Friday, June 13, 2025
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ओएनजीसी मुख्यालय के स्थान्तरण की साजिश का कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने किया कड़ा विरोध

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मुख्यमंत्री एवं पेट्रोलियम सचिव से की हस्तक्षेप की मांग : माहरा

देहरादून, उत्तराखण्ड़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने ओएनजीसी मुख्यालय के स्थान्तरण का कडा विरोध करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केन्द्रीय पेट्रोलियम सचिव से हस्तक्षेप की मांग की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पेट्रोलियम सचिव, भारत सरकार को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि समाचार पत्रों से संज्ञान में आ रहा है कि भाजपा सरकार द्वारा देहरादून स्थित नवरत्न संस्थाओं में एक तेल एवं प्राकृतिक गैस लि0 (ओएनजीसी) के मुख्यालय को देहरादून से अन्यत्र स्थान्तरित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके तहत ओएनजीसी के विभिन्न विभागों की शिफ्टिंग शुरू भी हो चुकी है।
करन माहरा ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा विगत 10 वर्ष के कार्यकाल में जिस प्रकार ओएनजीसी से विभिन्न विभागो को स्थान्तरित करने की कार्रवाई की जा रही है तथा विभागों के स्थान्तरण का सिलसिला जारी है, उससे न केवल ओएनजीसी कर्मचारी यूनियन अपितु आम जनता में भी भारी रोष व्याप्त है तथा यह ऋषिकेश स्थित आइडीपीएल की भांति ओएनजीसी का अस्तित्व समाप्त करने का षडयंत्र प्रतीत होता है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू जी की प्रदेशों को अलग पहचान दिलाने तथा विकास के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध संस्थानों के माध्यम से रोजगार प्रदान करने वाली दूरदर्शिता पूर्ण नीतियों के तहत देश के सभी भागों में विश्व प्रसिद्ध संस्थान बसाये गये थे, परन्तु वर्तमान में एक के बाद एक, इन संस्थानों का अस्तित्व मिटाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।

देहरादून स्थित ओएनजीसी, आर्डिनेंन्स फैक्ट्री, एफआरआई, आइएमए, आइआइपी जैसे संस्थानों से यहां की अलग पहचान है तथा इन संस्थानों के माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार तो प्राप्त है ही यह संस्थान राज्य की आर्थिकी से भी जुडे हुए हैं। एक ओर देश एवं प्रदेश में बेरोजगारी अपने चरम पर है तथा सरकार द्वारा इस प्रकार के नवरत्न संस्थानों जिनमें रोजगार के माध्यम से लाखों परिवारों का भरण पोषण हो रहा है, का अस्तित्व मिटाया जाना भविष्य में और बेरोजगारी बढ़ाने जैसा आत्मघाती कदम होगा।
उन्होंने कहा कि विगत कई वर्षों से ओएनजीसी, आर्डिनेंन्स, एफआरआई, आइआइपी जैसे बडे संस्थानों में कार्मिकों की संख्या लगातार कम की जा रही है तथा नई भर्तियों की प्रक्रिया पूर्ण रूप से बंद पडी हैं। इससे यह भी प्रतीत होता है कि डबल इंजन की सरकार लोगों को नये रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के बजाय राज्य में पहले से उपलब्ध रोजगार के साधनों से भी वंचित करने तथा राज्य की पहचान माने जाने वाले संस्थानों का अस्तित्व समाप्त करने का षडयंत्र कर रही है। यही नहीं इससे पूर्व देहरादून की एक अन्य पहचान एफआरआई को भी ठेका प्रथा पर चलाने का निर्णय लिया जा चुका है जो कि राज्य हित में उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
श्री करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से व्यापक राज्य हित में ओएनजीसी के विभिन्न विभागों तथा मुख्यालय के स्थान्तरण पर रोक लगाये जाने हेतु हस्तक्षेप की मांग की है।

पुलिस लाईन में दीक्षान्त परेड : परेड में 69 महिलाओं के साथ 231 प्रशिक्षु हुए शामिल

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देहरादून, पुलिस लाईन मंगलवार को दीक्षान्त परेड का आयोजन किया गया। इस परेड में 231 प्रशिक्षु शामिल थे, जिनमें 162 पुरुष और 69 महिलाएं थीं। मुख्य अतिथि के रूप में अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, ने परेड का मान-प्रणाम ग्रहण किया।
प्रशिक्षण के समापन के बाद, सर्वांग सर्वाेत्तम एवं अंतः कक्ष में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली प्रियंका चमोली और बाह्य कक्ष में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली मनीषा और हिमानी जोशी को सम्मानित किया गया।
प्रशिक्षण में शामिल हुए प्रशिक्षुओं को रेडियो परिचालन और तकनीकी अद्यतन के साथ-साथ बेसिक आपदा प्रबंधन, अग्निशमन, दंगा प्रबंधन आदि के कोर्स भी प्रदान किए गए।

दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने गहन प्रशिक्षण के उपरांत पास आउट होने वाले सभी मुख्य आरक्षियों को बधाई देते हुए कहा कि मैं आप सभी का उत्तराखण्ड पुलिस परिवार में स्वागत करता हूं और कामना करता हूं कि आने वाले 30 वर्षों से भी अधिक की जो आपकी सेवा होगी उसमें पुलिस ही नहीं बल्कि एक अच्छे राज्य के निर्माण में भी आप एक सक्रिय भूमिका बनायेंगे।

तकनीक के इस युग में पुलिस को आधुनिक एवं तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक हो गया है। हम तेजी से मार्डनाईजेशन की ओर बढ रहे हैं तथा पुलिस को स्मार्ट बनाने की दिशा में प्रदत्त गाइड लाईन के तहत कार्य कर रहे हैं। मेरा विश्वास है कि इस आधारभूत प्रशिक्षण के बाद आप सभी नवनियुक्त मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार पुलिस विभाग में उन तकनीको से रूबरू होगें एवं एक नये स्तर पर इस विभाग की छवि को ले जायेगें।

आज की इस दीक्षान्त परेड में 162 पुरूष एवं 69 महिला प्रशिक्षु सम्मिलित हैं। ये बहुत गर्व की बात है कि हमारे प्रदेश की बेटियां नए-नए क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। आज भी अधिकांश विषयों में महिलाओं ने ज्यादा सफलता अर्जित की है। इसके लिए मैं विशेष रूप से सभी महिला प्रशिक्षुओं व उनके परिवारजनों को बधाई देता हूं।

इस अवसर पर अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन/पुलिस दूरसंचार, वी0 मुरुगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, सीबीसीआईडी, ए0पी0 अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

सेंट्रो कार खाई में गिरी, तीन की घटनास्थल पर मौत, एक घायल

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अल्मोड़ा, जिला नियंत्रण कक्ष, अल्मोड़ा द्वारा आज प्रात: सूचना प्राप्त हुई कि सल्ट क्षेत्रान्तर्गत चचरोटी नामक स्थान पर एक सेंट्रो कार (UK 08 U 6028) लगभग 300 मीटर गहरी खाई में दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। उक्त सूचना पर पोस्ट सरियापानी से एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) रेस्क्यू टीम निरीक्षक राजेश जोशी के नेतृत्व में तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई।

इस सेंट्रो वाहन में एक ही परिवार के चार सदस्य सवार थे, जो रुड़की से देघाट की ओर जा रहे थे। दुर्भाग्यवश, इस दुर्घटना में तीन लोगों (एक पुरुष, एक महिला और एक बालिका) की मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस हादसे में एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया।
एसडीआरएफ टीम ने मौके पर पहुँचकर तुरंत रेस्क्यू अभियान चलाया। घायल बच्चे, अर्णव पुत्र मुनेंद्र सिंह, उम्र 11 वर्ष, को अस्पताल भेजा गया। टीम ने तत्परता से कार्य करते हुए तीनों मृतकों के शवों को खाई से निकालकर जिला पुलिस को सुपुर्द किया।

मृतकों का विवरण इस प्रकार है:

1- मुनेंद्र सिंह, पुत्र ईश्वर सिंह, निवासी सिविल लाइन रुड़की, दिल्ली रोड, मोहनपुरा, हरिद्वार।
2- शशि सैनी, पत्नी मुनेंद्र सिंह, पता- उपरोक्त।
3- अदिति, पुत्री मुनेंद्र सिंह, उम्र 9 वर्ष, पता- उपरोक्त।

इस दुखद घटना से परिवार और स्थानीय समुदाय में शोक की लहर है। एसडीआरएफ की त्वरित कार्रवाई और रेस्क्यू अभियान ने एक जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। घायल बच्चे का इलाज अस्पताल में चल रहा है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

चक्रवात रेमल : तेज आंधी से पेड़ और बिजली के खंभें उखड़े, पूर्वोत्तर राज्य हाई अलर्ट पर, अधिकारियों को तैयार रहने का निर्देश

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कोलकाता (आरएनएस)। भीषण चक्रवाती तूफान रेमल के आने से पहले विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों में आपदा प्रबंधन अधिकारियों और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जिला प्रशासनों को अग्रिम एहतियाती कदम उठाने के लिए कहा गया है। रेमल चक्रवात के कारण रात भर हुई भारी बारिश और 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने सोमवार को कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के कई अन्य जिलों में छप्पर वाले घरों को नष्ट हो गए, बिजली के खंभे और रेलवे सिग्नल पोस्ट गिर गए।
प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक रेमल के पश्चिम बंगाल और उससे सटे बंगलादेश के तटों के बीच टकराने से घर ढहने या उड़ते हुए मलबे की चपेट में आने से कई लोग घायल हो गए। राज्य सरकार पहले ही निचले इलाकों में रहने वाले करीब 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी है।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार चक्रवात के टकराने की प्रक्रिया रविवार रात लगभग 8.30 बजे शुरू हुई और पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप और मोंगला के पास बंग के खेपुपारा के बीच सोमवार तडक़े समाप्त हुई।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता में 146 मिमी बारिश हुई और 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, जो 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच गयीं। तेज हवाई के कारण पेड़ उखड़ गए और ओवरहेड बिजली के तार टूट गए। कोलकाता में दीवार गिरने से एक व्यक्ति घायल हो गया। दक्षिण कोलकाता के ढाकुरिया, पार्क सर्कस और बालीगंज जैसे इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया, जबकि टॉलीगंज और कवि नजरूल स्टेशनों पर मेट्रो रेलवे शेड उड़ गए। उपनगरीय सियालदह दक्षिण खंड में एहतियात के तौर पर रेलवे सेवाएं पहले ही निलंबित कर दी गई हैं, जबकि नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय (एनएससीबीआई) हवाई अड्डे को भी रविवार को अपराह्न 12 बजे से सोमवार सुबह 09 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है। कुल मिलाकर 340 घरेलू और 54 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गईं।
उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों से प्राप्त रिपोर्टों में कहा गया है कि तूफान के कारण कई फूस के घर जमींदोज हो गए। बिजली के खंभे भी टूट गए। बंगाल की खाड़ी में विशाल ज्वारीय लहरें देखी गईं।

सावधान! जल्दी पतले होने की दवा से लकवा मारने का भी खतरा, क्या है चेतावनी

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नई दिल्ली,(आरएनएस)।  दुनिया की एक बड़ी अबादी बढ़ते वजन से परेशान है। हर कोई तेजी से पतला होने के शार्टकट्स खोजने में लगा हुआ है। ऐसे में सबसे पहला तरीका जो दिमाग मे आता है, वह है मोटापे से निजात दिलाने वाली दवाओं का सेवन। लेकिन इसके बहुत गंभीर साइड इफैक्ट्स भी हो सकते हैं। हाल ही में अमेरिका में हुए एक अध्ययन में इस बात की पुष्टि हुई है। अध्ययन में बताया गया है कि तेजी से मोटापा घटाने में इस्तेमाल होने वाली वेगोवी और ओजेम्पिक जैसी दवाओं के लगातार सेवन के गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। इसमें पेट के लकवे जैसे रोग शामिल हैं।
दरअसल पेट के लकवा मारने पर वजन में तेजी से कमी आने लगती है। इसके साथ ही कुपोषण और अन्य जटिल रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। कई बार तो इसके इलाज के लिए सर्जरी तक का सहारा लेना पड़ सकता है। हालांकि अध्ययन में यह भी साफ किया गया है कि इन साइड इफैक्ट्स के होने की संभावना बहुत कम है।
भारत की बात करें तो ये दोनों ही दवाएँ कानूनी तौर पर यहाँ उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो ग्रे मार्केट के जरिए प्रीमियम पर इन दवाओं को उपलब्ध कराया जा रहा है। हाल ही में डेनमार्क की एक कंपनी नोवो नोरडिस्क ने डायबिटिज के लिए एक दवा को लाँच किया है। ‘रेबेल्सस’ नाम की इस दवा में ओजेम्पिक की कुछ मात्रा पायी गई है। डॅाक्टर्स का कहना है कि इस दवा का इस्तेमाल वजन घटाने के लिए भी किया जा रहा है। बता दें कि वेगोवी और ओजेम्पिक को पहले शुगर की दवा के रूप में ही अप्रूव किया गया था। लेकिन कुछ रिपोर्ट्स सामने आईं जिनमें दावा किया गया कि इनकी मदद से साल भर के अंदर ही 10-15% वजन घटाया जा सकता है। इसके बाद यूएस एफडीए ने मोटापे से ग्रसित लोगों के लिए भी इसके सीमित उपयोग की मंजूरी दे दी थी। कुछ ही दिनों में ये दवाएँ इतनी मशहूर हो गईं कि बड़े बड़े सेलिब्रिटी जैसे एलोन मस्क और ओपरा विनफ्रे तक इनका इस्तेमाल करते देखे गए।

सीएम ने ऋषिकेश पहुंचकर चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन कार्यालय का किया स्थलीय निरीक्षण, श्रद्धालुओं से लिया व्यवस्थाओं को फीडबैक

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देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को ऋषिकेश पहुंचकर चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन कार्यालय एवं श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं से बातचीत कर उनसे व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया।

मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को आवश्यक मूलभूत सुविधाओं समेत पेयजल, भोजन, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ बनाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाए गए विश्राम स्थल, स्वास्थ्य केन्द्र एवं यात्रा नियंत्रण कक्ष में सभी सुविधाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने एवं व्यवस्थित यात्रा के लिए आपसी सामंजस्य से कार्य करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से उत्तराखण्ड आने वाले श्रद्धालुओं की सुगमए सुरक्षित एवं सुविधाजनक चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। इस अवसर पर आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, आईजी के.एस. नगन्याल एवं जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।

 

तान्या सिंह के सिर सजा मिस उत्तराखंड़ का ताज, शिवांगी फर्स्ट तो वंशिका बनी सेकेंड रनरअपतान्या सिंह के सिर सजा मिस उत्तराखंड का ताज - Prabhat Chingari

देहरादून, सिनमिट कम्युनिकेशन्स की ओर से कमल ज्वेलर्स- ब्लेंडर्स प्राइड मिस उत्तराखंड-2024 के ग्रैंड फिनाले का आयोजन किया गया। इस मौके पर मॉडल्स ने अलग -अलग राउंड में कैटवॉक कर दर्शकों का दिल जीत लिया। इस मौके पर मिस उत्तराखंड 2024- तान्या सिंह, फर्स्ट रनरअप- शिवांगी रावत, सेकेंड रनरअप- वंशिका नेगी, थर्ड रनरअप- काव्या सती, फोर्थ रनरअप-कशिश गोयल बनी।

सिनमिट कम्युनिकेशन्स की ओर से रविवार को हयात सेंट्रिक में मिस उत्तराखंड-2024 का आयोजन किया गया। इस कांटेस्ट में 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कांटेस्ट में प्रतिभागियों ने आकर्षक ड्रेसेस पहनी हुई थी। इसमें तीन राउंड का आयोजन हुआ। पहले में मॉडल्स में वेस्टर्न ड्रेसेस जैसे कि लेंथ ड्रेसेज, कॉकटेल वाइब, मटेरियल- सैटिन/सिक्वेंस, अच्छी फिटिंग व डार्क येट येल्लो कलर पहनकर रैम्प वॉक की। छाप की ओर से दूसरे ट्रेडिशनल राउंड में टाई, साड़ी व ट्रेडिशनल गहने पहने हुए मॉडल्स ने कैट वॉक की।
तीसरे राउंड में एनआईएफडी की ओर से डिजाइन किए गए गाउन व मैचिंग गहने पहनकर मॉडल्स ने रैम्प वॉक कर अपना जलवा बिखेरा । साथ ही उन्होंने जजेज के सवालों के जवाब भी दिए। इस मौके पर देहरादून सहित हल्द्वानी, हरिद्वार, ऋषिकेश, पौड़ी और रुड़की की प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर सिनमिट कम्युनिकेशन्स के डायरेक्टर और आयोजक दलीप सिंधी और राजीव मित्तल ने बताया कि प्रतिभागियों की लगातार ग्रूमिंग के बाद ग्रैंड फिनाले आयोजित हुआ। बताया कि कांटेस्ट कमल ज्वैलर्स और ब्लेंडर्स प्राइड की ओर से प्रेजेंट किया गया।आयोजकों ने बताया कि हयात सेंट्रिक, न्यू इरा फ़ोटो स्टूडियो और इंस्पिरेशन पीआर की ओर से इवेंट में विशेष सहयोग मिला। कांटेस्ट की पूरी कोरियोग्राफी जेश पुष्कर सोनी और स्टाइलिंग अदिति की ओर से गई। इस मौके पर जजेस की भूमिका में मॉडल एवं बॉलीवुड एक्टर- प्रियंका कंडवाल, विनर ऑफ नेशनल ब्यूटी पेजेंट मिसिज़ इंडिया वन इन अ मिलियन 2021 एंड सब टाइटल होल्डर ऑफ मिसिज़ बोल्ड एंड ब्यूटीफुल- चांदनी देवगन, मिस उत्तराखंड-2017 एंड मिस दिवा यूनिवर्स फाइनलिस्ट् 2019- शिवांगी शर्मा, कॉउंसिलिंग साइकोलॉजिस्ट- ऐनी सिंह, सीईओ ऑफ मिस एशिऐटिक पेजेन्ट्- अशोक गुलाबानी, और एशियन स्कूल की प्रिंसिपल- रुचि प्रधान दत्ता, मिस उत्तराखंड-2022 ऐश्वर्या बिष्ट, मिस उत्तराखंड-2022 फर्स्ट रनर अप हिमानी रावत, मिस उत्तराखंड-2022 सेकंड रनर अप मान्सी ग्रेवाल, मिस उत्तराखंड-2022 थर्ड रनर अप- राजश्री डोभाल, मिस उत्तराखंड-2022 फोर्थ रनर अप- खुशी कुठाल, और रेडियो जॉकी- अखिल जोशी रहे ।

राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड पर बार एसोसिएशन का बड़ा फैसला, आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा कोई वकील

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राजकोट, गुजरात में एक गेमिंग जोन में भीषण आग लगने से 28 लोगों की मौत के बाद घोर लापरवाही के लिए पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। दो पुलिस निरीक्षकों और तीन नागरिक अधिकारियों को आवश्यक अप्रूवल के बिना इस खेल क्षेत्र को संचालित करने की अनुमति देने में घोर लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है। वहीं अब खबर है कि राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड के आरोपियों का केस कोई वकील नहीं लड़ेगा। बार एसोसिएशन की तरफ से ये फैसला लिया गया है।

गेमिंग जोन में गंभीर खामियां सामने आईं :

25 मई शाम की त्रासदी से गुजरात के राजकोट में टीआरपी कहे जाने वाले गेमिंग जोन में गंभीर खामियां सामने आईं। ऐसा पता चला है कि मनोरंजन केंद्र अग्नि निकासी के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिना चल रहा था और उसके पास केवल एक निकास द्वार था।आशंका है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी होगी, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि सही कारण जांच के बाद ही पता चलेगा। सरकार की यह बड़ी कार्रवाई मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल द्वारा घटनास्थल का दौरा करने और अधिकारियों को भयावह घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देने के एक दिन बाद आई है। निलंबित किए गए लोगों में राजकोट नगर निगम के टाउन प्लानिंग विभाग के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, सहायक टाउन प्लानर आरएमसी गौतम जोशी, राजकोट सड़क और भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एमआर सुमा और पुलिस निरीक्षक वीआर पटेल और एनआई राठौड़ शामिल हैं।

‘गेम जोन’ में आग लगने से 27 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने इसके छह साझेदारों और एक अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘गेम जोन’ में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्टया ‘‘मानव निर्मित आपदा’’ बताया। पीठ ने कहा कि ‘गेम जोन’ में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री को रखा गया था। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि अग्निकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। राजकोट की मेयर नयना पेधड़िया ने पहले फायर एनओसी न होने की पुष्टि की थी। सुश्री पेधदिया ने कहा कि हम जांच करेंगे कि इतना बड़ा गेम जोन बिना फायर एनओसी के कैसे काम कर रहा था और हम इसके परिणाम देख रहे हैं। इस मुद्दे पर किसी भी राजनीति की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बैंकर्स प्रीमियर लीग का चैम्पियन बना एसबीआई, फाइनल में कैनरा बैंक को तीन विकेट से हराया

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“कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने मुख्य अतिथि के रूप पुरस्कार वितरण कर समारोह का किया समापन”

देहरादून, दून में बैंकर्स क्रिकेट प्रीमियर लीग का समापन हो गया, इस प्रीमियर लीग में 8 राष्ट्रीय बैंको की क्रिकेट टीमों एसबीआई, आईसीआईसीआई, केनरा बैंक, बैंक आफ इंडिया, उत्तरांचल ग्रामीण बैंक, युनियन बैंक आफ इंडिया, एचडीएफसी व बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने प्रतिभाग किया। 11 मई से आरंभ हुये लीग राउंड के बाद अंततः दो टीम द मौंक एसबीआई व केन11ने फाइनल में प्रवेश किया।
बीपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने मुख्य अतिथि के रूप में भागीदारी कर खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन किया और उनको “पुरस्कार वितरण कर समारोह का समापन” किया।
बीपीएल के मुख्य अतिथि उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता अभिनव थापर ने कहा कि खेल जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और क्रिकेट या अन्य किसी भी खेल से युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित होती है और इससे समाज में युवाओं के लिए प्रोत्साहन होता है और आगे भविष्य बनाने की भी संभावना उपलब्ध होती है।
दून में बैंकर्स प्रीमियर लीग प्री क्रिकेट टूर्नामेंट में फाइनल मैच अपने आर्यन छेत्री ग्राउंड में द मौंक एसबीआई और केनरा11 के बीच खेला गया। टूर्नामेंट का ऑनलाइन लाईव प्रसारण व स्कोर बोर्ड की व्यवस्था की गयी। इस टूर्नामेंट के फाइनल में एसबीआई ने केनरा11 को रोमांचक मुकाबले में 3 विकेट से परस्त किया। मैन ऑफ़ द मैच रोहित उपाध्याय ने 73 रन बनाये, राहुल उनियाल को सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज और मुकेश राठौड़ को मैन ऑफ़ द सीरीज का पुरस्कार मिला।
समापन कार्यक्रम में अतिथियों के रूप में अभिनव थापर, डॉ. नितेंद्र डंगवाल, पंकज असवाल, नमन अरोड़ा, अविनाश भट्ट, इरफान जैदी, जितेन्द्र यादव, विजेंद्र सिंह कालूड़ा, प्रवीण शर्मा आदि ने भाग लिया। बैंक प्रीमियर लीग की ओर से आयोजन समिति के अध्यक्ष जसवीर सिंह चौहान (एजीएम एसबीआई ) ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।

साइबरी ठगी का नया तरीका डिजिटल अरेस्ट

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देहरादून(आरएनएस)।  साइबरी ठगी का नया तरीका डिजिटल अरेस्ट सामने आया है। इसमें साइबर ठग हूबहू थाने या कोतवाली की तरह दिखने वाला सेटअप तैयार कर रहे हैं। ठग भी बकायदा थानाध्यक्ष या कोतवाल जैसी ड्रेस में रहता है। इसके बाद वह लोगों को वीडियो काल कर धमकाकर उनसे ठगी कर रहे हैं।  इसमें पीड़ित पुलिस की वर्दी देख और वहां का माहौल देख यह विश्वास कर लेता है कि उसे जो वीडियो काल आई है वह किसी थाने से ही है। जब पीड़ित के बैंक खाते से रकम निकाल ली जाती है तो तब उसे ठगी का एहसास होता है। देहरादून स्थित साइबर थाने के पास डिजिटल अरेस्ट कर खाते साफ करने के चार मामले सामने आ चुके हैं। यह गिरोह कनाडा से संचालित हो रहा है।
कनाडा में ठगों को ट्रांसफर की जाती है रकम
भारत में गिरोह ने केवल बैंक खाते खोलने के लिए कुछ युवकों को अपने साथ शामिल किया है। इन खातों में ठगी का रकम डाली जाती है और इसके बाद यह रकम कनाडा में ठगों को ट्रांसफर की जाती है। इन ठगों से निपटना पुलिस के लिए भी चुनौती बना हुआ है। हाल ही में ही एक कारोबारी से एक करोड़ 13 लाख रुपये की ठगी करने वाले तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एम्स ऋषिकेश में तैनात चिकित्सक से भी डिजिटल अरेस्ट कर 23 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। घटनाक्रम के मुताबिक चिकित्सक को एक व्यक्ति का फोन आया। यह काल उन्हें इंटरनेशनल कुरियर कंपनी के कर्मचारी के नाम से की गई। चिकित्सक को बताया कि उनके नाम से 58 एटीएम कार्ड, 16 पासपोर्ट व नशे से भरा पार्सल दिल्ली से मलेशिया भेजा जा रहा है।  चिकित्सक ने जब इस तरह के किसी भी भी पार्सल की जानकारी न होाने की बात कही। इसके बाद ठगों ने चिकित्सक को वीडियो काल किया, जिसने खुद को पुलिस अफसर बताया। जहां वह बैठा था उसके पीछे का दृश्य भी किसी पुलिस स्टेशन का लग रहा था। ठग ने पुलिस अफसर बनकर वीडियो काल पर चिकित्सक को धमकाकर 23 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवाए।
सतर्कता व सावधानी से ही हो सकता है बचाव
– इस तरह की फोन काल से आपको सावधान रहने की जरूरत है।
– इसके साथ ही आनलाइन स्कैम और धोखाधड़ी के तरीकों की जानकारी आपको होनी चाहिए।
– आपको यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि सरकार, बैंक या फिर कोई भी जांच एजेंसी काल पर आपको धमका नहीं सकती है।
– आप काल काट कर संबंधित के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
पहचान जरूर करें
– किसी को भी काल पर पर्सनल या फाइनेंशियल जैसी जानकारी बिल्कुल भी साझा न करें।
– अगर इस तरह की जानकारी आपको भेजनी भी पड़ी तो पहले काल करने वाले की पहचान जरूर कर लें।
– बैंक या कोई आफिशियल संस्था आपसे फोन पर पिन या आपसे जुड़ी निजी जानकारी नहीं पूछती है।
संदिग्ध गतिविधियां प्रतीत होने पर करें शिकायत
– अगर आपको किसी भी तरह से स्कैमर्स की काल या मैसेज आते हैं तो इन्हें रिपोर्ट करें।
– इसके साथ ही बैंक एकाउंट में कुछ भी संदिग्ध अगर आपको लगता हैं तो पुलिस से शिकायत करें।

डिजिटल अरेस्ट के कुछ मामले सामने आ चुके हैं। इनकी जांच की जा रही है। आमजन से अपील है कि साइबर ठगों के बहकावे में न आएं। किसी के खाते में बिना जांचें रकम न डालें। मामला संदिग्ध लग रहा है तो फोन काल काटकर पुलिस से शिकायत करें।-  – आयुष अग्रवाल, एसएसपी, एसटीएफ

लिव इन रिलेशनशिप के लिए हैं ये नियम , पालन न करने पर  हो सकती है जेल

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देहरादून(आरएनएस)।   समान नागरिक संहिता कानून लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। 13 मार्च 2024 बुधवार को राष्ट्रपति ने नागरिक संहिता विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस कानून में लिव इन रिलेशनशिप के लिए भी कई नियम बनाए गए हैं। जिनका पालन न करने पर जेल हो सकती है और जुर्माना देना पड़ सकता है।
लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य
– समान नागरिक संहिता कानून का तीसरा खंड सहवासी (लिव इन रिलेशनशिप) पर केंद्रित किया गया है।
– इसमें लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
– यह स्पष्ट किया गया है कि इस अवधि में पैदा होने वाला बच्चा वैध संतान माना जाएगा। उसे वह सभी अधिकार प्राप्त होंगे, जो वैध संतान को प्राप्त होते हैं।
– इसमें निषेध डिग्री के भीतर वर्णित संबंधों को लिव इन में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
– यह उन पर लागू नहीं होगा, जिनकी रूढ़ी और प्रथा ऐसे संबंधों में उनके विवाह की अनुमति देते हों। यद्यपि ऐसी रूढ़ी और प्रथा लोकनीति और नैतिकता के विपरीत नहीं होनी चाहिए।
– युगल में से किसी एक पक्ष के नाबालिग होने अथवा विवाहित होने की स्थिति में लिव इन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
– लिव इन संबंध कोई भी पक्ष समाप्त कर सकता है। यद्यपि, इस स्थिति में उसे संबंधित क्षेत्र के निबंधक को जानकारी उपलब्ध करानी होगी। साथ ही दूसरे सहवासी को भी इसकी जानकारी देनी होगी।
– राज्य के भीतर लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले चाहे उत्तराखंड के निवासी हों अथवा नहीं, उन्हें निबंधक के पास अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा।
– पंजीकरण के बाद निबंधक सबंधित युगल को इसका प्रमाणपत्र जारी करेगा। इसके आधार पर संबंधित युगल किराये पर घर, हास्टल अथवा पीजी में रह सकेगा।
– लिव इन में रहने वालों में से यदि किसी एक की उम्र 21 वर्ष से कम होने पर इसकी सूचना उसके माता-पिता एवं अभिभावकों को निबंधक द्वारा दी जाएगी।
– यही नहीं, यदि कोई युगल संबंध विच्छेद करता है तो इसका भी उसे पंजीकरण कराना होगा।

सजा व जुर्माना, दोनों का प्रविधान
–  लिव इन में पंजीकरण न कराने पर अधिकतम तीन माह का कारावास और 10 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान है।
–  वहीं गलत जानकारी देने अथवा नोटिस देने के बाद भी जानकारी न देने पर अधिकतम छह माह के कारावास अथवा अधिकतम 25 हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं।
–   यदि कोई पुरुष महिला सहवासी को छोड़ता है तो महिला सहवासी उससे भरण पोषण की मांग कर सकती है।
–   विधेयक में लिव इन के लिए अलग से नियम बनाने के लिए राज्य सरकार को अधिकृत किया गया है।

6 फरवरी को सीएम धामी ने पेश किया था विधेयक
बता दें कि 6 फरवरी 2024 को विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड-2024 विधेयक पेश कर दिया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सदन में पेश किए गए विधेयक में 392 धाराएं थीं, जिनमें से केवल उत्तराधिकार से संबंधित धाराओं की संख्या 328 थी।

महिला अधिकारों पर केंद्रित था विधेयक
विधेयक में मुख्य रूप से महिला अधिकारों के संरक्षण को केंद्र में रखा गया है। कुल 192 पृष्ठों के विधेयक को चार खंडों विवाह और विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार, सहवासी संबंध (लिव इन रिलेशनशिप) और विविध में विभाजित किया गया है।