Tuesday, June 17, 2025
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जिला अस्पताल में इंटर्न से ईएमओ ने की छेड़छाड़, महिला आयोग ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

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देहरादून, जिला अस्पताल हरिद्वार की इमरजेंसी कक्ष के इएमओ (इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर) पर एक इंटर्न से छेड़छाड़ का आरोप का मामला सामने आने पर उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने संज्ञान लिया है।
मामले में आयोग अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने तत्काल सीएमओ हरिद्वार डॉ. मनीष दत्त से फोन पर वार्ता करते हुए ईएमओ के विरूद्ध जांच करने व शीघ्र अतिशीघ्र कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है। सीएमओ डॉ मनीष ने कहा कि मामला अभी संज्ञान में आया है हम जांच कर रहे है। जिसपर आयोग अध्यक्ष ने उन्हें मामले में तत्काल कड़ी कार्रवाई के लिए कहा है। कुसुम कण्डवाल ने कहा कि इस प्रकार की घटना का होना अत्यंत निंदनीय है। ऐसे आरोपी से सख्ती से पेश आते हुए उसके विरुद्ध विभाग द्वारा भी कठोर कार्रवाई की जाए।
वहीं महिला आयोग की अध्यक्ष ने एसओ कोतवाली शहर, हरिद्वार से फोन पर वार्ता के क्रम में उन्हें प्रकरण की गम्भीर जांच व कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिये निर्देश दिए है। एसओ ने बताया कि इंटर्न के पिता की ओर से कोतवाली नगर में घटना के संबंध में तहरीर देकर इएमओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। हमारी टीम तहरीर के आधार पर मामले की जांच में जुट गयी है।
वहीं एसओ ने बताया कि शिकायत में पीड़िता के पिता की ओर से कहा गया हैं कि उसकी बेटी जिला अस्पताल में दिसम्बर 2023 से ट्रेनिंग ले रही है। बुधवार देर शाम करीब 7.30 बजे डॉ. अनस जाहिद जोकि जिला अस्पताल में ईएमओ पद पर तैनात है। उसके द्वारा मेरी बेटी को बुलाकर ड्यूटी रूम में ले जाया गया और भीतर से कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। मेरी बेटी ने बताया कि डॉ. अनस जाहिद ने उसे अपनी बाहों में पकड़ लिया और अश्लील हरकत करते हुए जबरदस्ती करने लगा। बेटी के विरोध करने पर डॉ. अनस जाहिद मेरी बेटी को डरा धमका कर अश्लीलता करता रहा व मेरी बेटी डॉ. अनस जाहिद से अपना बचाव करती रही और कमरे से बाहर जाने की कोशिश करती रही।
जब मेरे द्वारा बेटी को फोन किया गया। तो डॉ. अनस जाहिद को पिता चला कि फोन उसके पिता का हैं तो वह घबरा गया और इसी दौरान उसकी बेटी कमरे का दरवाजा खोलकर रोती हुई घर पहुंची और पूरे मामले की जानकारी परिवार को दी। जिसके बाद वो कोतवाली आये है।
जिस पर पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी चिकित्सक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।

सीएम धामी सख्त : वन विभाग के दो अधिकारी सस्पेंड, एक अटैच

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देहरादून, अल्मोड़ा के बिनसर जंगल में लगी आग मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कार्रवाई करते हुए सीसीएफ कुमाऊं को मुख्यालय अटैच, कंजरवेटर नॉर्थ और डीएफओ अल्मोड़ा को सस्पेंड कर दिया है।
इस घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले जहां वायु सेवा से संपर्क कर बिनसर के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए संपर्क किया वहीं तत्काल घायलों के बेहतर इलाज के लिए हेली एंबुलेंस की व्यवस्था कर एम्स में बातचीत कर उनके इलाज का प्रबंध कराया और इसके बाद लापरवाह अफसर पर कार्रवाई की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीधे तौर पर इन बड़े अफसर को जिम्मेदार माना है मुख्यमंत्री ने साफ साफ कहा है की हम समय समय पर ऐसे मामलो में बड़े अफसरों को मौके पर जाने कारवाई करने के निर्देश देते है लेकिन लापरवाही बरती गई है।

उद्यान घोटाले में सीबीआई की कार्रवाई से मचा हड़कंप : तीन कर्मचारियों को सीबीआई ने उठाया, की जा रही पूछताछ

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“हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को सौंपी गई थी मामले की जांच, फलदार पौधों की खरीद में गड़बड़ी का लगा था आरोप, एक ही दिन में वर्क आर्डर जारी कर उसी दिन जम्मू-कश्मीर से दिखाई थी खरीद”

देहरादून, उद्यान घोटाला मामले में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई से हड़कंप मच गया। इस मामले में गुरुवार को तीन कर्मचारियों को सीबीआई अपने वसंत विहार स्थित आफिस ले गई, जहां उनसे पूछताछ चल रही है। पिछले साल अक्तूबर से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई को मामले की जांच सौंपी गई थी।
उद्यान विभाग में फालदार पौधों की ख़रीद में गड़बड़ी में हुई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने सीबीसीआईडी से इस जांच से संबंधित दस्तावेज हासिल कर लिए थे। अल्मोड़ा निवासी दीपक करगेती, गोपाल उप्रेती व अन्य ने जनहित याचिका दाखिल कर उद्यान विभाग में घोटाले का आरोप लगाया था। याचिकाओं में कहा गया है कि उद्यान विभाग में करोड़ों का घोटाला किया गया है। फलदार पौध की खरीद में गड़बड़ियां की गई है। विभाग ने एक ही दिन में वर्कऑर्डर जारी कर उसी दिन जम्मू कश्मीर से पौधे लाना दिखाया है, जिसका भुगतान भी कर दिया गया है। यही नहीं जिस कंपनी से पौधे खरीदवाना दिखाया उसे लाइसेंस ही उसी दिन मिला था। जिस दिन खरीद हुई। इन याचिकाओं के आधार पर हाईकोर्ट ने इसकी जांच के आदेश दिए थे।
शासन के निर्देश पर सीबीसीआईडी को यह जांच सौंपी गई। लेकिन, याचिकाकर्ता इस जांच से संतुष्ट नहीं हुए। ऐसे में उन्होंने फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
अक्तूबर में हाईकोर्ट ने इस जांच को सीबीआई के हवाले करने के आदेश दिए थे। इस मामले में उद्यान विभाग के डायरेक्टर को सस्पेंड भी किया जा चुका है। मुख्य उद्यान अधिकारी के साथ मिलकर निदेशक ने एक फर्जी आवंटन जम्मू कश्मीर की नर्सरी बरकत एग्रो फार्म को कर दिया। बरकत एग्रो को इनवाइस बिल आने से पहले ही भुगतान कर दिया गया। यही नहीं बिना लेखाकार के हस्ताक्षर के ही करोड़ों के बिल ठिकाने लगा दिए गए।

 

कैम्पटी और ग्लोगी में चल रहे भूस्खलन ट्रीटमेंट की सही तकनीक से रूबरू हुए इंजीनियर

-कैम्पटी तथा ग्लोगी में एनडीएमए द्वारा प्रायोजित परियोजनाओं को मौके पर देखा 

-उत्तराखंड में भूस्खलन न्यूनीकरण तथा जोखिम प्रबंधन पर कार्यशाला का दूसरा दिन 

नैनबाग (राजीव डोभाल), उत्तराखण्ड़ राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा प्रायोजित भू-स्खलन जोखिम न्यूनीकरण योजना के तहत उत्तराखण्ड में भू-स्खलन न्यूनीकरण तथा जोखिम प्रबन्धन पर आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन आपदा प्रबन्धन विभाग के विशेषज्ञों के साथ लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग तथा अन्य विभागों के अधिकारियों ने मसूरी स्थित कैम्पटी तथा ग्लोगी में चल रहे भूस्खलन ट्रीटमेंट के कार्यों को मौके पर जाकर देखा। कैम्पटी और ग्लोगी में एनडीएमए द्वारा प्रायोजित भू-स्खलन जोखिम न्यूनीकरण परियोजना के अन्तर्गत कार्य किया जा रहा है।
इस दौरान लोकेश सारस्वत, अधिशासी अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग, थत्यूड़ ने कैम्प्टी में चल रहे भूस्खलन ट्रीटमेंट संबंधी कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यहां पहाड़ी ढाल पर पानी के प्रवाह को व्यवस्थित करने के लिए सीढ़ीदार नालियां बनाई गई हैं तथा ढलान पर तार की जाली लगाकर भूस्खलन क्षेत्र का स्थायी समाधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि यहां भूस्खलन ट्रीटमेंट के परिणाम बेहद कारगर और सफल रहे हैं। विभिन्न विभाग जिनकी भूस्खलन प्रबंधन में अहम भूमिका रहती है, उन्हें इन दोनों साइटों में इस्तेमाल हो रही तकनीक की जानकारी दी गई। सेल्फ ड्रिलिंग एंकर किस तरीके से इंस्टॉल किए जाते हैं, इसके बारे में बताया गया। ग्राउटिंग करने की सही तकनीक से भी प्रतिभागी रूबरू हुए। इस दौरान विशेषज्ञों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने इन दोनों साइटों में प्रयोग की गई तकनीक तथा अनुभवों को साझा किया ताकि राज्य के अन्य भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में इसका लाभ मिल सके।
इस दौरान सिंचाई विभाग एई सुरेश तिवारी, दीपक जोशी, आर0डब्ल्यू0डी0 के एई उत्तम सिंह, सहायक अभियन्ता, यूएसडीएमए के विशेषज्ञ तंद्रीला सरकार, भूवैज्ञानिक, जेसिका टेरॉन, उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के सहायक अभियन्ता श्री सार्थक चौधरी, अमित गैरोला, सुखचैन, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से दीपाली जिन्दल तथा  बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के कर्नल प्रदीप शर्मा आदि भी मौजूद रहे।

 

 

सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त होने पर किसानों ने मोर्चा अध्यक्ष का किया अभिनंदन

# नलकूपों (ट्यूबवेल्स) पर आश्रित किसानों को हो रही थी दिक्कत

विकासनगर, ग्राम कुंजा ग्रांट- कुंजा- कुल्हाल- मटक माजरी एवं आसपास के किसानों को सिंचाई समस्या से निजात दिलाने पर जन संघर्ष जन मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी एवं मोर्चा महासचिव आकाश पंवार का वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी मोहम्मद आरिफ एवं क्षेत्र के किसानों ने फूल मालाओं से स्वागत किया।
नेगी ने कहा कि सिंचाई (नलकूप) विभाग द्वारा प्रत्येक ट्यूबवेल पर मोटर फुंक जाने की संभावना से एसपीपी (सिंगल फेस प्रीवेंटर) स्थापित की गई थी, जिसमें 360 एवं इससे अधिक वोल्ट आने पर ही ट्यूबवेल्स काम करते थे, जिस पर नलकूप एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों का मौके पर निरीक्षण करवाकर हल निकाला गया।
नेगी ने कहा कि लो- वोल्टेज की समस्या हेतु विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा मेदिनीपुर, बुलाकी वाला, तिपरपुर ,हसनपुर, जाटोवाला आदि नलकूपों पर वोल्टेज का परीक्षण किया गया। मोर्चा हर वक्त किसानों की समस्या में उनके साथ खड़ा है।
ग्रामीणों में मोहम्मद इदरीश, इमरान उप प्रधान, उस्मान उप प्रधान, नूर आलम, राकिब, नसीम, मुंतज़िर, इसरार, सुरेश कुमार, राम प्रकाश, साबिर, रिजवान, फूल सिंह, सत्तार, हुसैन, इरशाद गफ्फार आदि शामिल थे।

करोड़ की संपत्ति हड़पने का खेल : बहू ने रची खतरनाक साजिश, एक करोड़ देकर कराई ससुर की हत्या

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नागपुर, करोड़ों की संपत्ति एक बुजुर्ग के लिये मौत का कारण बन गयी, मामला महाराष्ट्र के नागपुर जिले का है जहां करोड़ों की संपत्ति ससुर के लिए मौत की वजह बन गई।दरअसल ससुर की संपत्ति पर उनकी ही बहू की नजर थी। बहू ने संपत्ति हड़पने के लिए साजिश रचकर अपने ससुर की हत्या करवा दी। यह सनसनीखेज घटना महाराष्ट्र के नागपुर में घटी है, जहां एक 82 वर्षीय व्यक्ति की हिट-एंड-रन में हुई मौत हो गई। जब जांच हुई तो इस हत्या की साजिश का खुलासा हुआ। जानकारी के मुताबिक कथित तौर पर ससुर की बहू द्वारा 300 करोड़ रुपये की पारिवारिक संपत्ति हासिल करने के लिए इस हत्या की साजिश रची गई थी।
इस सिलसिले में नगर नियोजन विभाग में सहायक निदेशक अर्चना मनीष पुत्तेवार को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था। उसकी यह गिरफ्तारी ससुर पुरुषोत्तम पुत्तेवार की कार से कुचलकर हत्या किए जाने के 15 दिन बात हुई है। एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि अर्चना पुत्तेवार ने इस हत्या के लिए लोगों को काम पर रखा था और करीब 1 करोड़ रुपये की सुपारी दी।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “उसने अपने ससुर की हत्या करने के लिए एक पुरानी कार खरीदने के लिए आरोपी को पैसे दिए थे। उसने इस हत्या को दुर्घटना में बदलने की साजिश रची।” पुलिस के मुताबिक, अर्चना ने जाहिर तौर पर पुरुषोत्तम की 300 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा करने के लिए यह किया होगा।

अधिकारी ने बताया कि 53 वर्षीय महिला ने कथित तौर पर अपने पति के ड्राइवर बागड़े और दो अन्य आरोपियों, नीरज निमजे और सचिन धार्मिक के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने उन पर हत्या और आईपीसी और मोटर वाहन अधिनियम के तहत अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। इस मामले में दो कारें, सोने के गहने और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं

सुप्रीम कोर्ट का फैसला : नीट ग्रेस मार्क्स रद्द, प्रभावित छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा का विकल्प, 30 जून से पहले परिणाम

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नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद 1563 उम्मीदवारों के नीट यूजी 2024 के नतीजे रद्द कर दिए गए हैं। इस फैसले से वे उम्मीदवार प्रभावित होंगे जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। इन छात्रों के पास नीट यूजी 2024 की दोबारा परीक्षा में शामिल होने का विकल्प होगा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने घोषणा की है कि वह इन उम्मीदवारों के लिए 23 जून को दोबारा परीक्षा आयोजित करेगी, जिसके नतीजे 30 जून से पहले जारी किए जाएंगे। इसके बाद, ये उम्मीदवार काउंसलिंग सत्र में शामिल होने के पात्र होंगे, जो 6 जुलाई को आयोजित किया जाना है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि 1,563 से अधिक नीट-यूजी 2024 उम्मीदवारों के नतीजों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए एक समिति गठित की गई है, जिन्हें “ग्रेस मार्क्स” दिए गए थे। इन अंकों का उद्देश्य परीक्षा के दौरान खोए समय की भरपाई करना था।
समिति ने इन 1,563 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद्द करने का फैसला किया है। उपाय के तौर पर इन छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। एनटीए द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दिए गए बयान के अनुसार, दोबारा परीक्षा 23 जून को होनी है और परिणाम 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट शिक्षा प्रौद्योगिकी फर्म फिजिक्स वालाह के सीईओ की याचिका सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें एनईईटी-यूजी 2024 में कथित अनियमितताओं के बारे में बताया गया था। विवाद के जवाब में, शीर्ष अदालत ने दोहराया कि वह एनईईटी-यूजी 2024 काउंसलिंग प्रक्रिया को नहीं रोकेगी। अदालत ने कहा, “काउंसलिंग योजना के अनुसार आगे बढ़ेगी,” यह देखते हुए कि परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी तरह की बाधा के व्यापक प्रभाव होंगे।
पिछले माह 5 मई को एनटीए द्वारा 4,750 केंद्रों पर लगभग 24 लाख छात्रों के लिए आयोजित की गई परीक्षा, प्रश्नपत्र लीक होने और संदिग्ध ग्रेस मार्क्स दिए जाने के आरोपों से घिरी हुई है। इन आरोपों ने सात उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में विरोध और कानूनी चुनौतियों को जन्म दिया है।
चिंता की बात यह है कि 67 छात्रों ने 720 का परफेक्ट स्कोर हासिल किया है, जिसमें से छह छात्र हरियाणा के फरीदाबाद के एक ही सेंटर से हैं। इससे धोखाधड़ी की आशंका बढ़ गई है, वहीं दिल्ली समेत कई जगहों पर में बड़ी संख्या में छात्रों ने 10 जून को कथित अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कुछ का दावा है कि दिए गए ग्रेस मार्क्स ने गलत तरीके से टॉप स्कोर करने वालों की संख्या में वृद्धि की है।

उत्तराखंड़ के सभी अस्पतालों में एक ही पर्ची सिस्टम होगा लागू

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“स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने चारधाम यात्रा के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की, स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में धन की कमी आड़े नहीं आएगी”

देहरादून/रुद्रप्रयाग, आमजन की सुविधा के लिए जल्दी ही सभी सरकारी अस्पतालों में एक ही पर्ची सिस्टम लागू किया जाएगा। इससे मरीजों को अन्य अस्पताल में पर्ची नहीं बनानी पड़ेगी। इस व्यवस्था से न केवल मरीजों का समय बचेगा, बल्कि धन की भी बचत होगी। स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने गुरुवार को रुद्रप्रयाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जनपद में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं चारधाम यात्रा के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए यह बात कही।

जनपद में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य मंत्री द्वारा उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं एवं उपलब्ध चिकित्सकों एवं स्टाफ के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। इस दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सकों को आवासीय व्यवस्था से संबंधित कोई परेशानी न हो इसके लिए सीएमओ एवं सभी चिकित्सकों को आवास उपलब्ध कराए जाने के लिए 10 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराने के लिए कहा, जिसके लिए उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इस संबंध में शीघ्र ही प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा गया।

समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को अनावश्यक अन्य चिकित्सालय के लिए रैफर न करें एवं आपातकालीन स्थिति में ही मरीजों को रैफर किया जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। इसके लिए यह जरूरी है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लिए उचित प्रबंधन जरूरी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि चिकित्सालय अगस्त्यमुनि में स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं एनेस्थेटिक विशेषज्ञ की तैनाती करने की मांग की। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगस्त्यमुनि चिकित्सालय को शीघ्र ही दो चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी।

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है तथा श्री केदारनाथ धाम में 50 बेड का चिकित्सालय शीघ्र ही तैयार होगा जिससे आने वाले श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों को लाभ प्राप्त होगा।

उन्होंने केदारनाथ धाम पहुंच रहे श्रद्धालुओं को स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं जिनमें ओपीडी, इमरजेंसी, ऑक्सीजन व स्क्रीनिंग की भी सराहना की।

इस अवसर पर विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, सभासद सुरेंद्र सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मार्तोलिया, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. मनोज बडोनी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विमल सिंह गुसांई, डाॅ. संजय तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रमेंद्र सिंह बिष्ट, उप जिलाधिकारी आशीष चंद्र घिल्डियाल, सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

 

केदारनाथ दर्शन को पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य सभा सांसद महेंद्र भट्ट

रुद्रप्रयाग, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य सभा सांसद महेंद्र भट्ट ने आज सपरिवार बाबा केदारनाथ के दर्शन किये।
राज्य सभा सांसद महेंद्र भट्ट आज पूर्वाह्न को हैलीकाप्टर से श्री केदारनाथ धाम पहुंचे जहां हैली पेड पर मंदिर समिति एवं तीर्थ पुरोहितों ने राज्य सभा सांसद का स्वागत किया।
इसके बाद केदारनाथ मंदिर पहुंचे मंदिर में दर्शन किये भगवान केदारनाथ का जलाभिषेक किया तथा जनकल्याण की कामना की। दर्शनों के पश्चात श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने राज्य सभा सांसद को भगवान केदारनाथ जी का प्रसाद भेंट किया श्री केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं के बावत जानकारी दी।
इस अवसर पर पुजारी शिवशंकर लिंग, बीकेटीसी अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, धर्माधिकारी औंकार शुक्ला,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान,वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, स़जय तिवारी,कुलदीप धर्म्वाण,पारेश्वर त्रिवेदी, विक्रम रावत,ललित त्रिवेदी, प्रबल सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष तथा राज्य सभा सांसद ने केदारनाथ में यात्रा व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया तीर्थयात्रियों से बातचीत की तथा अधिकारियों को भी निर्देशित किया दोपहर में वह केदारनाथ से गुप्तकाशी प्रस्थान हुए।

दून में गरजता पीला पंजा : मलिन बस्तीवासियों की बेदखली को लेकर डीएम से मिले राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि

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देहरादून, उत्तराखंड की राजधानी में देहरादून में आजकल पीला पंजा खूब गरज रहा है, दूसरी तरफ एक माह से इसका विरोध भी हो रहा है। राजनीतिक और सामाजिक संगठन प्रभावित लोगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वे मलिन बस्तीवासियों की बेदखली की समस्या को लेकर चिंतित हैं। साथ ही उनके पुर्नवास की मांग कर रहे हैं। एक दिन पहले विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने डीएम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया था। तब उनकी डीएम से मुलाकात नहीं हुई थी। ऐसे में गुरुवार को इन संगठनों के प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मुलाकात की और अपना पक्ष रखा। साथ ही शुक्रवार 14 जून को मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण का घेराव करने का भी निर्णय लिया।
गौरतलब है कि देहरादून में रिस्पना नदी किनारे रिवर फ्रंट योजना की तैयारी है। इसके तहत अवैध भवन चिह्नित किए गए हैं। ये भवन नगर निगम की जमीन के साथ ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की जमीन पर हैं। देहरादून में रिस्पना नदी के किनारे वर्ष 2016 के बाद 27 मलिन बस्तियों में बने 504 मकानों को नगर निगम, एमडीडीए और मसूरी नगर पालिका ने नोटिस जारी किए थे। इसके बाद नगर निगम ने सोमवार 27 मई से मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई। 504 नोटिस में से मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने 403, देहरादून नगर निगम ने 89 और मसूरी नगर पालिक ने 14 नोटिस भेजे थे। अब बड़े पैमाने पर एमडीडीए की ओर से कार्रवाई होनी है।
नगर निगम की सीमा में बने मकानों में 15 लोगों ने ही अपने साल 2016 से पहले के निवास के साक्ष्य दिए हैं। 74 लोग कोई साक्ष्य नहीं दिखा पाए हैं। उन सभी 74 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अधिकांश लोगों ने नोटिस के बाद अपने अतिक्रमण खुद ही हटा लिए थे। जिन्होंने नहीं हटाए थे, उनको अभियान के तहत हटाया जा रहा है। इस अभियान के खिलाफ विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों की ओर से धरने और प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।
वीरवार को एक संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी सोनिका सिंह से भेंटकर उन्हें बस्तीवासियों की समस्या से अवगत कराया। कहा कि एनजीटी के आदेश पर चलाया जा रहा अभियान कानून के हिसाब से सही नहीं है। अभियान केवल गरीबों के खिलाफ चल रहा है। अमीर एवं प्रभावशाली कब्जेदारों को छोड़ा जा रहा है। बस्तीवासियों को दिये गये नोटिस विधिसम्मत नहीं हैं। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों की अवहेलना है |
तर्क दिया गया कि न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि किसी को हटाओगे तो पहले पुर्नवास करोगे। यहां नगरनिगम व एमडीडीए जोर जबरदस्ती करके बेदखली पर उतारु है। लोग भयभीत हैं। जिन लोगों के घर बुलडोजर चलाया गया वे खुले आसमान में जीने के विवश हैं। प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि वे प्रभावितों के लिये सुनवाई का प्रर्याप्त समय दें। बताया गया कि जिलाधिकारी ने एमडीडीए को न्यायोचित कार्यवाही का निर्देश दिया। कल बस्तीवासियों ने एमडीडीए जाने का फैसला लिया है।
जिलाधिकारी के मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में सपा के राष्ट्रीय महासचिव डाक्टर एसएन सचान, चेतना आन्दोलन के शंकर गोपाल, सीपीएम के शहर सचिव अनन्त आकाश, सीआईटीयू महामंत्री लेखराज शामिल थे।

भीषण हादसा : जंगल की आग में जिंदा जल गए 4 वनकर्मी, 4 गंभीर रूप से झुलसे

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अल्मोड़ा, बिन्सर वन्यजीव विहार में जंगल की आग की चपेट में आने से चार वनकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य बुरी तरह झुलस गए हैं। चारों घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है |
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हादसा वीरवार अपराह्न 3:30 बजे के करीब बिन्सर वन्यजीव विहार में हुआ। बताया गया कि जंगल में आग लगने की सूचना मिलने पर बोलेरो वाहन में सवार होकर 8 वनकर्मी मौके की ओर रवाना हुए। ज्यों ही वे वनाग्नि क्षेत्र में पहुंचे, आग की लपटों ने वाहन समेत उन्हें घेर लिया। कर्मचारी बोलेरो से बाहर भागे, लेकिन आग की चपेट में आ गए। 4 वनकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, 4 अन्य वनकर्मी आग से बुरी तरह झुलस गए। मौके पर पहुंचे अन्य वनकर्मियो ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने इस घटना में झुलसे चारों वनकर्मियों को तत्काल एयरलिफ्ट करके हल्द्वानी बेस अस्पताल ले जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को कहा है कि आवश्यकता होने पर हल्द्वानी से एम्स ऋषिकेश एयरलिफ्ट किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना बेहद हृदयविदारक है और दुःख की इस घड़ी में पूरी उत्तराखंड सरकार वनकर्मियों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10- 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि घटना पर शासन पूरी नजर रखे हुए है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार घायल कर्मियों को एयरलिफ्ट कर हल्द्वानी अस्पताल लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मृतकों का आज ही पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है ।

मूव ने नया प्रोडक्ट ‘मूव कूल’ लांच किया

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दर्द से राहत पाने के लिए क्रांतिकारी कोल्ड थेरेपी से प्रेरित खास इनोवेशन

देहरादून,: भारत के अग्रणी पेन रिलीफ ब्रांड मूव ने कोल्ड थेरेपी से प्रेरित एक क्रांतिकारी इनोवेशन ‘मूव कूल’ को लॉन्च किया है। मेन्थॉल की कूलिंग पावर से भरपूर, इस नए प्रोडक्ट को एक्टिव लाइफस्टाइल से जुड़ी चोटों, मोच, खिंचाव और मांसपेशियों में दर्द के कारण होने वाले मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
दिसंबर 2021 में हुए रेकिट पेन इंडिया डीसीजी डिमांड सर्वे, जिसमें भारत के 4000 से अधिक उत्तरदाताओं ने हिस्सा लिया, इस सर्वे में शामिल करीब 8 प्रतिशत उत्तरदाताओ ने बताया कि उन्हें हुए अधिकांश दर्द का कारण खेलकूद या व्यायाम रहे हैं। मूव कूल मांसपेशियों में दर्द, मोच और खिंचाव जैसी फिटनेस से जुड़ी चोटों को ठीक करता है।
कनिका कालरा, रीजनल मार्केटिंग डायरेक्टर, हेल्थ एंड न्यूट्रिशन, रेकिट साउथ एशिया ने कहा, “भारत के सबसे भरोसेमंद पेन रिलीफ ब्रांडों में से एक, मूव बीते कई दशकों से भारतीयों को उनके दर्द का मुकाबला करने में मदद कर रहा है।
अनुपमा रामास्वामी, जॉइंट एमडी एवं चीफ क्रिएटिव ऑफिसर, हवास वर्ल्डवाइड इंडिया ने कहा, “मूव भारत में पहली बार अपनी कूल थेरेपी पेश कर रहा है, ऐसे में हम चाहते हैं कि मूव कूल की शुरूआत बेहद प्रभावशाली होनी चाहिए।

मूव कूल भारत के सभी प्रमुख ऑफ़लाइन और ऑनलाइन रिटेल स्टोर पर जैल और स्प्रे जैसे दो सुविधाजनक विकल्पों में उपलब्ध है। इस रेंज में 10 ग्राम और 20 ग्राम जैल शामिल हैं जिनकी कीमत क्रमशः 60 रुपये और 110 रुपये है, वहीं स्प्रे में 15 ग्राम की कीमत 85 रुपये और 35 ग्राम की कीमत 186 रुपये है।

मिशन नेट जीरो: पॉलिसी टाइम्स चैंबर ऑफ कॉमर्स और आरएलजी इंडिया ने आयोजित किया तीसरा सस्टेनेबिलिटी समिट 2024

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नई दिल्ली,  – पॉलिसी टाइम्स चैंबर ऑफ कॉमर्स ने, टाइटल पार्टनर आरएलजी इंडिया के सहयोग से, तीसरे सस्टेनेबिलिटी समिट 2024 का आयोजन बुधवार, 12 जून 2024 को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) में किया। इस प्रतिष्ठित आयोजन का उद्देश्य भारत के महत्वाकांक्षी नेट जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण चर्चाओं को सुगम बनाना था, जिसमें कॉर्पोरेट ईएसजी रणनीतियों, कचरा प्रबंधन, और पर्यावरण अनुपालन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
समिट में विभिन्न क्षेत्रों से 150 से अधिक प्रतिभागियों की प्रतिष्ठित और विविध सभा देखने को मिली, जिसमें इंडस्ट्री लीडर्स, सरकारी अधिकारी, अकादमिक विद्वान, शोधकर्ता और अन्य हितधारक शामिल थे। कार्यक्रम का एजेंडा सस्टेनेबिलिटी और कॉर्पोरेट रिस्पांसिबिलिटी के प्रमुख पहलुओं को संबोधित करने के लिए सावधानीपूर्वक निर्धारित किया गया था, जिससे गहन चर्चा और नेटवर्किंग के लिए एक मंच प्रदान किया गया।
तीसरे सस्टेनेबिलिटी समिट 2024 के मुख्य अतिथि थे:
• श्री वेद प्रकाश मिश्रा, निदेशक, एचएसएम डिवीजन, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, जिन्होंने सत्र 1 में बीआरएसआर रिपोर्टिंग पर दर्शकों को संबोधित किया।
• श्री राजेश कुमार पाठक, सचिव, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, जिन्होंने सत्र 2 में “विकसित भारत @2047 विज़-ए-विज़ मिशन नेट जीरो फॉर ‘इंडियन इंक.'” विषय पर मुख्य अतिथि का संबोधन दिया।
• श्रीमती रूपा मिश्रा, संयुक्त सचिव (एसबीएम), आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, जिन्होंने सत्र 3 में सर्कुलैरिटी से सस्टेनेबिलिटी: नीति और कार्यान्वयन पर बात की।
• श्री अतीश कुमार सिंह, संयुक्त सचिव, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार, जिन्होंने सत्र 4 में हरित नवाचार, प्रौद्योगिकियों, रणनीतियों और वित्तपोषण पर दर्शकों को संबोधित किया।
आरएलजी इंडिया की प्रबंध निदेशक, सुश्री राधिका कालिया ने सत्र 1 में थीम संबोधन दिया।
सीओपी26 में घोषित 2070 तक नेट जीरो प्राप्त करने के भारत के लक्ष्य ने भारतीय कॉर्पोरेट्स पर एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी डाली है। कॉर्पोरेट ईएसजी रणनीतियों, कचरा प्रबंधन नियम (ईपीआर, ग्रीन क्रेडिट्स, आदि), और अन्य पर्यावरण अनुपालनों को डीकार्बोनाइजेशन के लिए महत्वपूर्ण तत्वों के रूप में मान्यता दी गई है। इसके अलावा, तेजी से जनसंख्या वृद्धि, जलवायु परिवर्तन और संसाधनों की कमी के बीच, सस्टेनेबिलिटी को बेहतर भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत का लक्ष्य 2030 तक जीडीपी उत्सर्जन तीव्रता को 45% तक कम करना और अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करना है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कॉर्पोरेट रणनीतियों में ईएसजी कारकों का एकीकरण आवश्यक है। कुल ऊर्जा खपत के लगभग आधे के लिए जिम्मेदार कॉर्पोरेट इकाइयां भारत के डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों की कुंजी हैं। इस आयोजन का उद्देश्य उपरोक्त मुद्दों, और अन्य कई मुद्दों को संबोधित करना था, तथा नेट जीरो उत्सर्जन के लिए वैश्विक मानकों को स्थापित करने पर विचार-विमर्श करना भी था।
इस अवसर पर, सुश्री राधिका कालिया, एमडी, आरएलजी सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, “जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श और सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों को प्राप्त करने की तात्कालिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, तीसरे सस्टेनेबिलिटी समिट 2024 का आयोजन किया गया है ताकि गहन चर्चा और सहयोगात्मक प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया जा सके। यह सस्टेनेबिलिटी समिट 2024 केवल विशेषज्ञों और थॉट लीडर्स का एकत्रीकरण नहीं है; यह सामूहिक कार्रवाई के लिए एक स्पष्ट आह्वान है; व्यवसायों, सरकारों और व्यक्तियों को सस्टेनेबिलिटी को एक बेहतर भविष्य हेतु मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास है। वास्तविक सस्टेनेबिलिटी के मार्ग पर चलना आसान नहीं है, किन्तु यह एक यात्रा है जिसे हमें अटूट प्रतिबद्धता के साथ तय करना होगा। इसके लिए सहयोग, नवाचार और यथास्थिति को चुनौती देने की इच्छा की आवश्यकता होगी। मैं पॉलिसी टाइम्स चैंबर ऑफ कॉमर्स और आरएलजी सिस्टम्स इंडिया की इस महत्वपूर्ण संवाद का नेतृत्व करने के लिए सराहना करती हूं और एक हरित भविष्य की ओर सार्थक और निरंतर सहयोग की आशा करती हूं।”