Saturday, June 7, 2025
Home Blog Page 397

9 फेमस क्लब चंडीगढ़ दूसरे विनय विंडलास मेमोरियल बेसबाल क्लब चेम्पियनशिप के फाइनल में

0

देहरादून, खेल परिसर परेडग्राउंड एवं एसजीआर पीजी कॉलेज में खेले गये दूसरे विनय विंडलास मेमोरियल आल इंडिया प्राइज़ मनी क्लब बेसबॉल चैंपियनशिप में चंडीगढ़ ने पूल ए में तीनों मैच जीतकर फाइनल में प्रवेश किया वही दूसरी और ग्रुप बी में फरीदाबाद एवं पंजाब के बीच फाइनल में पहुचने की जंग जारी है
आज का पहला मैच जस्सी क्लब पंजाब और मिशन क्लब चंडीगढ़ के मध्य खेला गया इस मैच में जस्सी क्लब पंजाब की टीम ने मिशन क्लब को 4-1 के स्कोर से हराया क्लब की ओर से अजय कुमार चामकोट सिंह गुरजंट सिंह ने एक एक रन का स्कोर किया मिशन क्लब की ओर से रणजीत ने एक रन बनाया प्रतियोगिता का दूसरा मैच मुंबई रॉकर्स और इंदौर बेसबॉल क्लब के मध्य खेला गया इस मैच में इंदौर बेसबॉल क्लब ने मुंबई रॉकर्स को 6-5 के अंतर से हराया मुंबई रॉकर्स की ओर से धीरज, तुषार, सूरज, योगेश प्रतियोगिता का तीसरा मैच दून स्ट्राइकर बनाम फ़रीदाबाद बेसबॉल क्लब के बीच खेला गया इस मैच का स्कोर दोनों टीमों का 10-10 रहा स्ट्राइकर की या से सुखविंदर हिमांशु सुमित अभिषेक ने दो रन का योगदान दिया प्रतियोगिता का चौथा मैच एनएफसी क्लब चंडीगढ़ और चौधरी क्लब हरियाणा के मध्य खेला गया इस मैच में एनएफसी क्लब चंडीगढ़ ने चौधरी क्लब हरियाणा को 11-0 के अंतर से हराया एनएफसी क्लब चंडीगढ़ की ओर से पंकज, मोहम्मद, पांडे ने एक-एक रन का योगदान दिया पांचवा मैच मुंबई रॉकर्स एवीएन एनएफसी क्लब चंडीगढ़ के मध्य खेला गया जिसमें एनएफसी क्लब ने मुंबई रिकॉर्ड्स को 10-0 के अंतर से हरा दिया प्रतियोगिता का छठ मैच जस्सी क्लब पंजाब और फ़रीदाबाद क्लब के मध्य खेला गया समाचार लिखे जाने तक फ़रीदाबाद क्लब की टीम 8- 6 के स्कोर से आगे चल रही है !
मैच के निर्णायक चिरंजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, सचिन चौधरी,कृष्ण सिंह,केशव गैरोला,विजेंद्र राणा ,पूर्णिमा रावत, वीर बहादुर ,रवि कुमार,अमरजीत सिंह मुन्ना,सिराज अंसारी ,मीनाक्षी पाल रहे , सोमवार को चेम्पियनशिप का फाइनल मुकाबला परेड ग्राउंड खेल परिसर में सुबह 11 बजे से खेला जाएगा !
आज खेले गये मुकाबलों के दौरान यूबीए के संरक्षक यू एन चुल्लू, अध्यक्ष विमल हरनाल, आयोजक सचिव सतीश आंनद, सह सचिव संजीव डोभाल, बृजेन्द्र राणा डी एम लखेड़ा , रविन्द्र मेहता एवं प्रीतम सिंह आदि संघ के लोग उपस्थित थे !

मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए मानक निर्धारित करने हेतु समिति गठित

0

*मूल निवास प्रमाण पत्र पर सरकार का बड़ा फैसला*

*मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था बनाने को सरकार ने उठाया बड़ा कदम अपर मुख्य सचिव वाली समिति को सौंपा जिम्मा*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य के व्यापक हित में पूर्व में गठित भू-कानून समिति की अनुशंसा पर कार्यवाही हेतु शासनादेश सं0 2232 दिनांक 22 दिसम्बर, 2023 द्वारा उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति राज्य सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले भू-कानून के प्रारूप के साथ ही साथ मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में मानकों का निर्धारण करने के संबंध में भी अपनी संस्तुति शासन को उपलब्ध कराएगी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त होने के बाद उसी वर्ष अगस्त माह में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। समिति को राज्य में औद्योगिक विकास कार्यों हेतु भूमि की आवश्यकता तथा राज्य में उपलब्ध भूमि के संरक्षण के मध्य संतुलन को ध्यान में रख कर विकास कार्य प्रभावित न हों, इसको दृष्टिगत रखते हुए विचार – विमर्श कर अपनी संस्तुति सरकार को उपलब्ध कराने को कहा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में गठित समिति द्वारा राज्य के हितबद्ध पक्षकारों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं से सुझाव आमंत्रित कर गहन विचार -विमर्श कर लगभग 80 पृष्ठों में अपनी रिपोर्ट तैयार की थी। इसके अलावा समिति ने सभी जिलाधिकारियों से प्रदेश में अब तक दी गई भूमि क्रय की स्वीकृतियों का विवरण मांग कर उनका परीक्षण भी किया। समिति ने अपनी संस्तुतियों में ऐसे बिंदुओं को सम्मिलित किया है जिससे राज्य में विकास के लिए निवेश बढ़े और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो। साथ ही भूमि का अनावश्यक दुरूपयोग रोकने की भी समिति ने अनुशंसा की है।

*मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके लिये राज्य हित सर्वोपरि है।* राज्यवासियों ने जिस संकल्प के साथ राज्य निर्माण का सपना देखा है उसको पूर्ण करने के लिये वे निरंतर प्रयासरत है। राज्यवासियों का राज्य हित से जुड़ा भू-कानून हो या मूल निवास प्रमाण पत्र का विषय इस दिशा मे राज्य सरकार संजीदगी के साथ राज्यवासियों के साथ है। इसी के दृष्टिगत इन विषयों पर सम्यक रूप से विचार विमर्श कर अपनी सुस्पष्ट संस्तुति राज्य सरकार को उपलब्ध कराने के लिये ही अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। जिसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। उक्त समिति भू-क़ानून को लागू करने के प्रारूप के साथ ही मूल निवास प्रमाण पत्र जारी किए जाने हेतु मानकों के निर्धारण का कार्य भी करेगी।

बजरंग पुनिया पीएम आवास के बाहर अपना पद्मश्री पुरस्कार छोडक़र चले गए

0

नई दिल्ली । बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह की भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) प्रमुख के रूप में नियुक्ति के बाद पहलवान बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा करते हुए पुरस्कार को यहाँ लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ के पास रख दिया।
बजरंग पुरस्कार लौटाने के लिए पीएम आवास की ओर बढ़े, जहां उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोक दिया। पुनिया ने विरोध स्वरूप पद्मश्री पुरस्कार फुटपाथ पर रख दिया और वहां से चले गए। उन्होंने दिल्ली पुलिस से कहा, मैं पद्मश्री पुरस्कार उस व्यक्ति को दूंगा जो इसे पीएम मोदी तक लेकर जाएगा। आंसू भरी आंखों वाली साक्षी मलिक द्वारा खेल छोडऩे की घोषणा के एक दिन बाद बजरंग ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा, जिसमें डब्ल्यूएफआई चुनावों के बाद अपनी निराशा व्यक्त की गई। इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र में पुनिया ने प्रतिष्ठित पुरस्कार लौटाने के अपने फैसले के पीछे के कारणों को रेखांकित किया।
पिछले कुछ समय से जारी कुश्ती संघ का विवाद एथलीट के लिए चरम बिंदु पर पहुंच गया। जिस खेल से उन्हें प्यार था, उसके प्रबंधन और प्रशासन से असंतुष्ट होकर पुनिया को एक पक्ष लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने पत्र में लिखा, हम सम्मानित पहलवान कुछ नहीं कर सके। महिला पहलवानों का अपमान होने के बाद मैं अपना जीवन सम्मानजनक बनकर नहीं जी पाऊंगा। ऐसी जिंदगी मुझे आजीवन सताती रहेगी। इसलिए मैं यह सम्मान आपको लौटा रहा हूं।
खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह के चुनाव के विरोध में बजरंग पुनिया का पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का फैसला व्यक्तिगत है, लेकिन फिर भी उन्हें इस कदम पर पुनर्विचार के लिए मनाने की कोशिश की जाएगी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, पद्मश्री लौटाना बजरंग पुनिया का निजी फैसला है। डब्ल्यूएफआई के चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं। उन्होंने कहा, हम इसके बावजूद बजरंग को पद्मश्री लौटाने के अपने फैसले को पलटने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे।

वेदों को अधिक से अधिक लोगों तक ले जाना गुरुकुल की ज़िम्मेदारी- जगदीप धनखड़

0

हरिद्वार( कुलभूषण) वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ का भव्य उद्धघाटन आज दयानन्द स्टेडियम गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय में हुआ। त्रिदिवसीय महाकुम्भ और अंतर्राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के उद्धघाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संबोधित करते हुए हुआ कहा कि वेद भारत की सांस्कृतिक धरोहर हैं और वेदों के ज्ञान को आम जनमानस तक ले जाना होगा और गुरुकुल की पुण्य भूमि इस कार्य के लिए उपयुक्त है। जगदीप धनखड़ ने कहा कि संस्कृति विरोधी ताकतों पर प्रतिघात होना चाहिए भारत की गौरवशाली संस्कृति है और इसे वैभव से समस्त विश्व परिचित रहा है। उन्होने कहा कि यह विश्वविद्यालय दर्शन और वैदिक ज्ञान का पुरातन और प्रतिष्ठित केंद्र रहा है इस महाकुम्भ के मंथन की गूंज देश के सभी विश्वविद्यालयों तक जाएगी।
वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के विशिष्ट अतिथि और उत्तराखंड के राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह ने कहा कि वेदों से हमें आत्म ज्ञान मिलता है और युवा शक्ति को आत्म मूल्य को समझना चाहिए। उन्होने कहा कि भारतीय शिक्षा पद्धति और वैदिक ज्ञान विज्ञान ने चरित्र निर्माण का कार्य किया है वर्तमान में वैदिक ज्ञान को आधुनिक ज्ञान और तकनीकी के साथ समेकित करने की आवश्यक्ता है। राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह ने कहा कि संत, सैनिक,सिख और शिक्षक एक की श्रेणी के होते हैं जोकि राष्ट्र के उन्नयन में अपना योगदान देते हैं।
वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ में अति विशिष्ट अतिथि और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय राष्ट्र की धरोहर है इसने राष्ट्रसेवी नागरिक देश को समर्पित किए हैं। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश को विश्व गुरु बनाने के लिए हमें वेदों की ओर लौटना होगा और इस उद्देश्य की दिशा में यह महाकुम्भ वेदों के ज्ञान को जन-जन तक पहुँचने का कार्य करेगा। उन्होने उपस्थित छात्र-छात्राओं से आहवाह्न किया कि भारतीय संस्कृति और राष्ट्र उन्नयन के लिए मिल-जुलकर कार्य करें।
वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के मुख्य संरक्षक और बागपत सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा स्वामी श्रद्धानन्द स्वराज और संस्कृति के लिए लड़ें विज्ञान विषयों को हिन्दी में पढ़ाने के कार्य भी गुरुकुल ने ही किया था। डॉ. सत्यापल सिंह ने कहा स्वामी दयानन्द की 200 वीं जयंती वर्ष को राष्ट्र स्तर पर मनाने का उल्लेखनीय कार्य प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुआ है इसके लिए राष्ट्र उनके प्रति आभारी है। डॉ. सिंह ने कहा कि गुरुकुल एक तीर्थ भूमि है जिसने आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। नारी शिक्षा के लिए अथक प्रयासों के लिए स्वामी श्रद्धानन्द के प्रति हमें कृतज्ञ होना चाहिए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सम्मान में अभिनंदन पत्र का संस्कृत में वाचन किया समस्त अतिथियों का प्रतीक चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अजय मलिक ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार, मुख्य संयोजक प्रो. प्रभात कुमार, वित्ताधिकारी प्रो. देवेन्द्र गुप्ता, प्रो. देवेन्द्र सिंह मलिक, डॉ . एलपी पुरोहित डॉ. गगन माटा,उत्तराखंड संस्कृत विवि कुलपति प्रो. दिनेश शास्त्री, प्रो. ईश्वर भारद्वाज, डॉ. हिमांशु पंडित, डॉ. अजित तोमर, डॉ. पंकज कौशिक, कुलभूषण शर्मा, हेमंत नेगी सहित शहर के गणमान्य संत,सन्यासी और राजनेता उपस्थित रहे।

नवनिर्मित संसद भवन देखने के लिए छात्र-छात्राओं को आमंत्रित कर गए उपराष्ट्रपति

वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के अवसर पर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को नव निर्मित संसद भवन को देखने के लिए राजधानी में आमंत्रित किया। उन्होने कहा कि आप मेरे अतिथि होंगे तथा नए संसद भवन को देखकर आपको देश में हो रहे बड़े बदलावों के बारे में पता चलेगा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोक सभा के थीम मोर और राज्यसभा के थीम कमल को देखने के लिए छात्र-छात्राओं को वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के मंच से दिल्ली आने का आमंत्रण दिया।

पाँच प्रण दिलाएँ याद

वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उत्तराखंड के राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाल किले की प्राचीर से जो पाँच प्रण लेने का आहवाह्न किया था उसी याद दिलायी। इन वक्ताओं ने कहा विकसित भारत, गुलामी की सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिक कर्तव्य को पुन: याद दिलाते हुए कहा कहा 2047 में विकसित भारत बनाने और विश्व गुरु की पदवी पर पुन: स्थापित होने के लिए हमें इन पाँच प्रतिज्ञाओं को अपने दैनिक जीवन व्यवहार में उतारना होगा।

जी-20 , नए कानून,योग दिवस और महिला आरक्षण पर सरकार की पीठ थपथपायी
वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जी-20 , नए कानून,योग दिवस और महिला आरक्षण पर सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि देश उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर बड़ी द्रुत गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होने देश के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि 2047 में भारत को विकसित देश बनने से कोई नहीं रोक सकता है इस दशक के अंत तक हम विश्व की तीन प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।

तीन दिन तक होगा 21 कुंडीय यज्ञ
वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के अवसर पर तीन दिन तक इक्कीस कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यज्ञ व्यवस्था प्रमुख डॉ. योगेश शास्त्री ने बताया कि यज्ञ के माध्यम से वैदिक परंपराओं को जानने का अवसर मिलता है यह आध्यात्मिक चेतना का विकास करता है। गुरुकुल अपनी वैदिक परम्पराओं से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के उद्देश्य से इस इक्कीस कुंडीय यज्ञ का आयोजन महाकुम्भ में कर रहा है।

श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब का शताब्दी महोत्सव शुरू

0

सनातन संस्कृति मानव को जोड़ सकती है स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज

हरिद्वार, (कुलभूषण )। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि आज पूरी दुनिया में केवल सनातन संस्कृति ऐसी है जो मानव मात्र को जोड़ सकती है आज पूरे विश्व में एक कलह, अशांति और युद्ध का माहौल है। ऐसे में सनातन धर्म सदा अन्यों की रक्षा के लिए सबको जागरूक करता रहा है।‌ इतना ऊंचा सिद्धांत देने वाला अन्य धर्म या संप्रदाय नहीं है
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज आज उत्तरी हरिद्वार के सप्त ऋषि आश्रम में श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब नई दिल्ली के शताब्दी समारोह के उद्घाटन समारोह के अवसर पर आयोजित शताब्दी महोत्सव महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे उन्होंने दीप प्रज्वलित कर शताब्दी महोत्सव का उद्घाटन किया इस अवसर पर सभा की राष्ट्रीय प्रधान डॉक्टर देशबंधु ने उनका स्वागत किया और स्वागत भाषण देते हुए सभा के द्वारा शिक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में किए गए कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया कार्यक्रम का संचालन सभा के प्रचार मंत्री डॉक्टर नंदकिशोर ने किया
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि कहा कि केवल सब मेरा ही आत्मरूप है इस वेदांत दर्शन का प्रतिस्थापन करने वाला सनातन धर्म विश्व को एक कुटुंब मानता है और कुटुंब में सबसे सबके उन्नयन की बात करता है।उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म तो सब लोकों में सुखी होने की बात करता है सभी नक्षत्र, ब्रह्मांड आदि। तभी तो सर्वे भवंतु सुखिना , सर्वे संतु निरामया का मंत्र सनातन धर्म ने दिया है।
स्वामी जी महाराज ने सनातन धर्म के विश्व व्यापी मांगलिक स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए यह रेखांकित किया कि आज युद्ध की विभीषिकाओं से त्रस्त मानव जाति को यदि कोई धर्म शान्ति का संदेश दे सकता है विश्व को एक सूत्र में बांध सकता है, यदि कोई संस्कृति परस्पर विरोधी दो मानवसमुदायों, देशों और समाजों को जोड़ सकती है तो वह सनातन संस्कृति है वैदिक संस्कृति है क्योंकि यह संस्कृति समस्त प्राणियों में आत्म तत्व के और ब्रह्म तत्व के दर्शन करते हुए सभी में विश्व बंधुत्व की भावना को जगाती है । आज आवश्यकता है कि हमारी युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण छोड़कर भारतीय संस्कृति में निहित मानव मूल्यों और मानवीय संस्कारों को आत्मसात कर पूरे विश्व में शांति स्थापित करने का कार्य करें । उन्होंने इस अवसर पर महामना मालवीय जी को आधुनिक युग के सनातन धर्म के पुरोधा पुरुष के रूप में याद किया और सनातन धर्म के लिए उनके द्वारा की गई निष्काम सेवाओं की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्ति की । उन्होंने कहा कि त्याग मूर्ति गोस्वामी गणेश दत्त जी महाराज ने प्रतिनिधि सभा के संचालक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है भारत विभाजन के समय शरणार्थी बनकर आए हुए सनातन धर्मियों के पुनर्वास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है
इस अवसर पर प्रतिनिधि सभा के प्रधान डा देशबंधु, कार्यवाहक प्रधान आई एम गोस्वामी ,महामंत्री उपेंद्र शर्मा, डॉक्टर गुरदीप शर्मा, डॉ मदन महंत स्वरूप बिहारी शरण ,डॉक्टर नंदकिशोर शर्मा , संजय गोयल,सुधीर गुप्ता ,राजीव मोदगिल, डा वेदप्रकाश आदि अनेक सनातन धर्म सभा के पदाधिकारियों ने द्वार पर माल्यार्पण कर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज का स्वागत किया । इस अवसर पर एस डी विद्या स्कूल अंबाला छावनी की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई । एस डी पब्लिक स्कूल अंबाला छावनी की छात्राओं द्वारा गीता जयंती के पावन पर्व पर भगवान कृष्ण के लीलाओं की मधुर झांकी प्रस्तुत की गीता जयंती के पावन पर्व पर सभागार में उपस्थित सभी भक्तजनों ने गीता के पहले श्लोक,नवम अध्याय के 22 में तथा 18 वें अध्याय के अंतिम श्लोक का सामूहिक पाठ किया तथा जगद्देव सिंह संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों द्वारा गीता के 11 वें अध्याय का पाठ करते हुए भगवान कृष्ण के विराट रूप का स्तवन किया ।
इस अवसर पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के संचालक त्याग मूर्ति गोस्वामी गणेश दत्त स्मृति ग्रंथ के द्वितीय संस्करण का तथा सनातन धर्म कॉलेज अंबाला छावनी की प्रोफेसर डॉ विजय शर्मा द्वारा लिखित महामना मदन मोहन मालवीय के सांस्कृतिक दर्शन नामक पुस्तक का लोकार्पण किया । इस समारोह में धर्मशाला महाविद्यालय के संगीत विभाग के प्रोफेसर डॉ सतीश ठाकुर जी ने अपने मधुर मनोहर भजनों के माध्यम से भजन और कीर्तन का मनोरम कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय स्तर पर सनातन धर्म स्कूलों की प्रतियोगिताएं आयोजित करने वाले प्रधानाध्यापकों अमर ज्योति, डॉक्टर शुची शर्मा डॉक्टर राजेंद्र गोनियाल,डा विनीत शर्मा , रीटा आदि को महाराज के करकमलों से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर सतपाल ब्रह्मचारी , महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि महाराज ,आई डी शास्त्री , जूनाअखाड़ा के राष्ट्रीय महामंत्री महामंडलेश्वर स्वामी देवानंद महाराज ने अपने विचार रखें ।
इस समारोह में पंजाब हरियाणा हिमाचल राजस्थान उत्तर प्रदेश दिल्ली चंडीगढ़ उत्तराखंड आदि सात राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के सनातन धर्म सभाओं और शिक्षा संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे ।
सभा के महासचिव उपेन्द्र शर्मा ने सभी का धन्यवाद किया । लोक नृत्य का समागम नामक कार्यक्रम प्रस्तुत होगा जिसमें हरियाणवी नृत्य ,हरियाणवी वाद्यवृन्द, नाटी नृत्य,शम्मी ,गिद्दा , कुमायूं डांस ,गढ़वाली डांस आदि अनेक प्रदेशों के लोक नृत्यों की मनोरम झांकी देखने को मिली।
कल होने वाले कार्यक्रम में उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह मुख्य अतिथि के रूप में पधारेंगे और सनातन धर्म स्कूलों और कालेजों के मेधावी छात्रों और श्रेष्ठ प्राचार्यों और शिक्षकों को सम्मानित करेंगे ।

चारों पीठ के शंकराचार्य की घोषणा आने वाला नया सम्वत्सर गौमाता का होगा : संत गोपाल मणि महाराज

0

‘गौ माता की करुण पुकार, सुने देश की हर सरकार,

देहरादून, चारों पीठों के पूज्य शंकराचार्यों व देश के प्रतिष्ठित पूज्य सन्त महापुरुषों द्वारा स्वत: स्फूर्त गौमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आंदोलन के तत्वावधान में गौ- संसद के अंतर्गत 12 दिसम्बर को काशी (वाराणसी) से भारत के सभी प्रदेशों के लिए गौ -दूतों की नियुक्ति की गई है। स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में गौमाता राष्ट्रमाता आंदोलन के ध्वजवाहक संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि हमारे राज्य के सभी संसदीय क्षेत्रों से गो राष्ट्रभक्त, कर्तव्यनिष्ठ संतों की नियुक्ति करके कृष्ण पक्ष एकादशी मंगलवार 6 फरवरी, 2024 को श्री शंकराचार्य शिविर माघ मेला क्षेत्र, प्रयागराज तीर्थ में होने जा रही गो संसद् में पहुंचाने का निर्णय किया गया है।

पत्रकारों से रूबरू होते हुए संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि प्रदेश के सभी प्रतिष्ठ संत-महापुरुषों व समस्त सनातनियों को पूज्य शंकराचार्यों के आदेशानुसार एकजुट होकर इस स्वत: स्फूर्त गो-प्रतिष्ठा आंदोलन को संपूर्ण देश में गति प्रदान करना है। जिसके लिये
4 जनवरी 2024 को वृंदावन में सभी प्रदेशों के गौ भक्तों की एक विशेष गोसभा आयोजित होगी। जिसमें आंदोलन के विभिन्न पहलुओं को स्पष्टता देते हुए कमर कसी जाएगी। इस बीच दिल्ली में गो- प्रतिष्ठा आंदोलन हेतु 11 गो- विशेषज्ञ समूहों की बैठक आयोजित की जाएगी। विशेषज्ञों से प्राप्त आंकड़ों एवं निष्कर्षों के साथ गो-प्रतिष्ठा आंदोलन के लोगों का प्रतिनिधि मण्डल देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से जाकर मिलेंगे और इससे भी अगर काम नहीं हुआ तो फिर 6 फरवरी 2024 को प्रयागराज तीर्थ में एक वृहद् गो- संसद का आयोजन होगा। जिसमें देशभर के सभी संसदीय क्षेत्रों से एक-एक गांव प्रतिनिधि मनोनीत होकर उसे गो-संसद में सम्मिलित होगा और देश की जनता की ओर से प्रस्ताव पारित करेगा। उन्होंने कहा कि गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के तत्वाधान में 10 फरवरी से 19 फरवरी तक दिल्ली के रामलीला मैदान में अश्वमेघ महायज्ञ किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी श्रीमहंत पूज्य रविंद्रपुरीजी महाराज, अध्यक्ष- अखिल भारतीय सनातन परिषद व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को दिया गया है , इसके अलावा14 फरवरी से 20 फरवरी तक मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी के ब्रह्मघाट पर महामण्डलेश्वर पूज्य साध्वी श्याम दीदीजी के सानिध्य में
गो-रुद्र महायज्ञ किया जाएगा ।

पूज्य संत मणि महाराज ने कहा कि यह लड़ाई विधि सम्मत है संविधान के अनुच्छेद 25 की लड़ाई है जिसमें भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आस्था के सम्मान की रक्षा करना भारत की सरकार का नैतिक कर्तव्य है, देश में रहने वाले करोड़ों हिंदुओं की आस्था भारत की आत्मा गाय में है लेकिन वह गौ माता आज भी दुर्भाग्य से हजारों की संख्या में कत्लखानों में कट रही है इसलिए आवश्यक है कि भारत की सरकार गौ को राष्ट्र माता का संवैधानिक सम्मान दें ताकि गाय के ऊपर कोई गलत दृष्टि ना डाल सके और गौवंश दर-दर न भटके । उन्होंने कहा कि यह बड़े सौभाग्य की बात है कि हमारे सनातन धर्म के मूल चारों पीठ के पूज्य शंकराचार्यौं का आशीर्वाद एवं पूर्ण समर्थन तथा दिशा निर्देश में अब यह आंदोलन आगे बढ़ रहा है और हमें विश्वास है कि जब सनातन की सत्ता ने गाय को राष्ट्र माता के रूप में स्वीकार कर लिया है तो देश की सरकार को भी अब गाय को राष्ट्रमाता के रूप में स्वीकार करना ही होगा |
इस अवसर पर आचार्य सीता शरण योगाचार्य डा. बिपिन जोशी आचार्य विजेंद्र ममगांई, विकास पाटनी, आचार्य शशिकांत दुबे, राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी डा. रामभूषण बिजल्वाण प्रदेश अध्यक्ष भारतीय गौ क्रांति मंच शूरवीर सिंह मतुड़ा पूर्व चारधाम उपाध्यक्ष यमुनोत्री रावल पवन उनियाल, आचार्य राकेश सेमवाल, सूरत राम डंगवाल, आनंद सिंह रावत, यशवंत सिंह रावत, मंजू नेगी, माहेश्वरी जोशी आदि कई गणमान्य कन उपस्थित रहे हैं ।

एक ओर निकली शानदार बारात, तो दूसरी ओर दुल्हनों ने सजाई पिया के नाम की मेहंदी

0

“52 दूल्हों की सामूहिक बारात को देखने जुटा हर कोई”

देहरादून, श्री श्री बालाजी सेवा समिति की ओर से किये जा रहे 52 निर्धन कन्याओं के दूल्हों की बारात जब निकली तो हर कोई देखता रह गया। वहीं दुल्हनों ने भी अपने हाथों में पिया के नाम की मेहंदी सजाई।
श्री श्री बालाजी सेवा समिति की ओर से हर बार की तरह इस वर्ष भी निर्धन कन्याओं का विवाह कराया जा रहा है। इन 52 निर्धन कन्याओं के विवाह को लेकर शुक्रवार से भव्य आयोजन शुरू हो चुके हैं। इसके तहत पहले दिन संगीतमय श्री सुंदरकांड पाठ किया गया। जिसका श्रद्धालुओं ने पूरा आनन्द लिया। वहीं शनिवार को कालिका मार्ग स्थित कालिका मंदिर से बारात की शुरुआत हुई। इस दौरान इस सामूहिक बारात को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही। श्री श्री बालाजी सेवा समिति के अध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल ने बताया पहली बार समिति की ओर से दूल्हों की घुड़ चढ़ी एक दिन पहले करवा दी गयी। यही नही इनके साथ राजस्थानी ग्रुप, बैंड और ढोल नगाड़े भी थे, जिन पर बाराती जमकर झूमे। बारात विभिन्न मार्गो से होते हुए शिवाजी धर्मशाला पहुंची। जहां बारात के रात्रि विश्राम की पूरी व्यवस्था समिति की ओर से की गई थी। बताया कि इन सभी आयोजनों में इस बार उत्तराखंड की नौनी सोसायटी का विशेष सहयोग मिल रहा है।
समिति के मुख्य संरक्षक श्रवण वर्मा ने बताया कि रविवार को स्वागत बारात, मांगल गीत, राजस्थानी नृत्य के साथ ही 52 निर्धन कन्याओ का सामूहिक विवाह संपन्न होगा। इस मौके पर रामकुमार गुप्ता, सचिन गुप्ता, ओपी गुप्ता, संजय अग्रवाल, चंद्रेश अरोड़ा, मनोज खंडेलवाल आदि उपस्थित थे।

बचपन से बोल-सुन नहीं सकती किरण…!

उत्तरकाशी के बड़कोट की किरण बचपन से बोल सुन नहीं सकती। लेकिन शादी की ‘किरण’ ने किरण के जीवन में नया उजियारा दिया। मां सरिता और पिता सूर्यालाल ने बताया कि बचपन से बेटी बोल नहीं सुन सकती थी। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। ऐसे में उसको पढ़ा भी पूरा नहीं पाए। ऐसे में चिंता थी की उसकी शादी कैसे होगी। समिति की ओर से शादी इतनी अच्छी हो रही है मानों किरण और हमारा सपना अब पूरा हो रहा है।

May be an image of 4 people, temple, crowd and text

विधायक पोरी ने किया मूल निवास स्वाभिमान महारैली का समर्थन

0

देहरादून, मूल निवास स्वाभिमान महारैली के समर्थन में पौड़ी के विधायक राजकुमार पोरी ने अपनी आवाज बुलंद की है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जनहित में उचित निर्णय लेने की मांग की है।
मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति द्वारा आयोजित मूल निवास स्वाभिमान रैली के तहत लोगों ने भू कानून और मूल निवास 1950 के समर्थन में अपनी आवाज उठाई है। इस आंदोलन के परिणामस्वरूप, प्रदेशभर में रविवार 24 दिसंबर को परेड ग्राउंड में एक विशाल रैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सामाजिक संगठनों और कलाकारों का समर्थन मिल रहा है।
पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर उनसे जनहित में उचित निर्णय लेने की मांग की है। पत्र में उन्होंने कहा है कि मूल निवास 1950, स्थाई राजधानी गैरसैंण, और भू कानून लागू करने की स्वीकृति की मांग की है और इस पर उचित निर्णय लेने की आवश्यकता है।

सिटीजन्स फार ग्रीन दून की पीड़ा : देहरादून मर रहा है, तापमान बढ़ रहा है, बारिश अप्रत्याशित है और सिकुड़ रहे जंगल और हरे-भरे स्थान

0

“शहर जो कभी अपनी स्वास्थ्यप्रद जलवायु और विलक्षण आकर्षण के लिए प्रसिद्ध था, अब एक बदबूदार, घुटन भरा, भड़कीला महानगर बन गया है”

(एल मोहन लखेड़ा)

देहरादून, दून इन दिनों काफी गुलजार नजर आ रहा है। हाल ही में हुए एक बड़े आयोजन से पहले के कुछ दिनों की हड़बड़ाहट भरी तैयारियों ने अचानक हमारे प्यारे शहर को एक स्वप्नलोक में बदल दिया है। यह बात एक पत्रकार वार्ता में सिटीजन्स फार ग्रीन दून के पदाधिकारियों ने कही, स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुये सिटीजन्स फार ग्रीन दून के हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि चिकनी तारकोल वाली सड़कें, सड़कों और पेड़ों पर आकर्षक रोशनी, सभी डिवाइडरों पर खिली हरियाली और हर संभावित दीवारों पर कलाकृति का उभरना आश्चर्यजनक है।

उन्होंने कहा कि हालांकि हम इस अचानक परिवर्तन से आश्चर्यचकित हैं, लेकिन तथ्य यह है कि देहरादून मर रहा है। तापमान बढ़ रहा है, बारिश अप्रत्याशित है, जंगल और हरे-भरे स्थान सिकुड़ रहे हैं, थोड़ी सी बारिश के बाद भी बाढ़ और जलभराव आम बात है, भूजल स्तर गिरता जा रहा है, एक्यूआई का स्तर बिगड़ रहा है और श्वसन संबंधी बीमारियाँ भी बढ़ रही हैं | दून की इसी समस्या को लेकर सिटीजन फार ग्रीन दून के पदाधिकारियों ने आज पत्रकारों के समक्ष अपनी पीड़ा रखी, इन सिटीजनों का कहना था कि ध्वनि और वायु प्रदूषण के साथ-साथ ट्रैफिक जाम भी आम बात बन रही है, कूड़ा निस्तारण का प्रबंधन निराशाजनक है, दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है और अपराध दर भी बढ़ रही है। संक्षेप में, वह शहर जो कभी अपनी स्वास्थ्यप्रद जलवायु और विलक्षण आकर्षण के लिए प्रसिद्ध था, अब एक बदबूदार, घुटन भरा, भड़कीला महानगर बन गया है। सिटीजन फार ग्रीन दून का आरोप था कि अनियोजित योजनाएँ आम नागरिकों पर थोप दी जाती हैं। सैकड़ों स्वस्थ पेड़ों को काट दिया जाता है और फिर सड़कों और पार्कों के किनारे सीमेंट की हिरण और बाघ की मूर्तियाँ स्थापित कर दी जाती हैं। ऐसा लगता है कि सौंदर्यीकरण का मतलब सिर्फ कंक्रीटीकरण है। वहीं इरा चौहान ने कहा कि समस्याओं से निपटने के लिए सरल और सीधे तरीकों को लागू करने के बजाय, असाधारण और महंगे समाधान तैयार और कार्यान्वित किए जाते हैं। शहर की आंतरिक समस्याओं को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया जाता है जबकि अनावश्यक योजनाएं पारित कर दी जाती हैं।
पत्रकार वार्ता में रीतू चटर्जी ने राजपुर रोड़ डायवर्सन से राजपुर तक बनाया जा रहा साइकिलिंग ट्रैक पर भी आपत्ति उठाई और कहा कि मुश्किल से एक किलोमीटर दूर तरला नांगल सिटी फॉरेस्ट में पहले से ही एक छोटा सा साइक्लिंग ट्रैक बनाया जा रहा है।फिर पेड़ों और हरियाली से भरे इस खूबसूरत इलाके को क्यों नष्ट किया जा रहा है ? यह सब को पता है कि देहरादून शहर की तुलना में राजपुर में अधिक वर्षा होती है और इस खंड पर टाइल लगाने और कंक्रीटीकरण से वर्षा जल के बहाव में वृद्धि होगी, जिससे शहर में बाढ़ और जल जमाव में वृद्धि होगी।
आपको बता दें कि दून शहर में तथाकथित ‘सौंदर्यीकरण और विकास’ कार्य किस संवेदनहीन तरीके से किया जा रहा है। इसको लेकर सिटीजन्स फॉर ग्रीन दून ने आमजन में जागरूकता पैदा करने और इन मुद्दों से निपटने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था। जिसके एक पक्ष के रुप में अपने प्रशासकों और योजनाकारों को प्रतीकात्मक रूप से ‘बुद्धि की टोपी’ वितरित करने की भी योजना बनाई हैं।

पत्रकार वार्ता में सिटीजन्स फार ग्रीन दून से हिमांशु अरोड़ा, इरा चौहान और जया सिंह, एसडीसी फाउंडेशन से अनूप नौटियाल और राजपुर समुदाय से रीतू चटर्जी और आशीष गर्ग मौजूद रहे ।

द्वितीय आल इंडिया प्राइज़ मनी विनय विंडलास मेमोरियल आल इंडिया बेसबाल क्लब चेम्पियनशिप का आगाज आज से

0

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 23 से 25 दिसंबर तक द्वितीय विनय विंडलास मेमोरियल प्राइज़ मनी बेसबाल क्लब चेम्पियनशिप का आगाज होगा !
इस सम्बंध में आज आयोजित कार्यकारिणी की बैठक उत्तराखंड बेसबाल संघ के अध्यक्ष विमल हरनाल ने बताया कि प्रतियोगिता में भारतवर्ष के शीर्ष आठ क्लब प्रतिभाग करेंगे , जिन्हें दो ग्रुप में बांटा गया है , हर ग्रुप की विजेता टीम के बीच फाइनल मुकाबला होगा ! विजेता टीम को डेढ़ लाख रुपये उपविजेता टीम को एक लाख रुपये का नगद पुरस्कार के साथ ट्रॉफी प्रदान की जाएगी , इसके अतिरिक्त सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी , पिचर एवं फील्डर के खिताब से भी खिलाड़ियों को नवाजा जाएगा !
आयोजन सचिव सतीश आनंद ने बताया कि चेम्पियनशिप में इंदौर बेसबाल क्लब,फरीदाबाद बेसबाल क्लब,9 फेमस क्लब चंडीगढ़, चौधरी स्पोर्ट्स एकेडमी हरयाणा, मुम्बई राकर्स महाराष्ट्र, जस्सी क्लब पंजाब,मिशन क्लब चंडीगढ़ एवं दून स्ट्राइकर उत्तराखंड भाग लेंगे !
प्रतियोगिता का उदघाटन 23 अगस्त को आईपीएस एवं प्रमुख सचिव(खेल) उत्तराखंड शासन अमित सिन्हा करेंगे ! प्रतियोगिता का आयोजन परेड ग्राउंड खेल परिसर एवं एसजीआरआर महा विद्यालय के मैदान में किया जाएगा ! चेम्पियनशिप का समापन 25 दिसम्बर को परेड ग्राउंड में होगा
आज आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में विमल हरनाल, गुरचरण सिंह , डी एम लखेड़ा, सतीश आनंद, संजीव डोभाल, नवीन नागलिया , डी पी सिंह, अशोक गुप्ता, प्रदीप बिष्ट, प्रीतम सिंह ,एवं रविन्द्र पाल मेहता उपस्थित थे!