Thursday, May 29, 2025
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मुख्यमंत्री धामी ने दिया मोदी है ना कार्यक्रम को पहाड़ के डांडी काठ्यों तक ले जाने का संकल्प : नेहा

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नेहा ने जताया सभी का आभार, बोली-आर्शीवाद और स्नेह के लिए वह युवाओं की सदैव रहेगी ऋणीय

देहरादून, रविवार को देहरादून के पवेलियन ग्राउन्ड में आयोजित ‘‘मोदी है ना‘‘ कार्यक्रम में युवाओं का हुजुम देखने को मिला। जहां एक ओर युवाओं ने मोदी मोदी के नारे से पवेलियन मैदान गुंजायमान था, वही मातृशक्ति ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम में भरपूर सहयोग किया। इस दौरान पवेलियन मैदान से सर्वे मैदान तक विशाल पदयात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या सहित हजारों की संख्या में युवाओं ने सहभागिता की।
भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी ने यहां उपस्थित लगभग 25 हजार से अधिक के जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 साल में अभूतपूर्व काम किए हैं, उन्होंने हमें कई तरह की गारंटी दी हैं। पीएम ने महसूस करवाया है कि आप सुरक्षित हैं, केवल बाहरी ताकतों से ही नही बल्कि आंतरिक रूप से अगर कोई भी संकट आएगा तो मोदी आपके साथ खड़ा रहेगा। हम सब कहते हैं मोदी है ना। आज 50 करोड़ जनधन खाते खुले हैं क्योंकि मोदी है ना। 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को उज्ज्वला गैस के कनेक्शन मिले हैं क्योंकि मोदी है ना। आज देहरादून से दिल्ली की दूरी 2 से 3 घंटे होने जा रही है क्योंकि मोदी है ना। आज भारत चांद पर पहुंच गया है क्योंकि मोदी है ना। आज जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी जी ने हमें पिछले 10 सालों में गारंटी दी है सुरक्षा दी है, आज मुख्यमंत्री जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या जी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट जी के नेतृत्व में उत्तराखंड का युवा मोदी जी को गारंटी देने की शुरुआत कर रहा है कि हम आपके साथ फौलाद की तरह खड़े हैं। हम आपके साथ 2014, 2017, 2019, 2022 में पिछले 10 सालों से मोदी जी के साथ खड़े हैं और 2024 में भी पांच में से पांच लोकसभा सीट आगे देकर कहेंगे, मोदी है ना।उत्तरा न्यूज – हर जरूरी खबर
नेहा ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हमारी कल्पना को साकार करने में हमारा साथ दिया और इस मोदी है ना यात्रा को पहाड़ तक अपनी डांडी काठ्यों तक ले जाने का संकल्प भी दिया, वही युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने इस कार्यक्रम में पहुॅचकर समुचे उत्तराखण्ड का मान और सम्मान बढ़ाया। उन्होंने पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष महेन्द्र भट्ट सहित समस्त पार्टी पदाधिकारियों, विधायकगणों का आभार जताया। उन्होंने युवा साथियों के लिए कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए वह उनकी सदैव ऋणीय रहेगी।
इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, दायित्वधारी ज्योति प्रसाद गैरोला, विधायक खजान दास, सविता कपूर, विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, बिहार से विधायक श्रेयशी सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार, प्रदेश मंत्री आदित्य चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा मोर्चा अभिनव प्रकाश, राष्ट्रीय मंत्री तेजेंद्र बग्गा, राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्रभारी कपिल परमार, रोहन सहगल, प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत, महामंत्री सुरेन्द्र राणा, राजेन्द्र सिंह ढ़िल्लो, बिजेन्द्र थपलियाल, निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा, युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष देवेन्द्र बिष्ट, अशुंल चावला, तरुण जैन, भावना चौधरी, वैशाली बंसल, भाजपा के मण्डल अध्यक्ष, महामंत्री सहित समस्त पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता और युवा एवं मातृशक्ति उपस्थित रहे।Big breaking :-युवा पद यात्रा कार्यक्रम की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने  की शुरुआत, युवाओं को कही यह बात - News Height

 

मुख्यमंत्री धामी ने विशाल युवा पद यात्रा कार्यक्रम में किया प्रतिभाग, कहा- उत्तराखण्ड को संवार रहे हैं मोदी

देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पवेलियन ग्राउण्ड, देहरादून में आयोजित विशाल युवा पद यात्रा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का स्मरण करते हुए कहा कि अटल जी ने उत्तराखण्ड राज्य बनाया था और अब मोदी जी उत्तराखण्ड को संवार रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी जो कहते है वो करते हैं। भारत को पुनः विश्व गुरू बनाने के लिए वे निरंतर कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत को नई पहचान मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण का सपना सच होने जा रहा है। काशी में बाबा विश्वनाथ का पुनरोद्वार हुआ है। उज्जैन में बाबा महाकाल कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। केदारनाथ के पुननिर्माण कार्य हुए हैं और बदरीनाथ में मास्टर प्लान के तहत कार्य हो रहे हैं। कश्मीर से धारा-370 समाप्त हुई है। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मेदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य में 23 वर्ष में पहली बार भर्तियों में घोटाले करने वालों पर कड़ी क़ानूनी कार्रवाई के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। धर्मांतरण रोकने के लिए कानून लागू किया गया है। लैंड जिहाद और लव जिहाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। उत्तराखंड में समान नागरिक आचार संहिता कानून के लिए बनाई गई समिति ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। ड्राफ्ट मिलते ही सरकार इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगी। राज्य की महिलाओं को राज्य की प्रतियोगी परीक्षाओं में 30 प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई है। राज्य के कई क्षेत्रों में राजस्व पुलिस की जगह रेगुलर पुलिस की तैनाती की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड, डेस्टिनेशन उत्तराखंड के रूप में निवेश का हब बनने जा रहा है। इसी माह देहरादून में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया। इससे पूर्व विदेशों और देश के बड़े शहरों में जाकर राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए रोड शो के माध्यम से करार किये गये। जो निवेश प्रस्ताव राज्य को प्राप्त हुए हैं, उनकी ग्राउडिंग के लिए तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चाहे मूल निवास का मुद्दा हो, भू-कानून का मुद्दा हो या अन्य कोई भी जनहित से जुड़े मुद्दे हों राज्य के हित में जहां पर भी जो भी जरूरत पड़ेगी, हम उसमें एक प्रसेंट भी पीछे रहने वाले नहीं हैं। राज्य का हित और यहां के नौजवान युवाओं का हित हमारे लिये सबसे पहले है। राज्य में जो निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उनमें भी सबसे पहले राज्य सरकार उन्हीं को प्राथमिकता देगी, जो नौजवान युवाओं को रोजगार देने वाले हों। उन्होंने कहा कि राज्यहित में जो निर्णय लेने होगें, वे लिये जायेंगे। इसमें किसी को कोई संदेह करने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्यहित से जुड़े मुद्दों पर निर्णय लेगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र भट्ट, विधायक श्री खजानदास, श्रीमती सविता कपूर, सांसद एवं भाजपा के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्य, भाजपा के युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी एवं पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे।

 

स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि

देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न, स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी कुशल प्रशासक, राजनीतिज्ञ एवं लोकप्रिय जन नेता के साथ महान वक्ता थे, जिन्हें समाज के सभी वर्गों के लोग सम्मान देते थे। स्व. वाजपेयी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि था। अटल जी उत्तराखण्ड राज्य के प्रणेता रहे हैं, उन्होंने न केवल उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण किया बल्कि राज्य विकास के लिए आधार भी तैयार किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में भारत ने विश्व में अपनी नयी पहचान बनाई तथा 21 वीं शदी में मजबूती से कदम आगे बढ़ाया। उनमें सभी को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी। उनकी दूरगामी सोच, रचनाओं, पोखरण परमाणु परीक्षण, कारगिल की लड़ाई में भारत को मिली जीत के लिये उन्हें हमेशा याद किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में आयोजित किया जा रहा है।

 

पेशावर कांड के नायक वीर चन्द्र सिंह ‘गढ़वाली‘ का उनकी जयंती पर किया गया भावपूर्ण स्मरण

 

देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पेशावर कांड के नायक वीर चन्द्र सिंह ‘गढ़वाली‘ का उनकी जयंती पर भावपूर्ण स्मरण किया है। मुख्यमंत्री ने वीर चन्द्र सिंह ‘गढ़वाली’ की जयंती की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में वीर चन्द्र सिंह ‘‘गढ़वाली‘‘ को पेशावर कांड का महानायक बताते हुए कहा की उन्होंने देश की आजादी के लिये आन्दोलनरत निहत्थी जनता पर गोली चलाने के आदेश को न मानकर देशभक्ति और साहस का परिचय दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के लिए ‘पेशावर कांड‘ एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के आंदोलन में यह घटना मील का पत्थर साबित हुई, जिसने देश की आजादी के लिए एक क्रांतिकारी आधार तैयार किया।

क्रिसमस पर सीएम ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं :

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने क्रिसमस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों विशेषकर ईसाई समुदाय के लोगों को शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि क्रिसमस का यह पर्व हमें सेवा, त्याग, प्रेम और करुणा जैसे आदर्शों का अनुसरण करने का संदेश देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रिसमस का त्योहार भाईचारे की भावना और खुशियों को बांटने का उत्सव है। उत्तराखण्ड में सभी पर्वों को मिलजुल कर मनाने की श्रेष्ठ परम्परा रही है।

महिलाऐं परिवार ही नहीं बल्कि देश की भी ताकत : लोकपाल सिंह

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महाविद्यालय में समान नागरिक संहिता तथा महिला सशक्तिकरण विषयक संगोष्ठी आयोजित
कोरोना काल में किये सराहनीय कार्य हेतु श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज को किया गया सम्मानित

हरिद्वार (  कुलभूषण ) महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ एवं सार्थक के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालय में आज समान नागरिक संहिता तथा महिला सशक्तिकरण विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में आनन्द पीठाधीश्वर परम पूज्य आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री बालकानंद जी महाराज का पावन सानिध्य प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व काॅलेज प्रबन्ध समिति, मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह, पूर्व न्यायमूर्ति, उत्तराखण्ड एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कमलेश सिंह, विशिष्ट अतिथि प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री, कुलपति उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा तथा आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के प्रभारी डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी द्वारा सरस्वती वंदना व द्वीप प्रज्जवलित करके किया गया। सर्वप्रथम अतिथियों का माल्यार्पण कर एवं पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया।
सर्वप्रथम आनन्द पीठाधीश्वर परम पूज्य आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी श्री बालकानंद जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि पुत्र एक वंश को आगे लेकर चलता है तो पुत्री तीन वंश को आगे बढ़ाती है। धर्म को साथ लेकर चलने वाली धर्मपत्नी कहलाती है, हमारा अस्तित्व नारी से प्रारम्भ होता है।
श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व काॅलेज प्रबन्ध समिति ने समस्त अतिथियों को अपना साधुवा्द प्रेषित किया।
मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह, पूर्व न्यायमूर्ति, उत्तराखण्ड ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि घर में पुत्री ने जन्म लिया तो संस्कारों ने जन्म लिया है। महिला सशक्तिकरण वर्तमान में सर्वोच्च विकास प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण, साक्षरता, शिक्षा, प्रशिक्षा और जागरूकता बढ़ाने के माध्यम से महिलाओं की स्थिति में सुधार करता है। यूसीसी को लागू करने के लिए पहल करने के लिए लोकपाल सिंह ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद प्रेषित करते हुए एसएमजेएन पी जी कालेज को इस महत्वपूर्ण बिन्दु उठाने के लिए बहुत बहुत बधाई दी उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड राज्य में एसएमजेएन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। न्यायमूर्ति लोकपाल जी ने कहा कि हर ऐसे अपराध जिसमें न्यायालय संज्ञान ले सकता है, उसकी प्रथम प्राथमिकी रिपोर्ट लिखवानी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के कानून में कुछ विरोधाभास है, विवाह के सन्दर्भ में धर्मों में अलग-अलग प्रावधान है, इसलिए यूसीसी आवश्यक है। उन्होंने आह्वान किया कि हताश और निराश न हो, अपने अधिकारों के प्रति सजग रहे।
संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री, कुलपति उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय ने अपने सम्बोधन में कहा कि समान नागरिक संहिता का लागू होना देश के लिए बहुत आवश्यक है। अगर देश की जनंसख्या का धनत्व ऐसे ही बढ़ता जायेगा तो भयंकर विष का कार्य करेगा। प्रो. शास्त्री ने कहा कि पुरूषों की तुलना में स्त्री में शक्ति और धैर्य अधिक होता है। स्त्री को शक्ति पुंज भी कहा जाता है, प्रो. शास्त्री ने प्राचीन वेद, पुराणों के उदाहरण भी इस सम्बन्ध में प्रस्तुत किये।
काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने सभी अतिथियों को धन्यवाद प्रेषित करते हुए कहा कि पुरूषों के ठोस निर्णय लेने में महिलाओं की विशेष भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के घरेलू कार्यों का मोद्रिकरण किया जाना सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
इससे पूर्व काॅलेज की डाॅ. अमिता मल्होत्रा द्वारा नारी शक्ति का अवतार है गीत पर श्रोताओं को लुभाया। कालेज के छात्र-छात्राओं काजोल, अंशिका, दिया, राधिका, नेहा कश्यप, विष्णु, आयुष द्वारा ‘बेटी बचाओ-अपने बेटों को समझाओ’ विषयक नाट्य प्रस्तुत किया गया। समान नागरिक संहिता विषय पर अर्शिका, साक्षी आदि द्वारा सुन्दर प्रस्तुति प्रदान की गयी। इस अवसर पर डाॅ. कृष्णा झा एवं डाॅ. ऋचा झा द्वारा श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज को उनके द्वारा कोरोना काल में किये गये सराहनीय कार्यों हेतु सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी व कैरियर काउसिंलिग सेल के अधिष्ठाता विनय थपलियाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से हरिद्वार नागरिक मंच के जगदीश लाल पाहवा, रमन कुमार सैनी अधिवक्ता, रामानंद इंस्टीटयूट के मयंक गुप्ता, मनोज उनियाल, सूरज,श्रुति आदि शिक्षक साथी महाविद्यालय के डाॅ. मन मोहन गुप्ता, प्रो. जदगीश चन्द्र आर्य, डाॅ. सुषमा नयाल, डाॅ. शिव कुमार चौहान, डाॅ. मनोज कुमार सोही, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. लता शर्मा, श्रीमती रूचिता सक्सेना, डाॅ. रजनी सिंघल, डाॅ. पल्लवी राणा, डाॅ. मिनाक्षी शर्मा, डाॅ. विनीता चौहान, कु. भव्या भगत, कु. साक्षी गुप्ता, डाॅ. प्रदीप त्यागी, मोहन चन्द्र पाण्डेय आदि उपस्थित थे। काॅलेज की छात्रा अपराजिता द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविता पाठ द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया।,

मूल निवास एवं सशक्त भू-कानून को लेकर दून में उतरा जन सैलाब : महारैली में राज्य के कई जिलों के सामाजिक संगठन, राजनीतिक दल और राज्य आंदोलनकारी हुये शामिल

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(एल. मोहन लखेड़ा )

देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य बने दो दशक से अधिक का समय हो गया लेकिन अभी भी पहाड़ की जनता अपने हक हकूकों के लिये आंदोलित है, राज्य में मूल निवास कानून लागू करने और इसकी कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 घोषित किए जाने और प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर देहरादून में आज पूरे उत्तराखण्ड़ से आम जनमानस का जन सैलाब एकजुट होकर मूल निवास स्वाभिमान महारैली का हिस्सा बना। दून में इस महारैली में बड़ी संख्या में युवा और तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठन शामिल होने प्रदेश भर से पहुंचे हैं। लोग परेड मैदान में सुबह से एकत्रित होने लगे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। भू कानून को लेकर आयोजित रैली परेड ग्राउंड से शुरू होकर जलूस की शक्ल में काॅन्वेंट स्कूल से होते हुए एसबीआई चौक, बुद्धा चौक, दून अस्पताल, तहसील चौक होते हुए कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंची। इसके बाद शहीद स्मारक पर सभा का आयोजन किया गया।
सभा को संबोधित करते हुये मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि यह उत्तराखंड की जनता की अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई है। सरकार की ओर से विभिन्न माध्यमों से संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों से संपर्क कर रैली का टालने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि हम सरकार की इस पहल और सक्रियता का सम्मान करते हैं, लेकिन यह जन आंदोलन है, जिसका नेतृत्व उत्तराखंड की आम जनता कर रही है। इसलिए इस आंदोलन से संबंधित कोई भी फैसला आम जनता के बीच से ही निकलेगा।
राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने कहा कि विषम भौगोलिक स्थिति वाले राज्य को आजादी 42 शहादतों के बाद मिली है। हमारी मांग रही है कि राज्य में 1950 का मूल निवास लागू हो साथ ही हिमाचल की तर्ज पर भू कानून लागू हो और इसके लिए हम सभी लामबंद हो चुके हैं इसका आगाज आज हो चुका है और यदि इसमें कोई हीलाहवाली की गई तो आने वाले समय में हम इससे भी बड़ा जन सैलाब सड़क पर उतारेंगे। जगमोहन नेगी व हर्षपति काला ने सरकार से मांग की है कि अब राज्य आंदोलन की तर्ज पर मूल निवास और भू कानून लागू कराने हेतु अब जन मानस सड़क पर आ चुका है अब सरकार को पुनः इसको 371 के अंतर्गत हमारे हक हकूक सुरक्षित किये जाएं अन्यथा जन आंदोलन खड़ा होगा, डी. एस. गुसाईं ने कहा कि जिन उद्देश्य को लेकर राज्य की मांग की गई हम उससे छूटते चलें गये हमारे उत्तराखण्ड मेँ बसे नागरिकों कें मूल निवासियों का रोजगार पर दिक्कत , छोटे छोटे ठेकेदार कें हक मारे गये , जमीनी छीन गई , रोजगार एजेंसियां भी बाहरी प्रदेशों से अतिक्रमण हो गया। अब सरकार को सशक्त भू कानून और मूल निवास पर गंभीरता पूर्वक जल्द से जल्द विधानसभा में नियम बनाएं।
गौरतलब हो कि राज्य बनने के बाद से ही भू कानून की मांग की जाती रही है, लेकिन राज्य अब तक सत्तारूढ़ सरकारों ने इस ओर कोई सकारात्मक पहल नहीं की और नियमों की अनदेखी कर यहां औने-पौने दाम में जमीनें खरीद कर उसमें होटल-रिजॉर्ट बनाए जाते रहे हैं और पहाड़ से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे धीरे धीरे नेपथ्य में चले गये, जहां इस भूकानून रैली का हिस्सा बनने के लिये प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने खुद लोगों का आह्वान किया, वहीं विधानसभा चुनाव के दौरान भी यहां के युवाओं ने सशक्त भू कानून और मूल निवास की मांग जोरशोर से उठाई थी | महारैली में उत्तराखंड के कई जिलों के लोग, सामाजिक संगठन, राजनीतिक दलों के नेता कार्यकर्ता व राज्य आंदोलनकारी भी शामिल हुए। जबकि राज्य में हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू कानून लागू करने की मांग लगातार की जा रही है, वर्ष 2002 में सरकार की तरफ से सावधान किया गया कि राज्य के भीतर अन्य राज्य के लोग सिर्फ 500 वर्ग मीटर की जमीन ही खरीद सकते हैं, लेकिन वर्ष 2007 में इस प्रावधान में एक संशोधन कर दिया गया और 500 वर्ग मीटर की जगह 250 वर्ग मीटर की जमीन खरीदने का मानक रखा गया, वहीं 6 अक्टूबर 2018 को भाजपा की तत्कालीन सरकार इसमें संशोधन करते हुए नया अध्यादेश लाई, जिसमें उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि सुधार अधिनियम 1950 में संशोधन करके दो और धाराएं जोड़ी गई | इसमें धारा 143 और धारा 154 के तहत पहाड़ों में भूमि खरीद की अधिकतम सीमा को ही खत्म कर दी गई है, यानी राज्य के भीतर बाहरी लोग जितनी चाहे जमीन खरीद सकते हैं |
आज की महारैली में जगमोहन सिंह नेगी, ओमी उनियाल, रामलाल खंडूड़ी, प्रदीप कुकरेती, जनकवि डा. अतुल शर्मा, अशोक वर्मा, विशम्भर खंकरियाल, पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत, महेन्द्र रावत, सतेन्द्र भण्डारी, डी. एस. गुसाईं, विक्रम सिंह भण्डारी, मोहन नेगी , युद्धवीर सिंह चौहान, प्रेम सिंह नेगी, विनोद असवाल, मोहन खत्री, जयदीप सकलानी, वेदा कोठारी, बीर सिंह रावत, सुमित थापा, डा. एस पी सती, सुमन भण्डारी, महेन्द्र बिष्ट, चन्द्र मोहन सिंह नेगी, विरेन्द्र गुसांई, बाल गोविन्द डोभाल, सुरेश नेगी, राजेश पान्थरी, मोहन रावत, सतेन्द्र नौगांई, संतन रावत, सुशील चमोली, सुनील जुयाल, नवीन रमोला, विजय वर्धन डण्डरियाल, सुलोचना भट्ट, राधा तिवारी, सत्या पोखरियाल, सुनीता रावत, प्रभात डण्डरियाल, राकेश थपलियाल, बिना बहुगुणा, अंजली पन्त, रामेश्वरी रावत, सरोजनी रावत, सुलोचना गुसांई आदि शामिल रहे।May be an image of one or more people, crowd and text that says 'उत्तराखणड माग सख्त भू-कानून'

सख्त भू कानून भाजपा सरकार ही लेकर आएगी : भट्ट

वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भू कानून को लेकर स्पष्ट किया कि हमारी सरकार राज्य निर्माण की मूल अवधारणा के संरक्षण को लेकर कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कठोरतम नकल निरोधक और धर्मांतरण कानून के बाद मूल निवासियों के हित में सख्त भू कानून भी भाजपा सरकार ही लेकर आएगी।

स्थानीय हितों का मुद्दा उठा :

राज्य सरकार की मंशा थी कि इस नियम में संशोधन करने के बाद राज्य में निवेश और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन अब सरकार के इस फैसले का विरोध होने लगा है. इसके साथ ही राज्य में मूल निवास की अनिवार्यता 1950 लागू करने की मांग की जा रही है. 1950 से राज्य में रह रहे लोगों को ही स्थाई निवासी माने जाने की मांग उठ रही है |May be an image of one or more people, crowd and text

भू कानून और मूल निवास का मुद्दा बढ़ायेगा सियासी तापमान : माहरा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इसे सराहनीय कदम बताया है, उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को गैर राजनीतिक होना चाहिए, वहीं लोकसभा चुनाव को छह महीने से कम समय बचा है ऐसे में देवभूमि में भू कानून और मूल निवास का मुद्दा आने वाले दिनों में राज्य के सियासी तापमान को बढ़ा सकता है |May be an image of 9 people and text

संघर्ष समिति की ये हैं प्रमुख मांगें :

– प्रदेश में ठोस भू कानून लागू हो।
– शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो।
– ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।
– गैर कृषक की ओर से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे।
– पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे।
– राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।
– प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।
– ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।May be an image of 7 people and text

रैली में यह संगठन रहे शामिल :

उत्तराखंड़ क्रांति दल, सुराज सेवा दल, बद्री केदार विकास समिति, चार धाम महापंचायत,भैरव सेना, उत्तराखंड बेरोजगार संघ,आर्यन छात्र संगठन, उत्तराखण्ड महिला मंच, उत्तराखण्ड़ आंदोलनकारी मंच, उत्तराखण्ड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद, चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति,
नशा उन्मूलन संस्था ॠषिकेश, कृनक बागवान उधमी संगठन, उत्तराखण्ड कांग्रेस कमेटी, राष्ट्रीय उत्तराखण्ड सभा (यूपी इकाई),
ज्योति सभा एवं गढ़वाल सभा मेरठ, अखिल हिन्दू वाहिनी, राष्ट्रीय पावर पार्टी, कुर्माचल सास्कृतिक परिषद, गढ़‌वाल भ्रात मंडल क्लेमनटाउन, पहाड़‌ी पार्टी,
राठ महासभा, हिमगिरी सोसाइटी, आर्यवृत विद्यार्थी महासंघ, उत्तराखण्ड स्टूडेंट फेडरेशन पूर्व सेवानिवृित कर्मचारी संगठन |

9 फेमस क्लब चंडीगढ़ दूसरे विनय विंडलास मेमोरियल बेसबाल क्लब चेम्पियनशिप के फाइनल में

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देहरादून, खेल परिसर परेडग्राउंड एवं एसजीआर पीजी कॉलेज में खेले गये दूसरे विनय विंडलास मेमोरियल आल इंडिया प्राइज़ मनी क्लब बेसबॉल चैंपियनशिप में चंडीगढ़ ने पूल ए में तीनों मैच जीतकर फाइनल में प्रवेश किया वही दूसरी और ग्रुप बी में फरीदाबाद एवं पंजाब के बीच फाइनल में पहुचने की जंग जारी है
आज का पहला मैच जस्सी क्लब पंजाब और मिशन क्लब चंडीगढ़ के मध्य खेला गया इस मैच में जस्सी क्लब पंजाब की टीम ने मिशन क्लब को 4-1 के स्कोर से हराया क्लब की ओर से अजय कुमार चामकोट सिंह गुरजंट सिंह ने एक एक रन का स्कोर किया मिशन क्लब की ओर से रणजीत ने एक रन बनाया प्रतियोगिता का दूसरा मैच मुंबई रॉकर्स और इंदौर बेसबॉल क्लब के मध्य खेला गया इस मैच में इंदौर बेसबॉल क्लब ने मुंबई रॉकर्स को 6-5 के अंतर से हराया मुंबई रॉकर्स की ओर से धीरज, तुषार, सूरज, योगेश प्रतियोगिता का तीसरा मैच दून स्ट्राइकर बनाम फ़रीदाबाद बेसबॉल क्लब के बीच खेला गया इस मैच का स्कोर दोनों टीमों का 10-10 रहा स्ट्राइकर की या से सुखविंदर हिमांशु सुमित अभिषेक ने दो रन का योगदान दिया प्रतियोगिता का चौथा मैच एनएफसी क्लब चंडीगढ़ और चौधरी क्लब हरियाणा के मध्य खेला गया इस मैच में एनएफसी क्लब चंडीगढ़ ने चौधरी क्लब हरियाणा को 11-0 के अंतर से हराया एनएफसी क्लब चंडीगढ़ की ओर से पंकज, मोहम्मद, पांडे ने एक-एक रन का योगदान दिया पांचवा मैच मुंबई रॉकर्स एवीएन एनएफसी क्लब चंडीगढ़ के मध्य खेला गया जिसमें एनएफसी क्लब ने मुंबई रिकॉर्ड्स को 10-0 के अंतर से हरा दिया प्रतियोगिता का छठ मैच जस्सी क्लब पंजाब और फ़रीदाबाद क्लब के मध्य खेला गया समाचार लिखे जाने तक फ़रीदाबाद क्लब की टीम 8- 6 के स्कोर से आगे चल रही है !
मैच के निर्णायक चिरंजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, सचिन चौधरी,कृष्ण सिंह,केशव गैरोला,विजेंद्र राणा ,पूर्णिमा रावत, वीर बहादुर ,रवि कुमार,अमरजीत सिंह मुन्ना,सिराज अंसारी ,मीनाक्षी पाल रहे , सोमवार को चेम्पियनशिप का फाइनल मुकाबला परेड ग्राउंड खेल परिसर में सुबह 11 बजे से खेला जाएगा !
आज खेले गये मुकाबलों के दौरान यूबीए के संरक्षक यू एन चुल्लू, अध्यक्ष विमल हरनाल, आयोजक सचिव सतीश आंनद, सह सचिव संजीव डोभाल, बृजेन्द्र राणा डी एम लखेड़ा , रविन्द्र मेहता एवं प्रीतम सिंह आदि संघ के लोग उपस्थित थे !

मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए मानक निर्धारित करने हेतु समिति गठित

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*मूल निवास प्रमाण पत्र पर सरकार का बड़ा फैसला*

*मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था बनाने को सरकार ने उठाया बड़ा कदम अपर मुख्य सचिव वाली समिति को सौंपा जिम्मा*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य के व्यापक हित में पूर्व में गठित भू-कानून समिति की अनुशंसा पर कार्यवाही हेतु शासनादेश सं0 2232 दिनांक 22 दिसम्बर, 2023 द्वारा उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति राज्य सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले भू-कानून के प्रारूप के साथ ही साथ मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में मानकों का निर्धारण करने के संबंध में भी अपनी संस्तुति शासन को उपलब्ध कराएगी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त होने के बाद उसी वर्ष अगस्त माह में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। समिति को राज्य में औद्योगिक विकास कार्यों हेतु भूमि की आवश्यकता तथा राज्य में उपलब्ध भूमि के संरक्षण के मध्य संतुलन को ध्यान में रख कर विकास कार्य प्रभावित न हों, इसको दृष्टिगत रखते हुए विचार – विमर्श कर अपनी संस्तुति सरकार को उपलब्ध कराने को कहा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में गठित समिति द्वारा राज्य के हितबद्ध पक्षकारों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं से सुझाव आमंत्रित कर गहन विचार -विमर्श कर लगभग 80 पृष्ठों में अपनी रिपोर्ट तैयार की थी। इसके अलावा समिति ने सभी जिलाधिकारियों से प्रदेश में अब तक दी गई भूमि क्रय की स्वीकृतियों का विवरण मांग कर उनका परीक्षण भी किया। समिति ने अपनी संस्तुतियों में ऐसे बिंदुओं को सम्मिलित किया है जिससे राज्य में विकास के लिए निवेश बढ़े और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो। साथ ही भूमि का अनावश्यक दुरूपयोग रोकने की भी समिति ने अनुशंसा की है।

*मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके लिये राज्य हित सर्वोपरि है।* राज्यवासियों ने जिस संकल्प के साथ राज्य निर्माण का सपना देखा है उसको पूर्ण करने के लिये वे निरंतर प्रयासरत है। राज्यवासियों का राज्य हित से जुड़ा भू-कानून हो या मूल निवास प्रमाण पत्र का विषय इस दिशा मे राज्य सरकार संजीदगी के साथ राज्यवासियों के साथ है। इसी के दृष्टिगत इन विषयों पर सम्यक रूप से विचार विमर्श कर अपनी सुस्पष्ट संस्तुति राज्य सरकार को उपलब्ध कराने के लिये ही अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। जिसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। उक्त समिति भू-क़ानून को लागू करने के प्रारूप के साथ ही मूल निवास प्रमाण पत्र जारी किए जाने हेतु मानकों के निर्धारण का कार्य भी करेगी।

बजरंग पुनिया पीएम आवास के बाहर अपना पद्मश्री पुरस्कार छोडक़र चले गए

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नई दिल्ली । बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह की भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) प्रमुख के रूप में नियुक्ति के बाद पहलवान बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा करते हुए पुरस्कार को यहाँ लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ के पास रख दिया।
बजरंग पुरस्कार लौटाने के लिए पीएम आवास की ओर बढ़े, जहां उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोक दिया। पुनिया ने विरोध स्वरूप पद्मश्री पुरस्कार फुटपाथ पर रख दिया और वहां से चले गए। उन्होंने दिल्ली पुलिस से कहा, मैं पद्मश्री पुरस्कार उस व्यक्ति को दूंगा जो इसे पीएम मोदी तक लेकर जाएगा। आंसू भरी आंखों वाली साक्षी मलिक द्वारा खेल छोडऩे की घोषणा के एक दिन बाद बजरंग ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा, जिसमें डब्ल्यूएफआई चुनावों के बाद अपनी निराशा व्यक्त की गई। इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र में पुनिया ने प्रतिष्ठित पुरस्कार लौटाने के अपने फैसले के पीछे के कारणों को रेखांकित किया।
पिछले कुछ समय से जारी कुश्ती संघ का विवाद एथलीट के लिए चरम बिंदु पर पहुंच गया। जिस खेल से उन्हें प्यार था, उसके प्रबंधन और प्रशासन से असंतुष्ट होकर पुनिया को एक पक्ष लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने पत्र में लिखा, हम सम्मानित पहलवान कुछ नहीं कर सके। महिला पहलवानों का अपमान होने के बाद मैं अपना जीवन सम्मानजनक बनकर नहीं जी पाऊंगा। ऐसी जिंदगी मुझे आजीवन सताती रहेगी। इसलिए मैं यह सम्मान आपको लौटा रहा हूं।
खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह के चुनाव के विरोध में बजरंग पुनिया का पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का फैसला व्यक्तिगत है, लेकिन फिर भी उन्हें इस कदम पर पुनर्विचार के लिए मनाने की कोशिश की जाएगी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, पद्मश्री लौटाना बजरंग पुनिया का निजी फैसला है। डब्ल्यूएफआई के चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं। उन्होंने कहा, हम इसके बावजूद बजरंग को पद्मश्री लौटाने के अपने फैसले को पलटने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे।

वेदों को अधिक से अधिक लोगों तक ले जाना गुरुकुल की ज़िम्मेदारी- जगदीप धनखड़

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हरिद्वार( कुलभूषण) वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ का भव्य उद्धघाटन आज दयानन्द स्टेडियम गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय में हुआ। त्रिदिवसीय महाकुम्भ और अंतर्राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के उद्धघाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संबोधित करते हुए हुआ कहा कि वेद भारत की सांस्कृतिक धरोहर हैं और वेदों के ज्ञान को आम जनमानस तक ले जाना होगा और गुरुकुल की पुण्य भूमि इस कार्य के लिए उपयुक्त है। जगदीप धनखड़ ने कहा कि संस्कृति विरोधी ताकतों पर प्रतिघात होना चाहिए भारत की गौरवशाली संस्कृति है और इसे वैभव से समस्त विश्व परिचित रहा है। उन्होने कहा कि यह विश्वविद्यालय दर्शन और वैदिक ज्ञान का पुरातन और प्रतिष्ठित केंद्र रहा है इस महाकुम्भ के मंथन की गूंज देश के सभी विश्वविद्यालयों तक जाएगी।
वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के विशिष्ट अतिथि और उत्तराखंड के राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह ने कहा कि वेदों से हमें आत्म ज्ञान मिलता है और युवा शक्ति को आत्म मूल्य को समझना चाहिए। उन्होने कहा कि भारतीय शिक्षा पद्धति और वैदिक ज्ञान विज्ञान ने चरित्र निर्माण का कार्य किया है वर्तमान में वैदिक ज्ञान को आधुनिक ज्ञान और तकनीकी के साथ समेकित करने की आवश्यक्ता है। राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह ने कहा कि संत, सैनिक,सिख और शिक्षक एक की श्रेणी के होते हैं जोकि राष्ट्र के उन्नयन में अपना योगदान देते हैं।
वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ में अति विशिष्ट अतिथि और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय राष्ट्र की धरोहर है इसने राष्ट्रसेवी नागरिक देश को समर्पित किए हैं। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश को विश्व गुरु बनाने के लिए हमें वेदों की ओर लौटना होगा और इस उद्देश्य की दिशा में यह महाकुम्भ वेदों के ज्ञान को जन-जन तक पहुँचने का कार्य करेगा। उन्होने उपस्थित छात्र-छात्राओं से आहवाह्न किया कि भारतीय संस्कृति और राष्ट्र उन्नयन के लिए मिल-जुलकर कार्य करें।
वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के मुख्य संरक्षक और बागपत सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा स्वामी श्रद्धानन्द स्वराज और संस्कृति के लिए लड़ें विज्ञान विषयों को हिन्दी में पढ़ाने के कार्य भी गुरुकुल ने ही किया था। डॉ. सत्यापल सिंह ने कहा स्वामी दयानन्द की 200 वीं जयंती वर्ष को राष्ट्र स्तर पर मनाने का उल्लेखनीय कार्य प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुआ है इसके लिए राष्ट्र उनके प्रति आभारी है। डॉ. सिंह ने कहा कि गुरुकुल एक तीर्थ भूमि है जिसने आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। नारी शिक्षा के लिए अथक प्रयासों के लिए स्वामी श्रद्धानन्द के प्रति हमें कृतज्ञ होना चाहिए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सम्मान में अभिनंदन पत्र का संस्कृत में वाचन किया समस्त अतिथियों का प्रतीक चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अजय मलिक ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार, मुख्य संयोजक प्रो. प्रभात कुमार, वित्ताधिकारी प्रो. देवेन्द्र गुप्ता, प्रो. देवेन्द्र सिंह मलिक, डॉ . एलपी पुरोहित डॉ. गगन माटा,उत्तराखंड संस्कृत विवि कुलपति प्रो. दिनेश शास्त्री, प्रो. ईश्वर भारद्वाज, डॉ. हिमांशु पंडित, डॉ. अजित तोमर, डॉ. पंकज कौशिक, कुलभूषण शर्मा, हेमंत नेगी सहित शहर के गणमान्य संत,सन्यासी और राजनेता उपस्थित रहे।

नवनिर्मित संसद भवन देखने के लिए छात्र-छात्राओं को आमंत्रित कर गए उपराष्ट्रपति

वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के अवसर पर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को नव निर्मित संसद भवन को देखने के लिए राजधानी में आमंत्रित किया। उन्होने कहा कि आप मेरे अतिथि होंगे तथा नए संसद भवन को देखकर आपको देश में हो रहे बड़े बदलावों के बारे में पता चलेगा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोक सभा के थीम मोर और राज्यसभा के थीम कमल को देखने के लिए छात्र-छात्राओं को वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के मंच से दिल्ली आने का आमंत्रण दिया।

पाँच प्रण दिलाएँ याद

वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उत्तराखंड के राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाल किले की प्राचीर से जो पाँच प्रण लेने का आहवाह्न किया था उसी याद दिलायी। इन वक्ताओं ने कहा विकसित भारत, गुलामी की सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिक कर्तव्य को पुन: याद दिलाते हुए कहा कहा 2047 में विकसित भारत बनाने और विश्व गुरु की पदवी पर पुन: स्थापित होने के लिए हमें इन पाँच प्रतिज्ञाओं को अपने दैनिक जीवन व्यवहार में उतारना होगा।

जी-20 , नए कानून,योग दिवस और महिला आरक्षण पर सरकार की पीठ थपथपायी
वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जी-20 , नए कानून,योग दिवस और महिला आरक्षण पर सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि देश उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर बड़ी द्रुत गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होने देश के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि 2047 में भारत को विकसित देश बनने से कोई नहीं रोक सकता है इस दशक के अंत तक हम विश्व की तीन प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।

तीन दिन तक होगा 21 कुंडीय यज्ञ
वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के अवसर पर तीन दिन तक इक्कीस कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यज्ञ व्यवस्था प्रमुख डॉ. योगेश शास्त्री ने बताया कि यज्ञ के माध्यम से वैदिक परंपराओं को जानने का अवसर मिलता है यह आध्यात्मिक चेतना का विकास करता है। गुरुकुल अपनी वैदिक परम्पराओं से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के उद्देश्य से इस इक्कीस कुंडीय यज्ञ का आयोजन महाकुम्भ में कर रहा है।

श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब का शताब्दी महोत्सव शुरू

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सनातन संस्कृति मानव को जोड़ सकती है स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज

हरिद्वार, (कुलभूषण )। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि आज पूरी दुनिया में केवल सनातन संस्कृति ऐसी है जो मानव मात्र को जोड़ सकती है आज पूरे विश्व में एक कलह, अशांति और युद्ध का माहौल है। ऐसे में सनातन धर्म सदा अन्यों की रक्षा के लिए सबको जागरूक करता रहा है।‌ इतना ऊंचा सिद्धांत देने वाला अन्य धर्म या संप्रदाय नहीं है
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज आज उत्तरी हरिद्वार के सप्त ऋषि आश्रम में श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब नई दिल्ली के शताब्दी समारोह के उद्घाटन समारोह के अवसर पर आयोजित शताब्दी महोत्सव महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे उन्होंने दीप प्रज्वलित कर शताब्दी महोत्सव का उद्घाटन किया इस अवसर पर सभा की राष्ट्रीय प्रधान डॉक्टर देशबंधु ने उनका स्वागत किया और स्वागत भाषण देते हुए सभा के द्वारा शिक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में किए गए कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया कार्यक्रम का संचालन सभा के प्रचार मंत्री डॉक्टर नंदकिशोर ने किया
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि कहा कि केवल सब मेरा ही आत्मरूप है इस वेदांत दर्शन का प्रतिस्थापन करने वाला सनातन धर्म विश्व को एक कुटुंब मानता है और कुटुंब में सबसे सबके उन्नयन की बात करता है।उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म तो सब लोकों में सुखी होने की बात करता है सभी नक्षत्र, ब्रह्मांड आदि। तभी तो सर्वे भवंतु सुखिना , सर्वे संतु निरामया का मंत्र सनातन धर्म ने दिया है।
स्वामी जी महाराज ने सनातन धर्म के विश्व व्यापी मांगलिक स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए यह रेखांकित किया कि आज युद्ध की विभीषिकाओं से त्रस्त मानव जाति को यदि कोई धर्म शान्ति का संदेश दे सकता है विश्व को एक सूत्र में बांध सकता है, यदि कोई संस्कृति परस्पर विरोधी दो मानवसमुदायों, देशों और समाजों को जोड़ सकती है तो वह सनातन संस्कृति है वैदिक संस्कृति है क्योंकि यह संस्कृति समस्त प्राणियों में आत्म तत्व के और ब्रह्म तत्व के दर्शन करते हुए सभी में विश्व बंधुत्व की भावना को जगाती है । आज आवश्यकता है कि हमारी युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण छोड़कर भारतीय संस्कृति में निहित मानव मूल्यों और मानवीय संस्कारों को आत्मसात कर पूरे विश्व में शांति स्थापित करने का कार्य करें । उन्होंने इस अवसर पर महामना मालवीय जी को आधुनिक युग के सनातन धर्म के पुरोधा पुरुष के रूप में याद किया और सनातन धर्म के लिए उनके द्वारा की गई निष्काम सेवाओं की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्ति की । उन्होंने कहा कि त्याग मूर्ति गोस्वामी गणेश दत्त जी महाराज ने प्रतिनिधि सभा के संचालक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है भारत विभाजन के समय शरणार्थी बनकर आए हुए सनातन धर्मियों के पुनर्वास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है
इस अवसर पर प्रतिनिधि सभा के प्रधान डा देशबंधु, कार्यवाहक प्रधान आई एम गोस्वामी ,महामंत्री उपेंद्र शर्मा, डॉक्टर गुरदीप शर्मा, डॉ मदन महंत स्वरूप बिहारी शरण ,डॉक्टर नंदकिशोर शर्मा , संजय गोयल,सुधीर गुप्ता ,राजीव मोदगिल, डा वेदप्रकाश आदि अनेक सनातन धर्म सभा के पदाधिकारियों ने द्वार पर माल्यार्पण कर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज का स्वागत किया । इस अवसर पर एस डी विद्या स्कूल अंबाला छावनी की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई । एस डी पब्लिक स्कूल अंबाला छावनी की छात्राओं द्वारा गीता जयंती के पावन पर्व पर भगवान कृष्ण के लीलाओं की मधुर झांकी प्रस्तुत की गीता जयंती के पावन पर्व पर सभागार में उपस्थित सभी भक्तजनों ने गीता के पहले श्लोक,नवम अध्याय के 22 में तथा 18 वें अध्याय के अंतिम श्लोक का सामूहिक पाठ किया तथा जगद्देव सिंह संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों द्वारा गीता के 11 वें अध्याय का पाठ करते हुए भगवान कृष्ण के विराट रूप का स्तवन किया ।
इस अवसर पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के संचालक त्याग मूर्ति गोस्वामी गणेश दत्त स्मृति ग्रंथ के द्वितीय संस्करण का तथा सनातन धर्म कॉलेज अंबाला छावनी की प्रोफेसर डॉ विजय शर्मा द्वारा लिखित महामना मदन मोहन मालवीय के सांस्कृतिक दर्शन नामक पुस्तक का लोकार्पण किया । इस समारोह में धर्मशाला महाविद्यालय के संगीत विभाग के प्रोफेसर डॉ सतीश ठाकुर जी ने अपने मधुर मनोहर भजनों के माध्यम से भजन और कीर्तन का मनोरम कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय स्तर पर सनातन धर्म स्कूलों की प्रतियोगिताएं आयोजित करने वाले प्रधानाध्यापकों अमर ज्योति, डॉक्टर शुची शर्मा डॉक्टर राजेंद्र गोनियाल,डा विनीत शर्मा , रीटा आदि को महाराज के करकमलों से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर सतपाल ब्रह्मचारी , महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि महाराज ,आई डी शास्त्री , जूनाअखाड़ा के राष्ट्रीय महामंत्री महामंडलेश्वर स्वामी देवानंद महाराज ने अपने विचार रखें ।
इस समारोह में पंजाब हरियाणा हिमाचल राजस्थान उत्तर प्रदेश दिल्ली चंडीगढ़ उत्तराखंड आदि सात राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के सनातन धर्म सभाओं और शिक्षा संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे ।
सभा के महासचिव उपेन्द्र शर्मा ने सभी का धन्यवाद किया । लोक नृत्य का समागम नामक कार्यक्रम प्रस्तुत होगा जिसमें हरियाणवी नृत्य ,हरियाणवी वाद्यवृन्द, नाटी नृत्य,शम्मी ,गिद्दा , कुमायूं डांस ,गढ़वाली डांस आदि अनेक प्रदेशों के लोक नृत्यों की मनोरम झांकी देखने को मिली।
कल होने वाले कार्यक्रम में उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह मुख्य अतिथि के रूप में पधारेंगे और सनातन धर्म स्कूलों और कालेजों के मेधावी छात्रों और श्रेष्ठ प्राचार्यों और शिक्षकों को सम्मानित करेंगे ।

चारों पीठ के शंकराचार्य की घोषणा आने वाला नया सम्वत्सर गौमाता का होगा : संत गोपाल मणि महाराज

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‘गौ माता की करुण पुकार, सुने देश की हर सरकार,

देहरादून, चारों पीठों के पूज्य शंकराचार्यों व देश के प्रतिष्ठित पूज्य सन्त महापुरुषों द्वारा स्वत: स्फूर्त गौमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आंदोलन के तत्वावधान में गौ- संसद के अंतर्गत 12 दिसम्बर को काशी (वाराणसी) से भारत के सभी प्रदेशों के लिए गौ -दूतों की नियुक्ति की गई है। स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में गौमाता राष्ट्रमाता आंदोलन के ध्वजवाहक संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि हमारे राज्य के सभी संसदीय क्षेत्रों से गो राष्ट्रभक्त, कर्तव्यनिष्ठ संतों की नियुक्ति करके कृष्ण पक्ष एकादशी मंगलवार 6 फरवरी, 2024 को श्री शंकराचार्य शिविर माघ मेला क्षेत्र, प्रयागराज तीर्थ में होने जा रही गो संसद् में पहुंचाने का निर्णय किया गया है।

पत्रकारों से रूबरू होते हुए संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि प्रदेश के सभी प्रतिष्ठ संत-महापुरुषों व समस्त सनातनियों को पूज्य शंकराचार्यों के आदेशानुसार एकजुट होकर इस स्वत: स्फूर्त गो-प्रतिष्ठा आंदोलन को संपूर्ण देश में गति प्रदान करना है। जिसके लिये
4 जनवरी 2024 को वृंदावन में सभी प्रदेशों के गौ भक्तों की एक विशेष गोसभा आयोजित होगी। जिसमें आंदोलन के विभिन्न पहलुओं को स्पष्टता देते हुए कमर कसी जाएगी। इस बीच दिल्ली में गो- प्रतिष्ठा आंदोलन हेतु 11 गो- विशेषज्ञ समूहों की बैठक आयोजित की जाएगी। विशेषज्ञों से प्राप्त आंकड़ों एवं निष्कर्षों के साथ गो-प्रतिष्ठा आंदोलन के लोगों का प्रतिनिधि मण्डल देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से जाकर मिलेंगे और इससे भी अगर काम नहीं हुआ तो फिर 6 फरवरी 2024 को प्रयागराज तीर्थ में एक वृहद् गो- संसद का आयोजन होगा। जिसमें देशभर के सभी संसदीय क्षेत्रों से एक-एक गांव प्रतिनिधि मनोनीत होकर उसे गो-संसद में सम्मिलित होगा और देश की जनता की ओर से प्रस्ताव पारित करेगा। उन्होंने कहा कि गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के तत्वाधान में 10 फरवरी से 19 फरवरी तक दिल्ली के रामलीला मैदान में अश्वमेघ महायज्ञ किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी श्रीमहंत पूज्य रविंद्रपुरीजी महाराज, अध्यक्ष- अखिल भारतीय सनातन परिषद व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को दिया गया है , इसके अलावा14 फरवरी से 20 फरवरी तक मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी के ब्रह्मघाट पर महामण्डलेश्वर पूज्य साध्वी श्याम दीदीजी के सानिध्य में
गो-रुद्र महायज्ञ किया जाएगा ।

पूज्य संत मणि महाराज ने कहा कि यह लड़ाई विधि सम्मत है संविधान के अनुच्छेद 25 की लड़ाई है जिसमें भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आस्था के सम्मान की रक्षा करना भारत की सरकार का नैतिक कर्तव्य है, देश में रहने वाले करोड़ों हिंदुओं की आस्था भारत की आत्मा गाय में है लेकिन वह गौ माता आज भी दुर्भाग्य से हजारों की संख्या में कत्लखानों में कट रही है इसलिए आवश्यक है कि भारत की सरकार गौ को राष्ट्र माता का संवैधानिक सम्मान दें ताकि गाय के ऊपर कोई गलत दृष्टि ना डाल सके और गौवंश दर-दर न भटके । उन्होंने कहा कि यह बड़े सौभाग्य की बात है कि हमारे सनातन धर्म के मूल चारों पीठ के पूज्य शंकराचार्यौं का आशीर्वाद एवं पूर्ण समर्थन तथा दिशा निर्देश में अब यह आंदोलन आगे बढ़ रहा है और हमें विश्वास है कि जब सनातन की सत्ता ने गाय को राष्ट्र माता के रूप में स्वीकार कर लिया है तो देश की सरकार को भी अब गाय को राष्ट्रमाता के रूप में स्वीकार करना ही होगा |
इस अवसर पर आचार्य सीता शरण योगाचार्य डा. बिपिन जोशी आचार्य विजेंद्र ममगांई, विकास पाटनी, आचार्य शशिकांत दुबे, राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी डा. रामभूषण बिजल्वाण प्रदेश अध्यक्ष भारतीय गौ क्रांति मंच शूरवीर सिंह मतुड़ा पूर्व चारधाम उपाध्यक्ष यमुनोत्री रावल पवन उनियाल, आचार्य राकेश सेमवाल, सूरत राम डंगवाल, आनंद सिंह रावत, यशवंत सिंह रावत, मंजू नेगी, माहेश्वरी जोशी आदि कई गणमान्य कन उपस्थित रहे हैं ।

एक ओर निकली शानदार बारात, तो दूसरी ओर दुल्हनों ने सजाई पिया के नाम की मेहंदी

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“52 दूल्हों की सामूहिक बारात को देखने जुटा हर कोई”

देहरादून, श्री श्री बालाजी सेवा समिति की ओर से किये जा रहे 52 निर्धन कन्याओं के दूल्हों की बारात जब निकली तो हर कोई देखता रह गया। वहीं दुल्हनों ने भी अपने हाथों में पिया के नाम की मेहंदी सजाई।
श्री श्री बालाजी सेवा समिति की ओर से हर बार की तरह इस वर्ष भी निर्धन कन्याओं का विवाह कराया जा रहा है। इन 52 निर्धन कन्याओं के विवाह को लेकर शुक्रवार से भव्य आयोजन शुरू हो चुके हैं। इसके तहत पहले दिन संगीतमय श्री सुंदरकांड पाठ किया गया। जिसका श्रद्धालुओं ने पूरा आनन्द लिया। वहीं शनिवार को कालिका मार्ग स्थित कालिका मंदिर से बारात की शुरुआत हुई। इस दौरान इस सामूहिक बारात को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही। श्री श्री बालाजी सेवा समिति के अध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल ने बताया पहली बार समिति की ओर से दूल्हों की घुड़ चढ़ी एक दिन पहले करवा दी गयी। यही नही इनके साथ राजस्थानी ग्रुप, बैंड और ढोल नगाड़े भी थे, जिन पर बाराती जमकर झूमे। बारात विभिन्न मार्गो से होते हुए शिवाजी धर्मशाला पहुंची। जहां बारात के रात्रि विश्राम की पूरी व्यवस्था समिति की ओर से की गई थी। बताया कि इन सभी आयोजनों में इस बार उत्तराखंड की नौनी सोसायटी का विशेष सहयोग मिल रहा है।
समिति के मुख्य संरक्षक श्रवण वर्मा ने बताया कि रविवार को स्वागत बारात, मांगल गीत, राजस्थानी नृत्य के साथ ही 52 निर्धन कन्याओ का सामूहिक विवाह संपन्न होगा। इस मौके पर रामकुमार गुप्ता, सचिन गुप्ता, ओपी गुप्ता, संजय अग्रवाल, चंद्रेश अरोड़ा, मनोज खंडेलवाल आदि उपस्थित थे।

बचपन से बोल-सुन नहीं सकती किरण…!

उत्तरकाशी के बड़कोट की किरण बचपन से बोल सुन नहीं सकती। लेकिन शादी की ‘किरण’ ने किरण के जीवन में नया उजियारा दिया। मां सरिता और पिता सूर्यालाल ने बताया कि बचपन से बेटी बोल नहीं सुन सकती थी। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। ऐसे में उसको पढ़ा भी पूरा नहीं पाए। ऐसे में चिंता थी की उसकी शादी कैसे होगी। समिति की ओर से शादी इतनी अच्छी हो रही है मानों किरण और हमारा सपना अब पूरा हो रहा है।

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