Wednesday, April 30, 2025
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पहाड़ी जिलों में वनाग्नि के कारण गहराया संकट, राज्य सरकार ने मदद के लिए बुलाई सेना

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‘नैनीताल जिले के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिये की जा रही सेना के हेलीकॉप्टर की मदद’

देहरादून, प्रदेश में जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है वैसे वैसे वन विभाग की मुश्किलें बढ़ती जा रही है, राज्य के जितने पहाड़ी जिले हैं उनमें वनाग्नि के कारण गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है, हालत गंभीर हैं और राज्य सरकार ने मदद के लिए सेना बुला ली है। सेना ने मोर्चा संभाल लिया है और बिगड़े हालात पर काबू पाने के लिए जुट गई है। लेकिन प्रदेश में शनिवार सुबह से कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश और ओलावृष्टि हुई। लेकिन इससे भी कोई खास राहत नहीं मिली | राज्य के पहाड़ी जनपदों में टिहरी, पौड़ी, रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, नैनीताल समेत तमाम जिलों में जंगल में आग लगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कुछ जिलों में तो हालत काबू से बाहर हैं। रूद्रप्रयाग और नैनीताल जिले में दावानल के आबादी वाले इलाकों में पहुंचने का खतरा बना है। अब तक सैकड़ों हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं। बड़ी संख्या में वन्यजीव और पशु-पक्षियों के भी जलकर मरने की आशंका है। वन विभाग जंगलों की आग को बुझाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन स्थिति उसके नियंत्रण से बाहर है। कई जगह फायर सर्विस और एसडीआरएफ की भी मदद ली गई है।

नैनीताल जिले के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिये ली जा रही हेलीकॉप्टर की मदद :

वहीं नैनीताल जिले के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए आज से सेना के एमआई —17 हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने आज से भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में पानी डालने का काम करना शुरू कर दिया है, पहले यह हेलीकाप्टर उन जंगलों में पानी छिड़क रहे हैं जहां आग ज्यादा भयंकर रूप ले चुकी है।वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने शनिवार से भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में पानी डालने का काम करना शुरू कर दिया। शनिवार की सुबह वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरकर नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर डाला।

वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने बताया कि जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई है। मेलकानी के अनुसार हेलीकॉप्टर ने अभी तक पांच बार झील से पानी भरकर जंगलों में लगी आग पर डालना शुरू कर दिया है।

हेलीकाप्टर के साथ वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाने में लगे हुए हैं। आग से भीमताल, पाइंस, रानीबाग, सातताल, बेतालघाट और रामगढ़ के जंगलों की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है।

सीएम ने की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक :

सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं को लेकर अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक ली, उन्होंने कहा कि इन घटनाओं पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेना से भी इस संबंध में सहायता ली जा रही है और हेलीकॉप्टर के माध्यम से आग बुझाने का कार्य किया जा रहा है। शुक्रवार को इस संबंध में देहरादून में उच्चस्तरीय बैठक की गई और हल्द्वानी में भी इस संबंध में बैठक की जायेगी, ताकि जल्द से जल्द इस भयावह होती समस्या से ।

ऊर्जा प्रदेश में जनता को फिक्स्ड चार्जेस, यूनिटों पर बनाए गए स्लैब व अन्य टैक्सों के जरिये लूटने का काम कर रही सरकार : रघुनाथ सिंह नेगी

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“सस्ते दामों में बिजली मुहैया कराने को जन संघर्ष मोर्चा करेगा आंदोलन”

देहरादून (विकासनगर‌), जन संघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं की बैठक में जनमानस से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा करते हुए मोर्चा द्वारा तय किया गया कि सबसे पहले बिजली के दामों में हो रही बेहताशा वृद्धि को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा।
बैठक में जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि ऊर्जा प्रदेश में सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को फिक्स्ड चार्जेस, यूनिटों पर बनाए गए स्लैब व अन्य टैक्सों के के चलते लूटने का काम किया जा रहा है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि अधिकांश क्षेत्रों में 25 फ़ीसदी से लेकर 40 फ़ीसदी तक लाइन लॉस यानी बिजली चोरी व अन्य खामियों के चलते लॉस हो रहा है, जिसका दंश प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। उक्त लाइन लॉस के चलते सरकार को प्रतिवर्ष लगभग 800-1000 करोड रुपए की बिजली महंगी दम पर बाहर से खरीदनी पड़ रही है, लेकिन सरकार लाइन लॉस कम करने में नाकाम साबित हो रही है।
नेगी ने कहा कि सरकार की लापरवाही की वजह से एक मध्यम वर्गीय परिवार को लगभग ₹5 प्रति मिनट की दर से भुगतान करना पड़ रहा है।
नेगी ने कहा कि मोर्चा अनवरत विद्युत खामियों एवं दामों में कटौती को लेकर आंदोलित है, लेकिन सरकार के कानों में जनता की आवाज नहीं सुनाई दे रही। मोर्चा आचार संहिता खत्म होते ही उपभोक्ताओं को सस्ते दामों में बिजली मुहैया कराने को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाएगा।
बैठक में आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, विजयराम शर्मा, विनयकांत नौटियाल, मोहम्मद असद, प्रवीण शर्मा पिन्नी, मालती देवी, विक्रम सिंह पाल, इदरीश, अमित, वीरेंद्र सिंह, जयकृत नेगी, नरेंद्र तोमर, गोविंद सिंह नेगी, दिनेश राणा आदि मौजूद थे।

“व्हाई इज़ द वर्ल्ड गोइंग क्रेज़ी अबाउट मिलेट्स” पुस्तक का हुआ विमोचन

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“पुस्तक में मिलेट्स-आधारित व्यंजनों की एक विविध श्रृंखला का समावेश है : प्रो. दुर्गेश पंत”

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), देहरादून की नूट्रिशनिस्ट और फिटनेस उत्साही रूपा सोनी ने आज राजपुर रोड स्तिथ होटल मार्बेला में ‘व्हाई इज़ द वर्ल्ड गोइंग क्रेज़ी अबाउट मिलेट्स’ नामक अपनी पहली पुस्तक का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड की प्रतिष्ठित हस्तियों और अतिथियों ने भाग लिया।

पुस्तक का विमोचन उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत, जनसंपर्क प्रबंधक एवं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के प्रशासन प्रभारी अमित पोखरियाल, इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट डीआरडीओ में वैज्ञानिक और संयुक्त निदेशक अनीता पुरी मोहिंदरा, दिल्ली फ़ूड वॉक्स के संस्थापक अनुभव सपरा और रेडियो जॉकी काव्य सहित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया। इसके बाद उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए, अनीता पुरी मोहिंदरा ने मिलेट्स के अद्वितीय स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला, और इंसान की अच्छी सेहत को बढ़ावा देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
दुर्गेश पंत ने रोजमर्रा की जिंदगी में मिलेट्स के एकीकरण के बारे में अपनी किताब में बखूबी बताने के लिए रूपा सोनी के सूक्ष्म प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “पुस्तक में एक व्यापक दृष्टिकोण, विशेष रूप से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और मिलेट्स-आधारित व्यंजनों की एक विविध श्रृंखला का समावेश है।”May be an image of 4 people, people smiling and text that says 'Pamplona E WHY IS THE WORLD GOING CRAZY UT MII ?' S?' BYRO BY ROU ENTRASE ふ /'

रूपा की पहली किताब की सराहना करते हुए, अमित पोखरियाल ने भारतीय आहार में मिलेट्स को फिर से शामिल करने की अनिवार्य आवश्यकता के बारे में बात करी। उन्होंने कहा, “मिलेट्स का गहरा ऐतिहासिक महत्व और पोषण मूल्य है। रूपा की किताब निश्चित रूप से पाठकों को मिलेट्स के असंख्य लाभों के बारे में बताएगी।”

इस अवसर पर बोलते हुए, अनुभव सपरा ने पुस्तक की पहुंच और उपयोगिता की प्रशंसा की, और पूरे भारत में मिलेट्स की खपत को पुनर्जीवित करने की इसकी क्षमता पर ध्यान केंद्रित किया।May be an image of 6 people and text

आरजे काव्या ने कहा, “यह किताब रूपा द्वारा लोगों को उनकी आहार संबंधी जड़ों से फिर से जोड़ने का एक प्रशंसनीय प्रयास है। मिलेट्स एक भूला हुआ अनाज है जिसके बारे में लोगों को याद दिलाने की ज़रूरत है।”

कार्यक्रम के समापन के दौरान, रूपा सोनी ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा, “मैं यहां उपस्थित सभी लोगों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करना चाहती हूं। मैं इस किताब पर एक साल से अधिक समय से काम कर रही हूं और यहां कई लोग मौजूद हैं जिन्हें मैं इस किताब के पीछे अपनी प्रेरणा का श्रेय देना चाहूंगी। एक पोषण विशेषज्ञ और फिटनेस उत्साही के रूप में, मिलेट्स से मिलने वाले असंख्य लाभों को साझा करना हमेशा से मेरा उद्देश्य रहा है। मुझे उम्मीद है कि मेरी यह पहली किताब लोगों को उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प चुनने में काफी मदद करेगी।” कार्यक्रम का समापन रूपा सोनी द्वारा अतिथि वक्ताओं के सम्मान के साथ हुआ।

“व्हाई इज़ द वर्ल्ड गोइंग क्रेज़ी अबाउट मिलेट्स” पुस्तक मिलेट्स के प्रति एक व्यापक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करेगी, जिसमें पोषण संबंधी अंतर्दृष्टि, वास्तविक जीवन के उपाख्यान और बाजरा-आधारित व्यंजनों की एक विविध श्रृंखला शामिल है। यह किताब आहार विकल्पों के प्रति एक स्वस्थ दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।May be an image of 14 people and wedding

आरबीआई ने देश के तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सहायक छह कारकों को किया रेखांकित

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मुंबई , । भारत के हालिया विकास प्रदर्शन ने कई पंडितों को आश्चर्यचकित कर दिया है, जिससे आईएमएफ तथा दूसरे वित्तीय संस्थानों में पूर्वानुमान बढ़ाने की होड़ लग गई है। इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने  प्रकाशित अपने मासिक बुलेटिन में उन छह कारकों का उल्लेख किया है जो देश के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सर्वाधिक योगदान देंगे।
आरबीआई बुलेटिन में बताया गया है कि क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही दुनिया में तीसरे नंबर पर है। ओईसीडी के दिसंबर 2023 के अपडेट के अनुसार, भारत पीपीपी के मामले में 2045 तक अमेरिका से आगे निकल जाएगा और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
बुलेटिन के अनुसार, भारत की उड़ान को गति देने वाले समर्थक कारक इस प्रकार हैं :
* विकास की बढ़ती प्रोफ़ाइल को जनसांख्यिकी से मदद मिल रही है। वर्तमान में, देश में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे युवा आबादी है। औसत आयु लगभग 28 वर्ष है; जो 2050 के दशक के मध्य तक बुढ़ापे की उम्र में नहीं पहुंचेगी। इस प्रकार, भारत के पास तीन दशक से अधिक समय तक जनसांख्यिकीय का लाभ रहेगा। यह व्यापक रूप से उम्र बढऩे की चुनौती का सामना कर रही दुनिया के विपरीत है।
* भारत का विकास प्रदर्शन ऐतिहासिक रूप से घरेलू संसाधनों पर आधारित रहा है, जिसमें विदेशी बचत एक छोटी और पूरक भूमिका निभाती है। यह चालू खाता घाटा (सीएडी) में भी परिलक्षित होता है, जो सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 2.5 प्रतिशत की स्थायी सीमा के भीतर रहता है। वर्तमान में, सीएडी का औसत लगभग एक प्रतिशत है, और यह बाह्य क्षेत्र के लचीलेपन के विभिन्न संकेतकों से जुड़ा है। उदाहरण के तौर पर, बाह्य ऋण सकल घरेलू उत्पाद के 20 प्रतिशत से नीचे है और शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश देनदारियां 12 प्रतिशत से नीचे हैं।
*कोविड महामारी के बाद अपनाए गए राजकोषीय समेकन के क्रमिक मार्ग ने मार्च 2024 तक सामान्य सरकारी घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 8.6 प्रतिशत और सार्वजनिक ऋण को सकल घरेलू उत्पाद के 81.6 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। डीएसजीई मॉडल लागू करने पर यह अनुमान लगाया गया है कि उत्पादक रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों को लक्षित करके राजकोषीय खर्च की प्राथमिकता नये सिरे से तय करने, संक्रमण को अपनाने और डिजिटलीकरण में निवेश करने से 2030-31 तक सामान्य सरकारी ऋण घटकर जीडीपी के 73.4 प्रतिशत तक रह सकता है।
इसके विपरीत, आईएमएफ द्वारा उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के लिए ऋण-जीडीपी अनुपात बढक़र 2028 में 116.3 प्रतिशत और उभरते तथा मध्यम आय वाले देशों के लिए 75.4 प्रतिशत होने का अनुमान है।
* भारत का वित्तीय क्षेत्र मुख्यत: बैंक आधारित है। वित्त वर्ष 2015-2016 में, वैश्विक वित्तीय संकट के मद्देनजर परिसंपत्ति की हानि की समस्या का समाधान परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) के माध्यम से किया गया था।उसके बाद 2017-2022 के दौरान बड़े पैमाने पर पुनर्पूंजीकरण किया गया। लाभकारी प्रभाव 2018 से दिखना शुरू हुआ – मार्च 2023 तक सकल और शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात घटकर क्रमश: 3.9 प्रतिशत और एक प्रतिशत हो गया, जिसमें बड़े पूंजी बफर और तरलता कवरेज अनुपात 100 प्रतिशत से ऊपर थे।
दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) ने बैंकों की बैलेंस शीट पर को दूर करने के लिए संस्थागत वातावरण तैयार किया है। व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता मध्यम अवधि की विकास संभावनाओं के लिए आधार प्रदान कर रही है।
भारत प्रौद्योगिकी के बल पर परिवर्तनकारी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। जैम की त्रिमूर्ति – जन धन (बुनियादी नो-फ्रिल्स खाते); आधार (सार्वभौमिक विशिष्ट पहचान); और मोबाइल फोन कनेक्शन – औपचारिक वित्त के दायरे का विस्तार कर रहा है, तकनीकी स्टार्टअप को बढ़ावा दे रहा है, और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लक्ष्य को सक्षम कर रहा है। भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (क्कढ्ढ), एक ओपन-एंडेड सिस्टम जो किसी भी भाग लेने वाले बैंक के एकल मोबाइल एप्लिकेशन में कई बैंक खातों को सशक्त बनाता है, अंतर-बैंक, पीयर-टॉपियर और व्यक्ति-से-व्यापारी लेनदेन को निर्बाध रूप से बढ़ावा दे रहा है।
* महामारी, मौसम से प्रेरित खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद वैश्विक कमोडिटी मूल्य दबाव के कारण कई आपूर्ति झटकों के कारण बढऩे के बाद देश में मुद्रास्फीति कम हो रही है।

अतिक्रमण पर फिर चला बुलडोजर : सरकारी जमीन पर बने 15 अवैध मकानों को किया ध्वस्त

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देहरादून, राज्य सरकार लोकसभा के निपटते ही एक्कशन मोड़ में आ गयी, हालाकि अभी लोकसभा चुनाव के वोटों की गिनती नहीं हुई है, लेकिन एक बार फिर अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर ऐक्शन शुरू हो गया है। सरकारी जमीन पर बने 15 मकानों को तोड़ा गया। जिला प्रशासन और नगर निगम की टीमों ने सख्ती दिखाई है। चेताया कि भविष्य में भी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
देहरादून में सहस्रधारा रोड से लगते ग्राम चक नागल हटनाला में जिला प्रशासन और नगर निगम ने संयुक्त रूप से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया। यहां करीब चार घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान सरकारी जमीन पर बन रहे पंद्रह मकान तोड़े गए। प्लॉटिंग के लिए बनाई गई बीस बाउंड्री वॉल को ध्वस्त किया गया। इस दौरान टीम को विरोध भी सहना पड़ा।
जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी कि पूर्व में गोल्डन फॉरेस्ट और वर्तमान में राज्य सरकार के नाम दर्ज हो चुकी जमीन पर कुछ बिचौलिये सहस्रधारा रोड से लगते ग्राम चक नागल हटनाला में अवैध रूप से कॉलोनी बसा रहे हैं। मौके पर पूछताछ में अफसरों को लोगों ने बताया कि एक व्यक्ति ने उनको दो से ढाई लाख रुपये में जमीन बेची, जिसके बाद उन्होंने मकान बनाने शुरू किए। बुधवार को जिला प्रशासन और नगर निगम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए पंद्रह निर्माणाधीन मकान और बाउंड्री वॉल को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया।
यह कार्यवाही दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक जारी रही। इस दौरान कुछ महिलाओं ने विरोध किया, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उनकी एक न चली।
इस दौरान लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि उनको यहां अवैध रूप से जमीन बेचने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाए। कानूनगो संजय सैनी और कर एवं राजस्व अधीक्षक-भूमि राहुल कैंथोला ने बताया कि यहां 15 और ऐसे मकान हैं, जहां लोग रह रहे हैं, उनको मकान खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।

देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में अवैध रूप से प्लॉटिंग की जा रही है। कई जगह एमडीडीए से ले-आउट पास करवाए बिना ही लोगों को प्लॉट काटकर बेचे जा रहे हैं, जिसका खामियाजा बाद में आम जनता को ही भुगतना पड़ रहा है।
वहीं चक नागल हटनाला में जमीन बेचने वाला घर से फरार
दून में बुधवार को अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान अफसरों ने लोगों से कहा कि जिस व्यक्ति ने जमीन बेची, उससे जाकर पूछें कि किस आधार पर उसने प्लॉटिंग की और किसने उसे जमीन बेचने का अधिकार दिया। इसके बाद लोग आरोपी के घर पहुंचे, लेकिन वह तब तक मौके से फरार हो चुका था।

डॉ. धनंजय मोहन होंगे उत्तराखंड वन विभाग के नये मुखिया

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देहरादून। उत्तराखंड में वन विभाग के मुखिया यानी हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स पद के लिए डीपीसी हो गई हैं। गुरुवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में डीपीसी कर दी गई हैं और शासन ने डॉ. धनंजय मोहन को नया HOFF बनाने को लेकर फैसला लें लिया हैं |
शासन में हॉफ पद के लिए गुरुवार को डीपीसी की तारीख तय की। जिसमें उत्तराखंड के नए हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी गई। मौजूदा वन विभाग के मुखिया अनूप मलिक के बाद सबसे सीनियर धनंजय मोहन, विजय कुमार और फिर समीर सिन्हा के नाम पर चर्चा हो रही थी। लेकिन अंत में सीनियर अधिकारी को ही मौका दिया गया।
अनूप मलिक 1987 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं। जबकि, धनंजय मोहन 1988 बैच के अधिकारी हैं। वहीं, विजय कुमार भी 1988 बैच के ही अधिकारी हैं। हालांकि, विजय कुमार इसी साल दिसंबर में सेवानिवृत हो रहे हैं। विभाग में इसके बाद 1990 बैच के अधिकारी समीर सिन्हा भी इस रेस में शामिल बताए जा रहें थे।
वन विभाग के मुखिया पद के लिए डीपीसी की बैठक में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, उत्तराखंड के मौजूदा हॉफ अनूप मलिक और कमेटी के लिए भारत सरकार की ओर से नामित हिमाचल के हॉफ मौजूद रहें।
बता दें कि उत्तराखंड में इस समय अनूप मलिक वन विभाग के मुखिया के तौर पर जिम्मेदारी देख रहे हैं। करीब 1 साल पहले ही अनूप मलिक को हॉफ बनाया गया था। उससे पहले अनूप मलिक जायका प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी देख रहे थे। अनूप मलिक की सेवानिवृत्ति इसी महीने 30 अप्रैल को है।

पुलिस की लापरवाही घटना के लिए जिम्मेदार : सूर्यकान्त धस्माना

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“महामहिम राष्ट्रपति की उपस्थिति में राजधानी में दूसरी बार दुस्साहसी घटना को अंजाम दे कर अपराधियों ने कानून व्यवस्था का उड़ाया मखौल”

“पलटन बाजार की आगजनी की घटना जर्जर कानून व्यवस्था का नमूना”

देहरादून, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने आज देहरादून के पलटन बाजार आगजनी मामले में राज्य की भाजपा सरकार व राजधानी पुलिस पर जबरदस्त प्रहार किया व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दोषी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्यवाही की मांग की।
उन्होंने कहा कि यह संयोग है या प्रयोग कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लगातार दूसरी बार ऐसा हुआ है कि देश की महामहिम राष्ट्रपति की राज्य की राजधानी में मौजूदगी में पहली बार रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में दिन दहाड़े पुलिस मुख्यालय से सौ कदम की दूरी पर दुस्साहसी डकैती को अंजाम दिया गया व इस बार भी शहर के बीचों बीच देहरादून के हृदय स्थल पलटन बाजार में कोतवाली से मात्र सौ कदम की दूरी पर रात्रि एक बजे एक्टिवा स्कूटर सवार ने आराम से आ कर बोतल से ज्वलंतशील पदार्थ दुकान के शटर के नीचे से डाल कर तीन मंजिला रेडीमेड गारमेंट्स की दुकान को आग के हवाले कर दिया। यह घटना मात्र आगजनी की नहीं बल्कि एक ऐसी घटना है जो देहरादून की कानून व्यवस्था के खोखले पन और ध्वस्त पड़ी कानून व्यवस्था की पोल खोलती है। श्री धस्माना ने कहा कि राजधानी देहरादून में भारतीय मिल्ट्री अकादमी, विधानसभा भवन,आईआईपी, आईआरडीई, ऑर्डनेंस फैक्ट्री व अनेक राष्ट्रीय महत्व के संस्थान हैं,मुख्यमंत्री,राज्यपाल समेत तमाम मंत्रीगण विधायक यहां रहते हैं और सबसे बड़ी बात यह कि देश की राष्ट्रपति राजधानी में दो दिवसीय प्रवास व अनेक कार्यक्रमों के लिए राजधानी में मौजूद थीं और तब किसी अपराधी ने यह घटना दुस्साहसी तरीके से अंजाम दे दी यह बहुत बड़ी सुरक्षा चूक का मामला है जिसे राज्य सरकार व मुख्यमंत्री जो प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं गंभीरता से लेना चाहिए और दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही भी करनी चाहिए। श्री धस्माना ने कहा को अगर उक्त मामले में अपराधी की शीघ्र गिरफ्तारी और लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई तो कांग्रेस पार्टी सड़क पर आंदोलन करेगी।

उत्तराखंड को शक्तिशाली बनाते हुए: डाइवइन प्रो फाउंडेशन के एक्सीईआईएल द्वारा सभी महिलाओं के उद्यमिता को साकार करने का पहला कोर्स,

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तेजस्वानी ट्रस्ट के साथ मिलकर लॉन्च – एम ओ यू पर हुए हस्ताक्षर

देहरादून।  महत्वपूर्ण पल का दस्तावेज़ बन रहा है जब डाइवइन प्रो फाउंडेशन के एक्सीईआईएल, तेजस्वानी ट्रस्ट के साथ मिलकर, उत्तराखंड में पहली बार सभी महिलाओं के लिए उद्यमिता कोर्स का शुभारंभ कर रहा है। इस प्रेरणास्पद पहल का उद्देश्य महिलाओं को एक्सीईआईएल के अंतर्गत उद्यमिता, नवाचार और नेतृत्व (एक्सीईआईएल) कौशलों से संपन्न करना है, जो एक जीवंत महिला उद्यमिता समुदाय को प्रोत्साहित करेगा।
डॉ। जूही गर्ग, डाइवइन प्रो फाउंडेशन की संस्थापिका, और प्रिया गुलाटी, तेजस्वानी ट्रस्ट की संस्थापिका, के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत, सहयोग और मार्गदर्शन के साथ, यह प्रयास महिलाओं को घरेलू काम से उद्यमिता उत्पन्न करने के लिए विचार करता है। यह कोर्स महिलाओं को आवश्यक व्यापारिक ज्ञान के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में अपना स्वायत्त पथ चार्ट करने के लिए आत्मविश्वास प्रदान करता है, छोटे स्तर के उद्योग से लेकर बड़े उद्योगों तक।
XEIL ke प्रशिक्षक अभिजीत सिंह जी के मार्गदर्शन में, लॉन्च कार्यक्रम में डेहरादून से 35 गतिशील महिला व्यापार उद्यमियों की भागीदारी देखी गई, जिन्होंने अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुकता से उपायों को स्वागत किया। चर्चाएँ नवाचारिक दृष्टिकोण से लेकर सांयुक्तिक योजनाओं तक कई बातों पर चर्चा करती थीं, जो उद्यमिता और महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है।
एक्सीईआईएल का इस नई कोर्स का उद्घाटन वेदांता आईएएस अकादमी, निम्बुवाला में, इसकी संस्थापिका अर्चना जी के मार्गदर्शन में, एक समर्पितता को दर्शाता है कि महिलाओं को उत्तराखंड के न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर उद्यमिता का परिचय दें। सहयोग और समर्पण के माध्यम से, यह पहल उत्तराखंड के विकास में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

देहरादून के ऋतु सिंह को “मिसेस स्कल्प्टेड परफेक्शन” का खिताब मिला

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देहरादून , देहरादून के ऋतु सिंह को “मिसेस स्कल्प्टेड परफेक्शन” का खिताब मिला। हम सभी को यह ज्ञात है कि महिला सशक्तिकरण समाज के न्यायसंगत, समृद्ध, और समावेशी निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक है। इन पंक्तियों का एक उदाहरण है हमारी उत्तराखंड की एक महिला, मिसेस ऋतु सिंह, जो पेशे से कंप्यूटर शिक्षिका हैं, जिन्हें मुंबई में आयोजित कॉर्डेलिया क्रूज के कार्यक्रम में “मिसेस स्कल्प्टेड परफेक्शन” का खिताब से नवाजा गया। इस कार्यक्रम को नारी फर्स्ट और ज्यूल ऑफ़ इंडिया ने आयोजित किया था, और इसके मुख्य अतिथि बॉलीवुड स्टार मलाइका अरोड़ा थी।

भारतीय महिलाओं के लिए इस कार्यक्रम में पहली बार व्यक्तित्व पेजेंट का आयोजन किया था, जिसमें 129 महिलाएं भाग ली थीं। मिसेस ऋतु सिंह ने बताया कि ऐसी पेजेंट्स महिलाओं को उनकी प्रतिभा, बुद्धिमत्ता, और आकर्षण का प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करते हैं, और इससे उनका आत्मविश्वास और आत्मसम्मान बढ़ता है। इस कार्यक्रम में कई राउंड हुए, जिसमें ब्राइडल विथ इंट्रोडक्शन राउंड, टैलेंट राउंड, नृत्य, गायन, चित्रकला, लोक संगीत, कविता, योग आदि शामिल थे। इन सभी राउंड के बाद, मिसेस ऋतु सिंह को “मिसेस स्कल्प्टेड परफेक्शन” का खिताब दिया गया।

इसके अलावा, इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को विभिन्न पृष्ठभूमियों और अनुभवों से आये महिलाओं के साथ दोस्ती और नेटवर्किंग का अवसर मिला, जो उन्हें व्यक्तिगत और पेशेवर चुनौतियों के साथ सामना करने में मदद कर सकता है।

यह कार्यक्रम महिलाओं के समर्थन, उनकी प्रतिभा, और उनके समाज में योगदान को बढ़ावा देने वाले हैं और इसके जरिए अन्यों महिलाओं को भी प्रेरित करते हैं।

मिसेस ऋतु सिंह को “मिसेस स्कल्प्टेड परफेक्शन” का खिताब दिया जाना, उनकी असाधारण क्षमताओं का प्रमाण है।

चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएं: मुख्यमंत्री

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा मार्गों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों के सचिव यात्रा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा की सभी तैयारियों को लेकर साप्ताहिक समीक्षा बैठक की जाए। चारधाम यात्रा में यातायात प्रबंधन और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए डीजीपी को भी चारधाम यात्रा से पूर्व स्थलीय निरीक्षण के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा मार्ग पर जग्ह-जगह प्राईवेट हेल्थकेयर टेस्टिंग किट की व्यवस्था की जायेगी।
चारधाम यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक और कूड़ा प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए  आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि देवभूमि उत्तराखण्ड का अच्छा संदेश देश और दुनिया तक जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यात्रा मार्गों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। प्लास्टिक और कूड़ा प्रबंधन के लिए चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के जिलाधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई जाए।
घोड़े और खच्चर चालकों का किया जायेगा वेरिफिकेशन ।
चारधाम यात्रा के लिए घोड़ा और खच्चर चालकों का वेरिफिकेशन कराया जाए। तथा सभी का पुलिस और आपराधिक रिकॉर्ड चेक कर लिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी घोड़े और खच्चर चारधाम यात्रा में लगाये जाएं उनका स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही पंजीकरण किया जाए। घोड़े और खच्चरों के लिए गर्म पानी की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।
चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से शालीनतापूर्ण व्यवहार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा मार्गों पर विद्युत, पेयजल और सड़कों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्गों पर जगह-जगह बने शौचालयों को दुरस्त किया जाए एवं महिलाओं के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी शालीनता एवं सहनशीलता का परिचय दें, यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता न हो। यात्रा ड्यूटी में तैनात सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड पर रहें। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक छह घंटे के बाद सुरक्षा में तैनात कर्मियों को आराम दिया जाए। यात्रा में आने वाले वाहन चालकों के रहने और सोने की उचित व्यवस्था की जाए। यह भी प्रयास हो कि चारधाम यात्रा में जाने वाले वाहनों में दो-दो वाहन चालकों की व्यवस्था हो। वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जाए।
चारधाम यात्रा के दृष्टिगत श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं समय पर मिल सके, इसके लिए सूचना तंत्र मजबूत किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा के कुशल प्रबंधन के लिए सभी विभाग अलर्ट मोड पर रहें। श्रद्धालुओं को मौसम से संबंधित जानकारी, यातायात प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी समय पर प्राप्त हो, इसके लिए श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं ससमय प्राप्त हो इसके लिए सोशल मीडिया का बेहतर प्रयोग किया जाए। होटल, गेस्ट हाउस एवं होम स्टे में चारधाम यात्रा संबंधित निर्देशिका विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इस निर्देशिका में चारधाम के साथ ही अन्य पर्यटक स्थलों की जानकारी भी विस्तृत रूप से दी जाए।
10 मई 2024 को केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे जबकि 12 मई 2024 को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। अभी तक चारधाम यात्रा के लिये 15 लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करा चुके है।
वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए भी अलर्ट मोड पर रहें अधिकारी:  मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस समय चारधाम यात्रा के साथ ही वनाग्नि को रोकना महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। क्विक रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाए। वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों का सहयोग लिया जाए।
बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत सिन्हा, डॉ. आर. राजेश कुमार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं चारधाम यात्रा से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।