Wednesday, April 30, 2025
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उत्तराखंड होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा का स्थापना दिवस : सीएम धामी ने किया रैतिक परेड का मान प्रणाम ग्रहण

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“होमगार्ड जवानों का मोटरसाइकिल दस्ता ‘दहाड़’ ने किया साहस कौशल एवं संतुलन का प्रदर्शन”

देहरादून, उत्तराखंड होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा की स्थापना दिवस के अवसर पर रैतिक परेड का आयोजन किया गया। रैतिक परेड का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मान प्रणाम ग्रहण किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कमांडेंट जनरल होमगार्ड श्री केवल खुराना का परेड द्वारा अभिवादन किया गया, तत्पश्चात अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का परेड द्वारा अभिवादन किया गया। मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार जो कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर उनके आगमन पर परेड द्वारा अभिवादन किया गया।
कमांडेंट जनरल होमगार्ड ने मुख्यमंत्री का परेड पर आगमन एवं उनके द्वारा प्रदान किए गए समय के लिए आभार व्यक्त किया। उनके द्वारा बताया गया की परेड में नवीन भारती महिला होमगार्ड स्वयंसेवकों की चार टोलियाँ सम्मिलित की गई है एवं सभी टोलियां की टोली कमांडर महिला होमगार्ड स्वयंसेवक है। चार जनपदों की नवीन भारती महिला होमगार्ड का प्रशिक्षण जिला प्रशिक्षण केंद्र में पूर्ण हो गया है एवं बाकी शेष 188 महिला होमगार्ड स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण गतिमान है। केवल खुराना द्वारा बताया गया कि आपदा राहत एवं बचाव के लिए विभाग द्वारा ‘द्रुत’ एप बनाया गया है जिसमे होमगार्ड स्वयंसेवकों की मैपिंग कर ली गई है, एप के माध्यम से होमगार्ड स्वयंसेवकों को सूचना प्राप्त होगी एवं न्यूनतम तीन होमगार्ड बचाव के लिए पहुंचेंगे। अधीनस्थ जनपदों में होमगार्ड बैरक एवं ट्रांसिट कैंप हेतु भूमि आवंटित कर ली गई है। राज्य में प्रथम बार महिला एवं पुरुष होमगार्ड द्वारा अन आर्म्ड कॉम्बैट का प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है.
होमगार्ड जवानों का मोटरसाइकिल दस्ता ‘दहाड़’ साहस कौशल एवं संतुलन को प्रदर्शित करते हुए 13 कलाओं का प्रदर्शन माननीय मुख्यमंत्री समक्ष किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा होमगार्ड महिला हम स्वयंसेवकों के लिए प्रसूति अवकाश अनमान्य किया गया है इसके लिए उन्होंने आभार जताया। श्री खुराना द्वारा अवगत कराया की 24 घंटे कार्य करने के उद्देश्य से चारों धामों में हेल्प डेस्क की स्थापना की गई जिसमें वर्तमान तक 2945 जरूरतमंदों की सहायता की गई है। इसके अतिरिक्त श्री खुराना द्वारा बताया गया कि होमगार्ड स्वयंसेवक के लिए प्रशिक्षण पुस्तिका बनाई गई है, होमगार्ड सीएम सेवकों के लिए बनाए गए पहल एप को स्कॉच ग्रुप के ‘स्कॉच आर्डर ऑफ़ मेरिट’ अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। श्री खुराना द्वारा होमगार्ड स्वयंसेवकों के कल्याण हेतु विभिन्न मांगों को भी प्रस्तावित किया।
मुख्यमंत्री एवं अन्य गण मान्य व्यक्तियों द्वारा होमगार्ड स्वयंसेवकों के लिए बनाई गई प्रशिक्षण पुस्तिका, आपदा एवं बचाव कार्य के लिए बनाए गए होमगार्ड विभाग के ‘द्रुत’ एप का विमोचन, विभिन्न कार्यों के लिए ट्रांजिट कैंपों के लिए भूमि पूजन, केंद्रीय प्रशिक्षण में ऑब्सटेकल ट्रैक का लोकार्पण किया गया।
परेड में होमगार्ड स्वयंसेवकों द्वारा अन आर्म्ड कॉम्बैट दस्ते का प्रस्तुतीकरण किया गया, तथा होमगार्ड की मोटरसाइकिल दस्ते ‘दहाड़’ का प्रदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री जी द्वारा होमगार्ड विभाग की सेवा पृथक एवं मृतक होमगार्ड की परिजनों को रुपये 2 लाख की सहायता राशि प्रदान की गई। इसके उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा 320 नव चयनित महिला होमगार्ड स्वयंसेवकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि स्थापना दिवस पर आप सभी के मध्य उपस्थित होने का मुझे अवसर प्राप्त हुआ है मैं इसके लिए सभी अधिकारी कार्मिकों को बधाई देता हूं। होमगार्ड महिला टोलियों का अनुशासन देखते ही बनता है इनके परेड में बेहतरीन प्रदर्शन किया गया उसके लिए बधाई की पात्र है।
विभाग में आपदा एवं राहत एवं बचाव कार्य के लिए बनाएं गए ‘द्रुत’ मोबाइल एप्लीकेशन को बहुत ही सराहनीय कदम बताया इस ऐप के प्रयोग से जनमानस को तत्काल सहायता प्राप्त करायेगा और यह पहला प्रदेश है जहाँ यह एप बनाया यह हमारे लिए काफी गर्व का विषय है।
होमगार्ड विभाग द्वारा प्रदेश में 320 महिला होमगार्ड स्वयंसेवकों की निर्विघ्न एवं निर्विवाद भर्ती कराई गई है इसके लिए विभाग के अधिकारी बधाई के पात्र हैं
निश्चित रूप से यह प्रदेश की मातृशक्ति को आर्थिक एवं मानसिक रूप से सशक्त बनाने हेतु एक सराहनीय कदम है।
महिला होमगार्ड स्वयंसेवकों के लिए उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा 28 नवंबर 2030 से प्रसूति अवकाश अनुमन्य किया गया है। और पूरे सेवा काल में होमगार्ड स्वयंसेवकों को 6 माह का चिकित्सा अवकाश प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं पुरुष होमगार्ड द्वारा निशस्त्र युद्ध तथा आत्मरक्षक दल का प्रदर्शन उच्च कोटि का है। होमगार्ड के मोटरसाइकिल दस्ते बहुत बढ़िया रहा। महिला तथा पुरुषों का कंधे से कन्धा मिलकर कार्य करना आंखों को सुख देने वाला है, मुख्यमंत्री द्वारा चार धाम में श्रद्धालुओं के लिए होमगार्ड हेल्प डेस्क की भी उन्होंने भूरी भूरी प्रशंसा की। होमगार्ड जवानों को दिए जा रहे प्रशिक्षणों पिस्तौल तथा एसएलआर से फायरिंग अभ्यास को आधुनिक उत्तराखण्ड के लिए बेहतरीन बताया। सीएम ने ऋतिक परेड के लिए सभी जवानों कार्मिकों अधिकारियों तथा कमांडेंट जनरल होमगार्ड को बधाइयां दी।
उन्होंने कहा की उन्हें विश्वास है कि आने वाले समय में होमगार्ड जवान उत्तराखंड राज्य के विकास तथा कानून व्यवस्था एवं शांति स्थापना की कार्यों में निरंतर महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे।
रैतिक परेड की अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी उत्तराखंड शासन पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अभिनव कुमार, विधायक उमेश शर्मा, विधायक खजान दास, निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा, आरके जैन, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अध्यक्ष श्री मार्तोलिया, एवं अन्य विभाग की अधिकारीगण तथा कार्मिक एवं समस्त होमगार्ड परिवार उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने होमगार्ड विभाग के लिए यह की घोषणाएं :

1- होमगार्ड विभाग में शस्त्र प्रशिक्षण प्रदान किए जाने हेतु इंडोर फायरिंग रेंज को प्रेम नगर में उपलब्ध भूमि पर निर्माण कराए जाने की घोषणा की।
2- होमगार्ड जवानों को वर्ष भर में 12 आकस्मिक अवकाश दिए जाने की घोषणा की।
3- होमगार्ड स्वयंसेवकों की कंपनी कार्यालय/ ट्रांसिट कैंप/ एवं इमरजेंसी सर्च एवं रेस्क्यू सेंटर हेतु प्रदेश की कुल नौ स्थानों पर आवंटित भूमि पर निर्माण कार्य हेतु कुल 13 करोड़ 12 लाख के व्य की घोषणा की।
4- विभागीय मोटरसाइकिल दस्ते हेतु 21 मोटरसाइकिल क्रय करने की घोषणा की।
5- पुलिस कर्मीकों एस डि आरएफ की भांति 9000 फीट से अधिक ऊंचाई पर ड्यूटी रत होमगार्ड से सेवकों को रुपया 200 प्रतिदिन प्रति जवान की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाने की घोषणा की।

 

 

इन्हें मिला विशिष्ट सेवा मेडल एवं प्रमाण पत्र :

-अमिताभ श्रीवास्तव डिप्टी कमांडेंट जनरल होम गार्ड्स.
-राजीव बलोनी डिप्टी कमांडेंट जनरल होमगार्ड।

इन्हें मिला सराहनीय सेवा के लिए मेडल एवं प्रमाण पत्र :

-मोहन सिंह खाती, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी होमगार्ड, अल्मोड़ा.
-राजपाल राणा अवैतनिक प्लाटून कमांडर होमगार्ड चमोली।

शहरभर में झूलती तारों को काटने का नगर निगम ने किया अभियान शुरू, कई जगन बाधित हुई इंटरनेट सेवा

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देहरादून, शहर की मुख्य सड़कों के किनारे खड़े पोल से इंटरनेट-केबल के तारों का मकड़जाल हटाने का काम नगर निगम ने शुरू कर रखा है, जिसके कारण पूरे शहर में इंटरनेट से जुड़े कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो गया है। इंटरनेट सेवा बाधित होने से सरकारी-गैर सरकारी कार्यालयों में कार्य ठप रहा इसके साथ मोबाइल उपभोक्ताओं को भी परेशानी झेलनी पड़ी। सड़कों पर इंटरने के तारों को काटकर फेंक दिया गया है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के चलते प्रशासन शहर की सड़कों को चमकाने में जुटा है। ऐसे में इंटरनेट-केबल सर्विस प्रोवाइडर्स को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि आगामी नौ दिसंबर के बाद ही खंभों पर तारों को दोबारा लगाएं। ऐसे में दूनवासियों को अगले कुछ दिन और इंटरनेट सेवा को लेकर परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
पिछले कुछ दिनों से ऊर्जा निगम और नगर निगम मुख्य मार्गों से केबल और इंटरनेट सेवाओं के तारों के गुच्छों को काटने में जुटे हैं। इससे विभिन्न क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बाधित हो रही है। जबकि, मंगलवार को शहर के ज्यादातर सरकारी से लेकर गैर सरकारी कार्यालयों में इंटरनेट सेवा प्रभावित रही। बैंकों में कार्य प्रभावित हुआ। नगर निगम, आरटीओ, तहसील, जिला पूर्ति से लेकर कचहरी और जन सेवा केंद्रों में लोग परेशान रहे। इन्वेस्टर समिट की तैयारियों को लेकर शहर में चल रहे सुंदरीकरण के कार्य व बिजली के खंभों से उतारे जा रहे तारों के जाल के कारण ब्राडबैंड व स्थानीय केबल नेटवर्क की सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर इन्वेस्टर समिट के आयोजन स्थल एफआरआइ तक और इसके आसपास के समस्त क्षेत्र इससे प्रभावित हैं और शहर के मुख्य मार्गों के आसपास भी यही आलम है। जिला प्रशासन की ओर से समस्त दूरसंचार कंपनियों और केबल आपरेटरों को बिजली के खंभों पर फैले तारों के जाल हटाने की चेतावनी दी थी, लेकिन इस पर किसी ने कदम नहीं उठाया।
वहीं ऊर्जा निगम की ओर से भी तारों को काटा जा रहा है। शहर के बीचोंबीच घंटाघर, राजपुर रोड, चकराता रोड, हरिद्वार रोड, ईसी रोड, सहारनपुर रोड, जीएमएस रोड आदि क्षेत्रों में ब्राडबैंड व केबल टीवी की सेवाएं प्रभावित रहीं। प्रशासन ने रिलायंस जियो इंफोकाम लिमिटेड, भारत संचार निगम लिमिटेड, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया समेत समस्त आपरेटरों को निर्देश दिए हैं कि केबल एवं ब्राडबैंड से संबंधित कार्य नौ दिसंबर के बाद ही किए जाएंगे।

होंक लिटिल मास्टर्स ने किया ग्रेड फिनाले का आयोजन : ऐसे आयोजनों से बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मिलता है अवसर : थापर

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देहरादून, यूपी के लखनऊ और वाराणसी शहरों में अपनी भारी सफलता के बाद, मीशा थिएटर द्वारा प्रस्तुत सेंट्रियो हॉन्क लिटिल मास्टर्स का बहुप्रतीक्षित ग्रैंड फिनाले दून के सेंट्रियो मॉल में युवा प्रतिभाओं के शानदार प्रदर्शन के साथ आयोजित किया गया। यह भव्य प्रतिस्पर्धा शहर भर में आयोजित 2200 प्रतिभागियों के 18 दिनों में कई ऑडिशन के बाद हुई, जिसमें सबसे प्रतिभाशाली और सबसे होनहार सितारों की खोज की गई।
सेंट्रियो होन्क लिटिल मास्टर्स के ग्रैंड फिनाले ने न केवल युवा प्रतिभा की प्रचुरता का जश्न मनाया बल्कि कला के लिए सामुदायिक भागीदारी और समर्थन के महत्व पर भी जोर दिया। आयोजन तीन श्रेणियां में हुआ | जिसमें सौंदर्य प्रतियोगिता में नन्हे-मुन्नों ने आकर्षण और आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया और अपनी संतुलित और सुंदर रैंप वॉक से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दूसरी श्रेणी प्रतिभा जिसमें नृत्य और गायन से लेकर अद्वितीय कौशल तक प्रतिभाओं का बहुरूपदर्शक सामने आया, जो प्रतिभागियों की बहुमुखी क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।

होंक लिटिल मास्टर 2023 के ग्रेड फिनाले कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने कहा की ऐसे आयोजनों से बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है और देहरादून के 2200 बच्चों के प्रतिभाग से कार्यक्रम में नयी ऊर्जा का संचालन हुआ। सैकड़ों बच्चों को शानदार मंच देने के लिये आयोजक होंक संस्था को बधाई।
कार्यक्रम में आप नेता रविन्द्र सिंह आंनद, आचार्या वर्षा माटा, अर्चना सिंघल , आदि ने भी भाग लिया।

माँ चंडिका नारी देवी ने थलासू गाँव में दिया भक्तों को आर्शीर्वाद

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रुद्रप्रयाग। तल्लानगपुर पट्टी से नौज्यूला की आराध्य मां चंडिका नारी देवी की देवरा यात्रा विभिन्न क्षेत्रों से होकर थलासू गांव पहुंची। जहां मां ने घर-घर जाकर भक्तों की कुशलक्षेम पूछी और सभी को खुशहाली का आशीर्वाद दिया। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तों ने रातभर मां के भजन कीर्तन किए। मां चंडिका देवी की देवरा यात्रा अनेक गांवों में भ्रमण कर धियाणियों के साथ ही क्षेत्रीय लोगों की कुशलक्षेम पूछ रही है। मां भगवती सात माह की देवरा यात्रा में चारों दिशाओं के गांवों का भ्रमण करते हुए अपने भक्तों से मिलेगी। देवरा यात्रा के थलासू गांव पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा मां भगवती का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान मां भगवती चंडिका देवी को लोगों द्वारा अर्घ्य लगाया गया। बासी एवं ढोल-दमाऊं की थाप पर एरवाल द्वारा देव नृत्य किया गया। इसके बाद मां चंडिका देवी रात्रि प्रवास के लिए विराजमान किया गया। जहां पर सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करते हुए मां चंडिका नारी देवी की सांयकालीन आरती उतारी गई। इसके बाद विद्या पाठ एवं अन्य विशेष पूजा-अर्चना की गई। सुबह पुजारी द्वारा देवी का आह्वान कर उन्हें जागृत किया गया। इसके बाद पूजा-अर्चना, श्रृंगार के साथ हवन और आरती की गई। इसके बाद मां भगवती चंडिका ने थलासू गांव में घर-घर जाकर धियाणियों एवं भक्तों की कुशलक्षेम पूछी और उन्हें आशीर्वाद दिया।

टाट वाले बाबा जी जैसे सन्तों ने ही सनातन धर्म को सुरक्षित रखा है : हरिचेतना नन्द

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हरिद्वार, दुर्लभ संत श्री श्री श्री टाट वाले बाबा जी की पुण्य स्मृति में आयोजित तीन दिवसीय 34 वाँ वार्षिक वेदान्त सम्मेलन में आज दिव्तीय दिवस पर वेदांत सम्मेलन का आयोजन टाट वाले बाबा जी की समाधि स्थल बिरला धाट पर आयोजित किया गया । वेदांत सम्मेलन का सफल संचालन एस एम जे एन पी जी कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार बत्रा एवं संजय बत्रा ने किया ।
आज दिव्तीय दिवस में महामंडलेश्वर स्वामी श्री हरिचेतनानंद जी महाराज ने श्री श्री टाट वाले बाबा जी महाराज को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि संत को जानना अत्यंत सरल है और समझना बहुत कठिन ।।संत के श्री चरणों में समर्पित/दीर्घ काल तक रहा जीव अत्यंत अनुभवी हो जाता है। संत और भगवंत में कोई अंतर नहीं होता ।।नर्मदा तट का एक दृष्टांत सुनाते हुए कहा कि महापुरुष के सम्मुख उपस्थित रहकर आपको ऐशो आराम सुख सम्पदा छोड़कर ही आना होगा । पूज्य श्री टाट वाले बाबा जी जैसे सन्तों ने ही सनातन धर्म को सुरक्षित रखा है। पूज्य गुरुदेव श्री टाट वाले बाबा जी इस सदी के अत्यंत ही दुर्लभ संत है।
साधना सदन के महामहिम मोहनानन्द पुरी महाराज ने टाट वालेबाबा को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि
जिसके हृदय में अत्यन्त वैराग्य हैं वहीं वेदांत को पचा सकता है। विरक्त महापुरुषों का भक्तों से कोई समबन्ध नहीं होता है।
डॉक्टर स्वामी हरिहरानंद जी महाराज गरीबदासी परंपरा के श्री महंत जी ने पूज्यपाद प्रातः स्मरणीय श्री श्री टाट वाले बाबा जी महाराज के 34 वे वार्षिक स्मृति समारोह वेदांत सम्मेलन के द्वितीय दिन अपने मुखारविंद से अमृतमयी वाणी के रूप अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करके प्रकाशमय करने वाला एकमात्र गुरु ही है,वह ही स्वयं को जानने मात्र का एक साधन है, जो की परमात्मा अर्थात आत्म दर्शन कराने का प्रकाशमय ज्योत के रूप में गंगा मां के तट पर टाट वाले बाबा के रूप में विराजित है।परमपिता परमात्मा ही एक मात्र सत्य है और चहुँ और प्रकाशित जगत जो निरंतर परिवर्तनशील है वह मिथ्या है।।

वेदान्त की इस कड़ी में स्वामी दिनेश दास ने एक भजन के द्वारा टाट वाले बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि तुम ही मेरे सर्वस्व तुम ही प्राण प्यारे तुम्हें छोड़ कर मैं किस से कहूंगा। उन्होंने कहा कि गुरू के चरणों से ही शक्ति मिलती है और गुरु चरणों से ही ज्ञान का बोध होने लगता है ।
इसी कड़ी में संत हरिहरानंद भक्त ऋषिकेश ने टाट वाले बाबा जी के साथ अपने व्यतीत किये हुए संस्मरणों को सुनाया। टाट वाले बाबा जी मां गंगा जी के अनन्य उपासक थे ,उन्होंने गंगा के तट पर रहकर हमेशा गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता का संदेश जन-जन को दिया और इसी का परिणाम यह है कि आज भी टाट वाले बाबा के श्रद्धालु पूर्ण निष्ठा के साथ मां गंगा की निर्मलता एवं अविरलता का ध्यान रखते हैं।
स्वामी रविदेव शास्त्री परमाध्यक्ष श्री राम निवास एवं गरीबदासीय परम्परा ने आज वेदान्त सम्मेलन में द्वितीय दिन अपने मुखारविद से अमृतवाणी के रूप में श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये कहा कि वो व्यक्ति ही भाग्यशाली है जो बाबा जी के सम्मुख उपस्थति होकर उनका प्रसाद रूपी आर्शीवाद निरन्तर प्राप्त कर रहे है दर्शन लाभ प्राप्त कर रहे है । टाट वाले बाबा वह महा पुरुष है जो यम की देहरी से भी अपने भक्त को छुड़ा लाते है अर्थात उद्वार हो जाता है। पंचभूतो से बनी देह अर्थात जो पंचभूतो से बनी देह अर्थात जो मरने वाला है वो तुम नही हो तुम जो हो वह परम ब्रहम हो आत्मा कभी नही मरती वह अजर अमर अविनाशी है ।
परम पूज्यनीय परम श्रद्धेय कृष्णामयी मां ने गुरुजी श्री टाट वाले बाबा जी महाराज को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि बाबा जी महाराज प्रत्यक्ष रूप से सदैव मां गंगा के तट पर विराजित हैं। और चहुं ओर उनका प्रकाश हम सब पर निरंतर प्रकाशित हो रहा है।जिसकी अनुभूति हमे प्राप्त हो रही है ।।
गुरु चरणानुरागी समिति के नेतृत्व में अध्यक्षा रचना मिश्रा, कर्नल सुनील , विजय शर्मा, सुरेन्द्र वोहरा, दीपक भारती, श्री मती मधु गौर, सुनील सोनेजा, गुलर उदित गोयल, सुनीता गोयल कौशल्या सोनेजा, शारदा खिल्लन, वाले से माता स्वामी जगदीश जी महाराज के अनुयायी एवं शिष्या महेशी बहन, कृष्णमयी माता, स्वामी रामचंद्र ,लेखराज, रमा वोहरा, अश्वनी गौर, लव गौर,कमला कालरा, उमा गुलाटी, नेहा बत्रा,स्वामी हरिहरानंद भक्त के द्वारा कार्यक्रम को संयोजन किया गया
कार्यक्रम का आरम्भ गुरु वंदना के साथ हुआ । गुरु भक्त महेशी बहन ,मधु बहन ,भावना बहन, सन्तोष ,कमला कालरा एवं बहन रैना जी ने भजन के माध्यम से टाट वाले बाबा जी के श्री चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किये । इस अवसर पर बहन भावना, एवं राम चन्द्र ने भाव भक्ति से परिपूर्ण अंत में आरती एवं भोग प्रसाद के बाद वेदान्त सम्मेलन के दिव्तीय दिवस का समापन हुआ ।

उत्तराखंड हैलीपैड एवं हेलीपोर्ट नीति-2023 स्वीकृत : लीज पर जमीन देने पर भूस्वामी को मिलेगा किराया और लाभांश

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देहरादून, प्रदेश की धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में कई प्रस्तावों फर मुहर लगी, जिसके अन्तर्गत पहाड़ी क्षेत्रों के लिये उत्तराखंड हैलीपैड एवं हेलीपोर्ट नीति-2023 को स्वीकृति दी है। कैबिनेट से स्वीकृत इस नीति में हेलीपैड या हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए निजी जमीन के स्वामियों के समक्ष दो प्रस्ताव रखे गए हैं, जिसमें लीज पर जमीन लेने के साथ ही भूस्वामी को उसका किराया और लाभांश भी दिया जाएगा। वहीं, भूस्चामी स्वयं भी इसका निर्माण करा सकता है और सरकार इसमें सब्सिडी भी देगी।

कैबिनेट में नागरिक उड्डयन विभाग से संबंधित प्रस्ताव के मुताबिक, राज्य सरकार के सशक्त उत्तराखंड मिशन के तहत राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से सुरम्य गंतव्य स्थानों तक पहुंच,आपातकालीन चिकित्सा और आपदा सेवाओं में आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य में हेलीपैड एवं हेलीपोर्ट की अपार संभावनाओं को देखते हुए, उत्तराखंड सरकार के अंतर्गत उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा या प्राधिकरण), जो कि राज्य में नागरिक उड्डयन अवसंरचना एवं पारिस्थतिकी के विकास हेतु प्रमुख निकाय है, द्वारा उत्तराखंड हैलीपैड एवं हेलीपोर्ट नीति 2023 प्रस्तावित की है।

प्रस्तावित नीति हैं दो विकल्प :

इस नीति में दो विकल्प प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें प्रथम विकल्प के अनुसार चयनित भूमि मालिक हेलीपैड/हेलीपोर्ट विकास के लिए प्राधिकरण को 15 साल के लिए पट्टे पर भूमि प्रदान कर सकते हैं जिस पर प्राधिकरण द्वारा चयनित भूमि पार्सल पर डीजीसीए नियमों द्वारा लागू डिजाइन और विशिष्टताओं के आधार पर हेलीपैड/हेलीपोर्ट को विकसित किया जायेगा। वित्तपोषण और विकास की लागत प्राधिकरण द्वारा वहन की जायेगी। आवेदक/भू-स्वामी को प्रतिवर्ष 100 रूपये प्रति वर्ग मी किराया भुगतान किया जायेगा एवं इसके अतिरिक्त,चयनित आवेदक/भू-स्वामी को निर्मित हेलीपैड/हेलीपोर्ट के संचालन एवं प्रबंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा।
जबकि दूसरे विकल्प के तहत चयनित आवेदक/भू-स्वामी द्वारा लागत में किसी भी वृद्धि सहित हेलीपैड/हेलीपोर्ट के वित्तपोषण और विकास की पूरी लागत का वहन किया जाएगा। हेलीपैड के लिए लगभग 10 से 20 लाख तथा हेलीपोर्ट के लिए लगभग 2 से 3 करोड़ की पूंजीगत आवश्यकता रहेगी। हैलीपैड/हंलीपोर्ट के विकास,संचालन एवं प्रबंधन के लिए सभी प्रासंगिक अनुमोदन (डीजीसीए लाइसेंस/संचालन अनुमति सहित) प्राप्त करने की जिम्मेदारी आवेदकों/भू-स्वामियों की होगी। प्राधिकरण इसमें सहायता करेगा। चयनित आवेदक/भू-स्वामी द्वारा भूमि पार्सल को, प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराये गये डिजाइन और विशिष्टताओं के अनुरूप,हेलीपैड/हेलीपोर्टस के रूप में विकसित किया जायेगा। डीजीसीए लाइसेंस/अनुमोदन की वैधता की अवधि के दौरान, आवेदक/भू-स्वामी हेलीपैड/हेलीपोर्ट उपयोगकर्ताओं से सभी राजस्व एकत्र करेंगे। वाणिज्यिक संचालन तिथि से न्यूनतम 10 साल तक, प्राधिकरण सम्बन्धित हेलीपैड/हेलीपोर्ट के लिए, पात्र पूंजीगत सम्पत्ति के विकास पर होने वाले वास्तविक पूंजी व्यय या यूकाडा द्वारा उपलब्ध कराये गये पूंजीगत व्यय का आंकलन, इनमें से जो भी कम हो के 50 प्रतिशत के बराबर पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करेगा। पूंजीगत सब्सिडी का भुगतान दो बराबर किश्तों में किया जायेगा।
वहीं दोनों ही विकल्पों पर आवेदक/भू-स्वामी हेतु प्रस्तावित नीति में निर्धारित सभी मानकों/शर्तों तथा हेलीपैड हेतु न्यूनतम 1000 वर्ग मीटर समतल भूमि क्षेत्र (30X30 मीटर) एवं भू-क्षेत्र तथा हेलीपोर्ट हेतु न्यूनतम 4,000 वर्ग मीटर समतल भूमि क्षेत्र (प्रत्येक तरफ लगभग 50 मीटर) या जैसा प्राधिकरण द्वारा निर्दिष्ट की जाए, को पूरा किया जाना होगा।

 

सयुंक्त नागरिक संगठन के शिष्टमण्डल ने एमडीडीए उपाध्यक्ष को सौंपा दून-डिक्लेरेशन’ का ड्राफ्ट

देहरादून, सयुंक्त नागरिक संगठन द्वारा जनसंवाद में प्राप्त सकारात्मक सुझावों पर आधारित ‘दून-डिक्लेरेशन’ का तैयार ड्राफ्ट को लेकर शिष्टमण्डल मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण कार्यालय में उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी को उनके दिये समयानुसार ज्ञापन के साथ पहुंचे, काफी प्रतीक्षा के बाद भी जब संयुक्त नागरिक संगठन व सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि वरिष्ठ नागरिक गण को बताया गया कि उपाध्यक्ष महोदय सचिवालय में बैठक ले रहे हैं, लेकिन जब डेढ़ घण्टे इन्तजार के बाद पुनः उनके कर्मचारियों के साथ ही व्यक्तिगत उपाध्यक्ष महोदय को सन्देश भिजवाया गया, तत्पश्चात एमडीडीए के उपाध्यक्ष द्वारा शिष्टमण्डल को ननूर खेड़ा शिक्षा निदेशालय में मिलने हेतु बुलाया गया।
ननूर खेड़ा शिक्षा निदेशालय में सयुंक्त नागरिक संगठन के शिष्टमण्डल ने पहली मुलाकात करते हुये पुष्पगुच्छ भेंट कर सभी का परिचय के साथ ही संगठन के कार्यों से अवगत कराया।
संगठन की ओर से उपाध्यक्ष जी एस जस्सल एवं सुशील त्यागी देहरादून शहर कि वस्तु स्तिथि से अवगत कराते हुये जिसमें स्मार्ट सीटी से लेकर मसूरी प्राधिकरण व निगम आदि की कमियां व उनके निराकरण को लेकर नाली , सड़कें , पार्किंग , पर्यावरण , सफाई कें साथ भवनों का व्यावसायिक करण आदि पर गत माह हुये संवाद कार्यक्रम में आयें सुझावों को अमल में लाते हुये शहर कें लिये दून डिक्लेरेशन कें नाम से तैयार ड्राफ्ट प्राधिकरण कें उपाध्यक्ष को सौंपा।
प्रदीप कुकरेती व ओमवीर कें साथ मुकेश नारायण शर्मा ने उपाध्यक्ष कें साथ गहन वार्ता की और शीघ्र भविष्य में इस पर चर्चा व मनन हेतु सामूहिक बैठक बुलाने पर जोर देने को कहा जिसको उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी द्वारा सहर्ष स्वीकार किया और उन्होंने कई बिंदुओं को इंगित करते हुये तारीफ की और इन्वेस्टर समिट के बाद जल्द आपस में बैठक बुलाने का भरोसा दिया।
शिष्टमंडल में मुख्य रूप से सयुंक्त नागरिक संगठन कें उपाध्यक्ष व सरदार जीएस जस्सल, सयुंक्त नागरिक संगठन कें महामन्त्री, सुशील त्यागी, पेंशनर संगठन के ओमवीर सिंह, पर्यावरण विद् जगदीश बावला, मुकेश नारायण शर्मा, उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदीप कुकरेती, शक्ति प्रसाद डिमरी, चौधरी चंद्रपाल सिंह आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

 

विशेष : डॉ. आरएस टोलिया की 7वीं पुण्य तिथि, आज भी हिमालय के अभिभावक है रघुनंदन टोलिया

-अध्ययन, घुमक्कड़ी, लेखन पर जीवंत रहा जीवन

-उत्तराखंड में इस बहुप्रतिभा का दूसरा नौकरशाह नहीं हुआ पैदा

मुनस्यारी, जोहार भूमि के ग्राम टोला निवासी डॉक्टर रघुनंदन सिंह टोलिया हिमालय राज्यों के विकास के लिए समर्पित एक नाम है। उत्तराखंड मूल के प्रथम मुख्य सचिव तथा मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर रहे उत्तराखंड ही नहीं भारत के प्रमुख नौकरशाहों में एक डॉक्टर टोलिया की पुण्यतिथि 6 दिसंबर 2023 को है। सातवीं पुण्यतिथि पर पहली बार मुनस्यारी में उनकी मातृभूमि उन्हें याद कर रही है। विकासखंड मुनस्यारी के ग्राम टोला के निवासी डॉक्टर रघुनंदन सिंह टोलिया का जन्म 15 नवंबर 1947 को दीवान सिंह टोलिया के परिवार में हुआ। डॉक्टर टोलिया ने एमएससी गणित, एमए इतिहास करने के बाद पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। रूरल विकास का इतना जूनून उनको था कि उन्होंने डिप्लोमा इन रूरल सोशियल डेवलपमेंट ( रीडिंग यूके ) की उपाधि को भी प्राप्त किया।
भारत के भारतीय प्रशासनिक सेवा में एक ऐसे नाम है, जिन्हें आज भी देश याद करता है।
डॉक्टर टोलिया बिना आरक्षण के भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर 1971 के बैच के आईएएस अधिकारी बने।
डॉक्टर टोलिया ने उत्तर प्रदेश में रहते हुए पर्वतीय विकास विभाग का पृथक रूप से गठन करने में मुख्य भूमिका निभाई। इस विभाग के सचिव रहते हुए डॉक्टर टोलिया ने हमेशा उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए कार्य किया।
उत्तराखंड राज्य बनने के बाद राज्य मूल्य के प्रथम मुख्य सचिव बनने के बाद डॉक्टर तोलिया हिमालय क्षेत्र के विकास के लिए एक लंबी लकीर खींचने चाहते थे, प्रदेश के राजनेताओं के सहमत नहीं होने के कारण आज भी उनका सपना सपना ही बना हुआ है।
16 घंटा काम करने वाले डॉक्टर टोलिया को हिमालयवासियों का अभिभावक भी कहा जाता है। मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए उन्होंने कभी भी अपने वाहन पर लाल बत्ती नहीं लगाई। पुलिस स्काउट व्यवस्था भी स्वीकार नहीं किया।
एक साधारण साधक के रूप में मुख्य सचिव के पद पर कार्य करते रहे। उनके आगे पीछे कभी काफिला भी नहीं रहता था। राज्य की नौकरशाही के उच्च पद पर रहते हुए सादगी के साथ उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।
डॉक्टर टोलिया चाहते थे, कि हिमालय क्षेत्र के लिए विकास की अलग नीति बननी चाहिए।
विकास की तकनीकी पर भी वे हिमालय के अनुरूप नीति चाहते थे। महिला स्वयं सहायता समूह के निर्माण में उनके योगदान को कोई भूला नहीं सकता है। उत्तर प्रदेश में रहते हुए महिला डेरी उन्हीं के दिमाग की उपज थी। आज उत्तराखंड में आंचल के नाम से जो दुग्ध उत्पाद हमें दिखाई देते है।
उसकी रचना भी उन्होंने ही की थी। रामबांस प्रोजेक्ट उनकी ही देन है। उत्तराखंड में इस बात को विशेषज्ञ कहते थे कि चीड के जंगल में कोई दूसरा पौधा पैदा नहीं हो सकता है। डॉक्टर टोलिया ने उत्तराखंड बनने के बाद चाय विकास बोर्ड का गठन किया। आज उत्तराखंड में चीड के जंगलों के नीचे चाय के लह लहराते बागान डॉक्टर टोलिया के उत्तराखंड के पर्वतीय प्रेम को दर्शाता है।
उत्तराखंड में वन विभाग को कार्यदायी संस्था का स्वरूप भी डॉक्टर टोलिया के द्वारा दिया गया। वन पंचायत के लिए नया वन पंचायत एक्ट लाकर डॉक्टर टोलिया ने इन पंचायत को नया जीवन दिया। उत्तराखंड राज्य निर्माण के समय ग्राम्य विकास आयुक्त तथा सचिव के रूप में कार्य करते हुए डॉक्टर टोलिया ने उत्तराखंड के पर्यटन, ऊर्जा, जड़ी बूटी, पशुपालन, कृषि और उद्यान, हस्तशिल्प को राज्य की इकोनमी का आधार बनाने के लिए योजना बनाई। एक नौकरशाह होते हुए राजनेताओं के साथ तालमेल करते हुए अपनी योजनाओं को धरातल में उतारना बेहद कठिन था।
फिर भी डॉक्टर टोलिया ने इन शब्दों को आमजन का शब्द तो बना ही दिया। उन्हें घूमने, पढ़ने और लिखने का शौक रहा है।
एक व्यस्त नौकरशाह होने के बाद भी उनका अध्ययन इस स्तर का था, कि उन्हें आज भी एक चलता फिरता स्कूल कहा जाता है।
उत्तराखंड के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त बनने के बाद उन्होंने सूचना के अधिकार को आमजन में लोकप्रिय बनाने के लिए कार्य किया। सेवानिवृत्ति के बाद इतने बड़े पदों में रहने के बाद भी डॉक्टर टोलिया ने मुनस्यारी स्थित ग्राम पंचायत सरमोली में अपना निवास बनाया।
मुनस्यारी में रहते हुए स्वध्याय और चिंतन के साथ राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में नियमित उनका लेखन जारी रहा। सेवानिवृत्ति के बाद हिमालय राज्यों को एकजुट करते हुए डॉक्टर टोलिया हिमालय नीति बनाने में जुटे हुए थे, कि उनका स्वास्थ्य खराब होने लगा।
6 दिसंबर 2016 को 69 वर्ष की आयु में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा बोल दिया।
डॉक्टर टोलिया जब भी मुनस्यारी आते थे, अपनी बैठक में जिलाधिकारी को पूछते थे कि वह मिलम गांव गए कि नहीं?
एक बार जब उनसे ही यह सवाल पूछा गया कि आप हर जिलाधिकारी से यह सवाल क्यों पूछते है, तो डॉक्टर टोलिया का जवाब था, कि जब नौकरशाह कठिन जिंदगी में रहने वाले लोगों के बीच जाएंगे, तभी वह समझ पाएंगे कि हिमालय क्षेत्र के लोग किन कठिनाइयों में रहते है।
डॉक्टर टोलिया का हमेशा यह मानना रहा कि प्रत्येक आईएएस तथा पीसीएस अधिकारियों को विकास की बारीकी समझने के लिए सबसे पहले खंड विकास अधिकारी के पद पर कम से कम 3 वर्ष कार्य करना चाहिए।
डॉक्टर टोलिया के निधन के बाद दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर 908 पेज का एक महाग्रंथ तैयार किया है। इस महाग्रंथ में डॉक्टर टोलिया द्वारा लिखे गए महत्वपूर्ण पुस्तक, रिपोर्ट्स, मोनोग्राफ्स, आलेख, नोट्स और सार्वजनिक व्याख्यान को स्थान दिया गया है।
“THE ESSENTIAL R.S.TOLIA” के नाम से संपादित इस महाग्रंथ में हिमालय क्षेत्र के विकास के स्वरूप को आज भी हम पढ़ व समझ सकते सकते है। एटीआई नैनीताल का नाम डाक्टर टोलिया के नाम पर रखा गया है।एटीआई नैनीताल में एक कक्ष में उनका प्रकाशित साहित्य रखा गया है। बताते है कि एटीआई नैनीताल को प्रशिक्षण संस्थान का स्वरूप तथा यहां पुस्तकालय का विकास इसके
महानिदेशक के रूप में उनके द्वारा ही किया गया।
उनके जीवन और उनके कार्यों पर वर्ष 2000 में उत्तराखंड सरकार के तत्कालीन ग्राम्य विकास मंत्री रहे डॉक्टर मोहन सिंह रावत गांववासी कहते है कि मंसूरी अकादमी में आईएएस अधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान डॉक्टर टोलिया पढ़ाया जाना चाहिए।
वे कहते है कि अकादमी में डॉक्टर टोलिया के दर्शन पर तीन दिवसीय व्याख्यान माला भी आयोजित की जानी चाहिए तभी उत्तराखंड की सेवा में आने वाले नौकरशाहों की दृष्टि उत्तराखंड के प्रति स्पष्ट होगी।
डॉक्टर टोलिया के मुख्य प्रकाशित पुस्तक :
1- नैन सिंह अध्यापक, सर्वेक्षक व प्रशिक्षक
2- नैन सिंह रावत एवं जोहर का इतिहास
3- धामू बूढ़ा के वंशज
4- युग दृष्टा बाबूराम सिंह
5- जोहर इतिहास- समग्र
6- गढ़वाल की भूकंप त्रासदी
7- ब्रिटिश कुमाऊं-गढ़वाल(दो भाग)
8- फूड फॉर थॉट एंड एक्सन
9-पटवारी, घराट और चाय
10- इनसाइड उत्तराखंड
11- ए प्रैक्टिकल गाइड- राइट टू इनफॉरमेशन एक्ट 2005
12- ए हैंडबुक फॉर द पब्लिक इनफॉरमेशन ऑफीसर
13- फाउंडर्स आफ मॉडर्न एडमिसट्रेशन इन उत्तराखंड
14- सम एसपैक्स आफ एडमिनिस्ट्रेटिव हिस्ट्री ऑफ़ उत्तराखंड
15- ट्रांसपैरेंसी इन एडमिनिस्ट्रेशन
16- मल्ला जोहार- हंडेरस इयर ऐगो
17- द मरतोलिया लाॅज
18- उत्तराखंड फिफ्टीन इयर्स आफ डेवलपमैंण्ट
19- माणा, मलारी एण्ड मिलम
20- ए प्लानिंग फ्रेमवर्क फॉर द माउंटेन स्टेट ऑफ़ इंडिया

 

तृतीय अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता : उत्तराखंड की टीम ने जीते 16 गोल्ड समेत 22 पदक

हरिद्वार, उत्तराखंड की ताईक्वांडो टीम ने दिल्ली में हुई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 22 पदक हासिल किए। रूड़की की आरजू राठी ने अमेरिकी खिलाड़ी को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया। दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में तीसरी इंटरनेशनल ताईक्वांडो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में उत्तराखंड की टीम में 22 खिलाड़ी शामिल थे। इनमें 55 किलो भार वर्ग में आरजू राठी ने अमेरिका की खिलाड़ी को हराकर गोल्ड मेडल जीता। 65 किलो भार वर्ग में सृष्टि ने बांग्लादेश की खिलाड़ी को हराकर गोल्ड मेडल जीता। आकृति ने 45 किलो भार वर्ग में अमेरिका की खिलाड़ी को हराकर गोल्ड मेडल जीता। सिद्वान्त जैन ने 40 किलो, आरव त्यागी ने 27 किलो, मयंक त्यागी ने 60 किलो, मौ. शाद ने 70 किलो, विवांक कौशिक ने 30 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किया। सतनाम सिंह ने 65 किलो भार वर्ग में सिल्वर मेडल, जबकि हर्ष कुमार ने 75 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता।

कोच और खिलाड़ियों ने किया हैरतंगेज प्रदर्शन :

हर्षवर्धन ने 45 किलो और आदेश कुमार वालिया ने 45 किलो भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीता। हेमंत कुमार सैनी ने 65 किलो, चिराग त्यागी ने 65 किलो, खुशी चौधरी ने 60 किलो, एलिस मलिक ने 65 किलो, आकृति यादव ने 45 किलो, हर्षवर्धन ने 55 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। राघव त्यागी ने 45 किलो और आरव त्यागी ने 35 किलो भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीता। आर्यन त्यागी ने 65 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। इस प्रदर्शन में टीम के कोच शिवेंद्र कुमार चौहान ने हाथ के प्रहार से चार ईंट एकसाथ तोड़कर देश-विदेश से आए सभी खिलाडियों को प्रभावित किया। वहीं, एलिस मलिक ने गर्दन से दो सरिये एक साथ मोड़कर अचंभित कर दिया। हर्ष कुमार ने मार्बल की 15 टाइल्स एकसाथ तोड़कर वाहवाही लूटी। उत्तराखंड टीम का रूड़की पहुचने पर ऑल इंडिया ताइक्वांडो फेडरेशन की उत्तराखंड इकाई के पदाधिकारियों व खिलाड़ियों के परिजनों ने माला पहनाकर स्वागत किया।

कैबिनेट की मंजूरी : मोटर मार्गों से जुड़ेंगे 3,177 गाँव , हजारों की आबादी को होगा लाभ

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देहरादून, प्रदेश में संपर्क मार्ग विहीन 3,177 गांवों को मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत मोटर मार्गों से जोड़ा जाएगा। ग्रामीण निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर धामी कैबिनेट ने इसे मंजूरी प्रदान की है। इन गांवों के मुख्य मार्गों से जुड़ जाने से हजारों की आबादी को लाभ होगा। इतना ही नहीं योजना के तहत मोटर मार्गों के अलावा पैदल पुलिया, मोटरपुल, अश्वमार्ग, झूला पुल आदि का निर्माण भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना में राज्य के ऐसे गांवों, तोक को शामिल किया गया है, जिनकी आबादी 250 या उससे कम है।

आबादी कम होने की वजह से यह गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना या लोक निर्माण विभाग की कार्ययोजना के मानकों को पूरा नहीं करते हैं, इसलिए इन गांवों में आज तक सड़क नहीं बन पाई है। वर्तमान में प्रदेश के लगभग 2,035 गांव मुख्य मोटर मार्गों से नहीं जुड़ पाए हैं। इसके अलावा 1,142 गांव ऐसे हैं, जो कच्ची सड़कों से जुड़े हैं। इस तरह से कुल 3,177 बसावटों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए नई योजना में शामिल किया गया है। योजना सीमांत के गांवों को सबसे अधिक लाभ होगा। इन गांवों में पर्यटन की सुविधाएं बढ़ेंगी और लोगों की आजीविका में वृद्धि होगी। इसके अलावा ग्रामीण अपनी नगदी फसलों को आसानी से बाजार तक पहुंचा सकेंगे। आपदा की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्याें में भी तेजी आएगी।

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए होगा ऑटोमेटिक टेस्ट, यूजर चार्ज भी हुआ महंगा

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देहरादून, प्रदेश में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ऑटोमेटिक टेस्ट देना होगा, जिसके लिए 100 रुपये अतिरिक्त यूजर चार्ज भी देना होगा। परिवहन विभाग की नीति में इस बदलाव पर सोमवार को कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। प्रदेश में 21 ड्राइविंग टेस्ट सेंटर बन रहे हैं, जिनमें से आठ प्रस्ताव परिवहन विभाग ने पास भी कर दिए हैं। सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया, अभी तक देहरादून में ऑटोमेटिक टेस्ट सेंटर से टेस्ट के आधार पर ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी होते आए हैं, लेकिन प्रदेश में सभी 21 एआरटीओ क्षेत्रों में ऐसे सेंटर बनाए जा रहे हैं।

इनमें से आठ के प्रस्ताव को पास किया जा चुका है। बाकी पर भी काम चल रहा है। बताया, आने वाले समय में इन सेंटर पर टेस्ट के बाद ही डीएल जारी होगा, बिना टेस्ट नहीं। सचिव ह्यांकी ने बताया कि इन सेंटर के संचालन को होने वाले खर्च की भरपाई के लिए ही 100 रुपये यूजर चार्ज का प्रावधान किया गया है। कैबिनेट से मुहर के बाद अब इसकी अधिसूचना जारी होगी। बताया, अभी तक कई ऑनलाइन सेवाओं के प्रबंधन को परिवहन विभाग 50 रुपये यूजर चार्ज लेता आया है। अब ऑटोमेटिक टेस्ट के बाद 100 रुपये यूजर चार्ज अलग से देय होगा

नियमविरुद्ध सीटीईटी-यूटीईटी, प्रमाण पत्र धारकों को नियुक्ति पत्र देने पर प्रदेश हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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नैनीताल, प्रदेश हाईकोर्ट ने दायर एक याचिका पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी, मामला शिक्षक भर्ती से जुड़ा है जिसमें नियमविरुद्ध तरीके से सीटीईटी और यूटीईटी प्रमाण पत्र प्राप्त बीएडधारक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर उत्तराखंड़ हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। ऐसे अभ्यर्थियों का परिणाम सीलबंद लिफाफे में बंद करने के आदेश अदालत ने पहले ही दे दिए थे। अब सरकार अवैध प्रमाण पत्र धारकों को नियुक्ति पत्र देने जा रही थी, सरकार के इस कदम के खिलाफ उमेश कुमारी और अन्य ने आज हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केपी उपाध्याय व उनके असिस्टेंट जूनियर अधिवक्ता हेमंत पंत ने कोर्ट को बताया कि राज्य में 2600 से अधिक पदों पर प्राथमिक शिक्षक भर्ती पिछले 3 वर्ष से सुप्रीम कोर्ट में एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों के मामले में सरकार व बीएड अभ्यर्थियों की एसएलपी के कारण लंबित चल रही थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश दिया था। उस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार व बीएड अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। विगत 28 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार व बीएड अभ्यर्थियों की एसएलपी स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट का आदेश निरस्त कर दिया था। इसके बाद एनआईओएस अभ्यर्थी इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए । सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद विभाग प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू की। इस भर्ती में ऐसे बीएड अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किए हैं जिन्होंने एनसीटीई के नियमों के विरुद्ध वर्ष 2012 से 2018 तक सीटीईटी प्रथम परीक्षा और 2015 व वर्ष 2017 में यूटीईटी प्रमाण पत्र हासिल कर लिया था। ऐसे बीएड अभ्यर्थियों का नाम काउंसलिंग के बाद चयन सूची में आने पर विभाग ने उनके परिणाम लिफाफे बंद कर दिए थे। ये लिफाफे खोलकर नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग ये अभ्यर्थी विभाग से कर रहे हैं। अब तक सीटीईटी प्रमाण पत्र वाले 17 अभ्यर्थी अपने बंद लिफाफों को खोलने व नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए प्रत्यावेदन दे चुके हैं।
वहीं पूर्व में डीएलएड अभ्यर्थियों की भर्ती होने के बाद अब शेष बचे पदों पर योग्य बीएड टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जानी है। याचिका में कहा गया है कि नियम विरुद्ध सीटीईटी व यूटीईटी प्रमाण पत्र प्राप्त अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र निरस्त किए जाएं, क्योंकि उनके लिफाफे बंद होने से नियुक्ति प्रक्रिया बाधित होगी और सैकड़ों की संख्या में योग्य बीएड अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे ।

सीओ रानीखेत तिलकराम वर्मा का आकस्मिक निधन, पुलिस महकमे में शोक की लहर

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अल्मोड़ा, रानीखेत पुलिस उपाधीक्षक टी आर वर्मा का निधन होने से पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई है। दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ है। इस दुखद घटना के बाद पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गयी। मृदुभाषी वर्मा के आकस्मिक निधन से हर कोई अवाक रह गया है |
जानकारी के मुताबिक सीओ वर्मा अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए छुट्टी पर अपने घर भरतपुर, काशीपुर गए थे। 3 दिसंबर को उनकी भतीजी की शादी थी। बताया जा रहा है कि बीती रात अचानक उन्हें हार्ट अटैक आया। जिसके बाद परिजन उन्हें मुरादाबाद रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ले गये। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
तिलक राम वर्मा साल 1998 में पुलिस विभाग में एसआई के पद पर भर्ती हुए थे। उनके द्वारा विभिन्न जनपदों में थानाध्यक्ष व कोतवाल के पद पर नियुक्त रहते हुए सेवाएं दी गयी। साल 2020 को पुलिस उपाधीक्षक के पद पर पदोन्नत होने के बाद वह सीओ सीआईडी हल्द्वानी एवं इसके बाद 15 अगस्त 2022 से वर्तमान तक सीओ रानीखेत के पद पर अल्मोड़ा जिले में नियुक्त थे |