Monday, May 5, 2025
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इम्बेलिश मिसेज इंडिया में प्रतिभाग कर पूरा कर रही बचपन का सपना, 20 महिलाओं ने लिया आत्मविश्वास के साथ फर्स्ट लुक में हिस्सा

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देहरादून(एल मोहन लखेड़ा),ईम्बेलिश मिसेज इंडिया सीजन -2 में देशभर से 20 महिलाएं प्रतिभाग कर रही हैं। जिसका फर्स्ट लुक गुरुवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित किया गया। इस दौरान ग्रूमिंग क्लासेज लेने वाली महिलाओं में गजब का आत्मविश्वास दिखाई दिया।
इवेंट में उत्तराखंड सहित दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा,पंजाब सहित हिमाचल आदि जगहों से महिलाएं भागीदारी निभा रही हैं। इसकी जानकारी देते हुए इम्बेलिश टैलेंट मैनेजमेंट की डायरेक्टर ख्याति शर्मा ने बताया कि ये पांच साल पुरानी कंपनी है।
इसके सीजन-2 को लेकर महिलाओं में बेहद उत्साह है। जो महिला पहले तक चुप और डरी हुई रहती थी। हमारी ओर से ग्रूमिंग क्लासेज देने के बाद आज वो भी सबके सामने खुलकर बोलने लगी है। उन्होंने जानकारी दी कि उम्र के हिसाब से हमने सिल्वर, गोल्ड और प्लेटिनम कैटेगरी बनाई है। सिल्वर में 18 से 35, गोल्ड में 35 से 40 और प्लेटिनम में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग को रखा गया है। जिनकी कोरियोग्राफी प्रशांत रावत, पर्सनालिटी ग्रूमिंग सूची अग्रवाल और मेकअप टीम न्यू अट्रैक्शन सैलून की ओर से किया जा रहा हैं। इवेंट कॉर्डिनेटर सारिका सिंह हैं। ख्याति ने बताया कि 27 दिसम्बर को इवेंट का ग्रैंड फिनाले होगा। जिसमें हर ग्रुप में तीन विनर्स चुनी जाएंगी। जो कि आगे चलकर अलग-अलग कंट्री में होने वाले ब्यूटी पीजेंट में रिप्रेजेंट करेंगी।

 

मैं भी कुछ हूं, साबित करूँगी….!

पूरे समय पति और बच्चों की देखभाल करने वाली इन महिलाओं में हमेशा से कुछ अलग करने की इच्छा थी। किसी ने ससुराल तो किसी ने रिश्तेदारों की बातों से परेशान होकर ठानी कि आख़िर एक दिन मैं भी सबके सामने साबित करूँगी कि मैं भी कुछ हूँ। मेरे भी कुछ बचपन के ख्वाब हैं।यदि हम परिवार को आगे रख रहे हैं। इसका मतलब ये नहीं कि हम जीवन में कुछ नहीं कर सकते। महिलाओं ने बताया कि ग्रूमिंग क्लासेज के बाद हम में गज़ब का कॉन्फिडेंस आ रहा है और हम अब इस फील्ड में आगे तक जाने का सपना देख चुके हैं।

प्रदेश में कोरोना का एक भी केस नहीं, हर परिस्थिति से निपटने को तैयार स्वास्थ्य विभाग : डॉ. आर राजेश कुमार

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कोविड पॉजिटिव सैंपल की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग : डॉ. आर राजेश कुमार

कोविड को लेकर प्रदेश भर में शुरू होगा जन जागरूकता अभियान, अधिकारियों को स्वाथ्य सचिव ने दिए निर्देश

देहरादून, देश में कोविड के नए मामले सामने आने के बाद उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। कोविड गाइडलाइंस जारी करने के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने डेली मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। कोविड के नये वेरियंट के दृष्टिगत आज राज्य सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।
बैठक में सभी जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे। स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कहा उत्तराखंड में अभी कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर विस्तृत गाइडलाइन के साथ ही अस्पतालों में सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। हर परिस्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने आम मानस से अपील करते हुए कहा कि सभी कोरोना गाइडलाइंस का पालन करें। राज्य के सभी अस्पतालों में सैंपलिंग हो रही है। संदिग्ध मरीजों की निगरानी की जा रही है।
कोविड को लेकर सचिवालय में हुई अहम बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशत करते हुए कहा कि कोविड की जांच आरटीपीसीआर के माध्यम से की जाए।उन्होने कहा सभी कोविड पॉजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए। कोविड मरीजों की लगातार निगरानी जनजागरुकता अभियान संचालित करें साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए की किसी भी स्वास्थ्य इकाइयों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी ना हो।
सचिव द्वारा कोविड की दैनिक मॉनिटरिंग पर भी जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड के मामले शून्य व नए वेरियंट जेएन.1 को लेकर भी भारत सरकार से मिले दिशा.निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है। सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी जिलाधिकारी आम जनमानस में कोविड संबंधित भ्रातियों को बढ़ने ना दें व स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आधिकारिक सूचनाओं का ही अनुपालन करें।
बैठक में महानिदेश स्वास्थ्य डॉ विनीता शाहए अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर संयुक्त निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ महेंद्र कुमार पंतए कार्यक्रम अधिकारी डॉ पकंज कुमार सहित समस्त मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य राज्य एवं जिला आईडीएसपी टीम द्वारा प्रतिभा किया गया।

बढ़ते बाघ के आतंक से भड़का जनाक्रोश : शव के साथ किया धरना प्रदर्शन, लगाया जाम

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नैनीताल, पहाड़ों में बाघ का आतंक बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय ग्रामीण भयभीत हैं, जनपद में भीमताल के अलचौना के ताड़ा गांव में मंगलवार की शाम बाघ का निवाला बनी निकिता शर्मा की मौत के बाद क्षेत्र में जनाक्रोश भड़क गया है। आक्रोशित लोगों ने शव को लेकर खुटानी चौराहे पर जाम लगा दिया। जिससे दोनों ओर सैंकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। युवती की मौत के बाद से ही ग्रामीणों और परिजनों में वन विभाग और जिला प्रशासन के लिए आक्रोश था, जो सुबह होते हो बुरी तरह फूट पड़ा। बुधवार को नाराज लोगों ने वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आदमखोर बाघ को मारने की मांग शुरू कर दी। ग्रामीण युवती का शव लेकर खुटानी में वन विभाग और प्रशासन के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि आदमखोर बाघ की मौत तक युवती का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों को मनाने में पुलिस के अधिकारी लगे हुए हैं। लेकिन ग्रामीण उनकी कोई बात सुनने को तैयार नहीं है। विधायक राम सिंह कैड़ा के समझाने पर भी ग्रामीण मानने को तैयार नहीं है। स्थिति इतनी विकट है कि ग्रामीणों का उग्र विरोध देख वन विभाग के कन्जवेटर और डीएफओ ग्रामीणों को सामने तक नहीं आए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि घटना के बाद जिलाधिकारी को फोन किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया।

दर्दनाक हादसा : गहरी खाई में गिरी कार, पिता-पुत्र सहित तीन की मौत

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पिथौरागढ़, जनपद से फिर एक सड़क हादसे की खबर आयी है। मिली जानकारी के मुताबिक पिथौरागढ़- धारचूला राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक कार 500 मीटर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम के साथ रेस्क्यू कर शवों को बाहर निकाला। वहीं दूसरी ओर नैनीपातल के समीप एक कार हादसे का शिकार हो गई जिसमें चार लोग घायल हो गए।
मिली जानकारी के अनुसार एक हादसा सतगढ़ के पास हुआ है। यहां कनालीछीना से पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय की ओर आ रही है एक वैगनआर कार सतगढ़ के पास असंतुलित होकर लगभग 500 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में कार सवार पिता पुत्र सहित तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने एसडीआरएफ और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सयुंक्त रेस्क्यू अभियान चलाया। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद गहरी खाई से तीनों शवों को निकाल कर सड़क तक लाया जा सका। मृतक की पहचान सतगढ़ गांव निवासी हरीश कापड़ी और उनका बेटा शुभम कापड़ी के रूप में हुई है। जबकि तीसरे मृतक का नाम रोहित बोनाल निवासी धारचूला बताया जा रहा है। घटना से कोहराम मच गया है। इससे पहले भी बुधवार को एक कार नैनीताल के समीप पाले में फिसल कर खाई में गिर गई। बताया जा रहा है कि बुधवार को धारचूला स्थित एनएचपीसी धौलीगंगा जलविद्युत परियोजना में कार्यरत चार कर्मचारी जिला हल्द्वानी के लिए निकले। जिला मुख्यालय से 15 किमी पहले वाहन अनियंत्रित होकर 50 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने घायलों को निकाला। बताया जा रहा है कि प्राथमिक इलाज के बाद घायलों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है

अच्छी खबर : कूड़ा फेंकने वालों की फोटो खींचो और भेजो, इनाम में पाओ चालान की रकम 50 प्रतिशत

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देहरादून, अब प्रदेश में जहां-तहां कूड़ा फेंकने वालों की खेर नहीं, इस समस्या से निपटने के लिए अब सरकार सीसीटीवी कैमरों से नजर रखेगी साथ ही जो लोग कूड़ा फेंकने वालों की फोटो या वीडियो खींच कर भेजेंगे, उन्हें चालान की रकम का 50 प्रतिशत इनाम के रूप में दिया जाएगा। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु शहरी विकास को इसे योजना में शामिल करने के निर्देश दिए, उन्होंने विभाग से 15 दिन के अंदर पूरे प्रदेश में कूड़ा उठान की प्रभावी योजना के लिए ठोस कूड़ा प्रबंधन प्रणाली का एक आदर्श कार्य योजना भी तलब की। उन्होंने ताकीद किया कि अगले 15 दिन के भीतर पूरे प्रदेश को डस्टबिन फ्री बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए बजट की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्य सचिव मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश में ठोस कूड़ा प्रबंधन के तहत कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ठोस कूड़ा के 100 प्रतिशत निपटारे का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण, सोर्स सेग्रीगेशन एवं डस्टबिन फ्री सिटी की दिशा में कार्य होना चाहिए। उन्होंने प्रदेश में विश्वस्तरीय ठोस कूड़ा प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए एक आदर्श योजना बनाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न योजनाओं से योजना पर कार्य करने के बाद गैप फंडिंग के लिए स्टेट बजट से प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने प्रदेशभर में विभिन्न स्थानों से लेगेसी वेस्ट को भी शीघ्र हटाए जाने के निर्देश दिए। कहा कि लेगेसी वेस्ट हटाए जाने के बाद ख़ाली पड़ी भूमि का अधिकतम उपयोग हो सके इसके लिए स्थानीय आवश्यकताओं एवं परिस्थितियों के अनुरूप भूमि उपयोग की योजना तैयार की जाए। बैठक में अपर सचिव नितिन भदौरिया एवं सदस्य सचिव उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सुशांत पटनाईक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे |
उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत डोर टू डोर कूड़ा उठान तभी संभव होगा, जब पूरे प्रदेश को डस्टबिन फ्री किया जाएगा। इसके लिए कूड़ा उठाने वाले वाहनों की जितनी भी आवश्यकता होगी उसके लिए बजट उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही मैन पावर भी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने लोगों में जागरूकता के लिए भी योजना संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों को डोर टू डोर कूड़ा उठान के लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर की सड़कों के किनारे से डस्टबिन हटाए जाने के बाद डस्टबिन उठाने के अनुकूल बनी गाड़ियां जब तक चल रही हैं, उनसे कार्य लिया जाता रहे। इसका ध्यान रखते हुए उन वाहनों का मॉडिफिकेशन प्लान भी तैयार कर किया जाए।
मुख्य सचिव ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट्स के निर्माण में भी तेज़ी लाए जाने के निर्देश दिए। कहा कि सभी प्लांट्स के प्रत्येक स्तर के पूर्ण होने तिथि सहित पूरा प्लान प्रस्तुत किया जाए. उन्होंने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का थर्ड पार्टी ऑडिट कराए जाने के भी निर्देश दिए।

 

‌मंदिर समिति विश्राम गृहों में निर्माण-आपूर्ति संबंधी जांच उप समिति ने सौंपी रिपोर्ट : घटिया निर्माण, अनुरक्षण कार्य से जुड़े ठेकेदारों तथा आपूर्तिकर्ताओं से होगी भरपाई

देहरादून, श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति की धर्मशालाओं- विश्रामगृहों तथा मंदिरों में यात्रा वर्ष – 2023 में हुए निर्माण- अनुरक्षण कार्यों तथा विश्राम गृहों में सामान आपूर्ति की गुणवत्ता जांच हेतु बनी उप समिति ने अपनी रिपोर्ट श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय को सौंप दी है।
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने जांच रिपोर्ट का संज्ञान लेकर आपूर्तिकर्ताओं तथा निर्माण एवं अनुरक्षण कार्य से जुड़े संबंधित ठेकेदारों से दो सप्ताह के अंदर मानकों के अनुरूप पुन: कार्य स़पादित करने के निर्देश दिये है। तब तक संबंधित ठेकेदारों तथा फर्मो के बिल भुगतान को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है।
इस संबंध में मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने मंदिर समिति अधिशासी अभियंता तथा लेखा विभाग को आदेश जारी किये है साथ ही मानकों के अनुरूप कार्य किये जाने संबंधी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने एवं भविष्य में भी मानकों के अनुरूप कार्य की अपेक्षा की गयी है।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के विश्राम गृहों में चार धाम यात्रा हेतु तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु विश्राम गृहों के रख- रखाव हेतु मरम्मत- निर्माण कार्यों तथा सामान सप्लाई निविदा में तय मानकों पर संबंधित कार्य के निर्देश हुए थे।
उल्लेखनीय है कि सामान की सप्लाई तथा निर्माण अनुरक्षण कार्यों में कई शिकायते आ रही थी इस पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के निर्दश पर माह सितंबर 2023 में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच उप समिति का गठन किया गया। सभी निर्माण कार्यों तथा आपूर्ति सामान की गुणवत्ता की जांच के बाद इसी माह जांच रिपोर्ट सौंपी गयी।

 

उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच ने दो सूत्रीय मांग को लेकर दिया एक दिवसीय धरना

देहरादून, दून के दीनदयाल पार्क में पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम कें तहत दो सूत्रीय मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया गया।
आज राज्य आंदोलनकारियों की दो मुख्य मांगों जिसमें चिन्हीकरण का जल्द निस्तारण व 10% क्षैतिज आरक्षण हेतु शीघ्र विधानसभा सत्र आहूत किया जाय साथ ही गत 02-अक्टूबर की माननीय मुख्यमन्त्री की मुजफ्फरनगर शहीद स्मारक की घोषणा कें बाद भी एक सामान पेंशन का शासनादेश शीघ्र जारी करने हेतु धरना दिया गया। धरने की अध्यक्षता जगमोहन सिंह नेगी एवं संचालन पूरण सिंह लिंगवाल द्वारा किया गया।
बैठक में राज्य आंदोलनकारी मांगों जिसमें आहूत की सरकार द्वारा इतना समय बिताने कें बाद भी ना तो क्षैतिज आरक्षण हेतु सत्र बुलाया और ना ही शासनादेश होने कें बाद भी चिन्हीकरण नहीं हो पाया इससे आंदोलनकारियों में आक्रोश व्याप्त है।
प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व देवी गोदियाल ने कहा कि यदि राज्य आंदोलनकारियों कें मामले को लेकर गम्भीर है तो फिर अभी तक विधानसभा सत्र आहूत नहीं किया गया और ना ही अभी तक चिन्हीकरण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं हुई अतः सरकार पर दबाव बनाने हेतु हमें धरना देने को विवश होना पड़ा। बेठक की अध्यक्षता करते हुये सभी से 24-दिसम्बर को मूल निवास रेली मेँ प्रतिभाग करने की अपील की गई। धरना प्रदर्शन कर जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार शादाब कें माध्यम से माननीय मुख्यमन्त्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। उर्मिला शर्मा व सत्या पोखरियाल ने कहा कि आखिर सरकार राज्य आंदोलनकारियों कें साथ इतना पक्षपात क्यों कर रही है जबकि सरकार प्रचार प्रसार पहले ही कर चुकी है। डी एस गुसाईं एवं विक्रम भण्डारी ने कहा कि सरकार शीघ्र 10% लेकर जल्द सत्र आहूत किया जाय। प्रदीप कुकरेती ने कहा कि सरकार प्रत्येक जिलाधिकारी को निर्देश दे कि शीघ्र चिन्हीकरण का कार्य समाप्त किया जाय।
धरना देने वालों में जगमोहन सिंह नेगी, अशोक वर्मा, देवी गोदियाल, पूरण जुयाल, क्रांति कुकरेती, डीएस गुसांई, पूरण सिंह लिंगवाल, विक्रम भण्डारी, रुकम पोखरियाल, सत्या पोखरियाल, मुन्नी खंडूड़ी , उर्मिला शर्मा, सुलोचना भट्ट, बीर सिंह रावत, बलबीर सिंह नेगी, जयदीप सकलानी, विनोद असवाल, मोहित डिमरी, प्रदीप सकलानी, प्रदीप कुकरेती, पूरण सिंह लिंगवाल, विशम्भर दत्त बोन्ठीयाल, देवेश्वरी रावत, संजय बलूनी, विजय बलूनी, सुरेश नेगी, प्रेम सिंह नेगी, मनोज नौटियाल, मनीष नेगी, राजेश पान्थरी, धर्मानन्द भट्ट, प्रभात डण्डरियाल, आशीष नेगी, मंजूर अहमद वेग, राजेश शर्मा, इच्छा भण्डारी, उपेन्द्र प्रसाद, बिन्दु सेमवाल, लक्ष्मी रावत, सतेस्वरी देवी, चन्द्र किरन, कमला राणा, प्रांजल नौटियाल , राजेन्द्र पन्त, आमोद पेन्युली, सरोजनी थपलियाल आदि मौजूद रहे।

 

अब बर्फबारी में भी आपातकालीन एंबुलेंस देगी सेवा, सरकार ने दी ये सुविधा

देहरादून, उत्तराखंड में लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फ से सड़कों पर सफेद चादर बिछ गई है। जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां बर्फबारी होती है। ऐसे में इन क्षेत्रों में आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को बहाल रखना बड़ी चुनौती बन जाता है। बर्फवारी के दौरान भी मरीजों तक एंबुलेंस सेवा निर्बाध रह सके, इसके लिए संबंधित वाहनों में स्नो चेन लगाने की व्यवस्था की गई थी। अब मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बर्फबारी संभावित क्षेत्रों में तैनात 12 एंबुलेंस की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी है।

अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) रामजी शरण शर्मा के मुताबिक शीतकाल के मद्देनजर जिलाधिकारी की बैठक में बर्फबारी से प्रभावित रहने वाले मार्गों पर एंबुलेंस सेवा को बहाल रखने के निर्देश दिए थे। इस क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से बर्फबारी संभावित क्षेत्रों में तैनात एंबुलेंस की सूची मांगी गई थी। ताकि सभी को समय पर स्नो चेन मुहैया कराई जा सके। अब सीएमओ की ओर से भेजी गई सूची में चकराता, त्यूणी, मसूरी, कोटी कानासर, क्वांसी, कोल्हूखेत, सहिया में तैनात 12 एंबुलेंस के लिए स्नो चेन की मांग की गई है। अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा के मुताबिक सभी एंबुलेंस को स्नो चेन से लैस करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

इनमें लगी खास सुविधा :
सा.सवा. केंद्र चकराता – टाटा विंगरसा
सवा. केंद्र त्यूणी – टाटा विंगरसा
सवा. केंद्र सहिया – क्रूजर फोर्स
उप जिला चिकित्सालय मसूरी- ईको मारुति
उप जिला चिकित्सालय मसूरी – बोलेरो

इन सबके अलावा 108 एंबुलेंस सेवा चकराता, त्यूणी, कोटी कनासर, क्वांसी, सहिया, मसूरी, कोल्हूखेत में भी है। आम जनता के लिए कठिन समय में भी कार्य करते रहे हैं।

 

 

मसूरी विन्टरलाईन कार्निवाल : कार्यक्रम की तैयारियों के संबंध में बैठक करते कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी

देहरादून, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बुधवार को राजपुर रोड़ स्थित मंथन सभागार में मसूरी में आयोजित होने वाले “मसूरी विन्टरलाईन कार्निवाल” से जुड़े कार्यक्रम की तैयारियों के संबंध में बैठक ली। बैठक में मंत्री जोशी ने विन्टरलाईन कार्निवाल को भव्य रूप देने तथा आयोजन से जुड़े अधिकारियों को कार्यक्रम की रूपरेखा को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मंत्री गणेश जोशी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा विन्टरलाईन कार्निवाल के दौरान मॉल रोड़ में सभी प्रकार के वाहनों को प्रतिबंधित किया जाए ताकि पर्यटकों की किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

मंत्री ने 27 से 30 दिसम्बर तक मसूरी में आयोजित किये जाने वाले “मसूरी विन्टर लाईन कार्निवाल” को भव्य रूप में आयोजित करने की श्रृंखला में शोभा यात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही एडवेंचर खेल, प्रतियोगिताएं, गोष्ठिया एवं सांस्कृतिक, पारम्परिक कार्यक्रमों के साथ ही फूड फेस्टिवल में पहाड़ी व्यंजन के साथ ही साहसिक खेल, मोटर बाईक रेली, कबड्डी, मैराथन, नेचरवॉक, स्टार गेजिंग, हिस्ट्रीवॉक, विन्टेज रैली आदि गतिविधि के आयोजन के संबंध में विस्तार से चर्चा कर सभी पहलुओं को देखते हुए रूपरेखा तैयार कर कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा मसूरी में 27 से 30 दिसम्बर तक चार दिवसीय विंटर लाइन कार्निवाल का आयोजन किया जायेगा। मंत्री ने कहा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि पहाड़ो की रानी मसूरी में आने वाले पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसपर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने पार्किंग, यातायात प्रबंध, सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल एवं विद्युत की उपलब्धता, बढ़ती ठंड के चलते अलाव व्यवस्था एवं सफाई से संबंधित सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण करने के अधिकारियों को निर्देशित किया। मंत्री गणेश जोशी ने कहा चार दिवसीय कार्निवाल में स्थानीय कलाकार, प्रदेश की संस्कृति और कला से रूबरू के साथ विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम भी आयोजित कराए जायेंगे, जिसमे स्थानीय सांस्कृतिक कलाकारों को प्राथमिकता दी जाए।

उन्होंने कहा कार्निवाल में फूड फेस्टिवल का भी आयोजन कराया जाएगा। जिसमे इस बार विंटर कार्निवाल में मिलेट्स (श्री अन्न) मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा। जिसमे पहाड़ी व्यंजनों के साथ साथ मिलेट्स के व्यंजन तथा उससे बने उत्पाद भी फूड फेस्टिवल में लगाए जायेंगे। जिसके माध्यम से मिलेट्स का प्रचार प्रसार भी होगा। मंत्री गणेश जोशी ने कहा विंटर लाइन कार्निवाल पहाड़ की संस्कृति की झलक और स्थानीय उत्पादों का फेस्टिवल में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाए। इसके अलावा मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पर्यटकों को प्रदेश की संस्कृति और खानपान से रूबरू कराया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, एमडीडीए सचिव मोहन सिंह बर्निया, जिला प्रशासन के अधिकारीगण एवं कार्निवाल समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

 

सिलक्यारा सुरंग का निर्माण कार्य 38 दिन बाद फिर से हुआ शुरू

देहरादून, उत्तरकाशी में 41 मजूदरों के फंसने के 38 दिन बाद सिलक्यारा सुरंग का निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो गया है। कंपनी पहले बड़कोट सिरे से काम कर रही है। जांच होने के बाद सिलक्यारा सिरे से भी सुरंग निर्माण शुरू किया जाएगा। केवल 480 मीटर सुरंग बची हुई है। उधर, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने ऑपरेशन सिलक्यारा की सफलता पर बधाई प्रस्ताव पास किया है, जिसके मिनट्स केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जारी किए हैं। चारधाम ऑलवेदर परियोजना के तहत यमुनोत्री मार्ग पर बन रही सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में 12 नवंबर की सुबह मलबा गिरने की वजह से 41 मजूदर फंस गए थे।17 दिन लंबे बचाव अभियान के बाद मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन तब से ही सुरंग के निर्माण का काम बंद पड़ा है। मंत्रालय की ओर से गठित विशेषज्ञ जांच समिति ने सिलक्यारा हादसे की जांच शुरू कर दी है। 4.531 किमी लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का अब केवल 480 मीटर हिस्सा बचा हुआ है। इस हिस्से के निर्माण के लिए नवयुगा कंपनी ने बड़कोट सिरे से काम शुरू कर दिया है। जांच पूरी होने के बाद सिलक्यारा की ओर वाले सिरे से भी काम शुरू किया जाएगा। बताया जा रहा कि सुरंग का निर्माण नए साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

 

ट्रैफिक व्यवस्था में बेहतरी के लिए उपनल के जरिये कर्मियों की संख्या बढ़ाएंगे : डीजीपी

-आवासीय व व्यावसायिक कॉम्पलेक्स के बाहर वाहन खड़े नहीं होंगे

-थानों में खड़े वाहनों के लिए जमीन तलाशेगा पुलिस विभाग

-यातायात एवं सड़क सुरक्षा पर पुलिस मुख्यालय में आयोजित संगोष्ठी दोपहिया वाहन खरीदने पर दिया बल

देहरादून, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा कि शहरों में पीक ऑवर्स में पुलिस की मौजूदगी रहे। आवासीय व व्यावसायिक कॉम्पलेक्स के बाहर वाहन पार्किंग न होने दी जाये। इसके अतिरिक्त चारों बड़े जनपदों में कुछ एकड़ भूमि चयनित की जाये जहां पर थानों में खड़े लावारिस व मुकदमे से सम्बन्धित वाहन एक साथ खड़े किये जा सके । ताकि थानों में जगह खाली हो एवं उनकी सुन्दरता भी प्रभावित न हो। मंगलवार को राज्य में यातायात एवं सड़क सुरक्षा पर आयोजित संगोष्ठी में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यातायात एवं सड़क सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है। इसमें मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए उपनल के माध्यम से जनशक्ति बढ़ाएंगे। और शासन से होमगार्ड एवं पीआरडी के जवानों की मॉग की जाये।

संगोष्ठी में अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, वी मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस दूरसंचार, एपी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, मुख्तार मोहसिन, निदेशक यातायात एवं सर्वेश पंवार, पुलिस अधीक्षक यातायात भी मौजूद रहे। निदेशक, यातायात ने इस सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया गया तथा राज्य में यातायात पुलिस की जनशक्ति, साजो सामान एवं उपकरणों की वर्तमान स्थिति प्रस्तुत करते हुए यातायात व सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित समस्याओं एवं चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया। एपी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था के द्वारा बताया गया कि सिटी पेट्रोल यूनिट में नियुक्त कर्मियों को भी यातायात पुलिस के अन्तर्गत ही माना जायेगा।

उन्होंने बताया कि राज्य में पंजीकृत वाहनों की कुल संख्या लगभग 33 लाख है। जिसके अनुपात में जनशक्ति काफी कम है। पुलिस महानिदेशक द्वारा इसका ऑडिट भी कराये जाने के निर्देश दिये गये। निदेशक यातायात द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में राज्य में कुल 28 इण्टरसेप्टर वाहन मौजूद हैं। भविष्य में ट्रैफिक ड्यूटी हेतु सभी दोपहिया वाहन हैवी ड्यूटी के खरीदे जायें जिनकी क्षमता 400-500 सीसी की हो। जिस जनपद में सड़क दुर्घटनाएं अधिक है वहॉ पर संसाधन एवं जनशक्ति को बढ़ाया जाये । ब्लैक स्पॉट को भी चिन्हित किया जाये साथ ही इनका डाटा तैयार कर विश्लेषण किया जाये। ताकि ऐसे स्थानों की पहचान हो सके एवं दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

सिलक्यारा मामले में न किसी की जवाबदेही न किसी के विरुद्ध कार्यवाही : टनल हादसे की जांच रिपोर्ट आये बगैर दोबारा काम शुरू करना सरकार की बदनीयती : धस्माना

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देेहरादूून (एल मोहन लखेड़ा), उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा टनल हादसे के बारे में उठे तमाम सवालों आपत्तियों को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय व राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है, यह सवाल एआईसीसी सदस्य व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैम्प कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में किया।
उन्होंने कहा कि सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में निर्माण एजेंसी ने 20 फरवरी 2018 की केंद्रीय कैबिनेट जिसकी अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी, के उस निर्णय को पूरी तरह से नज़रंदाज़ किया जिसमें सिलक्यारा टनल को सशर्त एस्केप पैसेज के साथ निर्माण की अनुमति दी किंतु निर्माण एजेंसी नवयुग कम्पनी ने बिना एस्केप पैसेज व बिना किसी आपातकालीन निकासी के निर्माण किये चार किलोमीटर टनल खोद दी और जिस तरह से खुदाई की गई उससे यह आशंका है कि टनल में ब्लास्ट किया गया और छोटी दिवाली के दिन टनल में भूस्खलन व मलवा गिरने का हादसा घटा जिसमें 41 श्रमिक फंस गए थे जिनको लम्बी जद्दोजहद के बाद रैट होल माइनर्स ने निकाला।
धस्माना ने कहा कि इस हादसे के लिए साफ साफ निर्माण एजेंसी जिम्मेदार है किंतु आज तक कोई कार्यवाही उनके विरुद्ध नहीं जी गयी और रैट होल माइनर्स की मेहनत पर सरकार अपने मियां मिट्ठू बन कर अपनी ही पीठ थपथपा रही जबकि सच्चाई यह है कि राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ और अगर उत्तप्रदेश के रैट होल माइनर्स न आते तो अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्नाल्ड डिक्स ने सार्वजनिक रूप से कह दिया था कि क्रिसमस के आसपास अभियान पूरा हो पायेगा।
धस्माना ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय व उत्तराखंड राज्य सरकार से कांग्रेस यह पूछना चाहती है कि सिलक्यारा हादसे का जिम्मेदार कौन है और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकारें जवाब नहीं देती तो यह स्पष्ट रूप से एक बड़ा टनल घोटाला है।

अब आवारा कुत्तों के काटने के भय से मिलेगी राहत, शहरी विकास निदेशालय ने जारी की एसओपी

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देहरादून, राज्य में अब आवारा कुत्तों के काटने के भय से जनता को राहत मिल पायेगी, शहरी विकास निदेशालय ने एसओपी जारी कर दी है, इसके तहत हर नगर निकाय को एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) मॉनिटरिंग कमेटी का गठन करने के साथ ही डॉग स्क्वॉयड बनाना होगा, जो कुत्ते के काटने की सूचनाओं का संज्ञान लेकर जांच करके उसे अपने साथ ले जाएगी।
इसके बाद सात दिन तक उसकी निगरानी होगी। अगर ये साबित हुआ कि कुत्ता उग्र है, तो उसे मूल जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा। शहरी विकास निदेशक नितिन भदौरिया की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक, यह मॉनिटरिंग कमेटी प्राथमिकता के आधार पर उग्र आवारा कुत्तों की समस्या से संबंधित शिकायत सुनेगी।
एसओपी के तहत कार्रवाई के निर्देश दिएशिकायतकर्ता का नाम, पता, फोन नंबर, कुत्ते के काटने की तिथि, समय, स्थान की जानकारी सहेजेगी। आवारा कुत्ते के काटने की पुष्टि होने पर डॉग स्क्वॉयड (डॉग वैन, ड्राइवर, दो डॉक कैचर) पकड़ लेगी। इसके बाद उसे एबीसी सेंटर में निगरानी के लिए रखा जाएगा। सात दिन में निगरानी के बाद अगर यह तय हुआ कि वह आवारा कुत्ता उग्र और काटने वाली प्रवृत्ति का नहीं है, तो उसे बंध्याकरण के बाद वापस उसी जगह पर छोड़ दिया जाएगा। अगर जरूरत हुई तो एक से तीन सप्ताह तक उसकी निगरानी की जा सकती है। आदेश में यह भी निर्देश दिए गए कि अगर ये स्पष्ट हो जाता है कि वास्तव में वह कुत्ता उग्र व काटने वाली प्रवृत्ति का है, तो उसे मूल स्थान पर वापस नहीं छोड़ सकते। ऐसे आवारा कुत्तों की हर दो माह में पशु चिकित्सक समीक्षा करेंगे। ताकीद की गई कि इस प्रक्रिया में पशु क्रूरता से बचाव रखा जाए। बहरहाल देखना होगा इस नए नियम से लोगों की किमनी राहत मिल पाती है।

सीएम धामी का बड़ा फैसला : मूल निवास प्रमाण-पत्र धारकों को अब स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता नहीं होगी

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23 साल बाद जाकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मूल निवास को फिर दी पहचान, मूल निवासियों के मूल निवास प्रमाण पत्र की बनी रहेगी उपयोगिता, नहीं बनाने होंगे स्थाई निवास, मूल निवासियों की पहचान बचाए रखने को सीएम धामी का बड़ा फैसला

देहरादून। राज्य गठन के 23 साल बाद जाकर उत्तराखंड के मूल निवासियों को फिर पहचान मिली है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मूल निवास प्रमाण पत्र को न मानने वालों के सख्त कदम उठाते हुए नई व्यवस्था जारी कर दी है। अब ऐसे मूल निवासी, जिनके मूल निवास प्रमाण पत्र बने हुए हैं, उन्हें स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की कोई जरूरत नहीं होगी। उनके पुराने मूल निवास प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे। उनके मूल निवास प्रमाण पत्र की पहचान बनी रहेगी। मूल निवासियों की पहचान बचाए रखने और मूल निवास प्रमाण पत्र के महत्व को बनाए रखने को सीएम धामी की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है।
इस फैसले के तहत सचिव विनोद कुमार सुमन ने बुधवार को स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं। इस आदेश के तहत अब मूल निवास प्रमाण पत्र धारक से कोई भी विभाग स्थाई निवास प्रमाण पत्र की मांग नहीं करेगा। सरकारी नौकरियों, सरकार की योजनाओं में मूल निवास प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे। सरकारी विभागों में मूल निवास प्रमाण पत्र की इस अनदेखी का स्वयं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लिया था। सीएम की सख्ती के बाद ही तत्काल सचिव सामान्य प्रशासन की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं।
सीएम के इस फैसले ने मूल निवासियों को वो पहचान दे दी है, जिसके लिए वे 23 साल से इंतजार कर रहे थे। नवंबर 2001 को एक आदेश ने राज्य में मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने बंद कर दिए थे। बाद के वर्षों में विभागों ने मूल निवास प्रमाण पत्र की अनदेखी शुरू कर दी थी। नौकरियों, सरकारी योजनाओं में पात्रता में मूल निवास प्रमाण पत्र का प्रावधान ही नहीं किया जाता था। सिर्फ स्थाई निवास प्रमाण पत्र का जिक्र किया जाता था। इसी आधार पर अफसर मूल निवास प्रमाण पत्र के स्थान स्थाई निवास प्रमाण पत्र की मांग करते रहे। इन तमाम किंतु परंतु पर बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूरी तरह विराम लगा दिया। ऐसा कर सरकार ने मूल निवासियों की पहचान बचाए रखने को मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। राज्य के मूल निवासियों को उनकी पहचान सुनिश्चित करा दी है।

 

हर चुनौती से निपटने को तैयार है स्वास्थ्य विभागः डॉ. धन सिंह रावत

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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक रखा तैयारियों का ब्योरा

नई दिल्ली/देहरादून, कोविड-19 के नये वेरेएंट से निपटने के लिये केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में आयोजित देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों की उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी प्रतिभाग किया। जिसमें उन्होंने देश के कुछ राज्यों में इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों में हालिया वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार की तैयारियों का ब्योरा रखा। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य विभाग किसी भी परिस्थिति से निपटने को पूरी तरह से तैयार है। इस संबंध में सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को सरकार की ओर से जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं की तैयारी पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं उच्चाधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 के नये वैरिएंट की आहट के प्रति सभी राज्यों को तत्काल कदम उठाने, निगरानी बढ़ाने तथा लोगों से प्रभावी संवाद स्थापित करने को कहा है। उन्होंने किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटने के लिये आपसी तालमेल के साथ कार्य करने के दिशा-निर्देश दिये। बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर क्रियान्वयन व सकारात्मक दृष्टिकोण के लिये सभी राज्यों की सराहना की। हालांकि पूरे देश के स्वास्थ्य मंत्रियों ने बैठक में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया जबकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने नई दिल्ली प्रवास पर होने के चलते केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में ही मौजूद होकर बैठक में प्रतिभाग किया।

बैठक में डॉ. रावत ने कोरोना के नये वैरिएंट के बढ़ते प्रकोप को लेकर राज्य सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग किसी भी परिस्थिति से निपटने को पूरी तरह से तैयार है। इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के बढ़ते केसों को देखते हुये राज्य में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है साथ ही सभी जिला अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दे दिये गये हैं। अस्पतालों में अधिक से अधिक संख्या में आरटी-पीसीआर एवं एंटीजन जांच सुनिश्चित करने को भी अधिकारियों को कहा गया है। डॉ. रावत ने बताया कि अभी तक राज्य में कोविड-19 के नये वैरिएंट का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) की नियमित निगरानी की जा रही है। किसी भी चुनौती से निपटने के लिये राज्य में पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं एवं मानव संसाधन उपलब्ध है। जिसमें 5,893 ऑक्सीजन सपोर्टेड आइसोलेशन बेड, 1,204 आई0सी0यू0 बेड, 894 आई0सी0यू0 बेड मय वेन्टिलेटर, 1,298 क्रियाशील वेन्टिलेटर, 7,561 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, 15,950 ऑक्सीजन सिलेन्डर, 93 क्रियाशील पी0एस0ए0 प्लांट, 807 क्रियाशील एल0एम0ओ0 स्टोरेज टैंक उपलब्ध हैं। इसके साथ ही कोविड-19 प्रबंधन में प्रशिक्षित 3,161 पैरामेडिकल स्टॉफ की टीम शामिल है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया की भारत सरकार के निरंतर सहयोग से राज्य दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर, टीकों का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने में सक्षम है वहीं अधिकारियों की कार्यक्षमता पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जायेगा।

बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल, श्रीमती भारती पवार सहित केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे जबकि राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं उच्चधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया।

वोक्सवैगन जनवरी से कारों की बढ़ाएगी कीमतें

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मुंबई । वोक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया ने मंगलवार को बढ़ते इनपुट और मटेरियल लागत के चलते अपने मॉडल रेंज में कार की कीमतों में 2 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की है।
वोक्सवैगन के प्रवक्ता ने कहा: ब्रांड इनपुट लागत में वृद्धि का अधिकांश हिस्सा वहन कर रहा है, हालांकि, कुछ प्रभाव अंतिम उपभोक्ताओं पर डालना होगा।
वोक्सवैगन का यह फैसला मारुति सुजुकी के साथ-साथ महिंद्रा एंड महिंद्रा द्वारा वाहन की कीमतें बढ़ाने की घोषणा के बाद आया है।
घरेलू ऑटो प्रमुख महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 6 दिसंबर को घोषणा की थी कि वह अगले महीने से अपने यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की कीमतें बढ़ाएगी।
कंपनी ने कहा कि लागत बढऩे के कारण वह कीमतें बढ़ा रही है।
ऑटो प्रमुख ने कहा कि उन्होंने इन अतिरिक्त लागतों को यथासंभव अवशोषित करने का प्रयास किया है।
हालांकि, इस बढ़ोतरी का एक हिस्सा ग्राहकों को दिया जाएगा।
मारुति सुजुकी ने 27 नवंबर को घोषणा की थी कि वह जनवरी 2024 से अपनी कारों की कीमतें बढ़ाएगी।
देश की अग्रणी कार निर्माता कंपनी ने कहा कि उसने बढ़ती इनपुट लागत के कारण कार की कीमतें बढ़ाने का फैसला किया है।
मारुति सुजुकी ने कहा, कंपनी लागत कम करने और बढ़ोतरी की भरपाई करने के लिए अधिकतम प्रयास कर रही है, लेकिन उसे कुछ बढ़ोतरी का भार बाजार को देना पड़ सकता है।