Monday, June 16, 2025
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उपनल कर्मियों के हक पर डाका डालने को प्राइवेट वकीलों पर लुटाया सरकारी खजाना : जन संघर्ष मोर्चा

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# सुप्रीम कोर्ट में पैरवी पर लुटा दिया 2 करोड रुपया

# 20-20 लाख रुपया एक सुनवाई पर लुटाया

# पूर्ववर्ती सरकारों ने भी लुटाए करोडों रुपए

# हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकीलों की फौज किस वास्ते

विकासनगर(दे.दून), जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा उपनल कर्मियों के नियमितीकरण एवं महंगाई भत्ते आदि दिए जाने के मामले में सरकार को इनका हक दिए जाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन सरकार ने उक्त आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की, जिसमें प्राइवेट वकीलों की फौज खड़ी की गई।
हैरानी की बात यह है कि उपनल कर्मियों की राह में रोड़ा अटकाने को सरकार ने एक करोड रुपए अधिवक्ता मुकुल रोहतगी को भुगतान किया, जिसमें एक सुनवाई पर 20 लाख रुपए खर्च किए गए तथा प्राइवेट अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी को लगभग 35 लख रुपए भुगतान किया गया। ये आंकड़े जुलाई 2023 तक के हैं तथा इसके अतिरिक्त और भी अन्य खर्च किए गए हैं। सरकारी वकीलों को भी निर्धारित फीस व सुप्रीम कोर्ट आने-जाने का खर्चा चुकाया गया।
नेगी ने कहा कि जब प्राइवेट वकीलों से ही पैरवी करवानी है तो सरकारी वकीलों पर करोड़ों रुपए क्यों खर्च किया जा रहा।
नेगी ने कहा कि गरीब व मेहनतकश कर्मियों को उनके हक से वंचित रखकर सरकार ने कर्मचारी विरोधी होने का संदेश दिया। सरकार की मंशा ठीक होती तो बीच का रास्ता निकाला जा सकता था, लेकिन मकसद सिर्फ रोडा अटकना है।
नेगी ने कहा कि अगर अन्य मामलों में भी पैरवी की बात की जाए तो वर्तमान व पूर्ववर्ती सरकारों ने अब तक करोड़ों रूपया पानी की तरह बहा दिया। नेगी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब सरकार ही लाखों-करोड़ों रुपए पैरवी में खर्च कर रही तो आम जन की क्या वबसात है। पत्रकार वार्ता में अशोक चंडोक व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे।

 

 

उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन का पांच दिवसीय धरना प्रदर्शन जारी

‘कोर्ट में जल संस्थान द्वारा दायर अपील खारिज होने पर हर्ष की लहर’

देहरादून, उत्तराखंड जल संस्थान मुख्यालय में उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन द्वारा आयोजित पांच दिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम जारी रहा, जिसमें जल निगम जल संस्थान के कर्मचारियों द्वारा भारी संख्या में प्रतिभा किया गया। साथ ही हर्ष के साथ यह भी सूचित करना है कि वर्ष 1996 से सहत वेतनमान प्राप्त कर रहै कर्मचारियों को विभाग द्वारा 2003 में विनियमित किए गए कर्मचारियों द्वारा उच्च न्यायालय में वाद दायर किया गया था जिसके क्रम में उच्च न्यायालय द्वारा 11 जून 2024 को कर्मचारियों को वर्ष 1996 से सेवा की गणना करते हुए सेवा लाभ प्रदान करने हेतु आदेश पारित किए गए हैं। सेवालाभ हेतु हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों से कर्मचारियों में अत्यधिक हर्ष एवं खुशी की लहर है। जिससे लगभग 350 कर्मचारी पेंशनर लाभान्वित होंगे।
मुख्य न्यायाधीश श्रीमती रितु बाहरी एवं आलोक कुमार की अदालत में कर्मचारियों के पक्ष में दिया गया लंबे समय से उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संजय जोशी, प्रदेश महामंत्री रमेश बिंजोला मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह नेगी, मंडल महामंत्री शिशुपाल रावत, मीडिया प्रभारी संदीप मल्होत्रा आदि कर्मचारी नेता लगातार हाई कोर्ट में तैयारी कर रहे थे जिसके फलस्वरुप मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए निर्णय कर्मचारियों के पक्ष में दे दिया गया जिससे समस्त कर्मचारी हर्ष की लहर फैल गई और सभा में सभी कर्मचारियों ने उक्त सभी पदाधिकारी का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन समय-समय पर कर्मचारियों की समस्याओं के लिए सदा प्रयास रत रहता है और उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन ही ऐसा संगठन है जो कर्मचारी की समस्याओं पर लगातार प्रयासरत रहता है।

 

गैरसैण में होगी मूल निवास स्वाभिमान महारैली : चारधाम यात्रा से जुड़े मूल निवासियों का रोजगार ठप

“रजिस्ट्रेशन की बाध्यता हो खत्म, सरकार करे बेहतर इंतजामात”

 

देहरादून, मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति गैरसैण में प्रस्तावित मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन की तैयारी में जुट गई है। समिति इसी हफ्ते गैरसैण में एक अहम बैठक करने जा रही है। इसके साथ ही समिति ने चारधाम यात्रा में हो रही अव्यवस्थाओं के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
दून स्थित शहीद स्मारक में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि आचार संहिता में अनुमति न मिलने के कारण मूल निवास स्वाभिमान महारैली स्थगित करनी पड़ी। अब गैरसैण में महारैली होनी है। जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रदेश भर से गैरसैण में भी हजारों-हजार लोग इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने चारधाम यात्रा में हो रही अव्यवस्था के लिए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन न होने से मूल निवासियों का रोजगार बुरी तरह प्रभावित हो गया है। उन्होंने रजिस्ट्रेशन की सभी तरह की बाध्यता खत्म करने की मांग की है। साथ ही कहा कि सरकार को यात्रा प्रबंधन के लिए बेहतर इंतजामात करने चाहिए। यात्रियों को नहीं रोका जाना चाहिए। इनसे सभी तरह के व्यवसायियों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। समिति यात्रा से प्रभावित हो रहे व्यवसायियों से मुलाकात करेगी। हरिद्वार और ऋषिकेश में रजिस्ट्रेशन के नाम पर यात्रियों से पैसा वसूलने की शिकायतें मिल रही हैं। हेलीकॉप्टर टिकट की ऑनलाइन बुकिंग नहीं हो रही। लेकिन टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग जारी है।
सह संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि मास्टर प्लान के नाम पर बद्रीनाथ में मूल निवासियों की अनुमति के बिना भवन-दुकानें तोड़ी गई। लेकिन अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया और ना ही उनके पुनर्वास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान के दायरे से बाहर के भवन भी तोड़ने की तैयारी चल रही है। मूल निवासियों को बेघर करने की सरकार की मंशा स्पष्ट दिखाई दे रही है।

समिति के कोर मेंबर प्रांजल नौडियाल ने कहा कि केदारनाथ में विकलांगों और बीमार लोगों की सुविधा के नाम पर थार पहुँचाई गई है। लेकिन यहां वीआईपी लोगों की सुविधा के लिए थार का उपयोग हो रहा है। थार से बेहतर यहां एम्बुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए थी।

समिति के सदस्य प्रमोद काला, मीनाक्षी घिल्डियाल, देवचंद उत्तराखंडी, अनिल डोभाल, विपिन नेगी, योगेंद्र रावत, प्रभात डंडरियाल, अंशुल भट्ट ने कहा कि आज अपने ही राज्य में मूल निवासी हाशिये पर हैं। सभी तरह के संसाधन मूल निवासियों के हाथ से निकलते जा रहे हैं। अब यात्रा से जुड़े मूल निवासियों का रोजगार भी प्रभावित हो गया है। यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है।

17वीं राष्ट्रीय बालसाहित्य संगोष्ठी : देश के विभिन्न राज्यों के 132 साहित्यकारों ने किया प्रतिभाग

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अल्मोड़ा, अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी/बालसाहित्य संस्थान तथा मानिला मंदिर प्रबंधन ट्रस्ट मानिला के संयुक्त तत्वावधान में गीता भवन देवी धाम मानिला में बालसाहित्य और बाल संस्कार’ विषय पर 8, 9 तथा 10 जून को आयोजित 17वीं राष्ट्रीय बालसाहित्य संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों के 132 साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया। संगोष्ठी का उद्घाटन बच्चों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन समारोह में बाल कवि सम्मेलन में 13 बाल कवियों ने मानिला, फूल, बादल, गरमी, कुल्फी आदि विषयों पर स्वरचित कविताओं का पाठ किया।
‘बालसाहित्य और बाल संस्कार’, ‘बालसाहित्य और बच्चे’ तथा ‘बालसाहित्य और आनलाइन गतिविधियां’ विषय पर आयोजित सत्रों में हिदीं अकादमी दिल्ली के पूर्व सचिव डा0 हरिसुमन बिष्ट (दिल्ली), राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय रामनगर के प्रधानाचार्य एवं बालसाहित्यकार प्रो0 मोहनचंद्र पांडे, प्रो0 रूद्र पौड़ियाल (सिक्किम), डा0 चेतना उपाध्याय (अजमेर), कुमुद वर्मा (अहमदाबाद), डा0 रामदुलार सिंह पराया (मिर्जापुर), डा0 राजनारायण बोहरे (दतिया), रमेशचंद्र दास (पुरी, उड़ीसा), रमेशचंद्र पंत (द्वाराहाट, अल्मोड़ा), डा0 महावीर रवांल्टा (पुरोला, उत्तरकाशी), इंजी0 आशा शर्मा (बीकानेर), डा0 राकेश चक्र (मुरादाबाद), बच्चों की पत्रिका ‘प्यारी बगिया के संपादक लखन प्रतापगढ़ी, कहानीकार सुधा जुगरान (देहरादून), पूर्व शिक्षाधिकारी दयाराम मौर्य (प्रतापगढ़) पूर्व चुनाव आयुक्त केएन शर्मा (सिक्किम), डा0 सतीशचंद्र भगत (दरभंगा, बिहार), डा0 रमेश आनंद (आगरा), प्रमोद दीक्षित (बांदा), डा0 इंदु गुप्ता (फरीदाबाद), अनिल सक्सेना चौधरी (जयपुर), रेखा लोढ़ा (भीलवाड़ा, राजस्थान), डा0 अशोक कुमार गुलशन (बहराइच), डा0 लता अग्रवाल ‘तुला’ (भोपालद्ध, डा0 गीता नौटियाल (रूद्रप्रयाग), मीना सुब्बा (गांतोक), चारू तिवारी (दिल्ली), रफीक नागौरी (उज्जैन), सुभाषचंद्र (गाजियाबाद), पीसी तिवारी (अल्मोड़ा), डा0 कृष्णा कुमारी (कोटा, राजस्थान), बिरंचीनारायण दास (बालंगीर, उड़ीसा), डा0 अमितकुमार (पीलीभीत), रावेंद्रकुमार रवि (खटीमा), कविता मुकेश (बीकानेर), सुधीर सिंह (दिल्ली) सहित देश के विभिन्न राज्यों से आए बालसाहित्यकारों ने अपने विचार प्रकट किए।
वक्ताओं ने कहा कि मोबाइल व इंटरनेट के दौर में पठन-पाठन की संस्कृति का हा्रास हुआ है। इसके लिए केवल बच्चों को ही दोष दिया जाना सही नहीं है। बतौर साहित्यकार, शिक्षक तथा अभिभावक यदि हम बड़े लोग बालसाहित्य या बाल पत्रिकाएं नहीं खरीदेंगे तो बच्चे कहां से पढ़ेंगें। कहा गया कि हम बच्चों में संस्कार की बात करते हैं। स्वयं बच्चों से कहते हैं कि कह दो ‘पापा घर पर नहीं हैं।’। हम बड़ों को दोगला चरित्र जीने के बजाय स्वयं अपने अंदर संस्कार जाग्रत करने होंगे। कहा गया कि बच्चों के लिए बच्चा बनकर लिखे जाने की जरूरत है। यह भी कहा गया कि आज बच्चे हम बड़े लोगों को मोबाइल व दूसरे उपकरणों का ज्ञान करा रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि अलग-अलग कामों के लिए घर में धारदार चाकू अनिवार्य है। बच्चे को चाकू के नुकसान बताए जाने की जरूरत है। उसी प्रकार मोबाइल आज के दौर में अनिवार्य हो गया है। जरूरत है कि बच्चे उसका दुरूपयोग न करें। कहा गया कि आज के दौर में ऐसा बालसाहित्य लिखा जाए जो मनोरंजक होने के साथ ही बच्चों को सामाजिक सरोकारों तथा मानवीय मूल्यों से जोड़े।
कहानी वाचन सत्र में बीकानेर की इंजी. आशा शर्मा द्वारा प्रस्तुत कहानी को सुनकर बच्चों ने कहानी की समीक्षा अपने अंदाज में की। बाल कविता वाचन सत्रा में अजीत सिंह (कानपुर), मोतीप्रसाद साहू (वाराणसी), नीरज पंत (अल्मोड़ा), डा0 जगदीशचंद्र पंत ‘कुमुद’ (ऊधमसिंहनगर), प्रकाशचंद्र पांडे (हरिद्वार) द्वारा प्रस्तुत बाल कविताओं की समीक्षा बच्चों ने बेबाक ढंग से प्रस्तुत की। 8 तथा 9 जून को दो चरणों में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में 79 कवि/कवयित्रियों ने बाल कविताएं पढ़ी।
राष्ट्रीय बालसाहित्य संगोष्ठी में आजादी से पूर्व प्रकाशित बाल पत्रिका ‘बाल सखा’, ‘बाल बोध’, तथा ‘बालक’ जैसी दुर्लभ ‘नदंन’, ‘पराग’, बाल पत्रिकाओं के साथ ही बालवाटिका, बाल भारती, बाल वाणी, बच्चों का देश, बच्चों की प्यारी बगिया, कोंपल, चकमक, बाल दर्पण, बाल किलकारी, पाठक मंच बुलेटिन, बाल प्रभा सहित 88 बाल पत्रिकाओं की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। प्रदर्शनी में बालप्रहरी की कार्यशाला में बच्चों द्वारा तैयार हस्तलिखित पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। बच्चों द्वारा तैयार दीवार पत्रिका मानिला दर्पण, बाल संसार तथा बाल दर्पण भी काफी सराहा गया।
बालसाहित्य में उल्लेखनीय कार्य करने वाले देश के विभिन्न राज्यों के 21 बालसाहित्यकारों को जन सहयोग से पत्रम पुष्पम, अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। संगोष्ठी के प्रारंभ में बालप्रहरी के संपादक तथा बालसाहित्य संस्थान के सचिव उदय किरौला ने सभी का स्वागत किया। 3 दिवसीय संगोष्ठी के अंत में मानिला मंदिर प्रबंधन ट्रस्ट के अध्यक्ष नंदन सिंह मनराल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
संगोष्ठी के प्रत्येक सत्र में भारत ज्ञान विज्ञान समिति द्वारा जन गीत व हुड़के की थाप पर गाए लोकगीतों ने माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। विभिन्न सत्रों का संचालन नीरज पंत, कृपालसिंह शीला, रेखा लोढ़ा, प्रकाश जोशी, डा0 खेमकरन सोमन, पवन कुमार, प्रमोद तिवारी ने किया।
एडवोकेट जीएस चौहान, केएस बंगारी, भैरवदत्त पांडे, कृपालसिंह बिष्ट, दयाराम नैलवाल तथा केएस बंगारी के सौजन्य से सभी साहित्यकारों को कुमाउंनी अल्पना पर आधारित सरस्वती पीठ/चौकी भेंट की गई। अलग-अलग सत्रों में 22 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।
संगोष्ठी से पूर्व आदर्श राजकीय इंटर कालेज मानिला में खंड शिक्षा अधिकारी हरेंद्र शाह व प्रधानाचार्य डा0 रवींद्र सत्यबली के संरक्षण व पवन कुमार (स्वयं) की देखरेख में 3 से 7 जून तक आयोजित बाल लेखन कार्यशाला में 46 बच्चों को कविता कहानी, निबंध, यात्रा वृतांत, जीवन की घटना, पत्र लेखन आदि विधाओं की जानकारी दी गई। कार्यशाला में बच्चों ने अपनी हस्तलिखित पुस्तक तैयार की। बाल कवि सम्मेलन की तैयारी की। राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी में चयनित 13 बच्चों ने भी सहभागिता की।

24 जून से शुरू होगा 18वीं लोकसभा का पहला सत्र, दोनों सदनों में पीएम मोदी का भी होगा संबोधन

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नई दिल्ली  (आरएनएस)। लोकसभा के नए चुने गए सांसदों के शपथ ग्रहण के लिए 18 वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने जा रहा है। वहीं राज्यसभा का सत्र 27 जून से शुरू होगा। दोनों सदनों की कार्यवाही 3 जुलाई तक चलेगी।
सत्र के दौरान, जहां लोकसभा में अपने सांसदों की संख्या बढऩे से उत्साहित विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश करते नजर आएंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान अपने तीसरे कार्यकाल के एजेंडे को संसद के जरिए देश की जनता के सामने रखने के साथ-साथ विरोधी दलों पर भी तीखा हमला बोलते नजर आएंगे।
सत्र के दौरान लोकसभा अपने स्पीकर का चुनाव भी करेगी। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को भी संबोधित करेंगी। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दोनों सदनों में अलग-अलग चर्चा भी होगी।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब भी देंगे।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद सत्र की तारीखों की घोषणा करते हुए एक्स पर पोस्ट कर बताया, नवनिर्वाचित सदस्यों की शपथ/पुष्टि, अध्यक्ष के चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण और उस पर चर्चा के लिए 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक बुलाया जा रहा है। राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून को शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा।
आपको बता दें कि 18 वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने के पहले दो दिन यानी 24 और 25 जून को लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसद संसद सदस्यता की शपथ लेंगे। सांसदों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के संपन्न हो जाने के बाद सदन को नए अध्यक्ष का भी चयन करना पड़ेगा।
स्थापित परंपरा के अनुसार, सरकार की तरफ से लोकसभा के अध्यक्ष के पद के लिए सांसदों में से ही एक सांसद का नाम प्रस्तावित किया जाएगा। अगर विपक्ष, सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष के चयन के सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है तो फिर चुनाव की नौबत नहीं आएगी। लेकिन अगर विपक्ष अपनी तरफ से भी उम्मीदवार खड़ा करता है तो फिर 26 जून को लोकसभा के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए सदन में वोटिंग हो सकती है।
दोनों ही सूरतों में लोकसभा के नए अध्यक्ष 26 जून को अपना कार्यभार संभाल लेंगे। 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर सकती हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के एजेंडे को जनता के सामने रखेगी।
परंपरा के मुताबिक, नई सरकार के गठन होने के कारण, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कैबिनेट के मंत्रियों का परिचय भी सदन से करवाएंगे। सत्र के बाकी बचे हुए दिनों के दौरान, दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद अपनी-अपनी बात रखेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा और राज्यसभा में अलग-अलग हुई इस चर्चा का जवाब देंगे।

सीतारमण ने वित्त मंत्री के रूप में संभाला कार्यभार, पहली चुनौती पूर्ण बजट

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नई दिल्ली, (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्रालयों का बंटवारा हो चुका है। निर्मला सीतारमण को एक बार फिर से वित्त मंत्रालय दिया गया है। बुधवार को दिल्ली के साउथ ब्लॉक में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के रूप में उन्होंने कार्यभार संभाल लिया।
कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कुछ फाइलों पर हस्ताक्षर किए।
सीतारमण के साथ पंकज चौधरी भी थे, जिन्होंने मंत्रालय में राज्य मंत्री (एमओएस) के रूप में कार्यभार संभाला है।
निर्मला सीतारमण 2014 और 2019 के मोदी मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद पीएम मोदी ने निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय का जिम्मा सौंपा था। उससे पहले उनके पास रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्मला सीतारमण को दोबारा वित्त मंत्रालय देकर सरकार की आर्थिक नीति में निरंतरता का स्पष्ट संदेश दिया है।
सीतारमण की वापसी एक सफल ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर हुई है, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की। यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज है और मुद्रास्फीति 5 प्रतिशत से नीचे आ गई है।
वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, राजकोषीय घाटा भी 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद के 9 प्रतिशत से कम होकर 2024-25 के लिए 5.1 प्रतिशत के लक्षित स्तर पर आ गया है।
निर्मला सीतारमण के सामने अब चुनौती बजट पेश करने की है। लोकसभा चुनाव के चलते इस साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश हुआ था। अब जुलाई में पूर्ण बजट आने वाला है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि अर्थव्यवस्था उच्च विकास पथ पर बनी रहे और अधिक रोजगार सृजित हो। उद्योग जगत समेत हर किसी को बजट से काफी उम्मीदें हैं।
2014 में, उन्होंने वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री और बाद में स्वतंत्र प्रभार के साथ वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में काम किया। वह 2017 में रक्षा मंत्री बनीं।
2019 में, सीतारमण ने केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
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कृषि सहायक अधिकारियों को मिले नियुक्ति पत्र

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देहरादून (आरएनएस)। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने 31 कृषि सहायक अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिए। कृषि मंत्री आवास में हुए कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने अभी तक छह हजार से अधिक युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है। हाथी बड़कला आवास में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में लोक सेवा आयोग के माध्यम से कृषि विभाग के अंतर्गत सहायक कृषि सहायक अधिकारी वर्ग एक के पद पर चयनित 31 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि जो भी कार्य करें, उसे पूरी ईमानदारी और लगन से किया जाए। पूरी कोशिश की जाए कि जो काम आज होना है उसे आज ही सम्पन्न करें। उन्हें सभी नवनियुक्त कार्मिकों से उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ और नम्बर एक राज्य बनाने में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने की अपेक्षा की।  कहा कि सरकार ने चुनाव से पहले करीब छह हजार से अधिक लोगों को विभिन्न विभागों में नियुक्ति दी है। अब नियुक्ति देने का ये क्रम अभी भी जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने को सरकार संकल्पबद्ध है। इस अवसर पर विधायक महेश जीना, सचिव कृषि विनोद सुमन, कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, कृषि निदेशक केसी पाठक, उद्यान निदेशक दीप्ति सिंह आदि मौजूद रहे।

यात्रा प्राधिकरण के पास रहेगी प्रदेश की सभी यात्राओं के संचालन की जिम्मेदारी : सीएम धामी

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– कोटद्वार से भी चार धाम यात्रा संचालन की तलाशी जाएं संभावनाएं

देहरादून(आरएनएस)।  सीएम आवास पर बुधवार को हुई बैठक में सीएम ने यमुनोत्री धाम की धारण क्षमता बढ़ाने को कार्ययोजना तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। यात्रा प्राधिकरण को लेकर फिर साफ किया कि प्राधिकरण के पास प्रदेश की सभी यात्राओं के संचालन की जिम्मेदारी रहेगी। चार धाम यात्रा समेत पर्यटन विभाग की समीक्षा करते हुए सीएम धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा अभी मुख्य रूप से ऋषिकेश से संचालित होती है। यहां पर बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुंचने के चलते जाम की समस्या भी बढ़ी है। ऐसे में चारधाम यात्रा का संचालन किस तरह से कोटद्वार से किया जा सकता है, इसकी भी संभावनाएं तलाशी जाएं। अधिकारियों को चारधाम प्रबंधन यात्रा प्राधिकरण के गठन को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
कहा कि चारधाम यात्रा प्रबंधन प्राधिकरण का कार्यक्षेत्र सिर्फ चारधामों तक सीमित नहीं होगा। बल्कि प्रदेश में सभी प्रकार की यात्राओं के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी प्राधिकरण के पास रहेगी। प्राधिकरण गठन के पीछे मुख्य उद्देश्य यही है कि प्रदेश में बढ़ते धार्मिक, सामान्य पर्यटन के मद्देनजर राज्य के पास एक ऐसी संस्था हो, जो इन सभी जिम्मेदारियों, तैयारियों का सही से निर्वहन कर सके। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरगामी विजन के चलते आज प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
कहा कि यमुनोत्री धाम में लोगों की धारण क्षमता कैसे बढ़ाई जाए, इस पर भी कार्ययोजना जल्द तैयार की जाए। क्योंकि यात्रा सीजन में यह तथ्य प्रमुखता से उभरा है कि गंगोत्री, यमुनोत्री धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या में दोगुना तक वृद्धि हुई है। ऐसे में यमुनोत्री धाम में होटल, गेस्ट हाउस की सुविधा को कैसे बढ़ाया जाए, इस दिशा में भी ठोस काम किया जाए। कहा कि चारों धामों के विकास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रयासरत रहे हैं। श्री बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत कई काम किए जा रहे हैं। ऑल वेदर रोड के निर्माण से चार धामों की यात्रा अधिक सुगम और सुरक्षित हो गई है।
पौड़ी जिला मुख्यालय पर पर्यटन को दिया जाए बढ़ावा
सीएम धामी ने पौड़ी जिला मुख्यालय पर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। ताकि अधिक से अधिक लोग यहां पहुंच सकें। यह क्षेत्र भी सीधे पर्यटन से जुड़ सके। कहा कि केदारनाथ धाम, यमुनोत्री समेत हेमकुंड साहिब में रोपवे की टेंडर प्रक्रिया को भी जल्द पूरा किया जाए।
टिहरी झील की पर्यटन से जुड़ी टेंडर प्रक्रिया में लाई जाए तेजी
सीएम धामी ने कहा कि टिहरी झील और उसके आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने को 1200 करोड़ के प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया को तेज किए जाने के निर्देश दिए। इस प्रोजेक्ट से टिहरी झील के आसपास के क्षेत्र में पर्यटन तेजी से बढ़ेगा। इससे यह झील और भी अधिक आकर्षण का केंद्र बनेगी।

भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ की दो दिवसीय कार्य समिति की बैठक : भविष्य की रूप रेखा व सरकार की नीतियों से सापेक्ष रणनीति पर होगी चर्चा : मुकेश सिंह

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देहरादून, देश भर के रक्षा प्रतिष्ठानों में कार्य कर रहे सिविलियन कर्मचारियों के मध्य भारतीय मजदूर संघ की औधौगिक इकाई के तौर पर कार्य कर रहे महासंघ भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ की दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्य समिति की बैठक के उ‌द्घाटन के अवसर पर एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया ।
आईआरडी के सेमिनार सभागार में पत्रकार बंधुओं को सम्बोधित करते हुए भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के महामंत्री मुकेश सिंह ने बताया की महासंघ की केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक प्रति छः माह में देश के विभिन्न स्थानों में आयोजित की जाती है। इस बार यह बैठक IRDE देहरादून के परिसर में आयोजित की जा रही है। बैठक में देश भर के विभिन्न रक्षा संस्थानो जैसे आयुध निर्माणीया, डी.आर.डी.ओ के विभिन्न संस्थान, आयुध डिपो DGQA MES एयरफोर्स, नेवी, कोस्टगार्ड आदि संस्थानों में कार्य कर रहे असैन्य कर्मचारियों के प्रतिनिधि बैठक में भाग ले रहे है। मुकेश सिंह ने कहा कि संयोग से यह बैठक ऐसे समय पर आयोजित हो रही है जब देश में एक नई सरकार का गठन हुआ है भारतीय मजदूर संघ पारस्परिक सहयोग से कार्य करने वाला संगठन है सरकार किसी भी राजनैतिक दल की हो वो जितना राष्ट्रहित के परिपेक्ष में कर्मचारियों की समस्याओं के बारे में चिंता करती है, उसी के आधार पर हम सरकार का सहयोग करते है।

बैठक में मुख्य रूप से कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर चर्चा होगी, महासंघ के भविष्य की रूप रेखा व सरकार की नीतियों से सापेक्ष रणनीति पर चर्चा होगी। मुकेश सिंह ने बताया महासंघ के प्रतिनिधि कर्मचारियों के हित में कई निर्णय लेंगे। जिन्हें विभिन्न स्तर पर वार्ताओं के द्वारा हल कराने का प्रयास किया जाएगा, यदि सरकार कर्मचारियों के समस्याओं की अनदेखी करेगी तो हम आंदोलन के लिए विवश होंगे। वर्तमान समय में कर्मचारियों की विभिन्न महत्वपूर्ण समस्याए सरकार के पास लंबित है। जैसे NPS को समाप्त कर OPS को लागू कराना अथवा NPS के अंतर्गत पुरानी पेंशन स्कीम के तरह सभी लाभ दिलाना कर्मचारियों की सेवा शर्तों व वेतन भत्तो को संशोधन के लिए आठवे वेतन आयोग का गठन अविलंभ होना चाहिए, केन्द्रीय कार्यालयों एवं संस्थानों में रिक्त पड़े स्थानों को अविलंभ भरा जाए, निजीकरण एवं निगमीकरण पर रोक लगाई जाए, देशभर में कार्य कर रहे ठेका श्रमिकों का शोषण बंद हो, कर्मचारियों को मिलने वाली बीमा राशि में सुधार हो, कर्मचारियों की लंबित पदोन्नतियां अविलंब की जाए। इस प्रकार तमाम समस्याओं पर विचार करने के लिए सरकार से हम वार्ता करेगे। वार्ता के द्वारा निष्कर्ष यदि नहीं निकलता है तो हम आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। भारत सरकार ने आयुध निर्माणियों का निगमीकरण 1 अक्टूबर 2021 में कर दिया है वहां कार्यरत कर्मचारी सरकारी कर्मचारी के रूप में 30 सितंबर 2024 तक डीम्ड डेपुटेशन पर है उन्हें उनके सेवा निवृत्ति तक सरकारी कर्मचारी रखा जाए ऐसा प्रस्ताव हम पूर्व में दे चुके है। आशा करते है की सरकार इस पर अविलंब कार्यवाही करेगी, अन्य संस्थानों जैसे MES, आयुध डिपो, EME में निजीकरण, DRDO संस्थानों की रीस्ट्रक्चरिंग, DRDO के रक्षा संस्थानों में कैशलेस मेडिकल सुविधा शुरु की जाए, GOCO MODEL आदि की कार्यवाही पर रोक लगाने का प्रस्ताव भी हम दे चुके हैं, सरकार इस पर शीघ्र फैसला करे।
इस मौके पर वीरेंद्रनाथ सिंह कार्यकारी अध्यक्ष, मुकेश सिंह महामंत्री, साधु सिंह महासचिव सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ, अनिल कुमार मंत्री, सतीश कुमार गौड़ अध्यक्ष PSS, अशोक कुमार अध्यक्ष IRDEKS, हेमंत कुमार संयुक्त मंत्री एवं केसर सिंह केन्द्रीय कार्यसमिति सदस्य तथा उत्तराखण्ड़ एमईएस कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष चन्द्रदत्त सुयाल, महामंत्री राजेश कुमार कुकरेती, जयकृत कुंवर शिशुपाल रावत, अर्जुन सिंह रावत, गोविन्द कुमार, मनोहर कुमार यादव,मोहन सिंह बिष्ट, भूपेन्द्र सिंह, संदीप कुमार, श्रीराम मीणा, मोहन लाल एवं नितेश कुमार आदि उपस्थित रहे।

जीएनएम कोर्स कर रही नाबालिग ने टॉयलेट में बच्चे को दिया जन्म

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देहरादून/अल्मोड़ा, जीएनएम कोर्स कर रही नाबालिग ने अल्मोड़ा अस्पताल के टॉयलेट में नवजात को जन्म दिया है। नाबालिग पेट दर्द की शिकायत पर अपनी दो सहेलियों के साथ अस्पताल पहुंची थी। नाबालिग को अचानक प्रसव पीड़ा उठी और उसने एक बच्ची को जन्म दिया। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मामले की जानकारी पुलिस और नाबालिग के परिजनों को दे दी गई है।

जनपद पिथौरागढ़ की रहने वाली एक नाबालिग अल्मोड़ा के निजी संस्थान से जीएनएम का कोर्स कर रही है। सोमवार रात करीबन साढ़े आठ बजे के आसपास वह पेट दर्द की शिकायत लेकर अपनी दो सहेलियों के साथ जिला अस्पताल पहुंची। उन्होंने इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक को पेट में दर्द होने की बात बताई।

इस दौरान जब तक चिकित्सक नाबालिग को देखते, उसने टॉयलेट जाने की बात कही और वहां चली गई। टॉयलेट से शिशु के रोने की आवाज आने लगी। अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारी और चिकित्सक दौड़कर टॉयलेट में पहुंचे तो वहां देखा उस नाबालिग ने एक बालिका को जन्म दे रखा था। नवजात बच्ची और नाबालिग को अंदर अस्पताल में ले जाकर उपचार किया गया।
जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्साधीक्षक डॉ. एचसी गड़कोटी ने बताया कि बच्ची को जन्म देने वाली किशोरी की उम्र आधार कार्ड के अनुसार महज 17 साल की है बल्कि उसने अपनी उम्र 18 साल बताई। उन्होंने बताया कि किशोरी और उसकी नवजात बच्ची को महिला अस्पताल में रखा गया है और दोनों की हालत ठीक है। अस्पताल प्रबंधक ने किशोरी के नाबालिग होने के कारण इस मामले की जानकारी पुलिस को दी।
पुलिस ने बताया कि अस्पताल से मिली सूचना के बाद वहां महिला पुलिस को भेजा गया। नाबालिग के घरवालों को इसकी सूचना दी गई है लेकिन मामले में अभी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। परिजनों की ओर से कोई शिकायत आएगी तो संबंधित घटना के लिए जिम्मेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। नाबालिग पिथौरागढ़ जिले से अल्मोड़ा में किसी निजी संस्थान से नर्सिंग कोर्स करने के लिए छह महीने पहले आई थी।

आपदा में राहत बचाव का रिस्पांस टाइम कम से कम रहे :  मुख्यमंत्री

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देहरादून(आरएनएस)। 15 जून से पहले मानसून के दृष्टिगत सभी तैयारियां पूर्ण की जाय। सभी विभाग 15 जून तक आपदा प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती करना सुनिश्चत करें। एसटीपी प्लांट और पुराने पुलों का सेफ्टी ऑडिट किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि बिजली की तारों से कोई घटना घटित न हो। मानसून सीजन के दृष्टिगत मरीजों और गर्भवती महिलाओं के लिए आपातकालीन स्थिति में हेली एम्बुलेंस की व्यवस्था रखी जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी मानसून की तैयारियों की बैठक के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से पिछले सालों में क्या चुनौतियां सामने आई और किन-किन क्षेत्रों में अधिक आपदाएं आई एवं इस तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए शासन और जनपद स्तर पर क्या तैयारियां की गई हैं, इसका पूरा एक्शन प्लान प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मौसम के पूर्वानुमान की सटीक जानकारी लोगों तक समय पर पहुंचे। मौसम के पूर्व चेतावनी के आधार पर लोगों को नियमित रूप से अलर्ट मोड पर रखें। उन्होंने कहा कि मौसम के पुर्वानुमान और जन जागरूकता से अतिवृष्टि और आपदा के प्रभाव को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपदों में ऐसे क्षेत्र जहां भू-स्खलन की समस्याएं रहती हैं, उन्हें चिन्हित कर जो भी आवश्यक व्यवस्थाएं करवाने की आवश्यकता है, समय पर की जाए। जिन क्षेत्रों में बरसाती नदी और नाले उफान पर आते हैं, उनके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्थाओं के लिए अभी से प्लान बना कर रखे जाएं। मानसून के दृष्टिगत विभिन्न कार्यों के लिए शासन स्तर से जो धनराशि की आवश्यकता है, उसका यथाशीघ्र प्रस्ताव भेजा जाए। अतिवृष्टि के कारण फसलों को होने वाले नुकसान का तुरंत आकलन कर मानकों के अनुसार यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति की व्यवस्था रखी जाए। मानसून के दृष्टिगत पर्वतीय जनपदों में आवश्यक दवाओं, खाद्य सामग्री एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं से संबंधित सभी व्यवस्थाएं पर्याप्त मात्रा में रखी जाए। आपदा कि स्थिति में रिस्पांस टाइम कम से कम रखा जाए। मानसून अवधि में सभी जिलाधिकारी मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार अपने जनपदों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार छुट्टी की घोषणा करें, स्कूल जाने के पैदल मार्गों में नदी और नाले वाले स्थानों पर वैकल्पिक मार्ग तलाशे जाएं। हर जनपद में बड़े रपटे चिन्हित किये जाएं एवं वहां पर सुरक्षा की दृष्टि से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा के दृष्टिगत त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था रखी जाए। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अल्मोड़ा जनपद  के सरियापनी में एसडीआरएफ बटालियन खोलने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से विभिन्न विभागों द्वारा शासन से जो धनराशि की मांग की जा रही है, वह धनराशि यथाशीघ्र संबंधित विभागों को दी जाए। जिलाधिकारियों द्वारा भी विभिन्न पदों में जो धनराशि की मांग की जा रही है, उन्हें भी शीघ्र धनराशि अवमुक्त की जाए। जिन विभागों को पहले की धनराशि अभी तक अवमुक्त नहीं हुई है, वह शीघ्र दी जाए, इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून अवधि में सड़कें, विद्युत और पेयजल लाईन बाधित होने की स्थिति में उनकी सुचारू व्यवस्थाओं के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम रखा जाए और वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि अतिवृष्टि से पिछले वर्ष के जो कार्य अभी तक पूर्ण नहीं किये गये हैं, उन्हें 15 जून तक पूर्ण किया जाए।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् विश्वास डाबर, मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, एल. फैनई, डीजीपी अभिनव कुमार, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, दिलीप जावलकर, सचिन कुर्वे, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आर. राजेश कुमार, एस.एन.पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से कुमांऊ कमिश्नर दीपक रावत एवं सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

समय-समय पर उच्चाधिकारी यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करें : सीएम

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं और बेहतर बनाने के लिए जिलाधिकारियों से समन्वय बनाकर रखें। समय-समय पर उच्चाधिकारी यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करें, और बेहतर व्यवस्थाओं के लिए जिलाधिकारियों का सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए, कर्तव्य और दायित्व निर्धारित किये जाएं। इसमें प्रशासन, मंदिरों, ट्रासपोर्टस, टूर एजेंटो एवं अन्य संबंधित पक्षों के साथ बैठक की जाए। उन्होंने कहा यात्रा मार्गों पर 42 सीटर तक की बसों की व्यवस्था सुनिश्चत की जाए। बैठक के दौरान गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में श्रद्धालुओं का बैकलॉग खत्म हो गया है। जो भी श्रद्धालु  आ रहे हैं, उनका पंजीकरण कर चारधाम यात्रा पर भेजा जा रहा है। पंजीकरण की संख्या अब सीमित नहीं है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्टर समिट के दौरान जो निवेश प्राप्त हुए हैं, उनके क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए। ऐसे निवेश प्रस्तावों को पहले प्राथमिकता में रखा जाए, जो राज्य की परिस्थितियोंके अनुकूल हों तथा स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने में सहायक हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन, टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन और दिल्ली-देहरादून एलीवेटेड रोड के अन्तर्गत राज्य में टनल निर्माण में लगी कार्यदायी संस्थाओं के साथ बैठक बुलाई जाए और निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाय।
बेतालघाट, नैनीताल में पिकअप पलटने पर घायलों द्वारा 108 को कॉल करने पर फोन न उठने की खबर का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिये कि इस मामले की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि यदि यह खबर सही है, तो इसके प्रति जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।