कार्यों में लगी एंजेसियों और जिलाधिकारी उत्तरकाशी से निरन्तर अपडेट ले रहे हैं तथा कमिशनर गढ़वाल एवं आईजी गढ़वाल के निरन्तर सम्पर्क में हैं। मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई केंद्रीय एजेंसियों की टीम की हौसला अफजाई की है । केन्द्र सरकार के स्तर से भी रेस्क्यू ऑपरेशन की निरन्तर निगरानी की जा रही है तथा राज्य सरकार को पूरा सहयोग मिल रहा है।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग 20 नवम्बर को टिहरी जनपद में मनायेगा बाल दिवस

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देहरादून, मीडिया सेंटर सचिवालय परिसर में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना की अध्यक्षता में पत्रकारों के साथ प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
प्रेस वार्ता का आयोजन दो वर्ष के कार्यकाल में आयोग में अपने अनुभव, उपलब्धियों व चुनौतियों को मीडिया के साथ साझा करने के उद्देश्य से किया गया। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा० गीता खन्ना ने बताया कि आयोग में उनके द्वारा लगभग दो वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। इस अंतराल में बच्चों के हितों व उनके अधिकारों को संरक्षित करने के लिए उनके द्वारा अथक प्रयास किये गये।

उपलब्धियां :
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के साथ एक सुन्दर सम्बन्ध और सहयोग की दृष्टि से हमने बच्चों के अधिकारों के संरक्षण हेतु प्रयासरत रहे। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा सभी प्रादेशिक कार्यक्रमों में व आयोजित सभी कार्यशालाओं में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर उत्कृष्ट कार्य करने का प्रयास किया गया है।
भारत सरकार, सुप्रीम कोर्ट और अन्य सभी शीर्ष द्वारा आयोजित बैठकों में आयोग ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी में अपना संवाद स्थापित कर आयोग के अनुरोध पर एक स्टेट स्टेकहोल्डर मीट की है और लगातार आभासी बैठक के माध्यम से व प्रशासन और आयोग के मार्गदर्शन का कार्य कर रहे है।
आयोग में अध्यक्ष पद पर निष्ठावान रूप से पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करने में आयोग के सदस्यों द्वारा जनपद स्तर पर सहयोग प्रदान किया जाता रहा है। माह जनवरी, 2022 में आयोग में अध्यक्ष पद ग्रहण करने के उपरान्त मेरा उद्देश्य राज्य स्तर पर बच्चों के अधिकारों व उनके साथ हो रहे उत्पीड़न को रोकने व इस प्रकार के कृत्य की पुर्नवृति रोकना रहा है।
आयोग द्वारा माह अप्रैल, 2023 को आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास हेतु डी०एम०एम०सी०, सभागार सचिवालय परिसर, देहरादून में राज्य में भूकंप, भूस्खलन व आगजनी जैसी आपदाओं आदि से बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत विभाग की तैयारियों एंव दिशा निर्देशों पर बैठक का आयोजन किया गया।
विद्यालयों/ शिक्षण संस्थों के अंतर्गत आने वाले शिक्षण संस्थानों में बच्चों के अधिकारों के हनन से सम्बन्धित मामलों में वृद्धि होने के दृष्टिगत माह मई, 2023 को द सेपियंस स्कूल, हरबर्टपुर विकासनगर देहरादून में बैठक की गई। बैठक में विकासनगर क्षेत्र के सभी विद्यालयां शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यों / निर्देशकों / प्रबंधकों से बाल अधिकारों के हनन जैसे सभी गम्भीर विषयों पर वार्ता की गई तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में योजित धाराओं के अंतर्गत नियमानुसार अनुसरण करने हेतु निर्देशित किया गया।
आयोग के सदस्यों के सहयोग से माह मई, 2023 में बाल श्रम एवं बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन तथा पुनर्वास पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें मंत्री श्रीमती रेखा आर्या जी द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर हमारा मनोबल बढाया गया था तथा आयोग द्वारा किये जा रहे उत्कृष्ट कार्य की सराहना की गई।
आयोग द्वारा माह जुलाई, 2023 में इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फण्ड के सहयोग से ऑनलाईन बाल यौन शोषण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें साइबर बुलिंग, हैकिंग, ऑनलाइन बाल यौन शोषण जैसे गम्भीर मुद्दो पर चर्चा की गई। कार्यशाला में पुलिस विभाग द्वारा साइबर क्राइम पर पुलिस स्तर से की जा रही कार्यवाही भी साझा की गई तथा आयोग को हर सम्भव सहायता प्रदान किये जाने का भी आश्वासन दिया गया।

विधान सभा की अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी जी की अनुमति व आयोग के सदस्य श्री विनोद कपरवाण के सहयोग से गैरसैंण विधानसभा परिसर में माह जून, 2023 में आयोग द्वारा चतुर्थ बाल विधानसभा के द्वितीय सत्र का दो दिवसीय आयोजन किया गया, जिसमें विधानसभा की अध्यक्ष महोदया द्वारा बाल विधानसभा के विधायकों से संवाद कर उन्हें विधानसभा की कार्य प्रणाली से अवगत कराया गया तथा विधानसभा का भ्रमण कराया गया व भविष्य में आयोग को बच्चों के हितों में किये जा रहे प्रयासों पर सहयोग प्रदान करने का आश्वासन भी दिया गया।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जनपद नैनीताल के भीमताल में सभी रेखीय विभागों के साथ बैठक की गई, जिसमें सभी विभागों द्वारा प्रतिभाग किया गया। मेरे द्वारा सभी रेखीय विभागों को आयोग के साथ एकजुट होकर बाल अधिकारों व उनके उत्थान व उत्पीड़न पर कार्य किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
आयोग द्वारा सदस्य श्री दीपक गुलाटी व सदस्य श्रीमती सुमन राय के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जनपद ऊधमसिंह नगर में बाल अधिकारों एवं सुरक्षा पर संवेदीकरण व जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें सभी रेखीय विभागों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
आयोग द्वारा समय समय पर प्रतिष्ठित निजी स्कूलों, कोचिंग संस्थानों, एकेडिमिक का औचक निरीक्षण किया गया तथा उनमें नजर में आई कमियों पर स्कूलों, कोचिंग संस्थानों को सुनवाई में आयोग में बुलाया गया।
आयोग द्वारा अनुशिक्षण संस्थान हेतु नियमावली तैयार किये जाने हेतु शासन से संस्तुति की गई।
रेस्क्यू किये गये बाल श्रमिकों के लिये पुनर्वास केन्द्र तैयार किये जाने हेतु शासन को संस्तुति की गई।
रनशे में लिप्त तथा नशा बेचने वाले बच्चों के लिये पुनर्वास केन्द्र तैयार किये जाने हेतु शासन से संस्तुति की गई।
स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा समस्त विभागों से मा० सर्वोच्च न्यायालय के प्रश्नों के उत्तर / सुझाव के क्रम में आयोग द्वारा मिसिंग चिल्ड्रन हेतु सुझाव शासन को प्रेषित किये गये।
मा० उच्च न्यायालय द्वारा जे जे एक्ट तथा पॉक्सो से जुड़े हितधारकों हेतु ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार करने में आयोग द्वारा सहभागिता की गई।
आयोग द्वारा आगामी 20 नवम्बर को टिहरी जनपद में बाल दिवस मनाया जायेगा।