Friday, May 2, 2025
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सिलक्यारा सुरंग : 15वां दिन भी बीता, वर्टिकल ड्रिलिंग हुई शुरू, मजदूरों को बाहर आने अभी और लगेगा समय

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देहरादून, दीपावली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में कैद हुये 41 मजदूर सुरक्षित बाहर आने की आस लगाये बैठे हैं, नियति उन्हें कब और कैसे बाहर निकालेगी यह प्रश्न भी वाजिब है, लेकिन अभी भी 15 दिन बीत जाने के बाद सुरंग में फंसे 41 मजदूर बाहर निकले की उम्मीद लगाए बैठे हैं। सरकार उन्हें बाहर निकालने की हर संभव कोशिश में जुटी हैं लेकिन हर बार मशीन के आगे बाधा आ रही है। रेस्क्यू का आज 15वां दिन भी समाप्त हो गया है। इस बीच हैदराबाद से प्लाज्मा कटर लाया गया है। इसके साथ ही बीएसएनएल ने भी फंसे मजदूरों तक लैंडलाइन की सुविधा दे दी है। उत्तरकाशी में जारी रेस्क्यू अभियान में अब बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ समेत कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। ऐसे में सिलक्यारा टनल में चल रहे राहत कार्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा, आईएमडी के मुताबिक, राज्य में आज से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा।
इस बीच ड्रिल करने वाली अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटने के कारण सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के अभियान में आए व्यवधान के बाद अब चार योजनाओं पर विचार किया जा रहा है।
वहीं मजदूरों की जिन्दगी बचाने में लगे एनएचआईडीसीएल के मैजेजिंग डायरेक्टर महमूद अहमद का कहना है हमने शनिवार से 2-3 और विकल्पों पर काम करना शुरू कर दिया है और एसजेवीएनएल से कहा है कि वो वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू करें। यह ड्रिलिंग 1 मीटर से लेकर 1.2 डायमीटर के लिए होती है। साथ ही हमने एक जगह की पहचान की है जहां कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग होनी हैं। 15 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है। हमें ऐसा लगता है कि हम इसे अगले 2 दिनों में कर लेंगे। महमूद अहमद ने कहा, कंक्रीट बेडिंग पर काम शुरू हो गया है, यह एक लंबी प्रक्रिया है। हमारा टारगेट है कि 15 दिन लगेंगे इस हॉरिजोन्टल ड्रिलिंग को सफल होने में। हम एक ड्रिफ्ट टनल भी बनाना चाहते हैं। इसका डिजाइन बनाया गया है और इसे अप्रूवल मिल गया है। उनका कहना है कि हम कई तरह से काम कर रहे हैं। बारकोट साइड से काम करने में दिक्कतें आ रही हैं। लेकिन हम आशान्वित है कि सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को हम जल्द बाहर निकाल लेंगे |
वहीं सिलक्यारा में कार्यरत अधिकारियों ने रविवार को बताया कि फंसे मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने की पहली योजना में ऑगर मशीन के फंसे हिस्से को काटकर निकाला जाएगा जिसके बाद छोटे उपकरणों के जरिए खुदाई कर मलबा निकालेंगे। दूसरी योजना में सुरंग के ऊपरी क्षेत्र में 86 मीटर की लंबवत खुदाई की जाएगी और इसके लिए मशीन का प्लेटफॉर्म तैयार कर लिया गया है तथा मशीन के एक हिस्से को वहां पहुंचा भी दिया गया है। उनके मुताबिक, इस योजना पर रविवार को काम शुरू हो सकता है।
जबकि तीसरी योजना के तहत सुरंग के बड़कोट की तरफ से खुदाई का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और यह करीब 500 मीटर का हिस्सा है और इस अभियान में भी 12 से 13 दिन लगने का अनुमान है। चौथी योजना में सुरंग के दोनों किनारों पर समानांतर (क्षैतिज) ड्रिलिंग की जाएगी और इसका सर्वेक्षण हो चुका है तथा रविवार को इस योजना पर भी काम शुरू किया जा सकता है। वहीं ड्रिलिंग के दौरान अमेरिकी ऑगर मशीन अवरोधक की जद में आने से टूट गई और उसका 45 मीटर हिस्सा 800 मिमी पाइप के भीतर फंस गया। जिसे निकाला जा रहा है |
उन्होंने बताया कि बचाव दलों ने 20 मीटर हिस्सा तो गैस कटर से काटकर बाहर निकाल लिया लेकिन बचे हुए 25 मीटर हिस्से को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है। इससे अभियान के पूरा होने में लगने वाला समय बढ़ गया है। लेकिन संभव है कि वर्टिकल ड्रीलिंग अंतिम विकल्प हो। उधर, सिलक्यारा सुरंग के प्रवेश द्वार पर शनिवार से रिस रहे पानी ने सबकी चिंताएं बढ़ा दीं हैं जबकि अधिकारी इसे सामान्य घटना मान रहे हैं |
रविवार को बचाव अभियान के 15वें दिन नए सिरे से रणनीति पर काम शुरू कर दिया गया है, इस बीच, सीमा सड़क संगठन, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड और सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड की तरफ से वर्टिकल ड्रिलिंग की सभी तैयारियां चल रही हैं, सुबह 4:30 बजे से रेस्क्यू टीम ने वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन के जरिए बोरिंग शुरू कर दी है, यहां 200 मिमी चौड़े पाइप को जमीन के अंदर डाला जा रहा है | रही हैं

वर्टिकल ड्रिलिंग है चुनौती भरी :

हालांकि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी चुनौतियों भरा है, कई टन वजनी मशीन को उस ऊंचाई तक पहुंचाना और फिर ड्रिलिंग एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा माना जा रहा है, ड्रिल की रफ्तार वहां मिलने वाली मिट्टी और चट्टान पर निर्भर है | जितनी सख्त जमीन मिलेगी, उतना ज्यादा समय लगेगा, अब वर्टिकल ड्रिलिंग ही मजदूरों को बचाने का सहारा है, क्योंकि सुरंग के अंदर मलबे में मौजूद सरिये के जाल को काट पाना आसान नहीं है और इंतजार की घड़ी अभी लंबी है |

तनाव मुक्त रहने के दी योग करने की सलाह :

वहीं टनल में फंसे मजदूरों को टाइम पास करने और व्यस्त रखने के लिए लूडो, ताश और शतरंज भेजे गए हैं, मजदूरों को तनाव मुक्त रखने के लिए उन्हें योग करने की सलाह दी जा रही है, सरकार मजदूरों तक बीएसएनएल के जरिए फोन भेज रही है, जिससे वो लैंडलाइन से अपने घर वालों से बात कर सकें | शनिवार को मोबाइल फोन भी पाइप के जरिए मजदूरों तक भेजे गए हैं, ताकि वो गेम खेलकर स्वयं को तनाव मुक्त रख सकते हैं |

‘मन की बात’ की 107वीं कड़ी : ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को सिर्फ त्योहारों तक ही सीमित न रखे : पीएम मोदी

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‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने मुंबई हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश वीर शहीदों को कर रहा है याद’

नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ की 107 वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि त्योहारों के इस मौसम में चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ और इस दौरान लोगों में भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह देखा गया।
रविवार को ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने देशवासियों से ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को सिर्फ त्योहारों तक ही सीमित न रखने की अपील की और उनसे आग्रह किया कि उन्हें शादी के मौसम में भी स्थानीय उत्पादों को महत्व देना चाहिए। ‘मन की बात’ की पिछली कड़ी में लोगों से स्थानीय उत्पादों की खरीदारी पर बल देने के अपने आग्रह का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘बीते कुछ दिनों के भीतर ही दिवाली, भैया दूज और छठ पर देश में चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ और इस दौरान भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह लोगों में देखा गया।’’ उन्होंने कहा कि अब तो घर के बच्चे भी दुकान पर कुछ खरीदते समय देखने लगे हैं कि उस पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा है कि नहीं।

मोदी ने कहा, ‘‘इतना ही नहीं ऑनलाइन सामान खरीदते समय भी अब लोग यह देखना नहीं भूलते हैं कि उत्पाद किस देश में बना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसे स्वच्छ भारत अभियान की सफलता ही उसकी प्रेरणा बन रही है वैसे ही ‘वोकल फॉर लोकल’ की सफलता विकसित भारत और समृद्ध भारत के द्वार खोल रही है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ का अभियान पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह रोजगार की गारंटी है। यह विकास की गारंटी है, यह देश के संतुलित विकास की गारंटी है। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों को समान अवसर मिलते हैं। इससे स्थानीय उत्पादों में गुणात्मक वृद्धि होती है और कभी वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव आता है तो ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंत्र हमारी अर्थव्यवस्था को संरक्षित भी करता है। आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने मुंबई हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश वीर शहीदों को याद कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘26 नवंबर के दिन को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं। आज के ही दिन देश पर सबसे जघन्य आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने मुंबई को, पूरे देश को थर्राकर रख दिया था। लेकिन यह भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और पूरे हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं।’’

ब्रैकिंग : दो बहनों की दर्दनाक हत्या, दोनों के शव घर में चारपाई पर मिले, हत्या के पीछे तंत्र-मंत्र की आशंका

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“घर के बरामदे में काले जादू और तंत्र-मंत्र से जुड़े सामाग्री की भी की जा रही पड़ताल”

काशीपुर, उधमसिंह नगर के काशीपुर से हत्या की खबर से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया, मिली जानकारी के मुताबिक काशीपुर के लक्ष्मीपुर पट्टी की खालिक कॉलोनी में यह घटना हुई है, जहां दो सगी बहनों की हत्या कर दी गई है। दोनों के शव घर में चारपाई पर मिले हैं, जिनमें से किशोरी का शव तीन से चार दिन पुराना बताया गया है, जबकि दूसरी युवती की हत्या शुक्रवार रात किए जाने की आशंका है।
पुलिस दोहरे हत्याकांड की सूचना पर घटनास्थल पहुँची और शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है। इस हत्या के पीछे तंत्र-मंत्र की आशंका भी जताई जा रही है और पिता पर ही हत्या का शक किया जा रहा है, जो तंत्र-मंत्र का कार्य करते थे। घटना की सूचना पुलिस को मिली, और शनिवार सुबह आठ बजे पुलिस ने खालिक कॉलोनी में अली हसन उर्फ सूरज की दो पुत्रियों फरीन (19 वर्ष) और यास्मीन (11 वर्ष) के शवों की खोज की।
पुलिस ने बताया कि घर में खून के निशान मिले और दरवाजे पर कथित तौर पर बलि दिए गए मुर्गे के अवशेष व कुछ टोटके भी पाए गए। तंत्र-मंत्र में विश्वास के कारण हत्या की आशंका है, जिसके बारे में पुलिस विस्तृत जाँच कर रही है। पुलिस ने पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, और घर के बरामदे में काले जादू और तंत्र-मंत्र से जुड़े सामाग्री की भी पड़ताल की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि परिजनों के द्वारा उचित सूचना नहीं मिलने के बावजूद, घटना में ऊपरी साये के कारण हत्या हो सकती है, और यह मामूला घटना नहीं है। एएसपी अभय सिंह ने बताया कि तंत्र-मंत्र, काला जादू, और अंधविश्वास के चलते हत्या का अंदेशा है, और इस पर विस्तृत जाँच की जा रही है। पीड़ित परिवार को समर्थन प्रदान करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

दुनिया के शीर्षस्थ फिल्म निर्माताओं में शामिल थे विजय आनंद : डॉ. मनोज पंजानी

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देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सभागार में मशहूर फिल्मकार विजय आनंद की फिल्मों और उनके जीवन पर फिल्म विशेषज्ञ डॉ. मनोज पंजानी और उर्दू व हिन्दी लेखिका नसीम बानो ने एक महत्वपूर्ण बातचीत आयोजित की गयी । सभागार में डॉ. पंजानी ने गाइड, ज्वेल थीफ, तीसरी मंजिल, जॉनी मेरा नाम और तेरे मेरे सपने जैसी क्लासिक फिल्मों के लेखक, निर्देशक और पटकथा लेखक विजय आनंद पर विस्तार से वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि उनकी निजी राय में विजय आनंद को सत्यजीत रे, अकीरा कुरुसोवा, इंगामा बर्गमैन और फ्रेडिको फेलिनी के साथ दुनिया के शीर्षस्थ पांच फिल्म निर्माताओं में शामिल किया जा सकता है।
फिल्मकार विजय आनंद के जीवन से सम्बन्धित किस्सों की जानकारी देते हुए डॉ. मनोज पंजानी ने कहा कि9 उन्होंने अनेक फिल्मों में पटकथा व संपादन कला और शिल्प को बहुत ही उच्च स्तर पर पहुंचाने का प्रयास किया। विशेष बात यह है कि विजय आनंद का देहरादून से गहरा नाता रहा था। आठ साल की उम्र में वह अपने बड़े भाई चेतन आनंद से मिलने आया करते थे। उनके भाई दून स्कूल में पढ़ाते थे। वह अपने बड़े भाई प्रसिद्ध चित्रकार सुधीर खश्तगीर के साथ रहते हुए उनकी कलात्मक अभिरुचि और विविध कला रूपों के चर्चा के साक्षी भी बने रहे। उनके बड़े भाई ने समय-समय पर उन्हें उपनिषदों में निहित विविध तरह की शैक्षिक जानकारी भी दी। बीच-बीच में स्लाइड शो ने इस बातचीत को और अधिक सार्थक बना दिया।
प्रारम्भ में मीनाक्षी कुकरेती भारद्वाज ने संचालन किया। राधा पुंडीर ने ‘राधा ने ओढ़ी चुनरिया…’ गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इससे पहले आलोक दीप बहुगुणा ने माउथ आॅर्गन पर कई गीतों की धुन सुनाई। अपनी भूमिका अदा की। इस अवसर पर सभागार में उपस्थित लोगों ने सम्बन्धित विषय प्रसंगों पर कई सवाल-जबाब भी किये। कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने सभी का स्वागत किया और अंत में निकोलस हॉफ़लैण्ड ने धन्यवाद दिया।
इस दौरान पुस्तकालय के सभागार में बिजू नेगी, अरविंद शेखर, डॉ.अतुल शर्मा, गोपाल थापा, जितेंद्र नौटियाल, भूपत सिंह बिष्ट, मदन मोहन डुकलान, सुंदर सिंह बिष्ट सहित अनेक फिल्म प्रेमी, लेखक, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्विजीवी और पुस्तकालय के अनेक सदस्य व युवा पाठकगण मौजूद रहे।

भारत को विकसित देश बनाना है तो आदिवासियों का विकास जरूरी: राज्यपाल रघुवर दास

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भुवनेश्वर: कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोशियल साइंसेस, कीस डीम्ड विश्वविद्यालय ने आज अपना तीसरा दीक्षांत समारोह मनाया। लगभग 302 से अधिक छात्र-छात्राओं को स्नातकोत्तर और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने भारत की उन्नति और विकास में जनजातीय छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। भारत को विकसित देश बनाना है तो आदिवासियों का विकास जरूरी है।-यह बात ओडिशा के राज्यपाल ने कही।उन्होंने जनजातीय सशक्तिकरण के लिए कीट और कीस के संस्थापक डॉ अच्युत सामंत के योगदानों की प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि हमारे गृह राज्य झारखंड के हजारों आदिवासी छात्र इस शैक्षिक संस्थान के जरिए अपने सपने को साकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आदिवासी समुदायों के लिए भी गर्व की बात है कि आजादी के 75 साल बाद भारत के पास द्रौपदी मुर्मु के रूप में एक आदिवासी नेता देश की राष्ट्रपति हैं। डा. सामंत ने समारोह में अतिथियों और स्नातक छात्रों के माता-पिता के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन भी इस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के मुख्य फिनटेक अधिकारी तथा एलेवेंडी बोर्ड के अध्यक्ष शोपनेन्दु महंती आदि को मानद डी.लिट की डिग्री प्रदान की गई।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचन्दन ने कीट और कीस की स्थापना के लिए डा. सामंत के धैर्य और दृढ़ संकल्प की सराहना की और छात्रों से यह निवेदन किया कि वे अपने पेशेवर जीवन को आगे बढ़ाते हुए अपने माता-पिता और मातृभूमि की सेवा को नहीं भूलें! उन्होंने कहा कि पढ़ लिखकर कीस के छात्र चाहे भारत में रहें या विदेश में अपनी मातृभूमि को सदैव याद रखें। जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कीट और कीस को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थान बताया। गौरतलब है कि कीस एक ऐसा अनुष्ठान है जहां आदिवासी बच्चों को मुफ्त में केजी से पीजी तक शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने डिजिटल क्रांति सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आर्थिक विकास की एक श्रृंखला को सूचीबद्ध किया और कहा कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। शोपनेन्दु महंती ने अपने अनुभव को साझा किया और भविष्य में कीस के छात्रों के कोच बनने की बात कही ।

आध्यात्मिक गुरु चिदानंद सरस्वती ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से जनजातीय समाज के विकास के लिए जो प्रयास डा. सामंत कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जिस तरह से राज्य को समृद्धि के रास्ते पर ले जा रहे हैं, ठीक उसी तरह डा. सामंत भी लाखों आदिवासी छात्रों को उनके सपनों को पूरा करने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्थापक का स्वर्ण पदक पाने वाले 15 छात्रों में से 11 लड़कियां हैं और जिन छात्रों ने आज पदक जीता , वे कल समाज के आदर्श बनेंगे।

समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पा चुके भारतीय संगीतकार और तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता डॉ. रिकी जी. केज ने छात्रों से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को संबोधित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सार्थक बदलाव तभी हो सकता है जब व्यक्ति दूसरों की प्रतीक्षा करने के बजाय खुद को बदले और अपनी जिम्मेदारियों को समझे। कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सत्य एस त्रिपाठी, कुलपति प्रोफेसर दीपक कुमार बेहरा और कुलसचिव डा पी के राउतराय ने भी अपने अपने विचार रखे। दीक्षांत समारोह में कीट -कीस की अध्यक्षा शाश्वती बल, उपाध्यक्ष उमापद बोस और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारीगण मौके पर उपस्थित थे।

विशेषज्ञ पैनल और सफल संवादों के साथ हुआ कैरियर टाउन का समापन

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देहरादून, कैरियर बडी क्लब द्वारा आयोजित दो दिवसीय कैरियर टाउन का दून इंटरनेशनल स्कूल में समापन हुआ। समापन दिवस की शुरुआत बीएनआई उत्तराखंड के उद्योग विशेषज्ञों की उपस्थिति वाले एक ज्ञानवर्धक सत्र के साथ हुई।
इस सत्र के पनेलिस्ट्स में ध्रुव बत्रा ने सतत वास्तुकला पर, हर्षित गुप्ता ने प्रारंभिक निवेश पर शिक्षा पर, नमन बंसल ने सोशल मीडिया के बारे में, सतविंदर ने एआई पर शिक्षा पर बात की। अमित मिनोचा ने आतिथ्य पर अंतर्दृष्टि दी। रोमिक राय ने ग्लोबल वार्मिंग/कार्बन पदचिह्न पर शिक्षा के बारे में, आशुतोष तुलस्यान ने उद्यमिता पर और योगी ने विज्ञापन में करियर के बारे में बात की। सभी पनेलिस्ट्स ने दिलचस्प चर्चाओं में विभिन्न पहलुओं को शामिल किया। जो कैरियर के अवसरों और चुनौतियों का व्यापक दृष्टिकोण पेश करता है।
इस ज्ञानवर्धक सत्र के बाद प्रतिभागियों ने लीडिंग द वे: लेसंस फ्रॉम सक्सेस एंड सेटबैक्स शीर्षक नामक सत्र में भाग लिया। संवाद में रेड एफएम की सीईओ और मैजिक एफएम की निदेशक निशा नारायणन, वेणु ढींगरा के साथ विचारोत्तेजक बातचीत में शामिल हुईं।
इस सत्र में वक्ताओं ने अपनी व्यक्तिगत और व्यावसायिक यात्राओं पर प्रकाश डाला, जिससे दर्शकों को उन अनुभवों की एक झलक मिली, जिससे वो सफल हुए हैं। सत्र में गतिशील मीडिया उद्योग में चुनौतियों पर काबू पाने और अवसरों को अपनाने पर खुलकर विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर कैरियर बडी क्लब की टीम, जिनमें सीईओ सैथजीत सिंह अरोड़ा; सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग चौहान; तनवीर शाह, और अनुकृति बत्रा भी उपस्थित रहे।
सैथजीत सिंह अरोड़ा ने अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कैरियर टाउन एक उल्लेखनीय कार्यक्रम रहा, जो उद्योग के विशेषज्ञों और उद्यमी पेशेवरों को एकत्र करके ज्ञान और अनुभव साझा करने का संध्यान है। हम इस आयोजन की सफलता और इसके प्रतिभागियों पर सकारात्मक प्रभाव से खुश हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग चौहान ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि करियर टाउन कार्यक्रम के सत्र न केवल जानकारीपूर्ण थे बल्कि प्रेरणादायक भी थे। सभी सत्रों ने मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की जो निस्संदेह छात्रों को उनके करियर में मार्गदर्शन करेगी।

गूगलपे और पेटीएम को लेकर बड़ा अपडेट- बंद होगी ये फ्री सुविधा, अब ग्राहकों को देना पड़ेगा एक्स्ट्रा चार्ज

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नई दिल्ली, टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत तेजी से कदम बढ़ा रहा है। डिजिटल पेमेंट का कारोबार भारत में राकेट की रफ्तार से बढ़ा है। आज पैसों के लेन देन के लिए पेटीएम, गूगल पे, फोनपे का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। ये तीनों ऐप्स आज देश की प्रमुख यूपीआई ऐप्स बन चुकी हैं। इनकी मदद से लोग रिचार्ज, बिल पेमेंट, फ्लाइट बुकिंग, इंश्योरेंस, इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट जैसे कई जरूरी कार्य करते हैं। अगर आप भी इनका इस्तेमाल करते हैं तो बता दें कि अभी इन ऐप्स को लेकर बेहद जरूरी अपडेट आया है।

बता दें कि ऐसे लोगों की लाखों में संख्या है जो इन ऐप्स का इस्तेमाल सिर्फ मोबाइल रिचार्ज के लिए किया करते हैं। अभी तक इन ऐप्स पर मोबाइल रिचार्ज की सुविधा पूरी तरह से फ्री हुआ करती थी, लेकिन अब रिचार्ज करने पर आपको कुछ फीस भी देनी पड़ेगी। यानी ये ऐप्स अब मोबाइल रिचार्ज के लिए ग्राहकों से सुविधा शुल्क लेंगे। सिर्फ मोबाइल रिचार्ज ही नहीं अगर आप पेटीएम के वॉलेट में रुपये ऐड करेंगे तो भी आपको इसके लिए सुविधा शुल्क लगेगा। यह सुविधा शुल्क कितना होगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप कितना पैसा अकाउंट में जोड़ रहे हैं। इसी तरह अलग अलग रिचार्ज बाउचर को रिचार्ज करने के लिए आपको अलग अलग सुविधा शुल्क देनी पड़ेगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेटीएम की ही तरह गूगल पे ने भी ग्राहकों से सुविधा शुल्क लेना शुरू कर दिया है। आप जितना बड़ा रिचार्ज करेंगे या फिर वॉलेट में जितना ज्यादा पैसा ऐड करेंगे आपसे सुविधा शुल्क उतना ज्यादा लिया जाएगा। आपको बता दें कि फोन पे काफी पहले से ही यूजर्स से सुविधा शुल्क वसूल रहा है। अब इसकी राह पर ही गूगल पे और पेटीएम ऐप ने भी चलना शुरू कर दिया है। अभी तक यूजर्स के पास फ्री में रिचार्ज कराने के कई सारे ऑप्शन थे लेकिन अब उन्हें तीनों ही प्लेटफॉर्म में रिचार्ज कराने पर सुविधा शुल्क देना पड़ेगा।

सिलक्यारा : हर रोज सुबह निकलती आशा की किरण, फिर शाम होते ही जाती टूट, अब तो सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में 14वां दिन भी गया बीत

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देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 14 दिन हो गये, वे बस एक आस में जी रहे हैं कि हम सुरक्षित बाहर आयेंगे, उनका हौंसला बुलंद है और उम्मीद कायम है कि हम बाहर आयेंगे, इसी उम्मीद के सहारे सुरंग में फंसे इन मजदूरों का हर आहट पर दिल धड़क रहा है, छोटी सी उम्मीद दिखते ही मजदूरों के चेहरे खिल जाते, लेकिन फिर तकनीकी अड़चनों के कारण कुछ पल में ही मायूसी छा जाती। सुरंग में फंसे इन 41 मजदूरों के लिये हर दिन का सवेरा एक उम्मीद लेकर आता, लेकिन फिर शाम होते-होते उम्मीद टूट रही। अब तो उम्मीद के सहारे अपनी जीवन की आस लगाये मजदूरों को उस कालजयी सुरंग में आज 14 दिन हो गए। सुरंग में हल्की सी आहट में उन्हें अपने बाहर निकलने की उम्मीद दिखती, लेकिन पल भर में ही उनका ये भ्रम टूट जाता। दूसरी और बाहर उनके परिजन भी उनके सकुशल बाहर ने के इंतजार में है। उत दिवाली वाले दिन उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में काम कर रहे ये मजदूर काम समाप्त करने के पश्चात सायं अपने परिवार वालों के साथ दीपावली मनाने के लिये आतुर थे, लेकिन नियति ने कुछ ओर ही लिखा था, रात्रि शिफ्ट में सुरंग के अंदर गए मजदूर ढाई घंटे बाद शिफ्ट खत्म कर बाहर आने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही साढ़े पांच बजे भारी भूस्खलन हो गया और वहां काम कर रहे 41 मजदूर अंदर फंसकर रह गए।

बस उसी दिन से उन्हें बाहर निकालने के लिये रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है, लेकिन कब तक मजदूर बाहर आ जाएंगे इस बारे में राहत एवं बचाव अभियान से जुड़े एनएचआईडीसी और जिला प्रशासन के अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। मजदूरों को अंदर फंसे 14 दिन हो गए हैं। सुरंग के भीतर लगातार चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच बृहस्पतिवार की देर रात व शुक्रवार की अलसुबह एक खबर ने उत्साह और बढ़ाया। पाइप व लोहे के गर्डर को जब गैस कटर से काटा जा रहा था तो उसके धुएं की खुशबू सुरंग के भीतर फंसे 41 मजदूरों तक पहुंच गई। जैसे ही मजदूरों को गैस कटर के धुएं की खुशबू आई तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।
लेकिन यह ये धुआं आगे से मुड़े हुए 800 मिमी के पाइप को काटने के दौरान उठा। मजदूरों ने तत्काल कम्युनिकेशन सिस्टम के माध्यम से बाहर काम कर रहे बचाव दल को इसकी जानकारी दी। उन्हें लग गया कि अब पाइप उनके करीब पहुंच चुका है, क्योंकि ज्यादा दूरी होती तो धुएं की खुशबू मलबे को चीरकर आगे न बढ़ पाती। बचाव दल में जुटे अधिकारियों ने बताया कि धुएं की खुशबू से ये अनुमान लगा लिया गया है कि अब मंजिल ज्यादा दूर नहीं है। खुद भीतर कैद मजदूर भी इससे उत्साहित हो गए हैं। लेकिन नियति भी उन्हें अभी बाहर निकालने को राजी नहीं, फिलहाल अभी तक मजदूर अंदर ही फंसे हैं और अभी एक दो दिन और वहीं रहने के आसार लग रहे हैं, लेकिन सरकार भी हर संभव प्रयास में लगी है।
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन शुक्रवार शाम 24 घंटे बाद चली, लेकिन फिर लोहे का अवरोध आने से रुक गई। जिससे एक बार फिर मजदूरों के बाहर निकलने का इंतजार बढ़ गया।
अब तक मलबे में करीब 47 मीटर ही पाइप पहुंच पाया है। अधिकारियों के मुताबिक अभी करीब 9 मीटर का सफर बाकी है। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि मशीन चलने से हो रहे कंपन के कारण सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। जिससे मलबा गिरने का खतरा है। इसी लिए बीच में काम रोकने का निर्णय लिया गया है। इन सब के बीच यमुनोत्री हाईवे के निकट छोटे से गांव सिलक्यारा को सुरंग हादसे ने बड़ी पहचान दी है। हादसे के बाद गुमनाम सा यह गांव देश-विदेश की सुर्खियां में रहा। हैशटैग उत्तरकाशी रेस्क्यू से इस हादसे को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अब तक चार हजार से ज्यादा पोस्ट की जा चुकी हैं, जबकि गूगल पर उत्तराखंड टनल लेटेस्ट न्यूज कीवर्ड से इस हादसे से जुड़ी खबरों को 13 दिन में 20 हजार से अधिक बार सर्च किया गया है।
सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने लिए केंद्र व राज्य की जद्दोजहद जारी है, इस कार्य के लिये लगभग 19 एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। देशभर से कई बड़ी मशीनें यहां ड्रिलिंग और बोरिंग के लिए पहुंचाई गईं। देश के कई बड़े वैज्ञानिक संस्थानों और ओएनजीसी विशेषज्ञ भी सिलक्यारा पहुंचे। वहीं, विदेशी एक्सपर्ट भी बुलाए गए। हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन को कवर करने के लिए देश-विदेश के तमाम बड़े मीडिया संस्थान सिलक्यारा में डेरा जमाये हैं और मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने के इंतजार में हैं। इसके अलावा राज्य व केंद्र के कई बड़े अफसरों के साथ मंत्री भी यहां पहुंचे। सोशल मीडिया पर नजर डालें तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हैशटैग उत्तरकाशी रेस्क्यू से शुक्रवार शाम तक 4,972 पोस्ट हो चुकी हैं। वहीं, गूगल पर उत्तराखंड टनल लेटेस्ट न्यूज भी लगातार ज्यादा लोग सर्च कर रहे हैं। अब तो सुरंग में फंसे मजदूरों की किस्मत कब उन्हें इस गर्भ गृह से बाहर लाती है यह प्रश्न अभी भी मुंह बाये खड़ा, लेकिन इन सबके बीच राज्य सरकार प्रयास सार्थकता से चल रहा और कौशिश है कि बस सभी मजदूर को जल्द हमारे बीच होंगे, फिलहाल सिलक्यारा में रेस्क्यू आपरेशन अभी जारी है |

आपदा पर राजनीति करने वालों को दिख रही सीएम की कोशिशों में सियासत : भट्ट

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रेस्क्यू में आने वाली बाधाओं पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण : भट्ट

देहरादून 25 नवंबर, भाजपा ने सिलक्यारा को लेकर कांग्रेसी रवैये को दुर्भाग्यपूर्ण बताया । साथ ही 41 जिंदगियों को बचाने की मुहिम में आ रही बाधाओं पर राजनीति करने का आरोप लगाया है । प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने कटाक्ष किया कि सीएम धामी मौके रहकर रेस्क्यू टीम का हौसला बढ़ा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को उसमे भी सियासत नजर आती है ।

टनल में फंसे श्रमिकों का जीवन बचाने के मिशन में आज आई बाधा को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए श्री भट्ट ने कहा, तमाम चुनौतियों से पार पाते हुए, हम कामयाबी के इतने करीब तक पहुंचे हैं । हमें रेस्क्यू अभियान में लगे विशेषज्ञों और आपदा प्रबंधन की टीम पर पूरा भरोसा है कि वे इस बाधा को भी दूर कर सभी को सुरक्षित बचा कर लाएगी । सीएम के वहां कैंप बनाने को लेकर कांग्रेसी बयानों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी एक स्वाभाविक लीडर की भांति इस बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं । उन्होंने बचाव टीम को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिस विशेषज्ञ या जिस संसाधन की जरूरत हो उसे तत्काल मौके पर बुलाएं। वे पहले मौके पर गए या जहां भी रहे, हमेशा अभियान को लेकर पल पल की जानकारी लेते रहे । रेस्क्यू अभियान की गंभीरता को देखते हुए, बचाव टीम और पीड़ित परिजनों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्होंने वहां अस्थाई कैंप लगाने का निर्णय किया है । उनके इस संवेदनशील निर्णय की प्रदेश ही नहीं देशभर में प्रशंसा हो रही है लेकिन यह सब कांग्रेस को हजम नही हो रहा है । यही वजह है कि शुरुआत से ही इस आपदा में राजनीति के अवसर ढूंढने वाली कांग्रेस को सीएम के प्रयासों में सियासत नजर आ रही है।

कांग्रेस पर परस्पर विरोधाभासी बयानबाजी का आरोप लगाते हुए कहा, श्री भट्ट ने कहा, पहले यही लोग कहते थे कि मुख्यमंत्री, मंत्री घटनास्थल का नही, राजनैतिक दौरों में व्यस्त हैं और अब जब मुख्यमंत्री ने परिस्थिति के मद्देनजर वहां डेरा डाला है तो उसे सियासत बता रहे हैं । जबकि देश जानता है कि सुरंग में बंद श्रमिकों को दवाई, पानी, खाना, आक्सीजन समेत जो भी जरूरी चीज उन्हे चाहिए वह उनतक पहुंचाया जा रहा है । सीएम स्वयं इन सभी श्रमिकों से बात कर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं, साथ ही पीड़ित परिजनों को भी ढांढस बंधा रहे हैं और रेस्क्यू टीम के मनोबल को भी मजबूत कर रहे हैं । उन्होंने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा, व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया यूनिवर्सिटी के अपुष्ट ज्ञान के आधार पर बयान देने के बजाय उन्हें जिम्मेदार राजनैतिक दल के नाते सकारात्मक रुख अख्तियार करना चाहिए । उन्हें समझना होगा कि उनके गैरजिम्मेदार सवाल, अभियान से जुड़े लोगों की कोशिशों और मंशा पर हमला है, जो उनके और पीड़ित परिवारों के विश्वास को डिगाने का काम करते हैं । उन्होंने कहा, यह तय है कि हमारी विशेषज्ञ टीम सभी मजदूर भाइयों को सुरक्षित बचाने में देर सबेर अवश्य कामयाब होगी । उन्होंने कटाक्ष कर कहा कि टीम की यह सफल कोशिश इतिहास बनने वाली है, जिसमे विपक्ष के रुख की समालोचना भी तय है ।

योजनाओं से काश्तकारों को मिले लाभ को भाजपा, दुग्ध संघ चुनाव को जीत में बदलेगी : चुंफाल

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देहरादून, भाजपा ने सरकारी योजनाओं से दुग्ध काश्तकारों को मिलने वाले लाभ के आधार पर दुग्ध संघों के चुनाव जीतने का दावा किया है ।

पार्टी मुख्यालय में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दुग्ध संघों के लिए नियुक्त चुनाव पर्यवेक्षक श्री बिशन सिंह चुंफाल ने तैयारी के दृष्टिगत एक महत्वपूर्ण बैठक ली है । इस मौके पर श्री चुंफाल ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार की दुग्ध प्रोत्साहन योजना का बड़ा लाभ हमारे काश्तकारों को मिला है । उन्होंने कहा, पहाड़ में पशुधन रोजगार का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है और आज भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए दुग्ध व्यवसाय जीवनयापन की कड़ी है । हमारी सरकार महिला डेयरी के लिए 70 फीसदी और सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी अनुदान दे रही है । सरकार की पालतू जानवरों के चारे को लेकर 75 फीसदी की छूट और जानवरों की खरीद के लिए 50 हजार रुपए की मदद काश्तकारों के जीवन ने बड़ा बदलाव ला रही है । छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए केंद्र और राज्य सरकार ऐसी ही योजनाएं दुग्ध संघ ने पार्टी प्रतिनिधित्व बढ़ाने में साबित होने वाली हैं ।

दुग्ध संघ के चुनाव प्रक्रिया की जानकारी देते हुए श्री चुंफाल ने बताया कि प्राथमिक समिति के सदस्य और उनके अध्यक्ष के चुनाव संपन्न हो गए हैं । आगे कुल 11 दुग्ध संघों में से 9 संघों के अध्यक्ष के चुनाव होने हैं जिसकी तैयारी को लेकर आज यह बैठक बुलाई गई थी । जिसमे संबंधित सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों के साथ रणनीति को लेकर चर्चा पर्यवेक्षकों ने विचार विमर्श किया है । उन्होंने आगे की कार्ययोजना को लेकर बताया कि शीघ्र ही हम जनपदों में जाकर संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठकर प्रत्याशियों के नामों पर विचार करेंगे और 3 नामों का पैनल प्रदेश नेतृत्व को सौंपा जाएगा । बैठक ने चुंफाल के अतिरिक अन्य पर्यवेक्षक श्री उमेश त्रिपाठी, श्री राम मेहरोत्रा समेत संबंधित जनपदों के अध्यक्ष सम्मिलित हुए ।